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RBSE Solutions for Class 11 Home Science Chapter 8 रोग प्रतिरोधक क्षमता (टीकाकरण)

RBSE Solutions for Class 11 Home Science Chapter 8 रोग प्रतिरोधक क्षमता (टीकाकरण)

Rajasthan Board RBSE Class 11 Home Science Chapter 8 रोग प्रतिरोधक क्षमता (टीकाकरण)

RBSE Class 11 Home Science Chapter 8 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्न प्रश्नों के सही उत्तर चुनें –
(i) चेचक का टीका लगाया जाता है –
(अ) जन्म के प्रथम सप्ताह में
(ब) जन्म के प्रथम माह में
(स) जन्म के एक साल बाद
(द) जन्म के पाँच साल बाद
उत्तर:
(अ) जन्म के प्रथम सप्ताह में।

(ii) तपेदिक का टीका लगाया जाता है –
(अ) क्षय रोग में
(ब) खसरे में
(स) पीलिया में
(द) पोलियो में
उत्तर:
(अ) क्षय रोग में।

(iii) किस टीकाकरण के पश्चात् गाँठ का निर्माण होता है –
(अ) चेचक
(ब) बी. सी. जी.
(स) काली खाँसी
(द) टायफाइड
उत्तर:
(ब) बी.सी.जी.।

(iv) मुँह के द्वारा दवाई दी जाती है –
(अ) पीलिया
(ब) हैजा
(स) खसरा
(द) पोलियो
उत्तर:
(द) पोलियो।

(v) किस बीमारी का टीका सम्मिलित करके भी लगाया जाता है?
(अ) चेचक व खसरा
(ब) पोलियों व टायफाइड
(स) हैजा व टायफाइड
(द) क्षय रोग व काली खाँसी
उत्तर:
(स) हैजा व टायफाइड।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरो
1. हैजा का टीका………वर्ष में लगाया जाता है।
2. ओ. पी. वी. (OPV)………का पूरा नाम है।
3. ट्रिपिल एण्टीजन वैक्सीन………, ……… तथा ………है।
4. बी. सी. जी. का टीका ………बीमारी में लगाया जाता है।
5. चेचक के टीके के आविष्कारक ……… हैं।
उत्तर:
1. 1 – 2 वर्ष
2. Oral Polio Vaccine
3. डिप्थीरिया, कुकर खाँसी तथा टिटनेस
4. क्षय रोग
5. जेनर।

प्रश्न 3.
टीकाकरण क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
टीकाकरण द्वारा अनेक प्रकार के संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए शरीर में प्रतिरक्षा उत्पन्न की जाती है। इसलिए टीकाकरण आवश्यक है।

प्रश्न 4.
वर्तमान में कौन-कौन सी बीमारियों के टीके उपलब्ध हैं?
उत्तर:
वर्तमान में काउपॉक्स, स्मॉल पॉक्स, तपेदिक, कुकर खाँसी, हैजा, डिफ्यीरिया, टिटनेस, पोलियो, आंत्र ज्वर आदि के टीके उपलब्ध हैं।

प्रश्न 5.
रोग प्रतिरोध (Immunization) क्या है?
उत्तर:
रोग निरोध (Immunization):
संक्रामक रोगों से बचाव हेतु शरीर में विभिन्न प्रकार के एन्टीजन को प्रवेश कराकर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना तथा विशिष्ट बीमारी के प्रति व्यक्ति के स्वास्थ्य की सुरक्षा करना रोग निरोध कहलाता है।

प्रश्न 6.
प्रतिरक्षीकरण के कितने सोपान हैं?
उत्तर:
प्रतिरक्षीकरण के दो सोपान हैं –

  • प्राथमिक प्रतिरक्षीकरण
  • गौण प्रतिरक्षीकरण

प्रश्न 7.
चेचक का टीका किस बीमारी में लगाया जाता है?
उत्तर:
चेचक का टीका काउ पॉक्स (Cow pox) तथा स्माल पॉक्स (Small pox) के लिए लगाया जाता है।

प्रश्न 8.
तपेदिक, डिप्थीरिया, कुकर खाँसी और टिटनेस व पोलियो के टीके कब और क्यों लगाए जाते हैं?
उत्तर:
तपेदिक:
तपेदिक का टीका जन्म के प्रथम माह में लगवाया जाता है, तत्पश्चात् 5 से 7 वर्ष की आयु में पुन: टीका लगवाया जाता है। यह टीका क्षय रोग बचाव के लिए लगवाया जाता है। डिप्थीरिया, कुकर खाँसी और टिटनेस-यह ट्रिपिल एण्टीजन वैक्सीन है जो DPT भी कहलाता है। सभी नवजात शिशुओं को यह टीका तीसरे, चौथे और पाँचवें माह में लगवाया जाना चाहिए।

इसके बाद बुस्टर टीका दूसरे वर्ष में लगवाना चाहिए। इस टीके से बच्चों की डिप्थीरिया, कुकर खाँसी तथा टिटनेस से सुरक्षा होती है। पोलियो-यह टीका 2-3 माह की अवस्था में दिया जाना प्रारम्भ किया जाता है। टीके की तीन खुराकें चार से आठ सप्ताह के समायान्तर से दी जाती हैं। इसके पश्चात् रोग निरोधकता में वृद्धि करने के लिए वर्ष में एक खुराक दी जाती है। यह टीका पोलियो रोग से बचाव के लिए दिया जाता है।

प्रश्न 9.
आजकल कौन-कौन सी बीमारियों के टीके बाजार में उपलब्ध हैं व उनके क्या लाभ हैं? विस्तार से समझाइए।
उत्तर:
आजकल बाजार में चेचक या शीतला का टीका, बी.सी.जी. टीका, डी.पी.टी. का टीका, पोलियो का टीका, आन्त्र ज्वर या टाइफाइड का टीका, हैजे का टीका आदि बाजार में उपलब्ध हैं। चेचक का टीका काउ पॉक्स व स्माल पॉक्स से सुरक्षा के लिए, बी. सी. जी. का टीका तपेदिक से सुरक्षा के लिए, डी.पी.टी. का टीका, डिप्थीरिया, कुकर खाँसी एवं टिटनेस से सुरक्षा के लिए, पोलियो का टीका पोलियो से सुरक्षा के लिए, टायफाइड का टीका, आंत्र-ज्वर से सुरक्षा के लिए तथा हैजे का टीका हैजे से सुरक्षा के लिए लगवाया जाता हैं।

RBSE Class 11 Home Science Chapter 8 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

RBSE Class 11 Home Science Chapter 8 बहुविकल्पीयी प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प का चयन कीजिए –
प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से संक्रामक रोग है –
(अ) खसरा
(ब) चेचक
(स) तपेदिक
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी

प्रश्न 2.
भारत में कितने प्रतिशत मृत्यु डायरिया के कारण होती हैं?
(अ) 10%
(ब) 15%
(स) 25%
(द) 30%
उत्तर:
(स) 25%

प्रश्न 3.
गौण प्रतिरक्षीकरण को यह भी कहते हैं –
(अ) बूस्टर डोज
(ब) जम्बो डोज
(स) मेगा डोज
(द) हैवी डोज
उत्तर:
(अ) बूस्टर डोज

प्रश्न 4.
वैक्सीन होती है –
(अ) मरे हुए रोगाणु युक्त
(ब) कमजोर रोगाणु युक्त
(स) रोगाणुओं के टॉक्सिन
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी

प्रश्न 5.
चेचक के टीके द्वारा प्रवेश कराया जाता है –
(अ) वैक्सीनिया वायरस
(ब) काउ पॉक्स वायरस
(स) अ एवं ब दोनों
(द) हरपीज वायरस
उत्तर:
(स) अ एवं ब दोनों

प्रश्न 6.
दबाव विधि द्वारा लगाया जाता है –
(अ) तपेदिक का टीका
(ब) चेचक का टीका
(स) पोलियो का टीका
(द) टिटनेस का टीका
उत्तर:
(ब) चेचक का टीका

प्रश्न 7.
भारत में चेचक का अन्तिम रोगी रिपोर्ट किया गया –
(अ) 1975 में
(ब) 1985 में
(स) 1990 में
(द) 1995 में
उत्तर:
(अ) 1975 में

प्रश्न 8.
बी.सी.जी. का टीका लगाया जाता है –
(अ) चेचक के लिए
(ब) तपेदिक के लिए
(स) पोलियों के लिए
(द) इनमें कोई नहीं
उत्तर:
(ब) तपेदिक के लिए

प्रश्न 9.
ट्यूबर कुलिन टेस्ट किया जाता है –
(अ) चेचक का टीका लगाने के लिए
(ब) ट्रिपिल एण्टीजन वैक्सीन लगाने के लिए
(स) पोलियो की बूस्टर खुराक के लिए
(द) बी.सी.जी. टीका लगाने के लिए
उत्तर:
(द) बी.सी.जी. टीका लगाने के लिए

प्रश्न 10.
ओरल वैक्सीन है –
(अ) हैजा
(ब) पोलियो
(स) क्षय टीका
(द) पीलियो
उत्तर:
(ब) पोलियो

प्रश्न 11.
आन्त्र ज्वर को यह भी कहा जाता है –
(अ) निमोनिया
(ब) अतिसार
(स) मोतीझरा
(द) आमाशयी अल्सर
उत्तर:
(स) मोतीझरा

प्रश्न 12.
एक ही समय में दिया जाना उपयुक्त रहता है –
(अ) ट्रिपिल एण्टीजन और पोलियो वैक्सीन
(ब) टाइफाइड एवं पोलियो वैक्सीन
(स) ट्रिपिल एण्टीजन एवं चेचक वैक्सीन
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) ट्रिपिल एण्टीजन और पोलियो वैक्सीन

प्रश्न 13.
किस टीके का सर्वोत्तम समय ग्रीष्मकाल है?
(अ) चेचक
(ब) आन्त्र ज्वर
(स) हैजा
(द) ब और स दोनों।
उत्तर:
(द) ब और स दोनों।

प्रश्न 14.
Top है –
(अ) Trivalent Oral Polio
(ब) Tri – Oxidant Pill
(स) Tetra Oral Pill
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) Trivalent Oral Polio

रिक्त स्थान भरिए –
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए –
1. गर्भकालीन विकास के दौरान केवल आन्तरिक वातावरण ही शिशु के ………को प्रभावित करता है।
2. किसी रोग को रोकने की सर्वाधिक व्यावाहरिक विधि ……… है।
3. चेचक का टीका ………विधि से लगाया जाता है।
4. प्राथमिक प्रतिरक्षीकरण की अवधि समाप्त होने के बाद ……… किया जाता है।
5. बी. सी. जी. का टीका ……… रोग में लगाया जाता है।
उत्तर:
1. स्वास्थ्य
2. रोग निरोध
3. दबाव
4. गौण प्रतिरक्षीकरण
5. क्षय।

सुमेलन
स्तम्भ A तथा स्तम्भ B के शब्दों का मिलान कीजिए –
स्तम्भ A                                 स्तम्भ B
1. D. P. T.                           (a) चेचक
2. B. C. G.                           (b) टाइफाइड
3. जेनर                                (c) तपेदिक
4. बूस्टर डोज                        (d) डिप्थीरिया, कुकर खाँसी, टिटनेस
5. मोतीझरा                           (e) गौण प्रतिरक्षीकरण
उत्तर:
1. (d) डिप्थीरिया, कुकर खाँसी, टिटनेस
2. (c) तपेदिक
3. (a) चेचक
4. (e) गौण प्रतिरक्षीकरण
5. (b) टाइफाइड

RBSE Class 11 Home Science Chapter 8 अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
शिशओं की संक्रामक रोगों से सुरक्षा के लिए क्या उपाय किया जाना चाहिए?
उत्तर:
शिशुओं की संक्रामक रोगों से सुरक्षा के लिए टीकाकरण किया जाना चाहिा।

प्रश्न 2.
किसी रोग को रोकने की सर्वाधिक व्यावहारिक विधि क्या है?
उत्तर:
किसी रोग को रोकने की सर्वाधिक व्यावहारिक विधि रोग निरोध है।

प्रश्न 3.
प्रतिरोधक क्षमता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को प्रतिरोधक क्षमता कहते हैं।

प्रश्न 4.
किस बीमारी को शीतला भी कहा जाता है?
उत्तर:
चेचक को शीतला भी कहा जाता है।

प्रश्न 5.
कौन-सी बीमारी अब भारत से पूर्णतः समाप्त हो चुकी है?
उत्तर:
चेचक की बीमारी अब भारत से पूर्णतः समाप्त हो चुकी है।

प्रश्न 6.
बी.सी.जी. का पूरा नाम क्या है?
उत्तर:
बैसीलस कालमेट ग्यूरिन (Bacillus Calmette Guerin)।

प्रश्न 7.
बी. सी. जी. के टीके का नामकरण किस के नाम पर किया गया?
उत्तर:
कालमेट तथा ग्यूरिन वैज्ञानिकों के नाम पर।

प्रश्न 8.
बी.सी.जी. का टीका किन व्यक्तियों को लगाया जाता है?
उत्तर:
बी.सी.जी. का टीका उन व्यक्तियों को लगाया जाता है जो ट्यूबर कुलिन नेगेटिव होते हैं।

प्रश्न 9.
ट्रिपिल एण्टीजन का नाम लिखिए।
उत्तर:
डिफ्थीरिया, परटूसिस एवं टिटनेस (D.P.T.)

प्रश्न 10.
किस रोग के टीके को मीठी गोलियों के रूप में मुख से भी दिया जा सकता है?
उत्तर:
पोलियो के टीके को।

प्रश्न 11.
किस टीके द्वारा बुखार या पीड़ा नहीं होते?
उत्तर:
पोलियो टीके द्वारा।

प्रश्न 12.
कौन-सा टीका ड्रॉप, गोली तथा इंजैक्शन तीनों रूपों में दिया जा सकता है?
उत्तर:
पोलियो का टीका।

प्रश्न 13.
किसी एक संयुक्त टीके का नाम लिखिए।
उत्तर:
टाइफाइड एवं पैरा-टाइफाइड का टीका।

प्रश्न 14.
मोतीझरा के साथ कौन-सा टीका संयुक्त करके लगाया जा सकता है?
उत्तर:
मोतीझरा के साथ हैजे का टीका संयुक्त करके लगाया जा सकता है।

RBSE Class 11 Home Science Chapter 8 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
चेचक के टीके का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
चेचक या शीतला एक भयंकर बीमारी है। इस रोग से बचाव का प्रमुख उपाय है कि जन्म के प्रथम सप्ताह में ही शिशु को टीका लगवा दिया जाए। चेचक के टीके द्वारा वैक्सीनिया वायरस अर्थात् काउ पॉक्स वायरस को शरीर में प्रविष्ट कराकर सक्रिय रोग निरोधक क्षमता उपार्जित की जाती है।

प्रश्न 2.
चेचक का टीका किस विधि से लगाया जाता है? इसके लिए सावधानी बताइए।
उत्तर:
चेचक का टीका दाब विधि से लगाया जाता है। चेचक का प्राथमिक टीकाकरण कराने से पूर्व इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा ज्वर से पीड़ित न हो, कमजोर न हो और त्वचा रोग न हो।

प्रश्न 3.
पोलियो के टीके का विस्तृत वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पोलियो रोग के उपचार की कोई भी औषधि उपलब्ध नहीं है अत: इसके टीके लगवाना अत्यन्त आवश्यक है। आजकल यह टीका मुखीय तरल बूंदों, मीठी गोलियों या इंजैक्शन के रूप में उपलब्ध है। Trivalent oral polio टीका हमारे देश में उपलब्ध है। यह 2 – 3 माह की आयु में दिया जाना प्रारम्भ किया जाता है। टीके की तीन खुराकें चार से आठ सप्ताह के समयान्तर से दी जाती हैं। इसके पश्चात् वर्ष में एक खुराक दी जाती है। दस्त या अन्य वाइरस के संक्रमण होने पर यह टीका नहीं दिया जा सकता।

प्रश्न 4.
आन्त्र ज्वर के टीका का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
आन्त्र ज्वर का टीका (Typhoid and Para – Typhoid):
मोतीझरा अथवा आन्त्र ज्वर भारत में अत्यन्त ही प्रचलित रोग है, टायफाइड और पैरा – टाइफाइड का संयुक्त टीका बाजार में उपलब्ध है। कभी-कभी हैजे का टीका भी इसमें सम्मिलित कर दिया जाता है। जब बच्चा दो वर्ष का या इससे कुछ छोटा तभी यह टीका लगाया जाता है। यह टीका प्रायः एक से चार सप्ताह के समयान्तर से दो या तीन इन्जैक्शन में दिया जाता है। गौण टीका प्रति वर्ष लगाया जाना चाहिए। इन्जैक्शन में पैरा-टाइफाइड का टीका भी होता है।

प्रश्न 5.
हैजे के टीके का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
टायफाइड के समान हैजे का टीका एक या दो वर्ष की आयु से लगाया जाना प्रारम्भ हो जाता है। इसे गर्मियों में लगाया जाना उपयुक्त होता है। प्रारम्भ में एक से चार सप्ताह के समयान्तर से दो या तीन इन्जैक्शन लगाए जाते हैं। प्रत्येक वर्ष गर्मियों में रोग निरोधकता को बढ़ाने के लिए टीका लगवाते रहना चाहिए।

RBSE Class 11 Home Science Chapter 8 निबन्धात्मक प्रश्न.

प्रश्न 1.
भारत में संक्रामक रोगों से होने वाली बाल मृत्यु का संक्षिप्त परिचय तथा इससे सुरक्षा सुझाव लिखिए।
उत्तर:
एक शिशु के लिए बाहरी वातावरण, जन्म पूर्व माता के गर्भ के वातावरण से बिल्कुल भिन्न प्रकार का होता है। जन्म के पश्चात् प्रतिपल शिशु को बाह्य वातावरण प्रभावित करता है। वातावरण में विद्यमान हानिकारक तत्व उसके स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालते हैं और उसे विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित कर देते हैं।

सर्वेक्षणों से ज्ञात होता है कि दो-तिहाई भारतीय बच्चे जन्म के प्रथम माह में ही टिटनेस के कारण मर जाते हैं। लगभग 25 प्रतिशत शिशु डायरिया के कारण मर जाते हैं। भारतवर्ष में ही नहीं बल्कि अन्य विकासशील देशों में भी बच्चे डायरिया, डीहाइड्रेशन, खसरा, डिप्थीरिया, पोलियो और तपेदिक से 50-52 लाख बच्चे मौत के मुँह में समा जाते हैं।

बाल मृत्यु की इतनी गम्भीर समस्या को देखते हुए यह आवश्यक है कि शिशु स्वास्थ्य रक्षा की ओर समुचित ध्यान दिया जाए। प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य की नींव जन्म से ही रखी जाती है। प्रत्येक शिशु को परिवार, समाज व राष्ट्र के एक स्वस्थ व सुयोग्य नागरिक के रूप में विकसित करना हमारा परम कर्त्तव्य है। माता-पिता तथा अभिावकों को भी शिशु स्वास्थ्य रक्षा की ओर समुचित ध्यान देना चाहिए। इसके लिए शिशु जन्म के बाद से ही शिशुओं को समय – समय पर सभी टीके लगवाने चाहिए जो शिशुओं के शरीर में विभिन्न रोगों के प्रति प्रतिरक्षा की क्षमता उत्पन्न कर सकें।

प्रश्न 2.
रोग निरोध से आप क्या समझते हैं? प्राथमिक तथा गौण प्रतिरक्षीकरण को समझाइए।
उत्तर:
रोग निरोध (Immunization):
किसी रोग को रोकने की सर्वाधिक व्यावहारिक विधि रोग निरोध है। रोग प्रतिरोधक क्षमता से तात्पर्य विभिन्न संक्रामक रोगों से बचाव हेतु शरीर में विभिन्न प्रकार के एण्टीजन प्रवेश कराकर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना तथा विशिष्ट बीमारी के प्रति व्यक्ति के स्वास्थ्य की सुरक्षा करना है।प्रतिरक्षीकरण में बीमारियों के कीटाणुओं को परिवर्तित रूप (मरे हुए अथवा कमजोर करके) अथवा उनके जीव विष (Toxin) से वैक्सीन बनायी जाती है। ये वैक्सीन जब निश्चित मात्रा में शरीर में पहुँचती है, तो बीमारियों से शरीर को सुरक्षित रखती है। कुछ वैक्सीन इन्जैक्शन द्वारा और कुछ मुँह से पिलाई जाती हैं।

अधिकांशत: प्रतिरक्षीकरण दो सोपानों में किया जाता है –

  • प्राथमिक प्रतिरक्षीकरण
  • गौण प्रतिरक्षीकरण

प्राथमिक प्रतिरक्षीकरण में रोग प्रतिकारिता उत्पन्न करने के लिए एक या एक से अधिक इन्जैक्शन लगाए जाते हैं। ये प्राथमिक इन्जैक्शन निश्चित समयावधि के लिए होते हैं अतः धीरे-धीरे समय व्यतीत होने पर रोग प्रतिरक्षा धीरे-धीरे कम हो जाती है। प्राथमिक प्रतिरक्षीकरण की अवधि समाप्त होने के बाद गौण प्रतिरक्षीकरण किया जाता है। इसे बूस्टर डोज (Boosters) भी कहते हैं। यदि प्राथमिक प्रतिरक्षीकरण की अवधि समाप्त होने के बाद गौण प्रतिरक्षीकरण नहीं किया जाता है तो रोग होने की सम्भावना रहती है।

प्रश्न 3.
तपेदिक, डिप्थीरिया, कुकर खाँसी तथा टिटनेस के वैक्सीन्स का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
अथवा
निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए –
(1) बी. सी. जी.
(2) डी. पी. टी.
उत्तर:
(1) तपेदिक का टीका (बी.सी.जी.):
तपेदिक या क्षय रोग से रक्षा के लिए B.C.G का टीका लगाया जाता है। यह टीका जन्म के प्रथम माह में ही लगवा देना चाहिए तत्पश्चात् 5 से 7 वर्ष की आयु में पुन: टीका लगवाना चाहिए। बी.सी.जी. का टीका लगाने के लिए ट्यूबर क्यूलिन टेस्ट किया जाता है। टीका केवल उन्हीं बच्चों को लगाया जाता है, जो ट्यूबर क्यूलिन निगेटिव होते हैं। यह टीका बाँह के ऊपरी भाग में लगाया जाता है। टीका लगाने के बाद 6 सप्ताह से तीन माह के बीच गाँठ (Lump) का निर्माण होता है। यह गाँण 2 – 3 माह तक बनी रहती है। यदि गाँठ अधिक समय तक बनी रहे तो चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

(2) डिप्थीरिया, कुकर खाँसी और टिटनेस (D.P.T. or Triple Antigen):
ट्रिपिल एण्टीजन वैक्सीन कुकरखाँसी, टिटनेस तथा डिप्थीरिया तीनों रोगों के जीवाणुओं का जीव विष मिलाकर तैयार की जाती है। सभी नवजात शिशुओं को यह टीका तीसरे, चौथे और पाँचवें माह में लगवा देना चाहिए। इसके बाद बूस्टर टीका दूसरे वर्ष में लगवाना चाहिए। इससे बच्चा संक्रमण अवधि से सुरक्षित हो जाता है। इस टीकाकरण के बाद बच्चे को बुखार आता है तथा टीका लगाने के स्थान पर पीड़ा होती है। ज्वर तथा पीड़ा को नियन्त्रित करने के लिए चिकित्सक से दवा लेनी चाहिए। ज्वर सामान्यत: 24 घण्टे रहता है। यदि अधिक समय रहे तो चिकित्सक का परामर्श लेना चाहिए।

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