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RBSE Solutions for Class 12 Biology Chapter 29 मानव में रासायनिक समन्वयन

RBSE Solutions for Class 12 Biology Chapter 29 मानव में रासायनिक समन्वयन

Rajasthan Board RBSE Class 12 Biology Chapter 29 मानव में रासायनिक समन्वयन

RBSE Class 12 Biology Chapter 29 पाठ्य पुस्तक के प्रश्न एवं उत्तर

RBSE Class 12 Biology Chapter 29 बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अन्तःस्रावी ग्रन्थियों के स्राव कहलाते हैं-
(अ) फीरोमोन
(ब) एन्जाइम
(स) हार्मोन
(द) म्यूकस
उत्तर:
(स) हार्मोन

प्रश्न 2.
अन्तःस्रावी विज्ञान का जनक है-
(अ) क्लॉड बरनार्ड
(ब) थॉमस एडीसन
(स) बेलेस एवं स्टारलिंग
(द) बेन्टिग एवं बेस्ट
उत्तर:
(ब) थॉमस एडीसन

 

प्रश्न 3.
अन्तःस्रावी ग्रन्थियाँ हैं-
(अ) नलिकायुक्त ग्रन्थियाँ
(ब) अम्लीय ग्रन्थियाँ
(स) क्षारीय ग्रन्थियाँ
(द) नलिका रहित ग्रन्थियाँ ।
उत्तर:
(द) नलिका रहित ग्रन्थियाँ ।

प्रश्न 4.
किस हार्मोन के अल्पस्राव के कारण मूत्रलता उत्पन्न होती है ?
(अ) थायरॉक्सिन
(ब) वेसोप्रेसिन
(स) ऑक्सीटोसिन
(द) कैल्सिटोनिन
उत्तर:
(ब) वेसोप्रेसिन

प्रश्न 5.
कैल्शियम व फास्फोरस उपापचय का नियन्त्रण करने वाला हार्मोन कहाँ से स्रावित होता है ?
(अ) अग्नाशय
(ब) थाइमस
(स) थायरॉइड
(द) पैराथायरॉइड
उत्तर:
(द) पैराथायरॉइड

प्रश्न 6.
लैंगर हैन्स की द्वीपिकाओं की एल्फा कोशिकाओं द्वारा स्रावित हार्मोन है-
(अ) इन्सुलिन
(ब) ग्लूकैगॉन
(स) मिलैटोनिन
(द) सोमेटोस्टेनिन
उत्तर:
(ब) ग्लूकैगॉन

 

प्रश्न 7.
संकटकालीन परिस्थितियों में मनुष्य को लड़ने, डरने तथा पलायन को प्रेरित करने वाली ग्रन्थि है-
(अ) अधिवृक्क
(ब) थायरॉइड
(स) पीयूष
(द) थाइमस
उत्तर:
(अ) अधिवृक्क

प्रश्न 8.
कार्पस ल्यूटियम से निकलने वाले हार्मोन का नाम है-
(अ) एन्ड्रोजन
(ब) प्रोजेस्ट्रोन
(स) एस्ट्रोजन
(द) टेस्टोस्टरॉन
उत्तर:
(ब) प्रोजेस्ट्रोन

प्रश्न 9.
आयोडीन की कमी से मनुष्य में होने वाला रोग है-
(अ) मधुमेह
(ब) गलगण्ड
(स) बाँझपन
(द) एडीसन रोग
उत्तर:
(ब) गलगण्ड

प्रश्न 10.
एन्ड्रोजन हार्मोन किससे सवित होता है ?
(अ) अण्डाशय
(ब) पीयूष
(स) थायरॉइड
(द) वृषण
उत्तर:
(द) वृषण

RBSE Class 12 Biology Chapter 29 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अन्तःस्रावी विज्ञान का जनक किसे कहा जाता है ?
उत्तर:
थॉमस एडिसन को अन्त:स्रावी विज्ञान का जनक कहा जाता है।

प्रश्न 2.
पीयूष ग्रन्थि कहाँ स्थित होती है ?
उत्तर:
पीयूष ग्रन्थि कपाल की स्फिनॉइड अस्थि के एक छिछले गर्त सैला टर्सिका (Sella turcica) में स्थित होती है।

प्रश्न 3.
यदि शरीर में ADH की कमी हो जाए तो क्या प्रभाव होगा ?
उत्तर:
यदि शरीर में ADH की कमी हो जाए तो मूत्र के साथ जल की अत्यधिक मात्रा होने के कारण मूत्र पतला तथा रुधिर गाढ़ा हो जाता है। इसको मूत्रलता (Diuresis) कहते हैं। व्यक्ति को डायबिटीज इन्सिपिड्स (Dibetes insipidus) अर्थात् मूत्र की अत्यधिक मात्रा का उत्सर्जन होने लगता है।

 

प्रश्न 4.
अन्तःस्रावी तन्त्र का सर्वोच्च कमाण्डर किसे कहते हैं ?
उत्तर:
हाइपोथैलेमस को अन्त:स्रावी तन्त्र का सर्वोच्च कमाण्डर कहते हैं।

प्रश्न 5.
पैराथायरॉइड से कौन-सा हार्मोन स्रावित होता है ?
उत्तर:
पैराथायरॉइड ग्रन्थि से पैराथार्मोन हार्मोन का स्राव किया जाता है।

प्रश्न 6.
जीवन रक्षक हार्मोन किस अन्तःस्रावी ग्रन्थि द्वारा स्रावित होता है ?
उत्तर:
जीवन रक्षक हार्मोन अधिवृक्क ग्रन्थि के द्वारा स्रावित होता है।

प्रश्न 7.
थाइमस ग्रन्थि द्वारा स्रावित हार्मोन का नाम लिखो।
उत्तर:
थाइमस ग्रन्थि द्वारा स्रावित हार्मोन थाइमोसिन (Thymosion) कहलाता है।

प्रश्न 8.
शरीर में लैंगिक जैविक घड़ी की भाँति कार्य करने वाली ग्रन्थि का नाम लिखिए।
उत्तर:
पीनियल काय (Pineal body) ग्रन्थि शरीर में लैंगिक जैविक घड़ी की भाँति कार्य करने वाली ग्रन्थि होती है।

प्रश्न 9.
लैंगर हैंस द्वीपकाएँ शरीर में कहाँ पायी जाती हैं ?
उत्तर:
लैंगर हैंस द्वीपकाएँ शरीर में अग्न्याशय ग्रन्थि (Pancreas) की पालियों के बीच-बीच में उपस्थित होती हैं।

प्रश्न 10.
अधिवृक्क ग्रन्थि के वल्कुट भाग द्वारा स्रावित एक हार्मोन का नाम लिखो।
उत्तर:
मिनरैलो कॉर्टिकॉयड्स (Mineralocorticoids) हॉर्मोन ।

प्रश्न 11.
सिक्रेटीन नामक हॉर्मोन की सर्वप्रथम खोज किसने की थी ?
उत्तर:
बैलिस एवं स्टर्लिंग ने सिक्रेटीन नामक हॉर्मोन की सर्वप्रथम खोज की थी।

प्रश्न 12.
थायरॉइड ग्रन्थि द्वारा कौन-सा हार्मोन स्रावित किया जाता है ?
उत्तर:
थायरॉइड ग्रन्थि के द्वारा थायरॉक्सिन हॉर्मोन का स्रावण किया जाता है।

 

प्रश्न 13.
लैंगर हैन्स की द्वीपकाओं की बीटा कोशिकाओं द्वारा कौन-सा हार्मोन स्रावित होता है ?
उत्तर:
लैंगरहैन्स की द्वीपकाओं की बीटा कोशिकाओं द्वारा इन्सुलिन (Insulin) हार्मोन स्रावित होता है।

प्रश्न 14.
इन्सुलिने हार्मोन की कमी से कौन-सा रोग हो जाता है ?
उत्तर:
इन्सुलिन हार्मोन की कमी से मधुमेह रोग (Diabetes) रोग हो जाता है।

प्रश्न 15.
ग्राफीयन पुटकों द्वारा स्रावित हार्मोन का नाम लिखो।
उत्तर:
ग्राफीयन पुटकों द्वारा स्रावित हार्मोन का नाम ऐस्ट्रोजन (Estrogen) है।

RBSE Class 12 Biology Chapter 29 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अन्तःस्रावी तथा बहिःस्रावी ग्रन्थियों में उदाहरण सहित अन्तर लिखो।
उत्तर:
अन्तःस्रावी तथा बहिःस्रावी ग्रन्थियों में अन्तर

RBSE Solutions for Class 12 Biology Chapter 29 मानव में रासायनिक समन्वयन 1

प्रश्न 2.
थायरॉक्सिन हॉर्मोन के कार्यों को समझाइये।
उत्तर:
थायरॉक्सिन हॉर्मोन के कार्य (Functions of thyroxin)

  • यह शरीर की वृद्धि में सहायता करता है।
  • यह हॉर्मोन आंत्र द्वारा ग्लूकोज का अवशोषण, ऑक्सीजन की खपत तथा आधारी उपापचयी दर में वृद्धि करता है।
  • यह हृदय की स्पंदन दर को बढ़ाता है।
  • यह एन्जाइम, प्रोटीन संश्लेषण, ग्लूकोनिओजिनेसिस, शरीर ताप तथा तन्त्रिका के कार्य को बढ़ाता है।
  • यह मेंढक के टेडपोल को वयस्क में कायान्तरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • यह शीत रुधिर कशेरुकियों में परासरण नियमन और निर्मोचन का कार्य करता है।
  • तंत्रिका स्रावी रसायन ऐडुिनेलिन तथा नॉर ऐड्रिनेलिन की क्रियाविधि को बढ़ाता है।

 

प्रश्न 3.
लैंगर द्वीपकाओं द्वारा स्रावित हार्मोनों के कार्य लिखो।
उत्तर:
लैंगरहैंस की द्वीपकाओं द्वारा स्रावित हार्मोन के कार्य-

  • ग्लूकेगान (Glucagon) के कार्य-इस हॉर्मोन द्वारा ग्लाइकोजन को ग्लूकोज में परिवर्तन होता है। यह वसीय अम्लों व ऐमीनो अम्लों से ग्लूकोनियोजेनेसिस क्रिया द्वारा ग्लूकोज के संश्लेषण को प्रेरित करता है। तथा रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को बढ़ाता है।
  • इन्सुलिन (Insulin) के कार्य-इसके द्वारा रुधिर में ग्लूकोज की मात्रा सामान्य बनी रहती है। यह यकृत में ग्लूकोज को ग्लाइकोजन के संश्लेषण के लिए प्रेरित करता है। यह कोशिकाओं में आधारी उपापचयी दर (BMR) तथा RNA से प्रोटीन, वसा और पेशियों में ग्लाइकोजन के संश्लेषण को बढ़ाता है।
  • सोमेटोस्टेटिन (Somatostatin) के कार्य-यह हॉर्मोन इन्सुलिन तथा ग्लूकेगॉन के स्राव में निरोधक की भाँति कार्य करता है तथा पचे हुए भोजन की स्वांगीकरण की अवधि को बढ़ा देता है।

प्रश्न 4.
थॉयरॉक्सिन हार्मोन का स्रोत बताइये।
उत्तर:
थायरॉक्सिन हॉर्मोन का स्रोत-थाइरॉइड ग्रन्थि अनेक छोटी-छोटी गोलाकार पुटकों की बनी होती है। इन्हीं पुटकीय कोशिकाओं को थाइरॉक्सिन हॉर्मोन का स्रोत कहा जाता है, क्योंकि यह पुटकीय कोशिकाएँ थाइरॉइड उत्तेजक हार्मोन (TSH) की उपस्थिति में इस हार्मोन का निर्माण करती हैं। थायरॉक्सिन हॉर्मोन की कुल मात्रा 65 से 90% तक होती है।

प्रश्न 5.
हाइपोथैलेमस द्वारा स्रावित मोचक तथा निरोधी हॉर्मोन्स के नाम लिखिए।
उत्तर:
हाइपोथैलेमस द्वारा स्रावित हॉर्मोन के नाम-

  • वृद्धि हॉर्मोन मोचक हॉर्मोन (GHRH)
  • थाइरोट्रोपिन मोचक हॉर्मोन (TRH)
  • प्रोलैक्टिन मोचक हॉर्मोन (PRH)
  • मैलैनोसाइट स्टीमुलेटिंग हॉर्मोन मोचक हार्मोन (MSH-RH)
  • कार्टिकोपिन मोचक हॉर्मोन (CRH)
  • ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन मोचक हॉर्मोन (LHRH)
  • पुटिकीय स्टीमुलेटिंग हॉर्मोन मोचक हॉर्मोन (FSHRH)

हाइपोथैलेमस (Hypothalamus) द्वारा स्रावित निरोधी हार्मोन्स के नाम-

  • वृद्धि हॉर्मोन निरोधी हार्मोन (GHIH)
  • प्रोलैक्टिक मोचक निरोधी हॉर्मोन (PRIH)
  • मैलेनोसाइट स्टीमुलेटिंग हॉर्मोन निरोधी (MSH-IH)

 

प्रश्न 6.
अधिवृक्क ग्रन्थि के अनियमित स्राव के फलस्वरूप होने वाले रोगों को संक्षेप में बताइये।
उत्तर:
अधिवृक्क ग्रन्थि (Adrenal gland) के अनियमित स्राव से निम्नलिखित रोग हो जाते हैं-

  • ऐडीसन का रोग (Addison’s Disease)-यह अधिवृक्क ग्रन्थि के अल्पस्राव द्वारा होने वाला रोग है। इसमें ऐड्रीनल कॉर्टेक्स हार्मोन के अल्पस्राव से सोडियम व जल की काफी मात्रा मूत्र के साथ उत्सर्जित होने से शरीर का निर्जलीकरण हो जाता है।
  • कॉन्स रोग (Conn’s Disease)- यह रोग मिनेरेलो कॉर्टिकॉयड्स की अधिकता से होता है, इसमें सोडियम व पोटैशियम का सन्तुलन बिगड़ जाने से, तन्त्रिकाओं की गड़बड़ी से पेशियों में अकड़न आ जाती है।
  • हिरसूटिज्म या एड्रीनल विरिलिज्म (Hirsutism or Adrenal virilism)-ऐड्रीनेलीन हॉर्मोन की अधिकता से, स्त्रियों में पुरुषों की तरह चेहरे पर दाढ़ी-मूंछ का आना, शरीर पर घने बाल आदि हो जाते हैं।
  • गाइनेकोमैस्टिया (Gynaecomastia)-इसमें एड्रीनल हॉर्मोन के अतिस्राव के कारण स्त्रियों में नर जननांग बनने लगते हैं।
  • ईडीमा (0edema)-इसमें रुधिर में सोडियम तथा जल की मात्रा बढ़ने से रुधिर दाब बढ़ जाता है तथा शरीर जगह-जगह से फूल जाता है।

प्रश्न 7.
घेघा की बीमारी पहाड़ी क्षेत्र पर रहने वाले मनुष्यों में ज्यादा होती है, कारण सहित समझाइये।
उत्तर:
घेघा की बीमारी जिसे Goiter भी कहते हैं, यह पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले मनुष्यों में ज्यादा होती है। इस बीमारी के होने का कारण भोजन में आयोडीन की कमी का होना होता है। पहाड़ी क्षेत्रों में वहाँ के पानी में आयोडीन की कमी होती है, जिससे यह रोग वहाँ के मनुष्यों में ज्यादा होता है।

प्रश्न 8.
ऐडिनोहाइपोफाइसिस से स्रावित होने वाले हॉर्मोनों के नाम लिखो।
उत्तर:
ऐडिनोहाइपोफाइसिस से स्रावित होने वाले हॉर्मोनों के नाम-

  • सोमेटोट्रोपिक हॉर्मोन या वृद्धि हॉर्मोन (Somatotropic Hormone, STH or Growth hormone, GH)
  • गोनैडोट्रोपिक हॉर्मोन (Gonadotropic Hormone, GTH)
  • पुटिका प्रेरक हॉर्मोन (Follicle Stimulating Hormone, FSH)
  • ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन या अन्तराली कोशिका प्रेरक हॉर्मोन (Luteinizing Hormones, LH or Interstitial Cell stimulating Hormone, I CSH)
  • थाइरॉइड उत्तेजक हॉर्मोन (Thyroid Stimulating Hormone, TSH)
  • ऐड्रिनोकॉर्टिकोट्रोपिक – (Adrenocorticotropic Hormone, ACTH)
  • लैक्टोजेनिक ट्रॉपिक या प्रोलेक्टिन अथवा मैमोट्रापिक हॉर्मोन (Lactogenic Tropic or Prolactin or Mammotropic Hormone, LTH)
  • मिलैनोसाइट प्रेरक हॉर्मोन (Melanocyte Stimulating Hormone, MSH)

प्रश्न 9.
यदि मानव की थायरॉइड निकाल दें तो क्या प्रभाव होगा?
उत्तर:
यदि मानव की थायरॉइड निकाल दें तो थाइरॉक्सिन के शरीर पर होने वाले लाभ बन्द हो जाएँगे; जैसे-जीवन की रफ्तार मन्द हो जाएगी, हॉर्मोन आंत्र द्वारा ग्लूकोज का अवशोषण, ऑक्सीजन की खपत तथा आधारी उपापचयी दर मन्द पड़ जाएगी। हृदय स्पंदन की देर रुक जाएगी। यह एन्जाइम प्रोटीन के संश्लेषण का कार्य करता है, शरीर ताप इत्यादि के कार्य मन्द पड़ जाएँगे। अतः इसके मानव शरीर से हटा देने पर बहुत से रोग हो जाएँगे।

 

प्रश्न 10.
मिक्सीडिमा रोग के लक्षण लिखो।
उत्तर:
मिक्सीडिमा रोग के लक्षण-इस रोग में प्रौढ़ व्यक्तियों में थायरॉइड के अल्प स्रावण से जड़मानवता के साथ त्वचा मोटी हो जाती है। मानव के बाल झड़ने लगते हैं, उसकी स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है। व्यक्ति की त्वचा पीली हो जाती है। उसकी जनन क्षमता कम हो जाती है।

RBSE Class 12 Biology Chapter 29 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पीयूष ग्रन्थि का नामांकित चित्र बनाते हुए न्यूरोहाइपोफाइसिस द्वारा स्रावित हॉर्मोन का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पीयूष ग्रन्थि
RBSE Solutions for Class 12 Biology Chapter 29 मानव में रासायनिक समन्वयन 2
न्यूरोहाइपोफाइसिस द्वारा स्रावित हॉर्मोन निम्नलिखित हैं-
(1) वेसोप्रेसिन या ऐन्टीडाईयूरेटिक हॉर्मोन (Vasopressin or Antidiuretic Hormone, ADH)-इस हॉर्मोन के द्वारा जल का पुनः अवशोषण बढ़ जाता है, इसी से इसे मूत्र विरोधी हॉर्मोन भी कहते हैं। यह कार्य वृक्क नलिकाएँ करती हैं। इस हॉर्मोन की कमी हो जाने से मूत्र के साथ जल की अधिक मात्रा आने से मूत्र पतला तथा रुधिर गाढ़ा हो जाता है। इसमें व्यक्ति मूत्र की अधिक मात्रा उत्सर्जित करता है। इस रोग को । डायबिटीज इन्सिपिड्स (Diabetes insipidus) कहते हैं। यह हॉर्मोन रक्त के दाब को बढ़ाता है। अतः इसके स्राव का नियन्त्रण हाइपोथैलेमस के परासरण केन्द्र के द्वारा होता है।

(2) ऑक्सीटोसिन (Oxytocin)-इस हॉर्मोन का स्रावण महिलाओं में गर्भावस्था की अन्तिम अवस्था में गर्भाशय की दीवार की अनैच्छिक पेशियों के संकुचन को प्रेरित करता है जो शिशु जन्म में सहायक क्रिया है। इसके अतिरिक्त यह प्रसव के बाद गर्भाशय की दीवार को पुनः सामान्य बनाने में मदद करता है। यह हॉर्मोन मादा में स्तन ग्रन्थियों द्वारा दुग्ध निष्कासन को भी प्रेरित करता है।

 

प्रश्न 2.
थायरॉइड ग्रन्थि के द्वारा स्रावित हॉर्मोन्स व उनके अनियमित स्राव के कारण उत्पन्न रोगों को संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
थायरॉइड ग्रन्थि द्वारा स्रावित हॉर्मोन्स निम्नलिखित हैं-

  • थायरॉक्सिन (Thyroxin)-इसका निर्माण आयोडीन व टायरोसिन के द्वारा होता है। यह कम सक्रिय होता है।
  • ट्राई आयोडोथाइरोनिन (Tri-iodothyronine, T3)-यह आयोडीन युक्त हॉर्मोन, T4 की तुलना में अधिक सक्रिय होता है। यह अधिक शक्तिशाली होता है।
  • कैल्सिटोनिन (Calcitonin)-इस ग्रन्थि की ‘6′ कोशिकाओं द्वारा कैल्सिटोनिन हॉर्मोन का निर्माण होता है। इसके कारण मूत्र में कैल्शियम के उत्सर्जन में वृद्धि हो जाती है। यह अस्थियों के विघटन को कम करने का कार्य करता है।

थायरॉइड ग्रन्थि द्वारा स्रावित हॉर्मोन के अनियमित स्राव के कारण उत्पन्न रोगों का वर्णन-
(A) अल्पस्रावण के द्वारा होने वाले रोग
(i) अवटवामनता या जड़मानवता (Cretinism)-थायरॉक्सिन की कमी के कारण शारीरिक व मानसिक विकास रुक जाता है, हाथ पाँव बेडौल, बौनापन, उपापचयी दर में कमी इत्यादि रोग हो जाते हैं। यह बच्चे क्रेटिन्स (Cretins) कहलाते हैं।

(ii) अवटुअल्पक्रियता या मिक्सिडिमा (Myxedema)-प्रौढ़ व्यक्तियों में यह रोग जड़मानवता के साथ त्वचा का मोटा होना, बालों का झड़ना, स्मरण शक्ति का कमजोर कर देना, त्वचा का पीला कर देना और जनन क्षमता को कम कर देता है।

(iii) सामान्य घेघा या गलगण्ड (Goiter)-थाइरॉयड ग्रन्थि के फूलने के कारण गर्दन फूलकर मोटी हो जाती है। भोजन में आयोडीन की कमी के कारण पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों में अधिक पाया जाता है।

(iv) हाशीमोटो का रोग (Hashimoto’s Disease)-यह रोग अल्पस्राव के उपचार में ली जाने वाली औषधि, जो एन्टीजन की तरह पहचानी जाती है, के विरुद्ध शरीर में ऐन्टीबॉडी बनने के कारण होता है। इसके कारण थायरॉइड ग्रन्थि नष्ट हो जाती है।

(B) अतिस्राव से होने वाले रोग-
(i) नेत्रोत्सेधी गलगण्ड (Exophthalmic Goiter)-इसमें व्यक्ति के नेत्र गोलक के नीचे श्लेष्म जमा हो जाने से यह गोलक बाहर को निकल आते हैं जिससे दृष्टि डरावनी लगती है।

(ii) प्लूमर के रोग (Plumer’s disease)-इसमें थायरॉइड ग्रन्थि में जगह-जगह गाँठे बन जाती हैं।

(iii) ग्रेवी का रोग (Grave’s disease)-इस ग्रन्थि के फूल जाने की अवस्था को ग्रेवी का रोग कहते हैं।

प्रश्न 3.
अधिवृक्क ग्रन्थि के द्वारा स्रावित विभिन्न हॉर्मोनों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अधिवृक्क ग्रन्थि के द्वारा स्रावित विभिन्न हॉर्मोनों का संक्षेप में वर्णन इस प्रकार है-
(1) अधिवृक्क वल्कुट द्वारा स्रावित हॉर्मोन (Hormones secreted by Adrenalcorte)
(i) मिनरैलो कॉर्टिकॉयड्स (Mineralocorticoids)-इस हॉर्मोन के द्वारा वृक्क नलिकाओं में Na+ तथा Cl आयनों के अवशोषण तथा K+ आयनों के उत्सर्जन में वृद्धि होती है। यह रुधिर में खनिज आयनों की सान्द्रता को नियन्त्रित करता है।

(ii) ग्लूकोकॉर्टिकॉयड्स (Glucocorticoids)-कॉर्टिसोल एवं कॉर्टिसोन (Cortisol and Cortisone) हॉर्मोनों द्वारा कार्बोहाइड्रेट, वसा तथा प्रोटीन के उपापचय को नियन्त्रित किया जाता है। इनके द्वारा किसी भी ऊतक में संक्रमण होने पर प्रतिरक्षी पदार्थ (Antibodies) को बनने से रोका जाता है।

 

(iii) लिंग हॉर्मोन्स (Sex Hormones)-ऐन्ड्रोजन, ऐस्ट्रोजन तथा प्रोजेस्टरॉन-ये तीनों इस ग्रन्थि द्वारा स्रावित हॉर्मोन बाह्य जनन अंगों एवं यौन व्यवहार को प्रभावित करते हैं। स्त्रियों के चेहरे पर बाल आदि का आना इसी हॉर्मोन की अधिकता से होता है।

(2) अधिवृक्क मध्यांश द्वारा स्रावित हॉर्मोन (Hormones secreted by Adrenal medulla)
(i) ऐड्रीनेलिन (Adrenalin)-यह हॉर्मोन अरेखित पेशियों को उत्तेजित करता है, जिसके फलस्वरूप रुधिर दाब बढ़ना, धड़कन बढ़ना, आँखें चौड़ी तथा पुतली का फैल जाना, रोंगटे खड़े होना, अधिक पसीना आना, ग्लाइकोजन का ग्लूकोज में परिवर्तन होना आदि क्रियाएँ होती हैं। यह मानव को विपरीत परिस्थितियों के लिए तैयार करता है।

(ii) नॉर ऐडीनेलिन (Nor-adrenalin)-इस हॉर्मोन द्वारा एड्रीनेलिनन के द्वारा नियमित होने वाली सभी क्रियाओं को प्रेरणा मिलती है। इसमें रुधिर वाहिनियाँ फैल जाती हैं तथा हृदय गति व रुधिर दाब नहीं बढ़ता है। इस हॉर्मोन द्वारा विपत्तिकाल में भय, संघर्ष या पलायन तीन प्रकार की अनुक्रियायें उत्पन्न हो सकती हैं।

प्रश्न 4.
अण्डाशय से कौन-कौन से हॉर्मोन स्रावित होते हैं, किन्हीं दो का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अण्डाशय (Ovaries) से ऐस्ट्रोजन (Estrogen), प्रोजेस्टरोन (Progesterone) तथा रिलेक्सिन (Relaxin) हार्मोन स्रावित होते हैं। इनमें से दो का वर्णन निम्न प्रकार है-
(i) ऐस्ट्रोजन (Estrogen) हॉर्मोन-इस हार्मोन का स्रावण ग्राफीयन पुटकों द्वारा होता है। यह एक विशेष प्रकार का हॉर्मोन होता है जिसके द्वारा मादा में द्वितीयक लैंगिक लक्षणों जैसे-गर्भाशय, अण्डवाहिनी, योनि, क्लाइटोरिस, स्तनों आदि का विकास होता है। इसके अतिरिक्त इस हार्मोन के द्वारा आवाज का बारीक होना, शालीनता एवं मैथुन इच्छा जागृत होना इत्यादि का भी विकास होता है। इस हॉर्मोन के अल्पस्राव के कारण मादा में द्वितीयक लैंगिक लक्षणों के विकास में कमी तथा मासिक चक्र में अनियमितता हो जाती है। ऐस्ट्रोजन हॉर्मोन के अतिस्रावण से अनियमित मासिक चक्र अवस्था शुरू हो जाती है।

(ii) प्रोजेस्टरोन हॉर्मोन (Progesterone Hormone)-अण्डाशय में अण्डोत्सर्ग के पश्चात् विकसित पीले रंग की ग्रन्थि कार्पस ल्युटियम द्वारा इस हार्मोन का स्रावण होता है। इस ग्रन्थि का नियन्त्रण ल्युटिनाइजिंग हॉर्मोन के द्वारा होता है। यह हॉर्मोन स्त्रियों में स्तनों के विकास, दुग्ध ग्रन्थियों की वृद्धि एवं सक्रियण आदि के लिए जिम्मेदार होता है। इसके अतिरिक्त गर्भधारण के लिए आवश्यक संरचनात्मक व कार्यिकीय परिवर्तन, गर्भाशय भित्ति में रक्त परिवहन का बढ़ना तथा ग्लाइकोजन व वसाओं के संचयन आदि कार्यों को प्रेरणा मिलती है।

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