RB 12 English Literature

RBSE Solutions for Class 12 English Prudence Poetry Chapter 3 On Shakespeare-1630

Rajasthan Board RBSE Class 12 English Prudence Poetry Chapter 3 On Shakespeare-1630

RBSE Class 12 English Prudence Poetry Chapter 3 Textual Questions

(A) Choose the correct alternative :

Question 1.
“Dear son of memory, great heir of fame,” Who do the lines refer to ?
(i) The poet.
(ii) Monuments
(iii) Shakespeare
(iv) Pyramid
Answer:
(iii) Shakespeare

Question 2.
‘Built thyself a live-long monument’ ? How did Shakespeare build his monument himself when he was alive?
(i) On rocks
(ii) With bricks and cement
(iii) His writings
(iv) His paintings
Answer:
(iii) His writings

(B) Answer the following questions in 15-20 words each :
निम्न प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 15-20 शब्दों में दीजिए :

Question 1.
Find out the words used for monuments in the poem.
कविता में ‘स्मारक’ के लिए प्रयुक्त शब्दों को छाँटिये।
Answer:
The words used for ‘monuments’ in the poem are – piled stones, star-y pointing pyramid, and monument itself
इस कविता में ‘स्मारक’ के लिए प्रयुक्त शब्द हैं – पत्थरों का ढेर, बहुत ऊँचा पिरामिड और स्वयं स्मारक।

Question 2.
What does the poet mean by ‘thy easier numbers flow’ ?
‘Thy easier numbers flow’ से कवि का क्या अभिप्राय है?
Answer:
The line ‘Thy easier numbers flow’ refers to the large number of Shakespeare’s works which are dominated in the readers’ minds.
‘Thy easier numbers flow’ से कवि का अभिप्राय शेक्सपीयर की अपनी उन बहुत सी कृतियों से है। जो पाठकों के दिमाग पर छा गयी हैं।

Question 3.
Why does the poet ask that Shakespeare’s “hallowed relics” be hidden’under star-y pointing pyramid ?
कवि क्यों कहता है कि शेक्सपीयर के पवित्र अवशेषों को गगनचुम्बी पिरामिड के नीचे छिपा देना चाहिये?
Answer:
Shakespeare’s genius is so great that the poet doubts that his ”hallowed relics” be hidden under a star-y pointing pyramid.
शेक्सपीयर की विद्वता इतनी महान है कि कवि को इस बात में शंका है कि उनकी पवित्र निशानियों को आसमान छूते पिरामिड में छिपाया जा सकता है।

Question 4.
What do you understand by self-bereaving?
आत्म-विमोह से आप क्या समझते हैं ?
Answer:
It shows the loss of the sense of self. When we lose love for self, the state of self bereaving starts.
‘इससे स्वत्व के भाव का अभाव प्रदर्शित होता है। जब हमारा अपने प्रति प्रेम समाप्त हो जाता है तब आत्म-विमोह की स्थिति प्रारंभ होती है।

(C) Answer the following questions in 50 words each :
निम्न प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 50 शब्दों में दीजिए :

Question 1.
How did Shakespeare make his live-long monument?
शेक्सपीयर ने अपने सम्पूर्ण जीवन को स्मारक किस प्रकार बनाया?
Or
In what way has Shakespeare made a ‘live long monument’?
शेक्सपीयर ने अपने सम्पूर्ण जीवन को स्मारक किस प्रकार बना लिया है ?
Answer:
Shakespeare has written a number of great dramas and poems. His works consist of great thoughts. He describes each aspect of human emotions. People remember him through these works. His whole life has become worth remembering for people. Thus, he has made a ‘live long monument’.

शेक्सपीयर ने बहुत से महान नाटक व कविताएँ लिखी हैं। उनकी कृतियों में महान विचार समाहित हैं। लोग इन कृतियों के माध्यम से उन्हें याद करते हैं। वे मानवीय भावनाओं के प्रत्येक पहलू का वर्णन करते हैं। उनका पूरा जीवन ही लोगों के लिए स्मरणीय हो गया है। इस प्रकार, शेक्सपीयर ने अपने सम्पूर्ण जीवन को स्मारक बना लिया है।

Question 2.
Why did Milton feel it was not necessary to put up a monument in stone for Shakespeare ?
मिल्टन ने ऐसा अनुभव क्यों किया है कि शेक्सपीयर के लिए पत्थर का स्मारक बनाने की आवश्यकता नहीं है ?
Answer:
Milton considered Shakespeare an ideal personality. He believed that Shakespeare’s works were his true monument. They reminded people of his greatness, Hence, Milton felt that there was no need to put up a monument in stone for him. He had himself made a great monument of him in the form of his dramas and poems.

मिल्टन शेक्सपीयर को एक आदर्श व्यक्तित्व मानते थे। उनका मानना था कि शेक्सपीयर की कृतियाँ उनका सच्चा स्मारक हैं। वे लोगों को उनकी महानता की याद दिलाती हैं। इसलिए, मिल्टन ने यह महसूस किया कि उनके लिए पत्थर का स्मारक बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने अपने नाटकों व कविताओं के रूप में स्वयं अपने लिए एक महान स्मारक बना दिया है।

Question 3.
What does the ‘weak witness of thy name’ refer to ?
‘तुम्हारे नाम का कमजोर चिह्न’ किस सन्दर्भ में प्रयुक्त हुआ है ?
Answer:
‘Weak witness of thy name’ refers to tombs, relics, pyramids or sepulchres. Shakespeare has stronger witnesses to his name in the form of his literary works. In comparison to these, any monument in stone is a weak sign of his remembrance as all these will decay with the passage of time.

‘तुम्हारे नाम का कमज़ोर चिह्न’ मकबरों, स्मृति-चिह्नों, पिरामिडों और कब्रगाहों के सन्दर्भ में प्रयुक्त हुआ है। शेक्सपीयर के नाम के अधिक शक्तिशाली चिह्न या प्रमाण हैं – उनकी साहित्यिक कृतियाँ। इनकी तुलना में पत्थर के बने कोई भी स्मारक उनकी स्मृति के कमज़ोर चिह्न है क्योंकि ये समय गुजरने के साथ क्षीण हो जायेंगे।

Question 4.
What will be the best tribute to Shakespeare ?
शेक्सपीयर के लिए सबसे अच्छी श्रद्धांजलि क्या होगी?
Answer:
Shakespeare was a man of unparalleled genius. He has created immortal works of literature. No literature of his time and after his time has ever equaled him in greatness. Therefore, the best tribute to him will be the respect, veneration and devotion of his readers to his works.

शेक्सपीयर अद्वितीय विद्वता के व्यक्ति थे। उन्होंने साहित्य की अमर रचनाओं की रचना की है। उनके समय का और उनके बाद भी कोई साहित्यकार महानता में उनकी बराबरी नहीं कर सका है। इसलिये उनकी रचनाओं के प्रति पाठकों का सम्मान, श्रद्धा और आसक्ति ही उनके लिये सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।

(D) Answer the following questions in 100 words each :
निम्न प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों में दीजिए :

Question 1.
Write a critical summary of the poem “On Shakespeare 1630”
“On Shakespare 1630′ कविता का समालोचनात्मक सारांश लिखिये।
Answer:
The poem ‘On Shakespeare-1630’ is John Milton’s tribute to the great Bard. It is based on the theme of immortality through artistic creation. It is an epitaph on Shakespeare. Milton believes that man-made monuments can never be sufficient tribute to Shakespeare’s achievements as the greatness of his works cannot be captured by any superficial structure. Milton says that Shakespeare has himself created an ever-lasting monument suited to his genius in the memory of his readers who read and regard his works with awe and wonder. Their devotion to his works is the greatest tribute to his genius.

कविता ‘On Shakespeare-1630’ जॉन मिल्टन द्वारा महान कवि को दी गई श्रद्धांजलि है। यह कलात्मक रचना द्वारा अमरता प्राप्त करने के विषय पर आधारित हैं यह शेक्सपीयर का मृत्युलेख है। मिल्टन का मानना है कि मनुष्य द्वारा बनाये स्मारक कभी शेक्सपीयर की उपलब्धियों को पर्याप्त श्रद्धांजलि नहीं हो सकते क्योंकि कोई भी बनावटी ढाँचा उनकी रचनाओं की महानता को पकड़ नहीं सकता। मिल्टन का कहना हैं कि शेक्सपीयर ने अपने उन पाठकों के स्मरण में स्वयं अपनी प्रतिमा के अनुकूल चिरकालीन स्मारक बना लिया है जो आदर और आश्चर्य से उनकी रचनाओं को पढ़ते हैं। उनकी रचनाओं के प्रति उनका समर्पण ही उनकी प्रतिमा की महानतम् श्रद्धांजलि है।

Question 2.
How does Milton describe Shakespeare as the source of inspiration for all succeeding generations of poets ?
मिल्टन शेक्सपीयर का कवियों की सभी आने वाली पीढियों के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में किस प्रकार वर्णन करते हैं?
Answer:
Shakespeare has earned great name and fame through his literary works. He has written : not only great plays but also immortal poetry. His plays are more poetry than prose. Milton calls him the ‘dear son of memory, great heir of fame.’ He needs no man-made, structure as witness to his genius. His writings cover almost every aspect of human emotions, actions and behaviour. His thoughts, philosophy and style have influenced poets coming after him. They have learnt great lessons from his works. Thus, he has been a source of inspiration for all the succeeding generations of poets.

शेक्सपीयर ने अपनी साहित्यिक रचनाओं के माध्यम से बहुत नाम और प्रसिद्धि अर्जित की। उन्होंने न केवल महान नाटक लिखे बल्कि अमर काव्य की रचना भी की। उनके नाटक गद्य की अपेक्षा काव्य अधिक हैं। मिल्टन उन्हें ‘स्मरण का प्रिय पुत्र, प्रसिद्धि के महान उत्तराधिकारी’ कहते हैं। उन्हें अपनी प्रतिभा के प्रत्यक्षदर्शी के रूप में किसी मानव-निर्मित ढाँचे की आवश्यकता नहीं है। उनकी रचनायें मानव भावनाओं, क्रिया-कलापों और व्यवहार के हर पहलू को छूती हैं। उनके विचार, दर्शन और शैली ने उनके बाद आने वाले कवियों को प्रभावित किया है। उन्होंने उनकी रचनाओं से बहुत सीखा है। इस प्रकार वे कवियों की आने वाली सभी पीढ़ियों के लिये प्रेरणा स्रोत रहे हैं।

RBSE Class 12 English Prudence Poetry Chapter 3 Additional Questions

RBSE Class 12 English Prudence Poetry Chapter 3 Short Answer Type Questions

Answer the following questions in about 50 words each :

Question 1.
What are the hallowed relics ?
पवित्र स्मृति-चिह्न क्या होते हैं ?
Answer:
‘Hallowed relics are the items of interest of the people who have passed away. These may be their spectacles, walking sticks, books etc. The dead person’s bereaved family and friends believe that he may use them even after his death. So, these are placed on his grave in his tomb.

पवित्र स्मृति चिह्न मृत लोगों की प्रिय वस्तुएँ होती हैं। ये उनका चश्मा, छड़ियाँ, पुस्तकें आदि हो सकती हैं। मृत व्यक्ति के दुःखी परिवारीजन व मित्र विश्वास करते हैं कि मृत व्यक्ति को अपनी मृत्यु के बाद भी उनकी आवश्यकता हो सकती है। इसलिए, इन्हें उनके मकबरे में उनकी कब्र पर रख दिया जाता है।

Question 2.
Why according to Milton is there no need to build a tomb for Shakespeare ?
मिल्टन के अनुसार शेक्सपीयर के लिए मकबरा बनाने की कोई आवश्यकता क्यों नहीं है ?
Answer:
According to Milton, there is no need to build a tomb for Shakespeare because he is remembered and respected among the masses through his great literary works. He has himself made a tomb for himself in the form of his dramas and poetry.

मिल्टन के अनुसार शेक्सपीयर के लिये मकबरा बनाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि उन्हें लोग उनकी साहित्यिक कृतियों के लिए याद करते हैं व उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने अपने नाटकों व कविताओं के रूप में स्वयं अपने लिए मकबरा बना दिया है।

Question 3.
Why, does Milton, call Shakespeare ‘great heir of fame’? .
मिल्टन शेक्सपीयर को ‘प्रसिद्धि का महान उत्तराधिकारी’ क्यों कहते हैं ?
Answer:
Shakespeare has written a number of great dramas and poems. His works consist of deep thought. No aspect of human emotion has been left untouched by him. Shakespeare is world famous for them. Hence, Milton calls him ‘great heir of fame’ i.e. a highly famous personality.

शेक्सपीयर ने बहुत से महान नाटक व कविताएँ लिखी हैं। उनकी इन कृतियों में गूढ़ विचार समाहित हैं। मानवीय भावनाओं का कोई भी पक्ष उनसे अछूता नहीं रहा है। शेक्सपीयर उनके लिए विश्वप्रसिद्ध हैं। इसलिए मिल्टन उन्हें प्रसिद्धि का महान उत्तराधिकारी’ अर्थात् एक अत्यधिक प्रसिद्ध व्यक्तित्व कहते हैं।

Question 4.
How does Milton describe Shakespeare as the source of inspiration for all succeeding generations of poets ?
मिल्टन शेक्सपीयर का कवियों की सभी आने वाली पीढियों के लिए प्रेरणा-स्रोत के रूप में किस प्रकार वर्णन करते हैं ?
Answer:
Shakespeare has earned great name and fame through his literary works. His writings cover almost every aspect of human emotions. His delphic lines will always influence the coming generations of poets. They will learn great lessons from his poems. Thus, he will remain a source of inspiration for all succeeding generations of poets.

शेक्सपीयर ने अपनी साहित्यिक कृतियों के द्वारा बहुत नाम व प्रसिद्धि अर्जित की है। उनके लेखन के क्षेत्र। में मानवीय भावनाओं का प्रायः प्रत्येक पक्ष आता है। उनका उत्कृष्ट लेखन कार्य कवियों की आने वाली पीढ़ियों को सदा प्रभावित करेगा। वे उनकी कविताओं से महान शिक्षाएँ लेंगे। इस प्रकार वह कवियों की सभी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा-स्रोत बने रहेंगे।

Question 5.
What type of tomb would the kings wish to die for?
राजा लोग किस प्रकार के मकबरे के लिए मृत्यु की इच्छा करेंगे ?
Answer:
Shakespeare’s great works in literature make people remember him with great love and respect. He has immortalised himself in the memory of the people. He needs no man-made tomb as witness to his genius. Even kings would wish to die for such a tomb.

शेक्सपीयर की साहित्य में महान रचनाओं के कारण लोग उन्हें बड़े प्यार और सम्मान से याद करते हैं। उन्होंने स्वयं को लोगों की स्मृति में अमर कर लिया है। उन्हें किसी मानव निर्मित मकबरे की आवश्यकता नहीं है। राजा भी ऐसे मकबरे के लिये मृत्यु की इच्छा करेंगे।

Question 6.
What is the best tribute that posterity has bestowed on Shakespeare ?
बाद की पीढ़ियों द्वारा शेक्सपीयर को दी गई सर्वोत्तम श्रद्धांजलि क्या है ?
Answer:
The posterity has considered Shakespeare’s dramas and poetry as great works of literature. The generations that came after him have derived inspiration from his works. They have learnt lessons in life from his dramas and poems. They have always kept him high in their hearts. This is the best tribute the posterity has bestowed on Shakespeare.

बाद में आने वाली पीढ़ियों ने शेक्सपीयर के नाटकों और कविताओं को महान साहित्यिक कृतियों के रूप में स्वीकार किया है। उनके बादं आने वाली पीढ़ियों ने उनकी कृतियों से प्रेरणा ली है। उन्होंने उनके नाटकों और कविताओं से जीवन की शिक्षाएँ ली हैं। उन्होंने हमेशा उन्हें अपने हृदय में ऊँचा स्थान दिया है। यह | बाद की पीढ़ियों द्वारा शेक्सपीयर को दी गई सर्वोत्तम श्रद्धांजलि है।।

RBSE Class 12 English Prudence Poetry Chapter 3 Long Answer Type Question

Answer the following question in about 100 words :

Question 1.
What are Milton’s views on Shakespeare’s writings and his virtues ?
शेक्सपीयर के लेखन और उनके गुणों के सम्बन्ध में मिल्टन के क्या विचार हैं ?
Answer:
Milton is deeply influenced with Shakespeare’s writings. To him, Shakespeare is a great man of virtue. His writings are full of gems of learning. They guide people to lead à virtuous life. No aspect of human emotions is untouched by him. He has made his whole life a monument for himself. People remember him with great respect for his writings. . Milton calls him ‘dear son of memory’ and ‘great heir of fame’. By saying so he expresses his own feelings for him as well as common man’s regard for him. He says that people very fondly remember Shakespeare and he is a highly famous personality.

मिल्टन शेक्सपीयर के लेखन से अत्यधिक प्रभावित हैं। उनके लिए शेक्सपीयर एक महान गुणवान व्यक्ति हैं। उनकी कृतियाँ-ज्ञान के रत्नों से परिपूर्ण हैं। वे लोगों को एक गुणी जीवन जीने के लिए निर्देशित करती हैं। मानवीय भावनाओं का कोई पक्ष उनसे अनछुआ नहीं रहा है। उन्होंने अपने सम्पूर्ण जीवन को अपना स्मारक बना लिया है। लोग उनके लेखन के लिए उन्हें अत्यधिक सम्मान के साथ याद करते हैं। मिल्टन उन्हें ‘स्मृति का प्रिय पुत्र’ व ‘प्रसिद्धि का महान उत्तराधिकारी’ कहकर सम्बोधित करते हैं। ऐसा कहकर वह उनके प्रति अपनी स्वयं की भावनाओं व सामान्य लोगों के उनके विषय में विचार को व्यक्त करते हैं। वह कहते हैं लोग शेक्सपीयर को अत्यधिक प्रेम के साथ याद करते हैं और वह एक अत्यधिक प्रसिद्ध व्यक्तित्व हैं।

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