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RBSE Solutions for Class 12 English Prudence Poetry Chapter 4 The Divine Image

RBSE Solutions for Class 12 English Prudence Poetry Chapter 4 The Divine Image

RBSE Class 12 English Prudence Poetry Chapter 4 Textual Questions

1. Choose the correct alternative :

Question 1.
What is not God-gifted virtue ?
(i) Love
(ii) Hatred
(iii) Peace
(iv) Humanity
Answer:
(ii) Hatred

2. Answer the following questions in 15-20 words each :
निम्न प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 15-20 शब्दों में दीजिए :

Question (A)
what do we do when in distrees ?
जब हम परेशानी में होते हैं तो हम क्या करते हैं ?
Or
what do we pray for in distress ?
हम परेशानी में किस चीज़ के लिए प्रार्थना करते हैं ?
Answer:
Whenever we are in distress, we pray for mercy, pity, peace and love in our life.
जब भी हम परेशानी में होते हैं, हम अपने जीवन में दया, करुणा, शान्ति और प्रेम के लिए प्रार्थना करते हैं।

Question (B)
What are mercy, pity, peace and love ?
दया, करुणा, शान्ति और प्रेम क्या है ?
Or
How are mercy, pity, peace and love virtues of delight?
दया, करुणा, शान्ति व प्रेम प्रसन्नतादायक गुण किस प्रकार हैं ?
Answer:
Mercy, pity, peace and love are the virtues of delight. They bring a positive effect in our life and help us come out of misfortunes.
दया, करुणा, शान्ति और प्रेम प्रसन्नतादायक गुण हैं। ये हमारे जीवन में सकारात्मक प्रभाव लाते हैं और हमें परेशानियों से उबरने में सहायता करते हैं।

Question (C)
How is God our father ?
ईश्वर किस प्रकार हमारा पिता है ?
Answer:
God is our father because He has mercy, pity and love for us and brings peace in our life.
ईश्वर हमारा पिता है क्योंकि वह हमारे प्रति दया, करुणा व प्रेम रखता है तथा हमारे जीवन में शान्ति लाती है।

Question 4.
why should all love the human form ?
सभी को मानव शरीर से प्रेम क्यों करना चाहिये?
Answer:
All should love the human form because it embodies the divine qualities of mercy, pity, peace and love.
सभी को मानव शरीर से प्रेम करना चाहिये क्योंकि यही दया, करुणा, शान्ति और प्रेम के दैवीय गुणों को धारण करता है।

Question 5.
“And Peace, the human dress”. How has peace been compared to human dress ?
शान्ति की तुलना मनुष्य की पोशाक से कैसे की गई है?
Or
Peace has been compared to human dress. How?
शान्ति की तुलना मनुष्य की पोशाक से की गई है। किस प्रकार ?
Answer:
Human dress makes the body look elegant and attractive. In the same way, peace makes one look elegant, attractive and civilized.
मनुष्य की पोशाक शरीर को शालीन व आकर्षक दिखाती है। इसी प्रकार, शान्ति (शान्त स्वभाव) से व्यक्ति शालीन, आकर्षक व सभ्य दिखता है।

3. Answer the following questions in 50 words each:
निम्न प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 50 शब्दों में दीजिए :

Question (A)
“For Mercy has a human heart, Pityahuman face And Love, the human form divine, And Peace, the human dress.”, Explain the above cited lines. उपर्युक्त लाइनों की व्याख्या कीजिए।
Answer:
The poet says that the virtues of mercy, pity, love and peace find embodiment in human features-heart, face, body and dress. Mercy resides in human heart, pity is reflected from human face, love pervades human body and like dress, peace makes humans look elegant and civilized.

कवि कहता है कि दया, करुणा, प्रेम और शान्ति के गुण मानवीय चीजों हृदय, चेहरा, शरीर और वस्त्र में साकार रूप पाते हैं। दया मानव हृदय में वास करती है, करुणा मानव के चेहरे से झलकती है, प्रेम का संचार मानव शरीर में होता है और वस्त्र के समान शान्ति मानव को शालीन और सभ्य दिखाती है।

Question (B)
Where does God dwell ?
भगवान कहाँ रहता है ? प्रदता है ?
Answer:
The poet, William Blake says that God dwells in the people in whom dwell the virtues of mercy, pity and love. The poet equates these qualities with God as well as with man. He believes that these qualities are the characteristics of God and the man who possesses them is divine.

कवि विलियम ब्लेक कहता है कि भगवान उन लोगों में बसता है जिनमें दया, करुणा और प्रेम के गुण बसते हैं। कवि इन गुणों को भगवान और मनुष्य के समान मानती हैं। उसका मानना है कि ये गुण भगवान के गुण हैं और वह व्यक्ति जो उन्हें धारण करता है दैवीय होता है।

(D) Answer the following questions in 100 words each :
प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों में दीजिए।

Question (A)
How do mercy, pity, peace and love get distorted in the human brain ? (S S. Exam 2017)
मानव मस्तिष्क में दया, करुणा, शान्ति और प्रेम किस प्रकार विकृत हो जाते हैं ?
Answer:
When many evils like cruelty, selfishness, deceit, revenge etc., take control of human being, man behaves in an abnormal manner. Then he loses his divinity and human virtues like mercy, pity, peace and love get distorted in his brain. The poet explains that every individual should be given freedom of expression. Oppressive tendencies lead to mystery and suspicion in the mind of the concerned individual. In distress, he is unable to find comfort from them. Thus the good qualities of mercy, pity, love and peace get distorted in human brain due to our evil practices.

जब बहुत-सी बुराइयाँ जैसे क्रूरता, स्वार्थ, छल, प्रतिशोध आदि मनुष्य पर नियंत्रण कर लेती हैं, तो मनुष्य ‘ असामान्य व्यवहार करने लगता है। तब उसका देवत्व समाप्त हो जाता है और मानवीय गुण जैसे दया, करुणा, शान्ति और प्रेम उसके मस्तिष्क में विकृत होने लगते हैं। कवि स्पष्ट करता है कि प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं को व्यक्त करने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए। दमनकारी प्रवृत्तियाँ सम्बन्धित व्यक्ति के मस्तिष्क में सन्देह और रहस्य को जन्म देती हैं। परेशानी में वह उनसे राहत पाने में असमर्थ रहता है। इस प्रकार हमारी बुरी आदतों के कारण मानव मस्तिष्क में दया, करुणा, प्रेम व शान्ति के गुण विकृत हो जाते हैं।

Question (B)
Critically appreciate the poem.
कविता का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।
Answer:
The poem ‘The Divine Image’ is one of William Blake’s rhetorical songs. In this poem, he equates the virtues of mercy, pity, peace and love with God as well as with man asserting a certain identity between the two. The poet calls these the virtues of delight and so they are the object of human prayer in distress and piety in human form. God dwells in men in whom dwell those virtues. The poet propagates the idea that since man is created in the image of God, he embodies God in his best qualities. Thus, the poem adopts a didactic tone.

कविता “The Divine Image’ विलियम लोक की अलंकारिक गीतों  में से एक है। इस कविता में उन्होंने दया, करुणा, शान्ति और प्रेम के गुणों की भगवान और मनुष्य से समानता दोनों में एक प्रकार की समरूपता पर जोर देते हुये की है। कवि इन्हें सुखदायक गुण कहता है और इसीलिये ये कष्ट में मनुष्य की प्रार्थना और मानवे रूप में पवित्रता के पात्र हैं। भगवान उन मनुष्यों में वास करते हैं जिनमें ये गुण वास करते है। कवि यह विचार दे रहा है कि क्योंकि मनुष्य को भगवान के रूप में ही बनाया गया, मनुष्य अपने सर्वश्रेष्ठ गुणों में भगवान का साकार रूप है। इस प्रकार कविता शिक्षात्मक सुर लिये हुये है।

RBSE Class 12 English Prudence Poetry Chapter 4 Additional Questions

(A) Answer the following questions in 50 words each :
निम्नांकित प्रश्नों का 50 शब्दों में उत्तर दीजिये।

Question 1.
Why does the poet call mercy, pity, peace and love the virtues of delight?
कवि दया, करुणा, शान्ति और प्रेम को सुखदायक गुण क्यों कहता है ?
Answer:
Mercy, pity, peace and love are man’s noblest qualities. Man prays to them and seeks their blessings in times of distress. Then, these qualities give him comfort, help him come out of misfortunes, and make him happy in true sense. Therefore, the poet calls them the virtues of delight.

दया, करुणा, शान्ति और प्रेम मनुष्य के सर्वश्रेष्ठ गुण हैं। मनुष्य कष्ट के समय में उनसे प्रार्थना करता है और उनके आशीर्वाद की कामना करता है। तब ये गुण उसे राहत देते हैं, उसे कष्टों से बाहर आने में सहायता करते हैं और उसे सही अर्थों में सुखी बनाते हैं। इसलिये कवि उन्हें सुखदायक गुण कहकर पुकारता है।

Question 2.
How, according to the poet, can man become divine ?
कवि के अनुसार मनुष्य कैसे दैवीय बन सकता है ?
Answer:
According to the poet, man can become divine by imbibing four qualities which the poet calls the virtues of delight. They are mercy, pity, peace and love. These are the virtues which characterise God. When these are found in a man, he can become divine.

कवि के अनुसार, मनुष्य चार गुणों, जिनको कवि सुखदायक गुण कहता है, को आत्मसात कर दैवीय बन | सकता है। ये गुण हैं दया, करुणा, शान्ति और प्यार। ये वे गुण हैं जो भगवान को चरितार्थ करते हैं। जब ये किसी व्यक्ति में पाये जाते हैं तो वह व्यक्ति दैवीय बन सकता है।

Question 3.
What does the poem ‘The Divine Image’ suggest ?
कविता ‘The Divine Image’ क्या सन्देश देती है?
Answer:
The poem, ‘The Divine Image’ suggests that the image of God is reflected in human beings. God is characterised by mercy, pity, peace and love. Since God made man in his own image, man also has these virtues. Thus the poem suggests that in his best qualities, man embodies God Himself.

कविता ‘The Divine Image’ यह सन्देश देती है कि मानव में भगवान का रूप दिखायी देता है। भगवान में दया, करुणा, शान्ति और प्रेम के गुण होते है। क्योंकि भगवान ने मनुष्य को अपने रूप में ही बनाया है, मानव में भी ये गुण है। इस प्रकार कविता यह सन्देश देती है कि अपने सर्वश्रेष्ठ गुणों में मानव स्वयं भगवान को साकार करता है।

(B) Answer the following question in 100 words:
निम्नांकित प्रश्न का 100 शब्दों में उत्तर दीजिये।

Question 1.
What is the poem ‘The Divine Image’ about?
कविता ‘The Divine Image’ किसके बारे में है?
Answer:
The poem ‘The Divine Image’ is about four virtues – mercy, pity, peace and love. The poet calls them the virtues of delight. These virtues are charactistics of God. The poet says that these are characteristics of man too. It implies that these are divine as well as human virtues. When a person prays to God, he prays to these virtues. The poet says that all persons of all the regions of the earth must imbibe and love these virtues irrespective of their religion and culture.

कविता ‘The Divine Image’ चार गुणों- दया, करुणा, शान्ति और प्रेम के बारे में है। कवि इन्हें सुखदायक गुण कहता है। ये गुण भगवान को चरितार्थ करते हैं। कवि कहता है कि ये मनुष्य को भी चरितार्थ करते हैं। इसका अर्थ हुआ कि ये गुण दैवीय और मानवीय भी हैं। जब कोई व्यक्ति भगवान से प्रार्थना करता है वह इन गुणों से प्रार्थना करता है। कवि कहता है कि पृथ्वी के सभी क्षेत्रों के सभी लोगों को अपने धर्म और संस्कृति की परवाह किये बिना इन गुणों को अपने अन्दर लाना और इनसे प्रेम करना चाहिये।

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