RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 10 नारी शक्ति की प्रतीक-भगिनी निवेदिता
RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 10 नारी शक्ति की प्रतीक-भगिनी निवेदिता
Rajasthan Board RBSE Class 5 Hindi Solutions Chapter 10 नारी शक्ति की प्रतीक-भगिनी निवेदिता
पाठ का सार- प्रस्तुत पाठ भगिनी निवेदिता के बारे में है। भगिनी निवेदिता मूल रूप से आयरलैण्ड की महिला थी, जो स्वामी विवेकानन्द के विचारों से प्रभावित होकर भारत आई थी। उनका पूरा नाम मार्गेट एलिजाबेथ नोबेल था। इनके पिता का नाम सेमुअल रिचमंड नोबेल तथा माता का नाम मैरी इसाबेला था। बचपन में ही इनके माता-पिता का देहान्त हो जाने के कारण इनके नाना हमिल्टन ने इनका लालन-पालन किया था। मार्गेट को पढ़ाना अच्छा लगता था। वे खुद के द्वारा विकसित पद्धति से पढ़ाती थी।
स्वामी विवेकानन्द जब शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन को संबोधित कर वापस लौट रहे थे तब इंग्लैण्ड में मार्गेट की पहली बार उनसे मुलाकात हुई। स्वामीजी के विचारों से प्रभावित होकर मार्गेट भारत आई और वेलूर मठ में रहने लगी। स्वामी विवेकानन्द ने मार्गेट को नया नाम निवेदिता दिया। यहाँ रहकर निवेदिता ने स्वामीजी के विचारों को लोगों तक पहुँचाने के साथ शिक्षा और समाज सेवा के कार्य किये। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन किया और कई पत्र-पत्रिकाओं में लेख भी लिखे। 44 वर्ष की आयु में ही उनका निधन हो गया। |
कठिन-शब्दार्थ- विदेशी = दूसरे देश की। अनूठा = अनोखा। भगिनी = बहिन । आह्वान = बुलावा/ पुकार। मातृभूमि = जन्मभूमि। आंदोलन = लड़ाई/क्रांति। सूत्रधार = मुख्य कार्यकर्ता। आवासीय = जहाँ ठहरने की व्यवस्था हो । चर्च = गिरिजाघर। शिक्षण कार्य = पढ़ाने का कार्य । पद्धति = तरीका । गतिविधियाँ = कार्यकलाप । अधिकांश = ज्यादातर । संन्यासी = संसार की मोहमाया से विरक्त व्यक्ति/साधु । ख्याति अर्जित करना = नाम कमाना। आग्रह = प्रार्थना/अनुनय-विनय । प्रथम भेट = पहली मुलाकात । उपरान्त = बाद में/के बाद। चिकित्सा = इलाज/उपचार। अपील करना = प्रार्थना करना। निपुण = माहिर/योग्य। ऋचाएँ = वेद मंत्र। उधृत्त = दी गई। पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर उत्तर-भगिनी निवेदिता आयरलैण्ड से भारत आयी
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
सोचें और बताएँ
प्रश्न 1.
मार्गेट का पूरा नाम क्या था?
उत्तर:
मार्गेट का पूरा नाम मार्गेट एलिजाबेथ नोबेल था।
प्रश्न 2.
मार्गेट का नया नाम निवेदिता किसने दिवा?
उत्तर:
मार्गेट का नया नाम निवेदिता स्वामी विवेकानन्द ने दिया।
प्रश्न 3.
भगिनी निवेदिता किस देश से भारत आयी थी?
उत्तर:
भगिनी निवेदिता आयरलैण्ड से भारत आयी थी।
लिखें।
प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें
(मातृभूमि, आयरलैंड, शिक्षण, देहांत)
(क) भगिनी निवेदिता का जन्म ……………. में हुआ, परन्तु उन्होंने भारत भूमि में अपनी ……………. के दर्शन किए।
(ख) बचपन में ही इनके माता-पिता का …. हो गया।
(ग) मार्गेट को ………….का कार्य अच्छा लगता था।
उत्तर:
(क) आयरलैण्ड, मातृभूमि,
(ख) देहान्त,
(ग) शिक्षण।
प्रश्न 2.
सही उत्तर का क़माक्षर छाँटकर कोष्ठक में लिखें
(अ) 17 वर्ष की उम्र में भगिनी निवेदिता ने कार्य प्रारम्भ कर दिया था
(क) समाज सेवा करना
(ख) पढ़ाई करना
(ग) पढ़ाने का काम करना
(घ) आंदोलन करना।
उत्तर:
(ग) पढ़ाने का काम करना।
(ब) स्वामी विवेकानन्द ने ख्याति अर्जित की
(क) भारतीय सम्मेलन में
(ख) विदेशी सम्मेलन में
(ग) शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन में।
(घ) राष्ट्रीय सम्मेलन में
उत्तर:
(ग) शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन में।
प्रश्न 3.
भगिनी निवेदिता के माता-पिता का क्या नाम था?
उत्तर:
भगिनी निवेदिता की माता का नाम मैरी इसाबेला तथा पिता का नाम सेमुअल रिचमण्ड नोबेल था।
प्रश्न 4.
भगिनी निवेदिता ने भारत देश के लिए। कौन-कौन से कार्य किए?
उत्तर:
भगिनी निवेदिता ने भारत में महिलाओं को पढ़ाने, स्वामी विवेकानन्द के विचारों का प्रचार-प्रसार करने, रोगियों की चिकित्सा सेवा करने, पत्र-पत्रिकाओं में लिखने जैसे कार्य किए।
प्रश्न 5.
भगिनी निवेदिता को भारतीय महिलाओं की कौन-कौनसी विशेषताओं ने सर्वाधिक प्रभावित किया?
उत्तर:
भगिनी निवेदिता को भारतीय महिलाओं की लज्जा, विनम्रता, स्वाभिमान, सेवाभाव, निष्ठा की भावना तथा ममता जैसी विशेषताओं ने सर्वाधिक प्रभावित किया।
प्रश्न 6.
जीवन की किस घटना ने भगिनी निवेदिता के जीवन को बदल दिया था?
उत्तर:
इंग्लैण्ड में स्वामी विवेकानन्द से मिलने तथा उनके प्रवचन सुनने के बाद भगिनी निवेदिता का जीवन बदल गया था।
प्रश्न 7.
भगिनी निवेदिता वेद की कौनसी ऋचाओं का स्मरण करती थी?
उत्तर:
भगिनी निवेदिता वेद की निम्न ऋचाओं का स्मरण करती थी असतो मा सद्गमयः तमसो मा ज्योतिर्गमय मृत्योर्मा अमृतं गमयः।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
निम्नलिखित पंक्तियों का अर्थ लिखें
“असतो मा सद्गमयः तमसो मा ज्योतिर्गमयः।
मृत्योर्मा अमृतं गमय।
उत्तर:
असत्य से सत्य की ओर जाओ;
अंधकार से प्रकाश की ओर जाओ;
मृत्यु से अमरत्व की ओर जाओ।
प्रश्न 2.
वीरता+पूर्ण मिलकर ‘वीरतापूर्ण’ शब्द बना। आप भी इस प्रकार ‘पूर्ण’ शब्द जोड़कर नए शब्द बनाकर उत्तरपुस्तिका में लिखें।
उत्तर:
मित्रता + पूर्ण = मित्रतापूर्ण
कायरता + पूर्ण = कायरतापूर्ण
अ + पूर्ण = अपूर्ण
सम् + पूर्ण = सम्पूर्ण
उत्साह + पूर्ण = उत्साहपूर्ण
यह भी करें
आप भी उन महिलाओं के नाम लिखिए जिन्होंने भगिनी निवेदिता की तरह देश के लिए कार्य किए हों


अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
मार्गेट का जन्म किस देश में हुआ था?
(अ) आयरलैण्ड में
(ब) इंग्लैण्ड में
(स) अमेरिका में
(द) भारत में
उत्तर:
(अ) आयरलैण्ड में
प्रश्न 2.
मार्गेट का निवेदिता नाम किसने दिया?
(अ) इसाबेला ने
(ब) सेमुअल ने
(स) विवेकानन्द ने
(द) हेमिल्टन ने
उत्तर:
(स) विवेकानन्द ने
प्रश्न 3.
मार्गेट नोबेल किसके विचारों से प्रभावित होकर भारत आई थी?
(अ) गांधीजी
(ब) स्वामी दयानन्द
(स) महर्षि अरविन्द
(द) स्वामी विवेकानन्द
उत्तर:
(द) स्वामी विवेकानन्द
प्रश्न 4.
भारतीय महिलाओं की कौनसी विशेषताएँ निवेदिता को प्रभावित करती थीं?
(अ) लज्जा
(ब) विनम्रता
(स) स्वाभिमान
(द) उक्त सभी
उत्तर:
(द) उक्त सभी
रिक्त स्थान भरो
(हिन्दी सम्मेलन, विभाजन, शिक्षण, शिकागो धर्म सम्मेलन, स्त्रियाँ, एकीकरण, पद्धति)
प्रश्न 1.
स्वामी विवेकानन्द ने ……………….. में ख्याति अर्जित की।
प्रश्न 2.
मार्गेट को ……………….. कार्य अच्छा लगता था।
प्रश्न 3.
वह स्वयं द्वारा विकसित ……………….. से शिक्षा दिया करती थी।
प्रश्न 4.
उन्हें भारतीय ……………….. अधिक प्रभावित करती थीं।
प्रश्न 5.
उन्होंने बंगाल ………………… का विरोध किया।
उत्तर:
1. शिकागो धर्म सम्मेलन
2. शिक्षण
3. पद्धति
4. स्त्रियाँ
5. विभाजन
निम्न में से सत्य/असत्य कथन बतलाइये
प्रश्न 1.
मार्गेट भारत की महिलाओं को शिक्षित करने भारत आई थीं।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 2.
स्वामी विवेकानन्द से मार्गेट की पहली भेंट इंग्लैण्ड में हुई।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 3.
मार्गेट को शिक्षण का कार्य पसन्द नहीं था।
उत्तर:
असंत्य
प्रश्न 4.
निवेदिता को भारतीय स्त्रियाँ पसन्द नहीं थीं।
उत्तर:
असंत्य
प्रश्न 5.
भगिनी निवेदिता एक विदेशी महिला थी।
उत्तर:
सत्य
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मार्गेट एलिजाबेथ की शिक्षा कहाँ हुई?
उत्तर:
मार्गेट एलिजाबेथ की शिक्षा लन्दन चर्च के आवासीय विद्यालय में हुई।
प्रश्न 2.
लन्दन आने वाले संन्यासी कौन थे?
उत्तर:
लन्दन आने वाले संन्यासी स्वामी विवेकानन्द थे।
प्रश्न 3.
स्वामी विवेकानन्द ने मार्गेट को क्या नया नाम दिया?
उत्तर:
स्वामी विवेकानन्द ने मार्गेट को नया नाम निवेदिता दिया।
प्रश्न 4.
मार्गेट कौनसी शिक्षण पद्धति से पढ़ाती थी?
उत्तर:
मार्गेट स्वयं द्वारा विकसित शिक्षण पद्धति से पढ़ाती थी।
प्रश्न 5.
बचपन में मार्गेट का लालन-पालन किसने किया?
उत्तर:
बचपन में मार्गेट का लालन-पालन उसके नाना हेमिल्टन ने किया।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत आने से पहले मार्गेट एलिजाबेथ क्या किया करती थी?
उत्तर:
भारत आने से पहले मार्गेट एक विद्यालय में पढ़ाती थी। धर्म में रुचि होने के कारण चर्च की। गतिविधियों में भाग लेती थी और ज्यादातर समय अध्ययन, मनन और सत्य की खोज में लगाती थी।
प्रश्न 2.
स्वामी विवेकानन्द से मिलने के बाद मार्गेट ने भारत आने का निर्णय किया। समझाइये।
उत्तर:
स्वामी विवेकानन्द से मिलने के बाद मार्गेट ने स्वामीजी के प्रवचन सुने, वाद-विवाद, तर्क-वितर्क किया और अपने आपको पूरी तरह संतुष्ट करने के बाद उन्होंने स्वामीजी को अपना आदर्श चुना और स्वामीजी के आग्रह पर उन्होंने भारत आने का निर्णय किया।
प्रश्न 3.
भारतीय महिलाओं के प्रति मार्गेट के क्या विचार थे?
उत्तर:
मार्गेट भारतीय महिलाओं से अत्यधिक प्रभावित थी। वे उन्हें लज्जा, विनम्रता, स्वाभिमान, सेवाभाव, निष्ठावान और ममता की प्रतिमूर्ति मानती थी। भारत की वीर महिलाएँ जैसे लक्ष्मीबाई, अहिल्या बाई इत्यादि से वह अत्यधिक प्रभावित थी।
प्रश्न 4.
भगिनी निवेदिता ने स्वामी विवेकानन्द के साथ भारतीय महिलाओं के लिए क्या-क्या कार्य किये? स्पष्ट करें।
उत्तर:
भगिनी निवेदिता ने स्वामी विवेकानन्द के विचारों और उपदेशों को जन-जन तक पहुँचाया। कलकत्ता में लड़कियों के लिए एक स्कूल आरम्भ किया। उन्होंने छोटी लड़कियों व महिलाओं को पढ़ाने के साथ उन्हें खिलौने बनाना, चित्रकारी आदि का काम सिखाया।
प्रश्न 5.
भगिनी निवेदिता के शिक्षण-कार्य की क्या विशेषता थी?
उत्तर:
भगिनी निवेदिता स्वयं द्वारा विकसित शिक्षण पद्धति से शिक्षा दिया करती थी। वह अधिकांश समय अध्ययन व मनन करती थी और ऐसी शिक्षा देती थी जिससे धर्म के प्रति रुचि जागे तथा शिक्षा ग्रहण करने वाला सत्य की खोज में लग जाए। वे अध्यात्म पर अधिक जोर देती थीं।
प्रश्न 6.
कोलकाता में महामारी फैलने पर भगिनी निवेदिता ने क्या काम किया?
उत्तर:
कोलकाता में महामारी फैलने पर भगिनी निवेदिता ने टोली बनाकर रोगियों की मदद की। उन्होंने दिनरात भूख-प्यास की चिन्ता किये बिना रोगियों की चिकित्सा, सेवा-सफाई आदि कार्य किये। समाचारपत्रों में अपील प्रसारित कर मदद माँगी और धन-संग्रह भी किया।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में भगिनी निवेदिता के योगदान का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर:
भगिनी निवेदिता ने भारतीयों के साथ अंग्रेजों के बर्बरतापूर्ण व्यवहार को देखकर पूरी ताकत के साथ भारत की स्वतन्त्रता का समर्थन किया। अंग्रेज सरकार द्वारा किये गये बंगाल विभाजन को उन्होंने विरोध किया तथा महर्षि अरविन्द के जेल जाने पर उनके ‘कर्मयोगी’ पत्र के लिए सम्पादकीय लिखने का कार्य किया। उन्होंने जगदीशचन्द्र बोस की उपलब्धियों को विश्व-पटल पर रखा। भारतीय महिलाओं को वीरतापूर्ण कार्यों के लिए प्रेरणा दी और देश-सेवा का महत्त्व बताया।
पठित गद्यांश निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(1)
भगिनी निवेदिता ने विवेकानन्द के उपदेशों को जनजन तक पहुँचाने का कार्य करने के साथ-साथ कलकत्ता में लड़कियों का एक स्कूल भी आरम्भ किया। वहाँ छोटी लड़कियों को पढ़ाने-लिखाने के साथ-साथ मिट्टी का काम, चित्रकारी का काम आदि भी सिखाया। जब कलकत्ता में महामारी फैली तो निवेदिता ने टोली बनाकर दिन-रात भूख-प्यास की चिंता किए बिना रोगियों की चिकित्सा, सेवा-सफाई आदि कार्य कर पीड़ितों की मदद की। उन्होंने अंग्रेजी समाचार पत्रों में अपील प्रसारित कर मदद माँगी व धन संग्रह भी किया। वह लेखन कला एवं बोलने में निपुण थी। इस क्षमता का उपयोग कर वह अपनी बात बड़े-बड़े समूहों तक पहुँचाने में सफल रही।
प्रश्न 1.
इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
उत्तर:
‘भगिनी निवेदिता’।
प्रश्न 2.
बालिका शिक्षा के लिए भगिनी निवेदिता का क्या योगदान रहा?
उत्तर:
भगिनी निवेदिता ने बालिका शिक्षा के लिए कलकत्ता में लड़कियों के लिए एक स्कूल आरम्भ किया। उन्होंने छोटी लड़कियों को पढ़ाने के अलावा मिट्टी का काम, चित्रकारी इत्यादि का काम भी सिखाया।
प्रश्न 3.
महामारी फैलने पर भगिनी निवेदिता ने क्या किया?
उत्तर:
कलकत्ता में महामारी फैली तब भगिनी निवेदिता ने टोली बनाकर दिन-रात रोगियों की सेवा-चिकित्सा की। पीड़ितों की मदद की और समाचार पत्रों के माध्यम से उनके लिए धन भी एकत्रित किया।
प्रश्न 4.
‘समाप्त’ शब्द का विलोम शब्द गद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
आरम्भ।
(2)
भगिनी निवेदिता ने जब अंग्रेजों का भारतीयों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार देखा तो वह पूर्ण ताकत के साथ भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई का समर्थन करने लगी। उन्होंने बंगाल विभाजन का विरोध किया। उन्होंने जगदीश चन्द्र बोस की उपलब्धियाँ विश्व पटल पर रखी और महर्षि अरविन्द के जेल जाने के बाद, उनके ‘कर्मयोगी’ पत्र के लिए संपादकीय लिखने का कार्य भी करने लगी।
प्रश्न 1.
इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
उत्तर:
‘स्वतन्त्रता की लड़ाई में भगिनी निवेदिता का योगदान’।
प्रश्न 2.
भगिनी निवेदिता ने भारत की स्वतन्त्रता की लड़ाई का समर्थन क्यों किया?
उत्तर:
अंग्रेजों की भारतीयों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार देखकर भगिनी निवेदिता ने भारत की स्वतन्त्रता की लड़ाई का समर्थन किया।
प्रश्न 3.
भगिनी निवेदिता का योगदान बतलाइये। उत्तर:
उत्तर:
भगिनी निवेदिता ने बंगाल विभाजन का विरोध किया। उन्होंने जगदीशचन्द्र बोस की उपलब्धियाँ विश्व के सामने रखीं तथा ‘कर्मयोगी’ पत्र के लिए। सम्पादकीय लिखने का कार्य भी किया।
प्रश्न 4.
‘विरोध’ शब्द का विलोम शब्द गद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
‘समर्थन’
