RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 3 अपनी वस्तु
RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 3 अपनी वस्तु
Rajasthan Board RBSE Class 5 Hindi Solutions Chapter 3 अपनी वस्तु
पाठ का सार- एक महात्माजी कहीं जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने दो भाइयों को जमीन पर अधिकार के लिए लड़ते हुए देखा। महात्माजी समझ गए कि दोनों बेकार में लड़कर अपने प्राण गॅवा देंगे। उन्होंने उन दोनों को समझाने का निश्चय किया। उन्होंने कहा कि इस भूमि का मालिक कौन है, यह इस भूमि से ही पूछ लेते हैं। दोनों भाई इसके लिए राजी हो गए। महात्माजी ने पहले उन दोनों के घर से भोजन मँगवाया और उन दोनों भाइयों के साथ भोजन किया। उन्होंने भोजन करने में काफी समय लगाया, जिससे उन दोनों का गुस्सा शांत हो सके। भोजन के बाद दोनों भाइयों ने भूमि के मालिक का निर्णय करने के लिए कहा। महात्माजी ने धरती के अपना कान लगाया, जैसे कि वे कुछ सुन रहे हों। इसके बाद उन्होंने उन दोनों भाइयों से कहा कि यह भूमि कह रही है कि वह तुम दोनों में से किसी की नहीं है, हाँ तुम दोनों अवश्य इसके हो ।
इसने तुम्हारी कई पीढ़ियों को पाला हैं और आते-जाते देखा है। यह सुनकर दोनों भाई शर्मिन्दा हो गये। उन दोनों को शांत देखकर महात्माजी ने उन्हें समझाया कि यह जमीन, जायदाद, धन-दौलत आज तक किसी के नहीं हुए। बड़े-बड़े लोग आए और खाली हाथ चले गए। इसलिए तुम लोग भी जमीन के लिए लड़ने के बजाय अच्छे कर्म करो और ईश्वर का स्मरण करो जिससे तुम्हारा लोकपरलोक सुधर सके। दोनों भाइयों ने महात्माजी से क्षमा माँगी और सबके साथ प्रेम से रहने लगे।
कठिन-शब्दार्थ- उद्यत = तैयार। स्वामी = मालिक। स्वामित्व = हक/अधिकार । दलील देना = बात रखना। परोपकारी = दूसरों का भला करने वाला । सदैव = हमेशा। संबोधित करना = कहना। भद्र पुरुष = भला आदमी। फ़रमाया = कहा। डटकर खाना = भरपेट खाना। मस्तिष्क = दिमाग। तत्पश्चात् = उसके बाद। निवृत्त होना = निपटाना/समाप्त करना। हड़पना = गायब कर जाना/अनुचित ढंग से ले लेना । सम्पत्ति = धन-दौलत । मूल्यवान = कीमती। लोक = यह संसार । परलोक = दूसरा लोक, स्वर्ग। अपेक्षा = बजाय । पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर सोचें और बताएँ
प्रश्न 1.
लड़ाई-झगड़ा कौन कर रहे थे?
उत्तर:
दो भाई लड़ाई-झगड़ा कर रहे थे।
प्रश्न 2.
दोनों भाई किसके लिए झगड़ा कर रहे थे?
उत्तर:
दोनों भाई जमीन के स्वामित्व के लिए झगड़ रहे थे।
प्रश्न 3.
दोनों भाइयों को किसने समझाया?
उत्तर:
दोनों भाइयों को एक महात्माजी ने समझाया।
लिखें।
प्रश्न 1.
सही उत्तर का क्रमाक्षर कोष्ठक में लिखें
(क) दोनों भाई क्या कर रहे थे?
(अ) हँसी-मजाक
(ब) लड़ाई-झगड़ा
(स) बातचीत
(द) खाना खा रहे थे
उत्तर:
(ब) लड़ाई – झगड़ा।
(ख) महात्माजी के लिए दोनों भाई क्या लाए?
(अ) सोना
(ब) फल
(स) भोजन
(द) कपड़ा
उत्तर:
(स) भोजन।
प्रश्न 2.
महात्माजी ने झगड़ा रोकने के लिए दोनों | भाइयों को क्या राय दी? ।
उत्तर:
महात्माजी ने उनसे कहा कि जिस भूमि के लिए तुम मरने-मारने पर उतारू हो, उससे ही पूछ| लिया जाए कि उसका असली मालिक कौन है।
प्रश्न 3.
भोजन बनवाकर मँगवाने के पीछे महात्माजी का क्या उद्देश्य था?
उत्तर:
इसके पीछे महात्माजी का उद्देश्य यह था कि दोनों का क्रोध कुछ कम हो जाए, ताकि उन्हें समझायाबुझाया जा सके।
प्रश्न 4.
महात्माजी के अनुसार धरती ने क्या कहा?
उत्तर:
महात्माजी के अनुसार धरती ने यह कहा कि, ये दोनों बेकार में ही मेरे ऊपर अधिकार जमाने के लिए झगड़ रहे हैं, क्योंकि मैं इन दोनों में से किसी की नहीं हूँ। हाँ, ये दोनों अवश्य मेरे हैं।
प्रश्न 5.
दोनों भाई लज्जित क्यों हुए?
उत्तर:
जब महात्माजी ने यह कहा कि यह धरती तुम दोनों की नहीं है, तुम दोनों जरूर इसके हो। इसने तुम्हारी कई पीढ़ियों को पाला है। यह सुनकर दोनों भाई लज्जित हुए।
प्रश्न 6.
महात्माजी ने दोनों भाइयों को क्या समझाया?
उत्तर:
महात्माजी ने उन्हें समझाया कि जिस भूमि के लिए तुम लड़ रहे हो क्या वह आज तक किसी की हुई है ? बड़े-बड़े राजा भी इसे अपना कहकर संसार से खाली हाथ चले गये।
भाषा की बात
पाठ में उद्धृत मुहावरा ‘लाल पीला होना’ का अर्थ ‘अत्यधिक क्रोधित होना है। वाक्य प्रयोग दोनों भाई धरती के स्वामित्व को लेकर लाल पीले हो। रहे थे। इसी प्रकार आप भी नीचे लिखे मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग करें
(1) नौ दो ग्यारह होना ।
(2) पसीना-पसीना होना।
उत्तर:
(1) नौ दो ग्यारह होना-भाग जाना वाक्य प्रयोग-गुरुजी को देख बच्चे मैदान से नौ दो ग्यारह हो गए।
(2) पसीना-पसीना होना-घबरा जाना वाक्य प्रयोग-पुलिस को देखकर लुटेरा पसीनापसीना हो गया।
यह भी करें
किसने क्या-क्या कहा?
उत्तर:
भाई ने भाई से यह भूमि मेरी है, मैं इसका स्वामी हूँ। महात्मा ने भाइयों से-हे भद्र पुरुषों ! तुम लोग कौन हो और आपस में झगड़ा क्यों कर रहे हो?
भूमि ने महात्मा से-ये दोनों व्यर्थ ही मेरे ऊपर अधिकार जमाने के लिए झगड़ा कर रहे हैं, क्योंकि मैं इन दोनों में से किसी की भी नहीं हूँ। हाँ! ये दोनों अवश्य मेरे हैं।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठ
प्रश्न 1.
दोनों भाई किस चीज के लिए झगड़ रहे थे?
(अ) ज़मीन के लिए
(ब) सोना के लिए।
(स) पैसे के लिए
(द) भोजन के लिए
उत्तर:
(अ) ज़मीन के लिए
प्रश्न 2.
दोनों भाइयों को किसने समझाया?
(अ) मुखिया ने
(ब) लोगों ने
(स) महात्माजी ने
(द) राजा ने
उत्तर:
(स) महात्माजी ने
प्रश्न 3.
महात्माजी ने किससे पूछकर निर्णय करने को कहा?
(अ) लोगों से
(ब) भूमि से
(स) पुलिस से
(द) घरवालों से
उत्तर:
(ब) भूमि से
प्रश्न 4.
महात्माजी की बात सुनकर दोनों भाई क्या हुये
(अ) भाग गये
(ब) लड़ने लगे।
(स) बैठ गये
(द) लज्जित हुए
उत्तर:
(द) लज्जित हुए
रिक्त स्थान भरो
उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थान की पूर्ति करो
(दयालु, गुस्सैल, शांत भाव, महात्माजी, रौब, भोजन)
1. एक …………… कहीं जा रहे थे।
2. महात्माजी ने ………….. से फरमाया।
3. संत महात्मा स्वभाव से ………. और परोपकारी | होते हैं।
4. दोनों भाई अपने घर से …………. लेकर आये।
उत्तर:
1. महात्माजी,
2. शांत भाव,
3. दयालु
4. भोजन।
निम्न में से सत्य/असत्य कथन बतलाइये
प्रश्न 1.
रास्ते में दो व्यक्ति हँस रहे थे।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 2.
महात्माजी ने समझा-बुझाकर शांत करने का प्रयास किया।
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 3.
महात्माजी ने कहा कि निर्णय राजा से पूछकर करेंगे।
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 4.
जब दोनों भोजन से निवृत्त हुए तो काफी अशांत थे।
उत्तर:
असत्य
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
महात्माजी ने मार्ग में क्या देखा?
उत्तर:
महात्माजी ने मार्ग में देखा कि दो व्यक्ति आपस में झगड़ रहे थे।
प्रश्न 2.
संत महात्मा स्वभाव से कैसे होते हैं?
उत्तर:
संत महात्मा स्वभाव से दयालु और परोपकारी होते हैं।
प्रश्न 3.
दोनों भाई किस बात पर झगड़ रहे थे?
उत्तर:
दोनों भाई पिता से प्राप्त भूमि के बँटवारे को | लेकर झगड़ रहे थे।
प्रश्न 4.
महात्माजी ने किसके साथ भोजन किया?
उत्तर:
महात्माजी ने दोनों भाइयों के साथ भोजन किया।
प्रश्न 5.
अंत में दोनों भाइयों ने कैसे क्षमा माँगी?
उत्तर:
दोनों भाइयों ने महात्माजी के चरणों में गिरकर अपनी भूल के लिए क्षमा माँगी।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
दोनों भाइयों को लड़ता देखकर महात्मा | जी ने मन में क्या विचार किया?
उत्तर:
महात्माजी ने मन में विचार किया कि दोनों | लड़ाई-झगड़ा कर अपने प्राण गंवाने पर उतारू हैं।
अतः इन्हें समझा-बुझाकर समझौता कराने का प्रयास करना चाहिए।
प्रश्न 2.
जब दोनों भाई भोजन लेकर आ गए तो | महात्माजी ने क्या किया?
उत्तर:
महात्माजी ने उन दोनों को बैठने के लिए कहा। फिर उन्होंने भोजन के तीन भाग किए और दोनों भाइयों को भोजन करने का आदेश देकर स्वयं भी भोजन करने लगे।
प्रश्न 3.
“महाराज! भूमि क्या कह रही है?” इसका महात्माजी ने क्या उत्तर दिया?
उत्तर:
इसका महात्माजी ने उत्तर दिया कि यह भूमि कहती है कि ये दोनों व्यर्थ ही मेरे ऊपर अपना अधिकार जमाने के लिए झगड़ रहे हैं क्योंकि मैं इन दोनों को नहीं जानती। महात्माजी ने कहा कि वैसे भी भूमि पर किसी का भी अधिकार नहीं रहता है। इस संसार से सब खाली हाथ जाते हैं।
प्रश्न 4.
महात्माजी के समझाने का दोनों भाइयों पर क्या असर पड़ा? मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर:
महात्माजी के समझाने का उन पर यह असर पडा कि वे उस दिन से सबके साथ प्रेम का व्यवहार करने लगे। वे अपना समय भक्ति-भजन और अच्छे कामों में लगाने लगे। इस तरह वे अपना जीवन सफल । बनाने की कोशिश करने लगे।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
महात्माजी ने दोनों भाइयों को क्या उपदेश दिया?
उत्तर:
महात्माजी ने कहा कि संसार में जितने भी पदार्थ, धन-सम्पत्ति हैं इनमें से कुछ भी तुम्हारा नहीं है। तुम्हारी अपनी वस्तु केवल भजन, भक्ति और अच्छे | कर्म हैं। अतः लड़ने की बजाय अच्छे काम करो, ईश्वर की भक्ति करो। जिससे तुम्हारा लोक-परलोक सुधर जाए।
प्रश्न 2.
‘अपनी वस्तु’ पाठ से क्या शिक्षा मिलती है? लिखिए।
उत्तर:
‘अपनी वस्तु’ पाठ ऐसी कहानी है, जिसमें लोभ-लालच एवं क्रोध न करके सन्तोष रखने का सन्देश दिया गया है। इस पाठ से शिक्षा मिलती है कि यह धरती, जमीन-जायदाद या पिता की सम्पत्ति भले ही अपनी वस्तु है, परन्तु इसके लिए लड़ना-झगड़ना ठीक नहीं है। मनुष्य का जीवन अनमोल है। इसे अच्छे कामों में लगाना चाहिए और सम्पत्ति के लिए आपसी प्रेम को हानि नहीं पहुँचानी चाहिए। अच्छा व्यवहार और प्रेम-भाव जीवन की सबसे महत्त्वपूर्ण सम्पत्ति है।
पठित गद्यांश
निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए|
( 1 )
दोनों भाई घर गए और अपने-अपने घर से भोजन बनवाकर ले आए। महात्मा जी ने उन दोनों को बैठ जाने को कहा। तत्पश्चात् उन्होंने भोजन के तीन भाग किए और दोनों भाइयों को भोजन करने का आदेश देकर स्वयं भी भोजन करने लगे। इस प्रकार ऊपर की सब बातचीत तथा भोजनादि में लगभग दो घंटे लग गए। महात्मा जी की इस समस्त कार्यवाही का उद्देश्य केवल यह था कि दोनों का क्रोध कुछ कम हो जाए, ताकि उन्हें समझाया-बुझाया जा सके और हुआ भी यही। वे दोनों जब भोजन से निवृत्त हुए, तो काफी शांत थे।
प्रश्न 1.
इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
उत्तर:
‘महात्मा जी एवं दो भाई’।
प्रश्न 2.
भोजन कौन बनवाकर लाया था तथा कहाँ से?
उत्तर:
भोजन दोनों भाई अपने-अपने घर से बनवाकर लाये थे।
प्रश्न 3.
महात्मा जी की कार्यवाही का क्या उद्देश्य था?
उत्तर:
महात्मा जी की कार्यवाही का उद्देश्य दोनों भाइयों का गुस्सा कम करना था ताकि उन्हें समझाया-बुझाया जा सके।
प्रश्न 4.
अशांत’ शब्द का विलोम शब्द गद्यांश में से हूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
‘शांत’।
(2)
तुम लोग भूमि के इस छोटे से टुकड़े के लिए झगड़ा करके अपने अनमोल जीवन को नष्ट करने पर क्यों तुले हुए हो? यह भूमि न तुम्हारी है और न ही तुम्हारी बनेगी। भूमि ही क् संसार के जितने भी पदार्थ हैं, धन-सम्पत्ति है, मकान आदि हैं इनमें से कुछ भी तुम्हारा नहीं है। तुम्हारी अपनी वस्तु तो केवल भजनभक्ति और तुम्हारे अच्छे कर्म है। जो लोक-परलोक के संगी-साथी हैं, शेष सब कुछ तो यहीं रह जाता है। अतएव आपस में लड़ने-झगड़ने और मनुष्य-जन्म के मूल्यवान् समय को व्यर्थ नष्ट करने की अपेक्षा जीवन को अच्छे कर्मों और नाम-सुमिरण में लगाओ, ताकि तुम्हारा लोक-परलोक सँवर जाए।
प्रश्न 1.
इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
उत्तर:
‘अपनी वस्तु’।
प्रश्न 2.
तुम्हारी अपनी वस्तु क्या है?
उत्तर:
हमारी अपनी वस्तु तो केवल भजन-भक्ति तथा 1 हमारे अच्छे कर्म हैं।
प्रश्न 3.
लोक-परलोक किस प्रकार संवरता है?
उत्तर:
आपस में लड़ने-झगड़ने और मनुष्य-जन्म के मूल्यवान समय को व्यर्थ नष्ट करने की अपेक्षा जीवन को अच्छे कर्मों और नाम-सुमिरण में लगाने से लोक-परलोक सँवरता है।
प्रश्न 4.
‘बुरे’ शब्द का विलोम शब्द गद्यांश में से हूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
‘अच्छे’।
