UK Board 10th Class Science – Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण
UK Board 10th Class Science – Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण
UK Board Solutions for Class 10th Science – विज्ञान – Chapter 5 तत्वों का आवर्त वर्गीकरण
अध्याय के अन्तर्गत दिए गए प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. क्या डॉबेराइनर के त्रिक न्यूलैण्ड्स के अष्टक के स्तम्भ में भी पाए जाते हैं? तुलना करके पता कीजिए ।
उत्तर : हाँ, डॉबेराइनर के त्रिक न्यूलैण्ड्स के अष्टक के स्तम्भ में भी पाए जाते हैं।
(i) त्रिक – Li, Na तथा K न्यूलैण्ड अष्टकों के ‘रे’ स्तम्भ में उपस्थित हैं।
(ii) त्रिक — Ca, Sr तथा Ba न्यूलैण्ड अष्टकों के ‘गा’ स्तम्भ में उपस्थित हैं।
(iii) त्रिक—Cl, Br तथा I न्यूलैण्ड अष्टकों के ‘सा’ स्तम्भ में उपस्थित हैं।
निष्कर्षतः डॉबेराइनर तथा न्यूलैण्ड दोनों वर्गीकरण प्रदर्शित करते हैं कि त्रिकों के गुण एकसमान होते हैं।
प्रश्न 2. डॉबेराइनर के वर्गीकरण की क्या सीमाएँ हैं?
उत्तर : डॉबेराइनर के वर्गीकरण की सीमाएँ ये थीं कि यह वर्गीकरण उस समय ज्ञात तत्वों में से केवल तीन त्रिकों को निर्धारित करने में ही सफल रहा; अत: यह वर्गीकरण सर्वमान्य नहीं हो सका।
प्रश्न 3. न्यूलैण्ड्स के अष्टक सिद्धान्त की क्या सीमाएँ हैं?
उत्तर : न्यूलैण्ड्स के अष्टक नियम की सीमाएँ निम्नलिखित हैं-
(i) यहळेवर्गीकरण केवल कैल्सियम तक ही मान्य था चूँकि कैल्सियम के बाद आने वाले प्रत्येक आठ तत्व, पहले तत्व के समान गुण प्रदर्शित नहीं करते थे।
(ii) बाद में खोजे गए अनेक नए तत्वों के गुण अष्टक नियम के अनुसार इसमें व्यवस्थित नहीं हो सके।
(iii) न्यूलैण्ड ने एकसमान तत्वों को एक ही स्थान पर रखा परन्तु कुछ असमान तत्वों को भी एक ही ‘स्वर’ (स्तम्भ) के अन्तर्गत रखा। उदाहरणार्थ—कोबाल्ट तथा निकिल को एक ही स्थान पर रखा गया है परन्तु इन्हें फ्लुओरीन, क्लोरीन तथा ब्रोमीन के साथ एक ही स्तम्भ ‘सा’ के अन्तर्गत रखा गया है जबकि कोबाल्ट तथा निकिल के गुण फ्लुओरीन, क्लोरीन तथा ब्रोमीन से सर्वथा भिन्न हैं। दूसरी ओर आयरन, जो कि गुणों में कोबाल्ट तथा निकिल के समान है, को इनसे दूर ‘नी’ स्तम्भ में रखा गया है।
प्रश्न 4. मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी का उपयोग कर निम्नलिखित तत्वों के ऑक्साइड के सूत्र का अनुमान कीजिए-
K, C, Al, Si, Ba
उत्तर :
तत्व | ऑक्साइडों के सूत्र |
K
C
Al
Si
Ba
|
K2O
CO2
Al2O3
SiO2
BaO
|
प्रश्न 5. गैलियम के अतिरिक्त, अब तक कौन-कौन से तत्वों का पता चला है जिसके लिए मेण्डेलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में खाली स्थान छोड़ दिया था? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर : स्कैण्डियम तथा जर्मेनियम ।
प्रश्न 6. मेण्डेलीफ ने अपनी आवर्त सारणी तैयार करने के लिए कौन-सा मापदण्ड अपनाया?
उत्तर : मेण्डेलीफ द्वारा अपनी आवर्त सारणी बनाते समय निम्नलिखित मापदण्डों का प्रयोग किया गया था-
(क) परमाणु भारों का बढ़ता क्रम,
(ख) रासायनिक गुणों की समानता ।
प्रश्न 7. आपके अनुसार उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में क्यों रखा गया?
उत्तर: उत्कृष्ट गैसों को एक पृथक् समूह में रखा जाता है क्योंकि ये अक्रिय होती हैं तथा अन्य तत्वों अथवा यौगिकों से अभिक्रिया नहीं करतीं।
प्रश्न 8. आधुनिक आवर्त सारणी द्वारा किस प्रकार से मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी की विविध विसंगतियों को दूर किया गया?
उत्तर : मेण्डलीफ की आवर्त सारणी की विभिन्न विसंगतियों का निराकरण
सन् 1913 में मोज़ले ने सिद्ध कर दिया कि परमाणु का आधारभूत गुण परमाणु क्रमांक है न कि परमाणु भार । आवर्ती वर्गीकरण का आधार परमाणु क्रमांक मानकर आधुनिक आवर्त सारणी तैयार की गई। इससे मेण्डेलीफ आवर्त सारणी की बहुत-सी विसंगतियाँ दूर हो गई हैं।
(i) हाइड्रोजन का स्थान — हाइड्रोजन परमाणु प्रथम समूह के तत्वों की तरह एक इलेक्ट्रॉन खोकर तथा सप्तम समूह के तत्वों की तरह एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके संयोग करता है; अतः इसको प्रथम तथा सप्तम समूह में रखना न्यायोचित है।
(ii) दुर्लभ मृदा तत्वों का स्थान – सभी मृदा तत्वों को एक ही स्थान पर रखा गया है, क्योंकि इनकी बाह्यतम कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान है।
(iii) समस्थानिकों का स्थान – एक ही तत्व के सभी समस्थानिकों का परमाणु क्रमांक समान होता है; अत: इन्हें एक ही स्थान पर रखा जाना उचित है।
(iv) भारी तत्वों को हल्के तत्वों से पहले रखना – परमाणु भार के आधार पर जो भारी तत्व हल्के तत्व से पहले आते हैं, उनका स्थान परमाणु क्रमांक के आधार पर उचित है; जैसे – आर्गन (Ar ) का परमाणु भार 39-84 तथा परमाणु क्रमांक 18 है, जो पोटैशियम (K) के परमाणु भार 39·1 तथा परमाणु क्रमांक 19 से पहले रखना न्यायसंगत है।
(v) असमान तत्वों को एक ही समूह में रखना – मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी में I-A ( क्षार धातुएँ) तथा I-B (सिक्का धातुएँ) को एक ही समूह में रखा गया है, जबकि इनके गुणों में भिन्नता पाई जाती है। आधुनिक आवर्त सारणी में I-A और IB पृथक्-पृथक् माने गए हैं तथा इन्हें परस्पर दूर रखा गया है।
प्रश्न 9. मैग्नीशियम की तरह रासायनिक अभिक्रियाशीलता दिखाने वाले दो तत्वों के नाम लिखिए। आपके चयन का क्या आधार है?
उत्तर : बेरिलियम तथा कैल्सियम, मैग्नीशियम के समान रासायनिक अभिक्रियाएँ प्रदर्शित करते हैं। हमारे चयन का आधार यह है कि ये क वर्ग से सम्बन्धित हैं तथा सभी के बाह्यतम कोशों में इलेक्ट्रॉनों की समान | संख्या (अर्थात् 2 ) है; इसलिए ये समान रासायनिक गण प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 10. के नाम बताइए-
(a) तीन तत्वों जिनके सबसे बाहरी कोश में एक इलेक्ट्रॉन उपस्थित हो ।
(b) दो तत्वों जिनके सबसे बाहरी कोश में दो इलेक्ट्रॉन उपस्थित हों।
(c) तीन तत्वों जिनका बाहरी कोश पूर्ण हों।
उत्तर : (a) लीथियम, सोडियम, पोटैशियम ।
(b) मैग्नीशियम, कैल्सियम ।
(c) हीलियम, निऑन, आर्गन ।
प्रश्न 11. (a) लीथियम, सोडियम, पोटैशियम, ये सभी धातुएँ जल से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस मुक्त करती हैं। क्या इन तत्वों के परमाणुओं में कोई समानता है?
(b) हीलियम एक अक्रियाशील गैस है जबकि निऑन की अभिक्रियाशीलता अत्यन्त कम है। इनके परमाणुओं में कोई समानता है?
उत्तर : (a) लीथियम, सोडियम, पोटैशियम वर्ग 1 से सम्बन्धित हैं। इन सभी तत्वों के परमाणुओं के बाह्यतम कोश में एक इलेक्ट्रॉन होता है।
(b) हीलियम तथा निऑन दोनों अक्रिय गैसें हैं तथा इनके बाह्यतम कक्ष पूर्ण हैं।
प्रश्न 12. आधुनिक आवर्त सारणी में पहले दस तत्वों में कौन-सी धातुएँ हैं?
उत्तर : लीथियम, बेरिलियम ।
प्रश्न 13. आवर्त सारणी में इनके स्थान के आधार पर इनमें से किस तत्व में सबसे अधिक धात्विक अभिलक्षण की विशेषता है?
Ga, Ge, As, Se, Be.
उत्तर : Ga; चूँकि धात्विक गुण बाएँ से दाएँ घटता है । दिए गए तत्वों की आवर्त सारणी में ऐसी स्थिति के अनुसार Ga धातु है, Ge तथा As उपधातु हैं तथा Se, Be अधातु हैं। स्पष्ट है Ga में धात्विक गुण सर्वाधिक हैं।
अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. आवर्त सारणी में बाईं से दाईं ओर जाने पर, प्रवृत्तियों के बारे में कौन-सा कथन असत्य है ?
(a) तत्वों की धात्विक प्रकृति घटती है।
(b) संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ जाती है।
(c) परमाणु आसानी से इलेक्ट्रॉन का त्याग करते हैं।
(d) इसमें ऑक्साइड अधिक अम्लीय हो जाते हैं।
उत्तर : (c) परमाणु आसानी से इलेक्ट्रॉन का त्याग करते हैं।
प्रश्न 2. तत्व X, XCl2 सूत्र वाला एक क्लोराइड बनाता है जो एक ठोस है तथा जिसका गलनांक अधिक है। आवर्त सारणी में यह तत्व सम्भवतः किस समूह के अन्तर्गत होगा?
(a) Na
(b) Mg
(c) Al
(d) Si
उत्तर : (b) Mg
प्रश्न 3. किस तत्व में-
(a) दो कोश हैं तथा दोनों इलेक्ट्रॉनों से पूर्ण हैं?
(b) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 2 है ?
(c) कुल तीन कोश हैं तथा संयोजकता कोश में चार इलेक्ट्रॉन हैं?
(d) कुल दो कोश हैं तथा संयोजकता कोश में तीन इलेक्ट्रॉन हैं?
(e) दूसरे कोश में पहले कोश से दोगुने इलेक्ट्रॉन हैं?
उत्तर : (a) निऑन (Ne)।
(b) मैग्नीशियम (Mg)।
(c) सिलिकन (Si) ।
(d) बोरॉन (B)।
(e) कार्बन (C)।
प्रश्न 4. (a) आवर्त सारणी में बोरॉन के स्तम्भ के सभी तत्वों के कौन-से गुणधर्म समान हैं?
(b) आवर्त सारणी में फ्लुओरीन के स्तम्भ के सभी तत्वों के कौन-से गुणधर्म समान हैं?
उत्तर : (a) बोरॉन की भाँति, आवर्त सारणी के समान स्तम्भ में सभी तत्वों के बाह्यतम कोशों में तीन इलेक्ट्रॉन होते हैं अर्थात् इनकी संयोजकता तीन होती है।
(b) फ्लुओरीन की भाँति, आवर्त सारणी के समान स्तम्भ में सभी तत्वों के बाह्यतम कोशों में सात इलेक्ट्रॉन होते हैं तथा ये हैलोजन कहलाते हैं। इन सभी की संयोजकता 1 होती है।
प्रश्न 5. एक परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 7 है।
(a) इस तत्व की परमाणु संख्या क्या है?
(b) निम्न में किस तत्व के साथ इसकी रासायनिक समानता होगी ? (परमाणु संख्या कोष्ठक में दी गई है। )
N(7) F(9) P(15) Ar(18)
उत्तर : (a) तत्व की परमाणु संख्या 17 है।
(b) यह रासायनिक रूप से F(9) के समान होगा।
प्रश्न 6. आवर्त सारणी में तीन तत्व A, B तथा C की स्थिति निम्न प्रकार है-
वर्ग 16 वर्ग 17
— —
— A
— —
B —
अब बताइए कि –
(a) A धातु है या अधातु ?
(b) A की अपेक्षा C अधिक अभिक्रियाशील है या कम?
(c) C का साइज B बड़ा होगा या छोटा ?
(d) तत्व A, किस प्रकार के आयन, धनायन या ऋणायन बनाएगा ।
उत्तर : (a) A अधातु है ।
(b) A की तुलना में C कम अभिक्रियाशील है।
(c) B की तुलना में C छोटा होगा ।
(d) तत्व A ऋणायन बनाएगा।
प्रश्न 7. नाइट्रोजन ( परमाणु संख्या 7 ) तथा फॉस्फोरस ( परमाणु संख्या 15 ) आवर्त सारणी के समूह 15 के तत्व हैं। इन दोनों तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए। इनमें से कौन-सा तत्व अधिक ऋण विद्युत होगा एवं क्यों?
उत्तर : नाइट्रोजन (7) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : 2, 5
फॉस्फोरस (15) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : 2, 8, 5
नाइट्रोजन अधिक विद्युत ऋणात्मक होगा क्योंकि किसी वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर विद्युत ऋणात्मकता घटती है।
प्रश्न 8. तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास का आधुनिक आवर्त सारणी में तत्व की स्थिति से क्या सम्बन्ध है?
उत्तर : किसी परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास आधुनिक आवर्त सारणी में इसकी स्थिति से इस प्रकार सम्बन्धित होता है कि जिन परमाणुओं के बाह्यतम कोशों में इलेक्ट्रॉनों की समान संख्या होती है, उन्हें समान वर्ग में रखा जाता है।
जब हम किसी आवर्त में बाएँ से दाएँ चलते हैं, तब संयोजकता कोश इलेक्ट्रॉनों की संख्या एक इकाई बढ़ जाती है चूँकि परमाणु क्रमांक एक इकाई बढ़ जाता है।
प्रश्न 9. आधुनिक आवर्त सारणी में, कैल्सियम (परमाणु संख्या 20 ) के चारों ओर 12, 19, 21 तथा 38 परमाणु संख्या वाले स्थित हैं। इनमें से किन तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म कैल्सियम के समान हैं?
उत्तर : परमाणु संख्या 19 तथा 21 वाले तत्वों के भौतिक गुण कैल्सियम के समान होते हैं तथा परमाणु संख्या 12 तथा 38 वाले तत्वों के रासायनिक गुण कैल्सियम के समान होते हैं।
प्रश्न 10. आधुनिक आवर्त सारणी एवं मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी में तत्वों की व्यवस्था की तुलना कीजिए ।
उत्तर :
क्र०सं० | मेण्डेलीफ आवर्त सारणी | आधुनिक आवर्त सारणी |
1. | तत्वों को परमाणु भारों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित किया गया है। | तत्वों को परमाणु क्रमांकों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित किया गया है। |
2. | इसमें 9 ऊर्ध्वाधर स्तम्भ हैं जिन्हें वर्ग कहते हैं। | इसमें 18 ऊर्ध्वाधर स्तम्भ है जिन्हें वर्ग कहते हैं। |
3. | इसमें संक्रमण तत्वों को वर्ग VIII में एक साथ रखा गया है। | इसमें संक्रमण तत्वों को दीर्घ आवर्तों के मध्य में स्थित किया गया है । |
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
- विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए-
(i) मेण्डेलीफ की मूल आवर्त सारणी की उपयोगिताएँ ।
(ii) मेण्डेलीफ की मूल आवर्त सारणी के दोष ।
उत्तर : (i) मेण्डेलीफ की मूल आवर्त सारणी की उपयोगिताएँ
मेण्डेलीफ की मूलं आवर्त सारणी की प्रमुख उपयोगिताएँ निम्नलिखित हैं—
(i) तत्वों के सरल अध्ययन में उपयोग – आवर्त सारणी से किसी तत्व विशेष का अध्ययन करने से ही उस वर्ग के सभी तत्वों का अध्ययन सरल हो जाता है; क्योंकि एक ही वर्ग में उपस्थित सभी तत्वों के गुणों में पारस्परिक समानता होती है।
(ii) परमाणु भार ज्ञात करने में उपयोग — मेण्डेलीफ की मूल आवर्त सारणी कई तत्वों के गलत परमाणु भारों को सही करने में उपयोगी सिद्ध हुई है; जैसे— सन् 1869 से पहले बेरिलियम का परमाणु भार 13.5 माना जाता था; क्योंकि बेरिलियम के कुछ गुण विकर्ण सम्बन्ध द्वारा Al के समान पाए जाते हैं जिसके कारण बेरिलियम को त्रि-संयोजक माना गया। इसके आधार पर उसका परमाणु भार तुल्यांकी भार 4.5 की सहायता से 13.5 माना गया।
परमाणु भार = तुल्यांकी भार × संयोजकता
= 4·5 × 3 = 13·5
इस परमाणु भार के आधार पर बेरिलियम का स्थान मेण्डेलीफ आवर्त सारणी में कार्बन (12 – 011) के बाद तथा नाइट्रोजन (14-007) से पहले आना चाहिए, परन्तु इनके बीच में कोई स्थान न होने के कारण मेण्डेलीफ ने इसके परमाणु भार को सही किया। Mg के साथ गुणों में समानता के आधार पर इसे द्वि-संयोजक माना; अतः इसका परमाणु भार = 4·5 × 2 = 9 निकाला। इस परमाणु भार के आधार पर उसे Li (6·939) के बाद तथा B (10·81) से पहले समूह II में रखा गया। इस प्रकार मेण्डेलीफ की मूल आवर्त सारणी गलत परमाणु भारों को सही तत्व करने में उपयोगी सिद्ध हुई ।
(iii) नए तत्वों की खोज में उपयोग – मेण्डेलीफ ने अपनी मूल तत्वों से सम्बन्धित थे जिनकी खोज तब तक नहीं हुई थी। बाद में जब इन नए सारणी में नए तत्वों के लिए कई रिक्त स्थान छोड़ दिए थे। ये रिक्त स्थान उन तत्वों की खोज हुई तो ज्ञात हुआ कि उनके गुण मेण्डेलीफ द्वारा वर्णित गुणों के लगभग समान थे। स्कैण्डियम ( 44.96), गैलियम (69-72) तथा जर्मेनियम (72.59) इसके उदाहरण हैं। इस प्रकार मेण्डेलीफ की मूल आवर्त सारणी से नए तत्वों की खोज तथा अनुसन्धान में सहायता मिली है।
(ii) मेण्डेलीफ की मूल आवर्त सारणी के दोष
मेण्डलीफ की मूल आवर्त सारणी के प्रमुख दोष निम्नलिखित माने जाते हैं-
(i) हाइड्रोजन का स्थान (Position of Hydrogen) — इस सारणी में हाइड्रोजन को प्रथम समूह में क्षार धातुओं के साथ उनके समान धन- विद्युती गुण के कारण तथा सप्तम समूह में हैलोजेन के साथ उनके समान ऋण विद्युती गुण के कारण दो स्थानों पर रखा गया है, परन्तु हाइड्रोजन को दोनों समूहों (प्रथम तथा सप्तम) में रखा जाना दोषपूर्ण है।
(ii) असमान गुणों वाले तत्वों को एक ही समूह में रखना – इस सारणी में तत्वों को गुणों की समानता के आधार पर एक साथ रखा गया है, फिर भी कुछ तत्व ऐसे हैं जिनके गुणों में असमानताएँ हैं। दूसरे शब्दों में, कुछ तत्व भिन्न-भिन्न गुणों वाले होते हुए भी एक समूह में रखे गए हैं; जैसे – I-A के तत्वों ( क्षार धातुएँ) तथा I-B के तत्वों (सिक्का धातुएँ) को एक ही समूह में रखा गया है, जबकि इनके गुणों में भिन्नता है।
(iii) समान गुणों वाले तत्वों को भिन्न-भिन्न समूहों में रखना – मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी में समान गुण वाले तत्वों को भिन्न-भिन्न स्थानों पर रखा गया है; जैसे – Pt (195.09) तथा Au (196-97) के गुणों में समानताएँ हैं, फिर भी उन्हें आठवें तथा पहले समूह में भिन्न-भिन्न रखा गया है। इसके अतिरिक्त कॉपर व पारा; बेरियम व लेड इत्यादि के गुण समान होते हुए भी उन्हें भिन्न-भिन्न समूहों में रखा गया है।
(iv) भारी तत्वों को हल्के तत्वों से पहले रखना – मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी में कुछ भारी तत्वों को हल्के तत्वों से पहले रखा गया है; जैसे-
(क) कोबाल्ट (परमाणु भार = 58·93), निकिल ( परमाणु भार = 58 · 71 ) से पहले रखा गया है।
(ख) टेल्यूरियम ( परमाणु भार = 127 · 6), आयोडीन ( परमाणु भार = 126 · 9) से पहले रखा गया है।
मेण्डेलीफ की मूल आवर्त सारणी में परमाणु भारों के बढ़ते हुए क्रम में इस प्रकार के परिवर्तन मेण्डेलीफ के मूल आवर्त नियम के विपरीत हैं।
(v) दुर्लभ मृदा तत्वों का स्थान (Position of Rare earth | elements) – दुर्लभ मृदा तत्वों के रासायनिक गुणों में समानताएँ हैं, परन्तु इनके परमाणु भार भिन्न हैं। फिर भी इन 14, 14 तत्वों को तीसरे उपसमूह B (छठे आवर्त) में एक साथ रखा गया है जो उचित नहीं है ।
(vi) समस्थानिकों का स्थान (Position of Isotopes)— समस्थानिकों तथा समभारिकों की खोज से यह स्पष्ट हो गया कि तत्वों का मूल लक्षण उनका परमाणु भार नहीं होता। समस्थानिकों के परमाणु भार भिन्न होते हैं, परन्तु उनके गुण समान होते हैं। समभारिकों के परमाणु भार समान होते हैं, परन्तु उनके गुण भिन्न होते हैं। अतः मेण्डेलीफ की मूल आवर्त सारणी में समस्थानिकों का स्थान निश्चित नहीं है।
(vii) आठवें समूह के तत्वों को तीन ऊर्ध्वाधर स्तम्भों में रखा जाना ।
प्रश्न 2. आधुनिक आवर्त सारणी क्या है? इस सारणी द्वारा मेण्डेलीफ की मूल आवर्त सारणी की विसंगतियों का निराकरण किस प्रकार किया गया?
उत्तर : आधुनिक आवर्त सारणी
मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी में धीरे-धीरे अनेक सुधार किए गए। मोजले (Mosley) ने 1913 ई० में परमाणु क्रमांक (Atomic number) की खोज करने के पश्चात् यह सिद्ध किया कि परमाणु का आधारभूत गुण परमाणु क्रमांक है न कि परमाणु भार । उन्होंने परमाणु . क्रमांक का तत्वों के गुणधर्मों से सीधा सम्बन्ध बताते हुए एक नियम प्रतिपादित किया। इसे आधुनिक आवर्त नियम कहा जाता है। इस नियम के अनुसार, तत्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुण उनके परमाणु क्रमांकों के आवर्ती फलन होते हैं (“The Physical and Chemical properties of elements are a periodic function of their atomic numbers.”)।
इस कथन से यह अभिप्राय है कि तत्वों को उनके परमाणु क्रमांकों के बढ़ते हुए क्रम से क्षैतिज पंक्तियों में व्यवस्थित करने पर एक नियमित अन्तर से गुणों की पुनरावृत्ति होती है अर्थात् गुणों की आवर्तिता प्रदर्शित होती है।
सन् मेण्डेलीफ के आधुनिक आवर्त नियम के आधार पर मोजले ने 1913 में तत्वों को उनके परमाणु क्रमांकों के बढ़ते हुए क्रम में रखकर एक सारणी बनाई जिसे मेण्डेलीफ की आधुनिक आवर्त सारणी कहते हैं।
मेण्डेलीफ की आधुनिक आवर्त सारणी द्वारा मूल आवर्त सारणी की विसंगतियों का निराकरण
आधुनिक आवर्त नियम के आधार पर मेण्डेलीफ की मूल आवर्त सारणी में पाई जाने वाली अनेक विसंगतियाँ दूर हो गईं। इनका विवरण निम्नवत् है—
(i) हाइड्रोजन का स्थान (Position of Hydrogen)— हाइड्रोजन परमाणु पहले समूह के तत्वों की भाँति एक इलेक्ट्रॉन खोकर तथा सातवें समूह के तत्वों की भाँति एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके संयोजन करता है; अत: इसको प्रथम तथा सातवें समूह में रखना न्यायोचित है।
(ii) दुर्लभ मृदा तत्वों का स्थान (Position of Rare Earth Elements)—सभी मृदा तत्वों को एक ही स्थान पर रखा गया है; क्योंकि इन सभी तत्वों के गुणों में समानताएँ हैं ।
(iii) समस्थानिकों का स्थान (Position of Isotopes)—एक – ही तत्व के सभी समस्थानिकों का परमाणु क्रमांक समान होता है; अत: इन्हें एक ही स्थान पर रखा जाना उचित है।
(iv) भारी तत्वों को हल्के तत्वों से पहले रखना – परमाणु भार के आधार पर जो भारी तत्व हल्के तत्व से पहले आते हैं, उनका स्थान परमाणु क्रमांक के आधार पर उचित है; जैसे – आर्गन (Ar ) का परमाणु भार 39-84 तथा परमाणु क्रमांक 18 है; अत: इसे पोटैशियम (K) परमाणु भार 39-1 तथा परमाणु क्रमांक 19 से पहले रखना न्यायसंगत है।
(v) असमान तत्वों को एक ही समूह में रखना (Dissimilar elements placed together ) – मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी में I-A के तत्वों (क्षार धातुएँ) तथा I-B के तत्वों (सिक्का धातुएँ) को एक ही समूह में रखा गया है, जबकि इनके गुणों में भिन्नता पाई जाती है। आधुनिक आवर्त सारणी में I-A के तत्व और I-B के तत्व पृथक् पृथक् माने गए हैं तथा इन्हें परस्पर दूर रखा गया है।
(vi) अक्रिय गैसों के लिए स्थान – मेण्डेलीफ की मूल आवर्त सारणी में अक्रिय गैसों के लिए कोई उपयुक्त स्थान नहीं था। आधुनिक आवर्त सारणी में परमाणु क्रमांक के बढ़ते क्रम में इन तत्वों के लिए उपयुक्त स्थान मिल जाता है।
प्रश्न 3. परमाण्वीय त्रिज्या, आयन ऊर्जा एवं इलेक्ट्रॉन बन्धुता पदों की परिभाषा दीजिए। उन इकाइयों को दीजिए जिनमें उपर्युक्त पदों को मापा जाता है। सामान्यतः वर्गों एवं आवर्तों में इनमें किस प्रकार से विभिन्नता प्रदर्शित होती है ?
उत्तर : (I) परमाण्वीय त्रिज्या (Atomic Radii ) — किसी परमाणु की त्रिज्या साधारणतया उसके नाभिक के केन्द्र तथा बाह्यतम इलेक्ट्रॉन कक्ष के बीच की दूरी है। किसी अणु में उपस्थित दो समान परमाणुओं के केन्द्रकों के मध्य के अन्तर के आधे को भी परमाणु त्रिज्या कहते हैं। इसकी इकाई ऐंग्स्ट्रम (A) या पिकोमीटर (Picometre) है। (1 pm = 10−12m)
परमाणु त्रिज्याओं में आवर्तिता (Periodicity in Atomic Radii) – (i) आवर्त में – आवर्त में बाएँ से दाईं ओर जाने पर परमाणु त्रिज्याएँ घटती जाती हैं। उदाहरण के लिए – द्वितीय आवर्त में लीथियम परमाणु सबसे बड़ा और फ्लुओरीन सबसे छोटा परमाणु है। इसका कारण यह है कि आवर्त सारणी के किसी आवर्त में जब बाएँ से दाएँ चलते हैं तो प्रोटॉनों की संख्या (नाभिकीय आवेश) बढ़ जाती है और इलेक्ट्रॉन भी बढ़ते हैं लेकिन वे उसी कक्ष में ही जुड़ते जाते हैं। नाभिकीय आवेश बढ़ने के कारण इलेक्ट्रॉन नाभिक की ओर तेजी से आकर्षित होते हैं और नाभिक के निकट हो जाते हैं। इसलिए परमाणु का आकार छोटा हो जाता है।
(ii) वर्ग में – किसी वर्ग में ऊपर से नीचे चलने पर परमाणु त्रिज्याएँ बढ़ती हैं; क्योंकि जैसे-जैसे नाभिकीय आवेश बढ़ता है, इलेक्ट्रॉनिक कोशों की संख्या बढ़ती जाती है, फलस्वरूप बाह्यतम कक्ष के इलेक्ट्रॉनों को आकर्षित करने की क्षमता घटती है; अत: परमाणु त्रिज्या बढ़ती है।
(नोट : शून्य वर्ग के तत्वों की परमाणु त्रिज्या प्राय: उच्च होती है; क्योंकि इनकी बाह्यतम कक्ष का विन्यास स्थायी होता है।]
(II) आयनन ऊर्जा (Ionization Energy ) — किसी तत्व के विलगित गैसीय परमाणु के बाह्यतम कक्ष से एक इलेक्ट्रॉन को निकालने के लिए आवश्यक सबसे कम ऊर्जा की मात्रा को आयनन ऊर्जा कहते हैं। आयनन ऊर्जा को निम्न प्रकार प्रदर्शित कर सकते हैं—
आयनन ऊर्जा को इलेक्ट्रॉन वोल्ट / परमाणु या किलोजूल / मोल में मापते हैं।
आयनन ऊर्जा में आवर्तिता (Periodicity in Ionization Energy) –
(1) किसी आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर आयनन ऊर्जा बढ़ती है।
(2) किसी वर्ग में ऊपर से नीचे आने पर आयनन ऊर्जा घटती है।
(III) इलेक्ट्रॉन बन्धुता (Electron Affinity) — “किसी उदासीन गैसीय परमाणु की बाह्यतम कक्ष में एक अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन प्रवेश करने के फलस्वरूप ऋणायन बनने पर उत्सर्जित ऊर्जा को उस तत्व की इलेक्ट्रॉन बन्धुता कहते हैं । “
ऊर्जा का उत्सर्जन जितना अधिक होगा, इलेक्ट्रॉन बन्धुता उतनी ही अधिक होगी। हैलोजेनों की इलेक्ट्रॉन बन्धुता सबसे अधिक होती है।
इलेक्ट्रॉन बन्धुता, इलेक्ट्रॉन वोल्ट (eV) प्रति परमाणु में व्यक्त की जाती है तथा यह E या EA अक्षरों से व्यक्त की जाती है; जैसे—
Cl + e− → Cl− + E [ यहाँ E = 3 · 61eV]
इलेक्ट्रॉन बन्धुता में आवर्तिता (Periodicity in Electron Affinity)—
(1) किसी आवर्त में परमाणु क्रमांक बढ़ने पर (बाएँ से दाएँ जाने पर) इलेक्ट्रॉन बन्धुता बढ़ती है।
(2) किसी वर्ग में ऊपर से नीचे आने पर इलेक्ट्रॉन बन्धुता घटती है।
- लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. तत्वों के वर्गीकरण की आवश्यकता क्यों हुई?
उत्तर : तत्वों की अत्यधिक संख्या होने के कारण उनके गुणों तथा उपयोगों का भिन्न-भिन्न अध्ययन करना सम्भव नहीं था । अतः तत्वों को विशेष रूप में व्यवस्थित करके प्रत्येक तत्व के विषय में अध्ययन करने के लिए इनका वर्गीकरण करना आवश्यक हुआ।
प्रश्न 2. डॉबेराइनर द्वारा दिए गए वर्गीकरण का क्या आधार था?
उत्तर : सन् 1817 ई० में डॉबेराइनर ने लगभग समान गुणधर्म वाले अनेक तत्वों को तीन-तीन के समूहों में उनके परमाणु भार में वृद्धि के क्रमानुसार रखा तथा स्पष्ट किया कि प्रत्येक समूह के बीच वाले तत्व का परमाणु भार प्रथम एवं तृतीय तत्वों के परमाणु भारों के योग का लगभग मध्य होता है। यह डॉबेराइनर का त्रिक नियम कहलाता है और इस प्रकार के समूह त्रिक (traid) कहलाते हैं; जैसे-
यह वर्गीकरण सर्वमान्य न हो सका क्योंकि सभी तत्वों को ऐसे समूहों में विभाजित नहीं किया जा सका।
प्रश्न 3. न्यूलैण्ड के अष्टक नियम का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर : सन् 1866 ई० में न्यूलैण्ड ने तत्वों के वर्गीकरण के लिए अष्टक नियम को प्रतिपादित किया। उनके अनुसार, जब तत्वों को बढ़ते परमाणु भार के अनुसार व्यवस्थित किया जाता है तो संगीत के सुर की तरह प्रत्येक आठवें तत्व के गुण पहले तत्व के गुणों के समान होते हैं। गणना किसी भी तत्व से आरम्भ की जा सकती है।
इस वर्गीकरण के आधार पर यदि सोडियम (Na) का क्रम 8 है तो उसके गुण पहले स्थान पर स्थित लीथियम (Li) के समान होंगे। इसी प्रकार बोरॉन (B) से आठवाँ तत्व ऐलुमिनियम (Al) है तो इन दोनों के गुण परस्पर समान होंगे।
यह नियम कम द्रव्यमान वाले तत्वों के वर्गीकरण में ही सफल रहा था।
प्रश्न 4. मेण्डेलीफ के आवर्त नियम का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर : सन् 1869 ई० में रूसी रसायनज्ञ मेण्डेलीफ ने तत्वों के वर्गीकरण के लिए उनके परमाणु भारों को आधार माना। उन्होंने पाया कि यदि तत्वों को उनके परमाणु भारों के वृद्धि क्रम में रखा जाए तो एक निश्चित अवधि के पश्चात् समान गुणों वाले तत्वों की पुनरावृत्ति होती है। | उनके अनुसार, “जब तत्वों को उनके परमाणु भारों के वृद्धि-क्रम में रखा तो उनके भौतिक एवं रासायनिक गुणों में एक प्रकार की आवर्तिता (Periodicity) पाई गई।” अर्थात् एक तत्व से दूसरे तत्व के गुणों में एक क्रमबद्ध परिवर्तन होता है तथा निश्चित अवधि के पश्चात् उनके भौतिक एवं रासायनिक गुणों की पुनरावृत्ति होती है। पुनरावृत्ति को व्यक्त करने की घटना को आवर्तिता कहते हैं।
इस प्रकार मेण्डेलीफ ने तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणों का सम्बन्ध परमाणु भारों से स्थापित करके एक आवर्त नियम प्रस्तुत किया, जिसे मेण्डेलीफ का आवर्त नियम कहा गया।
इस नियम के अनुसार, “तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुण उनके परमाणु भारों के आवर्ती फलन हैं।”
प्रश्न 5. आप किस प्रकार दर्शाएँगे कि क्षारीय मृदा धातुएँ डॉबेराइनर त्रिक बनाती हैं?
उत्तर : क्षारीय मृदा धातुओं के निम्नलिखित गुणधर्म समान होते हैं-
(i) ये सभी धातुएँ हैं।
(ii) ये सभी तत्व ऑक्साइडों के रूप में पाए जाते हैं।
(iii) इनकी संयोजकता 2 है।
क्षारीय मृदा धातुओं को डॉबेराइनर त्रिक भी कहते हैं।
क्षारीय मृदा धातुएँ | परमाणु भार |
Ca
Sr
Ba
|
40
88
137
|
उपर्युक्त सारणी से स्पष्ट है कि स्ट्रॉन्शियम (Sr) का परमाणु भार त्रिक कैल्सियम (Ca) तथा बेरियम (Ba) का औसत (लगभग) है। अतः क्षारीय मृदा धातुएँ डॉबेराइनर त्रिक बनाती हैं।
प्रश्न 6. मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी के सामान्य लक्षण लिखिए |
उत्तर : मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं-
(i) प्रत्येक आवर्त में तत्व अपने बढ़ते परमाणु भारों के क्रम में व्यवस्थित हैं।
(ii) एक ही समूह के सभी तत्वों के गुणधर्म समान होते हैं।
(iii) प्रत्येक आवर्त में बाएँ से दाएँ चलने पर तत्वों की ऋण विद्युत संयोजकता कम होती जाती है, जबकि धन विद्युत संयोजकता बढ़ती जाती है।
(iv) तत्व का परमाणु भार उसका मौलिक गुण है।
(v) कम परमाणु भार वाले तत्व; जैसे – H, C, O, N अपेक्षाकृत प्रकृति में अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।
(vi) सारणी में रिक्त स्थानों के तत्वों के गुणधर्मों को पहले ही बताया जा सकता है।
प्रश्न 7. आवर्त सारणी में तत्वों को व्यवस्थित करने हेतु मेण्डेलीफ द्वारा अपनाई गई विधि का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर : मेण्डेलीफ ने तत्वों के परमाणु भारों तथा उनके भौतिक एवं रासायनिक गुणों के मध्य सम्बन्धों की जाँच की। रासायनिक गुणों के अन्तर्गत उसने तत्वों द्वारा ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन के साथ बनाए गए यौगिकों पर अपना ध्यान केन्द्रित किया तथा तत्वों द्वारा बनाए गए हाइड्रेटों तथा ऑक्साइड़ों के सूत्रों को तत्वों के वर्गीकरण का प्रारम्भिक गुण माना। पुनः उसने 63 कार्ड लेकर प्रत्येक कार्ड पर एक तत्व के गुण लिखे तथा समान गुण वाले तत्वों को छाँटकर एक साथ रख दिया। उसने देखा कि अधिकतर तत्वों ने आवर्त सारणी का रूप ले लिया अर्थात् वे अपने परमाणु भारों के बढ़ते क्रमों में व्यवस्थित हो गए तथा समान भौतिक तथा रासायनिक गुणों वाले तत्वों में आवर्तिता परिलक्षित हुई।
प्रश्न 8. मेण्डेलीफ की मूल आवर्त सारणी की अद्वितीय उपयोगिता क्या है?
उत्तर : मेण्डेलीफ़ ने अपनी आवर्त सारणी में कुछ रिक्त स्थान छोड़े थे जिनमें बाद में खोजे जाने वाले तत्वों को रखा जा सके। दूसरे शब्दों में, मेण्डेलीफ ने भविष्य में खोजे जाने वाले तत्वों का पहले ही अनुमान लगा लिया था। उन्होंने आवर्त सारणी में छह रिक्त स्थान छोड़े तथा इनके नाम संगत तत्वों के नाम के साथ संस्कृत भाषा के शब्द ‘एका’ को जोड़कर रखा। इनके नाम एका बोरॉन, एका ऐलुमिनियम, एका सिलिकन, एका मैंगनीज, द्वि- मैंगनीज, एका टेण्टेलम रखे गए। यह मेण्डेलीफ की मूल आवर्त सारणी की अद्वितीय उपयोगिता है।
प्रश्न 9. लघु आवर्त और दीर्घ आवर्त क्या हैं? आवर्त सारणी में कितने लघु आवर्त तथा कितने दीर्घ आवर्त हैं ?
उत्तर : जिन आवर्तों में तत्वों की संख्या 8 तक है, उन्हें प्रायः लघु आवर्त कहते हैं।
जिन आवर्तों में तत्वों की संख्या 8 से अधिक है, उन्हें दीर्घ आवर्त कहते हैं।
आवर्त सारणी में पहले तीन आवर्त (प्रथम, द्वितीय व तृतीय) लघु आवर्त कहलाते हैं। इनमें प्रथम आवर्त में दो तत्व हैं, जबकि द्वितीय व तृतीय आवर्ती में आठ-आठ तत्व हैं।
आवर्त सारणी के बाद के चार आवर्त (चतुर्थ, पंचम, षष्ठम तथा सप्तम) दीर्घ आवर्त कहलाते हैं। इनमें चतुर्थ तथा पंचम आवर्तों में 18-18 तत्व हैं, जबकि षष्ठम आवर्त में 32 तत्व हैं और सप्तम आवर्त अपूर्ण है।
प्रश्न 10. आधुनिक आवर्त नियम क्या है? यह मेण्डेलीफ के आवर्त नियम से किस प्रकार भिन्न है? उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए ।
अथवा मेण्डेलीफ के आवर्त नियम तथा आधुनिक आवर्त नियम में क्या अन्तर है?
उत्तर : आधुनिक आवर्त नियम – ” तत्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुण उनके परमाणु क्रमांकों के आवर्ती फलन होते हैं अर्थात् यदि तत्वों को परमाणु क्रमांक के वृद्धि क्रम में रखा जाए तो एक निश्चित अवधि के पश्चात् समान गुण वाला तत्व पुनः आ जाता है। “
मेण्डेलीफ का आवर्त नियम — “तत्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुण उनके परमाणु भारों के आवर्ती फलन होते हैं अर्थात् यदि तत्वों को परमाणु भारों के वृद्धि-क्रम में रखा जाए तो एक निश्चित अवधि के पश्चात् समान गुण वाला तत्व पुनः आ जाता है।”
मेण्डेलीफ ने तत्वों का वर्गीकरण परमाणु भार के बढ़ते क्रम में किया, जबकि आधुनिक आवर्त नियम में परमाणु क्रमांक के बढ़ते क्रम को लिया गया जो कि तत्वों का मूल लक्षण है। आधुनिक आवर्त नियम से अभिप्राय यह है कि तत्वों को उनके परमाणु क्रमांकों के बढ़ते हुए क्रम से क्षैतिज पंक्तियों में व्यवस्थित करने पर एक नियमित अन्तर से गुणों की पुनरावृत्ति होती है अर्थात् गुणों की आवर्तता (periodicity) प्रकट होती है। उदाहरण के लिए — तृतीय आवर्त में तत्वों के ऑक्साइडों में संयोजकता 1 से 7 तक नियमित रूप से बढ़ती जाती है।
प्रश्न 11. किसी तत्व का परमाणु क्रमांक उसके परमाणु भार से अधिक महत्त्वपूर्ण क्यों माना जाता है?
उत्तर : किसी तत्व के परमाणु क्रमांक के आधार पर उसमें प्रोटॉनों, इलेक्ट्रॉनों की संख्या ज्ञात की जा सकती है। तत्व की संयोजकता एवं तत्व के वर्ग की जानकारी हमें परमाणु क्रमांक से ही प्राप्त होती है तथा परमाणु क्रमांक के आधार पर इलेक्ट्रॉनिक विन्यास भी लिखे जा सकते हैं। स्पष्ट है कि परमाणु क्रमांक द्वारा हमें तत्वों के गुणधर्मों का निर्धारण करने में सरलता होती है; इसलिए ये अधिक महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं।
प्रश्न 12. निम्नलिखित के उत्तर दीजिए-
(i) आधुनिक आवर्त सारणी में निकिल तथा कोबाल्ट की स्थिति में किस प्रकार सुधार किया गया?
(ii) आधुनिक आवर्त सारणी में विभिन्न तत्वों के समस्थानिकों की स्थिति का क्या निर्धारण हुआ?
(iii) क्या यह सम्भव है कि परमाणु क्रमांक 1-5 वाला तत्व हाइड्रोजन तथा हीलियम के मध्य स्थित कर दिया जाए?
(iv) आधुनिक आवर्त में हाइड्रोजन को किस स्थान पर रखा जाना चाहिए?
उत्तर : (i) कोबाल्ट का परमाणु क्रमांक 27 तथा निकिल का 28 है। आधुनिक आवर्त नियम के अनुसार, तत्वों को बढ़ते हुए परमाणु क्रमांक के क्रम में रखा जाता है। अतः कम परमाणु क्रमांक वाला तत्व (कोबाल्ट) पहले तथा अधिक परमाणु क्रमांक वाला तत्व (निकिल) बाद में आएगा। यद्यपि इनके परमाणु भारों के अनुसार ये दोनों तत्व गलत क्रम में स्थित थे (कोबाल्ट का परमाणु भार = 58.93 तथा निकिल का परमाणु भार = 58 · 71)।
(ii) आधुनिक आवर्त नियम के अनुसार, चूँकि एक ही तत्व के सभी समस्थानिकों का परमाणु क्रमांक समान होता है; अत: इन्हें एक ही स्थान पर रखा जाना उचित है।
(iii) नहीं।
(iv) हाइड्रोजन परमाणु पहले समूह के तत्वों की भाँति एक इलेक्ट्रॉन खोकर तथा सातवें समूह के तत्वों की भाँति एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके संयोजन करता है; अतः इसको प्रथम तथा सप्तम समूह में रखना न्यायोचित है।
प्रश्न 13. आधुनिक आवर्त सारणी के प्रमुख लक्षण बताइए ।
उत्तर : आधुनिक आवर्त सारणी के मुख्य लक्षण
(i) आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को परमाणु क्रमांक के बढ़ते क्रम में 10 क्षैतिज पंक्तियों में रखा गया है। इन क्षैतिज पंक्तियों को श्रेणियाँ . (series) कहते हैं।
(ii) तत्वों की 10 श्रेणियाँ सात क्षैतिज खानों और नौ ऊर्ध्वाधर खानों में बाँटी गई हैं। सात क्षैतिज खानों को आवर्त (period) तथा नौ ऊर्ध्वाधर खानों को समूह या वर्ग (group) कहते हैं।
आवर्त सारणी में कुल 7 आवर्त, 1 से 7 तक तथा 9 समूह, I VIII और शून्य (0) समूह हैं। शून्य समूह और समूह VIII को छोड़कर अन्य सभी समूहों को दो-दो उपसमूहों (sub groups ) में विभाजित किया गया है जिन्हें उपसमूह A और B कहते हैं | VIII समूह में तीन ऊर्ध्वाधर खाने होते हैं। आवर्त 4, 5 और 6 में तत्वों की दो-दो श्रेणियाँ हैं, जिन्हें सम और विषम श्रेणियाँ कहते हैं।
(iii) पहले, दूसरे व तीसरे आवर्ती को लघु आवर्त (short periods) तथा चौथे, पाँचवें आवर्त को दीर्घ आवर्त (long periods) तथा छठे व सातवें आवर्ती को अति दीर्घ आवर्त (very / long periods) कहते हैं। इसके अतिरिक्त पहले, दूसरे, तीसरे, चौथे, पाँचवें, छठे तथा सातवें आवर्त में क्रमश: 2, 8, 8, 18, 18, 32 तथा 23 तत्व हैं। सातवाँ आवर्त अपूर्ण है।
अति दीर्घ आवर्त 6 में 32 तत्व हैं जिनमें 14 तत्वों (परमाणु क्रमांक 58 से 71 तक) को सारणी के नीचे पृथक् स्थान पर दुर्लभ मृदा तत्वों के रूप में लैन्थेनाइड श्रेणी (lanthanide series) के नाम से स्थापित किया गया है; क्योंकि इन तत्वों को आवर्त सारणी में परमाणु क्रमांकों के बढ़ते हुए क्रम में रखने पर सारणी की व्यवस्था भंग हो जाती है। आधुनिक आवर्त सारणी के आवर्त 7 में केवल 23 तत्व ज्ञात थे जिनमें 14 तत्वों (परमाणु क्रमांक 90 से 103 तक) को सारणी के नीचे एक श्रेणी के रूप में रखा गया जिसे ऐक्टिनाइड श्रेणी (actinide series) कहा जाता है।
(iv) प्रत्येक आवर्त का प्रथम तत्व क्षार धातु तथा अन्तिम तत्व अक्रिय गैस है, परन्तु अपवाद के रूप में प्रथम आवर्त का पहला तत्व H है।
(v) इस सारणी में भी किसी आवर्त में बाईं ओर से दाई ओर चलने पर तत्वों के गुणों में क्रमिक रूप में परिवर्तन होता है तथा आगामी आवर्त गुणों की पुनरावृत्ति अर्थात् आवर्तिता होती है। इस लक्षण के कारण ही तत्वों की यह व्यवस्था आवर्त सारणी का रूप ग्रहण करती है। से
प्रश्न 14. परमाणु संरचना के आधार पर किस प्रकार निर्धारित किया जा सकता है कि आवर्त सारणी के आवर्त में कौन-सा तत्व पहले आएगा तथा कौन-सा तत्व बाद में? उपयुक्त उदाहरण दीजिए ।
उत्तर : तत्व की परमाणु संरचना से इसके संयोजी इलेक्ट्रॉनों की. संख्या ज्ञात की जाती है जो निश्चित करती है कि आवर्त में कौन-सा तत्व पहले आएगा तथा कौन-सा तत्व बाद में। उदाहरणार्थ – क्षार धातुओं में एक संयोजी इलेक्ट्रॉन होता है; अतः ये आवर्त में सबसे पहले आते हैं। इसी प्रकार अक्रिय में आठ संयोजी इलेक्ट्रॉन होते हैं; अतः ये आवर्त में सबसे अन्त में आते हैं।
प्रश्न 15. निम्नलिखित को परिभाषित कीजिए-
(i) लैन्थेनाइड्स
(ii) ऐक्टिनाइड्स
उत्तर : (i) लैन्थेनाइड्स – परमाणु क्रमांक 58 से 71 वाले तत्वों (Ce से Lu) के गुण समान होते हैं। ये परमाणु क्रमांक 57 वाले तत्व लैन्थेनम (La) के बाद आते हैं; अत: इन्हें लैन्थेनाइड्स कहा जाता है।
(ii) ऐक्टिनाइड्स – परमाणु क्रमांक 90 से 103 वाले तत्वों (Th से Lr) के गुण समान होते हैं। ये परमाणु क्रमांक 89 वाले तत्व ऐक्टिनियम (Ac) के बाद आते हैं; अत: इन्हें ऐक्टिनाइड्स कहा जाता है।
प्रश्न 16. निम्नलिखित को आधुनिक आवर्त सारणी के आवर्त – 3 में हम कहाँ प्राप्त करेंगे-
(a) अधातु ।
(b) उन तत्वों को जिनसे ऋणायन प्राप्त होते हैं।
(c) उन तत्वों को जिनसे धनायन प्राप्त होते हैं।
(d) धातु ।
केवल इनकी परमाणु संख्याओं का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर : (a) 14, 15, 16, 17.
(b) 15, 16, 17.
(c) 11, 12, 13.
(d) 11, 12, 13.
प्रश्न 17. आवर्त सारणी के समूह-15 में नाइट्रोजन (परमाणु संख्या – 7 ) एवं फॉस्फोरस ( परमाणु संख्या – 15 ) स्थित हैं। इन दो तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यासों को K, L, M, N कोशों के आधार पर दीजिए। इन तत्वों के धात्विक एवं अधात्विक प्रकृति के बारे में भी प्रागुक्ति कीजिए।
उत्तर : नाइट्रोजन तथा फॉस्फोरस के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
नाइट्रोजन व फॉस्फोरस के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास से पता चलता है कि इनके बाह्यतम कोश में 5 इलेक्ट्रॉन हैं जो अधातु का लक्षण है; क्योंकि अधातु तत्वों के परमाणुओं के बाह्यतम कोश में सामान्यतया 4-8 इलेक्ट्रॉन विद्यमान होते हैं। अत: नाइट्रोजन व फॉस्फोरस अधातु तत्व हैं।
प्रश्न 18. कारण सहित समझाइए कि क्यों आधुनिक आवर्त सारणी के दूसरे एवं तीसरे आवर्तों में प्रत्येक आठवें तत्व के गुणधर्मों में पुनरावृत्ति पाई जाती है?
उत्तर :
दूसरे आवर्त का पहला तत्व Li (3) है, इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न प्रकार है-
Li (3) = 2, 1
तीसरे आवर्त में आठवाँ तत्व Na (11) है, इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न प्रकार है-
Na (11) = 2, 8, 1
इन आवर्ती में आठवें स्थान पर आने वाले तत्वों के बाह्यतम कक्ष I इलेक्ट्रॉन है। ये 1 इलेक्ट्रॉन त्यागकर धात्विक आयन बनाते हैं। इसलिए ये दोनों समान गुणों की पुनरावृत्ति प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 19. आवर्तिता का क्या तात्पर्य है? क्या किसी एक समूह के तत्वों के गुणधर्म समान होते हैं? इस कथन की सोदाहरण व्याख्या कीजिए ।
उत्तर : आवर्तिता (Periodicity ) — किसी निश्चित समय के बाद तत्वों के गुणों की पुनरावृत्ति, आवर्तिता कहलाती है। आवर्त सारणी में तत्वों के गुणों में प्रदर्शित समता-विषमता का अध्ययन करना आवर्ती गुण के नाम से जाना जाता है। ये गुण इलेक्ट्रॉन पर निर्भर करते हैं जो नाभिक के चारों ओर लगातार गति करते हैं बाह्यतम कक्ष में समान इलेक्ट्रॉन संख्या वाले तत्व समान गुण प्रकट करते हैं।
किसी भी वर्ग के सभी तत्वों के गुण समान होते हैं; जैसे – लीथियम और सोडियम के सबसे बाहरी कक्ष में एक-एक इलेक्ट्रॉन है, इसीलिए इनके गुण समान हैं।
प्रश्न 20. निम्नलिखित में बाएँ से दाएँ जाने पर संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या किस प्रकार परिवर्तित होती है-
(i) आवर्त सारणी के पहले आवर्त में,
(ii) आवर्त सारणी के दूसरे आवर्त में।
उत्तर : (i) आवर्त सारणी के पहले आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर, संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या 1 से 2 तक बढ़ती है। इसे निम्नवत् दर्शाया जा सकता है—
पहले आवर्त में तत्व : H (1) He (2)
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास : 1 2
संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या : 1 2
(ii) आवर्त सारणी के दूसरे आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर, संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या 1 से 8 तक बढ़ती है। इसे निम्नवत् दर्शाया जा सकता है—
प्रश्न 21. (i) आधुनिक आवर्त सारणी के वर्ग 1 को देखिए तथा इसमें उपस्थित तत्वों के नाम लिखिए।
(ii) वर्ग 1 के प्रथम तीन तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए।
(iii) इनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यासों में आप क्या समानता प्राप्त करते हैं?
(iv) इन तीनों तत्वों में कितने संयोजी इलेक्ट्रॉन उपस्थित हैं?
उत्तर : (i) हाइड्रोजन (H), लीथियम (Li), सोडियम (Na), पोटैशियम (K), रूबीडियम (Rb), कैल्सियम (Ca), फ्रान्शियम (Fr)।
(ii) प्रथम तीन तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
हाइड्रोजन (H) = 1
लीथियम (Li) = 2, 1
सोडियम (Na) = 2, 8, 1
(iii) इनके बाह्यतम कोशों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान (प्रत्येक में 1 इलेक्ट्रॉन) है। अतः इनमें संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान है। (iv) एक संयोजी इलेक्ट्रॉन ।
प्रश्न 22. इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 7 वाला एक तत्व X है। बताइए –
(क) इस तत्व की परमाणु संख्या क्या है?
(ख) इसकी आवर्त संख्या क्या है?
(ग) यह तत्व आवर्त सारणी के किस समूह का तत्व है?
उत्तर : (क) तत्व की परमाणु संख्या = 17
(ख) आवर्त संख्या = 3
(ग) समूह = 17
प्रश्न 23. (i) आप किसी तत्व की संयोजकता उसके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास से किस प्रकार प्राप्त कर सकते हैं।
(ii) मैग्नीशियम (परमाणु क्रमांक 12 ) तथा सल्फर (परमाणु क्रमांक 16 ) की संयोजकताएँ क्या हैं?
(iii) किसी आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर संयोजकता किस प्रकार परिवर्तित होती है ?
(iv) वर्ग में नीचे जाने पर संयोजकता किस प्रकार परिवर्तित होती है?
उत्तर : (i) यदि तत्वों के परमाणुओं के बाह्यतम कोशों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 1, 2, 3 या 4 है तो उन तत्वों की संयोजकताएँ क्रमश: 1, 2, 3 तथा 4 होंगी।
यदि तत्वों के परमाणुओं के बाह्यतम कोशों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 5, 6 या 7 है तो उन तत्वों की संयोजकताएँ क्रमश: 3, 2, 1 होंगी।
यदि तत्वों के परमाणुओं के बाह्यतम कोशों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 8 है तो उन तत्वों की संयोजकता शून्य (0) होगी।
(ii) मैग्नीशियम का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 2 है । अत: इसकी संयोजकता 2 है। सल्फर का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 6 है। अत: इसकी संयोजकता 2 है।
(iii) आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर संयोजकता पहले 1 से 4 तक बढ़ती है तथा फिर 1 तक घटकर उत्कृष्ट गैस की स्थिति में शून्य हो जाती है।
(iv) वर्ग में सभी तत्वों की संयोजकताएँ समान होती हैं।
प्रश्न 24. आवर्त में बाएँ से दाएँ चलने पर परमाणु आकार में क्या परिवर्तन होता है? अपने उत्तर का स्पष्टीकरण दीजिए।
उत्तर : परमाणु आकार से तात्पर्य परमाणु की त्रिज्या से है। अतः आवर्त के अनुदिश बाएँ से दाएँ चलने पर परमाणु आकार अथवा परमाणु त्रिज्या घटती है। इसका कारण यह है कि तत्वों के परमाणुओं का नाभिकीय आवेश बढ़ जाता है जिससे नाभिक इलेक्ट्रॉनों को अधिक बल से खींचता है तथा परमाणु आकार, इलेक्ट्रॉनों का नाभिक के समीप हो जाने के कारण, घट जाता है।
प्रश्न 25. स्पष्ट कीजिए कि आर्गन परमाणु का आकार क्लोरीन परमाणु से बड़ा क्यों होता है?
उत्तर : आर्गन (Ar ) परमाणु एक अक्रिय गैस परमाणु है जो संरचनात्मक रूप से स्थायी होता है चूँकि इसके बाह्यतम कोश में इलेक्ट्रॉनों का अष्ठ (आठ इलेक्ट्रॉन) होता है। इसका आकार क्लोरीन से बड़ा होता है; क्योंकि क्लोरीन (हैलोजेन) परमाणु के बाह्यतम कोश में केवल 7 इलेक्ट्रॉन होते हैं जो इसके नाभिक पर अत्यधिक धनावेश का कारण है। इसके परिणामस्वरूप इसके इलेक्ट्रॉन नाभिक की ओर खिंचते है तथा नाभिक के समीप आ जाते हैं जिससे इसका आकार कम हो जाता है।
प्रश्न 26. निम्नलिखित दिए गए प्रथम वर्ग के तत्वों की परमाणु त्रिज्याओं में परिवर्तन का अध्ययन कीजिए-
(i) उन तत्वों के नाम बताइए जिनके परमाणु सबसे बड़े तथा सबसे छोटे हैं?
(ii) वर्ग में परमाणु त्रिज्या किस प्रकार परिवर्तित होती है?
उत्तर : (i) सोडियम (Na) के परमाणु सबसे छोटे हैं।
सीजियम ( Cs) के परमाणु सबसे बड़े हैं।
(ii) वर्ग में नीचे जाने पर परमाणु त्रिज्या बढ़ती है।
प्रश्न 27. बेरियम (परमाणु क्रमांक = 56 ) की आवर्त सारणी में स्थिति की विवेचना कीजिए तथा निम्नलिखित के उत्तर दीजिए-
(i) यह धातु है या अधातु ?
(ii) यह सीजियम से बड़ा है या छोटा ?
(iii) इसकी संयोजकता क्या है?
(iv) बेरियम क्लोराइड का सूत्र लिखिए ।
उत्तर : Ba (परमाणु क्रमांक 56 ) = 2, 8, 18, 18, 8, 2; यह छठे तथाII A वर्ग में स्थित है। ( चूँकि कोशों की संख्या 6 है तथा संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या 2 है)।
(i) यह धातु है क्योंकि यह आवर्त सारणी में बाईं ओर तथा वर्ग में नीचे की ओर स्थित है।
(ii) यह सीजियम (Cs) से छोटा है क्योंकि आवर्त में बाएँ से दाएँ चलने पर परमाणु आकार घटता है। Ba तथा Cs एक ही आवर्त में स्थित हैं तथा Ba; Cs के दाईं ओर स्थित है।
(iii) इसकी संयोजकता 2 है क्योंकि इसमें 2 संयोजी इलेक्ट्रॉन हैं। यह दो इलेक्ट्रॉन त्यागकर द्विसंयोजक धनायन बना सकता है।
(iv) बेरियम क्लोराइड का सूत्र BaCl2 है।
प्रश्न 28. कार्बन (6) और सिलिकन (14) एक ही वर्ग में रखे गए हैं। इनका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास दीजिए और इनके वर्ग का नाम लिखिए।
उत्तर :
दोनों चौथे वर्ग में स्थित हैं।
प्रश्न 29. किसी वर्ग में धात्विक गुण कैसे बदलते हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर : वर्ग में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर तत्वों के धात्विक गुण बढ़ते हैं-
प्रश्न 30. निम्नलिखित गुण एक आवर्त तथा वर्ग में किस प्रकार परिवर्तित होते हैं?
(i) धात्वीयता ।
(ii) परमाणु आकार या परमाणु त्रिज्या ।
(iii) विद्युत ऋणात्मकता ।
(iv) इलेक्ट्रॉन बन्धुता ।
उत्तर : (i) धात्वीयता- किसी आवर्त में आगे की ओर जाने पर धात्विक लक्षण क्रमश: घटता है और अधात्विक लक्षण क्रमशः बढ़ता है। किसी वर्ग में नीचे की ओर जाने पर धात्विक गुण बढ़ता है तथा अधात्विक गुण घटता है।
(ii) परमाणु आकार — आवर्त में आगे की ओर जाने से परमाणु आकार (परमाणु त्रिज्या) घटता है (शून्य वर्ग को छोड़कर) तथा वर्ग में नीचे की ओर जाने से परमाणु आकार बढ़ता है।
(iii) विद्युत ऋणात्मकता – आवर्त में बाईं से दाई ओर जाने पर ओर जाने पर इसका मान घटता है। | विद्युत ऋणात्मकता बढ़ती है (शून्य वर्ग को छोड़कर) तथा वर्ग में नीचे की
(iv) इलेक्ट्रॉन बन्धुता – आवर्त में आगे की ओर जाने से इलेक्ट्रॉन बन्धुता बढ़ती है तथा वर्ग में नीचे की ओर जाने पर यह घटती है।
- अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. डॉबेराइनर के त्रिक किन्हें कहा जाता है?
उत्तर : डॉबेराइनर ने लगभग समान गुणधर्म वाले अनेक तत्वों को तीन-तीन के समूह में उनके परमाणु भार में वृद्धि के क्रमानुसार रखा। इस प्रकार के समूह डॉबेराइनर के त्रिक कहलाते हैं।
प्रश्न 2. उन तत्वों का उल्लेख कीजिए जिनकी खोज मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी बनने के बाद सम्पन्न हुई।
उत्तर : स्कैण्डियम (Sc), गैलियम (Ga) तथा जर्मेनियम (Ge) आदि ऐसे उदाहरण हैं जिन्हें आवर्त सारणी बनने के बाद खोजा गया था।
प्रश्न 3. मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी में वर्गों तथा आवर्तों की संख्या लिखिए।
उत्तर : मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी में नौ वर्ग (समूह) तथा सात आवर्त हैं।
प्रश्न 4. आवर्त सारणी के एक ही आवर्त के तत्वों के परमाणु के आकार किंस प्रकार परिवर्तित होते हैं?
उत्तर : आवर्त सारणी के एक ही आवर्त के तत्वों के परमाणु के आकार बाईं ओर से दाईं ओर क्रमिक रूप से घटते हैं।
प्रश्न 5. किसी तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 3 है। इसे आवर्त सारणी के किस समूह में रखना उचित होगा?
उत्तर : किसी तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 3 है; अत: इसे आवर्त सारणी के तृतीय समूह में रखना उचित होगा ।
प्रश्न 6. क्या आवर्त सारणी के प्रथम वर्ग की क्षार धातुएँ तीव्र विद्युत धनात्मक होती हैं?
उत्तर : हाँ, आवर्त सारणी के प्रथम वर्ग की क्षार धातुएँ तीव्र (प्रबल ) विद्युत धनात्मक होती हैं, क्योंकि ये एक इलेक्ट्रॉन खोने की प्रवृत्ति रखती हैं। –
प्रश्न 7. आवर्त सारणी में फॉस्फोरस को किस आवर्त और किस समूह में रखा गया है ?
उत्तर : आवर्त सारणी में फॉस्फोरस को तृतीय आवर्त तथा V-A समूह में रखा गया है।
प्रश्न 8. MgO, Al2O3, Na2O, SO3 व P2O5 में सर्वाधिक क्षारीय ऑक्साइड कौन-सा है और क्यों?
उत्तर : Na2O, क्योंकि यह क्षारीय धातु का ऑक्साइड है।
प्रश्न 9. तत्वों की आधुनिक आवर्त सारणी को कितने समूहों एवं आवर्ती में विभक्त करते हैं?
उत्तर : तत्वों की आधुनिक आवर्त सारणी को 7 आवर्तों और 18 वर्गों में विभाजित किया गया है। आवर्तों को क्षैतिज स्तम्भ तथा वर्गों को ऊर्ध्वाधर स्तम्भ भी कहते हैं।
प्रश्न 10. 17Cl35 का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए तथा आवर्त सारणी में इसका स्थान भी लिखिए।
उत्तर : 17Cl = 2, 8, 7 (इलेक्ट्रॉनिक विन्यास)
आवर्त संख्या = 3
वर्ग संख्या = VII-A
प्रश्न 11. निम्नलिखित के नाम बताइए-
(i) आवर्त सारणी के दूसरे वर्ग में स्थित कोई धातु
(ii) आवर्त सारणी के तीसरे वर्ग में स्थित कोई धातु
(iii) हैलोजेन परिवार में स्थित कोई दो अधातु
(iv) सर्वाधिक सक्रिय हैलोजेन ।
उत्तर : (i) कैल्सियम, (ii) ऐलुमिनियम, (iii) क्लोरीन तथा ब्रोमीन(iv) फ्लुओरीन ।
प्रश्न 12. ऐसे दो अन्य तत्वों के नाम बताइए जो प्रत्येक कार्बन, क्लोरीन तथा सोडियम तत्वों के समूह में स्थित हैं।
उत्तर : कार्बन समूह — सिलिकन (Si) तथा जर्मेनियम (Ge)
क्लोरीन समूह — ब्रोमीन (Br) तथा आयोडीन (I)
सोडियम समूह — लीथियम (Li) तथा पोटैशियम (K)
प्रश्न 13. आवर्त सारणी के पहले आवर्त में केवल दो तत्व ही क्यों होते हैं? एक या तीन क्यों नहीं?
उत्तर : तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के नियम के अनुसार पहले कोश में केवल दो इलेक्ट्रॉन ही रह सकते हैं एक या तीन नहीं; इसलिए पहले आवर्त में केवल दो ही तत्व होते हैं जिनके परमाणु क्रमांक 1 तथा 2 हैं।
प्रश्न 14. परमाणु क्रमांक तत्त्वों का अधिक मौलिक गुण क्यों समझा जाता है?
उत्तर : किसी तत्व का परमाणु क्रमांक उस तत्व में इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा इलेक्ट्रॉनिक विन्यास दर्शाता है जिनसे तत्व के रासायनिक गुण निर्धारित होते हैं; इसलिए यह अधिक मौलिक गुण माना जाता है।
प्रश्न 15. आधुनिक आवर्त नियम क्या है?
उत्तर : “तत्वों के गुण उनके परमाणु क्रमांकों के आवर्ती फलन होते हैं।”
प्रश्न 16. “तत्वों के गुण उनके परमाणु क्रमांक के आवर्ती फलन होते हैं।” इस कथन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर : उपर्युक्त कथन का तात्पर्य यह है कि यदि तत्वों को उनके परमाणु क्रमांक के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित किया जाए तो एक निश्चित अन्तराल के बाद तत्वों के गुणों की पुनरावृत्ति (repetition) होती है।
प्रश्न 17. न्यूलैण्ड के वर्गीकरण के दो गुण बताइए ।
उत्तर : (i) यह वर्गीकरण बताता है कि परमाणु द्रव्यमान के क्रम तथा तत्वों के गुणों में सम्बन्ध होता है।
(ii) इस वर्गीकरण द्वारा सर्वप्रथम यह ज्ञात हुआ कि तत्वों के गुणों में आवर्तिता पाई जाती है।
प्रश्न 18. जब मेण्डेलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में तत्व टाइटेनियम के नीचे तत्व सिलिकन को समान गुणों के आधार पर रखा तो ऐलुमिनियम के नीचे एक रिक्त स्थान आ गया। उस तत्व का नाम बताइए जिसने बाद में यह रिक्त स्थान भरा।
उत्तर : यह रिक्त स्थान तत्व गैलियम (Ga) द्वारा भरा गया जो पाँच साल बाद खोजा गया था।
प्रश्न 19. निम्नलिखित तत्वों पर विचार कीजिए-
Na, Ca, Al, K, Mg, Li
(a) इनमें से कौन-से तत्व आवर्त सारणी के समान आवर्त से सम्बन्धित होंगे?
(b) इनमें से कौन-से तत्व आवर्त सारणी के समान वर्ग से सम्बन्धित होंगे?
उत्तर : (a) Na, Mg, Al समान आवर्त (तृतीय) से सम्बन्धित हैं तथा K और Ca चौथे आवर्त से सम्बन्धित हैं।
(b) Li, Na, K समान वर्ग (प्रथम) से सम्बन्धित हैं तथा Ca और Mg द्वितीय वर्ग से सम्बन्धित हैं।
प्रश्न 20. निम्नलिखित समूहों में विषम तत्व की पहचान कीजिए तथा विषमता का कारण बताइए-
(a) कैल्सियम, मैग्नीशियम, सोडियम, बेरिलियम
(b) ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बन, फ्लुओरीन, क्लोरीन ।
उत्तर : (a) सोडियम; इसके अतिरिक्त शेष तत्व समूह – 2 से सम्बन्धित हैं।
(b) क्लोरीन; इसके अतिरिक्त शेष तत्व दूसरे आवर्त से सम्बन्धित हैं।
प्रश्न 21. निम्नलिखित में से किसके अन्तर्गत कोशों की संख्या बढ़ेगी-
(a) वर्ग में नीचे की ओर जाने पर ?
(b) आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर ?
उत्तर : कोशों की संख्या बढ़ती है जब हम वर्ग नीचे की ओर जाते हैं।
प्रश्न 22. संयोजकता को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर : किसी तत्व की संयोजकता उसके परमाणु के बाह्यतम कोश में उपस्थित संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या द्वारा ज्ञात की जा सकती है।
प्रश्न 23. आयनन ऊर्जा से क्या तात्पर्य है?
उत्तर : किसी तत्व के उदासीन गैसीय परमाणु की तलस्थ अवस्था में उसकी बाह्यतम कक्षा से इलेक्ट्रॉन पृथक् करने हेतु आवश्यक ऊर्जा की मात्रा को उस तत्व की आयनन ऊर्जा अथवा आयनन विभव कहते हैं।
प्रश्न 24. इलेक्ट्रॉन बन्धुता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : किसी तत्व की इलेक्ट्रॉन बन्धुता ऊर्जा की वह मात्रा है जो उस तत्व के गैसीय परमाणु की बाह्यतम कक्षा में एक इलेक्ट्रॉन के प्रवेश करने पर मुक्त होती है।
प्रश्न 25. विद्युत ऋणात्मकता से क्या तात्पर्य है?
उत्तर : किसी सहसंयोजी यौगिक में किन्हीं दो परमाणुओं के मध्य बने सहसंयोजी बन्ध से एक तत्व के परमाणु द्वारा इलेक्ट्रॉन-युग्म को अपनी ओर आकर्षित करने की क्षमता को उस परमाणु की विद्युत ऋणात्मकता कहते हैं।
प्रश्न 26. उपधातु क्या होती हैं?
उत्तर : वे तत्व जो धातुओं तथा अधातुओं दोनों के अभिलाक्षणिक गुण प्रदर्शित करते हैं, उपधातु कहलाते हैं। इन्हें अर्द्ध-धातु भी कहा जाता है।
- एक शब्द या एक वाक्य वाले प्रश्न
प्रश्न 1. अष्टक नियम प्रतिपादित करने वाले वैज्ञानिक का नाम बताइए |
उत्तर : जॉन न्यूलैण्ड ।
प्रश्न 2. प्राचीन समय में ज्ञात तत्वों को ‘त्रिकों’ में वर्गीकृत करने का प्रयास किसने किया था?
उत्तर : जे०डब्ल्यू० डॉबेराइनर ।
प्रश्न 3. उन तत्वों का नाम बताइए जिनकी उपस्थिति का निर्धारण मेण्डेलीफ ने पहले ही कर दिया था।
उत्तर : स्कैण्डियम, गैलियम, जर्मेनियम ।
प्रश्न 4. A, B तथा C डॉबेराइनर त्रिक के तत्व हैं। यदि A का परमाणु भार 7 तथा C का परमाणु भार 23 हो तो B का परमाणु भार क्या होगा? (2008)
उत्तर : डॉबेराइनर त्रिक के अनुसार, B का परमाणु भार A तथा के परमाणु भारों का मध्यमान होगा।
प्रश्न 5. न्यूलैण्ड के अष्टक नियम के अनुसार समान गुणों वाले दो समीपस्थ तत्वों के मध्य कितने तत्वं होते हैं?
उत्तर : छह तत्व ।
प्रश्न 6. आवर्त सारणी में क्षैतिज पंक्ति क्या कही जाती है?
उत्तर : आवर्त ।
प्रश्न 7. आवर्त सारणी में ऊर्ध्वाधर स्तम्भ को क्या कहा जाता है?
उत्तर : वर्ग या समूह ।
प्रश्न 8. एका- ऐलुमिनियम क्या है?
उत्तर : गैलियम ।
प्रश्न 9. ” तत्वों के गुण उनके परमाणु भारों के आवर्ती फलन होते हैं।” यह नियम किसने दिया था?
उत्तर : मेण्डेलीफ ने ।
प्रश्न 10 तत्व M आवर्त सारणी के तीसरे वर्ग में है। क्लोराइड का सूत्र लिखिए।
उत्तर : MCl3 ·
प्रश्न 11. यदि एक तत्व, जिसका परमाणु क्रमांक ‘A’ है, एक अक्रिय गैस है। परमाणु क्रमांक A-1 वाला तत्व आवर्त सारणी में किस समूह में स्थित होगा?
उत्तर : समूह 17 |
प्रश्न 12. आधुनिक आवर्त सारणी तत्वों के किस मूलभूत गुण की। पर आधारित है?
उत्तर : परमाणु क्रमांक ।
प्रश्न 13. आवर्त सारणी में तत्व क्रमागत परमाणु संख्याओं के साथ कहाँ प्राप्त होते हैं- आवर्ती में अथवा वर्गों में?
उत्तर : आवर्तों में।
प्रश्न 14. तत्वों A, B, C, D तथा E में इनकी बाह्यतम कोशों में एक-एक इलेक्ट्रॉन है। इन तत्वों का परमाणु क्रमांक A से E तक बढ़ता है। ये सभी तत्व आवर्त सारणी के किस वर्ग अथवा आवर्त से सम्बन्धि होंगे?
उत्तर : वर्ग प्रथम |
प्रश्न 15. फ्लुओरीन से आयोडीन तक जाने पर तत्वों का गलनांक किस प्रकार परिवर्तित होगा?
उत्तर : गलनांक बढ़ेगा।
प्रश्न 16. निम्नलिखित यौगिकों में से किसकी परमाणु त्रिज्या अधिकतम होगी-
Na, Mg, Al, Si
उत्तर : Na.
प्रश्न 17. Br का परमाणु क्रमांक 35 तथा Kr का 36 है। दोनों आवर्त सारणी के तीसरे आवर्त से सम्बन्धित हैं। इनमें से किसका आकार बड़ा होगा?
उत्तर : Kr.
प्रश्न 18. दो क्षारीय मृदा धातुओं के नाम बताइए ।
उत्तर : बेरिलियम तथा मैग्नीशियम ।
प्रश्न 19. उत्कृष्ट गैसें शून्य समूह में क्यों स्थित होती हैं? एक कारण दीजिए ।
उत्तर : उत्कृष्ट गैसों की संयोजकता शून्य होती है।
प्रश्न 20. एक तत्व का नाम बताइए जो ऑक्सीजन के साथ समान वर्ग में स्थित है।
उत्तर : सल्फर ।
प्रश्न 21. किसी वर्ग में ऊपर से नीचे आने पर संयोजकता में क्या परिवर्तन होता है?
उत्तर : संयोजकता समान रहती है।
प्रश्न 22. किसी वर्ग में परमाणु का आकार किस प्रकार परिवर्तित होता है?
उत्तर : बढ़ता है।
प्रश्न 23. I-A वर्ग के तत्वों का सामान्य नाम क्या है?
उत्तर : क्षार धातुएँ।
प्रश्न 24. क्लोरीन, ब्रोमीन तथा आयोडीन से अन्य हैलोजेन का नाम बताइए।
उत्तर : फ्लुओरीन (F)।
प्रश्न 25. कैल्सियम, स्ट्रॉन्शियम तथा बेरियम के अतिरिक्त एक इसक क्षारीय मृदा धातु का नाम बताइए ।
उत्तर: मैग्नीशियम (Mg) ।
प्रश्न 26. किसने प्रदर्शित किया कि तत्व का परमाणु क्रमांक उसके परमाणु भार से अधिक मौलिक गुण है?
उत्तर : हेनरी मोजले (1913)।
प्रश्न 27. उत्कृष्ट गैसों की खोज किसने की?
उत्तर : लॉर्ड रैले तथा सर रैम्जे ने 1894 में उत्कृष्ट गैसों की खोज की।
प्रश्न 28. बाह्यतम कोश में अधिकतम कितने इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं?
उत्तर : आठ इलेक्ट्रॉन |
प्रश्न 29. हाइड्रोजन की परमाणु त्रिज्या क्या है?
उत्तर : 37pm (1pm = 10−12m.) ।