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UK Board 9th Class Science – हम और हमारा पर्यावरण – Chapter 18 अपशिष्ट पदार्थों को कम करने की आवश्यकता : अपशिष्टों का पुनः प्रयोग तथा पुनःचक्रण

UK Board 9th Class Science – हम और हमारा पर्यावरण – Chapter 18 अपशिष्ट पदार्थों को कम करने की आवश्यकता : अपशिष्टों का पुनः प्रयोग तथा पुनःचक्रण

UK Board Solutions for Class 9th Science – हम और हमारा पर्यावरण – Chapter 18 अपशिष्ट पदार्थों को कम करने की आवश्यकता : अपशिष्टों का पुनः प्रयोग तथा पुनःचक्रण

• विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – पुन: निर्माण की प्रक्रिया (Recycling Process) क्या है?
उत्तर- पुनःनिर्माण प्रक्रिया यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें अपशिष्ट पदार्थों को किसी विशेष प्रक्रिया द्वारा परिवर्तित करके पुनः उपयोगी बनाया जाता है। अभी तक विभिन्न अपशिष्ट पदार्थों को पुनः निर्माण प्रक्रिया के बगैर ही फेंक दिया जाता था। विकासशील देशों में अभी तक यही प्रचलन है, किन्तु विकसित देशों में अपशिष्ट पदार्थों को पुनः निर्माण प्रक्रिया द्वारा उपयोगी पदार्थों में परिणत करने का कार्य लम्बे समय से चल रहा हैं।
रद्दी कागज, फटे चिथड़े, धातु के टुकड़े, लोहा, टिन आदि अनेक ऐसी वस्तुएँ जिनको बेकार समझा जाता है तथा इन्हें कूड़े के डिब्बे में या इधर-उधर डाल दिया जाता है विशेष या सामान्य तकनीक के द्वारा पुनः उपयोग योग्य बनाया जा सकता है।
विकसित देशों में अपशिष्ट पदार्थ जैसे मल-मूत्र आदि को भी उपयोग में लाया जाता है और इन्हें भी अनेक विधियों से मशीनों द्वारा साफ करके खाद आदि के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। जबकि विकासशील देशों में इनको बेकार मानकर फेंक दिया जाता है जिससे पर्यावरण प्रदूषण में वृद्धि होती है।
काँच व धातु का सामान गलाने के लिए कारखानों में भेज दिया जाता है जिससे पुन: उपयोगी सामग्री तैयार की जाती है। इस प्रकार जितना भी व्यष्ट पदार्थं होता है उसको उपयोगी पदार्थ बनाने की प्रक्रिया को ही पुनःनिर्माण प्रक्रिया कहते हैं।
प्रश्न 2 – ग्रामीण क्षेत्र में प्रमुख अपशिष्ट के निदान की क्या आवश्यकता है?
उत्तर- ग्रामीण अपशिष्ट निदान
ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक कार्य मुख्य रूप से होते हैं। इन कार्यों में कृषि एवं पादप पदार्थ और पशु अपशिष्टों की प्रधानता होती है। इन पदार्थोंों का निस्तारण अत्यन्त आवश्यक होता है। यदि प्रमुख अपशिष्ट का सही निदान नहीं किया गया तो ग्रामीण पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है जिसका प्रभाव स्थानीय जनसंख्या के स्वास्थ्य पर तो होता ही है साथ ही यहाँ उत्पन्न होने वाले प्राथमिक उत्पादन भी दूषित होकर अन्य क्षेत्रों के लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों में पादप अपशिष्ट एवं पशु अपशिष्ट से प्राप्त मल-मूत्र का कम्पोस्ट खाद बनाकर कृषि उत्पादन वृद्धि हेतु प्रयोग किया जा सकता है। इस प्रकार ये अपशिष्ट पदार्थ एक और उपयोगी वस्तु बनाकर काम में लिए जा सकते हैं और दूसरे ग्रामीण परिवेश को प्रदूषण मुक्त रखते हैं। यह इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन की ओर से स्वच्छता पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता है। अतः यदि स्थानीय लोगों द्वारा अपशिष्ट पदार्थों का स्वयं निस्तारण कर लिया जाए तो पर्यावरण प्रदूषण से बचा सकता है और स्थानीय संसाधनों का समुचित प्रबन्धन हो जाता है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में प्रमुख अपशिष्ट पदार्थों का निस्तारण अत्यन्त उपयोगी और आवश्यक माना जाता है।
• लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – घरेलू अपशिष्ट में क्या-क्या शामिल हैं?
उत्तर- घरेलू अपशिष्ट में निम्नलिखित पदार्थ शामिल होते हैं—
(1) कूड़ा-करकट, (2) धूल और राख, (3) रद्दी घरेलू सामान, (4) रसोई अपशिष्ट, (5) गन्दा पानी, (6) मानव मल-मूत्र ।
इन घरेलू अपशिष्ट पदार्थों में सबसे अधिक भाग कूड़ा-करकट तथा रद्दी और बेकार वस्तुओं का होता है जो प्रायः ठोस रूप में होते हैं। इसमें कागज, कपड़े, लकड़ी की वस्तुएँ, क्रॉकरी, पॉलीथीन के थैले, बगीचे के पौधों के पत्ते, खरपतवार, घास-फूस, चमड़े या प्लास्टिक के जूते-चप्पल आदि घर के लोग इन सर्भी व्यर्थ समझे जाने पदार्थों को घर से बाहर ही फेंक देते हैं। इसलिए इस घरेलू अपशिष्ट से विभिन्न प्रकार का प्रदूषण फैलने लगता है।
प्रश्न 2 – पशु अपशिष्टों का किस प्रकार उपयोग किया जा सकता है?
उत्तर – पशु अपशिष्ट अत्यन्त उपयोगी होते हैं किन्तु देश के ग्रामीण क्षेत्रों में इनको उपयोगी बनाने के लिए विशेष प्रयास नहीं किए जाते बल्कि मृत पशुओं को खुले खेतों-खलिहानों या सार्वजनिक स्थानों पर डाल दिया जाता है। इसके कारण पूरे क्षेत्र का वातावरण दुर्गन्धमय हो जाता है तथा वायु प्रदूषित हो रोगाणुओं को पूरे क्षेत्र में फैला देती है। वस्तुतः मृत पशु एवं कार्यशील पशुओं के शरीर और शरीर से उत्पन्न पदार्थ सभी उपयोगी होते हैं। जीवित पशुओं के मल-मूत्र से उपयोगी कम्पोस्ट खाद बनाया जा सकता है जो खेतों की भूमि को उपजाऊ तत्त्व प्रदान करते है। मृत पशुओं के शरीर का प्रत्येक अंग उपयोगी होता है; जैसे—खाल या चमड़ी से चमड़ा बनाना, हड्डियों का चूरा करके खाद बनाना तथा अन्य उपयोगी सामान का निर्माण करना, सींग से चाय और कॉफी उत्पादन के लिए उपयोगी खाद तैयार करना या चाकू, कंघा, खिलौने या हैण्डिल्स बनाना, बालों से ब्रश बनाना, चरबी से साबुन व कॉस्मेटिक का सामान बनाना अन्तड़ियों से संगीत उपकरण व टेनिस रैकिट बनाना, ग्रन्थियों को दवाइयों में उपयोग करना एवं रक्त का हीमोग्लोबिन की औषधि तथा विभिन्न प्रकार के उद्योगों में उपयोग किया जाता है। इस प्रकार पशु अपशिष्ट बहुउपयोगी पदार्थ हो सकते हैं यदि उनका पुनःप्रक्रिया द्वारा निर्माण किया जाए।
प्रश्न 3 – प्लास्टिक अपशिष्ट क्यों गम्भीर समस्या उत्पन्न करते हैं? 
उत्तर— प्लास्टिक अपशिष्ट समस्या
हमारे देश में प्लास्टिक का प्रवेश 50 वर्ष से अधिक पुराना नहीं है। यहाँ 1990 से इसके प्रचलन में अधिक तेजी आई और इसने लोहा, लकड़ी और कपड़े का विकल्प बनकर जन-सामान्य को अपनी ओर पूरी तरह से आकर्षित किया है। सस्ती व टिकाऊ होने के कारण अब गरीब व अमीर सभी इसका पूरी तरह प्रयोग करते हैं किन्तु पर्यावरण पर इसके दुष्प्रभावों से वैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता, स्वयंसेवी संस्थाएँ और देश व राज्य की सरकारें चिन्तित हैं।
प्लास्टिक अपशिष्ट पर्यावरण में नष्ट नहीं होते बल्कि प्रत्येक दशा में पर्यावरण को नष्ट करते रहते हैं। इनका निस्तारण गम्भीर समस्या है। पॉलीथीन के थैले जल-निकास व्यवस्था में भारी बाधा पहुँचाते है। मिट्टी में दबाने पर यह उसे बंजर बना देता है। जलाने पर इससे ऐसी विषैली गैस निकलती है जो वायु को प्रदूषित कर देती है। इन्हीं सब कारणों से इसका. निस्तारण गम्भीर समस्या बन गया है। वैज्ञानिकों ने अब अन्त में इसके पुनः चक्रण प्रक्रिया द्वारा फिर से पॉलीथीन थैले और अन्य वस्तुओं का निर्माण करना ही उपयुक्त बताया है।
• अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – कूड़ादान कैसे स्थान पर रखा जाना चाहिए?
उत्तर – कूड़ादान ऐसे स्थान पर रखा जाना चाहिए जहाँ उसका अधिकाधिक उपयोग हो तथा स्वच्छ कार्यों को करने में बाधा उपस्थित न हो। .
प्रश्न 2 – कम्पोस्ट खाद क्यों उपयोगी होती है?
उत्तर – कम्पोस्ट खाद खेतों की भूमि को उपजाऊ तत्व प्रदान करती है, जो कृषि उत्पादन में वृद्धि करने के लिए आवश्यक समझे जाते हैं।
प्रश्न 3 – गोबर गैस संयन्त्र से क्या लाभ है?
उत्तर – गोबर गैस संयन्त्र बहु उपयोगी होता है। इससे ऊर्जा की प्राप्ति होती है जिसे जलाने और रोशनी के लिए प्रयोग किया जाता है। इससे गोबर की खाद भी प्राप्त होती है तथा मल-मूत्र का उचित निस्तारण भी हो जाता है।

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