UK 9th Science

UK Board 9th Class Science – हम और हमारा पर्यावरण – Chapter 13 अपशिष्टों के स्रोत : घरेलू, औद्योगिक, कृषि सम्बन्धी, व्यापारिक आदि

UK Board 9th Class Science – हम और हमारा पर्यावरण – Chapter 13 अपशिष्टों के स्रोत : घरेलू, औद्योगिक, कृषि सम्बन्धी, व्यापारिक आदि

UK Board Solutions for Class 9th Science – हम और हमारा पर्यावरण – Chapter 13 अपशिष्टों के स्रोत : घरेलू, औद्योगिक, कृषि सम्बन्धी, व्यापारिक आदि

• विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1– अपशिष्ट पदार्थों के प्रमुख स्रोतों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
उत्तर- किसी वस्तु को बनाने में उत्पन्न हुई बेकार या खराब सामग्री अपशिष्ट पदार्थ कहलाती है। कृषि उत्पाद एवं वानिकी से अलग हुई वस्तुएँ, पशुओं के आवास, घरों में एकत्र कूड़ा-करकट आदि अपशिष्टों में सम्मिलित पदार्थ हैं। अपशिष्ट पदार्थों के मुख्य स्रोत निम्नलिखित हैं-
अपशिष्ट पदार्थों के स्रोत
(1) कृषि अपशिष्ट, (2) पशु अपशिष्ट, (3) घरेलू अपशिष्ट, (4) नगरीय अपशिष्ट, ( 5 ) औद्योगिक अपशिष्ट, (6) चिकित्सीय अपशिष्ट (7) रेडियोधर्मी अपशिष्ट, (8) प्लास्टिक अपशिष्ट ।
  1. कृषि अपशिष्ट — कृषि उत्पादन एवं पेड़-पौधों से उत्पन्न अपशिष्टों को इसमें सम्मिलित किया जाता है। जो वृक्ष खेत खलिहानों, सड़कों तथा अन्य स्थानों पर उग आते हैं उन्हें हटाने और कृषि उत्पादों से निकला बेकार कूड़ा-कचरा कृषि अपशिष्टों के अन्तर्गत आता है। ऐसे पदार्थों को ईंधन के रूप में जलाया जा सकता है।
  2. पशु अपशिष्ट – पशुओं के मल-मूत्र तथा मृत हो जाने पर उचित निस्तारण न होने से प्रदूषण उत्पन्न होता है। किन्तु इसका उचित निस्तारण करने पर मल-मूत्र से कम्पोस्ट खाद एवं मृत शरीर से चमड़ा और अन्य विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ बनाई जा सकती हैं।
  3. घरेलू अपशिष्ट – आवासीय क्षेत्रों में घरेलू कूड़ा-कचरा, धूल, राख, रद्दी, घरेलू सामान, रसोई का बेकार पदार्थ, गन्दा पानी एवं मानव मल-मूत्र आदि इसमें सम्मिलित हैं।
  4. नगरीय अपशिष्ट — शहरों में लोग अपने घरों का कूड़ा-कचरा जब सार्वजनिक स्थानों पर डाल देते हैं तो वह जल, वायु और मृदा में मिलकर विभिन्न प्रकार के प्रदूषण फैलाता है। नगरीय अपशिष्टों में वाणिज्य केन्द्रों का कूड़ा-कचरा भी होता है जो अधिक प्रदूषण फैलाता है ।
  5. औद्योगिक अपशिष्ट शहरों या औद्योगिक क्षेत्रों के कारखानों से विभिन्न प्रकार का अपशिष्ट पदार्थ निकलता है। यह अपशिष्ट पदार्थ ठोस, गैसीय एवं द्रव रूप में होता हैं। इनमें मुख्य हैं—
    1. कारखानों से निकले कालिख, धूलकण, धुआँ एवं राख आदि ।
    2. धातु – सीसा, लोहा, जिंक, क्रोमियम, एस्बेस्टस के कण ।
    3. कीटनाशक, शाकनाशक एवं फंगस आदि ।
    4. प्रकाशजनित रसायन, ऑक्सीकारक आदि ।
  6. चिकित्सीय अपशिष्ट — अस्पताल एवं नर्सिंग होम आदि में दवाओं की खाली बोतल, सिरिंज, रबड़, प्लास्टिक के दस्ताने, रूई, कपड़े की पट्टियाँ, प्लास्टिक के रेपर आदि अनेक अपशिष्ट पदार्थ निकलते हैं। इन पदार्थों को खुले स्थानों पर डालने से जैव प्रदूषण फैलता है जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों में वृद्धि करता है ।
  7. रेडियाधर्मी अपशिष्ट — आणविक केन्द्र या अणु ऊर्जा संयन्त्र से निकलने वाले धूल कण एवं रेडियोधर्मी कण वायुमण्डल में फैलकर अनेक प्रकार के रोग उत्पन्न करते हैं। त्वचा रोग, श्वसन रोग, रक्त संचार से सम्बन्धित रोग तथा कैंसर आदि इस प्रकार के अपशिष्ट पदार्थों के सही निस्तारण न होने के कारण होते हैं।
  8. प्लास्टिक अपशिष्ट – वर्तमान समय में प्लास्टिक से बनी विभिन्न वस्तु की प्रदूषण फैलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका में है। प्लास्टिक से निर्मित बोतल, चादर, मेजपोश इंजेक्शन, सिरिंज आदि का प्रचलन बढ़ने से इनके निस्तारण की समस्या उत्पन्न हो गई है। प्लास्टिक की थैलियाँ जल निकास में बहुत बड़ी बाधा उत्पन्न करती हैं। इन थैलियों में भरा गया रसोई का कचरा आवारा पशुओं की मृत्यु का बहुत बड़ा कारण बन रहा है। खेतों में पहुँचकर यही कचरा मृदा- प्रदूषण को बढ़ाता है क्योंकि यह न गलता है और न सड़ता है। अच्छी उपजाऊ मिट्टी भी प्लास्टिक अपशिष्टों से बंजर हो जाती है।
इस प्रकार अपशिष्ट पदार्थों के उपर्युक्त वर्णित स्रोतों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि मनुष्य जिस प्रकार विभिन्न प्रकार की भौतिक वस्तुओं को उत्पन्न करके अपने विलासपूर्ण जीवन को सुखी बनाता है उसी प्रकार वैज्ञानिक तरीकों से इनके द्वारा उत्पादित विभिन्न प्रकार के अपशिष्ट पदार्थों को भी उचित ढंग से निस्तारण के लिए जागरूक रहे।
• लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर : ग्रामीण क्षेत्रों के अपशिष्ट – ग्रामीण क्षेत्र कृषि एवं अन्य प्राथमिक व्यवसायों के कार्य स्थल होते हैं; अतः यहाँ कृषि, वानिकी एवं पशु अपशिष्ट पदार्थ अधिक निकलते हैं। इसके अतिरिक्त इन क्षेत्रों में घरेलू कूड़ा-कचरा, रसोई से निकला अपशिष्ट धूल, एवं धुआँ मुख्य अपशिष्ट पदार्थ होते हैं।
नगरीय क्षेत्रों के अपशिष्ट — नगर सघन जनसंख्या, गन्दी बस्तियों, अनियोजित विकास, वाणिज्य, अधिक परिवहन और कल – काखानों वाले क्षेत्र होते हैं। यहाँ पर प्रतिदिन अपशिष्ट पदार्थ अधिक मात्रा में निकलते हैं। ये अपशिष्ट पदार्थ ठोस, द्रव्य और गैस तीनों रूपों में पाए जाते हैं। यहाँ कारखानों से धातु के कण, धूल, गैस और द्रव रूप में विभिन्न प्रकार के पदार्थों एवं घरेलू स्थलों व दुकानों से निकलने वाला अपशिष्ट पदार्थ प्रदूषण वृद्धि में अधिक विकट स्थिति उत्पन्न करते हैं। ,
• अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – चिकित्सा कार्यों से उत्पन्न अपशिष्ट का क्या तात्पर्य है?
उत्तर – अस्पताल एवं नर्सिंग होम में भर्ती मरीजों के उपयोग में लायी गई दवाइयों एवं अन्य सामग्री के पैकिंग में काम आयी वस्तुएँ चिकित्सीय अपशिष्ट पदार्थ कहलाते हैं।
प्रश्न 2 – प्लास्टिक अपशिष्टों से क्या आशय है?
उत्तर – प्लास्टिक से निर्मित वस्तुएँ— चादर, मेजपोश, बर्तन, जूते, थैले, गमले, बाल्टी, बोतल, डिब्बे आदि सामान जब टूटकर उपयोगी नहीं रहते तो वह प्लास्टिक अपशिष्ट कहलाते हैं।
प्रश्न 3 – गैसीय अपशिष्ट से क्या आशय है?
उत्तर – कल-कारखानों और विभिन्न वाहनों से निकलने वाली विषैली गैस, धुआँ आदि गैसीय अपशिष्ट कहलाते हैं।

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