UK 9th Social Science

UK Board 9th Class Social Science – (अर्थशास्त्र) – Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

UK Board 9th Class Social Science – (अर्थशास्त्र) – Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

UK Board Solutions for Class 9th Social Science – सामाजिक विज्ञान – (अर्थशास्त्र) – Chapter 1 पालमपुर गाँव की कहानी

पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1— भारत में जनगणना के दौरान दस वर्ष में एक बार प्रत्येक गाँव का सर्वेक्षण किया जाता है। पालमपुर से सम्बन्धित सूचनाओं के आधार पर निम्नांकित तालिका को भरिए-
(क) अवस्थिति क्षेत्र
(ख) गाँव का कुल क्षेत्र
(ग) भूमि का उपयोग ( हेक्टेयर में )
कृषि भूमि भूमि जो कृषि के लिए उपलब्ध नहीं है (निवास स्थानों, सड़कों, तालाबों, चरागाहों आदि के क्षेत्र)
सिंचित असिंचित
26 हेक्टेयर
(घ) सुविधाएँ
शैक्षिक
चिकित्सा
बाजार
बिजली पूर्ति
संचार
निकटतम कस्बा
उत्तर— (क) अवस्थिति क्षेत्र – उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग पालमपुर एक गाँव : आस-पास के गाँवों और कस्बों से सम्बद्ध ।
(ख) गाँव का कुल क्षेत्र – 226 हेक्टेयर ।
(ग) भूमि का उपयोग ( हेक्टेयर में ) – कृषि भूमि 200 हेक्टेयर ।
कृषि भूमि भूमि जो कृषि के लिए उपलब्ध नहीं है (निवास स्थानों, सड़कों, तालाबों, चरागाहों आदि के क्षेत्र)
सिंचित असिंचित
200 हेक्टेयर 0 26 हेक्टेयर
(घ) सुविधाएँ
शैक्षिक एक हाईस्कूल तथा दो प्राथमिक विद्यालय।
चिकित्सा एक राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, एक निजी औषधालय।
बाजार पालमपुर गाँव में एक छोटा एवं अल्पविकसित बाजार है। व्यापारी शहरों के थोक बाजार से विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ खरीदकर गाँव में लाकर बेचते हैं। | गाँव के छोटे-छोटे स्टोरों (दुकानों) पर अनिवार्य वस्तुएँ—आटा, नमक, चीनी, मसाले, तेल आदि उपलब्ध हैं।
बिजली पूर्ति पालमपुर गाँव के सभी घरों में बिजली उपलब्ध है। नलकूप चलाने व छोटे व्यवसायों में भी बिजली की आपूर्ति है।
संचार इस गाँव में संचार का मुख्य साधन टेलीफोन है। यह | गाँव निकट के कस्बों व गाँवों से सड़क से जुड़ा है।
निकटतम कस्बा शाहपुर निकटतम कस्बा है।
प्रश्न 2- ‘खेती की आधुनिक विधियों के लिए ऐसे अधिक आगतों की आवश्यकता होती है जिन्हें उद्योगों द्वारा विनिर्मित किया जाता है।’ क्या आप सहमत हैं?
उत्तर— हाँ, हम इस बात से सहमत हैं कि खेती की आधुनिक विधियाँ उन आगतों का ज्यादा प्रयोग करती हैं जिनका उत्पादन उद्योगों द्वारा किया जाता है। आधुनिक खेती के आगतों में अधिक पैदावार वाले बीज, रासायनिक खादें, कीटनाशक, सिंचाई सुविधाएँ, मशीनें, ट्रैक्टर, कम्बाइन थ्रेशर, कल्टीवेटर, ड्रिलिंग मशीन, मोटर पम्पसेट आदि का प्रयोग शामिल होता है और इन सभी आगतों का उत्पादन उद्योगों में किया जाता है। इसके अतिरिक्त सिंचाई की सुविधाएँ भी बड़े-बड़े बाँध बनाकर व नहरें खोदकर उपलब्ध कराई जाती हैं और इसके उद्योगों द्वारा निर्मित बड़ी-बड़ी मशीनों की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 3 – पालमपुर में बिजली के प्रसार ने किसानों की किस तरह मदद की?
उत्तर – पालमपुर में बिजली के प्रसार ने किसानों की निम्न प्रकार मदद की है-
  1. किसानों के घरों में रोशनी की व्यवस्था हुई है। बिजली के पंखों ने गर्मी से राहत प्रदान की है। इससे कार्यक्षमता में वृद्धि हुई है।
  2. सिंचाई प्रणाली में सुधार हुआ है। परम्परागत साधनों का स्थान ट्यूबवैल ने ले लिया है। इनके द्वारा बड़े क्षेत्र में सिंचाई सम्भव हुई है।
  3. छोटे उद्योगों को चलाने में बिजली सहायक हुई है।
प्रश्न 4 – क्या सिंचित क्षेत्र को बढ़ाना महत्त्वपूर्ण है? क्यों?
उत्तर – हाँ, सिंचित क्षेत्र को बढ़ाना महत्त्वपूर्ण है क्योंकिइससे उत्पादन में वृद्धि होती है, विकास योग्य अतिरेक मिलता है और किसानों की आय बढ़ती है। इसके अतिरिक्त उन्नत बीजों, रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों का प्रभावी उपयोग सम्भव होता है।
प्रश्न 5 – पालमपुर के 450 परिवारों में भूमि के वितरण की एक सारणी बनाइए।
उत्तर—
परिवारों की संख्या भूमि (हेक्टेयर में )
150
240
60
0
72
128
प्रश्न 6 – पालमपुर में खेतिहर श्रमिकों की मजदूरी न्यूनतम मजदूरी से कम क्यों है?
उत्तर – पालमपुर में खेतिहर श्रमिकों की मजदूरी न्यूनतम मजदूरी से कम है क्योंकि –
  1. अधिकांश खेतिहर श्रमिक अकुशल हैं।
  2. खेती का अधिकांश कार्य खेती की आधुनिक विधियों / मशीनों द्वारा किया जाता है जिसके कारण श्रमिकों की माँग कम है।
  3. श्रमिकों की पूर्ति श्रमिकों की माँग की तुलना में अधिक है अतः उनकी सौदा करने की शक्ति कम है।
प्रश्न 7- अपने क्षेत्र में दो श्रमिकों से बात कीजिए। खेतों में काम करने वाले या विनिर्माण कार्य में लगे मजदूरों में से किसी को चुनें। उन्हें कितनी मजदूरी मिलती है? क्या उन्हें नकद पैसा मिलता है या वस्तु के रूप में? क्या उन्हें नियमित रूप से काम मिलता है? क्या वे कर्ज में डूबे हैं? की
उत्तर – मैंने अपने क्षेत्र के दो मजदूरों – फकीरा और खचेड़ से बात की। ये दोनों ही खेतों में काम करते हैं। उनसे बात करने पर उपर्युक्त प्रश्नों के निम्नलिखित उत्तर मिले—
  1. उन्हें 80 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी मिलती है।
  2. सामान्यत: उन्हें नकद मजदूरी मिलती है, परन्तु कभी – कभी उन्हें मजदूरी के बदले चावल, गेहूँ अथवा दोपहर का खाना भी मिल जाता है।
  3. उन्हें नियमित रूप से काम नहीं मिलता। उनका काम मौसमी है और केवल फसल के समय ही उन्हें काम मिलता है। सामान्यत: उन्हें एक वर्ष में 6 या 7 महीने ही काम मिल पाता है।
  4. कम मजदूरी होने के कारण वे अपने परिवार का उचित भरण-पोषण नहीं कर पाते; अतः उन्हें ऋण लेना पड़ता है। दोनों ही कर्ज में डूबे हुए थे।
प्रश्न 8 – एक ही भूमि पर उत्पादन बढ़ाने के अलग-अलग कौन-से तरीके हैं? समझाने के लिए उदाहरणों का प्रयोग कीजिए ।
उत्तर – भूमि के एक जैसे दो टुकड़े पर उत्पादन निम्नलिखित विधियों से बढ़ाया जा सकता है-
  1. उत्पादन की आधुनिक विधियाँ अपनाकर – जैसे अधिक उपजदायी बीजों, रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों व आधुनिक सिंचाई सुविधाओं का प्रयोग करके ।
  2. बहुविध फसल प्रणाली अपनाकर – अर्थात् एक ही भूमि के टुकड़े पर एक वर्ष में एक से अधिक फसलें उगाकर; जैसे— गेहूँ, बाजरा, आलू, मक्का, गन्ना आदि ।
प्रश्न 9 – एक हेक्टेयर भूमि के मालिक किसान के कार्य का ब्योरा दीजिए।
उत्तर – एक हेक्टेयर भूमि, भूमि का एक बहुत छोटा टुकड़ा होता है। इस छोटे-से खेती के टुकड़े पर किसान खेती की आधुनिक विधियों का प्रयोग नहीं कर सकता। उदाहरण के लिए, जुताई के लिए ट्रैक्टर अथवा सिंचाई के लिए ट्यूबवैल का प्रयोग नहीं किया जा सकता; अत: उसे परम्परागत रूप से कृषि कार्य करना होगा। उसे अनेक फसलें (बहुविध फसल प्रणाली) उगानी चाहिए। इस भूमि पर वह गैर-कृषि कार्य भी कर सकता है; जैसे—कुटीर उद्योगों को चलाना, पशुपालन आदि।
प्रश्न 10- मझोले और बड़े किसान कृषि से कैसे पूँजी प्राप्त करते हैं? वे छोटे किसानों से कैसे भिन्न है?
उत्तर – मझोले और बड़े किसानों के पास भूमि अधिक होती है, जोतों के आकार बड़े होते हैं तथा उत्पादन अधिक मात्रा में होता है। उत्पादन अधिक होने पर उनके पास विपणन – अतिरेक भी अधिक होता है जिसे बेचकर वे पर्याप्त मात्रा में पूँजी प्राप्त कर लेते हैं। अच्छी साख होने के कारण उन्हें बैंकों से भी पर्याप्त मात्रा में ऋण मिल जाता है।
इसके विपरीत छोटे किसानों के पास भूमि कम होती है, जोतों का आकार छोटा होता है, उत्पादन कम होता है और अधिकांशतः उत्पादन स्व-उपभोग के लिए रख लिया जाता है। इस प्रकार इनका विपणन अतिरेक बहुत कम होने के कारण इन्हें पूँजी प्राप्त नहीं हो पाती; अतः उन्हें आगत क्रय करने के लिए महाजनों, साहूकारों व क्षेत्रीय दुकानदारों से ऋण लेना पड़ता है। यह ऋण उन्हें काफी ऊँची . ब्याज दरों पर मिलता है।
प्रश्न 11 – सविता को किन शर्तों पर तेजपाल सिंह से ऋण मिला है? क्या ब्याज की कम दर पर बैंक से कर्ज मिलने पर सविता स्थिति अलग होती ?
उत्तर – सविता ने तेजपाल सिंह से 25 प्रतिशत ब्याज की दर पर चार महीने के लिए ऋण लिया था । यह ब्याज की ऊँची दर है। इसके अतिरिक्त सविता ने यह भी वचन दिया था कि वह कटाई के मौसम में उसके खेतों में 35 रु० प्रतिदिन की मजदूरी पर काम करेगी। यह मजदूरी भी बहुत कम है। इस प्रकार उसका दोहरा शोषण होता है – ब्याज की ऊँची दर और निम्न मजदूरी पर व्यस्त मौसम में कार्य करना।
सविता की स्थिति निश्चित तौर पर और अच्छी होती, यदि वह किसी साहूकार अथवा बड़े किसान से ऋण लेने की अपेक्षा बैंक में कम ब्याज दर पर उधार लेती; क्योंकि — (i) उसे ब्याज के रूप में कम धनराशि चुकानी पड़ती, (ii) उसे व्यस्त मौसम में कम मजदूरी पर कार्य नहीं करना पड़ता, (iii) वह घर के अन्य कार्यों पर अधिक ध्यान दे पाती।
प्रश्न 12 – अपने क्षेत्र के कुछ पुराने निवासियों से बात कीजिए और पिछले 30 वर्षों में सिंचाई और उत्पादन के तरीकों में हुए परिवर्तनों पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट लिखिए । 
उत्तर – गत 30 वर्षों में सिंचाई और उत्पादन के तरीकों के बारे में अपने ही क्षेत्र के कुछ पुराने निवासियों से बातें करने पर निम्नलिखित बातें पता चलीं-
(अ) सिंचाई – सिंचाई सुविधाओं में आधारभूत परिवर्तन हुए होती है। मुख्यतः वर्षा पर निर्भर रहने के कारण, समय पर अपेक्षित हैं। पहले कृषि मानसून का जुआ थी। वर्षा अनियमित और अनिश्चित वर्षा होने पर ही फसल अच्छी होती थी; कम अथवा बहुत अधिक वर्षा होने पर फसलें खराब हो जाती थीं और कृषि उत्पादन घट जाता था। अब सिंचाई सुविधाएँ बढ़ी हैं। सिंचाई के विभिन्न साधन विकसित हो चुके हैं। रहट के स्थान पर पम्पसेटों व ट्यूबवैल का प्रयोग हो रहा है। बड़े-बड़े बाँध बनाकर नहरों का विस्तार किया गया है।
(ब) उत्पादन की विधियाँ – उत्पादन की विधियों में आधारभूत परिवर्तन हुए हैं। पहले हल द्वारा खेती होती थी, परम्परागत बीजों का प्रयोग किया जाता था, गोबर की खाद प्रयोग में लाई जाती थी; अत: उत्पादकता का स्तर निम्न था और कृषि व्यवसाय न होकर मात्र जीविकोपार्जन का साधन थी । अब उच्चस्तरीय बीज, रासायनिक उर्वरक, ट्रैक्टर कीटनाशकों के अधिकाधिक प्रयोग के कारण उत्पादन में तेजी से वृद्धि हुई है, किसानों को विपणन अतिरेक मिला है तथा उनकी आर्थिक स्थिति में अपेक्षाकृत अधिक सुधार हुआ है।
प्रश्न 13 – आपके क्षेत्र में कौन-कौन से गैर-कृषि उत्पादन कार्य होते हैं? उनकी एक संक्षिप्त सूची बनाइए ।
उत्तर — इस क्षेत्र में निम्नलिखित गैर-कृषि उत्पादन कार्य हो रहे हैं—
  1. कुटीर उद्योगों का संचालन; जैसे— आटा चक्कियाँ, चटाई बुनना, सूत कातना, टोकरियाँ बनाना, हल्का फर्नीचर बनाना, लोहे के औजार बनाना, गुड़ बनाना आदि ।
  2. पशुपालन, दुग्ध क्रियाएँ, मुर्गी पालन, मत्स्य-पालन ।
  3. दुकानदारी।
  4. यातायात के साधनों का संचालन; यथा- ताँगा, बुग्गी, टैम्पो आदि।
प्रश्न 14 – गाँवों में और अधिक गैर-कृषि कार्य करने के लिए क्या किया जा सकता है?
उत्तर-
  1. सरकार कम ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध कराकर कुटीर व लघु उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित कर सकती है।
  2. सहकारी उपभोक्ता स्टोर खोले जा सकते हैं।
  3. सड़कों का विकास करके परिवहन के साधन बढ़ाए जा सकते हैं।
  4. पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
• विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1— पालमपुर गाँव में किस प्रकार कृषि कार्य किए जाते हैं? इस सम्बन्ध में मुख्य बातें बताइए ।
उत्तर – पालमपुर में खेती उत्पादन की मुख्य क्रिया है। कार्यकारी जनशक्ति का लगभग 75 प्रतिशत भाग, कृषि कार्यों में संलग्न है। चूँकि गाँव के अन्तर्गत भूमि क्षेत्र सीमित है; अत: गहन कृषि अपनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पालमपुर में समस्त भूमि पर खेती की जाती है। जुलाई से सितम्बर तक ज्वार और बाजरा, अक्टूबर से दिसम्बर तक आलू और सर्दी के मौसम में गेहूँ की खेती की जाती है। भूमि के एक भाग में गन्ने की खेती भी की जाती है। इस प्रकार एक वर्ष में अनेक फसलें पैदा कर ली जाती हैं, इसे बहुविध फसल प्रणाली कहा जाता है।
पालमपुर में उत्पादन बढ़ाने के लिए आधुनिक कृषि विधियों का भी प्रयोग किया जा रहा है। उन्नत किस्म के बीजों, नलकूपों द्वारा सिंचाई, रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों के प्रयोग के कारण भूमि के उसी टुकड़े में पहले की अपेक्षा अधिक मात्रा में उत्पादन होने लगा है। गेहूँ के उत्पादन में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। किसानों के पास बाजार में बेचने को अब गेहूँ का अधिशेष भी होने लगा है।
प्रश्न 2 – पालमपुर गाँव में गैर-कृषि क्रियाओं पर एक नोट लिखिए ।
उत्तर— पालमपुर गाँव में गैर-कृषि क्रियाएँ
पालमपुर में कार्यशील जनसंख्या का केवल 25 प्रतिशत भाग, गैर कृषि कार्यों में संलग्न है। मुख्य गैर-कृषि क्रियाएँ निम्नलिखित हैं—
  1. डेरी – पालमपुर गाँव के लोग भैंस पालते हैं और दूध को निकट के बड़े गाँव रायगंज में बेच आते हैं। रायगंज में ‘दूध संग्रहण एवं शीतलन केन्द्र’ खुला हुआ है।
  2. लघु स्तरीय विनिर्माण — गाँव के लगभग 50 लोग विनिर्माण कार्यों में लगे हुए हैं। यहाँ विनिर्माण कार्य छोटे पैमाने पर किया जाता है और उत्पादन विधि बहुत सरल है।
  3. कुटीर उद्योग — गाँव में गन्ना पेरने वाली मशीनें लगी हैं। ये मशीनें बिजली से चलाई जाती हैं। किसान स्वयं उपजाए गन्ने तथा दूसरों से गन्ना खरीदकर गुड़ बनाते हैं और शाहपुर के व्यापारियों को बेचते हैं।
  4. व्यापार कार्य — पालमपुर के व्यापारी शहरों के थोक बाजारों से अनेक प्रकार की वस्तुएँ खरीदते हैं तथा उन्हें गाँव में लाकर बेचते हैं; जैसे— चावल, गेहूँ, चाय, तेल, बिस्किट, साबुन, टूथपेस्ट, बैटरी, मोमबत्तियाँ, कॉपी, पैन, पेन्सिल आदि । भीड़-भाड़ वाले इलाकों में खाने-पीने की वस्तुएँ भी बेची जाती हैं।
  5. परिवहन वाहन – पालमपुर के लोग अनेक प्रकार के वाहन चलाते हैं; जैसे-रिक्शा, ताँगा, जीप, ट्रैक्टर, ट्रक, बैलगाड़ी व अन्य गाड़ियाँ। ये वाहन वस्तुओं व यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हैं और इसके बदले में वाहन चालकों को किराये के रूप में पैसे मिलते हैं।
  6. प्रशिक्षण सेवा – पालमपुर गाँव में एक कम्प्यूटर केन्द्र खुला हुआ है। इस केन्द्र में कम्प्यूटर प्रशिक्षक के रूप में दो कम्प्यूटर डिग्री धारक महिलाएँ भी काम करती हैं। पर्याप्त विद्यार्थी कम्प्यूटर सीख रहे हैं।
• लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – पालमपुर गाँव की आर्थिक-सामाजिक स्थिति बताइए।
उत्तर— पालमपुर एक काल्पनिक गाँव है। यहाँ की मुख्य क्रिया कृषि है। इसके अतिरिक्त अनेक गैर-कृषि क्रियाएँ; जैसे लघु स्तरीय विनिर्माण, डेरी, परिवहन आदि सीमित स्तर पर की जाती हैं। पालमपुर आस-पड़ोस के गाँवों से भली-भाँति जुड़ा हुआ है। विभिन्न प्रकार के वाहन गाँव में उत्पादित माल को निकटतम कस्बों व शहरों तक ले जाते हैं। गाँव में विभिन्न जातियों के लगभग 450 परिवार रहते हैं जिनमें अधिकांश निम्न जाति के हैं। गाँव में दो प्राथमिक विद्यालय, एक हाईस्कूल, एक राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और एक निजी औषधालय है।
प्रश्न 2 – पालमपुर में कृषि कार्य की मुख्य बातें बताइए ।
उत्तर— पालमपुर में समस्त भूमि पर खेती की जाती है। यहाँ तीन प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं— (i) बरसात के मौसम में खरीफ की फसलें – ज्वार, बाजरा ; (ii) अक्टूबर और दिसम्बर के बीच आलू की खेती; (iii) शरद् ऋतु में रबी की फसल – – गेहूँ । भूमि के एक भाग में गन्ने की खेती भी की जाती है। पालमपुर में एक वर्ष में तीन अलग-अलग फसलें उगाना सिंचाई एवं विद्युत सुविधाओं के कारण सम्भव हुआ है।
प्रश्न 3 – उन्नत किस्म के बीजों का कृषि पर क्या प्रभाव पड़ा है? 
उत्तर – उन्नत किस्म के बीजों के प्रयोग ने कृषि उत्पादकता में तीव्र गति से वृद्धि की है और देश हरित क्रान्ति की ओर अग्रसर हुआ है। ये बीज फसल उत्पादन में दो से तीन गुना तक वृद्धि करने में सफल रहे हैं। इसीलिए आज उत्तम बीजों के उत्पादन एवं उनके न्यायपूर्ण वितरण पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। हाँ; इसकी सफलता के लिए अधिक पानी, रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों की आवश्यकता पड़ती है। अतः अधिक उपज उन्नत किस्म के बीजों सिंचाई, रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के संयोजन से ही सम्भव
प्रश्न 4 – भारत में कृषि फसलों के उत्पादन में हरित क्रान्ति के योगदान की चर्चा कीजिए ।
उत्तर – भारत में हरित क्रान्ति के फलस्वरूप केवल गेहूँ, चावल, बाजरा व गन्ने के उत्पादन में ही अधिक वृद्धि हुई। मकई के उत्पादन में सामान्य वृद्धि जबकि चने, पटसन और रुई के सम्बन्ध में यह वृद्धि अत्यन्त धीमी रही। दालों के उत्पादन में तेजी से गिरावट आई। इस प्रकार हरित क्रान्ति का प्रभाव कुछ महत्त्वपूर्ण खाद्य फसलों तक ही सीमित रहा। दूसरे, खाद्यान्नों में वृद्धि पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश के कुछ चुने हुए जिलों, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में हुई। तीसरे, इसका लाभ केवल बड़े किसानों को ही मिला।
प्रश्न 5- करीम की पूँजी और श्रम किस रूप में मिश्रीलाल की पूँजी और श्रम से भिन्न है ?
उत्तर – मिश्रीलाल की पूँजी की भाँति करीम की पूँजी भी स्थिर है। चूँकि करीम की पूँजी इकाई (कम्प्यूटर) के लिए माँग घर पर ही हो रही है अतः उसे घर पर ही आय प्राप्त हो जाती है, जबकि मिश्रीलाल को आय प्राप्त करने के लिए शाहपुर जाना पड़ता है। दूसरे. करीम का श्रम प्रशिक्षित है, जबकि मिश्रीलाल के खेतिहर श्रमिक अप्रशिक्षित हैं।
प्रश्न 6 – इससे पहले किसी और ने कम्प्यूटर केन्द्र क्यों नहीं शुरू किया? सम्भावित कारणों की चर्चा कीजिए ।
उत्तर – इससे पहले कम्प्यूटर केन्द्र न खोलने के सम्भावित कारण निम्नलिखित हो सकते हैं-
  1. कम्प्यूटर में प्रशिक्षित / डिग्री प्राप्त श्रमिक पूर्व में नहीं होंगे ।
  2. लोगों के पास पूर्व में कम्प्यूटर सैट लगाने के लिए आवश्यक पूँजी नहीं होगी।
  3. लोगों का घर बाजार से दूर हो सकता है।
  4. कम्प्यूटर सेण्टर खोलने का विचार ही न आया हो अथवा किसी को कम्प्यूटर के बारे में कोई जानकारी न हो ।
प्रश्न 7 – पालमपुर के किसानों में भूमि किस प्रकार वितरित है? 
उत्तर – पालमपुर में 450 परिवारों में लगभग 150 परिवारों के पास खेती के लिए भूमि नहीं है। ये अधिकांशतः दलित हैं। 240 परिवारों के पास 2 हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल वाले छोटे भूमि के टुकड़े हैं। मध्यमवर्गीय एवं बड़े किसानों के 60 परिवारों के पास 2 हेक्टेयर से • अधिक भूमि है। कुछ के पास तो 10 हेक्टेयर या इससे भी अधिक भूमि है।
• अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – किसानों के अधिकांश परिवार बहुत छोटे प्लाटों पर खेती क्यों करते हैं?
उत्तर— क्योंकि उनके पास 2 हेक्टेयर से भी कम भूमि है।
प्रश्न 2 – डाला और रामकली जैसे खेतिहर श्रमिक गरीब क्यों हैं?
उत्तर – डाला और रामकली गरीब हैं क्योंकि खेती में आधुनिक तकनीक के प्रयोग के कारण उन्हें रोजगार नहीं मिलता। दूसरे, अपने भरण-पोषण के लिए वे कर्ज में डूबे रहते हैं।
प्रश्न 3 – लोग प्रवास क्यों करते हैं?
उत्तर — आवासीय स्थान पर रोजगार न मिलने के कारण लोगों का प्रवसन होता है।
प्रश्न 4 – क्या आप कह सकते हैं कि किशोर को पालमपुर की अच्छी सड़कों से लाभ हुआ है?
उत्तर – हाँ, सड़कें अच्छी होने से किशोर को लाभ हुआ अन्यथा वह गाँव में दूध ही बेचता और अन्य वस्तुओं को पास के गाँव तक नहीं ले जा पाता ।
प्रश्न 5 – पालमपुर और रायगंज के बीच कौन-कौन से वाहन चलते हैं?
उत्तर— रिक्शा, ताँगा, जीप, ट्रैक्टर, ट्रक, बैलगाड़ी व भिन्न प्रकार की अन्य गाड़ियाँ ।
प्रश्न 6 – भूमि और श्रम उत्पादन के कैसे साधन हैं?
उत्तर- भूमि उत्पादन का निष्क्रिय साधन है जबकि श्रम उत्पादन का सक्रिय साधन है।
प्रश्न 7 – मिश्रीलाल को गुड़ बनाने की उत्पादन इकाई लगाने में कितनी पूँजी की जरूरत पड़ी?
उत्तर – मिश्रीलाल को गुड़ बनाने की उत्पादन इकाई लगाने में गन्ना पेरने की मशीन की आवश्यकता पड़ी। यह स्थिर पूँजी है।
प्रश्न 8 – इस कार्य ( गुड़ बनाने के कार्य ) में श्रम कौन उपलब्ध कराता है?
उत्तर — इस कार्य में गाँव के खेतिहर मजदूर श्रम उपलब्ध कराते हैं।
प्रश्न 9 – क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि मिश्रीलाल क्यों अपना लाभ नहीं बढ़ा पा रहा है?
उत्तर – मिश्रीलाल गुड़ बनाने के लिए गन्ना किसानों से खरीदता है अतः वह लाभ नहीं बढ़ा पा रहा है।
प्रश्न 10 – क्या आप ऐसा कारण बता सकते हैं जिससे उसे (मिश्रीलाल को ) हानि भी हो सकती है?
उत्तर – गन्ना अधिक कीमत पर खरीदने और गुड़ को कम्म कीमत पर बेचने से उसे हानि हो सकती है।
प्रश्न 11 – मिश्रीलाल अपना गुड़ गाँव में न बेचकर शाहपुर के व्यापारियों को क्यों बेचता है?
उत्तर – मिश्रीलाल अपना गुड़ गाँव में इसलिए नहीं बेचता, क्योंकि वहाँ उसे कम कीमत मिलती है। इसके विपरीत, शाहपुर में उसे गुड़ की उचित कीमत मिल जाती है।
प्रश्न 12 – किशोर कौन है?
उत्तर – किशोर एक खेतिहर मजदूर है।
प्रश्न 13 – क्या आप सोच सकते हैं कि उसकी (किशोर की) कार्यशील पूँजी कितनी होगी?
उत्तर- भैंस व उसका दूध ।
प्रश्न 14 – किशोर की स्थायी पूँजी क्या है?
उत्तर – लकड़ी का ठेला (रेहड़ा) ।
प्रश्न 15 – किशोर कितनी उत्पादन क्रियाओं में लगा हुआ है?
उत्तर – किशोर तीन प्रकार की उत्पादन क्रियाओं में लगा हुआ है—
  1. वह भैंस का दूध बेचता है।
  2. गंगा के किनारे से मिट्टी लाकर कुम्हार को आपूर्ति करता है ।
  3. गुड़ अथवा अन्य वस्तुओं को शाहपुर लेकर जाता है।
• बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1 – पालमपुर में मुख्य क्रिया कौन-सी है—
(a) परिवहन
(b) विनिमय
(c) खेती
(d) पशुपालन।
उत्तर – (c) खेती
प्रश्न 2 – पालमपुर में डाला को कितना वेतन मिलता है?
(a ) ₹20-25 प्रतिदिन
(b) ₹35-40 प्रतिदिन
(c) ₹25-35 प्रतिदिन
(d) ₹45-50 प्रतिदिन ।
उत्तर – (b) ₹35-40 प्रतिदिन
प्रश्न 3 – पालमपुर में विनिर्माण कार्य की क्या विशेषताएँ हैं-
(a) कम संख्या में लोगों का प्रयुक्त होना
(b) सरल उत्पादन विधियों का प्रयोग
(c) छोटे पैमाने पर कार्य
(d) उपर्युक्त सभी सत्य।
उत्तर – (d) उपर्युक्त सभी सत्य।
प्रश्न 4 – उत्पादन के लिए क्या आवश्यक है-
(a) भूमि
(b) श्रम
(c) पूँजी
(d) ये सभी।
उत्तर – (d) ये सभी।
प्रश्न 5 – आवश्यकताओं को सन्तुलन करने की शक्ति क्या कहलाती है-
(a) विनिमय
(b) वितरण
(c) उपयोगिता
(d) उपभोग।
उत्तर – (c) उपयोगिता

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