UK 9th Social Science

UK Board 9th Class Social Science – (भूगोल) – Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप

UK Board 9th Class Social Science – (भूगोल) – Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप

UK Board Solutions for Class 9th Social Science – सामाजिक विज्ञान – (भूगोल) – Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप

पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1 – निम्नलिखित विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए—
(i) एक स्थलीय भाग जो तीन ओर से समुद्र से घिरा हो-
(क) तट
(ख) प्रायद्वीप
(ग) द्वीप
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर- (ख) प्रायद्वीप ।
(ii) भारत के पूर्वी भाग में म्यानमार की सीमा का निर्धारण करने वाले पर्वतों का संयुक्त नाम-
(क) हिमाचल
(ख) पूर्वांचल
(ग) उत्तराखण्ड
(घ) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर- (ख) पूर्वांचल ।
(iii) गोवा के दक्षिण में स्थित पश्चिम तटीय पट्टी-
(क) कोरोमण्डल
(ख) कन्नड
(ग) कोंकण
(घ) उत्तरी सरकार ।
उत्तर- (ख) कन्नड
(iv) पूर्वी घाट का सर्वोच्च शिखर-
(क) अनाईमुडी
(ख) महेन्द्रगिरि
(ग) कंचनजंगा
(घ) खासी ।
उत्तर- (ख) महेन्द्रगिरि ।
प्रश्न 2 – निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर दीजिए-
(i) भाबर क्या है?
उत्तर- भाबर वे मैदानी प्रदेश हैं जहाँ नदियाँ पर्वतों के बाद मैदानों में प्रवेश करती हैं। इस मैदानी भाग की रचना रेत, कंकड़, पत्थर एवं बजरी आदि से होती है। इस भाग में नदियाँ भूमि तल के बजाय भूमि के नीचे बहती हैं। शिवालिक हिमालय की तलहटी में सिन्ध से तिस्ता नदी तक ऐसा ही मैदानी प्रदेश स्थित है। इसकी चौड़ाई 8 से 16 किमी तक है।
(ii) हिमालय के तीन प्रमुख विभागों के नाम उत्तर से दक्षिण के क्रम में बताइए ।
उत्तर — उत्तर से दक्षिण के क्रम में हिमालय के तीन प्रमुख विभागों के नाम इस प्रकार हैं— (i) वृहत् या महान् हिमालय, (ii) मध्य या लघु हिमालय, (iii) बाह्य या शिवालिक हिमालय ।
(iii) अरावली और विन्ध्याचल की पहाड़ियों में कौन-सा पठार स्थित है?
उत्तर – अरावली और विन्ध्याचल की पहाड़ियों के मध्य मालवा का पठार स्थित है।
(iv) भारत के उन द्वीपों के नाम बताइए जो प्रवाल भित्ति के हैं।
उत्तर – भारत के अरब सागर में स्थित बिट्रा तथा कवारती द्वीप प्रवाल भित्ति द्वारा निर्मित हैं।
प्रश्न 3 – निम्नलिखित में अन्तर स्पष्ट कीजिए-
(i) बांगर और खादर ।
उत्तर- बांगर और खादर में अन्तर
क्र०सं० बांगर खादर
1. पुरानी जलोढ़ मिट्टी के मैदान को बांगर कहते हैं। नवीन जलोढ़ मिट्टी के मैदान खादर कहलाते हैं।
2. निरन्तर मिट्टी के जमाव से यह मैदान अपेक्षाकृत अधिक ऊँचा हो जाता है। इसलिए यहाँ बाढ़ के समय नदी का जल नहीं पहुँच पाता है। बाढ़ के समय नदी का जल सारे क्षेत्र में पहुँच जाता है। इसलिए यहाँ प्रतिवर्ष नवीन मिट्टी का जमाव होता रहता है।
3. यह मैदान कम उपजाऊ होता है। यहाँ नवीन मिट्टी का जमाव होता रहता है इसलिए यह मैदान अधिक उपजाऊ होता है।
4. इस मैदान की मिट्टी में पत्थर के कण या कंकड़ों के अतिरिक्त कैल्सियम कार्बोनेट आदि मौजूद होता है। खादर क्षेत्र की मिट्टी में पत्थर या कंकड़ आदि नहीं होते हैं।
5. बांगर क्षेत्र गिरिपाद और घाटियों के ऊपरी भाग में मिलते हैं। खादर क्षेत्र नदियों के निकट बाढ़ क्षेत्रों और डेल्टा भूमि पर मिलते हैं।
(ii) पूर्वी घाट तथा पश्चिमी घाट ।
उत्तर- पूर्वी घाट तथा पश्चिमी घाट में अन्तर
क्र०सं० पूर्वी घाट पश्चिमी घाट
1. पूर्वी घाट दक्षिण के पठार पर उत्तर-पूर्व दिशा से दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर बंगाल की खाड़ी के समानान्तर फैले हुए हैं। पश्चिमी घाट दक्षिण के पठार पर उत्तर से दक्षिण में अरब सागर के समानान्तर फैले हुए हैं।
2. पूर्वी घाट उत्तर में महानदी से लेकर दक्षिण में नीलगिरि की पहाड़ियों तक 1,300 किमी की लम्बाई में विस्तृत है। पश्चिमी घाट उत्तर में ताप्ती नदी की घाटी से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक 1,600 किमी की लम्बाई में विस्तृत है।
3. इस पर्वतीय भाग की औसत ऊँचाई 615 मीटर तथा औसत चौड़ाई उत्तर में 190 किमी जबकि दक्षिण में 75 किमी है। इस पर्वतीय भाग की औसत ऊँचाई 1,600 मीटर तथा औसत चौड़ाई 50 किमी है।
4. पूर्वी घाट का सर्वोच्च शिखर 1,680 मीटर ऊँचा है। अतः इस पर्वत-श्रेणी की ऊँचाई कम है। पश्चिमी घाट का सर्वोच्च शिखर 2,695 मीटर ऊँचा है। अतः इस पर्वत-श्रेणी की औसत ऊँचाई अधिक है।
5. पूर्वी घाट उत्तर में अधिक चौड़े, जबकि दक्षिण में कम चौड़े हैं। नदियों ने इस पर्वत-श्रेणी को अनेक स्थानों पर काट-छाँट दिया है। पश्चिमी घाट उत्तर में कम चौड़े हैं, जबकि दक्षिण में इनकी चौड़ाई बढ़ गई है। समुद्र तट की ओर इसका ढाल बड़ा ही तीव्र है।
प्रश्न 4 – भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग कौन से हैं? हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीपीय पठार के उच्चावच लक्षणों में क्या अन्तर है?
उत्तर- भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग
भारत एक विशाल देश है। यहाँ अनेक प्रकार के उच्चावच पाए जाते हैं। कहीं पर्वत श्रेणियों का विस्तार है तो कहीं पठार एवं कहीं मैदान तो कहीं घाटियाँ। भू-आकृतिक संरचना के आधार पर भारत को निम्नलिखित चार भागों में विभाजित किया जा सकता है-
  1. उत्तर में विशाल पर्वतों की प्राचीर अथवा हिमालय पर्वतीय प्रदेश,
  2. उत्तरी मैदान अथवा उत्तर का विशाल मैदान,
  3. प्रायद्वीपीय भारत का विशाल पठार अथवा प्रायद्वीपीय पठार,
  4. समुद्रतटीय मैदान और द्वीपसमूह ।
हिमालय क्षेत्र एवं प्रायद्वीपीय पठार में अन्तर
हिमालय क्षेत्र एवं प्रायद्वीपीय पठार के उच्चावच लक्षणों में निम्नलिखित अन्तर हैं-
  1. हिमालय एक नवीन मोड़दार पर्वतों की श्रृंखला है जिसे आज भी निर्माणाधीन माना जाता है जबकि प्रायद्वीपीय पठार को सबसे प्राचीन भूखण्ड माना जाता है तथा इसका निर्माण बहुत पहले पूरा हो चुका है।
  2. हिमालय क्षेत्र में मिश्रित चट्टान संरचना मिलती है, जबकि प्रायद्वीपीय पठार स्पष्टतः आग्नेय और कायान्तरित शैलों का भू-भाग है।
  3. हिमालय क्षेत्र में पर्वतश्रेणियाँ समानान्तर क्रम में फैली हैं, जबकि प्रायद्वीपीय पठार की पर्वत श्रेणियाँ असमानान्तर क्रम में घिरी हुई हैं।
  4. हिमालय क्षेत्र को वन सम्पदा में तथा प्रायद्वीपीय पठार को खनिज सम्पदा में धनी माना जाता है।
  5. हिमालय क्षेत्र को भारत का वाटर बैंक कहा जाता है, क्योंकि इस क्षेत्र में सदानीरा नदियाँ बहती हैं, परन्तु प्रायद्वीपीय पठार पर मौसमी नदियाँ बहती हैं।
  6. हिमालय क्षेत्र लम्बी पर्वत श्रृंखलाओं अर्थात् तलवार के समान आकृति में फैला है जबकि प्रायद्वीपीय पठार की आकृति त्रिभुजाकार है।
इस प्रकार हिमालय क्षेत्र प्रायद्वीपीय पठार से भिन्न भू-आकृतिक लक्षणों वाला भू-भाग है जिसका प्रभाव मानव तथा परिस्थितीय विकास पर स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है।
प्रश्न 5 – भारत के उत्तरी मैदान का वर्णन कीजिए ।
उत्तर- उत्तर का विशाल मैदान
यह विशाल मैदान एक नवीनतम भू-खण्ड है, जो हिमालय पर्वत की उत्पत्ति के बाद निर्मित हुआ है। इस मैदान का निर्माण उत्तर में हिमालय तथा दक्षिण में प्रायद्वीपीय पठार से निकलने वाली नदियों द्वारा जमा किए गए अवसाद से हुआ है। सिन्धु की सहायक सतलज, झेलम, रावी, चिनाब एवं ब्यास, गंगा व उसकी सहायक तथा ब्रह्मपुत्र एवं उसकी सहायक नदियों द्वारा बहाकर लाए गए अवसाद के भरने से इस मैदान के निर्माण में विशेष योगदान मिला है। इसे ‘जलोढ़ मैदान’ के नाम से भी पुकराते हैं। यह विशाल मैदान विश्व का सबसे उर्वर एवं सघन जनसंख्या रखने वाला प्रदेश है, जहाँ भारत की लगभग 45% जनसंख्या निवास करती है। इसका क्षेत्रफल 7 लाख वर्ग किमी है। इस मैदान की लम्बाई पूर्व – पश्चिम 2,414 किमी है, परन्तु चौड़ाई पूर्व से पश्चिम की ओर कम होती जाती है। पश्चिम की ओर इसकी चौड़ाई 480 किमी, जबकि पूर्व में घटकर केवल 145 किमी रह जाती है। इसका ढाल अत्यन्त मन्द है। इसका अधिकांश भाग समुद्र तल से 150 मीटर से अधिक ऊँचा नहीं है। इस मैदान का विस्तार उत्तरी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल तथा असम राज्यों में है। पश्चिम की ओर यह राजस्थान में थार मरुस्थल से सीमा बनाता है।
प्रश्न 6 – निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए-
(i) मध्य हिमालय,
(ii) मध्य उच्चभूमि,
(iii) भारत के द्वीप समूह |
उत्तर-
(i) मध्य हिमालय
यह पर्वतश्रेणी महान् हिमालय के दक्षिण में उसके समानान्तर फैली हुई है। इसे लघु या हिमाचल हिमालय के नाम से भी पुकारा जाता है। यह श्रेणी 60 से 80 किमी तक चौड़ी है। इस श्रेणी की औसत ऊँचाई 1,800 से 3,000 मीटर तक है तथा अधिकतम ऊँचाई 4,500 मीटर तक पायी जाती है। इस भाग में नदियाँ ‘V’ आकार की घाटियाँ तथा गहरी कन्दराएँ बनाकर बहती हैं, जिनकी गहराई 1,000 मीटर तक है। महान और लघु हिमालय के मध्य में कश्मीर, काठमाण्डू (नेपाल), काँगड़ा एवं कुल्लू की घाटियाँ महत्त्वपूर्ण स्थान रखती हैं। शीत ऋतु में तीन-चार महीने यहाँ हिमपात होता है। ग्रीष्म ऋतु में ये पर्वतीय क्षेत्र उत्तम एवं स्वास्थ्यवर्द्धक जलवायु तथा मनमोहक प्राकृतिक सुषमा के कारण पर्यटन के केन्द्र बन जाते हैं। पी पंजाल इसकी महत्त्वपूर्ण श्रेणी है, जो अनेक भुजाओं वाली है। इस श्रेणी की ऊँचाई 4,000 मीटर है। चकरौता, शिमला, मसूरी, नैनीताल, रानीखेत, दार्जिलिंग आदि स्वास्थ्यवर्द्धक पर्वतीय नगर लघु हिमालय में ही स्थित हैं। इस पर्वतीय क्षेत्र में कोणधारी वनों के अतिरिक्त ढालों पर घास के मैदान मिलते हैं। इन मैदानों को कश्मीर में मर्ग तथा उत्तराखण्ड में बुग्याल और पयार के नाम से जाना जाता है।
(ii) मध्य उच्चभूमि
प्रायद्वीपीय पठार का उत्तरी भाग मध्यवर्ती उच्चभूमि के नाम से प्रसिद्ध है। यह भाग अनेक पठारों, अनाच्छादित पर्वत श्रेणियों तथा कम ऊँची पहाड़ियों द्वारा निर्मित है। यह भाग कठोर आग्नेय शैलों से बना है। मध्य उच्चभूमि का उत्तर-पश्चिमी भाग अरावली पहाड़ियों द्वारा घिरा है। अरावली पहाड़ियाँ प्राचीन वलित पर्वतों के अवशिष्ट हैं जिनका विस्तार उत्तर-पूर्व में दिल्ली तक तथा दक्षिण-पश्चिम में गुजरात तक मिलता है।
मध्यवर्ती उच्चभूमि की दक्षिणी सीमा विन्ध्याचल पर्वतों तथा पूर्वी विस्तार कैमूर पहाड़ियों से निर्धारित होता है। अरावली तथा विन्ध्याचल पर्वतों के बीच में मालवा पठार स्थित है। यह पठार अत्यन्त विस्तृत है। यहाँ चम्बल एवं बेतवा नदियों ने इसे काटकर समतल रूप प्रदान करने का प्रयास किया है। मध्यवर्ती उच्चभूमि के इस उत्तर-पूर्वी भाग को बुन्देलखण्ड कहते हैं । यहाँ सोन नदी के पूर्व में झारखण्ड का छोटा नागपुर पठार स्थित है जो लावा की क्षैतिज परतों से बना है। इस पठार में भारत के सर्वाधिक खनिज पदार्थ विद्यमान हैं। उच्च भूमि के मध्य भाग में नर्मदा – ताप्ती प्रसिद्ध नदियाँ हैं।
(iii) भारत के द्वीप समूह
अरब सागरीय द्वीप प्रवालभित्तियों द्वारा तथा बंगाल की खाड़ी के द्वीप टरशियरी पर्वत निर्माणकारी धरातलीय विशेषता रखते हैं। इन द्वीपों का वर्णन निम्नवत् है—
  1. अरब सागर के द्वीप – अरब सागर में 37 द्वीप हैं, जिनमें लक्षद्वीप समूह प्रमुख है। इन्हें पहले लक्षद्वीप, मिनीकॉय एवं अमीनदीव नामों से पुकारा जाता था। इनका क्षेत्रफल 32 वर्ग किमी है। इनकी आकृति घोड़े की नाल या अँगूठी के समान है। इन द्वीपों पर नारियल के वृक्ष अधिक उगते हैं ।
  2. बंगाल की खाड़ी के द्वीप – बंगाल की खाड़ी में लगभग 572 द्वीप हैं। यहाँ द्वीप, समूह के रूप में पाए जाते हैं, जो एक-दूसरे से संकीर्ण खाड़ी द्वारा पृथक् हैं। अण्डमान एवं निकोबार यहाँ के दो प्रमुख द्वीप समूह हैं। ये बंगाल की खाड़ी में जल में डूबी हुई पहाड़ियों की श्रृंखला पर स्थित हैं। इनमें से कुछ की उत्पत्ति ज्वालामुखी के उद्गार से हुई है। देश का सुदूरतम दक्षिणी बिन्दु ग्रेट निकोबार द्वीप (इन्दिरा प्वाइंट) में स्थित है। भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी इन्हीं द्वीपों के बैरन द्वीप पर स्थित है।
• मानचित्र कार्य
भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित दिखाइए-
(i) पर्वत शिखर – के – 2, कंचनजंघा, नंगा पर्वत, अनाईमुडी
(ii) पठार—शिलांग, छोटानागपुर, मालवा, बुन्देलखण्ड
(iii) थार मरुस्थल, पश्चिमी घाट, लक्षद्वीप, गंगा-यमुना दोआब, कोरोमण्डल तट ।
उत्तर— उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर हेतु निम्नांकित मानचित्र का अवलोकन करें-
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
• विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – भारत के आर्थिक विकास में हिमालय पर्वत का महत्त्व है? वर्णन कीजिए।
उत्तर- हिमालय पर्वत का भारत के लिए आर्थिक महत्त्व
हिमालय पर्वत शृंखला भारत की उत्तरी सीमा पर अभेद्य दीवार के रूप में स्थित है। इसके आर्थिक महत्त्व को निम्नलिखित रूपों में प्रकट किया जा सकता है—
1. सदावाहिनी नदियों का उद्गम स्थल – उत्तरी भारत की अधिकांश नदियाँ सिन्धु, गंगा, यमुना तथा ब्रह्मपुत्र और उनकी अनेक सहायक नदियों के उद्गम स्रोत इसी पर्वतमाला में स्थित हैं। इन नदियों से भारत को पर्याप्त मात्रा में जल प्राप्त होता है।
2. वर्षा कराने में सहायक — हिमालय पर्वत बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर से उठने वाली मानसूनी पवनों के मार्ग में बाधा बनकर उन्हें वर्षा करने के लिए प्रेरित करता है।
3. उत्तम चरागाह — हिमालय पर्वत की घाटियों, मैदानों तथा ढालों पर उत्तम हरी घास उगती है। हरी घास के ये क्षेत्र पशुचारण के लिए उत्तम चरागाह सिद्ध हुए हैं।
4. उपयोगी वन – हिमालय पर्वत के दोनों ओर के निम्न ढालों पर उपयोगी वनों का बाहुल्य है। इन वनों से विभिन्न उद्योगों के लिए कच्चे माल, उपयोगी इमारती लकड़ियाँ आदि अनेक वस्तुएँ प्राप्त होती हैं।
5. फल तथा कृषि उपजें – हिमालय में स्थित कश्मीर घाटी को ‘फलों का स्वर्ग’ कहा जाता है। यहाँ के अनेक भागों में सेब, अखरोट, आडू, खुबानी, अंगूर, नाशपाती आदि उगाए जाते हैं। पर्वतीय ढालों पर | चाय तथा सीढ़ीदार खेतों में चावल व आलू भी उगाए जाते हैं।
6. जल विद्युत शक्ति का उत्पादन — हिमालय पर्वत से निकलने वाली सदावाहिनी नदियाँ अपने प्रवाह मार्ग में प्राकृतिक जलप्रपातों (झरनों) की रचना करती हैं। ये जलप्रपात जल-विद्युत शक्ति उत्पादन में अत्यन्त सहायक सिद्ध हुए हैं।
• लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – भारत के किन्हीं दो प्राकृतिक भागों के नाम लिखिए तथा उनकी स्थिति स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर— भारत के दो प्राकृतिक भाग तथा उनकी स्थिति निम्नवत् है-
1. उत्तर में विशाल पर्वतों की प्राचीर अथवा हिमालय पर्वतीय प्रदेश – भारत के उत्तर में लगभग 2,500 किमी की लम्बाई तथा 150 से 400 किमी की चौड़ाई में हिमालय पर्वतीय प्रदेश का विस्तार है। यह विशाल पर्वतों की प्राचीर पूर्व से पश्चिम दिशा में चाप के आकार फैली हुई है। इस पर्वतीय प्रदेश का विस्तार लगभग 5 लाख वर्ग किमी क्षेत्रफल में विस्तृत है।
2. उत्तरी मैदान अथवा उत्तर का विशाल मैदानहिमालय पर्वत के दक्षिण तथा दकन पठार के उत्तर में गंगा, सतलज, ब्रह्मपुत्र और उनकी सहायक नदियों की काँप मिट्टी. द्वारा निर्मित उपजाऊ एवं समतल मैदान को उत्तर का विशाल मैदान कहते हैं। इसका क्षेत्रफल लगभग 7 लाख वर्ग किमी है। इसे ‘जलोढ़ मैदान’ के नाम से भी पुकारते हैं। इस मैदान की लम्बाई पूर्व से पश्चिम लगभग 2,414 किमी तथा चौड़ाई पूर्व में 145 किमी तथा पश्चिम में 480 किमी है।
प्रश्न 2 – कश्मीर भारत का स्विट्जरलैण्ड कहलाता है, क्यों? 
उत्तर— कश्मीर स्विट्जरलैण्ड की भाँति अद्वितीय प्राकृतिक एवं नैसर्गिक सौन्दर्य रखने वाला राज्य है। स्विट्जरलैण्ड को ‘यूरोप का स्वर्ग’ कहकर पुकारा जाता है; अत: कश्मीर ‘भारत का – स्विट्जरलैण्ड’ तथा ‘भारत का स्वर्ग’ भी कहलाता है। इस सन्दर्भ में निम्नलिखित तथ्य प्रस्तुत किए जाते हैं-
  1. स्विट्जरलैण्ड अपनी सुन्दर दृश्यावलियों एवं पर्वतीय ढालों के लिए प्रसिद्ध है, ठीक उसी प्रकार कश्मीर प्राकृतिक एवं नैसर्गिक सौन्दर्य की विशिष्टता रखने वाला प्रदेश है।
  2. स्विट्जरलैण्ड के पर्वतीय ढाल हिम से ढके रहते हैं, ठीक उसी प्रकार कश्मीर के पर्वतीय ढाल भी वर्ष भर हिम से आच्छादित रहते हैं।
  3. स्विट्जरलैण्ड बर्फ के खेलों के लिए यूरोप में ही नहीं अपितु विश्व भर में प्रसिद्ध है, ठीक उसी प्रकार कश्मीर में भी बर्फ के खेलों (स्कीइंग) का आनंन्द उठाया जा सकता है।
उपर्युक्त तथ्यों के कारण ही कश्मीर ‘भारत का स्विट्जरलैण्ड’ कहलाता है।
प्रश्न 3— भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे प्राचीन भू-भाग कौन-सा है ?
उत्तर – विशाल प्रायद्वीपीय पठार भारतीय उपहाद्वीप का सबसे प्राचीन भू-भाग है। यह प्रायद्वीपीय पठार प्राचीन एवं कठोर चट्टानों से निर्मित त्रिभुजाकार रूप में स्थित है। यह पठार प्राचीन गोंडवानालैण्ड का ही एक अंग है, जिसे अपरदन के अनेक कारकों ने काट-छाँट दिया है। इस पठार पर अनेक छोटे-छोटे पठार एवं पर्वत दिखाई पड़ते हैं। अनेक नदियों ने इस पठार को स्थान-स्थान से काटकर तंग एवं चौड़ी घाटियों का निर्माण किया है। इस पठार के उत्तर-पश्चिमी भाग पर लावा मिट्टी (ज्वालामुखी क्रिया द्वारा निर्मित) के निक्षेप पाए जाते . हैं। इस प्रदेश में प्रवाहित होने वाली तीव्रगामी नदियाँ जल-विद्युत शक्ति उत्पादन के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियाँ रखती हैं। यह पठारी क्षेत्र खनिज पदार्थों का विपुल भण्डार है। यहाँ कोयला, ताँबा, अभ्रक, बॉक्साइट, क्रोमाइट, चूना, टंगस्टन, क्वार्ट्ज, फेल्सपार, लोहा, सोना, पन्ना, मैंगनीज, जस्ता आदि खनिज पदार्थों के प्रचुर भण्डार पाए जाते हैं।
प्रश्न 4 – पश्चिमी हिमालय और पूर्वी हिमालय की तुलना कीजिए।
उत्तर- पश्चिमी और पूर्वी हिमालय की तुलना
क्र०सं० पश्चिमी हिमालय पूर्वी हिमालय
1. भारत की उत्तर-पश्चिमी सीमा अर्थात् जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश में फैले हिमालय को ‘पश्चिमी हिमालय’ कहते हैं। भारत की पूर्वी सीमा अर्थात् पश्चिम बंगाल, सिक्किम, भूटान तथा अरुणाचल प्रदेश में फैले हिमालय को ‘पूर्वी हिमालय’ कहते हैं।
2. पश्चिमी हिमालय में स्थित लद्दाख, जास्कर तथा नंगा पर्वत आदि अधिक ऊँचे पर्वत हैं। पूर्वी हिमालय में स्थित पटकाईबुम, लुशाई, गारो, खासी, जयन्तिया आदि अपेक्षाकृत कम ऊँचे पर्वत हैं।
3. ये पर्वत अधिक ऊँचे होने के कारण परिवहन एवं अन्य आर्थिक विकास के लिए कम उपयोगी हैं। ये पर्वत घने वनों से ढके हैं; अतः आर्थिक विकास एवं परिवहन के लिए अपेक्षाकृत अधिक उपयोगी हैं।
प्रश्न 5 – शैलों की आयु का पता कैसे लगाया जाता है?
उत्तर— शैलों की विभिन्न परतों में वनस्पति तथा प्राणियों के सुरक्षित अवशेषों द्वारा शैलों की आयु का पता लगाया जाता है। प्रायः देखा गया है कि शैलों के बीच जीवाश्मीय अवशेष (fossils) करोड़ों वर्षों की अवधि तक सुरक्षित रह सकते हैं। जीवाश्म वनस्पति एवं जीवों के अवशिष्ट भाग हैं। इस प्रकार परतदार या अवसादी शैलें तथा उनमें मिलने वाले जीवाश्म ही वह साक्ष्य या प्रमाण हैं जिनके आधार पर भू-वैज्ञानिक उस क्षेत्र या प्रदेश की शैलों की आयु निर्धारित करते हैं। किसी प्राणी अथवा वनस्पति के जीवाश्म, किसी शैल में तभी मिलेंगे जबकि वह उस शैल के जमाव एवं विकास काल का समकालीन रहा हो। इस प्रकार विशेष प्रकार के जीवाश्म विशेष प्रकार की शैलों तक ही सीमित रहते हैं। अतः ऐसे जीवाश्मों को रखकर उनके आधार पर सम्बन्धित शैल संरचना एवं उसके स्वरूप की आयु निश्चित की जा सकती है।
प्रश्न 6–उत्तर के विशाल मैदान का आर्थिक महत्त्व बताइए।
उत्तर—‘भारत का हृदय’ कहे जाने वाले उत्तर के विशाल मैदान का आर्थिक महत्त्व निम्नवत् है—
  1. उत्तर का विशाल मैदान विश्व के समतल तथा सबसे अधिक उपजाऊ मैदानों में गिना जाता है।
  2. यह मैदान कृषि उत्पादन की दृष्टि से सर्वाधिक विकसित और सम्पन्न है।
  3. अधिक उपजाऊ होने के कारण इस मैदान में भारत की लगभग 45% जनसंख्या निवास करती है।
  4. यह मैदान प्राचीनकाल से ही उद्योग, परिवहन, वाणिज्य, व्यापार तथा प्राचीन भारतीय संस्कृति का केन्द्र रहा है।
  5. उत्तर का विशाल मैदान अधिक जनसंख्या की खाद्यान्न आवश्यकताओं को पूर्ण करने में सक्षम है।
  6. यह मैदान अधिक जनसंख्या को आजीविका के साधन उपलब्ध कराने में सक्षम है।
• अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – दोआब तथा पंजाब का क्या अर्थ है ?
उत्तर- ‘दोआब’ का अर्थ है, दो नदियों के मध्य का भाग। दोआब शब्द दो तथा आब के संयोग से बना है। दो तथा आब अर्थात् दो नदियों का पानी। इसी प्रकार पंजाब भी पंज अर्थात् पाँच और आब अर्थात् पानी। पंजाब में पाँच नदियाँ जल प्रदान करती हैं इसीलिए इसे पंच आब अर्थात् पंजाब कहा जाता है।
प्रश्न 2 – महान् हिमालय में पायी जाने वाली प्रमुख हिमानियों के नाम लिखिए।
उत्तर — इस क्षेत्र में गंगोत्री, जेमू, मिलाम, केदारनाथ, पुनमेह, बातुरा, बाल्टोरो, बियाफो आदि प्रमुख हिमनद हैं।
प्रश्न 3 – महाखड्ड (कैनियन) से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – महाखड्ड अंग्रेजी के अक्षर I की आकृति की नदी की गहरी घाटी है। इसके किनारे दीवार की भाँति खड़े ढाल वाले होते हैं। हिमालय से निकलने वाली नदियाँ प्रायः इस प्रकार की आकृति बनाती हैं।
प्रश्न 4– पश्चिमी घाट एवं पूर्वी घाट के सर्वोच्च शिखर बताइए।
उत्तर — पश्चिमी घाट का सर्वोच्च शिखर अनाईमुडी (2,695 मी) तथा पूर्वी घाट का सर्वोच्च शिखर महेन्द्रगिरि ( 1500 मी) है।
प्रश्न 5 – तराई क्षेत्र क्या है?
उत्तर— भाबर से लगा क्षेत्र ‘तराई’ कहलाता है। यह अत्यधिक नमीयुक्त होता है इसमें विविध प्रकार के वन्यजीव एवं वनस्पति पायी जाती हैं।
प्रश्न 6- बरकान क्या है?
उत्तर— मरुस्थलीय क्षेत्रों में पवन के कार्यों द्वारा निर्मित अर्द्धचन्द्राकार बालू का टीला बरकान कहलाता है, इसके अर्द्धचन्द्राकार नुकीले सिरे नीचे की ओर होते हैं। भारत में थार मरुस्थलीय क्षेत्र में इस प्रकार की आकृति बड़ी मात्रा में देखी जाती है।
प्रश्न 7 – दून किसे कहते हैं? इसका एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर— कंकड़ों एवं जलोढ़ मिट्टी से बनी प्रायः समतल विस्तृत घाटियाँ दून कहलाती हैं। देहरादून, पाटलीदून, कोटलीदून तथा पूर्वादून आदि इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
प्रश्न 8- अरब सागर कैसे बना था?
उत्तर— आज से लगभग 5 करोड़ वर्ष पूर्व भूगर्भीय प्लेटों के टकराने से हिमालय पर्वत का निर्माण हुआ था। उसी समय प्रायद्वीपीय पठार पर ज्वालामुखी उद्गार के परिणामस्वरूप इस पठार का पश्चिमी भाग टूटकर धँस गया तथा एक विशाल गर्त बन गया। इसी गर्त में हिन्द महासागर का जल भरने से अरब सागर का निर्माण हुआ।
प्रश्न 9- भारत की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर स्थित दर्रों के नाम बताइए।
उत्तर- भारत की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर स्थित दरों के नाम निम्नलिखित हैं—
(i) खैबर, (ii) गोमल, (iii) बोलन, (iv) टोची, (v) कुर्रम ।
प्रश्न 10 – हिमालय को भारत का प्रहरी क्यों कहा जाता है?
उत्तर— हिमालय पर्वत भारत की उत्तरी सीमा पर एक अभेद्य दीवार के रूप में संतरी की भाँति अडिग खड़ा है, जिस कारण हिमालय को भारत का प्रहरी कहा जाता है।
• बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1 – निम्नलिखित गोंडवाना भूमि का हिस्सा नहीं था-
(a) ऑस्ट्रेलिया
(b) भारत
(c) उत्तरी अमेरिका
(d) दक्षिणी अफ्रीका ।
उत्तर – (c) उत्तरी अमेरिका
प्रश्न 2 – भारत की उत्तरी सीमा पर पर्वत श्रृंखला है-
(a) हिमालय
(b) अरावली
(c) नीलगिरि
(d) सतपुड़ा।
उत्तर – (a) हिमालय
प्रश्न 3 – विश्व की सबसे ऊँची पर्वत श्रेणी कौन-सी है—
(a) हिमालय
(b) आल्पस
(c) एण्डीज
(d) विन्ध्याचल ।
उत्तर – (a) हिमालय
प्रश्न 4— हिमालय का सबसे ऊँचा शिखर कौन-सा है—
(a) माउण्ट एवरेस्ट
(b) कंचनजंघा
(c) नीलगिरि
(d) नंगा पर्वत ।
उत्तर – (a) माउण्ट एवरेस्ट
प्रश्न 5 – पश्चिमी तटीय मैदान का उत्तरी भाग कहलाता है—
(a) कन्नड़ मैदान
(b) कोंकण
(c) मालाबार तट
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर – (b) कोंकण
प्रश्न 6 – ‘ लूनी नदी किस क्षेत्र की सबसे बड़ी नदी है-
(a) उत्तरी मैदान की
(b) प्रायद्वीपीय पठार की
(c) तटीय मैदान की
(d) भारतीय मरुस्थल की ।
उत्तर – (d) भारतीय मरुस्थल की ।

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