UK Board 9th Class Social Science – (राजनीति विज्ञान) – Chapter 5 लोकतान्त्रिक अधिकार
UK Board 9th Class Social Science – (राजनीति विज्ञान) – Chapter 5 लोकतान्त्रिक अधिकार
UK Board Solutions for Class 9th Social Science – सामाजिक विज्ञान – (राजनीति विज्ञान) – Chapter 5 लोकतान्त्रिक अधिकार
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1 – इनमें से कौन-सा मौलिक अधिकारों के उपयोग का उदाहरण नहीं है?
(क) बिहार के मजदूरों का पंजाब के खेतों में काम करने जाना।
(ख) ईसाई मिशनों द्वारा मिशनरी स्कूलों की श्रृंखला चलाना ।
(ग) सरकारी नौकरी में औरत और मर्द को समान वेतन मिलना।
(घ) बच्चों द्वारा माँ-बाप की सम्पत्ति विरासत में पाना ।
उत्तर- (घ) बच्चों द्वारा माँ – बाप की सम्पत्ति विरासत में पाना ।
प्रश्न 2– इनमें से कौन-सी स्वतन्त्रता भारतीय नागरिकों को नहीं है?
(क) सरकार की आलोचना की स्वतन्त्रता ।
(ख) सशस्त्र विद्रोह में भाग लेने की स्वतन्त्रता ।
(ग) सरकार बदलने के लिए आन्दोलन शुरू करने की स्वतन्त्रता ।
(घ) संविधान के केन्द्रीय मूल्यों का विरोध करने की स्वतन्त्रता।
उत्तर- (ख) सशस्त्र विद्रोह में भाग लेने की स्वतन्त्रता ।
प्रश्न 3 – भारतीय संविधान इनमें से कौन-सा अधिकार देता है?
(क) काम का अधिकार ।
(ख) पर्याप्त जीविका का अधिकार |
(ग) अपनी संस्कृति की रक्षा का अधिकार ।
(घ) निजता का अधिकार ।
उत्तर – (ग) अपनी संस्कृति की रक्षा का अधिकार ।
प्रश्न 4 – उस मौलिक अधिकार का नाम बताएँ जिसके तहत निम्नलिखित स्वतन्त्रताएँ आती हैं?
(क) अपने धर्म का प्रचार करने की स्वतन्त्रता।
(ख) जीवन का अधिकार ।
(ग) छुआछूत की समाप्ति ।
(घ) बेगार पर प्रतिबन्ध |
उत्तर —
(क) धर्म की स्वतन्त्रता का अधिकार ।
(ख) संवैधानिक उपचारों का अधिकार ।
(ग) समानता का अधिकार ।
(घ) शोषण के विरुद्ध अधिकार ।
प्रश्न 5 – लोकतन्त्र और अधिकारों के बीच सम्बन्धों के बारे में इनमें से कौन-सा बयान ज्यादा उचित है? अपनी पसन्द के पक्ष में कारण बताएँ ।
(क) हर लोकतान्त्रिक देश अपने नागरिकों को अधिकार देता है।
(ख) अपने नागरिकों को अधिकार देने वाला हर देश लोकतान्त्रिक है।
(ग) अधिकार देना अच्छा है, पर यह लोकतन्त्र के लिए जरूरी नहीं है।
उत्तर – (क) हर लोकतान्त्रिक देश अपने नागरिकों को अधिकार देता है। अधिकार जीवन के लिए आवश्यक हैं।
प्रश्न 6 – स्वतन्त्रता के अधिकार पर ये पाबन्दियाँ क्या उचित हैं? अपने जवाब के पक्ष में कारण बताएँ ।
(क) भारतीय नागरिकों को सुरक्षा कारणों से कुछ सीमावर्ती इलाकों में जाने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है।
(ख) स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा के लिए कुछ इलाकों में बाहरी लोगों को सम्पत्ति खरीदने की अनुमति नहीं है।
(ग) शासक दल को अगले चुनाव में नुकसान पहुँचा सकने वाली किताब पर सरकार प्रतिबन्ध लगाती है।
उत्तर-
(क) हाँ, देश की आन्तरिक तथा बाह्य सुरक्षा के इस प्रकार के प्रतिबन्ध आवश्यक होते हैं।
(ख) हाँ, जनसाधारण के हितों में अथवा अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों की सुरक्षा के लिए कुछ प्रतिबन्ध आवश्यक हैं।
(ग) नहीं, यह कार्यवाही उचित नहीं है। नागरिकों को विचार अभिव्यक्ति का अधिकार है।
प्रश्न 7 – मनोज एक सरकारी दफ्तर में मैनेजर के पद के लिए आवेदन देने गया। वहाँ के किरानी (क्लर्क) ने उसका आवेदन लेने से मना कर दिया और कहा, ‘झाडू लगाने वाले का बेटा होकर तुम मैनेजर बनना चाहते हो। तुम्हारी जाति का कोई कभी इस पद पर आया है? नगरपालिका के दफ्तर जाओ और सफाई कर्मचारी के लिए अर्जी दो।’ इस मामले में मनोज के किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है? मनोज की तरफ से जिला अधिकारी के नाम लिखे एक पत्र में इसका उल्लेख करो।
उत्तर-
श्रीमान,
जिलाधिकारी महोदय,
मैं आपको यह सूचित करना चाहता हूँ कि मैं उत्तराखण्ड शिक्षा विभाग में मैनेजर पद के लिए आवेदन देने गया था। वहाँ मुझे ‘झाडू लगाने वाले का बेटा’ कहकर अपमानित किया गया और मेरा आवेदन लेने से इनकार कर दिया।
मैं अनुसूचित जाति से सम्बन्ध रखता हूँ। हमारे लिए स्थान सुरक्षित रखे जाते हैं। यहाँ मेरे स्वतन्त्रता के मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है।
मेरा आपसे निवेदन है कि इस विषय में आवश्यक कार्यवाही करें।
विनीत
मनोज
प्रश्न 8 – जब मधुरिमा सम्पत्ति के पंजीकरण वाले दफ्तर में गई तो रजिस्ट्रार ने कहा, ‘आप अपना नाम मधुरिमा बनर्जी, बेटी ए० के० बनर्जी” नहीं लिख सकतीं। आप शादीशुदा हैं और आपको अपने पति का ही नाम देना होगा। फिर आपके पति का उपनाम तो राव है। इसलिए आपका नाम भी बदलकर मधुरिमा राव हो जाना चाहिए | मधुरिमा इस बात से सहमत नहीं हुई। उसने कहा, “अगर शादी के बाद मेरे पति का नाम नहीं बदला तो मेरा नाम क्यों बदलना चाहिए? अगर वह अपने नाम के साथ पिता का नाम लिखते रह सकते हैं तो मैं क्यों नहीं लिख सकती?” आपकी राय में इस विवाद में किसका पक्ष सही है? और क्यों?
उत्तर – यह विवाद समानता के अधिकार से सम्बन्धित है। मधुरिमा अपनी जगह सही है। वह अपना नाम अपनी इच्छानुसार लिख सकती है। उसे अपने नाम के साथ राव लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
प्रश्न 9 – मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के पिपरिया में हजारों आदिवासी और जंगल में रहने वाले लोग सतपुड़ा राष्ट्रीय पार्क, बोरी वन्यजीव अभयारण्य और पंचमढ़ी वन्यजीव अभयारण्य से अपने प्रस्तावित विस्थापन का विरोध करने के लिए जमा हुए। उनका कहना था कि यह विस्थापन उनकी जीविका और उनके विश्वासों पर हमला है। सरकार का दावा है कि इलाके के विकास और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए उनका विस्थापन जरूरी है । जंगल पर आधारित जीवन जीने वाले की तरफ से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक पत्र, इस मसले पर सरकार द्वारा दिया लिए जा सकने वाला सम्भावित जवाब और इस मामले पर मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट तैयार करो।
उत्तर-
अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नई दिल्ली।
महोदय,
निवेदन है कि म०प्र० सरकार होशंगाबाद जिले के पिपरिया में हजारों आदिवासी और जंगल में रहने वाले लोगों को हटा रही है। शासन द्वारा विस्थापन हमारे ‘वन देवता में विश्वासों’ में हस्तक्षेप और हमारी आजीविका को छीनना है। कृपया इस विषय में हस्तक्षेप कर हमें विस्थापित होने से बचाएँ।
प्रार्थीगण
आदिवासी एवं जंगल में
रहने वाले लोग
सरकार का जवाब
वन्यजीव अभयारण्य एवं आदिवासी विकास हेतु विस्थापन आवश्यक है।
मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट
आदिवासी एवं जंगल में रहने वाले लोगों से साक्षात्कार के उपरान्त स्पष्ट है कि इन्हें विकास की आवश्यकता है। शासन से अनुरोध और प्रभावित लोगों को मुआवजा भी दिया जाए। है कि विस्थापन के बाद इनके पुनर्वास की उचित व्यवस्था की जाए।
प्रश्न 10 – इस अध्याय में पढ़े गए विभिन्न अधिकारों को आपस में जोड़ने वाला एक मकड़जाल बनाएँ। जैसे आने-जाने की स्वतन्त्रता का अधिकार तथा पेशा चुनने की स्वतन्त्रता का अधिकार आपस में एक-दूसरे से जुड़े हैं। इसका एक कारण है कि आने-जाने की स्वतन्त्रता के चलते व्यक्ति अपने गाँव या शहर के अन्दर ही नहीं, दूसरे गाँव, दूसरे शहर और दूसरे राज्य तक जाकर काम कर सकता है। इसी प्रकार इस अधिकार को तीर्थाटन से जोड़ा जा सकता है जो किसी व्यक्ति द्वारा अपने धर्म का अनुसरण करने की आजादी से जुड़ा है। आप इस मकड़जाल को बनाएँ और तीर के निशानों से बताएँ कि कौन-से अधिकार आपस में जुड़ हैं। हर तीर के साथ सम्बन्ध बताने वाला एक उदाहरण भी दें।
उत्तर—

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
• विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – भारतीय संविधान में वर्णित स्वतन्त्रता के अधिकार की विवेचना कीजिए ।
उत्तर— स्वतन्त्रता का अधिकार
(अनुच्छेद 19 से 22 तक)
प्रत्येक नागरिक अपनी सामर्थ्य और योग्यता के अनुसार अपना विकास कर सके, इसके लिए स्वतन्त्रता के अधिकार को संविधान में सम्मिलित किया गया है। इस मूल अधिकार के अन्तर्गत प्रत्येक भारतीय नागरिक को निम्नलिखित स्वतन्त्रताएँ प्रदान की गई हैं-
- अनुच्छेद 19 के अन्तर्गत, इस अधिकार से सम्बन्धित निम्नलिखित छह प्रकार की स्वतन्त्रताएँ नागरिकों को प्राप्त हैं—
- संविधान द्वारा प्रत्येक नागरिक को भाषण के रूप में अपने विचार व्यक्त करने एवं उन्हें पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित कराने की स्वतन्त्रता प्रदान की गई है।
- नागरिकों को शान्तिपूर्वक सभा आदि करने की स्वतन्त्रता प्रदान की गई है।
- प्रत्येक नागरिक अपनी इच्छानुसार व्यवसाय करने के लिए स्वतन्त्र है।
- नागरिकों को मानव हितों के लिए समुदायों अथवा संघ-निर्माण करने की स्वतन्त्रता प्रदान की गई है।
- नागरिकों को देश की सीमाओं के अन्दर स्वतन्त्रतापूर्वक एक स्थान से दूसरे स्थान पर भ्रमण करने की पूर्ण स्वतन्त्रता प्रदान की गई है
- प्रत्येक नागरिक को इस बात की स्वतन्त्रता प्रदान की गई है कि वह किसी भी स्थान पर अपनी इच्छानुसार रह सकता है।
- अपराधों की दोष सिद्धि के सम्बन्ध में संरक्षण अनुच्छेद 20 के अनुसार, (i) किसी व्यक्ति को उस समय तक दण्ड नहीं दिया जा सकता है, जब तक उसने किसी प्रचलित कानून का उल्लंघन न किया हो तथा (ii) उसे अपने विरुद्ध गवाही देने के लिए किसी भी प्रकार से बाध्य नहीं किया जा सकता है।
- जीवन और शरीर-रक्षण का अधिकार – अनुच्छेद 21 के अनुसार, किसी व्यक्ति की प्राण अथवा दैहिक स्वतन्त्रता को, केवल विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया को छोड़कर, अन्य किसी प्रकार से बाधित नहीं किया जाएगा । स्वतन्त्रता सम्बन्धी मूल अधिकारों में जीवन और शरीर रक्षण के अधिकार को विशिष्ट महत्त्व प्राप्त है।
- बन्दीकरण के संरक्षण की स्वतन्त्रता – अनुच्छेद 22 के अनुसार, (i) प्रत्येक नागरिक को बन्दी होने का कारण जानने का अधिकार दिया गया है तथा (ii) किसी को बन्दी बनाने के बाद उसे 24 घण्टे के अन्दर ही किसी न्यायाधीश के समक्ष उपस्थित करना आवश्यक है।
विशेष परिस्थितियों में स्वतन्त्रता के अधिकार पर औचित्यपूर्ण अंकुश लगाने की दृष्टि से निवारक निरोध अधिनियम (Preventive Detention Act) की भी व्यवस्था की गई है।
अपवाद – नागरिकों की विचार अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता पर सरकार राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के मध्य मैत्रीपूर्ण सम्बन्धों के हित में, लोक व्यवस्था, शिष्टाचार अथवा सदाचार के हित में, न्यायालय अवमानना, मानहानि, अपराध के लिए उत्तेजित करना, भारत की सम्प्रभुता एवं अखण्डता को दृष्टि में रखते हुए प्रतिबन्ध आरोपित किए जा सकते हैं। राज्यों द्वारा सार्वजनिक सुरक्षा के हित में सम्मेलन अथवा सभा करने के अधिकार को सीमित किया जा सकता है। नागरिकों के स्वतन्त्र भ्रमण को भी सार्वजनिक हित में प्रतिबन्धित किया जा सकता है।
• लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 ” ‘स्वतन्त्रता का अधिकार वास्तव में अनेक अधिकारों का समूह है।” इस कथन की विवेचना कीजिए ।
उत्तर- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 के अनुसार सात प्रकार की स्वतन्त्रताएँ प्रदान की गई थीं, परन्तु संविधान के 44वें संशोधन के अनुसार सम्पत्ति के मौलिक अधिकार के साथ-साथ सम्पत्ति की स्वतन्त्रता भी समाप्त कर दी गई है। अनुच्छेद 19 के अनुसार स्वतन्त्रता के अधिकार के अंतर्गत नागरिकों को निम्नलिखित छह प्रकार की स्वतन्त्रताएँ प्राप्त हैं-
- भाषण तथा विचार अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता ।
- शान्तिपूर्ण सभा करने की स्वतन्त्रता ।
- किसी भी प्रकार का व्यापार या कारोबार करने की स्वतन्त्रता ।
- संघ व संस्था निर्माण करने की स्वतन्त्रता ।
- भारत के सम्पूर्ण क्षेत्र में भ्रमण की स्वतन्त्रता ।
- भारत के किसी भी क्षेत्र में बसने की स्वतन्त्रता ।
इन स्वतन्त्रताओं के कारण ही स्वतन्त्रता के अधिकार को ‘अनेक अधिकारों का समूह’ कहा जाता है।
प्रश्न 2 – संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए- शोषण के विरुद्ध अधिकार ।
उत्तर- शोषण के विरुद्ध अधिकार
(अनुच्छेद 23 व 24)
संविधान में अनुच्छेद 23 व 24 को सम्मिलित करने का उद्देश्य यह था कि कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति का शोषण न कर सके । अतः संविधान में यह घोषणा की गई है कि-
- किसी व्यक्ति से बेगार और बलपूर्वक काम नहीं लिया जाएगा।
- 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से खानों, कारखानों तथा अन्य ऐसे स्थानों पर कार्य नहीं कराया जाएगा, जिनका उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़े।
- मानव का व्यापार अर्थात् क्रय-विक्रय करना अपराध है।
अपवाद – राज्य सार्वजनिक उद्देश्य से अनिवार्य श्रम की योजना लागू कर सकता है। लेकिन ऐसा करने में राज्य किसी भी व्यक्ति के साथ कोई भेदभाव नहीं करेगा।
प्रश्न 3 – संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए – धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार ।
उत्तर- धार्मिक स्वतन्त्रता का अधिकार
(अनुच्छेद 25 से 28 तक)
- धर्मपालन तथा धर्म के प्रचार एवं प्रसार की स्वतन्त्रता-अनुच्छेद 25 के अनुसार, संविधान ने भारत में धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना करने के उद्देश्य से प्रत्येक नागरिक को पूर्ण धार्मिक स्वतन्त्रता प्रदान की है अर्थात् प्रत्येक नागरिक अपनी अन्तरात्मा की आवाज के अनुसार किसी भी धर्म को स्वीकार कर सकता है, अपने धर्म की मान्य प्रथाओं एवं परम्पराओं के अनुसार आराधना कर सकता है तथा अपने धर्म का प्रचार कर सकता है।
- धार्मिक संस्थाओं के प्रबन्ध का प्रावधान- अनुच्छेद 26 के अनुसार, सभी व्यक्तियों को धार्मिक मामलों एवं संस्थाओं का प्रबन्ध करने की भी स्वतन्त्रता है। राज्य किसी भी धर्म के साथ कोई पक्षपात नहीं करेगा।
- धार्मिक सम्पत्ति का अधिकार – अनुच्छेद 27 अनुसार नागरिकों की धार्मिक सम्पत्ति पर किसी प्रकार का कर नहीं लगाया जाएगा।
- धार्मिक शिक्षा का निषेध – अनुच्छेद 28 के अनुसार, सरकारी अथवा सरकारी सहायता या मान्यता प्राप्त शिक्षा संस्था में किसी धर्म – विशेष की शिक्षा नहीं दी जा सकती है।
अपवाद – सिक्खों द्वारा कृपाण धारण करना तथा उसे लेकर चलना धार्मिक स्वतन्त्रता का अंग माना गया है। राज्य सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता, स्वास्थ्य आदि के हित में धार्मिक स्वतन्त्रता के अधिकार को प्रतिबन्धित कर सकता है।
प्रश्न 4 – संवैधानिक उपचारों के अधिकार पर प्रकाश डालिए।
अथवा “संवैधानिक उपचारों का अधिकार अत्यन्त विशिष्ट अधिकार है।” इस अधिकार की विशिष्टता क्या है?
उत्तर- संवैधानिक उपचारों का अधिकार
( अनुच्छेद 32 )
यदि राज्य या सरकार नागरिक को दिए गए मूल अधिकारों पर किसी प्रकार का प्रतिबन्ध लगाती है या उनका हनन करती है तो नागरिक उसके लिए उच्च न्यायालय अथवा उच्चतम न्यायालय की शरण ले सकते हैं। इस प्रकार यह अधिकार अन्य मौलिक अधिकारों की सुरक्षा हेतु दिया गया है। इस अधिकार के बिना अन्य मूल अधिकारों का कोई महत्त्व नहीं है।
नागरिकों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए उच्च न्यायालयों तथा उच्चतम न्यायालय द्वारा निम्नलिखित पाँच प्रकार के हैलेख जारी किए जाते हैं-
(1) बन्दी प्रत्यक्षीकरण, ( 2 ) परमादेश, ( 3 ) प्रतिषेध, (4) उत्प्रेषण तथा (5) अधिकार- पृच्छा।
अपवाद – व्यक्ति साधारण परिस्थितियों (शान्तिकाल ) में ही मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए न्यायालय की शरण ले सकते हैं, परन्तु आपातकालीन स्थिति की घोषणा के समय इनके क्रियान्वयन पर रोक लगाई जा सकती है।
• अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1 – भारतीय नागरिक के किन्हीं दो मूल अधिकारों के नाम बताइए।
उत्तर – भारतीय नागरिक के दो मूल अधिकार हैं-
(i) समानता का अधिकार तथा (ii) स्वतन्त्रता का अधिकार ।
प्रश्न 2 – भारतीय संविधान में वर्णित दो संवैधानिक उपचारों के नाम बताइए।
उत्तर— भारतीय संविधान में वर्णित दो संवैधानिक उपचार हैं-
(i) बन्दी प्रत्यक्षीकरण तथा (ii) अधिकार- पृच्छा ।
प्रश्न 3 – नागरिकों के मौलिक अधिकार कब स्थगित किए जा सकते हैं?
उत्तर – जब भारत का राष्ट्रपति देश में संकटकालीन उद्घोषणा कर देता है, तब कार्यपालिका द्वारा नागरिकों के मौलिक अधिकारों को स्थगित किया जा सकता है।
प्रश्न 4 – वर्तमान में कौन-सा अधिकार मूल अधिकार नहीं रह गया है?
उत्तर- 44वें संवैधानिक संशोधन के अनुसार, ‘सम्पत्ति का अधिकार’ अब मूल अधिकार नहीं रह गया है।
प्रश्न 5 – स्वतन्त्रता के मूलं अधिकारों के अन्तर्गत भारतीय नागरिकों को दी गई दो प्रकार की स्वतन्त्रताओं के नाम लिखिए।
उत्तर – स्वतन्त्रता के मूल अधिकारों के अन्तर्गत भारतीय नागरिकों को निम्नलिखित दो प्रकार की स्वतन्त्रताएँ प्रदान की गई हैं-
(i) भाषण व अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता तथा (ii) संघ निर्माण की स्वतन्त्रता ।
• बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1 – निम्नलिखित में से कौन-सा नागरिकों का मूल अधिकार नहीं है-
(a) स्वतन्त्रता का अधिकार
(b) दान देने का अधिकार
(c) समानता का अधिकार
(d) शोषण के विरुद्ध अधिकार ।
उत्तर – (b) दान देने का अधिकार
प्रश्न 2 – भारतीय संविधान के 44वें संशोधन द्वारा किस मूल अधिकार को हटा दिया गया है—
(a) समानता का अधिकार
(b) स्वतन्त्रता का अधिकार
(c) शोषण के विरुद्ध अधिकार
(d) सम्पत्ति का अधिकार ।
उत्तर – (d) सम्पत्ति का अधिकार ।
प्रश्न 3 – निम्नलिखित में सबसे महत्त्वपूर्ण मूल अधिकार है-
(a) समानता का अधिकार
(b) संवैधानिक उपचारों का अधिकार
(c) स्वतन्त्रता का अधिकार
(d) शोषण के विरुद्ध अधिकार ।
उत्तर – (b) संवैधानिक उपचारों का अधिकार
प्रश्न 4 – छुआछूत को संविधान के किस अनुच्छेद द्वारा समाप्त किया गया है-
(a) 14वें अनुच्छेद द्वारा
(b) 15वें अनुच्छेद द्वारा
(c) 17वें अनुच्छेद द्वारा
(d) 19वें अनुच्छेद द्वारा ।
उत्तर – (c) 17वें अनुच्छेद द्वारा
प्रश्न 5 – वर्तमान में सम्पत्ति का अधिकार किस श्रेणी में आता है-
(a) मौलिक अधिकार
(b) प्राकृतिक अधिकार
(c) कानूनी अधिकार
(d) गैर-कानूनी अधिकार ।
उत्तर – (c) कानूनी अधिकार
प्रश्न 6 – भारतीय संविधान के अनुसार मूल अधिकार कितने हैं-
(a) 7
(b) 8
(c) 6
(d) 10.
उत्तर – (c) 6
