UK 10TH HINDI

UK Board Class 10 Hindi – पत्र-लेखन

UK Board Class 10 Hindi – पत्र-लेखन

UK Board Solutions for Class 10 Hindi – पत्र-लेखन

1. औपचारिक पत्र : प्रारूप एवं प्रतिदर्श
(FORMAL LETTERS : PROFORMA AND MODEL)
(क) प्रार्थना-पत्र
(i) अवकाश के लिए प्रार्थना-पत्र
प्रश्न 1 – आप नवीन थपलियाल, कक्षा दशम के विद्यार्थी हैं। आपकी माताजी का किडनी का ऑपरेशन होना है। आपको अस्पताल में उनकी सेवा-शुश्रूषा के लिए 15 दिन का अवकाश चाहिए। अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र लिखिए।
अथवा आपके मित्र का ऑपरेशन हुआ है। अस्पताल में उनकी देखभाल के लिए दस दिन के अवकाश हेतु अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को एक प्रार्थना पत्र लिखिए। ( आपका नाम रजनीकान्त है। ) 
(नोट- निम्नलिखित पत्र में यथावश्यक परिवर्तन करके इसे मित्र के सन्दर्भ में लिखिए।)
उत्तर—
सेवा में,
प्रधानाचार्य,
केन्द्रीय विद्यालय,
हरिद्वार।
विषय : 15 दिन के अवकाश हेतु प्रार्थना-पत्र ।
महोदय,
       सविनय निवेदन यह है कि मेरी माताजी का किडनी का ऑपरेशन होना है। इसके लिए डॉक्टरों ने 7 जनवरी की तिथि निश्चित की है। मुझे ऑपरेशन के पूर्व एवं पश्चात् उनकी सेवा के लिए अस्पताल में रुकना पड़ेगा। पिताजी अभी अपने कार्यालय के काम से विदेश गए हुए हैं। उनकी अनुपस्थिति में मैं ही माँ के पास सेवा हेतु रहूँगा।
अतः आपसे साग्रह अनुरोध है कि आप मुझे 5 जनवरी से 20 जनवरी तक का अवकाश प्रदान कर अनुगृहीत करें।
मैं आपका सदा आभारी रहूँगा ।
धन्यवादसहित !
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
नवीन थपलियाल
कक्षा दशम ‘ब’
दिनांक : 4 जनवरी, 2010
अनुक्रमांक………….
प्रश्न 2 – सौभाग्य के पिता देहरादून से स्थानांतरित होकर नैनीताल आ गए हैं। उनकी ओर से राजकीय इण्टर कॉलेज, नैनीताल के प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए जिसमें दसवीं कक्षा में प्रवेश देने की प्रार्थना की गई हो।
उत्तर-
सेवा में,
प्रधानाचार्य,
राजकीय इण्टर कॉलेज,
नैनीताल।
विषय : पुत्र को दसवीं कक्षा में प्रवेश देने हेतु प्रार्थना-पत्र ।
महोदय,
       निवेदन इस प्रकार है कि मैं जल-कल विभाग में अवर मेरा परिवार मेरे साथ रहता है और पुत्र सौभाग्य दसवीं कक्षा का अभियन्ता हूँ। मेरा इसी माह देहरादून से नैनीताल स्थानान्तरण हुआ है। विज्ञान वर्ग का छात्र है। अतः आप उसे अपने विद्यालय में प्रवेश देकर अनुगृहीत करें। प्रवेश हेतु आवेदन-पत्र सभी आवश्यक प्रमाण-पत्रों सहित साथ में संलग्न हैं।
धन्यवाद सहित !
भवदीय
आशुतोष थपलियाल
(अवर अभियन्ता, जल-कल विभाग, नैनीताल)
दिनांक : 10 मई, 2010
प्रश्न 3 – अपनी बड़ी बहन के विवाह के सिलसिले में आप 23 फरवरी, 2010 को अवकाश चाहती हैं। इस हेतु प्रधानाचार्या को पत्र लिखिए।
उत्तर-
सेवा में,
प्रधानाचार्या,
सन्त ज्ञानेश्वर बालिका विद्यालय,
हल्द्वानी।
विषय : एक दिन के अवकाश हेतु प्रार्थना-पत्र
महोदया,
       मेरी बड़ी बहन का विवाह 23 फरवरी, 2010 को होना सुनिश्चित हुआ है। वैवाहिक संस्कार के आयोजन में हाथ बँटाने एवं अतिथि सत्कार आदि के लिए उस दिन मेरा घर पर रहना आवश्यक है।
आपसे प्रार्थना है कि आप मुझे दिनांक 23 फरवरी, 2010 का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें। मैं सदैव आपकी आभारी रहूँगी।
धन्यवाद ।
आपकी शिष्या,
भारती उन्याल
कक्षा 10 ‘अ’
दिनांक 21.2.2010
क्रमांक………….
(ii) शुल्क में छूट के लिए प्रार्थना-पत्र
प्रश्न 4 – अपने प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र लिखकर अपना मासिक शुल्क कम कराने की प्रार्थना कीजिए ।
उत्तर-
सेवा में,
प्रधानाचार्या,
पार्वती देवी कन्या इण्टर कॉलेज,
ऋषिकेश मार्ग,
देहरादून ।
विषय : मासिक शुल्क कम करने के लिए प्रार्थना-पत्र ।
महोदया,
       सविनय निवेदन इस प्रकार है कि मैं आपके विद्यालय की कक्षा 10 ‘अ’ की छात्रा हूँ। मेरे पिताजी की एक छोटी-सी कपड़े की दुकान है। उससे इतनी आमदनी नहीं हो पाती है कि पूरे परिवार का खर्च चल सके। अपने परिवार में सबसे बड़ी सन्तान होने के कारण मेरी पढ़ाई भविष्य के लिए जरूरी है, परन्तु मेरे पिता सालभर की पूरी फीस नहीं दे पाएँगे। आपसे अनुरोध है कि मेरा आधा मासिक शुल्क माफ करके मुझे आधा मासिक शुल्क जमा करने की छूट प्रदान करने की कृपा करें, जिससे मैं सुचारु रूप से अपनी पढ़ाई जारी रख सकूँ और समय पर परीक्षा दे सकूँ।
मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मैं अच्छे अंक लाकर विद्यालय का नाम रोशन करूंगी।
आपकी दयालुता की मैं सदा आभारी रहूँगी।
धन्यवाद !
आपकी आज्ञाकारी शिष्या,
प्रसन्न कुमारी
कक्षा 10 ‘अ’
दिनांक : 12 मई, 2010
क्रमांक…………..
(iii) खेल की सुविधाएँ बढ़ाने हेतु प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र
प्रश्न 5 – विद्यालय में खेलों की सुविधा बढ़ाने हेतु अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को एक प्रार्थना पत्र लिखिए।
उत्तर—
सेवा में,
प्रधानाचार्य,
जी०बी० पन्त इण्टर कॉलेज,
रानीखेत ।
विषय : विद्यालय में खेलों की सुविधा बढ़ाने हेतु प्रार्थना-पत्र ।
महोदय,
       सविनय निवेदन इस प्रकार है कि हमारे विद्यालय में इस समय केवल बास्केटबॉल की सुविधा उपलब्ध है, जबकि हमारे विद्यालय ने विगत वर्षो में बैडमिण्टन और टेबिल टेनिस के राज्यस्तरीय खिलाड़ी प्रदान किए हैं। वर्तमान में बैडमिण्टन के अभ्यास के लिए न तो अच्छा नैट उपलब्ध है और न ही शटल कॉक। प्रायः खिलाड़ियों को शटल कॉक स्वयं बाजार से खरीदकर लानी पड़ती है, जोकि दो-तीन के अभ्यास में टूट जाती है। प्रतिभावान् निर्धन खिलाड़ी इस खर्च को वहन करने में असमर्थ हैं, जिस कारण उन्होंने विद्यालय में अभ्यास करना छोड़ दिया है। यही स्थिति टेबिल टेनिस की टेबिल की है। मेज जर्जर अवस्था में है जिस पर अभ्यास करना मुश्किल है। वॉलीबॉल और फुटबॉल तो विगत दो वर्षों से विद्यालय में खरीदी ही नहीं गई हैं। इन सब बातों का परिणाम यह है कि खेल के क्षेत्र में कभी शिखर पर रहनेवाले हमारे विद्यालय का अब कहीं नामोनिशान ही नहीं है।
अतः आपसे प्रार्थना है कि विद्यालय में खेल सुविधाओं और आवश्यक संसाधनों को उपलब्ध कराकर हम खिलाड़ी छात्रों का उत्साहवर्द्धन कर उपकृत करें। हम आपको यह विश्वास दिलाते हैं कि यदि विद्यालय में आवश्यक खेल सुविधाओं की व्यवस्था हो जाती है तो हम विद्यालय को खेल के क्षेत्र में फिर से शिखर पर पहुँचाने का प्रयत्न करेंगे।
धन्यवाद!
हम हैं
बैडमिण्टन, टेबिल टेनिस
और फुटबॉल के खिलाड़ी
दिनांक : 5/3/2010
(ख) आवेदन-पत्र
प्रश्न 6- सहायक अध्यापक पद के लिए शिक्षा निदेशक के नाम एक आवेदन-पत्र लिखिए।
अथवा 5 मार्च, 2010 के समाचार पत्र ‘नवभारत टाइम्स’ में सहायक अध्यापकों की 100 रिक्तियाँ विज्ञापित हुई हैं। विज्ञापन ‘दिल्ली सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष की ओर से है। स्वयं को योग्य उम्मीदवार साबित करते हुए आवेदन-पत्र लिखिए।
अथवा सहायक अध्यापक पद के लिए शिक्षा अधिकारी के नाम आवेदन-पत्र लिखिए।
उत्तर-
सेवा में,
शिक्षा निदेशक,
दिल्ली प्रशासन,
दिल्ली |
विषय : सहायक अध्यापक पद के लिए आवेदन-पत्र ।
महोदय,
       कृपया 5 मार्च, 2010 के ‘नवभारत टाइम्स’ में आपके द्वारा प्रकाशित विज्ञापन का सन्दर्भ ग्रहण करें। गणित विषय में सहायक अध्यापक पद के लिए मेरा आवेदन प्रस्तुत है। मेरी शैक्षणिक योग्यताएँ एवं अन्य जानकारियाँ निम्नलिखित हैं-
1. नाम : भास्कर मिश्र
2. पिता का नाम : श्री दिवाकर मिश्र
3. पिता का व्यवसाय : शिक्षक (स्नातकोत्तर)
4. जन्म-तिथि : 12.8.1982 (बारह अगस्त उन्नीस सौ बयासी)
5. स्थायी पता : 3 / 129, प्रेमनगर, महादेव मन्दिर के निकट, नई दिल्ली
6. शैक्षणिक योग्यताएँ :
परीक्षा वर्ष अंक प्रतिशत विषय बोर्ड / विश्वविद्यालय
मैट्रिक 1998 464/600 77.4% हिन्दी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, कम्प्यूटर दिल्ली
इण्टरमीडिएट 2000 350/500 70% हिन्दी, अंग्रेजी, भौतिकी, रसायनशास्त्र, गणित दिल्ली
बी० एस-सी० 2003 800/1200 66.5% रसायन, भौतिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स दिल्ली
बी० एड० 2005 501/700 71 5% विज्ञान ‘ए’ दिल्ली
कृपया अध्यापन-कार्य का अवसर देकर मुझे कृतार्थ करें।
आवेदक/प्रार्थी
हस्ताक्षर
(भास्कर मिश्र )
दिनांक : 15.3.2010
7. संलग्न प्रमाण-पत्र :
(क) मैट्रिक अंक पत्र
(ख) इण्टरमीडिएट अंक – पत्र
(ग) बी०एससी० अंक पत्र
(घ) बी०एड० अंक – पत्र
(ङ) चरित्र प्रमाण-पत्र प्रश्न
(ग) बधाई – पत्र
चयन होने पर बधाई -पत्र
प्रश्न 7 – आप डी०ए०वी० पब्लिक स्कूल, देहरादून के प्राचार्य डॉ० सुमित रावत हैं। आपके विद्यालय के हिन्दी – विभाग की अध्यापिका श्रीमती प्रवीना कुलश्रेष्ठ को राष्ट्रीय संगोष्ठी के संचालन के लिए चयनित किया गया है। आप उन्हें बधाई – पत्र लिखिए।
उत्तर-
डॉ०. सुमित रावत
प्राचार्य
डी०ए०वी० पब्लिक स्कूल
देहरादून।
2 मार्च, 2010
प्रिय श्रीमती प्रवीना कुलश्रेष्ठ (हिन्दी विभाग),
          आपको सूचित करते हुए मुझे अपार हर्ष हो रहा है कि आपकी 15 अगस्त, 2010 को होनेवाली राष्ट्रीय संगोष्टी के संचालन के लिए चुना गया है। यह आपके लिए व हमारे विद्यालय के लिए बड़े गौरव की बात है। मेरी ओर से तथा विद्यालय परिवार की ओर से बधाई स्वीकार करें।
भवदीय
हस्ताक्षर
(सुमित रावत)
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए बधाई पत्र
प्रश्न 8 – आप मान्धाता पब्लिक स्कूल, जयपुर के प्राचार्य डॉ० रोमेश शर्मा हैं। आपके विद्यालय के छात्र- कलाकारों ने राष्ट्रीय समूहगान में पूरे राजस्थान में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। आप छात्रों को बधाई – पत्र लिखिए।
उत्तर-
डॉ० रोमेश शर्मा,
प्राचार्य,
मान्धाता पब्लिक स्कूल,
जयपुर।
15 मार्च, 2010
        प्रिय छात्रगण, मुझे यह जानकर अत्यन्त प्रसन्नता हुई कि आपके गायक दल ने राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता में पूरे राजस्थान में प्रथम स्थान अर्जित किया है। विद्यालय का गौरव बढ़ाने के लिए आप सब बधाई के पात्र हैं। मैं प्रार्थना करता हूँ कि आपकी प्रतिभा और भी ऊँचाइयाँ प्राप्त करे। एक बार फिर बधाई !
भवदीय
हस्ताक्षर
(रोमेश शर्मा )
(घ) धन्यवाद – पत्र
प्रश्न 9 – अपने जन्म दिन पर मित्र द्वारा भेजे गए उपहार के लिए धन्यवाद – पत्र लिखिए।
उत्तर- मित्र को धन्यवाद पत्र
385, राजेन्द्रनगर,
रूड़की,
दिनांक : 4.1.2010
प्रिय मित्र,
   अनिकेत !
       कल मेरे जन्मदिन पर तुम्हारे द्वारा उपहारस्वरूप भेजा गया डिजिटल कैमरा बिल्कुल सही समय पर प्राप्त हुआ। यह बेशकीमती उपहार मुझे तुम्हारे स्नेह की मधुर गन्ध और उपस्थिति का अहसास करा गया। अपनी परीक्षा के चलते तुम स्वयं नहीं आ सके, कोई बात नहीं; तुम्हारे स्नेह और मजबूरी को मैं भली-भाँति समझता हूँ। मन करता है, तुम्हारे पास उड़ता चला आऊँ, किन्तु इस समय मैं तुम्हारे अध्ययन में बाधा नहीं बनना चाहता। जैसे ही तुम्हारी परीक्षा समाप्त होगी, मैं दौड़ा चला आऊँगा । भेजे गए उपहार और स्नेह के लिए तुम्हारा हार्दिक धन्यवाद । माताजी और पिताजी की ओर से आशीर्वाद एवं पम्मी की ओर से अपने चाचू को मीठी-सी पप्पी !
परीक्षा में सफलता की शुभकामनाओं सहित !
तुम्हारा
शशांक
(ङ) शुभकामना पत्र
प्रश्न 10 – आप शिवाजी पब्लिक स्कूल, उल्हासनगर, मुम्बई के प्राचार्य डॉ० मुरली मनोहर फड़के हैं। आपके हिन्दी विभाग के अध्यापक श्री गोविन्द प्रकाश झा एक कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के लिए मॉरिशस जा रहे हैं। उनके प्रति शुभकामना व्यक्त करते हुए एक पत्र लिखिए।
उत्तर-
डॉ० मुरली मनोहर फड़के,
प्राचार्य,
शिवाजी पब्लिक स्कूल,
उल्हासनगर, मुम्बई।
दिनांक : 10.1.2010
प्रिय श्री गोविन्द प्रकाश झा,
       अत्यन्त हर्ष का विषय है कि मॉरिशस में सम्पन्न होनेवाले अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन में आपको प्रतिनिधि के रूप में जाने का सुअवसर मिला है।
        यात्रा के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ ग्रहण करें।
भवदीय
हस्ताक्षर
(मुरली मनोहर फड़के)
(च) शिकायती पत्र
प्रश्न 11-अपने क्षेत्र में मच्छरों के प्रकोप का वर्णन करते हुए उचित कार्यवाही के लिए नगर के स्वास्थ्याधिकारी को पत्र लिखिए ।
उत्तर-
सेवा में,
स्वास्थ्य अधिकारी,
………. नगरपालिका,
……….. नगर ।
विषय : मच्छरों का बढ़ता प्रकोप ।
महोदय,
        मैं आपका ध्यान मच्छरों के बढ़ते प्रकोप की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। मैं गोपाल गंज क्षेत्र का निवासी हूँ। पूरे गोपाल गंज क्षेत्र में आजकल मच्छरों का भयंकर प्रकोप है। दिन हो या रात, मच्छरों के झुण्ड के झुण्ड सदा मँडराते नजर आ जाते हैं। रात को चैन की नींद सोना बड़ा मुश्किल है। सुबह उठते हैं तो बच्चों के मुँह लाल-लाल दानों से भरे होते हैं। मच्छरों के कारण घर-घर मलेरिया फैला हुआ है। प्रायः सभी घरों में कोई-न-कोई मलेरिया का रोगी मिल जाएगा। इन मच्छरों के कारण स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है।
       हमारे क्षेत्र में मच्छरों की अधिकता का बड़ा कारण है- ठहरे पानी का तालाब और गली-मुहल्लों में फैली कच्ची चौड़ी-चौड़ी खुली नालियाँ। इन नालियों में सुधार करने की कोई व्यवस्था अब तक नहीं हुई है। मुहल्ले के सफाई कर्मचारी सफाई की ओर ध्यान नहीं देते, इसलिए नालियों में सदा मैला पड़ा रहता है। लोग अपने घरों के गन्दे जल को बाहर यूँ ही बिखरा देते हैं, जो गलियों के गड्ढों में भर जाता है। नगरपालिका में हमने कई बार निवेदन किया है कि हमारे क्षेत्र के ए, जिससे मच्छरों के उत्पादन का मुख्य स्रोत ही समाप्त हो जाए, किन्तु इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया गया।
       इस बार अत्यधिक वर्षा के कारण जगह-जगह जल भराव हो गया है। सब जगह कीचड़, मल और बदबूदार जल का जमावड़ा दिखाई देता है; अतः मैं पुनः गोपाल गंज के निवासियों की ओर से आप से साग्रह प्रार्थना करता हूँ कि मच्छरों को समाप्त करने के लिए घरों में मच्छरनाशक दवाई छिड़कवाने की व्यवस्था की जाए। मलेरिया से बचाव के लिए कुनैन बाँटने की व्यवस्था भी की जाए तथा पूरे क्षेत्र की सफाई के व्यापक प्रबन्ध किए जाएँ।
       आशा है आप विषय की गम्भीरता को देखकर शीघ्र कार्यवाही करेंगे।
धन्यवादसहित।
भवदीय
ह० (क. ख.ग.)
सचिव
स्वास्थ्य रक्षा समिति
गोपालगंज, पटना ।
दिनांक ………..
प्रश्न 12 – पेयजल की समस्या के समाधान के लिए अपने जनपद के जिलाधिकारी को अपने ग्राम अथवा मुहल्ले की जनता की ओर से आवेदन-पत्र लिखिए। 
उत्तर-
सेवा में,
जिलाधिकारी,
जनपद नैनीताल।
विषय : पेयजल की समस्या ।
महोदय,
       हम शहीद नगर हल्द्वानी के निवासी आपका ध्यान अपने मुहल्ले के पेयजल की समस्या की ओर आकर्षित कराना चाहते हैं। दो माह पूर्व हुई भयंकर वर्षा से हमारे क्षेत्र की पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी जिस कारण क्षेत्र के अनेक स्थानों पर पेयजल की आपूर्ति पूर्णतया बाधित है। जहाँ आपूर्ति हो भी रही है, वहाँ पानी का प्रेशर बहुत कम है, जिस कारण पानी टंकियों में नहीं चढ़ पाता है। सुबह-शाम जलापूर्ति का समय भी बहुत कम है। दोनों समय केवल एक-एक घण्टा ही पानी आ पाता है। पानी के अभाव में हम लोगों का जीवन दूभर हो गया है।
        अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि पाइप लाइन की शीघ्रातिशीघ्र मरम्मत कराकर हमें पेयजल की समस्या से निजात दिलाने का कष्ट करें। आपकी अति कृपा होगी।
धन्यवादसहित!
दिनांक : 26/2/2010
हम हैं
शहीद नगर, हल्द्वानी
के समस्त निवासी ।
(छ) सम्पादकीय-पत्र
सम्पादक के नाम विभिन्न समस्याओं पर पत्र
प्रश्न 13-अपने क्षेत्र में बिजली संकट से उत्पन्न कठिनाइयों का वर्णन करते हुए किसी दैनिक समाचार-पत्र के सम्पादक को पत्र लिखिए।
उत्तर-
सेवा में,
प्रधान सम्पादक,
दैनिक अमर उजाला,
देहरादून।
विषय : बिजली संकट से उत्पन्न परेशानियाँ ।
महोदय,
      आपके लोकप्रिय समाचार-पत्र के माध्यम से मैं बिजली संकट से उत्पन्न कठिनाइयों की ओर सरकार तथा सम्बन्धित अन्य अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूँ। आशा है आप विषय की गम्भीरता को देखते हुए मेरे इस पत्र को अपने समाचार-पत्र में स्थान देंगे।
      आजकल देहरादून बिजली बोर्ड की ओर से नित्य बिजली की कटौती की जा रही है। प्रायः दिनभर बिजली गायब रहती हैं। रात को भी आँख मिचौनी चलती रहती है। आजकल भीषण गर्मी पड़ रही है। बिजली न होने से सारा जन-जीवन अस्त-व्यस्त-सा हो गया है। छात्रों की परीक्षाएँ सिर पर हैं। बिजली की इतनी अनियमितता से छात्र परेशान हैं। नगर का औद्योगिक क्षेत्र लगभग निष्क्रिय पड़ा है। दिहाड़ी मजदूर बेरोजगारी और भूख से बेहाल हैं।
       सरकारी, गैर-सरकारी और निजी कार्यालय सब जगह भीषण गर्मी से परेशान अधिकारी और कर्मचारी अपना कार्य सही ढंग से, नियमितता से नहीं कर पा रहे हैं। अस्पतालों में मरीजों की व्यथा इस असुविधा से और बढ़ जाती है। आवश्यक व्यापारिक और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों-संस्थानों आदि पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है। प्रेस, फोटोग्राफी, वैज्ञानिक प्रयोगशालाएँ, शोध-संस्थान आदि सबका कार्य रुका पड़ा है।
      सड़कों पर भी कहीं-कहीं टिमटिमाती रोशनी दिखती है। दुर्घटनाएँ आए दिन होती रहती हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि हम कई सदी पीछे अँधेरे युग में पहुँच गए हैं। आपसे विनती है कि इन समस्याओं से आम जनता को राहत दिलवाने का प्रयास करें।
      विशेष रूप से बिजली बोर्ड के अधिकारियों से मेरा आग्रह है कि जनहित लिए अधिक बिजली उत्पादन करें। जहाँ तक सम्भव हो, बिजली की बरबादी और बिजली चोरी को रोकें। आज के जीवन की यह अनिवार्य आवश्यकता है; अतः इस ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
     आशा है, आप शीघ्रातिशीघ्र कुछ सक्रिय पहल करेंगे; जिससे जन-जीवन में व्याप्त रोष कम हो ।
धन्यवादसहित ।
भवदीय
हस्ताक्षर
(अ.ब. स.)
46, सुहागनगर
देहरादून।
दिनांक : 13 जून, 2010
प्रश्न 14 – चुनाव के दिनों में आपके शहर की दीवारें नारे लिखने और पोस्टर चिपकाने से गन्दी हो गई हैं। इस समस्या की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए किसी समाचार-पत्र के सम्पादक को पत्र लिखिए।
उत्तर-
सेवा में,
सम्पादक,
दैनिक अमर उजाला,
देहरादून।
महोदय,
        मैं आपके लोकप्रिय दैनिक पत्र के माध्यम से स्थानीय निकाय चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों एवं चुनाव आयोग का ध्यान चुनाव प्रचार के गलत तरीकों की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। कृपया ‘सम्पादक’ के नाम पत्र’ शीर्षक के अन्तर्गत इस सामग्री को प्रकाशित कर अनुगृहीत करें।
प्रकाशन सामग्री
        आजकल हमारे नगर में स्थानीय निकाय चुनाव हो रहे हैं। सभी प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार अभियान जोरों पर है। प्रचार के क्षेत्र में हर कोई उम्मीदवार सबसे आगे निकलकर मानो बाजी मारने को लालायित है । प्रचार की अन्धी दौड़ में सभी उम्मीदवार प्रचार के सभी उचित – अनुचित साधनों का बेखौफ उपयोग कर रहे हैं। सारा शहर उम्मीदवारों के पोस्टरों, बैनरों, झण्डों और होर्डिंग्स से अटा पड़ा है। शहर में सड़क किनारे की कोई ऐसी दीवार नहीं है, जो विभिन्न दलों के नारों से न पुती हो। इस प्रचार सामग्री में प्रतिबन्धित प्लास्टिक के बैनरों, झण्डों, पम्प्लेटों का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है। नालियों में पहुँचकर इन्होंने जलभराव की समस्या खड़ी कर दी है। देखने से सारा शहर एक कूड़ाघर लगता है। जबकि चुनाव आयोग और न्यायालय का स्पष्ट आदेश हैं कि भवन स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी दीवार का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही चुनाव के पश्चात् उन स्थानों की सफाई का जिम्मा भी उन्हीं का है। बैनर और होर्डिंग्स का प्रयोग इस प्रकार किया जाए कि उससे यातायात में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो। प्रचार सामग्री में किसी के चरित्र हनन करनेवाली अथवा भड़काऊ सामग्री का प्रयोग नहीं होना चाहिए। प्रत्येक पोस्टर, बैनर आदि पर उसको छापनेवाले तथा छपवानेवाले का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए। मगर अफसोस की बात है कि प्रत्येक उम्मीदवार इन नियमों की धज्जियाँ उड़ाता हुआ एक-दूसरे से आगे निकल जाना चाहता है। जिला प्रशासन और चुनाव आयोग भी अपनी आँखें मूँदे बैठे हैं, मानो उन्हें इनके खिलाफ अदालती डण्डे की दरकार है।
      आपके पत्र के माध्यम से मेरा सभी उम्मीदवारों, प्रशासन और चुनाव आयोग के जिम्मेदार अधिकारियों से अनुरोध है कि वे चुनाव में आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन करें/कराएँ और अपने नगर को स्वच्छ बनाए रखें।
भवदीय
नगेन्द्र रावत
रायवाला चौक
देहरादून
दिनांक : 21/2/2010
2. अनौपचारिक पत्र : प्रारूप एवं प्रतिदर्श
(INFORMAL LETTERS : PROFORMA AND MODEL)
(क) व्यक्तिगत – पत्र
(i) बधाई पत्र
प्रश्न 15 – आपका मित्र बोर्ड परीक्षा में प्रथम आया है। इस सफलता पर उसे बधाई – पत्र लिखिए ।
उत्तर—
मकान नं० 46,
मुहल्ला कबीरनगर,
चमोली ।
10 मार्च, 2010
प्रिय मित्र हरीश,
         सप्रेम नमस्कार ।
         कल के ‘टाइम्स ऑफ इण्डिया’ में बोर्ड की परीक्षा में प्रथम आने का तुम्हारा समाचार पढ़कर मुझे जो हार्दिक प्रसन्नता हुई, उसे शब्दों में व्यक्त कर पाना कठिन है। हरीश ! मैं तो पहले ही से यह आशा करता था। पढ़ाई के प्रति तुम्हारी लगन देखकर तो मुझे पूर्ण विश्वास हो गया था कि तुम्हें अवश्य बड़ी सफलता मिलेगी। दसवीं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करके तुमने परिवार और अपने विद्यालय दोनों को गौरवान्वित किया है। तुम्हें छात्रवृत्ति भी मिली है। तुम अक्सर कहा करते थे कि तुम मेडिकल में जाना चाहते हो, परन्तु पिताजी इतना भार वहन नहीं कर सकते, परन्तु अब तो तुम्हारे परिश्रम ने ही तुम्हारे लिए मार्ग और दिशा निर्धारित कर दी है। तुम्हारे जैसे लोगों के लिए ही कहा जाता है कि मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता स्वयं है। मुझे तुम पर गर्व है।
        एक बार फिर ढेरों बधाई और प्यार ।
तुम्हारा मित्र
जगदीश
(ii) शुभकामना – पत्र
प्रश्न 16 – तुम नवीन शर्मा, 184, जनकपुरी, नई दिल्ली के निवासी हो। अपने छोटे भाई को आनेवाली परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए शुभकामना – पत्र लिखिए ।
उत्तर—
नवीन शर्मा,
184, जनकपुरी,
नई दिल्ली।
दिनांक : 11 फरवरी, 2010
प्रिय प्रवीण,
मधुर स्नेह |
         आशा है तुम स्वस्थ और सकुशल होंगे। अगले महीने में तुम्हारी बोर्ड की परीक्षाएँ हैं। यों तो तुम स्वयं ही परिश्रमी हो, परन्तु बड़े भाई के नाते अपने अनुभव से मैं तुम्हें यह बताना अपना फर्ज समझता हूँ कि परिश्रम से बढ़कर सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं है। खूब मन लगाकर मेहनत करो। हम बड़ों का आशीर्वाद तुम्हारे साथ है। जीवन में दुआओं का भी बहुत महत्त्व है। आशीर्वाद और शुभकामनाएँ परिश्रम की घोर थकान को कम करते हैं और आत्मबल बढ़ाते हैं। मेरा खुद का यह अनुभव रहा है।
        तुम्हें हमारी ओर से ढेरों शुभकामनाएँ। आनेवाली परीक्षा में तुम बहुत अच्छे अंक लाओ।
आशीर्वादसहित।
तुम्हारा भैया
नवीन
(iii) संवेदना-पत्र
प्रश्न 17- किसी मित्र को उसकी माताजी के आकस्मिक निधन पर एक संवेदना – पत्र लिखिए ।
उत्तर-
128, सेक्टर II,
‘सीताधाम’, घण्टाघर के समीप,
ऋषिकेश।
5 जून, 2010
प्रिय मित्र सूरज,
         कल ही तुम्हारा पत्र मिला। पत्र के माध्यम से यह जानकर अत्यन्त दु:ख हुआ कि पूज्य माताजी का आकस्मिक निधन हो गया है। मैं समझ सकता हूँ कि तुम पर क्या बीत रही होगी। तुम्हारे दुःख को सहानुभूति और सांत्वना के शब्द समाप्त तो नहीं कर सकते, परन्तु कम अवश्य कर सकते हैं।
        माता-पिता का अभाव मैं मानता हूँ कि जीवन का सबसे बड़ा अभाव है, परन्तु संसार के जन्म-मृत्यु के चक्र से कोई भी बच नहीं पाया है। सूरज और अधिक क्या कहूँ ! मृत्यु ही एक ऐसा सत्य है, जिस पर मनुष्य का कोई वश नहीं चलता। संसार में जो आता है, उसका जाना निश्चित है। यह दुःख तो हमें न चाहकर भी सहन करना ही पड़ता है।
        पूज्य माताजी का प्रेममय व्यवहार मैं कभी नहीं भूल सकता। जब हम रातों में देर तक साथ में पढ़ा करते थे तो वे भी हमारे साथ जागकर हम लोगों को गरम दूध, चाय-कॉफी आदि पहुँचाया करती थीं। आज हमारे दुर्भाग्य से वे हमसे दूर हो गई हैं। अब इस भारी दुःख को सहने के अतिरिक्त और उपाय भी क्या है।
       मेरी परमपिता परमेश्वर के चरणों में हार्दिक करबद्ध प्रार्थना है कि वह माताजी की दिवंगत आत्मा को चिर शान्ति प्रदान करे। प्रिय मित्र, इस विपत्ति के समय में मैं तुम्हें धीरज रखने को ही कहूँगा । ईश्वर तुम्हें एवं परिवार के सभी सदस्यों को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करे।
      तुम्हारे दुःख में तुम्हारे साथ ।
तुम्हारा मित्र
सतीश
(ख) सामाजिक – पत्र
(i) निमन्त्रण-पत्र (विवाह पर)
प्रश्न 18— बड़े भाई के विवाह में सम्मिलित होने के लिए अपने मित्र को निमन्त्रण- पत्र लिखिए।
उत्तर-
क.ख.ग.,
परीक्षा भवन,
…….. केन्द्र
दिनांक : 12 मार्च, 2010
प्रिय मित्र अशोक,
        मधुर स्मृति ।
        तुम्हें यह जानकर खुशी होगी कि बड़े भैया विवेक का विवाह तय हो गया है। शुभ लग्न 28 मार्च, 2010 का है। निमन्त्रण- पत्र छपने चले गए हैं। मैं तुम्हें पहले ही पत्र भेजकर सूचना दे रहा हूँ, जिससे कि तुम व्यस्तता का बहाना न बना सको । पहले ही से ऑफिस से छुट्टी आदि का प्रबन्ध कर लो। तुम्हें जरूर, जरूर और जरूर आना है। बारात में भी तुम्हें चलना होगा। हो सके तो चार-पाँच दिन पहले आ. जाओ। कुछ समय साथ व्यतीत करने का सुनहरा अवसर बड़ी मुश्किल से मिलता है। आना जरूर।
तुम्हारा मित्र
क. ख.ग.
(ii) निमन्त्रण-पत्र ( समारोह पर)
प्रश्न 19 – अपने मित्र को अपने जन्म-दिवस पर निमन्त्रण-पत्र लिखिए।
उत्तर-
सुनन्दा गौड़,
129, सेक्टर II,
चमोली ।
दिनांक : 27 मार्च, 2010
प्रिय आरती,
सस्नेह नमस्कार !
          आशा है तुम स्वस्थ और सानन्द होंगी। मैं भी यहाँ कुशलतापूर्वक हूँ। इस बार मैं अपना जन्म-दिवस धूमधाम से मनाने की सोच रही हूँ। कुछ ऐसा संयोग पड़ रहा है कि चार साल बाद भैया अमेरिका से उसी दिन आ रहे हैं। माँ-पिताजी व भाभी सब उस दिन अर्थात् मेरे जन्मदिन पर पार्टी करने का मन बना रहे हैं। भैया ने मुझे वचन दिया है कि वे पार्टी के समय तक अवश्य पहुँच जाएँगे, इसलिए सबकुछ तय ही समझना । तुम्हें आना ही होगा। सुनीता, कल्पना, वन्दना, रेखा, उर्मिला सब शाम चार बजे ही आ जाएँगी। अरे! तुम्हें मेरे जन्मदिन की तारीख तो याद है न! 16 अगस्त। 15 अगस्त को रविवार है । सब लोग आ रहे हैं। 16 की छुट्टी ले लो। देखो आना मत भूलना।
       हालाँकि जन्मदिन की पार्टी शाम 5 बजे है, परन्तु सुबह 11 बजे यज्ञ-हवन तथा सत्यनारायण की पूजा भी होगी। 2 बजे दोपहर के खाने के बाद पार्टी की तैयारी में हम सब जुट जाएँगे। बहुत मजा आएगा।
     तुम्हारी प्रतीक्षा में।
तुम्हारी सहेली
सुनन्दा
(iii) धन्यवाद पत्र
प्रश्न 20- अपने जन्मदिन पर मित्र द्वारा भेजे गए उपहार के लिए धन्यवाद पत्र लिखिए।
उत्तर-
236, सुभाषनगर,
देहरादून
दिनांक : 04/03/10
प्रिय मित्र अनिकेत,
सादर प्रणाम!
          आशा करता हूँ कि सानन्द होंगे। मेरे जन्मदिन पर तुम्हारे द्वारा उपहारस्वरूप भेजा गया शब्दकोश मुझे अभी-अभी प्राप्त हुआ है। तुम्हारा यह उपहार मेरे लिए आज का सबसे अमूल्य उपहार है; क्योंकि यह मेरे जीवन को सँवारने में बड़ा उपयोगी सिद्ध होगा। यह मेरी भाषा का परिष्कार करके जीवन में प्रतिपल तुम्हारे स्नेह का आस्वादन कराता रहेगा। इसके लिए केवल धन्यवाद कहकर मैं तुम्हारे प्रति कृतघ्न नहीं होना चाहता, बल्कि तुम्हारी वन्दना करके तुम्हारे हृदय के और समीप आना चाहता हूँ।
       आज जन्मदिन के अवसर पर तुम्हारा यह उपहार पाकर मैं धन्य हो गया हूँ। -यदि तुम भी यहाँ उपस्थित होते, तब मैं कितना प्रसन्न होता, इसको शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता, किन्तु तुम्हारी विवशता को भी मैं जानता हूँ। अब तो बस यही कहूँगा कि आगे भी अपने स्नेह की मधुर छाया मुझ पर बनाए रखना। शेष सब कुशल है। निशि को प्यार और माँ-पिताजी को चरणस्पर्श कहना।
तुम्हारा अभिन्न मित्र
कमलेश रावत

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