UP Board Class 10 Hindi Chapter 2 – हिन्दी पद्य के विकास का संक्षिप्त परिचय (गद्य एवं पद्य का विकास)
UP Board Class 10 Hindi Chapter 2 – हिन्दी पद्य के विकास का संक्षिप्त परिचय (गद्य एवं पद्य का विकास)
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महत्वपूर्ण तथ्य व बिन्दु
हिन्दी पद्य साहित्य का इतिहास
हिन्दी पद्य साहित्य के इतिहास को विद्वानों ने मुख्यतया चार भागों में बाँटा है। युग विशेष की प्रवृत्तियों पर आधारित यह विभाजन इस प्रकार है
(क) आदिकाल (वीरगाथा काल ) – ( 769 से 1343 ई. तक )
(ख) पूर्व – मध्यकाल (भक्तिकाल ) – ( 1343 से 1643 ई. तक)
(ग) उत्तर-मध्यकाल (रीतिकाल ) – (1643 1843 ई. तक)
(घ) आधुनिक काल – (1843 ई. से वर्तमान तक )
(क) आदिकाल (वीरगाथा काल ) (769 से 1343 ई. तक)
हिन्दी पद्य के पहले उत्थान काल को वीरगाथा काल, चारण काल आदि नामों से भी जाना जाता है। इस समय छोटी-छोटी रियासतों के शासक आपस में लड़ते रहते थे तथा एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए आतुर रहते थे। वीरों का यशोगान एवं वीरता का अतिशयोक्तिपूर्ण वर्णन इस काल के काव्य का मुख्य विषय था ।
इस काल की प्रमुख प्रवृत्तियाँ थीं – आश्रयदाताओं की प्रशंसा, सामूहिक राष्ट्रीय भावना का अभाव, युद्धों का सुन्दर सजीव वर्णन, वीर रस एवं श्रृंगार रस का वर्णन तथा कल्पना की प्रचुरता आदि। इस काल की रचनाएँ प्रायः प्रबन्ध काव्य और वीरगीतों के रूप में मिलती हैं।
आदिकाल की कुछ रचनाएँ निम्नलिखित हैं
| कवि | रचनाएँ | रचनाओं के रूप |
| दलपति विजय | खुमाण रासो | प्रबन्ध काव्य |
| चन्दबरदाई | पृथ्वीराज रासो | प्रबन्ध काव्य |
| शारंगधर | हमीर रासो | प्रबन्ध काव्य |
| नल्ल सिंह | विजयपाल रासो | प्रबन्ध काव्य |
| जगनिक | परमाल रासो | (आल्हखण्ड) वीर काव्य |
| नरपति नाल्ह | बीसलदेव रासो | वीर काव्य |
| भट्ट केदार | जयचन्द्र प्रकाश | वीर काव्य |
| मधुकर | जयमयंक जसचन्द्रिका | वीर काव्य |
इन वीरगीत काव्यों में ‘जगनिक’ का ‘आल्हाखण्ड ‘ सर्वाधिक प्रसिद्ध है, जिसे आज भी वर्षा ऋतु में उत्तर भारत के गाँवों में गाया जाता है। विद्यापति, अब्दुर्रहमान, इस युग के प्रसिद्ध रचनाकार हैं। इनकी रचनाओं में दोहा, सोरठा, त्रोटक, तोमर, चौपाई, गाथा, आर्या, रोला, छप्पय आदि छन्दों का प्रयोग हुआ है।
(ख) पूर्व – मध्यकाल (भक्तिकाल ) ( 1343 से 1643 ई. तक)
आदिकाल के समाप्त होने तक राजनैतिक एवं सामाजिक परिस्थितियाँ बदल चुकी थीं। चौदहवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में भक्ति भावना ने काव्य को प्रभावित किया। इस काल को दो शाखाओं में बाँटा गया है

(i) निर्गुण शाखा
इस शाखा में ब्रह्म (ईश्वर) के निराकार स्वरूप की उपासना की गई। इस शाखा की ‘ज्ञानाश्रयी शाखा’ के प्रमुख कवियों ने जाति-पाँति, तीर्थ, व्रत आदि बाह्याडम्बरों का विरोध किया। सन्त कबीर, रैदास, नानक, दादू, मलूकदास, सुन्दरदास आदि इस शाखा के प्रमुख कवि थे। इनकी भाषा को पंचमेल खिचड़ी या सधुक्कड़ी कहा जाता है। ‘प्रेमाश्रयी शाखा’ को पल्लवित करने का श्रेय सूफी मुसलमान कवियों को है, जिन्होंने लोक प्रचलित हिन्दू राजकुमारों की प्रेम कहानियों को फारसी की मसनवी शैली में सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया। मलिक मोहम्मद जायसी इस शाखा के • सबसे प्रसिद्ध कवि हैं। इस शाखा के प्रमुख कवि और उनकी रचनाएँ निम्नलिखित हैं
| कवि | रचनाएँ |
| मलिक मोहम्मद जायसी | पद्मावत |
| कुतुबन | मृगावती |
| मंझन | मधुमालती |
| उस्मान | चित्रावली |
| शेख नबी | ज्ञानदीप |
| कासिम | हंस जवाहिर |
| नूर मोहम्मद | इन्द्रावती |
(ii) सगुण शाखा
स्वामी रामानुजाचार्य के शिष्य रामानन्द जी ने पन्द्रहवीं शताब्दी में जनता की चित्तवृत्तियों को समझा और रामभक्ति का प्रचार किया, यहीं से ‘रामाश्रयी शाखा’ का विकास हुआ। तुलसीदास इस शाखा के कवियों के नायक थे, जिन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के शक्ति, शील, सौन्दर्य आदि गुणों को ‘श्रीरामचरितमानस’ महाकाव्य के रूप में प्रस्तुत किया।
इस महाकाव्य की कथा का मूल स्रोत ‘वाल्मीकि रामायण’ है। यह सभी दृष्टियों से उत्कृष्ट काव्य है। ‘श्रीरामचरितमानस’ की भाषा अवधी है।
‘कृष्णाश्रयी शाखा’ के प्रवर्तन का श्रेय स्वामी वल्लभाचार्य को है, जिनके आराध्य श्रीकृष्ण थे। सूरदास इस शाखा के सर्वोत्कृष्ट कवि हैं, जिन्होंने ‘सूरसागर’, ‘साहित्य लहरी’, ‘सूर सारावली’ की रचना की ।
सूरदास, नन्ददास, परमानन्द दास, कृष्णदास, कुम्भनदास, चतुर्भुजदास, छीत स्वामी, गोविन्द स्वामी सहित इन आठ कवियों के समुदाय को ‘अष्टछाप’ कहते हैं। इनके अतिरिक्त मीराबाई और रसखान भी सगुण शाखा के प्रसिद्ध कवि हैं।
भक्तिकाल के काव्य में भाव और कला पक्ष का उत्कृष्ट रूप देखने को मिलता है। इस कारण इस काल को ‘हिन्दी साहित्य का स्वर्ण युग’ कहा जाता है।
(ग) उत्तर – मध्यकाल (रीतिकाल ) ( 1643 से 1843 ई. तक)
हमारे देश में सोलहवीं सत्रहवीं शताब्दी तक मुगल काल की प्रतिष्ठा हो चुकी थी। इस काल के सुख-शान्तिपूर्ण जीवन का प्रभाव काव्य पर भी पड़ा। राधा-कृष्ण अब शृंगार के आलम्बन बन चुके थे। कवियों ने रस, अलंकार, छन्द, नायक-नायिका आदि के उदाहरण रूप में काव्य-रचना की, इन्हें ‘रीति ग्रन्थ’ कहा जाता है। इसी कारण इन रचनाओं के काल को ‘रीतिकाल’ कहा जाता है।
रीतिकाल की तीन उपधाराएँ हैं
(i) रीतिबद्ध – चिन्तामणि, मतिराम, भिखारी, देव, केशव, भूषण आदि ।
(ii) रीतिमुक्त-घनानन्द, बोधा, आलम, वृन्द, ठाकुर आदि ।
(iii) रीतिसिद्ध-बिहारी ।
इस काल के प्रमुख कवि एवं रचनाएँ निम्नलिखित हैं
| कवि | रचनाएँ |
| केशव | रामचन्द्रिका, कविप्रिया, विज्ञानगीता |
| देव | देव शतक, भाव विलास |
| भूषण | शिवराज भूषण, शिवा बावनी, छत्रसाल दशक |
| मतिराम | रसराज, ललित-ललाम |
| बिहारी | सतसई |
| पद्माकर | पद्माभरण, जगद् विनोद, गंगा लहरी |
रीतिकाल की काव्य भाषा ब्रजभाषा थी। इसमें कवित्त, सवैया, दोहा, मुक्तक आदि छन्दों का प्रयोग हुआ है।
(घ) आधुनिक काल (1843 ई. से वर्तमान तक)
आधुनिक काल को गद्य काल, नवीन विकास काल, पुनर्जागरण काल आदि नामों से भी जाना जाता है। इस काल का विभाजन निम्नांकित है

(i) भारतेन्दु युग (1868 से 1900 ई. तक)
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र को आधुनिक साहित्य का जन्मदाता माना जाता है। इस युग के कवियों ने जन-भावना को वाणी दी। उनकी काव्य-भाषा में ब्रजभाषा की प्रधानता रही। इस युग के काव्य में स्वदेश-प्रेम, समाज-सुधार, प्रकृति-चित्रण जैसे विषयों का समावेश हुआ।
(ii) द्विवेदी युग (1900 से 1918 ई. तक)
महावीर प्रसाद द्विवेदी से प्रेरित होकर तरुण कवियों ने खड़ी बोली में काव्य रचना . आरम्भ की। श्रीधर पाठक, मैथिलीशरण गुप्त, अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’, मुकुटधर पाण्डेय, लोचन प्रसाद पाण्डेय, रामनरेश त्रिपाठी, रामचरित उपाध्याय आदि कवियों ने काव्य रचना की। इसी युग में ‘साकेत’ और ‘प्रियप्रवास’ जैसे महाकाव्य भी रचे गए।
(iii) छायावादी युग (1918 से 1938 ई. तक )
इस युग का आविर्भाव द्विवेदी युग के बाद हुआ। वास्तव में, छायावादी काव्य द्विवेदी युग की इतिवृत्तात्मकता की प्रतिक्रिया थी। जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानन्दन पन्त, सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ और महादेवी वर्मा प्रमुख छायावादी कवि हैं। इन्हें छायावाद का प्रमुख आधार स्तम्भ भी कहा जाता है।
आत्म अनुभूति की प्रबलता, सौन्दर्य भावना, श्रृंगार और प्रेम वेदना, करुणा और नैराश्य की भावना इस युग की प्रमुख प्रवृत्तियाँ हैं। इस युग में मुक्तक गीतों की प्रधानता रही है, जो गेय एवं संगीतात्मक हैं। निराला और महादेवी के काव्य में गीति का सुन्दर विधान है। इसी युग में मानवीकरण तथा विशेषण-विपर्यय अलंकारों का खुलकर प्रयोग हुआ है।
(iv) प्रगतिवादी युग (1936 से 1943 ई. तक)
प्रगतिवादी युग में छायावादी कविता की सूक्ष्मता और अति काल्पनिकता के प्रति मोह कम हुआ और कवि स्थूल जगत् की वास्तविकता की ओर लौटा। पूँजीवाद का विरोध, सीधे सरल शब्दों में अपनी बात कहना इस युग के कवियों की प्रमुख विशेषता रही है। सुमित्रानन्दन पन्त, सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला, रामधारी सिंह दिनकर’, भगवतीचरण वर्मा, नरेन्द्र शर्मा, अंचल, रामविलास शर्मा, शिवमंगल सिंह ‘सुमन’, नागार्जुन, केदारनाथ अग्रवाल इसी युग के प्रमुख कवि थे।
(v) प्रयोगवादी धारा तथा नई कविता
वर्ष 1943 में ‘अज्ञेय’ द्वारा सम्पादित एवं प्रकाशित ‘तारसप्तक’ संकलन से प्रयोगवाद का आरम्भ माना जाता है। इस तारसप्तक में अज्ञेय, गजाननमाधव ‘मुक्तिबोध’, नेमिचन्द जैन, भारतभूषण अग्रवाल, प्रभाकर माचवे, गिरिजाकुमार माथुर रामविलास शर्मा की कविताएँ शामिल थीं।
वर्ष 1951 में प्रकाशित ‘दूसरे सप्तक’ में भवानीप्रसाद मिश्र, शकुन्तला माथुर, हरि नारायण व्यास, शमशेर बहादुर सिंह, नरेश मेहता, रघुवीर सहाय तथा धर्मवीर भारती की रचनाएँ थीं। ‘तीसरा सप्तक’ वर्ष 1959 में प्रकाशित हुआ। इसमें प्रयाग नारायण त्रिपाठी, कीर्ति चौधरी, मदन वात्स्यायन, केदारनाथ सिंह, कुँवर नारायण, विजयदेव नारायण साही और सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की रचनाएँ थीं।
अज्ञेय द्वारा रचित ‘हरी घास पर क्षणभर’, ‘सुनहरे शैवाल’, ‘इन्द्रधनुष रौंदे हुए ये’, ‘आँगन के पार द्वार’, भवानीप्रसाद मिश्र द्वारा रचित ‘गीत फरोश,’ ‘खुशबू के शिलालेख’, गिरिजाकुमार माथुर की ‘धूप के धान’, ‘शिला पंख चमकीले’ तथा धर्मवीर भारती द्वारा रचित ‘ठण्डा लोहा’, ‘कनुप्रिया’ आदि प्रसिद्ध प्रयोगवादी रचनाएँ हैं।
वर्ष 1960 के बाद के समय को ‘नई कविता’ का युग माना जाता है। इस युग की प्रमुख प्रवृत्तियाँ (विशेषताएँ) थीं नए-नए शिल्प व बिंब विधानों की प्रस्तुति, लघु मानववाद, मानवीय अनुभूतियों का वास्तविक चित्रण, अति यथार्थवाद, बौद्धिकता आदि । अज्ञेय, धर्मवीर भारती, मुक्तिबोध, भवानीप्रसाद मिश्र, नरेश मेहता, कुँवर नारायण, शमसेर बहादुर सिंह, जगदीश गुप्त आदि नई कविता के कवि माने जाते हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1. हिन्दी पद्य साहित्य के इतिहास को विद्वानों ने कितने भागों में बाँटा है?
(a) तीन
(b) चार
(c) पाँच
(d) छ:
उत्तर (b) चार
प्रश्न 2. आदिकाल किन नामों से जाना जाता है?
(a) वीरगाथा काल
(b) पूर्व मध्यकाल
(c) चारण काल
(d) ‘a और ‘c’ दोनों
उत्तर (d) ‘a’ और ” दोनों
प्रश्न 3. नरपति नाल्ह की रचना है
(a) जयमयंक जसचन्द्रिका
(b) खुमाण रासो
(c) बीसलदेव रासो
(d) हमीर रासो
उत्तर (c) बीसलदेव रासो
प्रश्न 4. पूर्व मध्यकाल (भक्तिकाल ) को कितनी शाखाओं में बाँटा गया है?
(a) दो
(b) तीन
(c) चार
(d) पाँच
उत्तर (a) दो
प्रश्न 5. तुलसीदास किस शाखा के कवियों के नायक थे?
(a) निर्गुण शाखा
(b) सगुण शाखा
(c) ज्ञानाश्रयी शाखा
(d) प्रेमाश्रयी शाखा
उत्तर (b) सगुण शाखा
प्रश्न 6. रस, अलंकार, छन्द, नायक-नायिका आदि के उदाहरण रूप में काव्य रचना को कहते हैं
(a) रीति ग्रन्थ
(b) सगुण शाखा
(c) निर्गुण शाखा
(d) आधुनिककाल
उत्तर (a) रीति ग्रन्थ
प्रश्न 7. आधुनिक काल को कितने भागों में बाँटा गया है?
(a) चार
(b) तीन
(c) पाँच
(d) छ:
उत्तर (c) पाँच
आदिकाल (वीरगाथा काल)
प्रश्न 8. आदिकाल की प्रमुख रचना का नाम है
(a) पृथ्वीराज रासो
(b) पद्मावत
(c) इन्द्रावती
(d) ज्ञानदीप
उत्तर (a) पृथ्वीराज रासो
प्रश्न 9. सिद्धों की संख्या कितनी मानी जाती है?
(a) इक्कीस
(b) बयासी
(c) अस्सी
(d) चौरासी
उत्तर (d) चौरासी
प्रश्न 10. रासो ग्रन्थ में प्रयुक्त हुई भाषा का नाम हैं
(a) डिंगल
(b) पिंगल
(c) ‘a’ और ‘b’ दोनों
(d) फ्रेंच
उत्तर (c) ‘a’ और ‘b’ दोनों
प्रश्न 11 : आल्हाखण्ड भारत के किस हिस्से में गाया जाता है?
(a) दक्षिण भारत
(b) पश्चिम भारत
(c) उत्तर भारत
(d) पूर्वी भारत
उत्तर (c) उत्तर भारत
प्रश्न 12. शारंगधर रचनाकार हैं
(a) परमाल रासो
(b) हमीर रासो
(c) खुमाण रासो
(d) बीसलदेव रासो
उत्तर (b) हमीर रासो
पूर्व – मध्यकाल (भक्तिकाल )
प्रश्न 13. किस काल को हिन्दी साहित्य का स्वर्ण युग कहा जाता है ?
(a) आधुनिक काल
(b) रीतिकाल
(c) भक्तिकाल
(d) आदिकाल
उत्तर (c) भक्तिकाल
प्रश्न 14. ‘गीतावली’ के कवि का नाम है
(a) तुलसीदास
(b) केशव
(c) मतिराम
(d) भूषण
उत्तर (a) तुलसीदास
प्रश्न 15. भक्तिकाल की मुख्य प्रवृत्ति है।
(a) भक्ति भावना की प्रधानता
(b) वीर एवं श्रृंगार वाले रासो काव्य
(c) जैनों तथा सिद्धों – नाथों की धार्मिक प्रवृत्ति वाले काव्य
(d) धन की प्रधानता
उत्तर (a) भक्ति भावना की प्रधानता
प्रश्न 16. स्वामी वल्लभाचार्य के आराध्य कौन थे?
(a) शिव
(b) श्रीकृष्ण
(c) श्रीराम
(d) गणेश
उत्तर (b) श्रीकृष्ण
उत्तर-मध्यकाल (रीतिकाल )
प्रश्न 17. हिन्दी साहित्य में किस काल को रीतिकाल कहा जाता है?
(a) 1343 से 1643 ई.
(b) 1643 से 1868 ई.
(c) 769 से 1343 ई.
(d) 1443 से 1555 ई.
उत्तर (b) 1643 से 1868 ई.
प्रश्न 18. महाकवि भूषण ने किस रस की कविता लिखी?
(a) शान्त रस
(b) करुण रस
(c) वीर रस
(d) श्रृंगार रस
उत्तर (c) वीर रस
प्रश्न 19. पद्माकर की प्रमुख रचना है।
(a) गंगा लहरी
(b) बिहारी सतसई
(c) रामचन्द्रिका
(d) रामचरितमानस
उत्तर (a) गंगा लहरी
प्रश्न 20. रीतिमुक्त कवि कौन हैं?
(a) आलम
(b) मतिराम
(c) पन्त
(d) प्रसाद
उत्तर (a) आलम
प्रश्न 21. रसखान कवि ने किस भाषा में रचनाएँ कीं?
(a) खड़ी बोली
(b) पिंगल
(c) फारसी
(d) ब्रजभाषा
उत्तर (d) ब्रजभाषा
प्रश्न 22. भूषण किस युग के कवि हैं?
(a) आदिकाल
(b) रीतिकाल
(c) भक्तिकाल
(d) आधुनिक काल
उत्तर (b) रीतिकाल
प्रश्न 23. ‘ललित ललाम’ रचना है
(a) मतिराम की
(b) पद्माकर की
(c) देव की
(d) भूषण की
उत्तर (a) मतिराम की
प्रश्न 24. रीतिकाल के ‘वीर रस’ के प्रसिद्ध कवि हैं
(a) देव
(b) घनानन्द
(c) भूषण
(d) बिहारी
उत्तर (c) भूषण
प्रश्न 25. ‘रामचन्द्रिका’ के रचनाकार हैं
(a) बिहारी
(b) केशवदास
(c) भूषण
(d) मतिराम
उत्तर (b) केशवदास
प्रश्न 26. ‘बिहारी’ किस युग के कवि हैं ?
(a) आधुनिक काल
(b) रीतिकाल
(c) भक्तिकाल
(d) आदिकाल
उत्तर (b) रीतिकाल
प्रश्न 27. केशवदास काव्यधारा के कवि हैं
(a) रीतिबद्ध
(b) रीतिसिद्ध
(c) रीतिमुक्त
(d) प्रयोगवादी
उत्तर (a) रीतिबद्ध
प्रश्न 28. ‘काव्य निर्णय’ रचना है
(a) भिखारीदास की
(b) बिहारीलाल की
(c) घनानन्द की
(d) भूषण की
उत्तर (a) भिखारीदास की
प्रश्न 29. रीतिकालीन कवि हैं
(a) केदार भट्ट
(b) जायसी
(c) पद्माकर
(d) कृष्णदास
उत्तर (c) पद्माकर
प्रश्न 30. ‘छत्रसाले दशक’ के रचयिता हैं
(a) मतिराम
(b) भूषण
(c) घनानन्द
(d) हरिऔध
उत्तर (b) भूषण
प्रश्न 31. ‘भाव विलास’ के रचनाकार हैं
(a) केशवदास
(b) देव
(c) पद्माकर
(d) मतिराम
उत्तर (b) देव
प्रश्न 32. काव्य की प्रवृत्ति एवं रचना शैली के आधार पर रीतिकाल की कितनी धाराएँ स्वीकार की गईं हैं?
(a) 1
(b) 5
(c) 3
(d) 6
उत्तर (c) 3
प्रश्न 33. केशवदास किस काल के कवि हैं?
(a) आदिकाल
(b) रीतिकाल
(c) भक्तिकाल
(d) आधुनिक काल
उत्तर (b) रीतिकाल
प्रश्न 34. रीतिमुक्त काव्यधारा के कवि हैं
(a) बिहारीलाल
(b) पद्माकर
(c) केशवदास
(d) घनानन्द
उत्तर (d) घनानन्द
प्रश्न 35, रीतिबद्ध काव्यधारा के कवि हैं
(a) बिहारी लाल
(b) बोधा
(c) निखारीदास
(d) घनानन्द
उत्तर (c) भिखारीदास
प्रश्न 36. पद्माभरण’ के रचयिता हैं
(a) सेनापति
(b) केशव
(c) पद्माकर
(d) भूषण
उत्तर (c) पद्माकर
प्रश्न 37. रीतिकाल को ‘अलंकृत काल’ किस विद्वान ने कहा है?
(a) विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने
(b) मिश्र बन्धुओं ने
(c) रामचन्द्र शुक्ल ने
(d) जॉर्ज ग्रियर्सन ने
उत्तर (b) मिश्र बन्धुओं ने
प्रश्न 38. रीतिमुक्त काव्यधारा की रचना है।
(a) सुजानसागर
(b) बिहारी सतसई
(c) ललित ललाम
(d) काव्य निर्णय
उत्तर (a) सुजानसागर
आधुनिक काल (1843 ई. से वर्तमान तक)
प्रश्न 39: गद्य काल का पुनर्जागरण काल किसे कहा जाता है?
(a) आदिकाल को
(b) भक्तिकाल को
(c) रीतिकाल को
(d) आधुनिक काल को
उत्तर (d) आधुनिक काल को
भारतेन्दु युग
प्रश्न 40. ‘भारतेन्दु युग’ की समयावधि है।
(a) सन् 1900 से 1928 तक
(b) सन् 1868 से 1900 तक
(c) सन् 1919 से 1926 तक
(d) सन् 1800 से 1826 तक
उत्तर (b) सन् 1868 से 1900 तक
प्रश्न 41. हिन्दी साहित्य का जन्मदाता किसे माना जाता है?
(a) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
(b) रामनरेश त्रिपाठी
(c) मैथिलीशरण गुप्त
(d) माखनलाल चतुर्वेदी
उत्तर (a) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
प्रश्न 42. किस युग के कवियों ने जन-भावना को जागृत करने का कार्य किया?
(a) द्विवेदी युग के
(b) प्रगतिवादी युग के
(c) छायावादी युग के
(d) भारतेन्दु युग के
उत्तर (d) भारतेन्दु युग के
प्रश्न 43. भारतेन्दु युग का अन्य नाम है
(a) आरम्भकाल
(b) नव जागरण काल
(c) सुधारकाल
(d) नवोत्थान काल
उत्तर (b) नव जागरण काल
प्रश्न 44. कौन-सी कृति भारतेन्दु की नहीं है?
(a) अँधेर नगरी
(b) भारत दुर्दशा
(c) भारत हरण
(d) वैदिक हिंसा हिंसा न भवति
उत्तर (c) भारत हरण
प्रश्न 45. इनमें से कौन-सी प्रवृत्ति भारतेन्दु युग की प्रवृत्ति नहीं है ?
(a) भक्तिभावना
(b) प्रकृति चित्रण
(c) इतिवृत्तात्मकता
(d) श्रृंगारिकता
उत्तर (c) इतिवृत्तात्मकता
प्रश्न 46. आधुनिक काल की समय-सीमा है
(a) 1919 से 1938 तक
(b) 1936 से 1943 तक
(c) 1918 से 1950 तक
(d) 1843 से अब तक
उत्तर (d) 1843 से अब तक
प्रश्न 47. ‘भारतेन्दु युग की विशेषता (प्रवृत्ति) नहीं है
(a) राष्ट्रीयता की भावना
(b) सामाजिक चेतना का विकास
(C) अंग्रेजी शिक्षा का विरोध
(d) काव्यभाषा के रूप में खड़ी बोली का प्रयोग
उत्तर (d) काव्यभाषा के रूप में खड़ी बोली का प्रयोग
द्विवेदी युग
प्रश्न 48. द्विवेदी युग से सम्बन्धित ग्रन्थ है।
(a) कामायनी
(b) पल्लव
(c) यामा
(d) साकेत
उत्तर (d) साकेत
प्रश्न 49. अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ किस युग के कवि हैं?
(a) भारतेन्दु युग
(b) छायावादी युग
(c) प्रगतिवादी युग
(d) द्विवेदी युग
उत्तर (d) द्विवेदी युग
प्रश्न 50. ‘प्रिय प्रवास’ किसकी कथा पर आधारित है?
(a) गणेश
(b) मीरा
(c) शिव
(d) कृष्ण
उत्तर (d) कृष्ण
प्रश्न 51. सुमित्रानन्दन पन्त की रचना है
(a) युगान्त
(b) पथिक
(c) यशोधरा
(d) साकेत
उत्तर (a) युगान्त
प्रश्न 52. ‘हिमकिरीटिनी’ किस कवि की रचना है?
(a) सुमित्रानन्दन पन्त
(b) रामनरेश त्रिपाठी
(c) माखनलाल चतुर्वेदी
(d) अयोध्यासिंह उपाध्याय
उत्तर (c) माखनलाल चतुर्वेदी
प्रश्न 53. ‘साकेत’ रचना है
(a) महादेवी वर्मा की
(b) सुमित्रानन्दन पन्त की
(c) जयशंकर प्रसाद की
(d) मैथिलीशरण गुप्त की
उत्तर (d) मैथिलीशरण गुप्त की
प्रश्न 54. ‘यशोधरा’ रचना है
(a) जयशंकर प्रसाद की
(b) महादेवी वर्मा की
(c) सुमित्रानन्दन पन्त की
(d) मैथिलीशरण गुप्त की
उत्तर (d) मैथिलीशरण गुप्त की
प्रश्न 55. ‘प्रिय प्रवास’ किसकी रचना है ?
(a) जयशंकर प्रसाद की
(b) श्रीधर पाठक की
(c) सियाराम शरण गुप्त की
(d) अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की
उत्तर (d) अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की
प्रश्न 56. ‘जौहर’ काव्य के रचनाकार हैं
(a) श्यामनारायण पाण्डे
(b) रामनरेश त्रिपाठी
(c) सुमित्रानन्दन पन्त
(d) धर्मवीर भारती
उत्तर (a) श्यामनारायण पाण्डे
प्रश्न 57. ‘भारत भारती’ के रचनाकार हैं
(a) मैथिलीशरण गुप्त
(b) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
(c) माखनलाल चतुर्वेदी
(d) सूरदास
उत्तर (a) मैथिलीशरण गुप्त
छायावादी युग
प्रश्न 58. छायावादी काव्य का काल माना जाता है
(a) 1918 से 1936
(b) 1842 से 1890
(c) 1643 से 1868
(d) 1868 से 1900
उत्तर (a) 1918 1936
प्रश्न 59. ‘ग्रन्थि’ के कवि का नाम है।
(a) जयशंकर प्रसाद
(b) महादेवी वर्मा
(c) सुमित्रानन्दन पन्त
(d) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
उत्तर (c) सुमित्रानन्दन पन्त
प्रश्न 60. ‘नीरजा’ के रचयिता का नाम है
(a) जयशंकर प्रसाद
(b) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
(c) महादेवी वर्मा
(d) डॉ. रामकुमार वर्मा
उत्तर (c) महादेवी वर्मा
प्रश्न 61. ‘दीपशिखा’ के रचयिता का क्या नाम है?
(a) केशवदास
(b) डॉ. रामकुमार वर्मा
(c) महादेवी वर्मा
(d) सुमित्रानन्दन पन्त
उत्तर (c) महादेवी वर्मा
प्रश्न 62. छायावादी युग का आविर्भाव किस युग के बाद हुआ ?
(a) भारतेन्दु युग
(b) प्रगतिवादी युग
(c) द्विवेदी युग
(d) प्रयोगवादी युग
उत्तर (c) द्विवेदी युग
प्रश्न 63. महादेवी वर्मा कवयित्री हैं
(a) प्रगतिवाद युग की
(b) द्विवेदी युग की
(c) छायावादी युग की
(d) प्रयोगवाद युग की
उत्तर (c) छायावादी युग की
प्रश्न 64. इनमें से कौन-सी रचना महादेवी वर्मा की नहीं है ?
(a) नीहार
(b) सांध्यगीत
(c) युगान्त
(d) दीपशिखा
उत्तर (c) युगान्त
प्रश्न 65. ‘झरना’ काव्य-संग्रह रचना है
(a) महादेवी वर्मा की
(b) जयशंकर प्रसाद की
(c) सुभद्रा कुमारी चौहान की
(d) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ की
उत्तर (b) जयशंकर प्रसाद की
प्रश्न 66. ‘राम की शक्ति पूजा’ के रचनाकार हैं
(a) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
(b) महादेवी वर्मा
(c) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(d) सुमित्रानन्दन पन्त
उत्तर (a) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
प्रश्न 67. छायावाद युग की प्रमुख प्रवृत्तियाँ कौन-सी हैं ?
(a) कुण्ठा और निराशा के स्वर
(b) श्रृंगार और प्रेम-वेदना
(c) नारी के प्रति परिवर्तित दृष्टिकोण
(d) रीतिग्रन्थों का निर्माण
उत्तर (b) श्रृंगार और प्रेम – वेदना
प्रश्न 68. ‘लोकायतन’ के रचनाकार हैं
(a) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
(b) जयशंकर प्रसाद
(c) सुमित्रानन्दन पन्त
(d) महादेवी वर्मा
उत्तर (c) सुमित्रानन्दन पन्त
प्रश्न 69. सुमित्रानन्दन पन्त की रचना है
(a) ज्ञानदीप
(b) युगवाणी
(c) प्रेमवाटिका
(d) क्षणदा
उत्तर (b) युगवाणी
प्रश्न 70. ‘चिदम्बरा’ के रचनाकार हैं।
(a) जयशंकर प्रसाद
(b) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
(c) सुमित्रानन्दन पन्त
(d) महादेवी वर्मा
उत्तर (c) सुमित्रानन्दन पन्त
प्रश्न 71. सुमित्रानन्दन पन्त की रचना नहीं है
(a) ग्राम्या
(b) स्वर्णधूलि
(c) कामायनी
(d) युगान्त
उत्तर (c) कामायनी
प्रश्न 72. सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ की रचना है
(a) कनुप्रिया
(b) सुनहरे शैवाल
(c) ठण्डा लोहा
(d) राम की शक्ति पूजा
उत्तर (d) राम की शक्ति पूजा
प्रश्न 73. महादेवी वर्मा की रचना है।
(a) त्रिधारा
(b) वीणा
(c) पथ के साथी
(d) गुंजन
उत्तर (c) पथ के साथी
प्रगतिवादी युग
प्रश्न 74. प्रगतिवादी युग का आरम्भ हुआ
(a) वर्ष 1948
(b) वर्ष 1936
(c) वर्ष 1918
(d) वर्ष 1943
उत्तर (b) वर्ष 1936
प्रश्न 75. ‘परशुराम की प्रतीक्षा’ के रचनाकार का नाम है
(a) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(b) नागार्जुन
(c) भगवती चरण वर्मा
(d) महादेवी वर्मा
उत्तर (a) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
प्रश्न 76. नागार्जुन की रचना है
(a) आराधना
(b) अनामिका
(c) हुँकार
(d) प्यासी पथराई आँखें
उत्तर (d) प्यासी पथराई आँखें
प्रश्न 77. प्रगतिवादी कविता की प्रवृत्ति नहीं है
(a) प्राचीन रूढ़ियों एवं मान्यताओं का विरोध
(b) अमानवतावादी प्रवृत्ति
(c) शोषण वर्ग के प्रति घृणा और शोषितों के प्रति सहानुभूति
(d) विद्रोह एवं क्रान्ति की भावना
उत्तर (b) अमानवतावादी प्रवृत्ति
प्रश्न 78. निम्नलिखित में से कौन प्रगतिवादी युग का कवि नहीं है?
(a) नागार्जुन
(b) त्रिलोचन
(c) केदारनाथ अग्रवाल
(d) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
उत्तर (d) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
प्रश्न 79. ‘प्रगतिवादी युग के कवि हैं
(a) शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
(b) प्रभाकर माचवे
(c) नरेश मेहता
(d) जगदीश गुप्त
उत्तर (a) शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
प्रयोगवादी धारा तथा नई कविता
प्रश्न 80. प्रयोगवाद के प्रवर्तक हैं
(a) जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’
(b) मैथिलीशरण गुप्त
(c) अज्ञेय
(d) निराला
उत्तर (c) अज्ञेय
प्रश्न 81. ‘तीसरा सप्तक’ काव्य संग्रह का प्रकाशन किस वर्ष हुआ ?
(a) वर्ष 1948
(b) वर्ष 1939
(c) वर्ष 1959
(d) वर्ष 1940
उत्तर (c) वर्ष 1959
प्रश्न 82.. प्रयोगवादी काव्यधारा के कवि हैं
(a) भूषण
(b) अज्ञेय
(c) सुमित्रानन्दन पन्त
(d) महादेवी वर्मा
उत्तर (b) अज्ञेय
प्रश्न 83. धर्मवीर भारती की रचना का नाम है
(a) आँगन के पार द्वार
(b) सुनहरे शैवाल
(c) बुनी हुई रस्सी
(d) कनुप्रिया
उत्तर (d) कनुप्रिया
प्रश्न 84. ‘प्रथम तारसप्तक’ काव्य-संग्रह का प्रकाशन किस वर्ष हुआ?
(a) वर्ष 1959
(b) वर्ष 1943
(c) वर्ष 1955
(d) वर्ष 1946
उत्तर (b) वर्ष 1943
प्रश्न 85. ‘तारसप्तक’ के सम्पादक हैं
(a) सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
(b) नरेन्द्र शर्मा
(c) भवानीप्रसाद मिश्र
(d) केशव
उत्तर (a) सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
प्रश्न 86. ‘दूसरा सप्तक’ का प्रकाशन वर्ष है
(a) वर्ष 1943
(b) वर्ष 1951
(c) वर्ष 1979
(d) वर्ष 1985
उत्तर (b) वर्ष 1951
प्रश्न 87. प्रयोगवादी काव्य की विशेषता है
(a) चित्रमयी कल्पना की प्रधानता
(b) रूढ़ियों के प्रति विद्रोह
(c) प्राकृतिक वर्णन
(d) आश्रयदाताओं की प्रशंसा
उत्तर (b) रूढ़ियों के प्रति विद्रोह
प्रश्न 88. प्रयोगवादी कवि हैं
(a) भारत भूषण अग्रवाल
(b) केदारनाथ अग्रवाल
(c) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(d) सुमित्रानन्दन पन्त
उत्तर (a) भारत भूषण अग्रवाल
प्रश्न 89. ‘आँगन के पार द्वार’ के रचयिता हैं
(a) धर्मवीर भारती
(b) भवानी प्रसाद मिश्र
(c) अज्ञेय
(d) गिरिजा कुमार माथुर
उत्तर (c) अज्ञेय
प्रश्न 90. वर्ष 1943 में प्रकाशित ‘तारसप्तक’ का सम्पादन किसने किया?
(a) रामविलास शर्मा
(b) सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
(c) प्रभाकर माचवे
(d) गिरिजा कुमार माथुर
उत्तर (b) सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
विविध
प्रश्न 91. ‘वैदेही वनवास’ के रचनाकार हैं
(a) मैथिलीशरण गुप्त
(b) महादेवी वर्मा
(c) अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
(d) सियाराम शरण गुप्त
उत्तर (c) अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
प्रश्न 92. ‘कला और बूढ़ा चाँद’ के रचनाकार हैं
(a) जयशंकर प्रसाद
(b) गिरिजाकुमार माथुर
(c) सुभद्रा कुमारी चौहान
(d) सुमित्रानन्दन पन्त
उत्तर (d) सुमित्रानन्दन पन्त
प्रश्न 93. ‘पद्मावत’ के रचनाकार हैं
(a) तुलसीदास
(b) सूरदास
(c) मंझन
(d) मलिक मोहम्मद जायसी
उत्तर (d) मलिक मोहम्मद जायसी
प्रश्न 94. निम्नलिखित में से कौन भक्तिकाल के कवि नहीं हैं?
(a) मीराबाई
(b) देव
(c) जायसी
(d) सूर
उत्तर (b) देव
प्रश्न 95. निम्नलिखित में से कौन ‘नई कविता’ के कवि हैं?
(a) जयशंकर प्रसाद
(b) हरिऔध
(c) भवानी प्रसाद मिश्र
(d) नागार्जुन
उत्तर (c) भवानी प्रसाद मिश्र
प्रश्न 96. ‘पंचवटी’ के रचनाकार हैं
(a) माखनलाल चतुर्वेदी
(b) मैथिलीशरण गुप्त
(c) महावीर प्रसाद द्विवेदी
(d) त्रिलोचन
उत्तर (b) मैथिलीशरण गुप्त
प्रश्न 97. प्रगतिवादी काव्य की प्रमुख विशेषता है
(a) शोषितों से सहानुभूति
(b) आर्थिक-सामाजिक समानता पर बल
(c) ईश्वर के प्रति अनास्था.
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर (d) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 98. प्रगतिवादी युग के कवि हैं
(a) त्रिलोचन
(b) नागार्जुन
(c) केदारनाथ अग्रवाल
(d) ये सभी
उत्तर (d) ये सभी
प्रश्न 99. प्रयोगवादी काव्य की विशेषता है
(a) नवीन उपमानों का प्रयोग
(b) प्रेम की भावनाओं का खुला चित्रण
(c) निराशावाद की प्रधानता
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर (d) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 100. ‘सूर्य का स्वागत’ किसकी रचना है ?
(a) कुँवर नारायण
(b) भवानी प्रसाद मिश्र
(c) दुष्यन्त कुमार
(d) नरेश मेहता
उत्तर (c) दुष्यन्त कुमार
प्रश्न 101. ‘श्रृंगार मंजरी’ किसकी रचना है ?
(a) देव
(b) चिन्तामणि
(c) मतिराम
(d) भूषण
उत्तर (b) चिन्तामणि
प्रश्न 102. निम्नलिखित में से कौन-सी कृति रीतिकाल की है?
(a) पृथ्वीराज रासो
(b) विनय पत्रिका
(c) बिहारी सतसई
(d) साकेत
उत्तर (c) बिहारी सतसई
प्रश्न 103. ‘प्रकृति का सुकुमार कवि’ किन्हें कहा जाता है ?
(a) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(b) सुमित्रानन्दन पन्त
(c) जयशंकर प्रसाद
(d) महादेवी वर्मा
उत्तर (b) सुमित्रानन्दन पन्त
प्रश्न 104. कौन-सा अलंकार छायावाद की देन है?
(a) अनुप्रास
(b) उत्प्रेक्षा
(c) सन्देह
(d) मानवीकरण
उत्तर (d) मानवीकरण
प्रश्न 105. निम्नलिखित में से कौन-से कवि छायावादी व प्रगतिवादी युग से सम्बन्धित हैं?
(a) सुमित्रानन्दन पन्त
(b) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
(c) अज्ञेय
(d) मैथिलीशरण गुप्त
उत्तर (b) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
प्रश्न 106. अरी ओ करुणा प्रभामय’ के रचनाकार हैं
(a) अज्ञेय
(b) गुप्त
(c) पन्त
(d) प्रसाद
उत्तर (a) अज्ञेय
प्रश्न 107. ‘नई कविता’ की प्रमुख विशेषता है।
(a) बौद्धिकता
(b) शिल्पगत नवीनता
(c) मानवता की महत्ता
(d) ये सभी
उत्तर (d) ये सभी
प्रश्न 108. नई कविता में किस गुण का अभाव है?
(a) रसात्मकता
(b) मानवता
(c) अपरम्परागत
(d) शिल्पगत नवीनता
उत्तर (a) रसात्मकता
प्रश्न 109. ‘चाँद का मुँह टेढ़ा है’ के रचनाकार हैं
(a) सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
(b) जगदीश गुप्त
(c) नागार्जुन
(d) गजानन माधव मुक्तिबोध’
उत्तर (d) गजानन माधव मुक्तिबोध’
प्रश्न 110. ‘लोकायतन’ महाकाव्य के रचनाकार हैं
(a) मैथिलीशरण गुप्त
(b) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(c) सुमित्रानन्दन पन्त
(d) अज्ञेय
उत्तर (c) सुमित्रानन्दन पन्त
प्रश्न 111. ‘साम्यवादी विचारधारा’ किस युग की प्रमुख विशेषता है?
(a) प्रयोगवादी
(b) प्रगतिवादी
(c) छायावादी
(d) द्विवेदी
उत्तर (b) प्रगतिवादी
प्रश्न 112. ‘नई कविता’ कवि नहीं हैं
(a) दुष्यन्त कुमार
(b) सोम ठाकुर
(c) त्रिलोचन
(d) जगदीश चन्द्र गुप्त
उत्तर (c) त्रिलोचन
प्रश्न 113. ‘मधुशाला’ के कवि हैं
(a) हरिवंशराय बच्चन
(b) शिवमंगल सिंह सुमन
(c) नागार्जुन
(d) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
उत्तर (a) हरिवंशराय बच्चन
प्रश्न 114. ‘प्रेम फुलवारी’ किसकी रचना है?
(a) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
(b) धर्मवीर भारती
(c) गिरिजाकुमार माथुर
(d) मैथिलीशरण गुप्त
उत्तर (a) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
प्रश्न 115. ‘सखि वे मुझसे कहकर जाते’ पंक्ति के रचनाकार हैं
(a) मैथिलीशरण गुप्त
(b) हरिऔध
(c) अज्ञेय
(d) जयशंकर प्रसाद
उत्तर (a) मैथिलीशरण गुप्त
प्रश्न 116. हिन्दी कविता को छन्दों की परिधि से मुक्त कराने वाले थे
(a) सुमित्रानन्दन पन्त
(b) जयशंकर प्रसाद
(c) महादेवी वर्मा
(d) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
उत्तर (d) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
प्रश्न 117. ‘रोटी और संसद’ किसकी रचना है?
(a) अशोक वाजपेयी
(b) सुदामा पाण्डेय ‘धूमिल’
(c) श्यामनारायण पाण्डेय
(d) भगवती चरण वर्मा
उत्तर (b) सुदामा पाण्डेय ‘धूमिल’
प्रश्न 118. भवानी प्रसाद मिश्र की रचना है
(a) सतपुड़ा के जंगल
(b) रोटी
(c) शासन की बन्दूक
(d) जमीन पक रही है
उत्तर (c) सतपुड़ा के जंगल
प्रश्न 119. ‘खुशबू के शिलालेख’ के रचनाकार हैं
(a) भवानी प्रसाद मिश्र
(b) केदारनाथ सिंह
(c) नागार्जुन
(d) धूमिल
उत्तर (a) भवानी प्रसाद मिश्र
महत्त्वपूर्ण सारणियाँ
सारणी 1: कुछ प्रमुख रचनाकार और उनकी कृतियाँ
| रचनाकार | कृतियाँ (रचनाएँ) |
| चन्दबरदाई | पृथ्वीराज रासो |
| भट्ट केदार | जयचन्द्र प्रकाश |
| मधुकर | जयमयंक जसचन्द्रिका |
| विद्यापति | कीर्तिलता |
| स्वयंभू | पउमचरिउ |
| कुतुबन | मृगावती |
| मंझन | मधुमालती |
| नन्ददास (अष्टछाप) | रूपमंजरी |
| शेखनिसार | यूसुफ जुलेखा |
| उस्मान | चित्रावली |
| शेख नबी | ज्ञान दीप |
| कासिम शाह | हंस जवाहिर |
| कबीरदास | बीजक |
| मलिक मोहम्मद जायसी | पद्मावत [2023], अखरावट, आखिरी कलाम |
| मीराबाई | गीतगोविन्द टीका, नरसीजी का मायरा, राग गोविन्द, राग सोरठा के पद |
| नरोत्तमदास | सुदामाचरित, ध्रुवचरित, विचारमाला |
| रहीम | रहीम सतसई, श्रृंगार सतसई, रहीम रत्नावली, रास पंचाध्यायी |
| केशवदास | रामचन्द्रिका [2023, 12], कविप्रिया, रसिकप्रिया [2016, 15], रतनबावनी, नखशिख, जहाँगीर जसचन्द्रिका, वीरसिंह देवचरित |
| भूषण | शिवा बावनी [2015], शिवराज भूषण, छत्रसाल [2024] दशक |
| सेनापति | कवित्त रत्नाकर |
| चिन्तामणि | श्रृंगार मंजरी [2014], कवि कल्पतरु, पिंगल |
| मतिराम | रसराज, ललित-ललाम [ 2012 ], मतिराम सतसई |
| देव | रसविलास, भावविलास, देवचरित्र |
| मानसिंह द्विजदेव | श्रृंगार बत्तीसी, श्रृंगार लतिका |
| पद्माकर | गंगालहरी [2024], जयसिंह विरुदावली, हिम्मत बहादुर विरुदावली |
| भारतेन्दु हरिश्चन्द्र | प्रेम फुलवारी, प्रबोधिनी, प्रेम प्रलाप, प्रेम माधुरी, प्रेम मालिका, प्रेमाश्रुवर्णन, प्रेम तरंग |
| बद्रीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’ | प्रेमघन सर्वस्व, आनन्द अरुणोदय, मयंक महिमा, अलौकिक लीला |
| महावीर प्रसाद द्विवेदी | सुमन, काव्य मंजूषा |
| श्रीधर पाठक | कश्मीर सुषमा [ 2013], स्वर्गीय वीणा, वनाष्टक, भारत गीत मनोविनोद, हेमन्त |
| जगन्नाथ दास ‘रत्नाकर’ | गंगा लहरी, उद्धव शतक, श्रृंगार लहरी, विष्णु लहरी, गंगावतरण |
| अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ | वैदेही वनवास [2024], प्रेमाम्बु वारिधि, प्रियप्रवास Imp [2020, 18, 14, 10], पारिजात, प्रेम प्रपंच, रस कलश, प्रद्युम्न – विजय, रुक्मिणी परिणय । |
| मैथिलीशरण गुप्त | साकेत [2023, 22], भारत-भारती Imp [2020, 14, 13] यशोधरा [2020], द्वापर [ 2020 ], विष्णुप्रिया, रंग में भंग, त्रिपथगा, किसान, शकुन्तला, जयद्रथ वध [ 2012], जय भारत शक्ति, पंचवटी, तिलोत्तमा, चन्द्रहास | |
| जयशंकर प्रसाद | कामायनी, झरना [2017], आँसू [2018], लहर, प्रेम-पथिक, कानन कुसुम, चित्राधार, करुणालय Imp [2013, 12] |
| सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ | अनामिका [ 2012 ], तुलसीदास [2012], अपरा, राम की शक्ति पूजा [2024], सरोज स्मृति, अणिमा, गीतिका, परिमल, आराधना, नए पत्ते, कुकुरमुत्ता, गीत गूँज । |
| डॉ. रामकुमार वर्मा | अंजलि, जौहर, रूपराशि, उत्तरायण [ 2016], एकलव्य, रत्नराशि, आकाश गंगा, अभिशाप, चन्द्रकिरण [2018], संकेत |
| बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ | अपलक, प्राणार्पण, कुमकुम, देश-प्रेम, उर्मिला, हम विषपायी जन्म के, रश्मिरेख । |
| रामधारी सिंह ‘दिनकर’ | परशुराम की प्रतीक्षा [ 2013, 11], उर्वशी [ 2014], रेणुका, हुँकार, रश्मिरथी, कुरुक्षेत्र, हारे को हरिनाम [2014], इतिहास के आँसू, धूप और धुआँ, रसवन्ती [ 2018, 14] |
| सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ | आँगन के पार द्वार [2024, 23, 16, 13, 11], तार सप्तक, भग्नदूत, चिन्ता, सुनहरे शैवाल, इन्द्रधनुष रौंदे हुए थे, हरी घास पर क्षणभर, . बावरा अहेरी, पूर्वा, कितनी नावों में कितनी बार, महावृक्ष के नीचे, अरी ओ करुणा प्रभामय । |
| हरिवंशराय ‘बच्चन’ | मधुशाला, मधुबाला, मधुकलश, एकान्त संगीत, निशा -निमन्त्रण, मिलन- यामिनी, हलाहल, आकुल अन्तर, बंगाल का अकाल, प्रणय पत्रिका |
| नागार्जुन | युगधारा [ 2016], तुमने कहा था, तालाब की मछलियाँ, भस्मांकुर, प्यासी पथराई आँखें, खून और शोले |
| शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ | प्रलय सृजन, जीवन के गान, विन्ध्य हिमालय, हिल्लोल, विश्वास बढ़ता ही गया, पर आँखें भरी नहीं |
| केदारनाथ अग्रवाल | युग की गंगा, नींद के बादल, पंख और पतवार, हे मेरी तुम, लोक और परलोक |
| धर्मवीर भारती | कनुप्रिया [ 2013], अन्धा युग, ठण्डा लोहा [ 2015] |
| गजानन माधव मुक्तिबोध’ | चाँद का मुँह टेढ़ा है, भूरी-भूरी खाक धूल |
| वियोगी हरि | वीर सतसई, प्रेम पथिक, प्रेमशतक, प्रेमांजलि |
| गिरिजाकुमार माथुर | धूप के धान [ 2012 ], नाश और निर्माण, पृथ्वीकल्प, छाया मत छूना, भीतरी नदी की यात्रा, साथी रहे वर्तमान |
| भवानीप्रसाद मिश्र | गीत फरोश [2018], अँधेरी कविताएँ, खुशबू के शिलालेख [ 2015] |
सारणी 2 : पाठ्यक्रम में संकलित कवि और उनकी रचनाएँ
| रचनाकार | कृतियाँ (रचनाएँ) |
| सूरदास | सूरसागर, सूरसारावली, साहित्य लहरी । |
| तुलसीदास | रामचरितमानस, गीतावली [2024], कवितावली, दोहावली, रामलला नहछू, रामाज्ञा प्रश्न, विनय पत्रिका, पार्वतीमंगल, श्रीकृष्ण गीतावली, वैराग्य सन्दीपनी |
| रसखान | प्रेम वाटिका [ 2012], सुजान रसखान |
| बिहारी | बिहारी सतसई |
| सुमित्रानन्दन पन्त |
पल्लव, युगान्त [2014, 11], युगपथ [2018], लोकायतन [2024,14,12], चिदम्बरा [2024]
M Imp [2020, 17, 13, 12 ], ग्रन्थि [ 2024 ], ग्राम्या, वीणा, रश्मिबन्ध, गुंजन, युगवाणी [2024], उत्तरा, स्वर्ण धूलि, शिल्पी सौवर्ण, अतिमा, किरण-वीणा, गन्धवीथी
|
| महादेवी वर्मा | सान्ध्य गीत [ 2013], नीरजा [2024, 22, 16], अग्निरेखा [2018), नीहार, दीपशिखा [2024, 16, 12), यामा, रश्मि |
| रामनरेश त्रिपाठी | मिलन [2018], पथिक [ 2020], स्वप्न, कविता – कौमुदी (2012), ग्राम्य गीत, मानसी |
| माखनलाल चतुर्वेदी | हिमतरंगिणी [ 2017 ] हिमकिरीटिनी [ 2020, 18 ] युगचरण, रामनवमी, वेणु लो गूँजे धरा |
| सुभद्राकुमारी चौहान | मुकुल [ 2014], त्रिधारा, वीरों का कैसा हो वसन्त |
| त्रिलोचन | धरती, गुलाब और बुलबुल, उस जनपद का कवि हूँ, ताप के ताए हुए दिन, शब्द अरधान, तुम्हें सौंपता हूँ, मेरा घर चैती, अनकहनी भी, जीने की कला [ 2016] |
| केदारनाथ सिंह | अभी बिल्कुल अभी, जमीन पक रही है, यहाँ से देखो, अकाल में सारस, उत्तर कबीर, बाघ, टॉलस्टॉय, साइकिल |
| अशोक वाजपेयी | कुछ रफ़ू कुछ चिगड़े, दुःख चिट्ठी रसा है, पुरखों की परछी मे धूप, शहर अब भी सम्भावना है, एक खिड़की एक बार, कोई नहीं सुनता, पूर्वजों की अस्थियों में युवा जंगल, एक पतंग अनन्त से [ 2016], बहुरि अकेला [2018], सद्यः स्नाता, समय से अनुरोध, सूर्य |
