UP Board Class 10 Maths Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ
UP Board Class 10 Maths Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ
UP Board Solutions for Class 10 Maths Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ
फास्ट ट्रैक रिवीज़न
गुणनखंड
यदि कोई संख्या किसी अन्य संख्या को पूर्णतः विभाजित ( शेषफल शून्य) करती है, तो विभाजित करने वाली संख्या विभाजित होने वाली संख्या का एक गुणनखंड (Factor) कहलाती है। जैसे – 20 के गुणनखंड 1, 2, 4, 5, 10 तथा 20 हैं।
गुणनखंड वृक्ष
गुणनखंडों की वह श्रृंखला जिसे वृक्ष के रूप में लिखा जाए गुणनखंड वृक्ष (Factor tree) कहलाती है।
जैसे – 28 के गुणनखंडों को गुणनखंड वृक्ष के रूप में निम्नवत् दर्शाया गया है

यहाँ, संख्याएँ 2 और 7, संख्या 14 के अभाज्य गुणनखंड हैं तथा संख्या 14, संख्या 28 का एक गुणनखंड है।
∴ संख्या 28 को गुणनखंडों के गुणनफल के रूप में निम्न प्रकार से लिखा जा सकता है।
28 = 2 × 2 × 7 = 22 × 7
यहाँ, गुणनखंड अभाज्य संख्याओं की घातों के गुणनफल के रूप में है।
अंकगणित की आधारभूत प्रमेय
अंकगणित की आधारभूत प्रमेय के अनुसार, ‘प्रत्येक भाज्य संख्या को अभाज्य संख्याओं के गुणनफल के रूप में व्यक्त (गुणनखंडित) किया जा सकता है तथा यह गुणनफल अभाज्य गुणनखंडों के आने वाले क्रम के बिना अद्वितीय (unique) होता है। अर्थात् इस प्रमेय के अनुसार “एक प्राकृत संख्या का अभाज्य गुणनखंडन, उसके गुणनखंडों के क्रम को छोड़ते हुए अद्वितीय होता है ।”
अंकगणित की मूलभूत प्रमेय को अद्वितीय गुणनखंड प्रमेय (Unique factorisation theorem) भी कहते हैं।
∴ भाज्य या मिश्रित संख्या = अभाज्य संख्याओं का गुणनफल
नोट • वे संख्याएँ जो केवल 1 और स्वयं से ही विभाजित हो, अभाज्य संख्याएँ कहलाती हैं तथा अन्य सभी भाज्य संख्याएँ कहलाती हैं।
• वे संख्याएँ जिनका म. स. 1 हो, सह-अभाज्य संख्याएँ कहलाती हैं।
संख्याओं तथा उनके म. स. एवं ल.स. के बीच संबंध
(i) किन्हीं दो धनात्मक पूर्णांकों a और b के लिए दोनों पूर्णांकों और उनके म.स. तथा ल.स. के मध्य संबंध निम्न है
म.स. ( a, b ) × ल.स. (a, b) = a × b
(ii) किन्हीं तीन धनात्मक पूर्णांकों a, b तथा c के लिए तीनों पूर्णांकों और उनके म. स. तथा ल.स. के मध्य संबंध निम्न है

वास्तविक संख्याएँ परिमेय (Rational Numbers और अपरिमेय संख्याओं (Irrational number) के संग्रह को वास्तविक संख्याएँ कहते हैं।

खण्ड अ वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1. दी गई संख्याओं में से अभाज्य संख्या होगी
(a) 0
(b) 1
(c) 2
(d) 8
हल (c) दी गई संख्याओं में से 2 अभाज्य संख्या होगी, क्योंकि 2 केवल और केवल स्वयं और 1 से ही विभाजित हो सकती है।
प्रश्न 2. संख्या 140 का अभाज्य गुणनखंड होगा
(a) 2 × 52 × 7
(b) 2 × 7 x 5
(c) 22 × 5 × 7
(d) 22 × 5 × 72
हल (c) दी गई संख्या 140 का गुणनखंड करने पर,
= 2 × 2 × 5 × 7 = 22 × 5 × 7
प्रश्न 3. संख्या 144 के अभाज्य गुणनखंडन में अभाज्य गुणनखंडों की घातों का योग है
(a) 3
(b) 4
(c) 5
(d) 6
हल (d) 144 = 2 × 2 × 2 × 2 × 3 × 3
= 24 × 32
प्रश्न 4. संख्या 182 तथा 78 का म. स. होगा
(a) 13
(b) 26
(c) 28
(d) 39
हल (b) 182 और 78 के अभाज्य गुणनखंड करने पर,
182 = 2 × 7 × 13
78 = × 2 × 3 × 13
∴ म.स. (182, 78) = 2 × 13
= 26
प्रश्न 5. 15, 18 और 24 का ल. स. है
(a) 90
(b) 120
(c) 240
(d) 360
हल (d) 15, 18 और 24 के अभाज्य गुणनखंड करने पर,
15 = 3 × 5
18 = 2 × 3 × 3
24 = 2 × 2 × 2 × 3
∴ ल.स. (15, 18, 24 ) = 23 × 32 × 5
[अभाज्य गुणनखंडों की सबसे बड़ी घात लेने पर]
= 360
प्रश्न 6. (23 × 3 × 5) तथा (23 × 3 ) का ल. स. है
(a) 130
(b) 135
(c) 120
(d) 150
हल (c) ल.स. (23 × 3 × 5, 23 × 3 ) = 23 × 3 × 5= 8 × 15= 120
प्रश्न 7. किन्ही दो धनात्मक पूर्णांकों a और b के लिए
(a) a = म. स. ( a, b ) × b
(b) a × b = ल.स. (a, b)
(c) b = म.स. (a, b) × ल. स. (a, b)
(d) a × b = म.स. (a, b) × ल. स. (a, b)
हल (d) दो धनात्मक पूर्णांकों a और b के लिए,
a × b = म.स. (a, b) × ल.स. (a, b)
प्रश्न 8. ल. स. ( 12, 21) = 84 दिया गया है। म.स. ( 12, 21 ) होगा
(a) 3
(b) 6
(c) 7
(d) 33
हल (a) दिया है, ल.स. ( 12, 21) = 84
हम जानते है

प्रश्न 9. यदि 26, 156 का ल.स. 156 है, तो म.स. का मान है
(a) 156
(b) 26
(c) 13
(d) 6
हल (b) हम जानते हैं,

प्रश्न 10. यदि 65 और 117 के म. स. को 65p – 117 के रूप में व्यक्त किया जाये तो p का मान क्या होगा?
(a) 1
(b) 2
(c) 3
(d) 4
हल (b) सर्वप्रथम 65 तथा 117 के गुणनखंड करने पर,
65 = 5 × 13
तथा 117 = 3 × 3 × 13
∴ म. स. (65, 117 ) = 13

प्रश्न 11. वह बड़ी से बड़ी संख्या ….. है, जिससे 70 तथा 125 को भाग देने पर शेषफल क्रमशः 5 तथा 8 प्राप्त हो।
(a) 11
(b) 13
(c) 15
(d) 17
हल (b) यहाँ, 70 और 125 के शेषफल क्रमश: 5 तथा 8 हैं। अतः ये शेषफल संख्याओं में से घटाने पर प्राप्त संख्याएँ 70 – 5 = 65 तथा 125 – 8 = 117 होंगी, वह अभीष्ट संख्या जो 65, 117 की पूर्णत: विभाजित करें वह होगी।
अब, अभीष्ट संख्या = म.स. (65, 117)
65 = 5 × 13
117 = 3 × 3 × 13
∴ म. स. (65, 117 ) = 13
अतः बड़ी से बड़ी अभीष्ट संख्या 13 है।
प्रश्न 12. वह बड़ी से बड़ी संख्या, जिससे 245 और 1037 को विभाजित करने पर प्रत्येक स्थिति में 5 शेषफल प्राप्त होता है, होगी
(a) 22
(b) 23
(c) 24
(d) 25
हल (c) जिससे 245 तथा 1037 को विभाजित करने पर शेषफल 5 प्राप्त होता है । बड़ी से बड़ी संख्या
= (245 – 5 ) और (1037 – 5) का म.स.
= 240 और 1032 का म.स.
= (24 × 3 × 5) और (23 × 3 × 43 ) का म.स.
= 23 × 3 = 24
प्रश्न 13. वह छोटी से छोटी संख्या जिसको 35, 56 और 91 से विभाजित करने पर प्रत्येक दशा में 7 शेषफल होगा
(a) 3640
(b) 3645
(c) 3647
(d) 3740
हल (c) वह छोटी-से-छोटी संख्या जोकि 35, 56 और 91 से विभाजित होगी
= 35, 56 और 91 का ल.स.
∴ 35 = 5 × 7
56 = 23 × 7
तथा 91 = 7 × 13
ल.स. (35, 56, 91) = 23 × 5 × 7 × 13
[अभाज्य गुणनखण्डो की सबसे बड़ी घात लेने पर ]
= 3640
अभीष्ट संख्या = ल.स. (35, 56, 91) + 7
= 3640 + 7
= 3647
प्रश्न 14. परिमेय संख्या है

प्रश्न 15. निम्नलिखित में अपरिमेय संख्या है


प्रश्न 16. एक परिमेय संख्या और एक अपरिमेय संख्या का अंतर होता है
(a) सदैव अपरिमेय संख्या
(b) सदैव परिमेय संख्या
(c) परिमेय और अपरिमेय संख्या दोनों
(d) शून्य
हल (a) हम जानते हैं कि एक परिमेय संख्या और अपरिमेय संख्या का अंतर सदैव अपरिमेय संख्या होती है।
‘·’ 2 = परिमेय संख्या तथा √3 = अपरिमेय संख्या
∴ 2 – √3 भी एक अपरिमेय संख्या है।
प्रश्न 17. निम्नलिखित संख्याओं में से कौन-सी संख्या एक परिमेय संख्या है?

प्रश्न 18. एक शून्येत्तर परिमेय संख्या एवं अपिरमेय संख्या का भागफल होता है
(a) प्राकृतिक संख्या
(b) अपरिमेय संख्या
(c) परिमेय संख्या
(d) पूर्ण संख्या
हल (b) एक शून्येत्तर परिमेय संख्या एवं अपरिमेय संख्या का भागफल एक अपरिमेय संख्या होती है।

प्रश्न 19. कौन सह-अभाज्य संख्याओं का युग्म है?
(a) (18,25)
(b) (5, 15)
(c) (7, 21)
(d) (31,93)
हल (a) सह-अभाज्य संख्याओं का युग्म ( 18, 25 ) हैं क्योंकि सह – अभाज्य संख्याओं का म.स. 1 होता है। यहाँ, ( 18, 25) का म. स.
18 = 2 × 3 × 3
25 = 5 × 5
म.स. ( 18, 25 ) = 1
प्रश्न 20. 1 से 10 तक की संख्याओं (दोनों सम्मिलित है) में से सभी संख्याओं से विभाज्य न्यूनतम संख्या क्या है।
(a) 10
(b) 100
(c) 524
(d) 2500
हल (d) न्यूनतम विभाज्य संख्या
= 1 से 10 तक की संख्याओं का ल.स.
= ल.स. (1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10) = 2500
खण्डब वर्णनात्मक प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न-I
प्रश्न 1. संख्या 3825 के गुणनखंडों का गुणनखंड वृक्ष बनाकर अभाज्य गुणनखंड लिखिए |

प्रश्न 2. जाँच कीजिए कि क्या किसी प्राकृत संख्या n के लिए, संख्या 6n अंक 0 पर समाप्त हो सकती है?
हल नहीं, यदि संख्या 6n, शून्य के साथ समाप्त होती है, तब यह 5 से विभाज्य होगी अर्थात् 6n के अभाज्य गुणनखंडों में 5 भी एक अभाज्य गुणनखंड होगा जो कि संभव नहीं है क्योंकि 6n के अभाज्य गुणनखंडों में केवल 2 और 3 ही होते हैं और अंकगणित की मूलभूत प्रमेय की अद्वितीयता का गुण आश्वासित करता है कि 6n के अन्य गुणनखंड नहीं हैं।
अतः प्राकृत संख्या n का कोई भी मान ऐसा नहीं है, जिसके लिए 6n अंक शून्य पर समाप्त हो ।
प्रश्न 3. अभाज्य गुणनखण्ड विधि द्वारा 2520 और 10530 का ल.स. तथा म.स. ज्ञात कीजिए ।

प्रश्न 4. अभाज्य गुणनखंड विधि द्वारा संख्याओं 6, 72 और 120 का म. स. और ल. स. ज्ञात कीजिए ।
हल 6, 72 और 120 के अभाज्य गुणनखंड करने पर,
6 = 2 × 3,
72 = 2 × 2 × 2 × 3 × 3 = 23 × 32,
120 = 2 × 2 × 2 × 3 × 5 = 23 × 3 × 5
∴ म.स. (6, 72, 120 ) = 2 × 3 = 6
[ उभयनिष्ठ अभाज्य गुणनखंडों की छोटी घात लेने पर ]
तथा ल.स. (6, 72, 120) = 23 × 32 × 5 = 360
[अभाज्य गुणनखंडों की सबसे बड़ी घात लेने पर]
प्रश्न 5. (i) 867 तथा 255 का ल. स. ज्ञात कीजिए ।
(ii) 867 तथा 255 का म. स. ज्ञात कीजिए ।
हल (i) 867 तथा 255 के अभाज्य गुणनखंड करने पर,
867 = 3 × 17 × 17
255 = 3 × 5 × 17
∴ ल. स. (867, 255) = 3 × 5 × 172
[अभाज्य गुणनखंडों की सबसे बड़ी घात लेने पर ]
= 4335
(ii) अब, 867 = 3 × 17 × 17 तथा 255 = 3 × 5 × 17
∴ म. स. ( 867, 255 ) = 17 × 3
[अभाज्य गुणनखंडों की छोटी घात लेने पर ]
= 51
प्रश्न 6. दिया गया है कि म.स. ( 99,153) = 9 हो, तो ल. स. (99, 153) का मन ज्ञात कीजिए।

प्रश्न 7. दिया गया है कि HCF (255, 867) = 51 हो, तो LCM (255, 867) का मान ज्ञात कीजिए ।

प्रश्न 8. संख्याओं 92 और 510 का ल. स. ज्ञात कीजिए ।
हल 92 और 510 के अभाज्य गुणनखंड करने पर,
92 = 2 × 2 × 23
510 = 2 × 3 × 5 × 17
∴ ल.स. (92, 510) = 22 × 3 × 5 × 17 × 23
[अभाज्य गुणनखंडों की बड़ी घात लेने पर]
= 23460
प्रश्न 9. सुबह की सैर में, तीन व्यक्ति साथ घूमते हैं और उनके कदमों की माप क्रमशः 40 सेमी, 42 सेमी और 45 सेमी हैं। प्रत्येक को छोटी-से-छोटी कितनी दूरी तय करनी चाहिए, जिससे प्रत्येक अपने पूरे कदमों में उस दूरी को तय कर सकें।
हल 40, 42 और 45 के अभाज्य गुणनखंड करने पर,
40 = 2 × 2 × 2 × 5 = 23 × 5
42 = 2 × 3 × 7
तथा 45 = 3 × 3 × 5 = 32 × 5
40, 42 तथा 45 का ल.स. = 23 × 32 × 5 × 7 = 2520
40 सेमी, 42 सेमी तथा 45 सेमी का ल.स. 2520 सेमी है। इसलिए, प्रत्येक व्यक्ति द्वारा तय की गई छोटी-से-छोटी दूरी 2520 सेमी होनी चाहिए।
अतः प्रत्येक व्यक्ति 2520 सेमी दूरी को पूरे कदमों में तय करेगा।
प्रश्न 10. किसी खेल के मैदान के चारों ओर एक वृत्ताकार पथ है। इस मैदान का एक चक्कर लगाने में सोनिया को 18 मिनट लगते हैं, जबकि इसी मैदान का एक चक्कर लगाने में रवि को 12 मिनट लगते हैं। मान लीजिए वे दोनों एक ही स्थान से और एक ही समय पर चलना प्रारंभ करके एक ही दिशा में चलते हैं। कितने समय बाद वे पुनः प्रारंभिक स्थान पर मिलेंगे?
हल सोनिया व रवि पुनः प्रारंभिक बिंदु पर 18 और 12 मिनट के सबसे न्यूनतम उभयनिष्ठ गुणक पर मिलेंगे। 18 तथा 12 का ल. स. ज्ञात करना है
अब, 18 = 2 × 3 × 3,
12 = 2 × 2 × 3
18 तथा 12 का ल.स. = 2 × 2 × 3 × 3 = 36
अतः सोनिया तथा रवि पुनः प्रारंभिक बिंदु पर 36 मिनट बाद मिलेंगे।
प्रश्न 11. सिद्ध कीजिए कि √2 एक अपरिमेय संख्या है।
अथवा
सिद्ध कीजिए कि √2 एक परिमेय संख्या नहीं है।

प्रश्न 12. सिद्ध कीजिए कि √3 एक अपरिमेय संख्या है।
हल प्रश्न 11 की भाँति स्वयं हल करें।
प्रश्न 13. सिद्ध कीजिए कि 2√3 एक अपरिमेय संख्या है।

प्रश्न 14. सिद्ध कीजिए कि 2+ √3 एक अपरिमेय संख्या है।

प्रश्न 15. दिखाइए कि 5 – √3 एक अपरिमेय संख्या है।

प्रश्न 16. दिखाइए कि 2 – √5 एक अपरिमेय संख्या है।
हल प्रश्न 15 भाँति स्वयं हल करें।
लघु उत्तरीय प्रश्न-II
प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए कि 5 + √3 एक अपरिमेय संख्या है।
हल माना 5 + √3 एक परिमेय संख्या है।

∴ √3 एक परिमेय संख्या होगी, परंतु इससे इस तथ्य का विरोधाभास प्राप्त होता है कि √3 एक अपरिमेय संख्या है। इसलिए, हमारी परिकल्पना गलत है। अतः 5 + √3 एक अपरिमेय संख्या है।
प्रश्न 2. दिखाइए कि 3√2 एक अपरिमेय संख्या है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. यदि √ab एक अपरिमेय संख्या है, तो सिद्ध कीजिए कि (√a + √b) एक अपरिमेय संख्या है।

प्रश्न 2. सिद्ध कीजिए कि √p + √q एक अपरिमेय संख्या है, जहाँ p और q अभाज्य संख्याएँ हैं।

