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UP Board Class 10 Maths Chapter 12 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन

UP Board Class 10 Maths Chapter 12 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन

UP Board Solutions for Class 10 Maths Chapter 12 पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन

फास्ट ट्रैक रिवीज़न
ठोस आकृतियाँ
ऐसी वस्तुएँ, जो स्थान घेरती हों (अर्थात् वे त्रिविमीय होती हैं), ठोस आकृतियाँ (Solid figures) कहलाती हैं। जैसे- घन, घनाभ, बेलन, शंकु, गोला तथा अर्द्धगोला आदि।
पृष्ठीय क्षेत्रफल
ठोस आकृति की सीमा बनाने वाली समतल आकृतियों का क्षेत्रफल, पृष्ठीय क्षेत्रफल (Surface area) कहलाता है। पृष्ठीय क्षेत्रफल को सदैव वर्ग इकाई में मापते हैं। जैसे – छ: वर्गाकार फलक वाले घन का पृष्ठ क्षेत्रफल 6a2 वर्ग इकाई होता है। जहाँ, वर्ग के प्रत्येक फलक का क्षेत्रफल a2 होता है।
आयतन
ठोस द्वारा घेरे गए स्थान की माप को उस ठोस का आयतन (Volume) कहते हैं।
अथवा
कोई वस्तु जितना स्थान घेरती है, उसे उस वस्तु का आयतन कहते हैं।
जैसे- माना एक घन जिसकी प्रत्येक भुजा की लंबाई a इकाई है, तब घन का आयतन उसके आधार के क्षेत्रफल a2 तथा उसकी ऊँचाई a के गुणनफल के बराबर अर्थात् a3 घन इकाई होगा।
दो ठोस आकृतियों का संयोजन
दो विभिन्न (अथवा समान) आकृतियों को एक ठोस आकृति में परिवर्तित करने के लिए किया गया संयोजन ठोस आकृतियों का संयोजन कहलाता है।
उदाहरण एक सर्कस का तंबू, जिसका निचला भाग बेलनाकार तथा ऊपर से शंकुनुमा की आकार की छत से ढ़का होता है; एक शंकु के आकर का खिलौना, जिसका ऊपरी भाग अर्द्धगोले के आकार का होता है, इत्यादि ।
(i) संयोजित आकृति का पृष्ठीय क्षेत्रफल संयोजित आकृति के पृष्ठीय क्षेत्रफल को ज्ञात करने के लिए, हम सर्वप्रथम प्रत्येक आकृति के वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल को ज्ञात करते हैं तथा सभी वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफलों का योग करते हैं। साथ ही, संयोजित आकृति की प्रत्येक भुजा के पृष्ठीय क्षेत्रफल का भी योग करते हैं।
जैसे – आकृति का पृष्ठीय क्षेत्रफल = बेलन का वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल + शंकु का वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल + बेलन के ऊपरी पृष्ठ का क्षेत्रफल
(ii) संयोजित आकृति का आयतन संयोजित आकृति के आयतन को ज्ञात करने के लिए हम सर्वप्रथम प्रत्येक आकृति के आयतन को ज्ञात करते हैं तथा अभीष्ट आयतन प्राप्त करने के लिए हम सभी आयतनों का योग करते हैं।
ठोस आकृतियों से संबंधित महत्त्वपूर्ण सूत्र
1. घनाभ
तीन समांतर समतल पृष्ठों (फलकों) के युग्मों से घिरी ठोस बन्द आकृति को घनाभ कहते है। एक घनाभ के छः आयताकार समतल पृष्ठ, फलक कहलाते हैं। घनाभ के 8 कोने शीर्ष कहलाते हैं।
माना घनाभ की लंबाई = l इकाई, चौड़ाई = b इकाई और ऊँचाई = h इकाई है, तो
2. घन
छः समान पृष्ठों वाली ऐसी ठोस बन्द आकृति, जिसकी सभी विमाएँ (लंबाई, चौड़ाई व ऊँचाई ) समान हों, घन कहलाती है।
माना घन की भुजा की लम्बाई a इकाई है, तब
(i) घन का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 4 (भुजा)2
= 4a2 वर्ग इकाई
(ii) घन का आयतन = (भुजा)3 = a3 घन इकाई
(iii) घन का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 6 × (भुजा)2 = 6a2 वर्ग इकाई
(iv) घन का विकर्ण = √3 × भुजा = √3a इकाई
3. लंबवृत्तीय बेलन
एक ठोस लंबवृत्तीय बेलन, जो आयत की एक स्थिर भुजा के परितः चक्रण से प्राप्त होता है अथवा वृत्तीय आधार वाली ऐसी ठोस या खोखली आकृति, जिसके पार्श्व सम होते हैं, लंबवृत्तीय बेलन कहलाती है।
चित्र में दिखाया गया बेलन, आयत ABCD की भुजा BC के परितः घुमाया गया है। जैसे – पानी का पाइप, पाउडर का डिब्बा, प्रयोगशाला बीकर, आदि।
माना बेलन के आधार की त्रिज्या तथा ऊँचाई h है, तब
(i) बेलन का आयतन = आधार का क्षेत्रफल × ऊँचाई
= πr2h घन इकाई
(ii) वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल = आधार की परिधि × ऊँचाई
= 2πr × h वर्ग इकाई
(iii) संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल + दोनों सिरों का क्षेत्रफल = 2πrh + 2πr2 = 2πr (h + r) वर्ग इकाई
4. लंबवृत्तीय खोखला बेलन
एक ही ऊँचाई और अक्ष के दो बेलनों से परिबद्ध ठोस को खोखला बेलन कहते हैं।
खोखले बेलन में लगे पदार्थ का आयतन, बाह्य बेलन के आयतन और आंतरिक बेलन के आयतन के अंतर के बराबर होता है।
माना बेलन की बाहरी और आंतरिक त्रिज्याएँ क्रमश: R और r तथा ऊँचाई h हो, तब
(i) खोखले बेलन में लगे पदार्थ का आयतन = दोनों बेलनों के आयतनों का अंतर = π(R2 – r2)h
(ii) संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = खोखले बेलन का वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल + दोनों बेलनों के आधार के क्षेत्रफलों का अंतर
= 2 π(R + r) h + 2 π (R2 – r2 )
= 2 π (R + r) [h + R – r] वर्ग इकाई
(iii) वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πRh + 2πrh = 2 π(R + r)h वर्ग इकाई
(iv) संपूर्ण बाह्य पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πRh + 2π(R2 – r2) वर्ग इकाई
5. गोला
किसी अर्द्धवृत्त को उसके व्यास को अक्ष मानकर उसके चारों ओर घुमाने पर, जब वह पूरी परिक्रमा कर लेता है, तो जो ठोस आकृति प्राप्त होती है, गोला कहलाता है।
6. अर्द्धगोला
किसी समतल में उसके केंद्र से होकर जाने वाले बिंदु पर बने हुए गोले को दो बराबर भागों में विभाजित करने पर बना प्रत्येक भाग अर्द्धगोला कहलाता है।
7. लंबवृत्तीय शंकु
लंबवृत्तीय ठोस शंकु जिसका आधार वृत्ताकार होता है तथा समकोण त्रिभुज को, समकोण बनाने वाली भुजा आधार या लंब के परितः घुमाने पर इसका निर्माण होता है।
चित्र में, शंकु की ऊँचाई h और त्रिज्या, समकोण ΔAOB को AO के परितः घुमाने पर यह आकृति प्राप्त होती है।
शंकु की तिर्यक (तिरछी ) ऊँचाई,
खण्ड अ वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1. कैप्सूल संयोजन है :
(a) शंकुओं का
(b) एक बेलन एवं दो अर्द्धगोलों का
(c) एक बेलन एवं एक अर्द्धगोले का
(d) एक बेलन एवं दो गोलो का
हल (b) कैप्सूल एक बेलन एवं दो अर्द्धगोलों का संयोजन होता है।
प्रश्न 2. यदि दो घनों, जिनमें से प्रत्येक का आयतन 8 सेमी3 है, के संलग्न फलकों को एक सिरे से दूसरा सिरा मिलाकर जोड़ दिया जाता है, तो इससे प्राप्त घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल होगा :
(a) 48 सेमी2
(b) 44 सेमी2
(c) 40 सेमी2
(d) 30 सेमी2
हल (c) दिया है, एक घन का आयतन = 8 सेमी3
माना घन की भुजा = a सेमी
प्रश्न 3. एक लंबवृत्तीय बेलन के आधार का क्षेत्रफल 9π सेमी2 है, तो उसके आधार की त्रिज्या होगी
(a) 3 सेमी
(b) 6 सेमी
(c) 2 सेमी
(d) 4 सेमी
हल (a) लंबवृत्तीय बेलन के आधार का क्षेत्रफल = πr2
⇒                        9π = πr2
⇒                         r2 = 9 ⇒ r = 3
∴ आधार की त्रिज्या 3 सेमी है।
प्रश्न 4. एक बेलन के आधार की त्रिज्या 3.5 सेमी है। यदि उसकी ऊँचाई 8.4 सेमी हो, तो उसका वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल होगा
(a) 54.8π सेमी2
(b) 56.4π सेमी2
(c) 56.6π सेमी2
(d) 58.8π सेमी2
हल (d) दिया है, बेलन के आधार की त्रिज्या (r) = 3.5 सेमी.
तथा ऊँचाई (h) = 8.4 सेमी
प्रश्न 6. यदि दो गोलों के आयतनों का अनुपात 27 : 64 है, तो उनके पृष्ठीय क्षेत्रफलों का अनुपात होगा
(a) 9:16
(b) 16:9
(c) 3:4
(d) 4:3
हल (a) माना गोलों की त्रिज्याएँ r1 और r2 हैं।
प्रश्न 7. यदि एकसमान त्रिज्या ‘r’ के दो अर्द्धगोलों को उनके आधारों से जोड़ा जाता है, तो इस नये बने ठोस का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल होगा
(a) 4πr2
(b) 8πr2
(c) 6πr2
(d) 2πr2
हल (a) अर्द्धगोले की त्रिज्या = r
दो अर्द्धगोलों को जोड़ने पर बने गोले की त्रिज्या = r
गोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 4πr2
प्रश्न 8. गोले की त्रिज्या r तथा बेलन के आधार की त्रिज्या तथा ऊँचाई क्रमशः r तथा 2r हैं। बेलन तथा गोले के आयतन का अनुपात …… है
(a) 2:3
(b) 3:4
(c) 4:3
(d) 3:2
हल (a) दिया है, गोले की त्रिज्या = r
प्रश्न 10. एक पात्र का निचला सिरा अर्द्धगोलाकार तथा ऊपरी सिरा बेलनाकार है। यदि गोले की त्रिज्या 7 सेमी और पात्र की कुल ऊँचाई 26 सेमी है, तब पात्र की क्षमता होगी
(a) 1642.66 सेमी3
(b) 4676.22 सेमी3
(c) 3645.18 सेमी3
(d) 1678.66 सेमी3
हल (c) दिया है, r = 7 सेमी तथा h = 19 सेमी
पात्र की कुल क्षमता = बेलन का आयतन + अर्द्धगोले का आयतन
प्रश्न 11. एक बेलन तथा शंकु की ऊँचाई तथा त्रिज्या बराबर हैं। उनके आयतन का अनुपात ……. होगा
(a) 1:3
(b) 3:1
(c) 2:3
(d) 2:5
हल (b) माना बेलन तथा शंकु की ऊँचाई तथा त्रिज्या क्रमश: h तथा r हैं।
प्रश्न 12. एक सर्कस का टैंट 3 मी ऊँचाई तक बेलनाकार है। इसके बाद का ऊपरी भाग शंकुनुमा है। यदि आधार का व्यास 105 मी तथा शंकुनुमा भाग की तिर्यक ऊँचाई 53 मी है, तब टैंट को बनाने में कितना वर्ग मीटर कपड़ा काम आएगा?
(a) 6735 सेमी2
(b) 7735 सेमी2
(c) 9735 सेमी2
(d) 8735 सेमी2
हल (c) काम में आया कुल कपड़ा = बेलन के वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल + शंकु के वक्रपृष्ठ का क्षेत्रफल
खण्ड ब वर्णनात्मक प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न-I
प्रश्न 1. विमाओं 5.5 सेमी × 10 सेमी × 3.5 सेमी वाला एक घनाभ बनाने के लिए, 1.75 सेमी व्यास और 2 मिमी मोटाई वाले कितने चाँदी के सिक्कों को पिघलाना पड़ेगा?
हल दिया है, सिक्के का व्यास = 1.75 सेमी
प्रश्न 2. एक घन का आयतन 729 सेमी3 है। इसका सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल दिया है, घन का आयतन = 729 सेमी3
⇒                (भुजा)3 = 729 = (9)3 सेमी3
⇒                               भुजा 9 सेमी
∴ सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = 6 (भुजा)2 = 6 × (9)2
= 6 × 81 = 486 सेमी2
प्रश्न 3. एक घन का आयतन 1331 सेमी3 है। इसका संपूर्ण पृष्ठ ज्ञात कीजिए ।
हल दिया है, घन का आयतन = 1331 सेमी3
⇒ (भुजा)3 = 1331 = (11)3
⇒      भुजा = 11
∴ संपूर्ण पृष्ठ = 6 (भुजा)2
= 6 (11)2 = 6 × 121 = 726 सेमी2
प्रश्न 4. 1 सेमी व्यास वाली 8 सेमी लंबी ताँबे की छड़ का आयतन ज्ञात कीजिए ।
हल दिया है, ताँबे की छड़ का व्यास = 1 सेमी
5. सिद्ध कीजिए कि बेलन के आयतन का दोगुना उसके वक्रपृष्ठ और आधार की त्रिज्या के गुणनफल के बराबर होता है।
हल माना बेलन के आधार की त्रिज्या r तथा ऊँचाई h है।
तब, बेलन का आयतन πr2h
⇒ 2 ( बेलन का आयतन) = 2πr2h                                  …..(i)
तथा बेलन का वक्रपृष्ठ × आधार की त्रिज्या = 2πrh × r      …..(ii)
समी (i) व (ii) से,
2 (बेलन का आयतन ) = बेलन का वक्रपृष्ठ × आधार की त्रिज्या
प्रश्न 6. एक लंबवृत्तीय बेलन की त्रिज्या 7 सेमी तथा ऊर्ध्वाधर ऊँचाई 8 सेमी हैं। बेलन का वक्रपृष्ठ ज्ञात कीजिए।
प्रश्न 7. यदि एक गोले के वक्रपृष्ठ की माप 36 सेमी है, तो गोले का आयतन ज्ञात कीजिए ।
प्रश्न 8. एक शंकु के आधार की त्रिज्या 3.5 सेमी तथा ऊँचाई 12 सेमी है। शंकु की तिर्यक ऊँचाई तथा आयतन ज्ञात कीजिए।
हल दिया है, शंकु के आधार की त्रिज्या, r = 3.5 सेमी
तथा ऊँचाई, = 12 सेमी
∴ शंकु की तिर्यक ऊँचाई,
प्रश्न 9. 20 मी गहरा 7 मी व्यास का एक कुआँ खोदा जाता है। खोदने से निकाली गई मिट्टी को समान रूप से फैलाकर 22 मी × 14 मी के आकार का एक चबूतरा बनाया गया है। चबूतरे की ऊँचाई ज्ञात कीजिए ।
हल दिया है, कुएँ की गहराई (जो बेलन के रूप में है) (h1) = 20 मी
कुएँ की त्रिज्या, r1 = 7/2 मी; चबूतरे की लंबाई, l = 22 मी
चबूतरे की चौड़ाई, b = 14 मी
माना चबूतरे की ऊँचाई = h2
प्रश्नानुसार, कुएँ का आयतन = चबूतरे का आयतन (घनाभ )
अतः चबूतरे की ऊँचाई = 2.5 मी
लघु उत्तरीय प्रश्न-II
प्रश्न 1. एक घनाकार ब्लॉक के एक फलक को अंदर की ओर से काटकर एक अर्द्धगोलाकार गड्ढा इस प्रकार बनाया गया है कि अर्द्धगोले का व्यास घन के एक किनारे के बराबर है। शेष बचे ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए ।
हल माना घन की भुजा = अर्द्धगोले का व्यास = l इकाई
प्रश्न 2. एक 12 सेमी व्यास का गोला, एक कुछ भाग पानी से भरे लंबवृत्तीय बेलनाकार बर्तन में डाला जाता है। यदि गोला पानी में पूर्णतः डूब जाता है, तो बर्तन में पानी के स्तर में सेमी की वृद्धि हो जाती है। बेलनाकार बर्तन का व्यास ज्ञात कीजिए ।
अथवा एक गोला जिसका व्यास 12 सेमी है, एक लंबवृत्तीय बेलनाकार बर्तन में डाला जाता है जिसमें थोड़ा पानी भरा है। यदि गोला पानी में पूरा डूब जाता है तो बेलनाकार बर्तन में पानी की सतह सेमी बढ़ जाती है। बेलनाकार बर्तन का व्यास ज्ञात कीजिए ।
हल दिया है, गोले का व्यास = 12 सेमी
∴ गोले की त्रिज्या, r = 6 सेमी
माना बेलनाकार बर्तन की त्रिज्या R है।
प्रश्न 3. 7 सेमी भुजा के ठोस लकड़ी के घन को छीलकर एक महत्तम गोला बनाया जाता है। छिली हुई लकड़ी का आयतन ज्ञात कीजिए।
हल दिया है, घन की भुजा 7 सेमी है।
प्रश्न 4. दो घनों जिनमें प्रत्येक का आयतन 64 घन सेमी है, के संलग्न फलकों को मिलाकर एक घनाभ बनाया जाता है। इससे प्राप्त घनाभ का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए ।
हल दिया है, एक घन का आयतन = 64 सेमी3
माना घन की भुजा = a सेमी
प्रश्न 5. एक लंबवृत्तीय बेलनाकार ठोस के आधार और शिखर दोनों अर्द्धगोलाकार है । बेलनाकार भाग का व्यास 14 सेमी और कुल ऊँचाई 30 सेमी है। ठोस का संपूर्ण पृष्ठ ज्ञात कीजिए।
हल बेलन का व्यास = 14 सेमी
त्रिज्या (r) = 7 सेमी
अर्द्धगोले की त्रिज्या (r1) = 7 सेमी
ठोस की ऊँचाई = 30 सेमी
∴ बेलन की ऊँचाई (h) = 30 – 2 × 7 = 16 सेमी
ठोस का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल
प्रश्न 6. कोई तंबू एक बेलन के आकार का है जिस पर एक शंकु अध्यारोपित है। यदि बेलनाकार भाग की ऊँचाई और व्यास क्रमशः 2.1 मी और 4 मी है तथा शंकु की तिर्यक ऊँचाई 2.8 मी है, तो इस तंबू को बनाने में प्रयुक्त कैनवास (Canvas ) का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए| तंबू के भीतर हवा का आयतन भी ज्ञात कीजिए।
दिया है, एक तंबू बेलन के आकार का है जिस पर एक शंकु अध्यारोपित है।
∴ तंबू को बनाने में प्रयुक्त कैनवास का क्षेत्रफल = शंकु का पृष्ठीय क्षेत्रफल + वेलन का पृष्ठीय क्षेत्रफल
प्रश्न 7. एक लंबवृत्तीय शंकु के आधार की परिधि 24π सेमी तथा ऊर्ध्वाधर ऊँचाई 5 सेमी है। शंकु का आयतन ज्ञात कीजिए ।
हल माना शंकु की त्रिज्या r है तथा
शंकु की ऊँचाई, h = 5 सेमी
प्रश्नानुसार,
प्रश्न 8. एक धातु के घनाभ की विमाएँ 100 सेमी × 80 सेमी × 64 सेमी हैं। इसे पिघलाकर एक घन बनाया गया। घन का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल दिया है, घनाभ की लंबाई = 100 सेमी, चौड़ाई = 80 सेमी,
ऊँचाई = 64 सेमी
माना घन की भुजा = a सेमी।
प्रश्नानुसार, घनाभ का आयतन = घन का आयतन
प्रश्न 9. ऊँचाई 24 सेमी और व्यास 20 सेमी वाले एक ठोस वेलन में से इसी ऊँचाई और इसी व्यास वाला एक शंक्वाकार खोल काट लिया जाता हैं, तब शेष बचे ठोस का आयतन व पृष्ठीय क्षेत्रफल निकटतम वर्ग सेमी तक ज्ञात कीजिए ।
हल दिया है, बेलन का व्यास
प्रश्न 10. एक ठोस खिलौना एक अर्द्धगोले के आकार का है, जिस पर एक लंबवृत्तीय शंकु अध्यारोपित है। इस शंकु की ऊँचाई 2 सेमी है और आधार का व्यास 4 सेमी है। इस खिलौने का आयतन ज्ञात कीजिए ।
प्रश्न 11. एक वृत्ताकार कमरे के ऊपर अर्द्धगोलाकार गुंबद है। उसका कुल भीतरी आयतन 48510 मी3 है तथा भीतरी व्यास उसकी महत्तम ऊँचाई के बराबर है। कमरे की ऊँचाई ज्ञात कीजिए ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. लकड़ी के एक ठोस बेलन के प्रत्येक सिरे पर एक अर्द्धगोला खोदकर निकालते हुए एक वस्तु बनाई गई हैं। जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। यदि बेलन की ऊँचाई 10 सेमी है और आधार की त्रिज्या 3.5 सेमी है, तो इस वस्तु का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए ।
हल दिया है, बेलन की ऊँचाई, h = 10 सेमी
और बेलन के आधार की त्रिज्या = अर्द्धगोले की त्रिज्या (r) = 3.5 सेमी
प्रश्न 2. एक लंबवृत्तीय शंकु की तिर्यक ऊँचाई 13 सेमी तथा संपूर्ण पृष्ठ 90π सेमी2 है। इसके आधार की त्रिज्या ज्ञात कीजिए ।
प्रश्न 3. एक ठोस धातु के बेलन के दोनों सिरे अर्द्धगोलाकार हैं। इसकी संपूर्ण ऊँचाई 19 सेमी है तथा बेलन का व्यास 7 सेमी है। इस ठोस का भार ज्ञात कीजिए, यदि 1 सेमी3 धातु का भार 4.5 ग्राम है।
प्रश्न 4. एक गोलाकार काँच के बर्तन की एक बेलन के आकार की गर्दन है, जिसकी लंबाई 7 सेमी तथा व्यास 2 सेमी है जबकि गोलाकार भाग का व्यास 8.4 सेमी है। ज्ञात कीजिए कि बर्तन में कितना पानी भरा जा सकता है।
हल दिया है, एक गोलाकार काँच के बर्तन की एक बैलन के आकार की गर्दन है।
प्रश्न 5. एक ठोस एक शंकु के आकार का है जो एक समान आधार त्रिज्या के अर्द्धगोले पर अध्यारोपित है। यदि अर्द्धगोले का वक्रपृष्ठ तथा शंकु का वक्रपृष्ठ समान हो तो शंकु की त्रिज्या और ऊँचाई का अनुपात ज्ञात कीजिए ।
प्रश्न 6. ऊँचाई 220 सेमी और आधार व्यास 24 सेमी वाले एक बेलन, जिस पर ऊँचाई 60 सेमी और त्रिज्या 8 सेमी वाला एक अन्य बेलन आरोपित है, से लोहे का एक स्तंभ बना है। इस स्तंभ का द्रव्यमान ज्ञात कीजिए, जबकि 1 सेमी3 लोहे का द्रव्यमान लगभग 8 ग्राम दिया है। [π = 3.14 लीजिए]
प्रश्न 7. एक गुलाब जामुन में उसके आयतन की लगभग 30% चीनी की चाशनी होती है। 45 गुलाब जामुनों में लगभग कितनी चाशनी होगी? यदि प्रत्येक गुलाब जामुन एक बेलन के आकार का है, जिसके दोनों सिरे अर्द्धगोलाकार हैं तथा इसकी लंबाई 5 सेमी और व्यास 2.8 सेमी है।
हल माना अर्द्धगोला और बेलन दोनों की त्रिज्या r है और बेलन की ऊँचाई h है, जो उसके त्रिज्या के समान है।
दिया है, प्रत्येक गुलाब जामुन की लंबाई = 5 सेमी, व्यास = 2.8 सेमी
प्रश्न 8. लकड़ी का एक खिलौना रॉकेट एक शंकु के आकार का है जो एक बेलन पर अध्यारोपित है, जैसा कि दी गई आकृति में दर्शाया गया है। संपूर्ण रॉकेट की ऊँचाई 24 सेमी है, जबकि शंक्वाकार भाग की ऊँचाई 4 सेमी है। शंक्वाकार भाग के आधार का व्यास 6 सेमी और बेलनाकार भाग के आधार का व्यास 4 सेमी है। यदि शंक्वाकार भाग पर नारंगी रंग किया जाना है और बेलनाकार भाग पर पीला रंग किया जाना है, तो प्रत्येक रंग द्वारा रॉकेट का रंगे जाने वाले भाग का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए ।
(π = 3.14 लीजिए )
हल यहाँ दिया गया लकड़ी का खिलौना रॉकेट एक शंकु तथा एक बेलन से बना है।
शंक्वाकार भाग का व्यास = 6 सेमी
यहाँ, हमें रॉकेट के नारंगी रंग से रंगे जाने वाले भाग तथा पीले रंग से रंगे जाने वाले भाग का क्षेत्रफल अलग-अलग ज्ञात करना है।
‘·’ शंकु के आधार की त्रिज्या बेलन के आधार की त्रिज्या से बड़ी है तथा शंकु बेलन पर अध्यारोपित है।
∴ नारंगी रंग से रंगे जाने वाले भाग का क्षेत्रफल = शंकु का वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल + शंकु के आधार का क्षेत्रफल – बेलन के आधार का क्षेत्रफल
अब, पीले रंग से रंगे जाने वाले भाग का क्षेत्रफल = बेलन का वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल + बेलन के आधार का क्षेत्रफल

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