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UP Board Class 10 Science Chapter 11 वैद्युत

UP Board Class 10 Science Chapter 11 वैद्युत

UP Board Solutions for Class 10 Science Chapter 11 वैद्युत

फास्ट ट्रैक रिवीज़न
वैद्युत आवेश पदार्थ का वह गुण है, जिसके कारण वह वैद्युत व चुम्बकीय प्रभाव उत्पन्न या अनुभव करता है।
आवेश, q = ne
जहाँ, n = इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा e = इलेक्ट्रॉन पर आवेश है।
वैद्युत आवेश का मात्रक कूलॉम होता है।
वैद्युत आवेश दो प्रकार के होते हैं
(i) ऋणात्मक वैद्युत आवेश
(ii) धनात्मक वैद्युत आवेश
एक इलेक्ट्रॉन तथा एक प्रोटॉन पर आवेश 1.6 × 10-19 कूलॉम ऋणावेश तथा धनावेश के बराबर होता है।
वैद्युत धारा किसी चालक में वैद्युत आवेश के प्रवाह की दर को वैद्युत धारा कहते हैं। इसे I से प्रदर्शित करते हैं। यदि किसी चालक में t समय में q आवेश प्रवाहित हो, तो चालक में उत्पन्न वैद्युत धारा
वैद्युत धारा का मात्रक कूलॉम/सेकण्ड तथा SI मात्रक ऐम्पियर होता है।
वैद्युत विभव एकांक धनावेश को अनन्त से किसी बिन्दु तक लाने में किया गया कार्य ही उस बिन्दु का वैद्युत विभव कहलाता है। इसे V से प्रदर्शित करते हैं। यदि किसी आवेश q0 को अनन्त से किसी बिन्दु तक लाने में W कार्य किया जाए, तो उस बिन्दु पर वैद्युत विभव
विभवान्तर किसी वैद्युत परिपथ के दो बिन्दुओं के बीच एकांक आवेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में किए गए कार्य को उन बिन्दुओं के बीच विभवान्तर कहते हैं। इसे ΔV से प्रदर्शित करते हैं। यदि किसी चालक में आवेश q को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में W जूल कार्य करना पड़े, तो उन बिन्दुओं के बीच विभवान्तर,
विभव तथा विभवान्तरं का मात्रक जूल/कूलॉम अथवा वोल्ट होता है।
वोल्ट की परिभाषा
यदि अनन्त से किसी बिन्दु तक 1 कूलॉम आवेश लाने में 1 जूल कार्य किया जाए, तो उस बिन्दु का वैद्युत विभव 1 वोल्ट होगा।
मिलीवोल्ट = 10-3 वोल्ट
ओम का नियम ओम के नियम के अनुसार, यदि किसी चालक की भौतिक अवस्थाएँ (जैसे-लम्बाई, परिच्छेद का क्षेत्रफल, चालक का पदार्थ व ताप) अपरिवर्तित रहें, तो चालक में बहने वाली धारा, चालक के सिरों के विभवान्तर के अनुक्रमानुपाती होती है। यदि किसी चालक के सिरों पर लगा विभवान्तर V तथा उसमें बहने वाली धारा I हो,
जहाँ, R एक नियतांक है, जिसका मान चालक के आकार (लम्बाई व अनुप्रस्थ- काट के क्षेत्रफल), पदार्थ व ताप पर निर्भर करता है। इसे चालक का वैद्युत प्रतिरोध कहते हैं। ओम का नियम केवल धात्विक चालकों तथा मिश्रधातु चालकों के लिए ही सत्य है।
V-I ग्राफ
यदि विभवान्तर V और इसके संगत धारा I के मध्य ग्राफ खींचा जाता है, तो ग्राफ में एक सरल रेखा प्राप्त होती है, जोकि मूलबिन्दु से जाती है।
वैद्युत प्रतिरोध किसी चालक का वह गुण, जिसके कारण वह वैद्युत धारा के प्रवाह का विरोध करता है, चालक का प्रतिरोध अथवा वैद्युत प्रतिरोध कहलाता है। इसे R से व्यक्त करते हैं।
किसी चालक का प्रतिरोध, लम्बाई, क्षेत्रफल, ताप व चालक के पदार्थ पर निर्भर करता है। ताप व लम्बाई बढ़ाने पर प्रतिरोध बढ़ता है, जबकि क्षेत्रफल बढ़ाने पर प्रतिरोध घटता है।
विशिष्ट प्रतिरोध या प्रतिरोधकता (p) किसी चालक का प्रतिरोध R, उसकी लम्बाई l के अनुक्रमानुपाती तथा समान अनुप्रस्थ-काट के क्षेत्रफल A के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
जहाँ, p एक नियतांक है, जिसका मान केवल चालक तार के पदार्थ पर निर्भर करता है। इसे पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध अथवा विशिष्ट प्रतिरोधकता कहते हैं। इसका मात्रक ओम – मी होता है।
प्रतिरोधों का संयोजन
वैद्युत ऊर्जा किसी चालक में वैद्युत आवेश प्रवाहित होने के कारण जो ऊर्जा व्यय होती है, उसे वैद्युत ऊर्जा कहते हैं।
वैद्युत धारा के प्रवाह से किसी चालक तार के ताप बढ़ने की घटना को वैद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव अथवा जूल का ऊष्मीय प्रभाव कहते हैं।
वैद्युत ऊर्जा के विभिन्न रूपों में सूत्र निम्नलिखित हैं
इलेक्ट्रॉन-वोल्ट
जब कोई इलेक्ट्रॉन 1 वोल्ट के विभवान्तर द्वारा त्वरित होता है, तो उसके द्वारा अर्जित ऊर्जा 1 इलेक्ट्रॉन-वोल्ट कहलाती है।
1 इलेक्ट्रॉन-वोल्ट (eV) = 1.6 × 10-19 जूल
वैद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव
किसी चालक तार के ताप बढ़ने की घटना को वैद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव कहते हैं। इसके कुछ अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं।
(i) वैद्युत बल्ब
वैद्युत बल्ब, वैद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित एक उपकरण है। जब वैद्युत बल्ब के तन्तु में धारा प्रवाहित की जाती है, तो तन्तु का प्रतिरोध अत्यधिक होने के कारण इसका तापमान 1500°C से 2500°C तक बढ़ जाता है, जिस कारण यह चमकने लगता है।
(ii) वैद्युत फ्यूज
कभी-कभी घरों में बिजली के तार आपस में संपर्क में आ जाते हैं, तो परिपथ में लघुपथन हो जाता है, जिस कारण उपकरणों में धारा का मान बढ़ जाता है व इतनी अधिक ऊष्मा उत्पन्न हो जाती है कि उपकरणों के जल जाने का भय रहता परिपथ के इस दोष को दूर करने हेतु जिस युक्ति का प्रयोग करते हैं, उसे वैद्युत फ्यूज कहते हैं।
वैद्युत सामर्थ्य अथवा वैद्युत शक्ति
किसी वैद्युत परिपथ में वैद्युत ऊर्जा के व्यय होने की दर को वैद्युत सामर्थ्य अथवा वैद्युत शक्ति कहते हैं। इसे P से प्रदर्शित करते हैं। यदि किसी वैद्युत परिपथ में t सेकण्ड में W जूल ऊर्जा व्यय होती है, तो परिपथ की वैद्युत सामर्थ्य,
वाट की परिभाषा यदि किसी वैद्युत परिपथ में 1 जूल/सेकण्ड की दर से ऊर्जा व्यय हो रही है, तो उस परिपथ की वैद्युत सामर्थ्य 1 वाट होगी।
किलोवाट घण्टा (kWh)
किसी परिपथ में जुड़े 1 किलोवाट के उपकरण में 1 घण्टे में व्यय होने वाली वैद्युत ऊर्जा 1 किलोवाट घण्टा अथवा 1 यूनिट कहलाती है।
खण्ड अ बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1. ऐम्पियर – सेकण्ड किसका मात्रक है?
(a) वैद्युत ऊर्जा का
(b) वैद्युत वाहक बल का
(c) आवेश का
(d) वैद्युत धारा का
उत्तर (c) यदि किसी चालक में t समय में q आवेश प्रवाहित हो, तो चालक में
प्रश्न 2.. किसी वैद्युत बल्ब के फिलामेण्ट द्वारा 1 ऐम्पियर धारा ली जाती है। फिलामेण्ट की अनुप्रस्थ- काट से 16 सेकण्ड में प्रवाहित इलेक्ट्रॉनों की संख्या होगी
(a) 1020
(b) 1016
(c) 1018
(d) 1023
उत्तर (a) धारा (I) = 1 ऐम्पियर
प्रश्न 3. किसी चालक तार में वैद्युत धारा का प्रवाह होता है
(a) मुक्त इलेक्ट्रॉनों द्वारा
(b) प्रोटॉनों द्वारा
(c) आयनों द्वारा
(d) न्यूट्रॉनों द्वारा
उत्तर (a) मुक्त इलेक्ट्रॉनों द्वारा
प्रश्न 4. एक प्रोटॉन पर वैद्युत आवेश की मात्रा होती है
(a) 1.0 × 10-19 कूलॉम
(b) 6.25 × 1019 कूलॉम
(c) 1.6 × 1019 कूलॉम
(d) 1.6 × 10-19 कूलॉम
उत्तर (d) प्रोटॉन एक धनावेशित कण है तथा इस पर आवेश इलेक्ट्रॉन के आवेश के बराबर होता है, परन्तु प्रोटॉन का आवेश धनावेशित होता है।
अतः प्रोटॉन पर वैद्युत आवेश की मात्रा 1.6 × 10-19 कूलॉम होती है।
प्रश्न 5. एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश होता है
(a) – 9.1 × 10-19 कूलॉम
(b) – 1.6 × 10-19 कूलॉम
(c) + 9.1 × 10-19 कूलॉम
(d) + 1.6 × 10-19 कूलॉम
उत्तर (b) – 1.6 × 10-19 कूलॉम
प्रश्न 6. यदि एक इलेक्ट्रॉन को अनन्त से किसी बिन्दु तक लाने में किया गया कार्य 64 जूल है, तो उस बिन्दु पर कार्यरत् वैद्युत विभव का मान क्या होगा?
(a) 4 × 1020 वोल्ट
(b) 1020 वोल्ट
(c) 109 वोल्ट
(d) 2 × 1020 वोल्ट
उत्तर (a) दिया है, इलेक्ट्रॉनों की संख्या (n) = 1
कार्य (W) = 64 जूल
प्रश्न 7. धारा के परिमाण का मात्रक है
अथवा किसी वैद्युत परिपथ में बहने वाली वैद्युत धारा का मात्रक है
(a) ऐम्पियर
(b) वोल्ट
(c) ओम
(d) वाट
प्रश्न 8. किसी चालक में 2 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है। 2 सेकण्ड में चालक से गुजरने वाले आवेश की मात्रा होगी
(a) 4 कूलॉम
(b) 0 कूलॉम
(c) 6 कूलॉम
(d) 8 कूलॉम
उत्तर (a) q = it = 2 × 2 = 4 कूलॉम
प्रश्न 9. वैद्युत धारा का मापन किया जाता है
(a) वोल्टमीटर से
(b) अमीटर से
(c) गैल्वेनोमीटर से
(d) ऊर्जा मीटर से
उत्तर (b) वैद्युत धारा का मापन अमीटर से किया जाता है।
प्रश्न 10. एक चालक में 10 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित होती है। इसके संगत 2 सेकण्ड में प्रवाहित होने वाले आवेश की मात्रा कितनी होगी?
(a) 10 कूलॉम
(b) 5 कूलॉम
(c) 20 कूलॉम
(d) 25 कूलॉम
उत्तर (c) 9 = It = 10 × 2 = 20 कूलॉम
प्रश्न 11. किसी विद्युत परिपथ में, किसी प्रतिरोध के सिरों के बीच विभवान्तर की इकाई होती है
(a) ओम
(b) ऐम्पियर
(c) वोल्ट
(d) वाट
उत्तर (c) वोल्ट
प्रश्न 12. विभवान्तर का मापक यन्त्र है
(a) धारामापी
(b) वोल्टमीटर
(c) अमीटर
(d) ओम-मीटर
उत्तर (b) वोल्टमीटर
प्रश्न 13. ओम के नियमानुसार, विभवान्तर व धारा के बीच ग्राफ होगा
अथवा ओम के नियम के अनुसार, धारा व विभवान्तर में ग्राफ बनेगा
(a) एक सरल रेखा
(b) एक वृत्त
(c) एक अर्द्धवृत्त
(d) एक लगातार दिशा बदलती रेखा
उत्तर (a) एक सरल रेखा
प्रश्न 14. निम्न में से कौन-सा कथन ओम के नियम को व्यक्त करता है?
(a) धारा/विभवान्तर = नियतांक
(b) विभवान्तर × धारा = नियतांक
(c) विभवान्तर = धारा × प्रतिरोध
(d) धारा = विभवान्तर × प्रतिरोध
उत्तर (c) V ∝ I ⇒ V = RI
प्रश्न 15. ओम का नियम सत्य है
(a) केवल धात्विक चालकों के लिए
(b) केवल अधात्विक चालकों के लिए
(c) केवल अर्द्धचालकों के लिए
(d) सभी के लिए
उत्तर (a) केवल धात्विक चालकों के लिए
प्रश्न 16. किसी परिपथ में लगे विभवान्तर को स्थिर रखते हुए परिपथ के प्रतिरोध को तिगुना कर दिया जाता है। परिपथ में धारा हो जाएगी
(a) तिगुनी
(b) एक-चौथाई
(c) दोगुनी
(d) एक-तिहाई
प्रश्न 17. 1.5 वोल्ट विद्युत वाहक बल के सेल का आन्तरिक प्रतिरोध 3 ओम है, तो सेल से प्राप्त धारा का अधिकतम मान होगा
(a) 1.5 ऐम्पियर
(b) 0.5 ऐम्पियर
(c) 3.0 ऐम्पियर
(d) 15.0 मिली ऐम्पियर
प्रश्न 18. प्रतिरोध का मात्रक होता है।
(a) ओम
(b) ओम/सेमी
(c) ओम-सेमी
(d) वोल्ट
उत्तर (a) ओम
प्रश्न 19. ताप बढ़ाने पर किसी चालक का वैद्युत प्रतिरोध
(a) अपरिवर्तित रहता है।
(b) बढ़ता है।
(c) घटता है।
(d) कभी बढ़ता और कभी घटता है।
उत्तर (b) ताप बढ़ाने पर चालक के अणुओं के मध्य कम्पन बढ़ने के कारण उनके मुक्त इलेक्ट्रॉन की गति में बाधा उत्पन्न होती है, जिससे उनका प्रतिरोध बढ़ता है।
प्रश्न 20. किसी विद्युत चालक का प्रतिरोध निम्नलिखित में से किस बात पर निर्भर नहीं करता?
(a) चालक की लम्बाई
(b) चालक के पदार्थ का घनत्व
(c) चालक का अनुप्रस्थ-काट
(d) चालक के आकार
उत्तर (b) चालक के पदार्थ का घनत्व
प्रश्न 21. कब चार विद्युत चालकों का समायोजन बनाने पर उनका परिणामी प्रतिरोध न्यूनतम होगा?
(a) सभी को समानान्तर क्रम (पार्श्व क्रम) में जोड़ा जाए
(b) सभी को श्रेणीक्रम में जोड़ा जाए
(c) एक को श्रेणीक्रम में तथा तीन को समानान्तर क्रम में जोड़ा जाए
(d) दो को श्रेणीक्रम में तथा शेष दो को समानान्तर क्रम में जोड़ा जाए
उत्तर (a) सभी को समानान्तर क्रम में जोड़ने पर।
प्रश्न 22. अत्यधिक उच्च प्रतिरोध वाला पदार्थ कहलाता है
(a) चालक
(b) अर्द्धचालक
(c) अतिचालक
(d) विद्युतरोधी
उत्तर (d) अत्यधिक उच्च प्रतिरोध वाला पदार्थ विद्युतरोधी कहलाता है।
प्रश्न 23. यदि तीन विभिन्न मानों के प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम समायोजन में जोड़ा जाए, तो उन सभी में निश्चित रूप से एक ही मान होगा
(a) प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों के बीच विभवान्तर का
(b) प्रत्येक प्रतिरोध में उत्पन्न होने वाली ऊष्मा का
(c) प्रत्येक प्रतिरोध में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा का
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर (c) प्रत्येक प्रतिरोध में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा का
प्रश्न 24. R1 व R2 प्रतिरोधों के दो तार समान्तर क्रम में जोड़े जाते हैं। इनका तुल्य प्रतिरोध होगा
प्रश्न 25. किसी पदार्थ के l लम्बाई तथा A परिच्छेद क्षेत्रफल के तार का प्रतिरोध 4 ओम है। इसी पदार्थ के अन्य तार की लम्बाई 2l तथा परिच्छेद क्षेत्रफल A/2 हो, तो उसका प्रतिरोध होगा
(a) 4 Ω
(b) 8 Ω
(c) 16 Ω
(d) 32 Ω
प्रश्न 26. R व 2R प्रतिरोधों के दो तारों को पहले श्रेणीक्रम तथा बाद में समान्तर क्रम में जोड़ा जाता है। यदि दोनों दशाओं में कुल प्रतिरोध क्रमशः R1 तथा R2 हों, तब R1 / R2 होगा
प्रश्न 27. पाँच प्रतिरोधकों, जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 1/5 ओम है, इनका उपयोग करके कितना अधिकतम प्रतिरोध बनाया जा सकता है?
(a) 1/5 ओम
(b) 10 ओम
(c) 5 ओम
(d) 1 ओम
उत्तर (d) अधिकतम प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए प्रतिरोधकों को श्रेणीक्रम में जोड़ना होगा। इस प्रकार प्रतिरोध, Rs = n × R = 5 × 1/5 = 1 ओम
प्रश्न 28. 4 ओम के चार प्रतिरोध एक-दूसरे के समान्तर क्रम में जोड़े गए हैं, तो तुल्य प्रतिरोध होगा
(a) 4 ओम
(b) 2 ओम
(c) 3 ओम
(d) 1 ओम
प्रश्न 29. निम्न परिपथ में बिन्दुओं A एवं B के बीच तुल्य प्रतिरोध होगा
प्रश्न 30. निम्न परिपथ में धारा I का मान है
प्रश्न 31. किसी विद्युत परिपथ में 2 ओम, 4 ओम और 6 ओम के तीन प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जुड़े हैं। परिपथ में 2 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है। प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों के बीच विभवान्तर क्रमशः होंगे
(a) 4 वोल्ट, 8 वोल्ट, 12 वोल्ट
(b) 6 वोल्ट, 8 वोल्ट, 12 वोल्ट
(c) 4 वोल्ट, 8 वोल्ट, 10 वोल्ट
(d) 2 वोल्ट, 6 वोल्ट, 8 वोल्ट
उत्तर (a) तीनों प्रतिरोध श्रेणीक्रम में हैं, अतः तुल्य प्रतिरोध,
प्रश्न 32. प्रतिरोध R के किसी तार के टुकड़े को चार बराबर भागों में काटा जाता है। इन टुकड़ों को फिर समान्तर क्रम में संयोजित कर देते हैं। यदि तुल्य प्रतिरोध R’ हो, तो R’/R अनुपात का मान होगा
प्रश्न 33. दो चालक तार जिनके पदार्थ, लंबाई तथा व्यास समान हैं, किसी वैद्युत परिपथ में पहले श्रेणीक्रम में और फिर समान्तर क्रम में संयोजित किए जाते हैं। श्रेणीक्रम तथा समान्तर क्रम संयोजन में उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात क्या होगा?
(a) 1:2
(b) 2:1
(c) 1:4
(d) 4:1
उत्तर (c) श्रेणीक्रम में तुल्य प्रतिरोध (RS) = R + R = 2R
प्रश्न 34. किसी वैद्युत परिपथ में वैद्युत स्रोत के साथ तीन तापदीप्त बल्ब A, B तथा C जिनके अनुमतांक क्रमशः 40 वाट, 60 वाट तथा 100 वाट हैं, पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। इनकी चमक के संबंध में कौन-सा कथन सत्य है?
(a) सभी बल्बों की चमक समान होगी
(b) बल्ब A की चमक अधिकतम होगी
(c) बल्ब B की चमक, बल्ब A की तुलना में अधिक होगी
(d) बल्ब C की चमक, बल्ब B की तुलना में कम होगी
उत्तर (c) तापदीप्त बल्ब A, B तथा C के अनुमतांक क्रमशः 40 वाट, 60 वाट तथा 100 वाट हैं, इन्हें पार्श्वक्रम में संयोजित किया गया है। जिस बल्ब की क्षमता अधिक होगी, उसकी चमक भी अधिक होगी।
शक्ति क्षय ∝ चमक
इस प्रकार, 100 वाट वाले बल्ब की क्षमता अधिकतम होगी।
A100 > B60 > C40
प्रश्न 35. किसी मकान में 200 वोल्ट पर विद्युत आपूर्ति की जाती है। मकान में 100 ओम और 200 ओम प्रतिरोध के दो विद्युत बल्ब प्रतिदिन 1 घण्टा प्रयोग में आते हैं। प्रतिदिन विद्युत ऊर्जा की खपत होगी
(a) 500 वाट घण्टा
(b) 600 वाट घण्टा
(c) 300 वाट घण्टा
(d) 900 वाट घण्टा
उत्तर (b) दिया है, विभव, V = 200 वोल्ट
प्रश्न 36. एक सेल से R1 तथा R2 दो प्रतिरोधों के दो तार समान्तर क्रम में जोड़े जाते हैं। यदि उनमें प्रवाहित धाराएँ क्रमशः i1 तथा i2 एवं प्रति सेकण्ड उत्पन्न ऊष्माएँ क्रमशः H1 तथा H2 हों, तो ऊष्माओं का अनुपात है
प्रश्न 37. किसी विद्युत बल्ब पर 440 वाट तथा 220 वोल्ट अंकित हैं। बल्ब के फिलामेंट का प्रतिरोध होगा
(a) 100 ओम
(b) 225 ओम
(c) 115 ओम
(d) 110 ओम
उत्तर (d) दिया है, P = 440 वाट
प्रश्न 38. वैद्युत सेल में रूपान्तरण होता है
(a) रासायनिक ऊर्जा का वैद्युत ऊर्जा में
(b) वैद्युत ऊर्जा का यांत्रिक ऊर्जा में
(c) यांत्रिक ऊर्जा का वैद्युत उर्जा में
(d) वैद्युत ऊर्जा का रासायनिक ऊर्जा में
उत्तर (a) रासायनिक ऊर्जा का वैद्युत ऊर्जा में
प्रश्न 39. दो वैद्युत बल्बों की सामर्थ्य क्रमशः 60 वाट तथा 100 वाट हैं। दोनों 220 वोल्ट पर कार्य करते हैं। इनके प्रतिरोधों का अनुपात होगा
प्रश्न 40. 220V-100 W के विद्युत बल्ब के तन्तु का प्रतिरोध होगा
(a) 2.2Ω
(b) 484Ω
(c) 22000Ω
(d) 48.4Ω
उत्तर (b) (b) 484Ω
प्रश्न 41. किसी विद्युत केतली में प्रवाहित धारा तीन गुनी कर देने पर केतली में उत्पन्न ऊष्मा की मात्रा हो जाएगी
(a) चार गुनी
(b) तीन गुनी
(c) नौ गुनी
(d) बारह गुनी
उत्तर (c) नौ गुनी
प्रश्न 42. एक विद्युत केतली से होकर प्रवाहित विद्युत धारा को दोगुना कर दिया जाता है। उत्पन्न ऊष्मा हो जाएगी
(a) आधी
(b) दोगुनी
(c) चार गुनी
(d) एक-चौथाई
उत्तर (c) चार गुनी
प्रश्न 43. 1 इलेक्ट्रॉन-वोल्ट तुल्य है
(a) 1.6 × 10-19 जूल के
(b) 3.2 × 10-24 जूल के
(c) 3.6 × 1016 जूल के
(d) 1.6 × 1019 जूल के
उत्तर (a) 1.6 × 10-19 जूल के
प्रश्न 44. विद्युत परिपथ में विद्युत शक्ति का सही सूत्र है
अथवा निम्नलिखित में से कौन किसी परिपथ में वैद्युत शक्ति को प्रदर्शि करता है?
(a) P = iR
(b) P = i2R
(c) P = V2R
(d) P = iR2
उत्तर (b) P = i2R
प्रश्न 45. एक अश्वशक्ति बराबर होती है
(a) 726 वाट के
(b) 736 वाट के
(c) 746 वाट के
(d) 756 वाट के
उत्तर (c) एक अश्वशक्ति = 746 वाट
प्रश्न 46. समान वैद्युत शक्ति के “तापदीप्त बल्ब ” एवं ” हीटर” में से किसमें अधिक प्रकाश होगा?
(a) हीटर में
(b) बल्ब में
(c) दोनों में बराबर होगा
(d) दोनों में से किसी में भी अधिक हो सकता है
उत्तर (b) ‘·’ तापदीप्त बल्ब का तन्तु टंगस्टन का बना होता है, जिसका गलनांक लगभग 3400°C होता है, जबकि हीटर का तार नाइक्रोम का बना होता है, जिसका गलनांक लगभग 1400°C होता है। अत: टंगस्टन का तन्तु अधिक ऊष्मा रोके रख सकता है, जिससे वह अधिक प्रकाशित होता
प्रश्न 47. वैद्युत शक्ति का मात्रक होता है
अथवा विद्युत शक्ति की इकाई है
(a) वोल्ट
(b) वाट
(c) ऐम्पियर
(d) ओम
उत्तर (b) वैद्युत शक्ति का मात्रक वाट है।
प्रश्न 48. लघुपथन के समय परिपथ में विद्युत धारा का मान
(a) बहुत कम हो जाता है
(b) परिवर्तित नहीं होता है
(c) बहुत अधिक बढ़ जाता है
(d) निरन्तर परिवर्तित होता है
उत्तर (c) लघुपथन के समय परिपथ में विद्युत धारा का मान अत्यधिक बढ़ जाता है।
प्रश्न 49. किलोवाट घण्टा किस भौतिक राशि का मात्रक है?
(a) समय
(b) द्रव्यमान
(c) ऊर्जा
(d) शक्ति
उत्तर (c) किलोवाट-घण्टा वैद्युत ऊर्जा का मात्रक है। इसे साधारण भाषा में यूनिट भी कहा जाता है।
प्रश्न 50. 200 वोल्ट – 100 वाट बल्ब को यदि 100 वोल्ट पर प्रयोग किया , तो बल्ब की शक्ति कितनी होगी?
(a) 50 वाट
(b) 25 वाट
(c) 100 वाट
(d) 40 वाट
उत्तर (b) दिया है, V = 200 वोल्ट तथा P = 100 वाट
प्रश्न 51. बिजली के बल्ब में तन्तु होता है
(a) टंगस्टन का
(b) लोहे का
(c) ताँबे का
(c) पीतल का
उत्तर (a) वैद्युत बल्ब का तन्तु टंगस्टन का बना होता है।
प्रश्न 52. हीटर का तार बना होता है
(a) ताँबे का
(b) पीतल का
(c) नाइक्रोम का
(d) लोहे का
उत्तर (c) हीटर का तार नाइक्रोम का बना होता है।
प्रश्न 53. सूची-I में दिए गए मात्रकों का सुमेलन सूची-II में दी गई भौतिक राशियों से कर सही विकल्प चुनिए ।
प्रश्न 54. विद्युत परिपथ में प्रयुक्त होने वाले कुछ अवयवों के संकेत चिह्न सूची I में दिये गये हैं। सूची II में दिये गये नामों से सुमेलन कर सही विकल्प का चयन कीजिए।
खण्ड ब वर्णनात्मक प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न – I
प्रश्न 1. कूलॉम की परिभाषा लिखिए ।
उत्तर कूलॉम आवेश की इकाई है। एक कूलॉम आवेश, आवेश की वह मात्रा है, जो किसी चालक में 1 ऐम्पियर की धारा बहने पर 1 सेकण्ड में प्रवाहित होता है।
प्रश्न 2. एक इलेक्ट्रॉन पर कितना तथा कैसा आवेश होता है?
उत्तर इलेक्ट्रॉन एक ऋणावेशित कण होता है तथा इस पर 1.6 × 10-19 कूलॉम ऋणावेश होता है।
प्रश्न 3. आवेश (q), धारा (I) तथा समय (t) में सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर आवेश (q), धारा (I) व समय (t) में निम्न सम्बन्ध होता है
प्रश्न 4. वैद्युत धारा की दिशा तथा आवेश की गति की दिशा में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर किसी परिपथ में धनात्मक आवेश के प्रवाह की दिशा को धारा प्रवाह की दिशा माना जाता है। अतः चालक में वैद्युत धारा की दिशा इलेक्ट्रॉन के बहने की दिशा के विपरीत होती है।
प्रश्न 5. 1 ऐम्पियर की परिभाषा दीजिए।
प्रश्न 6. अमीटर का क्या कार्य है? इसे परिपथ में किस प्रकार जोड़ते हैं?
उत्तर परिपथ में धारा मापन हेतु अमीटर का उपयोग किया जाता है। इसे परिपथ के श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है।
प्रश्न 7. किसी परिपथ में धारा प्रवाहित करने पर वोल्टमीटर तथा अमीटर को कैसे जोड़ते हैं?
उत्तर किसी परिपथ में धारा प्रवाहित करने पर वोल्टमीटर को समान्तर क्रम में तथा अमीटर को श्रेणीक्रम में जोड़ते हैं।
प्रश्न 8. किसी चालक AB में इलेक्ट्रॉन, A से B की ओर बह रहे हैं, धारा की दिशा ज्ञात कीजिए ।
उत्तर किसी चालक में वैद्युत धारा की दिशा इलेक्ट्रॉन के बहने की दिशा के विपरीत होती है। अत: चालक AB में धारा की दिशा B से A की ओर होगी।
प्रश्न 9. आवेश q, विभवान्तर V तथा कार्य में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर यदि किसी चालक में आवेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में W जूल कार्य करना पड़े, तो उन बिन्दुओं के बीच विभवान्तर
प्रश्न 10. ओम के नियम की परिसीमाएँ लिखिए ।
उत्तर कोई भी चालक ओम के नियम का पालन उसी समय तक करता है, जब तक कि चालक की भौतिक अवस्थाएँ; जैसे-लम्बाई, परिच्छेद का क्षेत्रफल, चालक का पदार्थ व ताप नियत रहें।
प्रश्न 11. ओम का नियम लिखिए।
उत्तर ओम के नियम के अनुसार, यदि किसी चालक की भौतिक अवस्थाएँ (जैसे- लम्बाई, परिच्छेद का क्षेत्रफल, चालक का पदार्थ व ताप) नियत रहें, तो चालक में बहने वाली धारा, चालक के सिरों के विभवान्तर के अनुक्रमानुपाती होती है।
प्रश्न 12. किसी चालक के विशिष्ट प्रतिरोध से क्या तात्पर्य है?
अथवा विशिष्ट प्रतिरोध का मात्रक क्या है ? एक 25Ω का प्रतिरोधक 12 वोल्ट की एक बैटरी से जुड़ा है। प्रति मिनट जूल में उत्पन्न ऊष्मा की गणना कीजिए |
अतः किसी चालक के पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध उस पदार्थ के 1 मीटर लम्बे व 1 मीटर2 अनुप्रस्थ- काट के क्षेत्रफल वाले तार के वैद्युत प्रतिरोध के बराबर होता है।
प्रश्न 13. किसी धात्विक चालक के प्रतिरोध पर ताप परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर धात्विक चालक का ताप बढ़ाने पर चालक का प्रतिरोध बढ़ जाता है और ताप कम करने पर चालक का प्रतिरोध कम हो जाता है।
प्रश्न 14. वैद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव से आप क्या समझते हैं?
उत्तर वैद्युत धारा के प्रवाह से किसी चालक तार के ताप बढ़ने की घटना को वैद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव कहते हैं । वैद्युत बल्ब, हीटर, इस्तरी तथा आर्क आदि वैद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर कार्य करते हैं।
प्रश्न 15. दो तार, जिनके प्रतिरोध 4 ओम और 2 ओम हैं, श्रेणीक्रम में एक बैट से जुड़े हैं। पहले तार में 2 ऐम्पियर की धारा बह रही है। दूसरे तार में धारा का मान कितना होगा?
उत्तर जब दो या दो से अधिक प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जुड़े हों, तो उनमें प्रवाहित धारा समान होती है। चूँकि प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जुड़े हैं, अतः दोनों प्रतिरोध तारों में समान धारा 2 ऐम्पियर प्रवाहित होगी ।
प्रश्न 16. यदि किसी R ओम प्रतिरोध के चालक में I ऐम्पियर की धारा प्रवाहित होने से V वोल्ट विभवान्तर उत्पन्न हो, तो t सेकण्ड में उत्पन्न ऊष्मा के सूत्र लिखिए |
अथवा किसी तार में वैद्युत धारा प्रवाहित करने पर उत्पन्न ऊष्मा तथा वैद्यु धारा में सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर किसी चालक में सेकण्ड में उत्पन्न वैद्युत ऊष्मा,
उपरोक्त सूत्र वैद्युत धारा तथा उत्पन्न ऊष्मा के सम्बन्ध को दर्शाता है।
प्रश्न 17. किसी चालक तार में धारा प्रवाहित करने पर उसमें उत्पन्न ऊष्मा किन-किन कारकों पर निर्भर करती हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर किसी चालक तार में धारा प्रवाहित करने पर उसमें उत्पन्न ऊष्मा चालक की लम्बाई, उसके तार तथा तार की मोटाई पर निर्भर करती है।
प्रश्न 18. धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित चार वैद्युत संयन्त्रों के नाम लिखिए |
उत्तर धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित चार वैद्युत संयन्त्र निम्नलिखित हैं
(i) वैद्युत बल्ब
(ii) वैद्युत
(iii) वैद्युत इस्त
(iv) गीजर
प्रश्न 19. एक वैद्युत बल्ब पर 240 वोल्ट, 60 वाट लिखा है, इसका क्या अर्थ है ?
उत्तर यदि किसी वैद्युत बल्ब पर 240 वोल्ट, 60 वाट लिखा है, तो इसका अर्थ है कि यदि वैद्युत बल्ब को 240 वोल्ट पर जलाया जाए, तो इसमें 60 वाट की वैद्युत शक्ति क्षय होगी।
प्रश्न 20. वैद्युत सामर्थ्य की परिभाषा लिखिए ।
अथवा MKS पद्धति में वैद्युत सामर्थ्य का मात्रक लिखिए।
उत्तर किसी वैद्युत परिपथ में वैद्युत ऊर्जा के व्यय होने की दर को वैद्युत सामर्थ्य अथवा वैद्युत शक्ति कहते हैं।
अतः वैद्युत सामर्थ्य का MKS पद्धति में मात्रक जूल/सेकण्ड या वाट होता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न-II
प्रश्न 1. वैद्युत धारा की माप कैसे मापी जाती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर किसी परिपथ में वैद्युत धारा की माप अमीटर नामक उपकरण से की जाती है। इसमें दो टर्मिनल धन (+) तथा ऋण (-) होते हैं। धारा मापने के लिए अमीटर को प्रतिरोध के श्रेणीक्रम में इस प्रकार जोड़ते हैं कि अमीटर का धन सिरा परिपथ के ऊँचे विभव वाले बिन्दु से ( सेल के धन सिरे (+) से) तथा ऋण सिरा नीचे विभव वाले बिन्दु से ( सेल के ॠण सिरे (-) से) जुड़े हों। जैसे ही कुँजी (K) को लगाते हैं, तो परिपथ में धारा प्रवाहित होने पर अमीटर का संकेतक घूमकर पैमाने पर धारा की माप सीधे ऐम्पियर में देता है।
प्रश्न 2. वैद्युत धारा से क्या तात्पर्य है? इसका मात्रक बताइए ।
उत्तर वैद्युत धारा, किसी चालक में विद्युत आवेश प्रवाह की दर होती है, इसे I से प्रदर्शित करते हैं। यदि किसी चालक में t समय में q आवेश प्रवाहित हो, तो चालक में उत्पन्न वैद्युत धारा, I = q/t
वैद्युत धारा का मात्रक कूलॉम / सेकण्ड तथा SI मात्रक ऐम्पियर होता है।
प्रश्न 3. वैद्युत विभव की परिभाषा दीजिए तथा चालक के विभवान्तर एवं धारा में सम्बन्ध लिखिए ।
उत्तर एकांक धनावेश को अनन्त से किसी बिन्दु तक लाने में किया गया कार्य वैद्युत विभव कहलाता है। इसे V से प्रदर्शित करते हैं। यदि किसी आवेश q0 को अनन्त से किसी बिन्दु तक लाने में W कार्य किया जाए, तो उस बिन्दु का
इसका मात्रक जूल/कूलॉम अथवा वोल्ट होता है ।
चालक के विभवान्तर व धारा में सम्बन्ध यदि किसी चालक के सिरों पर लगा विभवान्तर V तथा उसमें बहने वाली धारा I हो, तब इनका अनुपात सदैव नियत रहता है, अर्थात् V/I = नियतांक |
प्रश्न 4. ओम का नियम क्या है? इसके सत्यापन के लिए आवश्यक प्रयोग का वर्णन परिपथ आरेख बनाकर कीजिए ।
उत्तर ओम का नियम यदि किसी चालक की भौतिक अवस्थाएँ (जैसे- लम्बाई, परिच्छेद को क्षेत्रफल, चालक का पदार्थ व ताप) अपरिवर्तित रहें, तो चालक में बहने वाली धारा, चालक के सिरों के विभवान्तर के अनुक्रमानुपाती होती है।
यदि किसी चालक के सिरों पर लगा विभवान्तर V तथा उसमें बहने वाली धारा I हो,
ओम के नियम का सत्यापन ओम का नियम केवल धात्विक चालकों तथा मिश्रधातु चालकों के लिए ही सत्य है । इस प्रयोग के लिए कॉन्स्टेन्टन, यूरेका अथवा मैंगनिन का एक प्रतिरोधक तार लेते हैं और इसके श्रेणीक्रम में एक बैटरी, धारा नियन्त्रक, अमीटर तथा कुँजी चित्र में दर्शाए अनुसार जोड़ देते हैं। एक वोल्टमीटर को प्रतिरोध तार के सिरों के बीच जोड़ देते हैं।
कुँजी K लगाते ही परिपथ में वैद्युत धारा बहने लगती है। धारा I का मान अमीटर (A) से तथा प्रतिरोध के सिरों के बीच विभवान्तर वोल्टमीटर (V) से पढ़ते हैं। धारा नियन्त्रक द्वारा परिपथ में बहने वाली धारा को बदल-बदल कर धारा I तथा विभवान्तर V के मान पढ़ते जाते हैं और उन्हें एक सारणी में नोट कर लेते हैं।
प्रत्येक प्रेक्षण से V तथा I का अनुपात समान प्राप्त होता है, जिससे ओम के नियम का सत्यापन हो जाता है। V तथा I के बीच ग्राफ खींचने पर, ग्राफ चित्र में दर्शाए अनुसार एक सरल रेखा के रूप में प्राप्त होता है।
प्रश्न 5. वैद्युत प्रतिरोध का क्या अर्थ है? एक धातु के तार का प्रतिरोध किन-किन बातों पर निर्भर करता है?
अथवा वैद्युत प्रतिरोध क्या है? इसका मात्रक लिखिए।
अथवा प्रतिरोध से क्या तात्पर्य है? यह किन-किन बातों पर निर्भर करता है?
अथवा किसी चालक के प्रतिरोध से आपका क्या तात्पर्य है? यह किन-किन कारकों पर निर्भर करता है?
अथवा किसी तार के प्रतिरोध को प्रभावित करने वाले किन्हीं दो कारकों का उल्लेख कीजिए | 400 वाट का बल्ब 200 वोल्ट के विद्युत स्रोत से जुड़ा है। बल्ब केवल 5 मिनट उपयोग में लाया जाता है। बल्ब में प्रवाहित धारा तथा इसमें उत्पन्न ऊष्मा की मात्रा ज्ञात कीजिए ।
उत्तर वैद्युत प्रतिरोध किसी चालक का वह गुण, जिसके कारण वह वैद्युत धारा के प्रवाह का विरोध करता है, चालक का प्रतिरोध अथवा वैद्युत प्रतिरोध कहलाता है। इसे R से व्यक्त करते हैं।
प्रतिरोध का मात्रक वोल्ट/ऐम्पियर अथवा ओम होता है।
चालक तार का प्रतिरोध निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है
(i) चालक तार की लम्बाई पर किसी चालक तार का वैद्युत प्रतिरोध (R), चालक के तार की लम्बाई (l) के अनुक्रमानुपाती होता है,
अर्थात्      R ∝ l
(ii) चालक तार के क्षेत्रफल पर किसी चालक तार का वैद्युत प्रतिरोध (R), चालक तार के अनुप्रस्थ-काट के क्षेत्रफल (A) के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
(iii) चालक तार के पदार्थ पर यदि विभिन्न पदार्थों के समान लम्बाई (l) तथा समान अनुप्रस्थ- काट (A) के तार लिए जाएँ, तो उनके प्रतिरोध भिन्न-भिन्न होंगे।
(iv) चालक तार के ताप पर ताप बढ़ाने पर वैद्युत प्रतिरोध बढ़ जाता है।
प्रश्न 6. प्रतिरोधों के समान्तर संयोजन के किन्हीं दो लाभों का उल्लेख कीजिए। दिए गए परिपथ में प्रत्येक प्रतिरोध में प्रवाहित धारा तथा परिपथ में प्रवाहित सम्पूर्ण धारा का मान ज्ञात कीजिए ।
उत्तर प्रतिरोध के समान्तर क्रम में संयोजन के लाभ निम्नलिखित हैं
(i) प्रतिरोध के सिरों के बीच विभवान्तर समान होता है।
(ii) यदि प्रतिरोध टूट भी जाए, तो भी परिपथ नहीं खुलता है।
दिया है,
प्रश्न 7. किसी चालक में प्रवाहित धारा द्वारा व्यय हुई वैद्युत ऊर्जा का सूत्र
(i) विभवान्तर तथा धारा,
(ii) धारा तथा प्रतिरोध तथा
(iii) विभवान्तर तथा प्रतिरोध के पदों में ज्ञात कीजिए।
अथवा किसी चालक में वैद्युत आवेश तथा वैद्युत धारा प्रवाहित होने के कारण व्यय वैद्युत ऊर्जा के लिए चार व्यंजक लिखिए।
उत्तर (i) माना किसी चालक के सिरों के बीच विभवान्तर V है तथा चालक में t सेकण्ड में q कूलॉम आवेश प्रवाहित किया जाए, तब किया गया कार्य या व्यय वैद्युत ऊर्जा, W = विभवान्तर × आवेश = V × q जूल
(ii) वैद्युत ऊर्जा, विभवान्तर तथा धारा के पदों में
माना किसी चालक के सिरों के बीच विभवान्तर V वोल्ट है।
यदि चालक में t सेकण्ड तक I ऐम्पियर की धारा प्रवाहित की जाए,
तो चालक में प्रवाहित आवेश q = I × t कूलॉम
अतः चालक में t सेकण्ड में व्यय वैद्युत ऊर्जा,
W = V × q = V × I × t = VIt जूल
(iii) वैद्युत ऊर्जा, धारा व प्रतिरोध के पदों में
यदि चालक का प्रतिरोध (R) ओम है, तो ओम के नियम से,
विभवान्तर (V) = धारा × प्रतिरोध = IR
समीकरण W = VIt में V का मान रखने पर,
या W = IR × It या W = I2Rt जूल
(iv) वैद्युत ऊर्जा, विभवान्तर तथा प्रतिरोध के पदों में
ओम के नियम से, विभवान्तर (V) = धारा (I) × प्रतिरोध (R)
प्रश्न 8. ऊष्मा उत्पादन सम्बन्धी जूल का नियम लिखिए ।
उत्तर जब ऊष्मा की माप कैलोरी में की जाती है, तब सेकण्ड में उत्पन्न ऊष्मा,
स्पष्टतः चालक में प्रवाहित धारा के कारण उत्पन्न ऊष्मा
(i) यदि प्रतिरोध (R) व समय (t) नियत हैं, तो वैद्युत धारा के वर्ग (I2) के अनुक्रमानुपाती है अर्थात्   H ∝ I2
(ii) यदि वैद्युत धारा (I) व प्रतिरोध (R) नियत हैं, तो समय (t) के अनुक्रमानुपाती है अर्थात्   H ∝ t
(iii) यदि वैद्युत धारा (I) व समय (t) नियत हैं, तो प्रतिरोध (R) के अनुक्रमानुपाती है अर्थात्   H ∝ R
इस प्रकार, उपरोक्त तीनों नियम जूल के ऊष्मीय उत्पादन नियम कहलाते हैं।
प्रश्न 9. दो प्रतिरोध 3 ओम तथा 5 ओम के हैं। इन्हें किसी सेल से जोड़ने पर कौन-सा प्रतिरोध अधिक गर्म होगा, यदि इन्हें परस्पर
(i) श्रेणीक्रम में तथा
(ii) समान्तर क्रम में जोड़ा जाए?
उत्तर (i) जब प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है, तब प्रतिरोधों में धारा समान रूप प्रवाहित होती है। इसलिए H = I2Rt से अधिक प्रतिरोध अर्थात् 5 ओम वाले प्रतिरोध में ऊष्मा अधिक होगी।
(ii) जब प्रतिरोधों को समान्तर क्रम में जोड़ा जाता है, तब प्रतिरोधों में H = V2t/R से कम प्रतिरोध 3 ओम R विभवान्तर समान होता है। इसलिए H = वाले प्रतिरोध में ऊष्मा अधिक होगी। अतः श्रेणीक्रम में 5 ओम वाला प्रतिरोध तथा समान्तर क्रम में 3 ओम वाला प्रतिरोध अधिक गर्म होगा।
प्रश्न 10. दो वैद्युत बल्बों में समान धातु एवं समान लम्बाई के तन्तु लगे हैं, परन्तु एक बल्ब का तन्तु दूसरे की अपेक्षा अधिक मोटा है। किस बल्ब की सामर्थ्य अधिक होगी तथा क्यों, जबकि बल्बों की वोल्टता समान है?
उत्तर किसी बल्ब की वैद्युत सामर्थ्य (P), उस पर लगे विभवान्तर (V) तथा प्रवाहित धारा (I) पर निर्भर करती है।
चूँकि समान धातु एवं समान लम्बाई वाले तन्तु का प्रतिरोध उसकी त्रिज्या के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अतः जिस बल्ब का तन्तु मोटा है, उसकी त्रिज्या अधिक होगी तथा प्रतिरोध कम होगा तथा जिस बल्ब का तन्तु पतला है, उसकी त्रिज्या कम होगी तथा प्रतिरोध अधिक होगा।
अतः जिस बल्ब का प्रतिरोध कम होगा, उसकी सामर्थ्य अधिक होगी व जिस बल्ब का प्रतिरोध अधिक होगा, उसकी सामर्थ्य कम होगी।
प्रश्न 11. घरों की वायरिंग के परिपथ में फ्यूज का क्या महत्त्व है? आवश्यक परिपथ बनाकर स्पष्ट कीजिए।
अथवा फ्यूज का विद्युत परिपथ में क्या कार्य है?
उत्तर विद्युत परिपथ में फ्यूज एक सुरक्षा युक्ति के रूप में कार्य करता है। जब कभी घरों में बिजली की डोरी के दोनों तार विद्युतरोधी आवरण हट जाने के कारण एक-दूसरे से छू जाते हैं अथवा बिजली के बहुत सारे उपकरण एक साथ प्रयोग में लाये जाते हैं, तब परिपथ का विद्युत प्रतिरोध एकाएक गिर जाता है तथा परिपथ में बहुत अधिक धारा बहती है। इससे इतनी अधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है कि परिपथ के तारों में आग लग सकती है। कभी-कभी किसी उपकरण की खराबी के कारण भी उसमें बहुत अधिक धारा आ जाती है, जिससे उपकरण जल सकता है। इस प्रकार के खतरों से बचने के लिए विभिन्न परिपथों की वायरिंग में फ्यूज-तार लगाये जाते हैं।
प्रत्येक फ्यूज तार में अधिकतम धारा वहन करने की एक क्षमता होती है। जब धारा इस निश्चित परिमाण से अधिक होती है, तो फ्यूज-तार गल जाता है और विद्युत परिपथ टूट जाता है, जिससे क्षति होने से बच जाती है।
प्रश्न 12. किलोवाट घण्टा को परिभाषित कीजिए। एक किलोवाट घण्टा कितने जूल के बराबर होता है?
एक विद्युत केतली पर 220 वोल्ट 2.2 किलोवाट अंकित है, यह 3 घण्टे के लिए कार्य करती है। प्रयुक्त ऊर्जा तथा प्रवाहित विद्युत धारा की गणना कीजिए ।
उत्तर किलोवाट घण्टा (kWh )
किसी परिपथ में जुड़े 1 किलोवाट के उपकरण में 1 घण्टे में व्यय होने वाली वैद्युत ऊर्जा 1 किलोवाट घण्टा अथवा 1 यूनिट कहलाती है।
प्रश्न 13. वैद्युत परिपथ में व्यय सामर्थ्य से क्या अभिप्राय है? इसका मात्रक लिखिए। यदि परिपथ में V वोल्ट विभवान्तर पर I ऐम्पियर धारा प्रवाहित हो रही हो, तो सामर्थ्य के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए |
अथवा वैद्युत सामर्थ्य से आप क्या समझते हैं? सिद्ध कीजिए कि किसी बल्ब की सामर्थ्य, प्रतिरोध के व्युत्क्रमानुपाती होती है?
उत्तर वैद्युत सामर्थ्य किसी वैद्युत परिपथ में वैद्युत ऊर्जा के व्यय होने की दर को वैद्युत सामर्थ्य अथवा वैद्युत शक्ति कहते हैं। इसे P से प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 14. वाट की परिभाषा दीजिए। किलोवाट घण्टा तथा जूल में सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
अथवा किलोवाट घण्टा से क्या अर्थ है? किलोवाट घण्टा तथा जूल में सम्बन्ध स्थापित कीजिए ।
अथवा किलोवाट घण्टा या यूनिट क्या है? इसकी परिभाषा दीजिए।
अथवा विद्युत ऊर्जा का व्यापारिक मात्रक क्या है? इसे जूल में निरूपित कीजिए |
उत्तर वाट की परिभाषा वाट, वैद्युत शक्ति या वैद्युत सामर्थ्य का मात्रक है। यदि किसी वैद्युत परिपथ में 1 जूल प्रति सेकण्ड की दर से ऊर्जा व्यय हो रही है, तो उस परिपथ की वैद्युत सामर्थ्य 1 वाट होगी । वाट को ऐम्पियर – वोल्ट भी लिख सकते हैं।
‘·’ वाट = जूल/सेकण्ड = कूलॉम × वोल्ट/सेकण्ड
= ऐम्पियर × सेकण्ड × वोल्ट/सेकण्ड = ऐम्पियर × वोल्ट
किलोवाट घण्टा (kWh) यह वैद्युत ऊर्जा का मात्रक है। इसे बोर्ड ऑफ ट्रेड यूनिट (BTU) भी कहते हैं। साधारण भाषा में इसे यूनिट कहा जाता है।
किसी परिपथ में जुड़े 1 किलोवाट के उपकरण में 1 घण्टे में व्यय होने वाली वैद्युत ऊर्जा, 1 किलोवाट घण्टा (kWh) अथवा 1 यूनिट कहलाती है।
1 किलोवाट घण्टा = 1 किलोवाट × 1 घण्टा
= 103 वाट × 60 × 60 सेकण्ड
= 103 जूल/सेकण्ड × 60 × 60 सेकण्ड
= 3600 × 103 जूल
= 3.6 × 106 जूल
प्रश्न 15. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
जर्मन वैज्ञानिक डॉ. जॉर्ज साइमन ओम ने सन् 1826 में विभिन्न धातु-चालकों के सिरों के बीच विभवान्तर लगाकर चालक में उत्पन्न धारा के लिए विभिन्न प्रेक्षणों के आधार पर एक निष्कर्ष निकाला, जिसे ओम का नियम कहते हैं।
इस नियमानुसार, यदि किसी चालक की भौतिक अवस्था (जैसे-त -ताप, दाब आदि) नियत रहें, तो चालक में उत्पन्न धारा (i) उसके सिरों के बीच आरोपित विभवान्तर के अनुक्रमानुपाती होती है अर्थात्
V ∝ i या V = Ri
जहाँ, R एक नियतांक है, जिसे विद्युत प्रतिरोध कहते हैं। चालक के सिरों के बीच आरोपित विभवान्तर और संगत धारा के बीच ग्राफ में एक सरल रेखा प्राप्त होती है। जिसका ढाल tane θ = V/i = नियतांक होता है।
(i) प्रतिरोध का मात्रक क्या होता है?
(ii) किसी धातु के कार की विद्युत प्रतिरोधकता किस पर निर्भर करती है?
उत्तर (i) प्रतिरोध का मात्रक वोल्ट/ऐम्पियर अथवा ओम होता है।
(ii) किसी धातु के तार की प्रतिरोधकता केवल पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करती है।
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. ‘वैद्युत विभव’ एवं ‘विभवान्तर’ में अन्तर समझाइए । सीमित आन्तरिक प्रतिरोध वाले सेल से जुड़े एक बाह्य प्रतिरोध के सिरों के च विभवान्तर और धारा मापन के लिए यन्त्रों की उचित स्थिति दिखाइए । अमीटर एवं वोल्टमीटर के बीच अन्तर को भी समझाइए ।
उत्तर
प्रश्न 2. समान्तर क्रम में जुड़े तीन प्रतिरोधों के तुल्य प्रतिरोध के लिए सूत्र स्थापित कीजिए |
उत्तर प्रतिरोधों के समान्तर क्रम संयोजन में सभी प्रतिरोधकों के एक सिरे को एक साथ परिपथ के एक बिन्दु A पर तथा दूसरे सिरे को एक साथ दूसरे बिन्दु B पर जोड़ा जाता है। इस प्रकार के संयोजन में प्रत्येक प्रतिरोध दो उभयनिष्ठ बिन्दुओं के बीच जुड़ा होता है।
अर्थात् समान्तर क्रम में जुड़े प्रतिरोधों के तुल्य प्रतिरोध का व्युत्क्रम उनके प्रतिरोधों के व्युत्क्रम के योग के बराबर होता है।
अतः समान्तर क्रम संयोजन में,
(i) सभी प्रतिरोधकों के सिरों के बीच विभवान्तर समान होता है।
(ii) सभी प्रतिरोधकों में प्रवाहित धाराएँ उनके प्रतिरोधों के व्युत्क्रमानुपाती होती हैं।
प्रश्न 3. श्रेणीक्रम में प्रतिरोधों को किस प्रकार जोड़ा जाता है? प्रतिरोधों के इस संयोजन के लिए सूत्र प्राप्त कीजिए ।
अथवा यदि तीन प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में जोड़ दिया जाए, तो इस संयोग के लिए उनके तुल्य प्रतिरोध का सूत्र स्थापित कीजिए ।
उत्तर श्रेणीक्रम संयोजन में प्रतिरोधों को क्रमश: इस प्रकार जोड़ा जाता है कि किसी प्रतिरोधक का दूसरा सिरा, अगले प्रतिरोधक के पहले सिरे से सम्बन्धित रहे। इस प्रकार के संयोजन में धारा के लिए केवल एक मार्ग रहता है, जिससे सभी प्रतिरोधों में धारा का मान समान रहता है।
अर्थात् श्रेणीक्रम में जुड़े प्रतिरोधों का तुल्य प्रतिरोध, उन प्रतिरोधों के योग के बराबर होता है। अतः श्रेणीक्रम संयोजन में,
(i) सभी प्रतिरोधकों में समान वैद्युत धारा बहती है ।
(ii) सभी प्रतिरोधकों के सिरों के बीच विभवान्तर उनके प्रतिरोधों के अनुक्रमानुपाती होते हैं।
प्रश्न 4. दिए गए पदार्थ के किसी l लम्बाई तथा A मोटाई के तार का प्रतिरोध 4 ओम है। इसी पदार्थ के किसी अन्य तार का प्रतिरोध क्या होगा, जिसकी लम्बाई l/2 तथा मोटाई 2A है?
प्रश्न 5. वैद्युत बल्ब का सिद्धान्त, संरचना एवं कार्यविधि समझाइए। इसका नामांकित चित्र बनाइए ।
अथवा वैद्युत बल्ब में कौन-सी गैस भरी जाती है और क्यों?
अथवा वैद्युत बल्ब से प्रकाश प्राप्त होने के सिद्धान्त को समझाइए |
उत्तर वैद्युत बल्ब का सिद्धान्त वैद्युत बल्ब धारा के ऊष्मीय प्रभाव पर आधारित है। किसी तार में वैद्युत धारा प्रवाहित करने पर उसमें ऊष्मा उत्पन्न होती है, जिससे तार का ताप बढ़ जाता है तथा बहुत अधिक ताप पर वह श्वेत तप्त होकर चमकने लगता है अर्थात् प्रकाश उत्पन्न होता है, वैद्युत बल्ब की संरचना यह काँच का एक खोखला गोला होता है, जिसके अन्दर निर्वात् उपस्थित होता है या इसमें कोई निष्क्रिय गैस; जैसे— नाइट्रोजन अथवा ऑर्गन भर देते हैं। इसके ऊपरी भाग पर पीतल की टोपी लगी रहती है, जिसके दोनों ओर दो पिन होती हैं। जो बल्ब को होल्डर में लगाने में सहायक होती हैं।
इसमें काँच की छड़ होती है, जिसके अन्दर ताँबे के मोटे तार होते हैं। तारों के अन्दर वाले सिरों पर टंगस्टन का बारीक तार कुण्डली के रूप में लगा रहता है, जिसे तन्तु कहते हैं। तन्तु टंगस्टन का इसलिए बनाया जाता है, क्योंकि इसके बहुत पतले तार बनाए जा सकते हैं और इसका गलनांक भी बहुत ऊँचा (3400°C) होता है। बल्ब को ऊपर से लाख या चमड़े से बन्द कर दिया जाता है, जिससे बाहर की वायु इसमें प्रवेश न कर सके।
कार्यविधि जब बल्ब में वैद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तो टंगस्टन का फिलामेन्ट गर्म होकर चमकने लगता है एवं प्रकाश देने लगता है। इससे वैद्युत ऊर्जा का रूपान्तरण प्रकाश और ऊष्मा में होता है। घरों में प्रयोग किए जाने वाले बल्ब विभिन्न सामर्थ्य के होते हैं। उन पर उनकी सामर्थ्य तथा विभवान्तर लिखे होते हैं।
साधारण कोटि तथा कम सामर्थ्य के बल्बों के भीतर निर्वात् होता है, परन्तु उच्च सामर्थ्य के बल्बों में निष्क्रिय गैसें; जैसे— नाइट्रोजन अथवा ऑर्गन भरते हैं, जिससे तन्तु का वाष्पीकरण नहीं हो पाता है तथा बल्ब की दक्षता व आयु भी बढ़ जाती है।
आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1. एक विद्युत बल्ब 80 वोल्ट पर संचालित करने पर 10 ऐम्पियर विद्युत धारा लेता है। बल्ब को 240 वोल्ट पर संचालित करने के लिए कितना प्रतिरोध उसके श्रेणीक्रम में जोड़ना चाहिए, जिससे यह उतनी ही धारा ले?
प्रश्न 2. 10 ओम, 20 ओम तथा 30 ओम के प्रतिरोध यदि (i) समान्तर क्रम (ii) श्रेणीक्रम में जोड़ दिए जाएँ, तो समतुल्य प्रतिरोध की गणना कीजिए ।
प्रश्न 3. (i) किसी 4 ओम प्रतिरोधक में प्रति सेकण्ड 100 जूल ऊष्मा उत्पन्न हो रही है। प्रतिरोधक के सिरों पर विभवान्तर ज्ञात कीजिए ।
(ii) 20 ओम प्रतिरोध की कोई विद्युत इस्तरी 5 A विद्युत धारा लेती है। 308 में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए ।
प्रश्न 4. नीचे दिए गए परिपथ में, 10 ओम, 40 ओम, 30 ओम, 20 ओम तथा 60 ओम के पाँच प्रतिरोध एक 12 वोल्ट की बैटरी से दिखाए अनुसार जुड़े हैं।
गणना कीजिए
(i) परिपथ में कुल (तुल्य) प्रतिरोध
(ii) परिपथ में प्रवाहित सम्पूर्ण धारा
प्रश्न 5. एक चालक पर सामान्य अवस्था से 5 इलेक्ट्रॉन अधिक हैं। चालक पर आवेश की मात्रा एवं प्रकृति बताइए ।
(इलेक्ट्रॉन पर आवेश, e = 1.6 × 10-19 कूलॉम)
हल आवेश (q) = ne = 5 × 16 × 10-19 = 8.0 × 10-19 कूलॉम चूँकि चालक पर आवेश की अधिकता है, अतः आवेश की प्रकृति ऋणात्मक होगी।
प्रश्न 6. एक वैद्युत परिपथ के किसी चालक में बहने वाली वैद्युत धारा का मान 10 ऐम्पियर है। प्रति सेकण्ड इससे बहने वाले • इलेक्ट्रॉनों की संख्या की गणना कीजिए। एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश 1.6 × 10-19 कूलॉम है।
प्रश्न 7. किसी वैद्युत बल्ब के तन्तु से 0.5 ऐम्पियर वैद्युत धारा 10 मिनट तक प्रवाहित होती है। वैद्युत परिपथ से प्रवाहित वैद्युत आवेश का परिमाण ज्ञात कीजिए ।
हल दिया है, धारा (I) = 0.5 ऐम्पियर
समय (t) = 10 मिनट = 10 × 60 = 600 सेकण्ड
∴ प्रवाहित वैद्युत आवेश (q) = It
= 0.5 × 600 = 300 कूलॉम
प्रश्न 8. किसी वैद्युत चालक में 3.75 × 1020 इलेक्ट्रॉन प्रति मिनट की दर से बह रहे हैं। उस चालक में बहने वाली वैद्युत धारा की गणना कीजिए। एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश 1.6 × 10-19 कूलॉम है।
प्रश्न 9. एक तार (प्रतिरोधक) के सिरों का विभवान्तर 1.5 वोल्ट है। इसमें धारा प्रवाहित होने पर 20 सेकण्ड में 15 जूल ऊर्जा उत्पन्न होती है। तार में प्रवाहित धारा के मान की गणना कीजिए ।
हल दिया है, तार के सिरों के बीच विभवान्तर, V = 1.5 वोल्ट
प्रवाहित धारा से उत्पन्न ऊर्जा, W = 15 जूल
प्रवाहित धारा का समय = 20 सेकण्ड
प्रश्न 10. बिन्दु A से बिन्दु B की ओर 108 इलेक्ट्रॉन, 10-4 सेकण्ड में प्रवाहित होते हैं। कितनी वैद्युत धारा किस दिशा में प्रवाहित होगी ?
प्रश्न 11. किसी l लम्बाई तथा A अनुप्रस्थ परिच्छेद के तार पर प्रतिरोध 4 ओम है। इसी पदार्थ के किसी अन्य तार का प्रतिरोध क्या होगा, जिसकी लम्बाई l/2 तथा अनुप्रस्थ परिच्छेद का क्षेत्रफल 2A है ?
प्रश्न 12. दिए गए परिपथ में, (i) कुल प्रतिरोध, (ii) सेल से प्रवाहित धारा तथा (iii) 0.8 Ω प्रतिरोध के सिरों पर विभवान्तर ज्ञात कीजिए ।
प्रश्न 13. लोहे के एक तार की लम्बाई l1, अनुप्रस्थ- काट का क्षेत्रफल A1 व प्रतिरोध 5 ओम है। यदि इसका तापक्रम बदले बिना इसकी लम्बाई दोगुनी कर दी जाए, जिससे उसके आयतन में भी कोई अन्तर न आए, तो नए तार के प्रतिरोध की गणना कीजिए ।
प्रश्न 14. नीचे दिए गए परिपथ में 10 Ω, 40 Ω 20 Ω, 30 Ω और 60 Ω के पाँच प्रतिरोध दिखाए गए अनुसार 18 वोल्ट की एक बैटरी से जुड़े हैं।
प्रश्न 15. निम्नलिखित चित्र में, बिन्दुओं A तथा C के बीच तुल्य प्रतिरोध ज्ञात कीजिए |
प्रश्न 16. 20 ओम, 24 ओम तथा 30 ओम प्रतिरोध वाले तीन तार (i) श्रेणीक्रम में तथा (ii) समान्तर क्रम में जुड़े हैं। प्रत्येक दशा में तुल्य प्रतिरोध ज्ञात कीजिये ।
प्रश्न 17. दिए गए परिपथ में A एवं B के मध्य तुल्य प्रतिरोध तथा 5Ω प्रतिरोध के सिरों के बीच विभवान्तर की गणना कीजिए।
प्रश्न 18. 5 ओम प्रतिरोध के तार के साथ कितने ओम का प्रतिरोधक तार समान्तर क्रम में जोड़ा जाए कि इनका परिणामी प्रतिरोध 4 ओम हो जाए?
प्रश्न 19. दिए गए परिपथ में ज्ञात कीजिए
(i) A तथा B के मध्य प्रतिरोध,
(ii) परिपथ में प्रवाहित धारा (I),
(iii) A तथा B के मध्य विभवान्तर तथा
(iv) 3 ओम के प्रतिरोध के सिरों पर विभवान्तर
प्रश्न 20. दो वैद्युत प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में जोड़ने पर उनका तुल्य प्रतिरोध 25 ओम आता है। इनको समान्तर क्रम में जोड़ने पर तुल्य प्रतिरोध 4 ओम आता है। प्रत्येक वैद्युत प्रतिरोध का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
प्रश्न 21. निम्न परिपथ में प्रवाहित होने वाली धारा का मान ज्ञात कीजिए तथा सेल के सिरों के मध्य वोल्टता ज्ञात कीजिए ।
प्रश्न 22. 500 वाट का रेफ्रिजरेटर 12 घण्टे प्रतिदिन उपयोग में लाया जाता है। रेफ्रिजरेटर द्वारा 30 दिन तक कितनी किलोवाट घण्टा ऊर्जा का प्रयोग किया जाता है?
प्रश्न 23. नीचे दिए गए चित्र में ज्ञात कीजिए
(i) तुल्य प्रतिरोध,
(ii) परिपथ की धारा
(iii) 3 ओम प्रतिरोध वाले चालक के सिरों का विभवान्तर ।
प्रश्न 24. दिए गए परिपथ में ज्ञात कीजिए
(i) A व C बिन्दुओं के मध्य तुल्य प्रतिरोध,
(ii) परिपथ में धारा का मान तथा
(iii) A व B के बीच विभवान्तर ।
प्रश्न 25. निम्नांकित परिपथ में गणना कीजिए
(i) A और B बिन्दुओं के मध्य तुल्य प्रतिरोध,
(ii) बैटरी से प्रवाहित धारा का मान तथा
(iii) A और B के मध्य विभवान्तर ।
प्रश्न 26. निम्न परिपथ में ज्ञात कीजिए
(i) तुल्य प्रतिरोध,
(ii) परिपथ में कुल धारा तथा
(iii) A व B बिन्दुओं के बीच विभवान्तर ।
प्रश्न 27. निम्नलिखित परिपथ में 3 ओम के प्रतिरोध से प्रवाहित धारा का मान ज्ञात कीजिए |
प्रश्न 28. निम्न चित्र में प्रतिरोधक R1 = 15 ओम, R2 = 10 ओम, R3 = 30 ओम, R4 = 5 ओम, R6 = 20 ओम व बैटरी 18 वोल्ट है।
इस परिपथ में कुल प्रतिरोध व वैद्युत धारा की गणना कीजिए।
प्रश्न 29. संलग्न परिपथ में ज्ञात कीजिए
(i) तुल्य प्रतिरोध,
(ii) परिपथ में प्रवाहित कुल वैद्युत धारा तथा
(iii) A व B बिन्दुओं के बीच विभवान्तर ।
प्रश्न 30. 3 ओम प्रतिरोध के 8 प्रतिरोधों को किस मिश्रित समायोजन से जोड़ा जाए कि उनका परिणामी प्रतिरोध 16 ओम हो ? गणना करके बताइए |
प्रश्न 31. 1. 5 वोल्ट के एक सेल का आन्तरिक प्रतिरोध 0.5 ओम है। इस सेल द्वारा प्राप्त अधिकतम धारा का मान क्या होगा?
हल दिया है, वैद्युत वाहक बल (E) = 1.5 वोल्ट
आन्तरिक प्रतिरोध (r) = 0.5 ओम
सेल द्वारा प्राप्त अधिकतम धारा (I) = E/r = 1.5/0.5
= 3 ऐम्पियर
प्रश्न 32. दिए गए वैद्युत परिपथ में सेल का आन्तरिक प्रतिरोध ज्ञात कीजिए ।
प्रश्न 33. निम्न परिपथ में ज्ञात कीजिए
(i) परिपथ का तुल्य प्रतिरोध तथा
(ii) परिपथ में प्रवाहित धारा ।
प्रश्न 34. किसी वैद्युत भट्टी की तप्त प्लेट दो प्रतिरोधक कुण्डलियों A तथा B की बनी हैं, जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 24 ओम है तथा इन्हें पृथक्-पृथक्, श्रेणीक्रम में अथवा समान्तर क्रम में संयोजित करके उपयोग किया जा सकता यदि यह भट्टी 220 वोल्ट वैद्युत स्रोत से संयोजित की जाती है, तो तीनों प्रकरणों में प्रवाहित वैद्युत धाराएँ क्या हैं?
प्रश्न 35. निम्न परिपथ में 1.5 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है। ज्ञात कीजिए [
(i) प्रतिरोध R का मान तथा
(ii) A व B के बीच विभवान्तर ।
प्रश्न 36. किसी परिपथ में 10 ऐम्पियर की धारा 4 सेकण्ड तक प्रवाहित की जाती है। यदि परिपथ का प्रतिरोध 10 ओम है, तो ज्ञात कीजिए
(i) परिपथ में प्रवाहित कुल इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा
(ii) उत्पन्न ऊष्मा ।
हल दिया है; धारा (I) = 10 ऐम्पियर, समयं (t) = 4 सेकण्ड,
प्रतिरोध (R) = 10 ओम
प्रश्न 37. आपके घर के वैद्युत मीटर पर ( 250 वोल्ट – 20 ऐम्पियर ) लिखा हुआ है। आप इस मीटर से अपने घर में अधिकतम कितना वैद्युत भार (किलोवाट में) संचालित कर सकते हैं?
प्रश्न 38. 60 वाट-220 वोल्ट तथा 100 वाट – 220 वोल्ट के दो वैद्युत बल्ब श्रेणीक्रम में 220 वोल्ट के वैद्युत मेंस से संयोजित किए गए हैं। दोनों प्रवाहित होने वाली वैद्युत धाराओं की गणना कीजिए ।
प्रश्न 39. एक वैद्युतीय उपकरण पर लिखा है 2.3 किलोवाट व 230 वोल्ट । इसके पूरी क्षमता से कार्य करने पर इससे कितनी वैद्युत धारा का प्रवाह होगा? इसके प्रतिरोध की गणना कीजिए। यह भी गणना कीजिए कि यदि इसे 10 घण्टे तक कार्य करने दिया जाए, तो इसमें कितने किलोवाट घण्टा की वैद्युत ऊर्जा व्यय होगी?
प्रश्न 40. 100 वाट 200 वोल्ट के एक बल्ब को 200 वोल्ट के वैद्युत मेन्स से जोड़ा जाता है। बल्ब का प्रतिरोध तथा उसमें बहने वाली धारा की गणना कीजिए ।
प्रश्न 41. 250 वोल्ट, 5 ऐम्पियर फ्यूज वाले परिपथ में 25 वाट के कितने बल्ब जल सकते हैं?
प्रश्न 42. 2 ओम के तीन प्रतिरोधक A, B तथा C नीचे चित्र में दर्शाए अनुसार संयोजित हैं। इनमें प्रत्येक ऊर्जा क्षय करता है तथा बिना पिघले 18 वाट की अधिकतम शक्ति सहन कर सकता है। तीनों प्रतिरोधकों से प्रवाहित हो सकने वाली अधिकतम धारा ज्ञात कीजिए ।
प्रश्न 43. 220 वोल्ट की विद्युत लाइन पर उपयोग किए जाने वाले बहुत से बल्बों का अनुमतांक 10 वाट है। यदि 220 वोल्ट लाइन से अनुमत अधिकतम विद्युत धारा 5 ऐम्पियर है, तो इस लाइन के दो तारों के बीच कितने बल्ब समांतर क्रम में संयोजित किए जा सकते हैं?
प्रश्न 44. निम्न विद्युत परिपथ में R1 = 10 Ω R2 = R3 = 20 Ω तथा R4 = R5 = R6 = 30 Ω हैं।
परिपथ को 12 वोल्ट की बैटरी से संयोजित किया गया है। गणना करके बताइए कि परिपथ का कुल प्रतिरोध कितना है तथा बैटरी से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है ?
प्रश्न 45. 2 Ω, 3 Ω तथा 4 Ω के प्रतिरोधों को 24 वोल्ट समान्तर क्रम में जोड़ा जाता है। इस संयोजन को 24 वोल्ट की बैटरी से जोड़ा जाता है। बैटरी से संयोजन में प्रवाहित धारा की गणना कीजिए।
हल समान्तर क्रम में प्रतिरोधों के संयोजन करने पर प्रतिरोध,
प्रश्न 46. 2 ओम, 3 ओम तथा 6 ओम के तीन प्रतिरोधों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन का कुल प्रतिरोध
(i) 4: 4 ओम
(ii) 1 ओम हो ?
हल (i) 3 ओम तथा 6 ओम के प्रतिरोधों को समांतर क्रम में संयोजित कर उनके साथ 2 ओम प्रतिरोध को श्रेणीक्रम में जोड़ने पर तुल्य प्रतिरोध 4 ओम प्राप्त होता है।
प्रश्न 47. एक तार के सिरों पर 1.5 वोल्ट विभवान्तर लगाने पर 0.5 ऐम्पियर वैद्युत धारा प्रवाहित होती है। यदि तार की लम्बाई 3 मी और अनुप्रस्थ- काट 6 × 10-6 मी? हो, तो इसके प्रतिरोधकता की गणना कीजिए |
प्रश्न 48. 2 ओम, 3 ओम तथा 5 ओम के प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में जोड़ा गया है। यदि संयोजन के दोनों सिरों पर 30 वोल्ट का विभवान्तर लगा हो, तो प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों के बीच विभवान्तर ज्ञात कीजिए ।
हल तीन प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जुड़े हैं, तब परिपथ का कुल प्रतिरोध,
2 ओम के प्रतिरोध का विभवान्तर = 3 × 2 = 6 वोल्ट
3 ओम के प्रतिरोध का विभवान्तर = 3 × 3 = 9 वोल्ट
5 ओम के प्रतिरोध का विभवान्तर = 3 × 5 = 15 वोल्ट
प्रश्न 49. दो बल्ब, जिनमें से एक पर 100 W, 20 V तथा दूसरे पर 60 W, 220 V अंकित हैं, विद्युत आपूर्ति 220 V के साथ समान्तर क्रम में जुड़े हैं। विद्युत में से कितनी धारा ली जाएगी? प्रत्येक बल्ब का प्रतिरोध, उनका तुल्य प्रतिरोध तथा उनसे ली गई अलग-अलग धारा का मान बताइए |

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