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UP Board Class 10 Science Chapter 2 अम्ल, क्षार तथा लवण

UP Board Class 10 Science Chapter 2 अम्ल, क्षार तथा लवण

UP Board Solutions for Class 10 Science Chapter 2 अम्ल, क्षार तथा लवण

फास्ट ट्रैक रिवीज़न
अम्ल
वे पदार्थ जिनका स्वाद खट्टा होता है तथा जो नीले लिटमस पेपर को लाल कर देते हैं, अम्ल कहलाते हैं। अम्ल शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द ‘ऐसीड्स’ से हुई है जिसका अर्थ होता है ‘खट्टा’। अतः वे पदार्थ जिनमें अम्ल उपस्थित होते हैं, खट्टे होते हैं। उदाहरण सिरका, सिट्रस फल ( नींबू, संतरा, आदि) तथा इमली में क्रमश: ऐसीटिक, सिट्रिक तथा टार्टरिक अम्ल उपस्थित होते हैं, जिसके कारण ये स्वाद में खट्टे होते हैं।
आर्हेनियस के आयनिक सिद्धान्त के अनुसार, वे पदार्थ जो जलीय विलयन में वियोजित होकर केवल हाइड्रोजन आयन (H+) देते हैं तथा हाइड्रोजन आयन (H+) के अतिरिक्त कोई अन्य धनायन नहीं देते, अम्ल कहलाते हैं। अतः स्पष्ट है, कि सभी अम्लों में हाइड्रोजन तत्व उपस्थित होता है।
अम्लों के रासायनिक गुण
(i) धातुओं से अभिक्रिया अम्ल विभिन्न सक्रिय धातुओं; जैसे- जिंक (Zn), सोडियम (Na), मैग्नीशियम (Mg) आदि से क्रिया द्वारा हाइड्रोजन गैस उत्सर्जित करते हैं।
(ii) धातु कार्बोनेटों तथा हाइड्रोजन कार्बोनेटों से अभिक्रिया चूना पत्थर ( lime stone), खड़िया (chalk) एवं संगमरमर (marble) कैल्सियम कार्बोनेट के विविध रूप हैं।
(iii) धातु-ऑक्साइडों के साथ अभिक्रिया अम्ल, धातु ऑक्साइडों से क्रिया करके लवण एवं जल बनाते हैं।
क्षारक या भस्म
वे पदार्थ, जिनका स्वाद तीखा तथा कड़वा होता है तथा स्पर्श साबुन जैसा चिकना होता है, क्षारक कहलाते हैं। ये लाल लिटमस को नीला कर देते हैं।
आर्हेनियस के आयनिक सिद्धान्त के अनुसार, क्षार वे पदार्थ हैं, जो जलीय विलयन में वियोजित अथवा आयनित होकर ऋणावेशित आयनों के रूप में केवल हाइड्रॉक्साइड आयन (OH) देते हैं।
क्षारों के रासायनिक गुण
(i) धातुओं से अभिक्रिया प्रबल क्षार क्रियाशील धातुओं से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस उत्सर्जित करते हैं। अत: इन्हें सक्रिय धातुओं के पात्र में नहीं रखा जाता है।
(ii) अधातु-ऑक्साइडों से अभिक्रिया अधातु ऑक्साइड अम्लीय ऑक्साइड होते हैं अतः क्षार की इनसे अभिक्रिया के परिणामस्वरूप लवण व जल प्राप्त होता है।
अम्लों / क्षारों के जलीय विलयन
जल की उपस्थिति में अम्ल H+ आयन देते हैं, परन्तु ये स्वतन्त्र अवस्था में नहीं रह सकते। अतः H+ आयन जल के अणुओं से संयुक्त होकर H3O+ (हाइड्रोनियम आयन) का निर्माण करते हैं। अतः यह कहा जा सकता है, कि जलीय विलयन में अम्ल, H+ आयन या (H3O+) आयन देते हैं,
अम्लों तथा क्षारों के मध्य अभिक्रिया
अम्ल, क्षारों से क्रिया करके उनके प्रभाव नष्ट कर देते हैं तथा लवण व जल का निर्माण करते हैं। लवण व जल बनने की यह अभिक्रिया उदासीनीकरण अभिक्रिया कहलाती है।
अम्लों तथा क्षारों की प्रबलता
जिन अम्लों तथा क्षारों के आयेनन की मात्रा अधिक होती है, उन्हें क्रमशः प्रबल अम्ल तथा प्रबल क्षार कहते हैं।
इसी प्रकार, जिन अम्लों तथा क्षारों के आयनन की मात्रा कम होती है, उन्हें क्रमशः दुर्बल अम्ल तथा दुर्बल क्षार कहते हैं।
अम्ल या क्षार पर तनुता का प्रभाव
किसी अम्ल या क्षार की जल के साथ अभिक्रिया तनुकरण कहलाती है, जिससे प्रति एकांक आयतन में उपस्थित (H3O+ / OH) आयन की सान्द्रता में कमी हो जाती है।
सूचक
वे पदार्थ, जिनका उपयोग किसी अनुमापन में अन्तिम बिन्दु या उदासीन बिन्दु को निर्धारित करने के लिए किया जाता है, सूचक कहलाते हैं।
सूचक निम्न प्रकार के होते हैं
(i) प्राकृतिक सूचक
(ii) संश्लेषित सूचक
(iii) गन्धयुक्त सूचक
(iv) सार्वत्रिक सूचक
उदाहरण लिटमस पेपर, फीनॉल्फ्थैलीन, मेथिल ऑरेन्ज, आदि।
pH मान
सोरेन्सन ने बताया कि, किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन सान्द्रता के ऋणात्मक लघुगणक को उस विलयन का pH मान कहते हैं।
अर्थात् किसी विलयन का pH मान उसमें उपस्थित हाइड्रोजन आयनों के ग्राम आयन (या मोल) प्रति लीटर में सान्द्रण के ऋणात्मक लघुगणक के बराबर होता है या अन्य शब्दों में, pH मान हाइड्रोजन आयन सान्द्रण के व्युत्क्रम का लघुगणक होता है।
  • यदि pH मान > 7, तब विलयन क्षारीय होगा।
  • यदि pH मान<7, तब विलयन अम्लीय होगा।
  • यदि pH मान = 7, तब विलयन उदासीन होगा।
दैनिक जीवन में pH का महत्त्व
(i) पौधों एवं जन्तुओं की pH के प्रति संवेदनशीलता जीव जगत् में जीव शरीर 7.0 से 7.8 pH परास के मध्य ही कार्य करता है। वर्षा जल के pH का मान 5.6 से कम होने पर यह अम्लीय वर्षा कहलाती है। इसके नदी के जल में मिलने से जलीय प्राणियों का अस्तित्व कठिन हो जाता है।
(ii) मिट्टी की pH पौधे के प्रत्येक भाग की उत्तम वृद्धि के लिए उचित pH परास की आवश्यकता होती है। पौधे की प्रकृति के अनुसार pH मान का निर्धारण किया जाता है।
(iii) हमारे पाचन तंत्र का pH हमारे उदर में स्थित HCI अम्ल भोजन के पाचन में सहायक होता है, अधिक मात्रा में HCI का उत्पादन, उदर में गंभीर दर्द व जलन उत्पन्न कर देता है। जिससे मुक्त होने के लिए प्रतिअम्ल ( antacid) लेना पड़ता • है। यह HCI की अधिक मात्रा को अभिक्रिया द्वारा उदासीन कर देता है। मिल्क ऑफ मैग्नीशिया (मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड) प्रतिअम्ल का एक अच्छा उदाहरण है।
(iv) pH परिवर्तन के कारण दंत-क्षय मुँह के pH का मान 5.5 से कम अर्थात् अधिक अम्लीय होने पर दाँतों का क्षयं प्रारम्भ हो जाता है। दाँतों की सुरक्षा के लिए, दाँतों पर कैल्सियम फॉस्फेट का इनैमल होता है, जिसका pH, 5.5 से कम होने पर संक्षारण हो जाता है। उचित दंत मंजन (क्षारीय प्रकृति का होने के कारण) के प्रयोग द्वारा दंत-क्षय को रोका जा सकता है।
लवण
किसी अम्ल तथा क्षार की उदासीनीकरण अभिक्रिया से प्राप्त आयनिक यौगिक को लवण कहते हैं।
आर्हेनियस के आयनिक सिद्धान्त के अनुसार, लवण को जल में घोलने पर यह अपने अवयवी आयनों में वियोजित हो जाता है। लवण के जलीय विलयन में धनायन व ऋणायन उपस्थित होते हैं।
धनायनों को भास्मिक या क्षारीय मूलक तथा ऋणायनों को अम्लीय मूलक कहा जाता है। क्योंकि लवण का धनायन क्षार से एवं ऋणायन अम्ल से प्राप्त होता है।
लवणों के जल- अपघटन द्वारा प्राप्त विलयन की प्रकृति इसके द्वारा प्राप्त अम्ल तथा क्षारों की प्रबलता पर निर्भर करती हैं। लवण सामान्यतः अवाष्पशील, गन्धहीन तथा विद्युतसंयोजक होते हैं।
1. साधारण नमक
रासायनिक नाम – सोडियम क्लोराइड अणुसूत्र – NaCl
HCl एवं NaOH की अभिक्रिया से उत्पन्न लवण सोडियम क्लोराइड (NaCl) कहलाता है।
यह एक उदासीन लवण है। साधारण नमक (NaCl) द्वारा कई उपयोगी पदार्थ जैसे-सोडियम हाइड्रॉक्साइड, बेकिंग सोडा, वाशिंग सोडा, विरंजक चूर्ण आदि प्राप्त किए जा सकते हैं। इसे खनिज नमक भी कहा जाता है।
2. कॉस्टिक सोडा
रासायनिक नाम-सोडियम हाइड्रॉक्साइड अणु सूत्र – NaOH सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विद्युत प्रवाह द्वारा, NaCl वियोजित होकर NaOH उत्पन्न करता है। यह प्रक्रिया क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहलाती है।
उपयोग सोडियम हाइड्रॉक्साइड का उपयोग धातुओं से ग्रीज हटाने में, साबुन तथा अपमार्जक, कागज निर्माण में, कृत्रिम फाइबर आदि के निर्माण में होता है।
3. विरंजक चूर्ण
रासायनिक नाम कैल्सियम क्लोरोहाइपोक्लोराइट अथवा क्लोराइट ऑफ लाइम अथवा क्लोरीनेटेड लाइम
सामान्य नाम ब्लीचिंग पाउडर
अणुसूत्र Ca(OCI) CI अथवा CaOCl2
निर्माण की विधि औद्योगिक स्तर पर इसे हेसन- क्लेवर अथवा बैचमैन विधियों द्वारा शुष्क बुझे चूने पर क्लोरीन गैस की क्रिया द्वारा प्राप्त करते हैं।
उपयोग इसका उपयोग सूती तथा लिनेन वस्त्रों तथा लकड़ी की लुग्दी के विरंजन, पेयजल के शोधन (जीवाणुनाशक के रूप में), क्लोरोफॉर्म के निर्माण, यौगिकों के ऑक्सीकरण तथा चीनी को सफेद करने हेतु आदि में किया जाता है।
नोट विरंजक चूर्ण मिश्रण है, इसका अणुसूत्र तथा अणुभार नहीं होता है।
4. खाने का सोडा/बेकिंग सोडा
रासायनिक नाम सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट अथवा सोडियम बाइकार्बोनेट
अणु सूत्र NaHCO3
अणुभार 84
निर्माण की विधि प्रयोगशाला में इसे सोडियम कार्बोनेट के ठण्डे जलीय विलयन में कार्बन डाइऑक्साइड गैस प्रवाहित करके बनाया जाता है।
उपयोग इसे बेकिंग पाउडर (बेकिंग सोडा तथा पोटैशियम हाइड्रोजन टारट्रेट का . मिश्रण), झागयुक्त पेय पदार्थों, आमाशय की अम्लता को दूर करने वाली औषधि (प्रतिअम्ल के रूप में) के निर्माण में, चर्म रोग के निदान में, कच्चे दूध के फटने के समय को बढ़ाने हेतु तथा आग बुझाने वाले यन्त्रों आदि में प्रयुक्त किया जाता है।
5. धावन सोडा / धोने का सोडा
रासायनिक नाम सोडियम कार्बोनेट डेकाहाइड्रेट
सामान्य नाम सोडा ऐश या क्रिस्टलीय सोडियम कार्बोनेट
अणुभार 286
अणु सूत्र Na2CO3.10H2O
निर्माण की विधि बेकिंग सोडा को गर्म करके सोडियम कार्बोनेट प्राप्त करते हैं। तथा इसके पुनः जलीय-क्रिस्टलीकरण द्वारा धावन सोडा प्राप्त किया जाता है।
उपयोग इसे कपड़े धोने के सोडे के रूप में, जल की कठोरता दूर करने में, काँच, कागज, कॉस्टिक सोडा, डिटर्जेन्ट पाउडर आदि के निर्माण में, प्रयोगशाला  अभिकर्मक के रूप में, जीवाणुनाशक तथा रोगाणुरोधकों के रूप में प्रयोग किया जाता है।
6. प्लास्टर ऑफ पेरिस
रासायनिक नाम कैल्सियम सल्फेट हेमिहाइड्रेट
सामान्य नाम प्लास्टर ऑफ पेरिस
निर्माण की विधि जब कैल्सियम सल्फेट डाइहाइड्रेट (अर्थात् जिप्सम ) को 373 K ताप पर गर्म किया जाता है, तो निर्जलीकरण के द्वारा प्लास्टर ऑफ पेरिस का निर्माण होता है।
उपयोग
  • इसका उपयोग टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने के लिए प्लास्टर चढ़ाने में किया जाता है।
  • इसका उपयोग सजावटी सामान जैसे- मूर्तियाँ व खिलौनों के निर्माण में किया जाता है।
  • इसका उपयोग दन्त चिकित्सा, दीवारों को चिकना बनाने तथा उन पर अलंकरण कार्य करने में भी किया जाता है।
  • इसे अग्निरोधक पदार्थ के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।
क्रिस्टलन-जल
लवण के इकाई सूत्र में स्थित, जल के निश्चित अणुओं की संख्या को क्रिस्टल का जल अर्थात् क्रिस्टलन-जल कहते हैं। जैसे- कॉपर सल्फेट (नीला थोथा) के इकाई सूत्र CuSO4 · 5H2O में पाँच अणु जल के उपस्थित होते हैं। इसी प्रकार, Na2CO3. 10H2O में 10 अणु क्रिस्टलन जल के होते है।
जल के निकल जाने पर अणु ऐनहाइड्राइड अणु कहलाता है।
खण्ड अ बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1. शून्य pH वाला विलयन होता है।
(a) अम्लीय
(b) क्षारीय
(c) उदासीन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (a) अम्लीय प्रकृति
प्रश्न 2. प्लास्टर ऑफ पेरिस की जल से अभिक्रिया कराने पर बनता है
(a) इप्सम
(b) जिप्सम
(c) चूना पत्थर
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (b) जिप्सम
प्रश्न 3. हाइड्रोजन आयन [H+] की प्रकृति है
(a) अम्लीय
(b) क्षारीय
(c) उदासीन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (a) अम्लीय
प्रश्न 4. अम्लीय विलयन का pH मान है
(a) 7
(b) 7 से कम
(c) 7 से अधिक
(d) शून्य
उत्तर (b) 7 से कम
प्रश्न 5. सिट्रस फल (नींबू, संतरा आदि) में …….. उपस्थित होता है, जिसके कारण ये स्वाद में खट्टे होते हैं।
(a) ऐसीटिक अम्ल
(b) सिट्रिक अम्ल
(c) टार्टरिक अम्ल
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (b) सिट्रिक अम्ल
प्रश्न 6. क्षारक के साथ हल्दी का रंग होता है
(a) पीला
(b) नारंगी
(c) भूरा-लाल
(d) अपरिवर्तित रहता है
उत्तर (c) भूरा-लाल
प्रश्न 7. निम्नलिखित में से कौन-सा अम्लीय लवण है?
(a) NaCl
(b) NaHSO4
(c) Na2SO4
(d) KCN
उत्तर (b) NaHSO4
प्रश्न 8. धावन सोडा के एक अणु में जल के अणुओं की संख्या हैं।
(a) 2
(b) 5
(c) 8
(d) 10
उत्तर (d) जल के अणुओं की संख्या = 10
प्रश्न 9. उदासीन घोल का pH मान है।
(a) 7
(b) 14
(c) 1
(d) 5
उत्तर (a) pH मान = 7
प्रश्न 10. सल्फ्यूरिक अम्ल में अम्लीय हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या हैं
(a) 2
(b) 1
(c) 3
(d) शून्य
उत्तर (a) परमाणुओं की संख्या = 2
प्रश्न 11. ऐसीटिक अम्ल की क्षारकता होती है
अथवा ऐसीटिक अम्ल में अम्लीय हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या हैं
(a) 1
(b) 2
(c) 3
(d) 4
उत्तर (a) अम्लीय H परमाणुओं की संख्या = 1
प्रश्न 12. सल्फर डाइऑक्साइड का जलीय विलयन होता है।
(a) अम्लीय
(b) क्षारीय
(c) उदासीन
(d) उभयधर्मी
उत्तर (a) अम्लीय
प्रश्न 13. क्षारीय विलयन का pH है
(a) शून्य
(b) 7
(c) 7 से कम
(d) 7 से अधिक
उत्तर (d) 7 से अधिक
प्रश्न 14. ऐसीटिक अम्ल एक दुर्बल अम्ल है, क्योंकि
(a) इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है
(b) इसमें आयनन की मात्रा कम होती है
(c) यह एक कार्बनिक अम्ल है।
(d) यह एक अकार्बनिक अम्ल है
उत्तर (b) इसमें आयनन की मात्रा कम होती है।
प्रश्न 15. एक विलयन नीले लिटमस को लाल कर देता है। इसका pH मान होगा [2022]
(a) 6
(b) 7
(c) 8
(d) 10
उत्तर (a) pH = 6, अम्ल है।
प्रश्न 16. बेकिंग पाउडर का एक अवयव सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट है तथा दूसरा ……. है।
(a) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(b) टार्टरिक अम्ल
(c) ऐसीटिक अम्ल
(d) सल्फ्यूरिक अम्ल
उत्तर (b) टार्टरिक अम्ल
प्रश्न 17. जल की कठोरता को हटाने के लिए निम्न में से किसका उपयोग किया जाता है?
(a) बेकिंग सोडा
(b) धावन सोडा
(c) विरंजक चूर्ण
(d) प्लास्टर ऑफ पेरिस
उत्तर (b) धावन सोडा
प्रश्न 18. अम्लीय वर्षा के जल का सम्भावित pH मान है।
(a) 5.2
(b) 6.2
(c) 7.2
(d) 8.2
उत्तर (a) pH मान = 5.2
प्रश्न 19. शुद्ध जल का pH मान है
(a) 0
(b) 1
(c) 7
(d) 14
उत्तर (c) pH मान = 7
प्रश्न 20. H2SO4 विलयन का pH मान है।
(a) 0
(b) 7
(c) 7 से कम
(d) 7 से अधिक
उत्तर (c) 7 से कम
प्रश्न 21. क्षारीय विलयन में फीनॉल्पथैलीन सूचक का रंग होता है
(a) लाल
(b) पीला
(c) नीला
(d) रंगहीन
उत्तर (a) लाल रंग
प्रश्न 22. निम्नलिखित में से कौन-सा तत्व तनु अम्ल के साथ संयोग करके हाइड्रोजन गैस निकालता है?
(a) क्लोरीन
(b) ताँबा
(c) जस्ता (जिंक)
(d) सल्फर
उत्तर (c) जस्ता (जिंक)
प्रश्न 23. धोने के सोडा का रासायनिक सूत्र है
(a) NaHCO3
(b) Na2CO3 · 10H2O
(c) CaOCl2
(d) NaOH
उत्तर (b) Na2CO3 . 10H2O
प्रश्न 24. एक विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है। इसका pH मान सम्भव है
(a) 1
(b) 3
(c) 6
(d) 8
उत्तर (d) pH मान संभवतः = 8
प्रश्न 25. Na2CO3 का प्रचलित नाम है
(a) ब्लीचिंग पाउडर (विरंजक चूर्ण)
(b) बेकिंग पाउडर
(c) धावन सोडा
(d) प्लास्टर ऑफ पेरिस
उत्तर (c) धावन सोडा
प्रश्न 26. निम्नलिखित में से मेथिल ओरेन्ज मिलाने पर कौन-सा लाल हो जाता है?
(a) NaCl (जलीय)
(b) H2SO4 ( जलीय)
(c) KOH (जलीय)
(d) ग्लूकोस (जलीय)
उत्तर (b) H2SO4
प्रश्न 27. बेकिंग पाउडर को गर्म करने से कौन-सी गैस निकलती है?
(a) CO
(b) Na2CO3
(c) CO2
(d) O2
उत्तर (c) CO, गैस
प्रश्न 28. सोडियम कार्बोनेट के जलीय विलयन में कार्बन डाइऑक्साइड गैस अधिकता से प्रवाहित करने पर प्राप्त होने वाला पदार्थ है
प्रश्न 29. अम्ल एवं क्षारक की अभिक्रिया से प्राप्त होता है
(a) हाइड्रोजन
(b) ऑक्सीजन
(c) क्लोरीन
(d) लवण तथा जल
उत्तर (d) लवण तथा जल
प्रश्न 30. प्लास्टर ऑफ पेरिस का सूत्र है
प्रश्न 31. दाँतों का क्षय कब प्रारम्भ होता है
(a) मुँह का pH 5.5 से अधिक होने पर
(b) मुँह का pH 5.5 से कम होने पर
(c) मुँह का pH 7 होने पर
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर (b) मुँह का pH 5.5 से कम होने पर दाँतो के इनेमल का क्षय होने लगता है।
प्रश्न 32. साधारण नमक को रसोईघर में उपयोग करने के अतिरिक्त निम्न को बनाने हेतु कच्चे पदार्थ के रूप में भी उपयोग किया जाता है
(i) वाशिंग सोडा
(ii) ब्लीचिंग पाउडर
(iii) बेकिंग सोडा
(iv) बुझा हुआ चूना
(a) (iv), (ii) तथा (iii)
(b) (i), (ii) तथा (iv)
(c) (i), (ii) तथा (iii)
(d) (i), (iii) तथा (iv)
उत्तर (c) (i), (ii) तथा (iii)
प्रश्न 33. कोई जलीय विलयन ‘A’ फीनॉल्फ्थैलीन विलयन को गुलाबी कर देता है। विलयन ‘A’ में किसी अन्य जलीय विलयन ‘B’ को मिलाने पर गुलाबी रंग विलुप्त हो जाता है । विलयनों ‘A’ और ‘B’ के लिए कौन-सा कथन सत्य है ?
(a) A प्रबल क्षारीय है तथा B दुर्बल क्षार है।
(b) A प्रबल अम्लीय है तथा B दुर्बल अम्ल है।
(c) A का pH 7 से अधिक तथा B का pH 7 से कम है।
(d) A का pH 7 से कम तथा B का pH 7 से अधिक है।
उत्तर (c) A का pH 7 से अधिक तथा B का pH 7 से कम है।
प्रश्न 34. जब सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट को ऐसीटिक अम्ल में मिलाया जाता है, तो एक गैस उत्सर्जित होती है। इस गैस के सम्बन्ध में निम्न में से कौन-से कथन सत्य हैं?
(i) यह चूने के पानी को दूधिया कर देती है।
(ii) यह एक जलते हुए लकड़ी के टुकड़े को बुझा देती है।
(iii) यह सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में घुल जाती है।
(iv) इसकी गन्ध तीव्र होती है।
(a) (i) तथा (ii)
(b) (i), (ii) तथा (iii)
(c) (ii), (iii) तथा (iv)
(d) (i) तथा (iv)
उत्तर (b) (i), (ii) तथा (iii)
प्रश्न 35. सूची I में दिए गए पदार्थों का सुमेलन सूची II में दिए गए पदार्थों के अनुप्रयोगों से कीजिए ।
प्रश्न 36. सूची I में दिए गए रासायनिक पदार्थों का सुमेलन सूची II में दिए गए उपयोगों से कीजिए ।
निर्देश (प्र. सं. 37-39) इन प्रश्नों में दो कथन – अभिकथन (A) और कारण (R) दिए गए हैं। इन प्रश्नों के उत्तर नीचे दिए गए अनुसार उचित विकल्प को चुनकर दीजिए
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R) द्वारा (A) की सही व्याख्या हो रही है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R) द्वारा (A) की सही व्याख्या नहीं हो रही है।
(c) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है।
प्रश्न 37. अभिकथन (A) किसी विलयन में H+ आयन का सान्द्रण 1 × 10-7 से अधिक होता है, तो विलयन अम्लीय होता है।
कारण (R) H+ आयन का सान्द्रण 1 × 10-7 से कम हो, तो विलयन क्षारीय होता है।
उत्तर (b) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R) द्वारा (A) की सही व्याख्या नहीं हो रही है।
प्रश्न 38. अभिकथन (A) हमारा शरीर 7.0 से 7.8 pH परास के बीच कार्य करता है।
कारण (R) जल का pH अम्लीय वर्षा के कारण 7 से अधिक हो जाता है, तो जलीय जीवधारियों की उत्तरजीविता कठिन हो जाती है।
उत्तर (c) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है।
प्रश्न 39. अभिकथन (A) अम्ल या क्षार की तनुकरण प्रक्रिया में अम्ल या क्षार को धीरे-धीरे तथा जल को लगातार हिलाते हुए जल में मिलाना चाहिए कारण (R) जल में अम्ल या क्षारक के घुलने की प्रक्रिया अत्यन्त ऊष्माक्षेपी होती है।
उत्तर (a) (A) और (R) दोनों सही है तथा (R) द्वारा (A) की सही व्याख्या हो रही है।
खण्ड ब वर्णनात्मक प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न-I
प्रश्न 1. अम्ल और क्षारक की आधुनिक अवधारणा क्या है? प्रत्येक का एक-एक उदाहरण देते हुए स्पष्ट कीजिए । सम्बन्धित रासायनिक समीकरण भी लिखिए |
अथवा अम्ल तथा क्षार से आप क्या समझते हैं?
अथवा अम्ल तथा भस्म की आधुनिक अवधारणा दीजिए। एक प्रबल अम्ल तथा एक दुर्बल क्षार का नाम भी लिखिए ।
उत्तर अम्ल वे पदार्थ हैं, जो जलीय विलयन में आयनित होकर हाइड्रोजन आयन (H+) अथवा हाइड्रोनियम आयन (H3O+ ) देते हैं।
प्रश्न 2. किसी प्रबल अम्ल तथा प्रबल क्षार की उदासीनीकरण ऊष्मा स्थिर होती है। क्यों?
उत्तर प्रबल अम्ल तथा प्रबल क्षार तनु विलयन में पूर्णतया आयनित होकर H+ (हाइड्रोजन आयन) तथा OH (हाइड्रॉक्साइड आयन) देते हैं, जो संयोग करके H2O (जल) बना लेते हैं, अतः प्रबल अम्ल तथा प्रबल क्षार की उदासीनीकरण ऊष्मा वास्तव में H+ तथा OH आयनों द्वारा जल (H2O) के एक अणु के निर्माण की ऊष्मा (सम्भवन ऊष्मा) है, जिसका मान सदैव – 13.7 किलोकैलोरी होता है। यही कारण है कि प्रबल अम्ल तथा प्रबल क्षार की उदासीनीकरण ऊष्मा का मान सदैव स्थिर ( अर्थात् (- 13.7 किलोकैलोरी) होता है।
प्रश्न 3. हाइड्रोजन आयन सान्द्रण से क्या तात्पर्य है? उदासीन विलयन में हाइड्रोजन आयन सान्द्रण का मान कितना होता है ?
उत्तर हाइड्रोजन आयन सान्द्रण किसी जलीय विलयन के एक लीटर आयतन में उपस्थित हाइड्रोजन के मोलों की संख्या को उस विलयन का हाइड्रोजन आयन सान्द्रण कहते हैं। इसे [H+] द्वारा प्रदर्शित करते हैं। उदासीन विलयन में हाइड्रोजन आयन सान्द्रण का मान 1 × 10-7 मोल प्रति लीटर होता है।
प्रश्न 4. जल का आयनिक गुणनफल क्या है ? 25°C पर इसका मान लिखिए ।
अथवा जल का आयनिक गुणनफल क्या है? स्पष्ट करें।
उत्तर जल का आयनिक गुणनफल स्थिर ताप पर यह जल में उपस्थित हाइड्रोजन आयनों के सान्द्रण [H+] तथा हाइड्रॉक्साइड आयनों के सान्द्रण [OH ] गुणनफल के बराबर होता है। इसे Kω से प्रदर्शित करते हैं ।
अर्थात् Kω = [H+] [OH ]
25°C पर जल के आयनिक गुणनफल का मान लगभग 1 × 10-14 होता है।
प्रश्न 5. pH की परिभाषा दीजिए। इसका हाइड्रोजन आयन सान्द्रण से क्या सम्बन्ध है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन सान्द्रता के ऋणात्मक लघुगणक को उस विलयन का pH मान कहते हैं।
यह समीकरण किसी विलयन के pH मान तथा उसमें उपस्थित हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता में सम्बन्ध को भी व्यक्त करती है।
प्रश्न 6. ब्लीचिंग पाउडर (विरंजक चूर्ण) की निर्माण विधि लिखिए |
अथना विरंजक चूर्ण प्राप्त करने की विधि का रासायनिक समीकरण तथा दो उपयोग लिखिए।
अथवा ब्लीचिंग पाउडर का जलशोधन में उपयोग लिखिए।
उत्तर रासायनिक नाम कैल्सियम अथवा कैल्सियम ऑक्सीक्लोराइड क्लोरोहाइपोक्लोराइट
सामान्य नाम ब्लीचिंग पाउडर अणुसूत्र Ca(OCI) CI अथवा CaOCl2
निर्माण की विधि औद्योगिक स्तर पर इसे हेसन- क्लेवर अथवा बैचमैन विधियों द्वारा शुष्क बुझे चूने पर क्लोरीन गैस की क्रिया द्वारा प्राप्त करते हैं।
उपयोग इसका उपयोग सूती तथा लिनेन वस्त्रों तथा लकड़ी की लुग्दी के विरंजन, पेयजल के शोधन (जीवाणुनाशक के रूप में), क्लोरोफॉर्म के निर्माण, यौगिकों के ऑक्सीकरण तथा चीनी को सफेद करने हेतु आदि में किया जाता है।
प्रश्न 7. धावन सोडा का रासायनिक नाम तथा अणु सूत्र लिखिए। इसके बनाने की विधि का केवल रासायनिक समीकरण लिखिए ।
अथवा धावन सोडा बनाने का रासायनिक समीकरण तथा इसका एक उपयोग भी लिखिए
उत्तर धावन सोडा का रासायनिक नाम सोडियम कार्बोनेट डेकाहाइड्रेट
प्रश्न 8. प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाने की एक विधि लिखिए तथा इसकी जल के साथ रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
अथवा प्लास्टर ऑफ पेरिस का सूत्र लिखिए। इससे जिप्सम कैसे प्राप्त करेंगे?
अथवा प्लास्टर ऑफ पेरिस बनाने की विधि तथा एक उपयोग लिखिए।
अथवा प्लास्टर ऑफ पेरिस से जिप्सम प्राप्त करने का रासायनिक समीकरण लिखिए |
अथवा प्लास्टर ऑफ पेरिस की जल के साथ अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए |
निर्माण की विधि जब कैल्सियम सल्फेट डाइहाइड्रेट (अर्थात् जिप्सम ) को 120°C ताप पर गर्म किया जाता है, तो निर्जलीकरण के द्वारा प्लास्टर ऑफ पेरिस का निर्माण होता है।
जल से क्रिया इसकी जल से अभिक्रिया कराने पर जिप्सम का निर्माण होता है। इसे प्लास्टर ऑफ पेरिस का जमना (Setting of plaster of Paris) कहते हैं। यह क्रिया ऊष्माक्षेपी होती है।
प्लास्टर ऑफ पेरिस के जमने से आयतन में प्रसार होता है ।
उपयोग इसका उपयोग टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने के लिए प्लास्टर चढ़ाने में किया जाता है।
प्रश्न 9. धातु के साथ अम्ल की अभिक्रिया होने पर सामान्यतः कौन-सी गैस निकलती है? एक उदाहरण के द्वारा समझाइए | इस गैस की उपस्थिति की जाँच आप कैसे करेंगे?
उत्तर सामान्यतया जब कोई धातु तनु अम्लों (HCl अथवा H2SO4 आदि) से अभिक्रिया करती है, तो हाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती है। इस गैस अर्थात् हाइड्रोजन के परीक्षण हेतु एक जलती हुई मोमबत्ती परखनली के मुँह के पास लाने पर वह धड़ाके (पॉप) की आवाज के साथ जलती है।
प्रश्न 10. सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के विलयन को गर्म करने पर क्या होगा ? इस अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर बुदबुदाहट के साथ रंगहीन, गंधहीन कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्सर्जित होगी । इस अभिक्रिया के लिए समीकरण निम्न है।
लघु उत्तरीय प्रश्न-II
प्रश्न 1. निम्न अभिक्रिया के लिए पहले शब्द- समीकरण लिखिए तथा उसके बाद सन्तुलित समीकरण लिखिए |
(i) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल दानेदार जिंक के साथ अभिक्रिया करता है।
(ii) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्नीशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है।
(iii) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल ऐल्युमिनियम चूर्ण के साथ अभिक्रिया करता है।
(iv) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लौह की रेतन के साथ अभिक्रिया करता है।
प्रश्न 2. परखनली A एवं B में समान लम्बाई की मैग्नीशियम की पट्टी लीजिए। परखनली A में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) तथा परखनली B में ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH) डालिए । किस परखनली में अधिक तेजी से बुदबुदाहट होगी तथा क्यों?
उत्तर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl), ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH) की अपेक्षा अधिक प्रबल अम्ल है । अत: HCl द्वारा उत्पन्न H+ (aq) आयनों की संख्या ऐसीटिक अम्ल की अपेक्षा अधिक होगी। अतः HCl की अभिक्रिया मैग्नीशियम के साथ अधिक तीव्रता से होगी व तेजी से बुदबुदाहट के साथ H2 गैस उत्पन्न होगी।
प्रश्न 3. सूचक क्या हैं? एक उदाहरण की सहायता से अम्ल-क्षार सूचकों के अम्लीय तथा क्षारीय माध्यम में रंग परिवर्तन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर सूचक ये वे रंजक (Dye) हैं, जो किसी अम्ल अथवा क्षार के सम्पर्क में आने पर अपना रंग परिवर्तित कर लेते हैं। इनका अम्लीय तथा क्षारीय माध्यमों में रंग भिन्न-भिन्न होता है। अतः pH मान में उचित परिवर्तन के साथ इनके रंग में परिवर्तन हो जाता है।
उदाहरण लिटमस पेपर, मेथिल ऑरेन्ज, फीनॉल्फ्थैलीन, आदि ।
प्रयोगशाला में अम्लों तथा क्षारों के परीक्षण के लिए लिटमस पेपर सूचक का प्रयोग किया जाता है। यह निम्नलिखित दो प्रकार का होता है
(i) नीला लिटमस पेपर
(ii) लाल लिटमस पेपर
अम्ल नीले लिटमस पेपर को लाल कर देते हैं तथा लाल लिटमस पेपर पर कोई प्रभाव नहीं डालते हैं।
क्षार लाल लिटमस पेपर को नीला कर देते हैं तथा नीले लिटमस पेपर पर कोई प्रभाव नहीं डालते हैं।
प्रश्न 4. पाँच विलयनों A, B, C, D तथा E की जब सार्वत्रिक सूचक से जाँच की जाती है, तो pH के मान क्रमशः 4, 1, 11, 7 एवं 9 प्राप्त होते हैं।
कौन-सा विलयन
(i) उदासीन है?
(ii) प्रबल क्षारीय है?
(iii) प्रबल अम्लीय है?
(iv) दुर्बल अम्लीय है?
(v) दुर्बल क्षारीय है?
PH के मानों को हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता के आरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए |
उत्तर
अम्लीय विलयनों का pH मान 7 से कम होता है, जबकि क्षारकीय विलयनों का 7 से अधिक। उदासीन विलयन का pH मान 7 होता है।
(i) D उदासीन है (pH = 7)
(ii) C प्रबल क्षारीय है ( pH = 11 )
(iii) B प्रबल अम्लीय है ( pH = 1 ) है
(iv) A दुर्बल अम्लीय है (pH = 4 )
(v) E दुर्बल क्षारीय है (pH = 9)
किसी विलयन का pH मान जितना कम होता है, उसमें H+ आयनों की सान्द्रता उतनी ही अधिक होती है।
अत: H+ आयनों की सान्द्रता का आरोही क्रम इस प्रकार है
विलयन C < E <D <A <B
pH मान (11) (9) (7) (4) (1)
प्रश्न 5. निम्नलिखित पर ताप का प्रभाव लिखिए (केवल रासायनिक समीकरण लिखिए )
(i) प्लास्टर ऑफ पेरिस (ii) सोडियम बाइकार्बोनेट
उत्तर (i) प्लास्टर ऑफ पेरिस पर ताप का प्रभाव कैल्सियम सल्फेट अर्द्ध-हाइड्रेट को 120°C से अधिक ताप पर गर्म किया जाता है, तो निर्जलीय प्लास्टर प्राप्त होता है। इसे मृत तापित प्लास्टर कहा जाता है।
400°C से अधिक ताप पर गर्म करने पर कैल्सियम सल्फेट का अपघटन हो जाता है। जिसके फलस्वरूप कैल्सियम ऑक्साइड प्राप्त होता है तथा SO2 और O2 गैसें मुक्त होती हैं।
प्रश्न 6. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
जल की उपस्थिति में अम्ल H+ आयन देते हैं, परन्तु यह स्वतन्त्र अवस्था में नही रह सकते। अतः ये H3O+ (हाइड्रोनियम आयन) के रूप में रहते हैं। किसी अम्ल या क्षारक को जल में विलेय करने के पश्चात् प्राप्त जलीय विलयन विद्युत का चालन करता है क्योंकि अम्ल या क्षारक के जलीय विलयन में मुक्त आयन उपस्थित होते हैं।
उदाहरण
अम्ल या क्षार के जल में मिलाने की प्रक्रिया को तनुकरण (dilution) कहते है। तनुकरण करने पर विलयन में प्रतिइकाई आयतन में क्रमशः H3O+ या OH आयनों की सान्द्रता में कमी आ जाती है। इसे ही तनुता कहा जाता है।
जब अम्ल या क्षार को जल में मिलाया जाता हे तो ये आयनित (dilution) होकर अपने आयन बनाते है।
(i) जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य में क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयन (OH) की सान्द्रता कैसे प्रभावित होती है?
(ii) अम्ल का जलीय विलयन विद्युत का चालन क्यों करता है?
उत्तर (i) जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में आधिक्य में क्षारक मिलाते हैं तो हाइड्रॉक्साइड आयनों की सान्द्रता बढ़ जाती है क्योंकि सोडियम हाइड्रॉक्साइड भी एक क्षारक है तथा दो क्षारकों के मिलने से प्राप्त OH आयनों की सान्द्रता बढ़ जाती है।
(ii) अम्ल में जल मिलाने पर यह आयनीकृत होकर अपने आयन मुक्त करता है। (विलयन में उपस्थित) मुक्त आयन ही विद्युत का चालन करते हैं।
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. (i) प्रबल एवं दुर्बल अम्ल क्या है? अम्लों की निम्नलिखित सूची से प्रबल अम्लों को दुर्बल अम्लों से पृथक् कीजिए ।
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, साइट्रिक अम्ल, ऐसीटिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल, फॉर्मिक अम्ल, सल्फ्यूरिक अम्ल ।
(ii) ऊष्मण के द्वारा आप बेकिंग पाउडर तथा धावन सोडा में विभेद कैसे करोगे?
उत्तर (i) प्रबल अम्ल वे अम्ल जो अपने जलीय विलयन में पूर्णतया आयनित होकर अत्यधिक मात्रा में हाइड्रोजन आयन (H+) या हाइड्रोनियम आयन (H3O+) उत्पन्न करते हैं, प्रबल अम्ल कहलाते हैं।
दुर्बल अम्ल वे अम्ल जो अपने जलीय विलयन में पूर्णतया आयनित नहीं होते तथा विलयन में कम हाइड्रोजन आयन (H+) या हाइड्रोनियम आयन (H3O+) उत्पन्न करते हैं, दुर्बल अम्ल कहलाते हैं।
सूची में दिए गए अम्लों में
प्रबल अम्ल हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl), नाइट्रिक अम्ल (HNO3), सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4)।
दुर्बल अम्ल ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH), फॉर्मिक अम्ल (HCOOH) तथा साइट्रिक अम्ल (C6H8O7)
(ii) बेकिंग सोडा (NaHCO3) को गर्म करने पर कार्बन डाइऑक्साइड गैस (CO2) उत्सर्जित होती है यह चूने के पानी में प्रवाहित होकर इसे दूधिया कर देती है।
प्रश्न 2. pH मान क्या है? दैनिक जीवन में pH का महत्त्व बताइए ।
उत्तर सोरेन्सन ने बताया कि, किसी विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयन सान्द्रता के ऋणात्मक लघुगणक को उस विलयन का pH मान कहते हैं।
दैनिक जीवन में pH को महत्त्व
(i) पौधों एवं जन्तुओं की pH के प्रति संवेदनशीलता जीव जगत् में जीव, न्यून PH मान क्षेत्र परास में ही जीवित रह पाते हैं। सामान्यतया इनका शरीर 7.0 से 7.8 pH परास के मध्य ही कार्य करता है। नदी के जल का pH मान कम होने पर जलीय प्राणियों का अस्तित्व कठिन हो जाता है।
(ii) मिट्टी की pH पौधे के प्रत्येक भाग की उत्तम वृद्धि के लिए उचित pH परास की आवश्यकता होती है। उचित pH परास ज्ञात करने के लिए, मिट्टी के नमूने की जाँच करके pH का मान ज्ञात किया जाता है। पौधे की प्रकृति के अनुसार मिट्टी के pH मान का निर्धारण किया जाता है।
(iii) पाचन तन्त्र का pH हमारे उदर में भोजन के पाचन के लिए हाइड्रोक्लोरिक अम्ल उत्पन्न होता है। अपच के दौरान यह अधिक मात्रा में उत्पन्न होकर उदर में दर्द और जलन उत्पन्न करता है। इसके उपचार के लिए प्रतिअम्ल जैसे मिल्क ऑफ मैगनीशिया ( मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड) जो एक दुर्बल क्षारक है, का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 3. बेकिंग पाउडर का रासायनिक नाम तथा अणु सूत्र क्या है? इसको बनाने की विधि तथा दो प्रमुख रासायनिक गुण समीकरण देते हुए लिखा लिखिए।
अथवा खाने का सोडा बनाने की विधि का रासायनिक समीकरण लिखिए। इस परताप का प्रभाव भी लिखिए।
अथवा खाने का सोडा बनाने की विधि लिखिए | इसे धावन सोडे में कैसे परिवर्तित करेंगे? सम्बन्धित समीकरण भी लिखिए।
अथवा बेकिंग पाउडर (खाने के सोडे) का रासायनिक नाम तथा अणुसूत्र लिखिए। इसके बनाने की विधि का केवल रासायनिक समीकरण लिखिए |
अथवा बेकिंग सोड़ा बनाने की विधियाँ रासायनिक समीकरण सहित लिखिए |
उत्तर बेकिंग पाउडर सोडियम बाइकार्बोनेट (बेकिंग सोडा) तथा पोटैशियम हाइड्रोजन टारट्रेट का मिश्रण बेकिंग पाउडर कहलाता है।
(i) बेकिंग सोडे का रासायनिक नाम सोडियम बाइकार्बोनेट अथवा सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट
(ii) अणु सूत्र NaHCO3
निर्माण विधि
(i) इसे प्रयोगशाला में धावन सोडे (सोडियम कार्बोनेट) के जलीय विलयन में कार्बन डाइऑक्साइड गैस प्रवाहित करके प्राप्त किया जाता है।
Na2CO3 + H2O + CO2 → 2NaHCO3
(ii) सोडियम क्लोराइड की अभिक्रिया, अमोनिया, जल व कार्बन डाइऑक्साइड से करवाने पर बेंकिग सोडा ( सोडियम बाइकार्बोनेट) प्राप्त होता है।
रासायनिक गुण इसके प्रमुख रासायनिक गुण निम्नलिखित हैं
(i) ताप का प्रभाव इसे 100°C से अधिक ताप तक गर्म करने पर यह अपघटित होकर सोडियम कार्बोनेट बनाता है।
(ii) अम्ल के साथ क्रिया यह अम्लों के साथ क्रिया करके सोडियम लवण, जल तथा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित करता है।
क्या होता है? जब
प्रश्न 4. केवल रासायनिक समीकरण दीजिए।
(i) सोडियम कार्बोनेट के विलयन में कार्बन डाइऑक्साइड गैस प्रवाहित करते हैं।
(ii) सोडियम बाइकार्बोनेट पर ताप का प्रभाव ।
अथवा खाने के सोडे अथवा सोडियम बाइकार्बोनेट को गर्म करते हैं ।
(iii) सोडियम बाइकार्बोनेट तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया करता है।
(iv) ब्लीचिंग पाउडर कार्बन डाइऑक्साइड से अभिक्रिया करता है।
(v) ब्लीचिंग पाउडर को तनु ऐसीटिक अम्ल के साथ गर्म करते हैं।
(vi) अमोनियम क्लोराइड (नौसादर) को बुझे चूने (कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड) के साथ गर्म करते हैं।
(vii) अमोनियम क्लोराइड (नौसादर) को गर्म करते हैं।
(viii) प्लास्टर ऑफ पेरिस को गर्म किया जाता है।
(ix) विरंजक चूर्ण की क्रिया तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से करायी जाती है।
(x) जिप्सम को गर्म किया जाता है।
अथवा जिप्सम को 373 K पर गर्म किया जाता है।
(xi) शुष्क (बुझे) चूने की अभिक्रिया शुष्क Cl2 गैस से करायी जाती है।
अथवा बुझे हुए चूने में क्लोरीन गैस प्रवाहित की जाती है।
(xii) कार्बन डाइऑक्साइड गैस को चूने के पानी में प्रवाहित किया जाता है।
अथवा चूने के पानी में देर तक CO2 गैस प्रवाहित की जाती है।
(xiii) सोडियम आक्सॉइड की जल से अभिक्रिया करायी जाती है।
उत्तर
कैसे प्राप्त करोगे ?
प्रश्न 5. केवल रासायनिक समीकरण दीजिए ।
(i) बेकिंग पाउडर से धावन सोडा
(ii) अमोनियम क्लोराइड से अमोनिया
(iii) विरंजक चूर्ण से क्लोरीन
(iv) सोडियम क्लोराइड से सोडियम बाइकार्बोनेट
(v) जिप्सम से प्लास्टर ऑफ पेरिस
उत्तर
अभिक्रिया पूर्ण कीजिए
प्रश्न 6. निम्नलिखित अभिक्रियाओं को पूर्ण एवं संतुलित कीजिए तथा मुख्य-उत्पाद का नाम लिखिए।
     
आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1. pH 4 मान के विलयन में H+ आयनों की सान्द्रता बताइए | इस विलयन की प्रकृति बताइए |
हल    [H+] = 10-pH
∴       [H+] = 10-4 मोल / लीटर
क्योंकि इस विलयन का pH मान 7 से कम है, अतः विलयन की प्रकृति अम्लीय होगी।
प्रश्न 2. एक विलयन में हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता 10-9 M है। इस विलयन का pH मान परिकलित कीजिए तथा बताइए, कि विलयन अम्लीय है या क्षारीय ।
हल विलयन में H+ आयनों की सान्द्रता = 10-9 M
क्योंकि इस विलयन का pH मान 9 ( अर्थात् 7 से अधिक) है अर्थात् विलयन क्षारीय हैं।
प्रश्न 3. एक विलयन में H+ की मात्रा 40 × 10-9 मोल प्रति लीटर है।
विलयन का pH मान ज्ञात कीजिए । विलयन की प्रकृति क्या है ?
 (log10 2 = 0.3010)
क्योंकि इस विलयन का pH मान 7 से अधिक है। अतः विलयन की प्रकृति क्षारीय होगी।
प्रश्न 4. हाइड्रोजन आयन सान्द्रण क्या है? एक विलयन में हाइड्रॉक्साइड आयन का सान्द्रण 1 × 10-8 मोल प्रति लीटर है। इस विलयन का pH मान ज्ञात कीजिए ।
हल हाइड्रोजन आयन सान्द्रण किसी विलयन के 1 लीटर में उपस्थित हाइड्रोजन आयनों के मोलों की संख्या हाइड्रोजन सान्द्रण कहलाती है।
pOH व OH आयन की सान्द्रता के सम्बन्ध से,
pOH = – log[OH ]
विलयन में OH आयनों की सान्द्रता 1 × 10-8 मोल प्रति लीटर है।
प्रश्न 5. 10-8 M सान्द्रता वाले HCl विलयन का pH मान परिकलित कीजिए ।
हल प्रथम दृष्ट्या ऐसा प्रतीत होता है कि [H+] = 10-8 है तो इस विलयन का PH 8 होना चाहिए। लेकिन विलयन का pH 8 ना होकर 7 से कम होगा क्योंकि विलयन अम्लीय है।
(HCl का जलीय विलयन अम्लीय होता है । )
अतः विलयन में उपस्थित कुल [H+] आयन = जल के आयनन से प्राप्त [H+] + अम्ल से प्राप्त [H+]

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