UP Board Class 10 Science Chapter 4 कार्बन तथा इसके यौगिक
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UP Board Solutions for Class 10 Science Chapter 4 कार्बन तथा इसके यौगिक
फास्ट ट्रैक रिवीज़न
कार्बन में सहसंयोजी आबन्ध
तत्वों के परमाणुओं के मध्य इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी से बने आबन्ध को सहसंयोजी आबन्ध कहते हैं। कार्बन का परमाणु क्रमांक 6 है। इसका अर्थ है, कि एक कार्बन परमाणु में 6 इलेक्ट्रॉन होते हैं। कार्बन परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
है।
इससे स्पष्ट है, कि कार्बन परमाणु के बाह्यतम कोश (L-कोश) में 4 इलेक्ट्रॉन होते हैं।
कार्बन परमाणु अपना अष्टक पूर्ण करने के लिए अपने संयोजी इलेक्ट्रॉनों का कार्बन के अन्य परमाणु अथवा दूसरे तत्वों के परमाणुओं के साथ साझा कर लेता है। इस प्रकार का बन्ध संहसंयोजक बन्ध कहलाता है।
कार्बन के अपररूप एवं उनके गुण
यदि कोई तत्व, विभिन्न भौतिक रूपों में पाया जाता है, तो वे, उस तत्व के अपररूप कहलाते हैं।
कार्बन के तीन प्रमुख अपररूप निम्नलिखित हैं
हीरा यह रंगहीन, पारदर्शी, अत्यधिक कठोर तथा उच्च अपवर्तन गुणांक के कारण अत्यन्त चमकीला है। हीरा प्रकृति में उपलब्ध पदार्थों में सबसे कठोर है । यह विद्युत का कुचालक है, परन्तु इसका गलनांक तथा ऊष्मीय चालकता अत्यधिक होती है।
ग्रेफाइट यह काले-भूरे रंग का अपारदर्शी पदार्थ है। यह हीरे से हल्का, मुलायम एवं स्पर्श करने पर चिकना होने की अनुभूति देता है। यह विद्युत का अच्छा सुचालक है, परन्तु ऊष्मा का कुचालक है। ग्रेफाइट सर्वाधिक स्थायी अपररूप है।
फुलेरीन C60 का नाम बकमिन्स्टर फुलेरीन (Buckminster Fullerence) या बकी बॉल (Bucky Ball) C60 की संरचना फुटबॉल जैसी होने के कारण रखा गया है। गोलाकार अणुओं के रूप में परस्पर जुड़े 60 कार्बन परमाणुओं के गुच्छों युक्त फुलेरीन कार्बन का अपररूप है। बकमिन्स्टर फुलेरीन के एक अणु में 60 कार्बन परमाणु, षट्भुजीय और पंजभुजीय वलयों में व्यवस्थित होते हैं। C60 सर्वाधिक क्रियाशील अपररूप है
कार्बनिक यौगिक : जैव शक्ति सिद्धान्त
मूलरूप से कार्बनिक यौगिकों को प्राकृतिक पदार्थों से ही प्राप्त किया गया था। अतः यह माना गया कि इन यौगिकों के संश्लेषण के लिए एक ” जैविक शक्ति” आवश्यक थी।
1828 में फ्रेडरिक वोहलर ने अमोनियम सायनेट से यूरिया बनाकर इसे असत्य प्रमाणित किया।
कार्बन के ऑक्साइड, कार्बोनेट तथा हाइड्रोजन कार्बोनेट लवण को छोड़कर कार्बन के सभी यौगिक कार्बनिक यौगिक कहलाते हैं।
हाइड्रोकार्बन
कार्बन तथा हाइड्रोजन के द्वारा बने हुए कार्बनिक यौगिक हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं।
(i) संतृप्त हाइड्रोकार्बन संतृप्तं हाइड्रोकार्बन ऐल्केन या पैराफीन कहलाते हैं। इनमें सभी कार्बन परमाणु परस्पर एकल बन्धों द्वारा जुड़े रहते हैं। इनका सामान्य सूत्र CnH2n+2 होता है तथा इनके नामकरण में अनुलग्न ” ऐन” प्रयुक्त किया जाता है।
उदाहरण CH4 (मेथेन), C2H6 (एथेन) आदि।
(ii) असंतृप्त हाइड्रोकार्बन वे हाइड्रोकार्बन, जिनमें दो कार्बन परमाणुओं के मध्य कम-से-कम एक, द्वि या त्रि-बन्ध उपस्थित होता है, असंतृप्त हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं।
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन दो प्रकार के होते हैं
(a) ऐल्कीन वे हाइड्रोकार्बन, जिनमें कार्बन – कार्बन के मध्य एक द्वि-बन्ध उपस्थित होता है, ऐल्कीन या ओलिफीन कहलाते हैं। इनका सामान्य सूत्र CnH2n होता है। उदाहरण C2H4 (एथीन)।
(b) ऐल्काइन वे हाइड्रोकार्बन, जिनमें कार्बन-कार्बन के मध्य एक त्रि-बन्ध उपस्थित होता है, ऐल्काइन कहलाते हैं। इनका सामान्य सूत्र CnH2n-2 होता है।
उदाहरण C2H2 (एथाइन) ।
समावयवता
वह परिघटना, जिसमें यौगिकों के आण्विक सूत्र तो समान होते हैं, लेकिन वे भौतिक अथवा रासायनिक गुणधर्म में भिन्नता दर्शाते हैं, समावयवता कहलाती है तथा ये यौगिक समावयवी कहलाते हैं।
ऐसे यौगिक जिनका आण्विक सूत्र समान, परन्तु संरचना भिन्न हो संरचनात्मक समावयवी कहलाते हैं।


नोट क्रियात्मक समूह की सजातीय श्रेणी मुक्त संयोजकता को एक रेखा द्वारा दर्शाया गया है।
सजातीय श्रेणी
जब कार्बनिक यौगिक का सामान्य सूत्र व क्रियात्मक समूह समान होता है तथा इन्हें अणुभार 14 के अन्तर से घटते हुए या बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित किया जाए तो एक श्रेणी का निर्माण होता है, इसे सजातीय श्रेणी कहते हैं। एक सजातीय श्रेणी के प्रत्येक यौगिक को एक-दूसरे का सजात कहते हैं।
उदाहरण ऐल्केन श्रेणी सामान्य सूत्र (CnH2n+2) : CH4 मेथेन, C2H6 एथेन, C3H8 प्रोपेन, C4H10 ब्यूटेन आदि ।
कार्बनिक यौगिकों के नामकरण की IUPAC पद्धति
IUPAC पद्धति में कार्बनिक यौगिकों का नामकरण निम्नलिखित क्रम में किया जाता है- पूर्वलग्न → मूल शब्द → प्राथमिक अनुलग्न → द्वितीयक अनुलग्न

कार्बनिक यौगिकों के रासायनिक गुण
1. दहन
कार्बन, अपने सभी अपररूपों में ऑक्सीजन के साथ दहन करने पर कार्बन डाइऑक्साइड के साथ-साथ ऊष्मा तथा प्रकाश देते हैं। अधिकांश कार्बनिक यौगिक भी जलकर ऊष्मा तथा प्रकाश देते हैं। ये ऑक्सीकरण अभिक्रियाएँ होती हैं।
CH4 + 2O2 → CO2 + 2H2O + ऊष्मा + प्रकाश
2. ऑक्सीकरण
ऑक्सीजन का जुड़ना अथवा हाइड्रोजन का अलग होना ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहलाती है। कार्बनिक यौगिकों को ऑक्सीकृत करने वाले पदार्थ ऑक्सीकारक कहलाते हैं।
केवल ऑक्सीकरण से ही ऐल्कोहॉल, ऐल्डिहाइड में तथा ऐल्डिहाइड अम्ल में परिवर्तित हो जाता है।
3. योगात्मक अभिक्रिया
वह अभिक्रिया, जिसमें दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एक उत्पाद बनाते हैं। योगात्मक अभिक्रिया कहलाती है।
उदाहरण पैलेडियम या निकेल जैसे उत्प्रेरकों की उपस्थिति में असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में हाइड्रोजन के योग द्वारा संतृप्त हाइड्रोकार्बन बनते हैं।

निकेल उत्प्रेरक का उपयोग करके साधारणतः वनस्पति तेलों के हाइड्रोजनीकरण में इस अभिक्रिया का उपयोग किया जाता है।
4. प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ
वे अभिक्रियाएँ, जिनमें किसी कार्बनिक अणु के किसी एक या एक से अधिक परमाणु या परमाणु समूह का किसी अन्य परमाणु या परमाणु समूह के द्वारा प्रतिस्थापन हो जाता है, प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
उदाहरण मेथेन की क्रिया सूर्य के धुंधले प्रकाश की उपस्थिति में क्लोरीन से कराने पर इसके एक-एक करके चारों H परमाणु Cl द्वारा प्रतिस्थापित हो जाते हैं।

ईंधन
वे पदार्थ, जो जलने पर प्रकाश एवं ऊष्मा देते हैं, ईंधन कहलाते हैं। जैसे- कार्बन, हाइड्रोकार्बन आदि।
वे ईंधन, जो लम्बे समय पूर्व प्रागैतिहासिक पौधों तथा जन्तुओं (जीवाश्मों) के धरती में चट्टानों की परतों के नीचे दब गए थे, उनके विघटन से बनते हैं, जीवाश्म ईंधन कहलाते हैं। कोयला एवं पेट्रोलियम प्रमुख जीवाश्म ईंधन हैं।
ज्वाला
यह, वह स्थान है जहाँ ईंधन के जलने के समय गैसीय पदार्थों का दहन होता है। ऑक्सीजन की मात्रा व ईंधन के दहन के आधार पर, ज्वाला दो प्रकार की होती है
(i) नीली या अदीप्त ज्वाला
(ii) पीली या दीप्त ज्वाला
कुछ महत्त्वपूर्ण कार्बनिक यौगिक
एथिल ऐल्कोहॉल या एथेनॉल
अणुसूत्र = C2H6O
संरचना सूत्र CH3CH2OH
एथेनॉल सभी प्रकार की शराब का मुख्य अवयव होता है, अतः इसे ‘स्प्रिट ऑफ वाइन’ या ग्रेन ऐल्कोहॉल भी कहते हैं। एथेनॉल का निर्माण गन्ने के रस से प्राप्त शर के किण्वन द्वारा किया जाता है।
उपयोग
एथेनॉल का उपयोग अस्पतालों में घावों तथा सिरिंजों को रोगाणुरहित बनाने के लिए, शराब पेय बनाने के लिए, अनेक उपयोगी दवाईयों (टिंक्चर आयोडीन, कप सिरप) बनाने के लिए एवं ईंधन तथा विलायक के रूप में होता है।
एथेनोइक अम्ल या ऐसीटिक अम्ल
एथेनोइक अम्ल साधारणतया ऐसीटिक अम्ल के नाम से जाना जाता इसका 3-4% का जलीय विलयन, सिरका कहलाता है। अर्थात् ऐसीटिक अम्ल सिरके का मुख्य अवयव होता है, इसलिए इसे सिरके का अम्ल भी कहते हैं। बर्फ के समान जमे हुए ऐसीटिक अम्ल को ग्लैशियल ऐसीटिक अम्ल कहा जाता है। यह जल मुक्त होता है।
साबुन तथा अपमार्जक
उच्च अणु भार वाले मोनो कार्बोक्सिलिक अम्लों के सोडियम तथा पोटैशियम लवण साबुन कहलाते लम्बी श्रृंखला वाले कार्बोक्सिलिक अम्लों के अमोनियम या सल्फोनेट लवण अपमार्जक कहलाते हैं। अपमार्जक की लम्बी हाइड्रोजन श्रृंखला का निर्माण तेल या वसा से न करके पेट्रोलियम से किया जाता है।
सफाई कार्य के लिए साबुन की अपेक्षा अपमार्जक अधिक प्रभावशाली होते हैं, क्योंकि अपमार्जक Ca2+ एवं Mg2+ आयनों के साथ अवक्षेप नहीं देते हैं जो जल की कठोरता के लिए उत्तरदायी होते हैं, जबकि साबुन इन आयनों के साथ अवक्षेप देते हैं। अपमार्जकों को साबुन-रहित साबुन भी कहा जाता है।
साबुन के अणु की संरचना
रासायनिक रूप से साबुन के निम्न दो भाग होते हैं
(i) अध्रुवीय हाइड्रोकार्बन भाग यह भाग वसा में विलेय होता है। इसे जलविरोधी (Hydrophobic) अथवा वसास्नेही (Lipophilic ) भी कहते हैं।
(ii) ध्रुवीय हाइड्रोकार्बन भाग यह भाग जल में विलेय होता है। इसे जलस्नेही (Hydrophilic) अथवा वसाविरोधी (Lipophobic) भी कहते हैं।

साबुन की शोधन क्रिया (मिसेल निर्माण)
साबुन को जल में विलेय करने पर यह जल में कोलॉइडी विलयन बनाता है, जिसमें साबुन के अणु परस्पर गुच्छे के रूप में एकत्रित होकर गोलाकार साबुन का मिसेल बनाते हैं।
खण्ड अ बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1. बेन्जीन का संरचनात्मक सूत्र है



प्रश्न 2. प्रोपेन का रासायनिक सूत्र है
(a) CH4
(b) C3H8
(c) C4H10
(d) C2H6
उत्तर (b) C3H8
प्रश्न 3. मेथेन का संरचनात्मक सूत्र है

उत्तर (b) संरचना सूत्र CH4 होता है।
प्रश्न 4. ऐल्केनों का सामान्य सूत्र हैं
(a) CnH2n-2
(b) CnH2n+2
(c) CnH2n
(d) C2H4
उत्तर (b) CnH2n+2
प्रश्न 5. निम्नलिखित में से समजातीय श्रेणी हैं
(i) CH4 तथा C2H6
(ii) CH3OH तथा CH3COOH
(iii) C2H6 तथा CH3OH
(iv) CH3OH तथा C2H5OH
उपर्युक्त के सन्दर्भ में सही विकल्प है।
(a) (i) एवं (ii)
(b) (i) एवं (iv)
(c) (ii) एवं (iv)
(d) (ii) एवं (iii)
उत्तर (b) (i) CH4 तथा C2H6 (iv) CH3OH तथा C2H5OH
प्रश्न 6. एथेनॉल की सोडियम से अभिक्रिया कराने पर प्राप्त होती है
(a) O2 गैस
(b) H2 गैस
(c) C2H2 गैस
(d) C2H6 गैस
उत्तर (b) H2 गैस
प्रश्न 7. किसी समजातीय श्रेणी के दो क्रमागत सदस्यों के बीच अन्तर होता है।
(a) —CH2 इकाई का
(b) —CH3 इकाई का
(c) —C2H5 इकाई का
(d) —CH इकाई का
उत्तर (a) – CH2 इकाई का
प्रश्न 8. निम्नलिखित में से असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है
(a) C2H2
(b) CH4
(c) C2H6
(d) C3H8
उत्तर (a) असंतृप्त हाइड्रोकार्बन = C2H2
प्रश्न 9. बकमिन्स्टर फुलेरीन एक अपररूप है
(a) फॉस्फोरस का
(b) सल्फर का
(c) कार्बन का
(d) टिन का
उत्तर (c) कार्बन का
प्रश्न 10. एथेन का आण्विक सूत्र C2H6 है, इसमें
(a) 6 सहसंयोजक आबन्ध हैं
(b) 7 सहसंयोजक आबन्ध हैं
(c) 8 सहसंयोजक आबन्ध हैं
(d) 9 सहसंयोजक आबन्ध हैं
उत्तर (b) 7 सहसंयोजक आबन्ध

प्रश्न 11. ऐल्काइन का सूत्र है
(a) C3H4
(b) C3H6
(c) C2H6
(d) C6H6
उत्तर (a) C3H4
प्रश्न 12. एथिल ऐल्कोहॉल का आई. यू. पी. ए. सी. नाम है
(a) एथेनॉल
(b) मेथेनॉल
(c) ऐसीटिक अम्ल
(d) एथेनोइक अम्ल
उत्तर (a) एथेनॉल
प्रश्न 13. C2H6 का आई.यू.पी.ए.सी. नाम है
(a) मेथेन
(b) एथेन
(c) एथाइन
(d) एथिलीन
उत्तर (b) एथेन
प्रश्न 14. कार्बन परमाणु की संयोजकता है।
(a) 2
(b) 3
(c) 4
(d) 5
उत्तर (c) संयोजकता 4
प्रश्न 15. प्रोपेनॉल है
(a) C2H5OH
(b) C3H7OH
(c) C3H5OH
(d) C3H6OH
उत्तर (b) प्रोपेनॉल का सूत्र C3H7OH

प्रश्न 16. प्रोपेनल है
(a) C2H5OH
(b) C3H6OH
(c) C4H8O
(d) C3H5O
उत्तर (b) प्रोपेनल = C3H6O का सूत्र

प्रश्न 17. निम्न में से किस यौगिक में —OH एक क्रियात्मक समूह है?
(a) ब्यूटेनॉन
(b) ब्यूटेनॉल
(c) ब्यूटेनोइक अम्ल
(d) ब्यूटेनल
उत्तर (b) ब्यूटेनॉल
प्रश्न 18. ब्यूटेनॉन चर्तु कार्बन यौगिक है, जिसका प्रकार्यात्मक समूह है
(a) कार्बोक्सिलिक अम्ल
(b) ऐल्डिहाइड
(c) कीटोन
(d) ऐल्कोहॉल
उत्तर (c) कीटोन
प्रश्न 19. ऐल्कोहॉलों के विहाइड्रोजनीकरण द्वारा प्राप्त होता है।
(a) अम्ल
(b) एस्टर
(c) ऐल्डिहाइड
(d) ऐमीन
उत्तर (c) ऐल्डिहाइड
प्रश्न 20. निम्न में सजातीय युग्म है।
(a) CH4 व C2H4
(b) CH3OH व CH3CHO
(c) HCHO व CH3CHO
(d) C2H5OH व CH3OCH3
उत्तर (c) HCHO व CH3CHO
प्रश्न 21. दिए गए कार्बनिक यौगिकों में कीटोनिक प्रकार्यात्मक समूह वाला है

प्रश्न 22. निम्नलिखित में से ऐल्डिहाइड है

प्रश्न 23. निम्नलिखित में कीटोन है।
(a) एथेनॉल
(b) प्रापेनॉन
(c) ब्यूटेनॉल
(d) प्रोपेनॉल
उत्तर (b) प्रापेनोन
प्रश्न 24. ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH) का आई.यू.पी.ए.सी. नाम है
(a) एथेनॉल
(b) एथेनोइक अम्ल
(c) मेथेनोइक अम्ल
(d) प्रोपेनोइक अम्ल
उत्तर (b) एथेनोइक अम्ल
प्रश्न 25. ब्यूटेनॉन में क्रियात्मक समूह है।

प्रश्न 26. तेलों को पैलेडियम या निकेल आदि उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन से अभिक्रिया कराने पर वसा प्राप्त होती हैं। यह अभिक्रिया निम्न का उदाहरण है
(a) संकलन अभिक्रिया
(b) प्रतिस्थापन अभिक्रिया
(c) विस्थापन अभिक्रिया
(d) उपचयन / ऑक्सीकरण अभिक्रिया
उत्तर (a) संकलन अभिक्रिया
प्रश्न 27. निम्नलिखित में से असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है
(a) C2H6
(b) C2H4
(c) CH4
(d) C3H8
उत्तर (b) C2H4
प्रश्न 28. प्रोपेनल में क्रियात्मक समूह है।

प्रश्न 29. निम्नलिखित में से ऐल्कीन है।

प्रश्न 30. मोमबत्ती का जलना (दहन) …….. है।
(a) प्रकाश रासायनिक अभिक्रिया
(b) भौतिक परिवर्तन
(c) ऊष्माशोषी अभिक्रिया
(d) ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया
उत्तर (d) ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया
प्रश्न 31.
का IUPAC नाम है –
(a) ब्यूटेनल
(b) ब्यूटेनॉल
(c) 2 मेथिल प्रोपेनल
(d) 2-मेथिल प्रोपेनॉल

प्रश्न 32. निम्नलिखित में ऐल्काइन है

प्रश्न 33. श्रृंखलन का गुण किस परमाणु में पाया जाता है?
(a) C
(b) N
(c) O
(d) F
उत्तर (a) (C)
प्रश्न 34. ईंधन एवं औषधियों के रूप में उपयोग होता है।
(a) एथेनॉल
(b) एथेन
(c) एथेनोइक
(d) प्रोपेन
उत्तर (a) एथेनॉल (C2H5OH)
प्रश्न 35. संतृप्त हाइड्रोकार्बन में नहीं होता है।
(a) एकल आबन्ध
(b) चतुष्फलकीय संरचना
(c) C — C आबन्ध कोण 109° 28′
(d) C = C,
उत्तर (d) C = C
प्रश्न 36. कार्बन अपने चार संयोजी इलेक्ट्रॉनों की चार एकसंयोजक परमाणुओं (जैसे- हाइड्रोजन) के साथ साझेदारी करके चार सहसंयोजी बन्ध बनाता है। चार बन्ध बनने के पश्चात्, कार्बन निम्न का विन्यास प्राप्त कर लेता है।
(a) हीलियम
(b) निऑन
(c) आर्गन
(d) क्रिप्टॉन
उत्तर (b) निऑन
प्रश्न 37. निम्नलिखित रासायनिक समीकरण को पूरा कीजिए।

प्रश्न 38. खनिज अम्ल कार्बोक्सिलिक अम्लों की अपेक्षा अधिक प्रबल अम्ल होते हैं, क्योंकि
(i) खनिज अम्ल पूर्णतया आयनीकृत होते हैं।
(ii) कार्बोक्सिलिक अम्ल पूर्णतया आयनीकृत होते हैं।
(iii) खनिज अम्ल आंशिक रूप से आयनीकृत होते हैं।
(iv) कार्बोक्सिलिक अम्ल आंशिक रूप से आयनीकृत होते हैं।
(a) (i) तथा (iv)
(b) (ii) तथा (iii)
(c) (i) तथा (ii)
(d) (iii) तथा (iv)
उत्तर (a) (i) तथा (iv)
प्रश्न 39. साबुन के अणु में होता है
(a) जलरागी शीर्ष तथा जलविरागी पूँछ
(b) जलविरागी शीर्ष तथा जलरागी पूँछ
(c) जलरागी शीर्ष तथा जलरागी पूँछ
(d) जलविरागी शीर्ष तथा जलविरागी पूँछ
उत्तर (a) जलरागी शीर्ष तथा जलविरागी पूँछ
प्रश्न 40. सूची- I में दिए गए यौगिकों के नामों को सूची II में दिए गए उनके रासायनिक सूत्र के साथ सुमेलित कीजिए ।

प्रश्न 41. सूची-I में दिए गए यौगिकों को सुमेलन सूची-II में दिए गए उनके उदाहरण से कीजिए ।


निर्देश (प्रं. सं. 42-44) इन प्रश्नों में दो कथन अभिकथन (A) और कारण (R) दिए गए हैं। इन प्रश्नों के उत्तर नीचे दिए गए अनुसार उचित विकल्प को चुनकर दीजिए :
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R) द्वारा (A) की सही व्याख्या हो रही है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं लेकिन (R) द्वारा (A) की सही व्याख्या नहीं हो रही है।
(c) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है
(d) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है।
प्रश्न 42. अभिकथन (A) कार्बन के ऑक्साइड, कार्बोनेट्स तथा हाइड्रोजन कार्बोनेट लवण को छोड़कर कार्बन के सभी यौगिक कार्बनिक यौगिक कहलाते हैं।
कारण (R) कार्बन रहित यौगिक अकार्बनिक यौगिक कहलाते हैं। उत्तर (b) (A) और (R) दोनों सही है तथा (R) द्वारा (A) की सही व्याख्या नहीं हो रही है।
प्रश्न 43. अभिकथन (A) समान क्रियात्मक समूह वाले यौगिकों को जब अणुभार 14 के अन्तर से घटते हुऐ या बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित किया जाये, तो यह श्रेणी समजातीय श्रेणी कहलाती है।
कारण (R) समजातीय श्रेणी के कोई दो क्रमागत सदस्य – CH2 इकाई या 14 u अणु भार का अन्तर प्रदर्शित करते हैं।
उत्तर (a) (A) और (R) दोनों सही है तथा (R) द्वारा (A) की सही व्याख्या सही हो रही है।
प्रश्न 44. अभिकथन (A) भोजन पकाने के लिए असंतृप्त वसा अम्लों वाले तेलों का उपयोग किया जाता है।
कारण (R) जन्तु वसा में संतृप्त वसा अम्ल होते हैं।
उत्तर (a) (A) और (R) दोनों सही है तथा (R) द्वारा (A) की सही व्याख्या नही रही है।
खण्ड ब वर्णनात्मक प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न-I
प्रश्न 1. प्रयोगशाला में सर्वप्रथम किस कार्बनिक यौगिक का निर्माण हुआ था ? उसका नाम एवं सूत्र लिखिए | सम्बन्धित अभिक्रिया भी दीजिए ।
उत्तर यूरिया (NH2CONH2) सर्वप्रथम निर्मित कार्बनिक यौगिक था, जिसे फ्रेडरिक व्होलर ने प्रयोगशाला में अमोनियम सायनेट को गर्म करके बनाया था।

प्रश्न 2. एथाइन का इलेक्ट्रॉन बिन्दु सूत्र लिखिए ।
उत्तर थाइन अणु (C2H2), दो कार्बन परमाणुओं तथा दो हाइड्रोजन परमाणुओं का बना है। कार्बन के दो परमाणु को एकल-आबन्ध द्वारा जोड़ते हैं।
अर्थात् C—C [चरण I]
कार्बन की असंतुष्ट संयोजकता के साथ क्रमशः एक-एक हाइड्रोजन परमाणु जोड़ते हैं।
H—C—C—H [चरण II व III]
परन्तु इस दशा में हाइड्रोजन परमाणु की उपस्थिति में दोनों कार्बन परमाणुओं की दो-दो संयोजकताएँ असंतुष्ट रहती हैं। अतः दोनों कार्बन परमाणुओं के बीच लगाते हैं।

प्रश्न 3. CO2 सूत्र वाले कार्बन डाइऑक्साइड की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना क्या होगी?
उत्तर कार्बन डाइऑक्साइड अणु (CO2) एक कार्बन परमाणु तथा दो ऑक्सीजन परमाणुओं से बना है।
6C = 2, 4; 8O = 2, 6
कार्बन परमाणु को अपना अष्टक पूर्ण करने के लिए चार इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता है तथा ऑक्सीजन के प्रत्येक परमाणु को अष्टक पूर्ण करने के लिए दो इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता है।
प्रश्न 4. पेन्टेन के लिए आप कितने संरचनात्मक समावयवों का चित्रण कर सकते हैं?
उत्तर पेन्टेन के लिए निम्नलिखित तीन समावयवों का चित्रण कर सकते हैं।

प्रश्न 5. कार्बन सर्वतोमुखी प्रकृति को स्पष्ट कीजिए
उत्तर कार्बन एकमात्र ऐसा तत्व है, जिसमें स्वयं के परमाणुओं के साथ बन्ध बनाने की अत्यधिक क्षमता होती है। कार्बन स्वयं के परमाणुओं के साथ सहसंयोजी बन्धों की लम्बी विवृत अथवा खुली (Open) या संवृत अथवा बन्द (Closed) श्रृंखला बना सकता है। कार्बन के इस गुण को श्रृंखलन (Catenation) कहते हैं।
कार्बन प्रमुख रूप से सहसंयोजक बन्ध बनाता है। कार्बन की संयोजकता 4 है अर्थात् यह चतुःसंयोजक है। इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 4 है अर्थात् कार्बन परमाणु के छोटे आकार के कारण इसमें बहुल बन्ध (द्विबन्ध, त्रिबन्ध) बनाने की प्रबल प्रवृत्ति होती है।
यह स्वयं से या अन्य तत्वों जैसे ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, सल्फर इत्यादि से एक या अधिक इलेक्ट्रॉन युग्म के साझे द्वारा बन्ध बना सकता हैं, जिसके फलस्वरूप यह विभिन्न प्रकार के यौगिक बनाता है, जो अपवाद स्वरूप स्थायी होते हैं।
प्रश्न 6. कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर अनुप्रयोगों में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता हैं।
उत्तर कार्बन वायु (ऑक्सीजन) में जलकर कार्बन डाइऑक्साइड तथा बड़ी मात्रा में ऊष्मा व प्रकाशीय ऊर्जा उत्पन्न करता है।
एक बार दहन प्रक्रिया शुरू होने के पश्चात् कार्बनिक यौगिकों को बार-बार अतिरिक्त ऊर्जा (जलाने हेतु) प्रदान नहीं करनी पड़ती। अतः इनका उपयोग ईंधन के रूप में किया जाता है।
प्रश्न 7. सजातीय श्रेणी की परिभाषा दीजिए। इसे एक उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए ।
अथवा सजातीय श्रेणी क्या है ? उदाहरण के साथ समझाइए |
उत्तर जब कार्बनिक यौगिकों का सामान्य अणुसूत्र व क्रियात्मक समूह समान हों तथा इन्हें अणुभार 14 के अन्तर से घटते हुए या बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित किया जाए, तो एक श्रेणी का निर्माण होता है, इसे सजातीय श्रेणी कहते हैं।
उदाहरण CH4 (मेथेन ), C2H6 (एथेन)
प्रश्न 8. क्रियात्मक समूह क्या है? किन्हीं चार क्रियात्मक समूहों के सूत्र सहित नाम लिखिए।
उत्तर क्रियात्मक समूह ( प्रकार्यात्मक समूह) परमाणु अथवा परमाणुओं का समूह, जो कार्बनिक यौगिक की अभिक्रियाशीलता बताते हैं तथा उसके गुणधर्मों (क्रियाओं) को सुनिश्चित करते हैं, क्रियात्मक समूह कहलाते हैं।

प्रश्न 9. संतृप्त तथा असंतृप्त हाइड्रोकार्बनों से आप क्या समझते हैं? उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए |
अथवा संतृप्त तथा असंतृप्त हाइड्रोकार्बनों को उदाहरणों द्वारा समझाइए ।
अथवा असंतृप्त हाइड्रोकार्बन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर संतृप्त हाइड्रोकार्बन वे हाइड्रोकार्बन, जिसके सभी कार्बन परमाणु चार सिग्मा (σ) आबन्धों द्वारा अन्य कार्बन अथवा हाइड्रोजन परमाणुओं से आबन्धित होते हैं, संतृप्त हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं।

असंतृप्त हाइड्रोकार्बन वे हाइड्रोकार्बन, जिनमें कार्बन परमाणुओं के मध्य कम से कम एक द्वि यात्रि – आबन्ध पाया जाता है, असंतृप्त हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं।

प्रश्न 10. ऐसीटिक अम्ल के ऐसे दो रासायनिक गुण लिखिए, जिसमें —COOH समूह भाग लेता है।
अथवा ऐसीटिक अम्ल के दो रासायनिक गुणधर्मों के रासायनिक समीकरण लिखिए |
उत्तर (i) ऐसीटिक अम्ल का लीथियम ऐलुमिनियम हाइड्राइड द्वारा अपचयन करने पर एथेनॉल प्राप्त होता है।
(ii) इसे सोडियम हाइड्रॉक्साइड जैसे क्षारक के साथ गर्म करने पर लवण और जल प्राप्त होते हैं।
प्रश्न 11. एथिल ऐल्कोहॉल के ऑक्सीकरण से प्राप्त यौगिकों के नाम व सूत्र लिखिए |
उत्तर एथिल ऐल्कोहॉल के ऑक्सीकरण से ऐल्डिहाइड तथा ऐसीटिक अम्ल प्राप्त होते हैं। इनके सूत्र क्रमश: CH2CHO तथा CH3COOH हैं।

प्रश्न 12. साबुन क्या है? इसको बनाने की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए ।
अथवा साबुन के निर्माण में प्रयुक्त दो प्रमुख पदार्थों के नाम लिखिए तथा साबुन बनाने की विधि का समीकरण भी लिखिए।
अथवा साबुनीकरण पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए |
अथवा साबुन के निर्माण में प्रयुक्त प्रमुख दो पदार्थों के नाम लिखिए।
अथवा साबुन का रासायनिक नाम व सूत्र लिखिए ।
अथवा साबुनीकरण क्या है? इस प्रक्रिया में सम्मिलित रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर साबुन उच्च अणुभार वाले मोनो कार्बोक्सिलिक अम्लों के सोडियम तथा पोटैशियम लवण साबुन कहलाते हैं। ये तेलों और वसाओं के तनु NaOH या KOH द्वारा जल-अपघटन से प्राप्त किए जाते हैं। साबुन के निर्माण की इस प्रक्रिया को साबुनीकरण कहते हैं।
उदाहरण सोडियम स्टिएरेट (C17 H35 COONa)।
साबुन के निर्माण में प्रयुक्त होने वाले पदार्थ-तेल/वसा और NaOH/KOH
साबुन बनाने की रासायनिक अभिक्रिया (साबुनीकरण)

प्रश्न 13. हाइड्रोजनीकरण क्या है? इसका औद्योगिक अनुप्रयोग क्या है?
अथवा वनस्पति तेल को घी में परिवर्तित करने के लिए सामान्यतः काम में आने वाली रासायनिक अभिक्रिया का नाम दीजिए । सम्बन्धित अभिक्रिया को विस्तार में समझाइए |
उत्तर हाइड्रोजनीकरण असंतृप्त हाइड्रोकार्बनों (ऐल्कीन / ऐल्काइन ) के साथ हाइड्रोजन की योग अभिक्रिया को हाइड्रोजनीकरण (Hydrogenation) कहते हैं। यह अभिक्रिया निकेल (Ni), पैलेडियम (Pd) आदि उत्प्रेरकों की उपस्थिति में होती है। औद्योगिक अनुप्रयोग जब वनस्पति तेलों में निकेल (Ni) उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन गैस को उच्च ताप पर प्रवाहित किया जाता है, तब वनस्पति घी बनता है। यह प्रक्रिया तेलों का कठोरीकरण कहलाती है।

प्रश्न 14. मक्खन एवं खाना बनाने वाले तेल के बीच रासायनिक अन्तर समझने के लिए एक परीक्षण बताइए ।
उत्तर मक्खन एक संतृप्त हाइड्रोकार्बन है जबकि खाद्य तेल एक असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है इन दोनों में अन्तर निम्न प्रकार किया जा सकता है।
(i) मक्खन को गर्म करने पर उसमें कुछ बूँदें ब्रोमीन जल की मिलाने पर ब्रोमीन जल का रंग नहीं उडता है। यह इस तथ्य की पुष्टि करता है कि मक्खन संतृप्त कार्बनिक यौगिक है।
(ii) खाद्य तेल में ब्रोमीन जल की बूँदे मिलाकर हिलाने पर कुछ समय बाद ब्रोमीन जल का रंग उड़ जाता है। यह इस तथ्य की पुष्टि करता है कि खाद्य तेल असंतृप्त कार्बनिक यौगिक हैं।
प्रश्न 15. डिटर्जेन्ट (अपमार्जक) के उपयोगों को उदाहरण द्वारा लिखिए।
उत्तर डिटर्जेन्ट ( अपमार्जक ) के उपयोग
(i) अपमार्जकों का प्रयोग कठोर जल के साथ भी किया जा सकता है क्योंकि इन यौगिकों का आवेशित सिरा कठोर जल में उपस्थित कैल्सियम एवं मैग्नीशियम आयनों के साथ अघुलनशील पदार्थ नहीं बनाता है।
(ii) अपमार्जकों का उपयोग घरों में बर्तनों व कपड़ों की सफाई के लिये किया जाता है।
प्रश्न 16. कठोर जल को साबुन से उपचारित करने पर झाग के निर्माण को समझाइए |
उत्तर जब हम कठोर जल में साबुन मिलाते हैं तो साबुन कठोर जल में उपस्थित मैग्नीशियम तथा कैल्सियम लवणों से अभिक्रिया करके अघुलनशील पदार्थ (स्कम) बनाता है जो कपड़ो या शरीर से चिपक जाता है। अतः कठोर जल के साथ झाग मुश्किल से बनते हैं तथा ऐसे में अधिक मात्रा में साबुन का उपयोग करना पड़ता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न-II
प्रश्न 1. सहसंयोजी आबन्ध किसे कहते हैं ? सहसंयोजी आबन्ध के दो लक्षणों को लिखिए। सहसंयोजक यौगिक क्या है? निम्न में किस प्रकार के बन्ध पाए जाते हैं?
(i) CCl4
(ii) CaCl2
(iii) CH4
(iv) NH3
उत्तर दो परमाणुओं के इलेक्ट्रॉनों के मध्य सहसंयोजन से बनने वाले रासायनिक बन्ध सहसंयोजक बन्ध कहलाते हैं तथा इनसे बने यौगिक सहसंयोजक यौगिक कहलाते हैं। सहसंयोजन के पश्चात् दोनों परमाणु निकटस्थ अक्रिय गैसों के समान स्थायी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त कर लेते हैं।
उदाहरण H2 और O2 अणु में सहसंयोजी आबन्ध का बनना

सहसंयोजक यौगिक विद्युत उदासीन अणुओं के बने होते हैं, जिसके कारण सहसंयोजक यौगिकों के अणुओं के बीच आकर्षण बल दुर्बल होता है।
लक्षण 1. सहसंयोजी यौगिकों के गलनांक और क्वथनांक अपेक्षाकृत कम होते हैं।
2. सहसंयोजी यौगिक विद्युत के कुचालक होते हैं।
(i) CCl4 → सहसंयोजक बन्ध
(ii) CaCl2 → आयनिक बन्ध
(iii) CH4 → सहसंयोजक बन्ध
(iv) NH3 → सहसंयोजक बन्ध
प्रश्न 2. निम्न का इलेक्ट्रॉन बिन्दु सूत्र लिखिए |
(i) अमोनिया (ii) सल्फर अणु
उत्तर (i) अमोनिया नाइट्रोजन का परमाणु क्रमांक = 7

NH3 में, नाइट्रोजन की संयोजकता तीन (3) तथा हाइड्रोजन की संयोजकता एक (1) है, अतः उत्कृष्ट गैस के समान विन्यांस प्राप्त करने के लिए नाइट्रोजन का एक परमाणु, तीन हाइड्रोजन परमाणुओं के साथ तीन एकल सहसंयोजी आबन्ध बना कर एक NH3 अणु का निर्माण करता है। NH3 अणु का बनना निम्न प्रकार दर्शाया जा सकता है

(ii) सल्फर अणु सल्फर का परमाणु क्रमांक = 16
अतः निकटतम अक्रिय गैस का विन्यास प्राप्त करने के लिए, प्रत्येक सल्फर परमाणु, अन्य सल्फर परमाणु के साथ एक इलेक्ट्रॉन युग्म द्वारा एकल आबन्ध बनाते हुए आठ सल्फर परमाणुओं से युक्त एक वलय संरचना का निर्माण करता है।

प्रश्न 3. निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए ।
(i) कार्बनिक यौगिकों में प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ
(ii) कार्बनिक यौगिकों की IUPAC नाम पद्धति
उत्तर (i) वे अभिक्रियाएँ, जिनमें किसी कार्बनिक अणु के एक या एक से अधिक परमाणु या परमाणु समूह का किसी अन्य परमाणु या परमाणु समूह के द्वारा प्रतिस्थापन हो जाता है, प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ कहलाती उदाहरण मेथेन की क्रिया सूर्य के धुंधले प्रकाश की उपस्थिति में क्लोरीन से कराने पर इसके एक-एक करके चारों H परमाणु Cl द्वारा प्रतिस्थापित हो जाते हैं।

(ii) IUPAC पद्धति में कार्बनिक यौगिकों का नामकरण निम्नलिखित क्रम में किया जाता है-

प्रश्न 4. निम्न का सामान्य गुण तथा संरचना बताइए |
(i) हीरा
(ii) ग्रेफाइट
उत्तर (i) हीरा यह रंगहीन, पारदर्शी, अत्यधिक कठोर तथा उच्च अपवर्तन गुणांक (Refractive index) के कारण अत्यंत चमकीला है।
हीरा प्रकृति में उपलब्ध पदार्थों में सबसे कठोर है। यह मुक्त इलेक्ट्रॉनों की अनुपस्थिति के कारण विद्युत का कुचालक है, परन्तु इसका गलनांक तथ ऊष्मीय चालकता अत्यधिक होती है।
संरचना हीरे की संरचना में, प्रत्येक कार्बन परमाणु एक नियमित चतुष्फलक (Regular tetrahedron) के कोनों पर स्थित चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजी आबन्ध द्वारा जुड़ा होता है वास्तव में, हीरे की संरचना में कार्बन परमाणुओं की अति विशाल संख्या, प्रबल सहसंयोजक आबन्धों के द्वारा दृढ़ त्रि-आयामी संरचना के रूप में रहती है। अर्थात् हीरे की संरचना में प्रत्येक कार्बन परमाणु के सभी 4 संयोजी इलेक्ट्रॉन आबन्ध बनाने में प्रयुक्त हो जाते हैं, जिससे हमें हीरे की दृढ़ चतुष्फलकीय संरचना (Tetrahedral) प्राप्त होती है। अनेक चतुष्फलकीय संरचनाएँ मिलकर हीरे की दृढ़- त्रिविम व्यवस्था देते हैं, जिससे इसका गलनांक अत्यंत उच्च पाया जाता है।

(ii) ग्रेफाइट यह काले-भूरे रंग का अपारदर्शी पदार्थ है। यह हीरे से हल्का, मुलायम एवं स्पर्श करने पर चिकना होने की अनुभूति देता है।
मुक्त इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति के कारण यह विद्युत का अच्छा सुचालक है परन्तु ऊष्मा का कुचालक है।
संरचना ग्रेफाइट में कार्बन के परमाणु षट्कोणीय वलयों (Hexagonal rings) के रूप में पाए जाते हैं। ग्रेफाइट की परतों में, प्रत्येक कार्बन परमाणु तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक आबन्धों द्वारा जुड़ा होता है, जिससे समतल षट्कोणीय वलय प्राप्त होता है। ग्रेफाइट के क्रिस्टल में कार्बन परमाणुओं की विभिन्न परतें काफी दूर-दूर होने के कारण ऊपर-नीचे की परतों में स्थित कार्बन परमाणुओं के बीच प्रबल सहसंयोजक आबन्ध नहीं बन पाते। ग्रेफाइट क्रिस्टल में प्रत्येक कार्बन परमाणु के चार संयोजी इलेक्ट्रॉनों में से केवल तीन संयोजी इलेक्ट्रॉन आबन्ध बनाने में प्रयुक्त होते हैं तथा प्रत्येक कार्बन परमाणु का एक-एक संयोजी इलेक्ट्रॉन स्वतंत्र रहता है। स्वतंत्र इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति के कारण ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक हो जाता है। चूँकि ग्रेफाइट की विभिन्न परतें दुर्बल बलों द्वारा जुड़ी हैं, इसलिए वे आसानी से एक-दूसरे के ऊपर फिसल सकती हैं।

प्रश्न 5. एक ही तत्व के विभिन्न परमाणुओं का श्रृंखलन का गुण कैटीनेशन कहलाता है। कार्बन व सिलिकॉन दोनों तत्वों द्वारा श्रृंखलन प्रदर्शित होता है। इन दोनों तत्वों के श्रृंखलन गुण की परस्पर तुलना कारण सहित कीजिए ।
उत्तर कार्बन यौगिकों में जिस सीमा तक श्रृंखलन का गुण पाया जाता है, वह किसी और तत्व में नहीं मिलता। सिलिकॉन हाइड्रोजन के साथ यौगिक बनाते हैं, जिसमें सात या आठ परमाणुओं तक की श्रृंखला हो सकती है, लेकिन ये यौगिक अति अभिक्रियाशील होते हैं। जबकि C—C बन्ध अत्यन्त प्रबल होते हैं, अत: यह स्थायी होता है
फलस्वरूप अनेक कार्बन परमाणुओं के साथ आपस में जुड़े हुए अनेक यौगिक प्राप्त होते हैं। कार्बन की चतुः सहसंयोजकता होती है, अन्य तत्वों जैसे ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन, सल्फर, क्लोरीन आदि के साथ कार्बन द्वारा बनाए गए आबन्ध अत्यन्त प्रबल होते हैं, इसका कारण कार्बन का छोटा आकार है जबकि बड़ा परमाणु होने के कारण सिलिकॉन द्वारा बनाए गए आबन्ध कार्बन आबन्ध की तुलना में दुर्बल होते हैं।
प्रश्न 6. एथेनोइक अम्ल की निम्नलिखित अभिक्रियाएँ लिखिए।
अथवा एस्टरीकरण पर टिप्पणी लिखिए ।
(i) एस्टरीकरण
(ii) NaOH के साथ अभिक्रिया
(iii) NaHCO3 के साथ अभिक्रिया
(iv) Na2CO3 के साथ अभिक्रिया
उत्तर (i) एस्टरीकरण कार्बोक्सिलिक अम्ल की ऐल्कोहॉल के साथ सान्द्र H2SO4 की उपस्थिति में एस्टर बनाने की अभिक्रिया, एस्टरीकरण कहलाती है।
उदाहरण उत्प्रेरक के रूप में, सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल की अल्प मात्रा की उपस्थिति में (कुछ बूँदें ) एथेनोइक अम्ल, ऐल्कोहॉल के साथ अभिक्रिया द्वारा फलों जैसी गन्ध वाले यौगिक एस्टर बनाते हैं।

(ii) क्षारों से अभिक्रिया एथेनोइक अम्ल क्षारों (NaOH) से अभिक्रिया करके लवण तथा जल बनाता है।
CH3COOH + NaOH → CH3COONa + H2O
इस अभिक्रिया से सिद्ध होता है, कि कार्बोक्सिलिक समूह (—COOH) की प्रकृति अम्लीय होती है।
(iii) कार्बोनेट व बाइकार्बोनिट के साथ अभिक्रिया ऐसीटिक अम्ल कार्बोनेट व बाइकार्बोनेट के साथ अभिक्रिया करके ऐसीटेट लवण निर्मित करता है तथा CO2 गैस मुक्त होती है।

प्रश्न 7. (i) हाइड्रोकार्बन क्या है ? उदाहरण दीजिए ।
(ii) संतृप्त तथा असंतृप्त हाइड्रोकार्बनों के बीच संरचनात्मक अंतर लिखिए। प्रत्येक को उदाहरण सहित बताइए ।
(iii) प्रकार्यात्मक समूह किसे कहते हैं? चार भिन्न प्रकार्यात्मक समूहों के उदाहरण लिखिए।
उत्तर (i) हाइड्रोकार्बन कार्बन तथा हाइड्रोजन से बने यौगिकों को हाइड्रोकार्बन कहते हैं।
उदाहरण मेथेन (CH4), एथेन (C2H6), आदि।
(ii) संतृप्त हाइड्रोकार्बन में सभी कार्बन – कार्बन बन्ध एकल बन्ध होते हैं, जबकि असंतृप्त हाइड्रोकार्बनों में एकल सहसंयोजी बन्धों के साथ-साथ द्विबन्ध या त्रिबन्ध भी उपस्थित होते हैं।

(iii) प्रकार्यात्मक समूह परमाणु अथवा परमाणुओं का ऐसा समूह, जो किसी कार्बनिक यौगिक के गुणधर्मों का निर्धारण करता है, प्रकार्यात्मक समूह कहलाता है। प्रकार्यात्मक समूहों के चार उदाहरण निम्न हैं

प्रश्न 8. निम्न अभिक्रियाओं को उदाहरण सहित समझाइए ।
(i) ऑक्सीकरण अभिक्रिया
(ii) प्रतिस्थापन अभिक्रिया
(iii) योगात्मक अभिक्रिया
उत्तर (i) ऑक्सीजन के ग्रहण तथा हाइड्रोजन के त्यागने की प्रक्रिया ऑक्सीकरण कहलाती है। इसके लिए क्षारीय KMnO4 या अम्लीकृत K2Cr2O7 जैसे ऑक्सीकारकों का प्रयोग किया जाता है।

कुछ पदार्थों में अन्य पदार्थों को ऑक्सीजन देने की क्षमता होती है, इन पदार्थों को ऑक्सीकारक कहा जाता है।
(ii) प्रतिस्थापन अभिक्रिया वे अभिक्रियाएँ, जिनमें किसी कार्बनिक अणु के किसी एक या एक अधिक परमाणु या परमाणु समूह का किसी अन्य परमाणु या परमाणु समूह के द्वारा प्रतिस्थापन हो जाता है, प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ कहलाती हैं। जैसे—
क्लोरीनीकरण (Chlorination) किसी कार्बनिक यौगिक के हाइड्रोजन परमाणुओं के क्लोरीन परमाणुओं द्वारा प्रतिस्थापित होने की क्रिया क्लोरीनीकरण कहलाती है।
उदाहरण – मेथेन की क्रिया सूर्य के धुँधले प्रकाश (Diffused sunlight) की उपस्थिति में क्लोरीन से कराने पर इसके एक-एक करके चारों H परमाणु Cl द्वारा प्रतिस्थापित हो जाते हैं।

(iii) योगात्मक अभिक्रिया सामान्यता असंतृप्त हाइड्रोकार्बन योगात्मक अभिक्रियाएँ देते हैं। वह अभिक्रिया, जिसमें अभिकर्मक का असंतृप्त यौगिक के अणु में किसी छोटे अणु के त्याग के बिना ही पूर्णतया योग होता है, योगात्मक अभिक्रिया कहलाती है।
उदाहरण – पैलेडियम या निकेल जैसे उत्प्रेरकों की उपस्थिति में असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में हाइड्रोजन जुड़कर संतृप्त हाइड्रोकार्बन बनाते हैं।

प्रश्न 9. निम्न पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
(i) कार्बन की संयोजकता
(ii) दहन
उत्तर (i) कार्बन की संयोजकता कार्बन प्रमुख रूप से सहसंयोजक बन्ध बनाता है। कार्बन की संयोजकता 4 है अर्थात् यह चतुःसंयोजक है। इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 4 है अर्थात् इसके संयोजी कोश में 4 इलेक्ट्रॉन उपस्थित हैं तथा अष्टक पूर्ण करने के लिए इसे 4 इलेक्ट्रॉन और चाहिए, जिन्हें यह साझे द्वारा प्राप्त करता है। अतः कार्बन का परमाणु स्वयं से या अन्य तत्वों जैसे हाइड्रोजन, हैलोजन (क्लोरीन ब्रोमीन इत्यादि) से कुल 4 सहसंयोजक बन्ध बना सकता है।

(ii) दहन सभी कार्बनिक यौगिक ऑक्सीजन में दहन पर कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल वाष्प बनाते हैं। इस प्रक्रिया में ऊष्मा एवं प्रकाश मुक्त होते हैं। यह अभिक्रिया दहन कहलाती है।

कार्बन तथा इसके यौगिक जलने पर बिना अतिरिक्त ऊर्जा के जलते रहते हैं। संतृप्त हाइड्रोकार्बन के दहन से स्वच्छ ज्वाला निकलती है, क्योंकि उनका पूर्ण दहन होता है। जबकि असंतृप्त कार्बन यौगिकों से अत्यधिक काले धुएँ वाली पीली ज्वाला निकलती, क्योंकि इनका पूर्ण दहन नहीं होता है।
प्रश्न 10. निम्नलिखित समीकरणों में A से E तक यौगिकों को पहचानिए

प्रश्न 11. भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मो के आधार पर एथेनॉल एवं एथेनोइक अम्ल में आप कैसे अन्तर करेंगे?
उत्तर भौतिक गुणधर्मों के आधार पर एथेनॉल व एथेनोइक अम्ल में अन्तर निम्न हैं
(i) गन्ध एथेनॉल की एक विशेष गन्ध ( ऐल्कोहॉल) होती है, जबकि एथेनोइक अम्ल की एक तीक्ष्ण (सिरके जैसी) गन्ध होती है।
(ii) गलनांक एथेनॉल का गलनांक कम ( 156 K) तथा एथेनोइक अम्ल का गलनांक अपेक्षाकृत अधिक (290K) होता है।
(iii) क्वथनांक एथेनॉल का क्वथनांक 351 K तथा एथेनोइक अम्ल का क्वथनांक 391 K होता है।
रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर एथेनॉल तथा एथेनोइक अम्ल में निम्न अंतर है
(i) सोडियम बाइकार्बोनेट की अभिक्रिया एथेनॉल सोडियम बाइकार्बोनेट के साथ कोई अभिक्रिया नहीं करता, जबकि एथेनोइक अम्ल सोडियम बाइकार्बोनेट से अभिक्रिया करके बुदबुदाहट के साथ CO2 गैस उत्पन्न करता है।
CH3COOH + NaHCO3 → CH3COONa + CO2 + H2O
(ii) कॉस्टिक क्षारकों के साथ अभिक्रिया एथेनॉल कॉस्टिक क्षारकों अभिक्रिया नहीं करता, जबकि एथेनोइक अम्ल कॉस्टिक क्षारकों अभिक्रिया करके इनके संगत लवण और जल बनाता है।
CH3COOH + NaOH → CH3COONa + H2O
CH3COOH + KOH → CH3COOK + H2O
प्रश्न 12. निम्नलिखित समीकरणों को पूर्ण कीजिए ।

प्रश्न 13. जब साबुन को जल में डाला जाता है, मिसेल का निर्माण होता क्यों? क्या एथेनॉल जैसे दूसरे विलायकों में भी मिसेल निर्माण होगा?
उत्तर साबुन का अणु दो सिरे वाला होता है— जलरागी (आयनिक भाग) तथा जलविरागी (हाइड्रोकार्बन भाग) । जब साबुन जल की सतह पर होता है, तब इसके अणु अपने को इस प्रकार व्यवस्थित कर लेते हैं कि इसका आयनिक भाग जल के अन्दर होता है और हाइड्रोकार्बन भाग जल के बाहर होता है ।
जल के अन्दर साबुन के ये अणु गुच्छे के रूप में इस प्रकार व्यवस्थित हो जाते है कि प्रत्येक अणु का आयनिक भाग गुच्छे की सतह पर बाहर की ओर तथा प्रत्येक अणु का हाइड्रोकार्बन भाग गुच्छे के केन्द्र की ओर होता है इस संरचना को मिसेल कहते हैं।
मिसेल विलयन में कोलॉइड के रूप में रहते हैं तथा अवक्षेपित नहीं होते, क्योंकि साबुन के आयनिक भागों में परस्पर आयन-आयन प्रतिकर्षण होता है। एथेनॉल अथवा दूसरे ऐसे विलायकों में साबुन के दोनों सिरे पूर्णतया घुल जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि एथेनॉल ध्रुवीय सहसंयोजी यौगिक है । अतः एथेनॉल जैसे दूसरे विलायकों में मिसेल का निर्माण नहीं होगा ।
प्रश्न 14. साबुन की सफाई प्रक्रिया को मिसेल अवधारणा के आधार पर समझाइए |
अथवा साबुन की सफाई प्रक्रिया की क्रियाविधि समझाइए ।
उत्तर साबुन की सफाई क्रियाविधि साबुन के अणु लम्बी श्रृंखला वाले कार्बोक्सिलिक अम्लों के सोडियम एवं पोटैशियम लवण होते हैं। साबुन का अ दो सिरों वाला होता है, जिसे निम्न प्रकार प्रदर्शित किया जा सकता है

हाइड्रोकार्बन भाग तेल ( मैल) में घुलता हैं, जबकि आयनिक भाग जल में घुलता है। में साबुन घोलकर कपड़ा धोने पर साबुन के अणु मिसेली संरचना तैयार करते हैं। जहाँ साबुन के अणु का एक सिरा तैलीय कण (मैल) की ओर तथा आयनिक सिरा बाहर की ओर होता है। इससे पानी में इमल्शन बनता है। इस प्रकार साबुन का मिसेल मैल को पानी में घोलने में मदद करता है और हमारे कपड़े साफ हो जाते हैं।

प्रश्न 15. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
हम सभी ने किसी न किसी दिन स्नान करते हुए यह अवश्य अनुभव किया होगा कि शैम्पू से बाल धोने पर ये कोमल बने रहते हैं जबकि साबुन से बाल धोने पर ये अक्सर चिपचिपे हो जाते हैं। इसका कारण यह है कि शैम्पू में अपमार्जक होते हैं जो बालों के लिए कण्डीशनर का कार्य करते हैं तथा कुछ प्रकार के शैम्पू में इस प्रकार के अपमार्जक भी प्रयुक्त किए जाते हैं जो जीवाणुनाशक गुण रखते हैं और ये हमारे बालों को स्वस्थ रखते हैं। लेकिन अपमार्जकों के उपयोग में एक मुख्य समस्या यह है कि अधिकांश अपमार्जक जीवाणुओं द्वारा सरलता से अपघटित नहीं होते हैं इसलिए ये नदी नालों में पहुँचकर झाग उत्पन्न करते हैं जिससे इनका पानी प्रदूषित हो जाता है।
(i) अपमार्जकों को साबुन की अपेक्षा अधिक वरीयता दी जाती है। इसका कारण बताइए |
(ii) अपमार्जकों की शोधन क्रियाविधि किस प्रकार की होती है?
उत्तर (i) अपमार्जक सभी प्रकार के जल ( कठोर अथवा मृदु, गरम अथवा बर्फीले पानी) में समान रूप से कार्य करते हैं, इसलिए इन्हें साबुन की अपेक्षा अधिक वरीयता दी जाती है।
(ii) अपमार्जक भी साबुन के समान कार्य करते हैं। ये भी तेल तथा वसा को मिसेल बनाकर निष्कासित करते है।
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. एथिल ऐल्कोहॉल की चार रासायनिक अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए और इसके तीन उपयोगों को भी लिखिए ।
अथवा एथेनॉल की चार रासायनिक अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए और इसके तीन उपयोगों को भी लिखिए ।
अथवा एथेनॉल के दो रासायनिक गुणों के रासायनिक समीकरण लिखिए
उत्तर एथिल ऐल्कोहॉल की रासायनिक अभिक्रियाएँ निम्न हैं
(i) क्षार धातुओं से क्रिया एथिल ऐल्कोहॉल की क्रिया क्षार धातुओं जैसे – सोडियम, पोटैशियम, आदि के साथ कराने पर इसके OH का H- परमाणु इन धातुओं द्वारा विस्थापित हो जाता है तथा हाइड्रोजन गैस मुक्त होती है।
(ii) सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल से क्रिया 443 K ताप पर एथेनॉल को सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गर्म करने पर एथेनॉल का निर्जलीकरण होने से थन प्राप्त होती है।
इस अभिक्रिया में सान्द्र H2SO4 निर्जलीकारक का कार्य करता है।
(iii) दहन ऐल्कोहॉल (एथेनॉल) को वायु की उपस्थिति में जलाने पर यह, नीली ज्वाला के साथ जलता है तथा जिसके उपरान्त (CO2), जल व ऊष्मा प्राप्त होती है। अतः ऐल्कोहॉल का दहन, एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।

(iv) ऐसीटिक अम्ल के साथ अभिक्रिया ऐल्कोहॉल, H2SO4 (सल्फ्यूरिक अम्ल) की उपस्थिति में ऐसीटिक अम्ल से अभिक्रिया कर फलों जैसी गंध वाला एस्टर निर्मित करता है।

उपयोग
(i) मेथिलीकृत स्प्रिट बनाने में।
(ii) पेन्ट, सल्फर, आयोडीन, गोंद, आदि के विलायक के रूप में।
(iii) क्लोरल, क्लोरोफॉर्म, आयोडोफॉर्म, ईथर, एथिलीन, ऐसीटैल्डिहाइड ऐसीटिक अम्ल, आदि के निर्माण में ।
प्रश्न 2. ग्लैशियल ऐसीटिक अम्ल क्या है? ऐसीटिक अम्ल की चार अभिक्रियाओं, का रासायनिक समीकरण लिखिए।
अथवा ऐसीटिक अम्ल के तीन रासायनिक गुणों की अभिक्रिया लिखिए तथा इसका एक उपयोग लिखिए।
अथवा ऐसीटिक अम्ल के दो रासायनिक गुणों के रासायनिक समीकरण लिखिए |
उत्तर ग्लैशियल ऐसीटिक अम्ल शुद्ध एवं बर्फ के समान जमे हुए एथेनोइक अम्ल को ग्लैशियल ऐसीटिक अम्ल कहा जाता है। इसका गलनांक बिन्दु 290K है।
इसके रासायनिक गुण निम्नलिखित हैं
(i) अम्लीय गुण जल में ऐसीटिक अम्ल आयनित होकर एक H+ देता है, जिस कारण यह नीले लिटमस विलयन को लाल कर देता है।
(ii) धातुओं के साथ अभिक्रिया ऐसीटिक अम्ल, सक्रिय धातु के साथ अभिक्रिया करके धातु एथेनोएट एवं हाइड्रोजन गैस निर्मित करता है ।

(iii) एस्टरीकरण ऐसीटिक अम्ल सान्द्र H2SO4 की उपस्थिति में ऐल्कोहॉल से अभिक्रिया द्वारा एस्टर बनाता है।

(iv) कार्बोनेट व बाइकार्बोनेट के साथ अभिक्रिया ऐसीटिक अम्ल कार्बोनेट एवं हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया द्वारा इनके संगत लवण, कार्बन डाईऑक्साइड एवं जल बनाता है।

उपयोग विभिन्न कार्बनिक अभिक्रियाओं में विलायक के रूप में।
IUPAC नाम लिखिए


उत्तर
(i) एथेनोइक अम्ल
(ii) मेथेनल
(iii) मेथेनोइक अम्ल
(iv) प्रोपीन
(v) एथाइन
(vi) ब्यूट – 1, 3 – डाईन
(vii) 2 – ब्यूटीन
(viii) प्रोपेनल
(ix) मेथॉक्सी एथेन
(x) प्रोपेनोइक अम्ल
(xi) एथीन
(xii) क्लोरोप्रोपेन
(xiii) प्रोपेन- 2- ऑन
(xiv) प्रोपेन-1-ऑल
(xv) ब्यूट 1 – आईन
(xvi) 3- पेन्टेनॉन
(xvii) ब्यूटेन
(xviii) एथेनल
(xix) 3- पेन्टेनॉन
(xx) एथेनॉल
(xxi ) 2 – ब्यूटाईन
(xxii) 2 – प्रोपेनॉल
(xxiii) 2 – मेथिल प्रोपेन – 1- ऑल
(xxiv) 2, 2- डाइमेथिल प्रोपेन
(xxv) मेथॉक्सी एथेन
(xxvi) 2- पेन्टेनॉन
(xxvii) 2 – मेथिल प्रोपेनल
(xxviii) एथिल ऐथेनोएट
(xxix ) 2 – प्रोपेनॉल
(xxx ) प्रोपेनोइक अम्ल
(xxxi) 2, 2, 4 ट्राइमिथाइल पेन्टेन
(xxxii) 1 – ब्रोमो प्रोपेन
(xxxiii) 4, 4- डाइमेथिल पेन्टेनॉइक अम्ल
(xxxiv) 2 – क्लोरो ब्यूटेनॉल
संरचनात्मक सूत्र लिखिए
(i) एथेनोइक अम्ल या ऐसीटिक अम्ल
(ii) मेथिल ऐसीटिलीन
(iii) एथेनल
(iv) एथाइन या ऐसीटिलीन
(v) 1, 3-ब्यूटाडाईन
(vi) एथिल ऐल्कोहॉल
(vii) मेथेन नाइट्राइल
(viii) मेथेनोइक अम्ल
(ix) 2-पेन्टाइन
(x) ब्यूटेनोन-2
(xi) 2-हाइड्रॉक्सी पेन्टेनोइक अम्ल
(xii) डाइमेथिल ईथर
(xiii) फॉर्मिक अम्ल


क्या होता है ? जब
(i) सुक्रोस का किण्वन किया जाता है।
(ii) एथिल ऐल्कोहॉल की सोडियम धातु के साथ क्रिया कराते हैं।
(iii) एथिल ऐसीटेट को क्षारक की उपस्थिति में जल अपघटित कराते हैं।
(iv) एथिल ऐल्कोहॉल को सान्द्र H2SO4 के साथ 160-170°C पर गर्म करते हैं।
(v) एथिल ऐल्कोहॉल की ऐसीटिक अम्ल से अभिक्रिया करायी जाती है?
(vi) ऐसीटिक अम्ल की सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल की उपस्थिति में एथिल ऐल्कोहॉल से क्रिया कराते हैं।
(vii) एथेनॉल से एथेनोइक अम्ल में परिवर्तन होता है।
(vii) मेथेन का दहन कराया जाता है?
(viii) एथेनोइक अम्ल, सोडियम हाइड्रॉक्साइड से अभिक्रिया करता है?
(ix) ऐसीटिक अम्ल, सोडियम कार्बोनेट से अभिक्रिया करता है।
अथवा एथेनोइक अम्ल, सोडियम कार्बोनेट से अभिक्रिया करता है।
(x) एथेनॉल, क्षारीय पोटैशियम परमैंगनेट विलयन द्वारा ऑक्सीकृत होता है। [यूपी बोर्ड मॉडल पेपर 2023-24] [2022, 20, 19]
(xi) सोडियम बाई कार्बोनेट, एथेनोइक अम्ल से अभिक्रिया करता है।
उत्तर


कैसे परिवर्तित करेंगे ?
(i) एथिल ऐल्कोहॉल को ऐसीटिक अम्ल में
(ii) एथिल ऐल्कोहॉल को एथिलीन में

