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UP Board Class 10 Science Chapter 9 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

UP Board Class 10 Science Chapter 9 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

UP Board Solutions for Class 10 Science Chapter 9 प्रकाश-परावर्तन तथा अपवर्तन

फास्ट ट्रैक रिवीज़न
प्रकाश
  • ऐसा विकिरण या ऊर्जा जो हमारी आँखों में दृष्टि संवेदना (Sensitivity) उत्पन्न करता है, प्रकाश कहलाता है। इस दृष्टि संवेदना के कारण हमारी आँख अपने चारों ओर रखी वस्तुओं को देख पाती है।
प्रकाश का परावर्तन
प्रकाश के किसी पॉलिशदार या चिकने तल से टकराकर, उसी माध्यम में वापस लौटने की प्रक्रिया को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।
परावर्तन के दो नियम होते हैं
(i) आपतित किरण, आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तथा परावर्तित किरण तीनों एक ही तल में होते हैं।
(ii) परावर्तन कोण सदैव आपतन कोण के बराबर होता है अर्थात् ∠i = ∠r
दर्पण
यदि किसी चिकने पारदर्शी तल के एक पृष्ठ पर कलई अथवा लाल ऑक्साइड का लेप करके दूसरे पृष्ठ को परावर्तक पृष्ठ बना दिया जाये, तो वह निकाय दर्पण कहलाता है।
1. समतल दर्पण ऐसे दर्पण, जिनका परावर्तक पृष्ठ समतल होता है, समतल दर्पण कहलाते हैं।
2. गोलीय दर्पण ऐसे दर्पण, जिनका परावर्तक पृष्ठ गोलीय होता है, गोलीय दर्पण कहलाते हैं।
गोलीय दर्पण से सम्बन्धित परिभाषाएँ निम्न प्रकार हैं
(i) दर्पण का ध्रुव गोलीय दर्पण में परावर्तक तल के मध्य बिन्दु को ध्रुव (P) कहते हैं।
(ii) वक्रता केन्द्र गोलीय दर्पण, काँच के जिस खोखले गोले का भाग होता है, उस गोले के केन्द्र को दर्पण का वक्रता केन्द्र कहते हैं।
(iii) वक्रता त्रिज्या वक्रता केन्द्र से दर्पण के ध्रुव तक की दूरी दर्पण की वक्रता त्रिज्या कहलाती है।
(iv) मुख्य अक्ष गोलीय दर्पण के ध्रुव (P) तथा वक्रता केन्द्र (C) को मिलाने वाली सीधी रेखा, गोलीय दर्पण की मुख्य अक्ष कहलाती है।
(v) दर्पण का द्वारक गोलीय दर्पण के परावर्तक पृष्ठ के व्यास को दर्पण का द्वारक कहते हैं। चित्र में, M1, M2 दर्पण के द्वारक हैं।
(vi) मुख्य फोकस गोलीय दर्पण की मुख्य अक्ष के समान्तर आने वाली प्रकाश की किरणें गोलीय दर्पण से परावर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के जिस बिन्दु पर मिलती हैं या मिलती हुई प्रतीत होती हैं, उस बिन्दु को दर्पण का मुख्य फोकस अथवा फोकस कहते हैं। इसे F से प्रदर्शित करते हैं।
(vii) फोकस दूरी गोलीय दर्पण के की फोकस दूरी कहते हैं। इसे ध्रुव से मुख्य फोकस तक की दूरी को दर्पण से प्रदर्शित करते हैं। यदि दर्पण का द्वारक छोटा है, तो f = R/2 अर्थात् गोलीय दर्पण का मुख्य फोकस, ध्रुव तथा दर्पण की वक्रता त्रिज्या का मध्य बिन्दु होता है।
(viii) फोकस तल फोकस बिन्दु से होकर जाने वाले तथा मुख्य अक्ष के लम्बवत् तल को फोकस तल कहते हैं।
गोलीय दर्पण दो प्रकार के होते हैं- (i) अवतल तथा (ii) उत्तल दर्पण
गोलीय दर्पणों के उपयोग
  • गोलीय अवतल दर्पणों का उपयोग टॉर्च, सर्चलाइट तथा वाहनों के अग्रदीपों में किया जाता है।
  • गोलीय उत्तल दर्पणों का उपयोग, वाहनों के पश्चदृश्य दर्पणों के रूप में किया जाता है।
गोलीय दर्पण के लिए u, v तथा f में सम्बन्ध
गोलीय दर्पण के लिए फोकस दूरी तथा दर्पण से वस्तु और प्रतिबिम्ब की दूरियों के लिए निम्न सम्बन्ध होता है
रेखीय आवर्धन
दर्पण द्वारा निर्मित वस्तु के प्रतिबिम्ब के आकार या लम्बाई (I) तथा उस वस्तु के आकार या लम्बाई (O) का अनुपात रेखीय आवर्धन कहलाता है।
प्रकाश का अपवर्तन
  • प्रकाश किरण के एक माध्यम से दूसरे माध्यम में प्रवेश करने पर उनके पथ में परिवर्तन होने की घटना को प्रकाश का अपवर्तन कहते हैं।
प्रकाश के अपवर्तन के दो नियम होते हैं
(i) आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं।
(ii) आपतन कोण की ज्या (sin i) तथा अपवर्तन कोण की ज्या (sin r) का अनुपात एक नियतांक होता है अर्थात्
इसे स्नैल का नियम कहते हैं तथा इस नियतांक को पहले माध्यम के सापेक्ष दूसरे माध्यम का अपवर्तनांक (1) कहते हैं, जो माध्यम में प्रकाश संचरण को निरूपित करते हैं।
  • अपवर्तनांक दो प्रकार होते हैं- सापेक्ष तथा निरपेक्ष अपवर्तनांक
नोट वायु का अपवर्तनांक सबसे कम तथा हीरे का अपवर्तनांक सबसे अधिक होता है।
लेन्स
ऐसा पारदर्शी माध्यम (जैसे- काँच), जो दो गोलीय पृष्ठों या एक गोलीय तथा एक समतल पृष्ठ से घिरा होता है, लेन्स कहलाता है।
लेन्स निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं
1. उत्तल लेन्स वे लेन्स जो बीच में से मोटे तथा किनारों पतले होते हैं, उन्हें उत्तल लेन्स कहते हैं।
2. अवतल लेन्स वे लेन्स जो बीच में से पतले तथा किनारों पर से मोटे होते हैं, उन्हें अवतल लेन्स कहते हैं।
लेन्स से सम्बन्धित परिभाषाएँ निम्न प्रकार हैं
(i) प्रकाशिक केन्द्र लेन्स के मुख्य अक्ष पर स्थित वह बिन्दु, जिससे होकर जाने वाली प्रकाश की किरण अपवर्तन के पश्चात् बिना विचलित हुए सीधी निकल जाती है, लेन्स का प्रकाशिक केन्द्र कहलाता है। इसे O से प्रदर्शित करते हैं।
(ii) वक्रता केन्द्र उत्तल लेन्स व अवतल लेन्स के गोलीय पृष्ठ, जिस गोले के भाग होते हैं, उस गोले का केन्द्र लेन्स का वक्रता केन्द्र कहलाता है।
(ii) वक्रता त्रिज्या लेन्स जिस गोले का भाग होता है, उस गोले की त्रिज्या को लेन्स वक्रता त्रिज्या कहते हैं।
(iv) मुख्य अक्ष लेन्स के दोनों गोलीय पृष्ठों के वक्रता केन्द्रों से गुजरने वाली एक काल्पनिक सीधी रेखा को लेन्स का मुख्य अक्ष कहते हैं।
(v) मुख्य फोकस अथवा फोकस लेन्स के दो फोकस होते हैं, प्रथम फोकस (F1) तथा द्वितीय फोकस (F2)
गोलीय पृष्ठ के मुख्य अक्ष पर स्थित वह बिन्दु जिससे गुजरने वाली प्रकाश की किरण अपवर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के समान्तर हो जाती है, उस बिन्दु को प्रथम फोकस (F1) कहते हैं। इसी प्रकार, लेन्स के मुख्य अक्ष के समान्तर चलने वाली प्रकाश किरणें लेन्स से अपवर्तन के पश्चात् अक्ष के जिस बिन्दु पर मिलती हैं या मिलती हुई प्रतीत होती हैं, उस बिन्दु को द्वितीय फोकस (F2) कहते हैं।
(vi) फोकस दूरी लेन्स के प्रकाशिक केन्द्र व फोकस के मध्य की दूरी को फोकस दूरी कहते हैं।
(vii) फोकस तल लेन्स के फोकस से होकर जाने वाले तथा मुख्य अक्ष के अभिलम्बवत् तल को लेन्स का फोकस तल कहते हैं।
(viii) द्वारक लेन्स के अर्द्धवृत्ताकार सिरों के व्यास को लेन्स का द्वारक (AB) कहते हैं।
लेन्स सूत्र
लेन्स के लिए बिम्ब की दूरी u, प्रतिबिम्ब की दूरी v तथा फोकस दूरी f में सम्बन्ध को लेन्स सूत्र कहा जाता है जो निम्न है
रेखीय आवर्धन
लेन्स द्वारा बने प्रतिबिम्ब की लम्बाई तथा बिम्ब की लम्बाई के अनुपात को रेखीय आवर्धन कहते हैं तथा इसे m से प्रदर्शित करते हैं।
लेन्स की क्षमता
किसी लेन्स द्वारा प्रकाश की किरणों को अभिसारित या अपसारित करने के सामर्थ्य को लेन्स की क्षमता कहते हैं। लेन्स की क्षमता, फोकस दूरी के व्युत्क्रमानुपाती होती है। अर्थात् लेन्स की क्षमता
लेन्स की क्षमता का SI मात्रक डायोप्टर है तथा डायोप्टर को प्राय: D से प्रदर्शित करते हैं।
खण्ड अ बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1. निम्न में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) प्रकाश विद्युत चुम्बकीय तरंग है।
(b) प्रकाश सीधी रेखा में गति करता है।
(c) प्रकाश अनुप्रस्थ तरंग है।
(d) प्रकाश अनुदैर्ध्य तरंग है।
उत्तर (d) प्रकाश अनुदैर्ध्य तरंग है।
प्रश्न 2. समतल दर्पण की फोकस दूरी है
(a) शून्य
(b) अनन्त
(c ) 25 सेमी
(d) – 25 सेमी
उत्तर (b) अनन्त ।
प्रश्न 3. समतल दर्पण के सामने एक वस्तु दर्पण से 10 सेमी की दूरी पर रखी गई है, तो दर्पण से प्रतिबिम्ब की दूरी होगी
(a) 5 सेमी
(b) 10 सेमी
(c) 20 सेमी
(d) 0
उत्तर (b) समतल दर्पण से प्रतिबिम्ब की दूरी = 10 सेमी |
प्रश्न 4. समतल दर्पण द्वारा निर्मित प्रतिबिम्ब का आवर्धन होता है
(a) 1
(b) 1 से कम
(c) 1 से अधिक
(d) अनन्त
प्रश्न 5. प्रकाश के परावर्तन के नियम सदैव सत्य होते हैं
(a) केवल अवतल दर्पण के लिए
(b) केवल उत्तल दर्पण के लिए
(c) केवल समतल दर्पण के लिए
(d) ये सभी
उत्तर (d) समतल, अवतल व उत्तल दर्पण के लिए।
प्रश्न 6. दर्पण की फोकस दूरी / तथा वक्रता त्रिज्या R के बीच सम्बन्ध है
प्रश्न 7. एक गोलीय दर्पण के वक्रता केन्द्र तथा ध्रुव के बीच की दूरी 20 सेमी है। दर्पण के ध्रुव से फोकस की दूरी क्या होगी ?
(a) 5 सेमी
(b) 10 सेमी
(c) 15 सेमी
(d) 20 सेमी
उत्तर (b) 10 सेमी
प्रश्न 8. किसी गोलीय दर्पण तथा किसी लेन्स की फोकस दूरियाँ हैं। सम्भवतः दर्पण एवं लेन्स हैं
(a) दर्पण उत्तल तथा लेन्स अवतल
(b) दर्पण अवतल तथा लेन्स उत्तल
(c) दोनों उत्तल
(d) दोनों अवतल
उत्तर (d) दोनों अवतल
प्रश्न 9. किसी अवतल दर्पण पर आपतित प्रकाश किरण दर्पण से परावर्तन के उपरान्त अपने ही मार्ग से वापस आ जाती है। यह किरण मुख्य अक्ष का परिच्छेदन करती है
(a) फोकस पर
(b) फोकस एवं ध्रुव के मध्य में
(c) वक्रता केन्द्र पर
(d) अनन्त पर
उत्तर (c) वक्रता केन्द्र पर
प्रश्न 10. वक्रता त्रिज्या का मात्रक होता है
(a) मीटर
(b) सेण्टीमीटर
(c) मिलीमीटर
(d) ये सभी
उत्तर (d) मीटर, सेण्टीमीटर तथा मिलीमीटर
प्रश्न 11. किसी वस्तु का आवर्धित काल्पनिक प्रतिबिम्ब बन सकता है
(a) उत्तल लेन्स द्वारा
(b) उत्तल दर्पण द्वारा
(c) अवतल दर्पण द्वारा
(d) (a) और (c) दोनों
उत्तर (c) अवतल दर्पण द्वारा
प्रश्न 12. अवतल दर्पण द्वारा किसी वस्तु का सीधा व बड़ा प्रतिबिम्ब बनाने के लिए उसे रखना होगा
अथवा अवतल दर्पण द्वारा किसी वस्तु का बना प्रतिबिम्ब आभासी, सीधा तथा वस्तु से बड़ा पाया गया । वस्तु की स्थिति होगी
(a) दर्पण के वक्रता केन्द्र C पर
(b) दर्पण के फोकस बिन्दु F पर
(c) दर्पण के वक्रता केन्द्र C और उसके फोकस बिन्दु F के बीच में
(d) दर्पण के ध्रुव P और उसके फोकस बिन्दु F के बीच में
उत्तर (d) अवतल दर्पण द्वारा किसी वस्तु का सीधा व बड़ा प्रतिबिम्ब बनाने के लिए उसे दर्पण के ध्रुव P और उसके फोकस बिन्दु F के बीच में रखना होगा।
प्रश्न 13. एक अवतल दर्पण की वक्रता त्रिज्या 20 सेमी है। इसकी फोकस दूरी होगी
(a) – 20 सेमी
(b) – 10 सेमी
(c) 40 सेमी
(d) 10 सेमी
उत्तर (b) – 10 सेमी
प्रश्न 14. एक प्रकाश किरण अवतल दर्पण के वक्रता केन्द्र से होते हुए दर्पण के पृष्ठ पर आपतित होती है। परावर्तन कोण का मान होगा
(a) 60°
(b) 90°
(c) 0°
(d) 120°
उत्तर (c) 0°
प्रश्न 15. किसी वस्तु का वास्तविक एवं बड़ा प्रतिबिम्ब बनाने के लिए उसे अवतल दर्पण की किस स्थिति में रखना होगा?
(a) वक्रता केन्द्र (C) पर
(b) वक्रता केन्द्र (C) और फोकस बिन्दु (F) के बीच में
(c) दर्पण के ध्रुव (P) पर
(d) दर्पण के ध्रुव (P) और फोकस बिन्दु (F) के बीच में
उत्तर (b) वक्रता केन्द्र (C) और फोकस बिन्दु (F) के बीच में
प्रश्न 16. किसी अवतल दर्पण द्वारा वस्तु के आकार के बराबर वास्तविक और उल्टा प्रतिबिम्ब बनता है। वस्तु की स्थिति होगी
(a) फोकस पर
(b) फोकस और वक्रता केन्द्र के बीच
(c) वक्रता केन्द्र पर
(d) वक्रता केन्द्र से आगे
उत्तर (c) वक्रता केन्द्र पर
प्रश्न 17. किसी 10 सेमी फोकस दूरी वाले अवतल दर्पण के सामने 20 सेमी की दूरी पर एक वस्तु रखी है, तो उस वस्तु का प्रतिबिम्ब
(a) दर्पण के पीछे बनेगा
(b) दर्पण तथा फोकस के बीच बनेगा
(c) फोकस पर बनेगा
(d) दर्पण के वक्रता केन्द्र पर बनेगा
उत्तर (d) दर्पण के सूत्र से,
प्रश्न 18. एक अवतल दर्पण किसी वस्तु का वास्तविक, उल्टा और अत्यधिक छोटा प्रतिबिम्ब बनाता है । वस्तु की स्थिति होगी
(a) फोकस पर
(b) ध्रुव और फोकस के बीच
(c) वक्रता केन्द्र पर
(d) अनन्त पर
उत्तर (d) अनन्त पर
प्रश्न 19. दन्त विशेषज्ञ, मरीजों के दाँतों का बड़ा प्रतिबिम्ब देखने के लिए किस दर्पण का उपयोग करते हैं?
(a) अवतल दर्पण
(b) समतल दर्पण
(c) उत्तल दर्पण
(d) ये सभी
उत्तर (a) अवतल दर्पण
प्रश्न 20. किस दर्पण के सामने, किसी वस्तु को रखने पर उसका प्रतिबिम्ब वास्तविक, उल्टा व आकार में कुछ छोटा बनेगा?
(a) उत्तल
(b) अवतल
(c) समतल
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (b) अवतल दर्पण
प्रश्न 21. किसी वस्तु से बड़ा, आभासी प्रतिबिम्ब बनाने वाला दर्पण है
(a) समतल
(b) अवतल
(c) उत्तल
(d) कोई गोलीय
उत्तर (b) अवतल
प्रश्न 22. अनन्त एवं उत्तल दर्पण के ध्रुव P के बीच रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब कहाँ और किस प्रकृति का होगा ?
(a) दर्पण के पीछे, P एवं F के बीच, आभासी एवं सीधा
(b) दर्पण के पीछे, P एवं F के बीच, आभासी एवं उल्टा
(c) दर्पण के सामने, वास्तविक एवं सीधा
(d) दर्पण के सामने, आभासी एवं सीधा (यहाँ F फोकस है)
उत्तर (a) दर्पण के पीछे, P एवं F के बीच, आभासी एवं सीधा होगा ।
प्रश्न 23. एक उत्तल दर्पण की फोकस दूरी होगी, जिसकी वक्रता त्रिज्या 32 सेमी है
(a) 32 सेमी
(b) 16 सेमी
(c) 61 सेमी
(d) 8 सेमी
उत्तर (b) 16 सेमी
प्रश्न 24. उत्तल दर्पण से प्रतिबिम्ब सदैव बनता है
(a) वक्रता केन्द्र तथा फोकस के बीच
(b) वक्रता केन्द्र तथा अनन्त के बीच
(c) ध्रुव तथा फोकस के बीच
(d) कहीं भी बन सकता है, वह वस्तु की स्थिति पर निर्भर करता है।
उत्तर (c) ध्रुव तथा फोकस के बीच
25. किसी दर्पण से आप चाहे कितनी ही दूरी पर खड़े हों, आपका प्रतिबिम्ब सदैव सीधा प्रतीत होता है, वह दर्पण होगा
(a) केवल समतल
(b) केवल अवतल
(c) केवल उत्तल
(d) समतल तथा उत्तल
उत्तर (d) समतल तथा उत्तल
प्रश्न 26. 20 सेमी फोकस दूरी वाले उत्तल दर्पण के सामने 20 सेमी की दूरी पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब बनता है
(a) 10 सेमी दूरी पर दर्पण के पीछे
(b) 0 सेमी दूरी पर दर्पण के सामने
(c) अनन्त पर
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
प्रश्न 27. एक उत्तल दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन सदैव होता है।
(a) 1 से अधिक
(b) 1 से कम
(c) 1 के बराबर
(d) 1 से अधिक या कम
उत्तर (b) धनात्मक एवं 1 से कम
प्रश्न 28. एक उत्तल दर्पण की फोकस दूरी 12 सेमी है, दर्पण के उत्तल पृष्ठ की वक्रता त्रिज्या होगी
(a) 6 सेमी
(b) 12 सेमी
(c) 18 सेमी
(d) 24 सेमी
उत्तर (d) R = 2f = 2 × 12 = 24 सेमी
प्रश्न 29. उत्तल दर्पण द्वारा अनन्त पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब होता है
(a) वास्तविक तथा बड़ा
(b) आभासी तथा छोटा
(c) आभासी तथा बड़ा
(d) वास्तविक तथा छोटा
उत्तर (b) आभासी तथा छोटा
प्रश्न 30. दो माध्यमों के सीमा-पृष्ठ पर एक प्रकाश किरण लम्बवत् आपतित होती है, तो अपवर्तन कोण होगा
(a) 0°
(b) 45°
(c) 60°
(d) 90°
उत्तर (a) अपवर्तन कोण का मान 0° होगा।
प्रश्न 31. वायु में प्रकाश की चाल 3 × 108 मी/से है। 3/2 अपवर्तनांक वाले काँच में प्रकाश की चाल होगी
(a) 2 × 108 मी/से
(b) 3 × 108 मी/से
(c) 4.5 × 108 मी/से
(d) 1 × 108 मी/से
उत्तर (a) 2 × 108 मी/से
प्रश्न 32. वायु में प्रकाश की चाल 3 × 108 मी/से है, जबकि एक पदार्थ में इसकी चाल 1.5 × 108 मी/से हो जाती है, तो पदार्थ का अपवर्तनांक है
(a) 3
(b) 5
(c) 0.5
(d) 2
उत्तर (d) 2
प्रश्न 33. जब प्रकाश किरणें एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर अभिलम्ब से दूर हटती हैं, तो वह
(a) सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाती हैं
(b) विरल माध्यम से सघन माध्यम जाती हैं
(c) कम अपवर्तनांक वाले माध्यम से अधिक अपवर्तनांक वाले माध्यम में जाती हैं
(d) पारदर्शी माध्यम से अपारदर्शी माध्यम में जाती हैं।
उत्तर (a) सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाती हैं।
प्रश्न 34. एक प्रकाश किरण किसी लेन्स के भीतर स्थित किसी बिन्दु से बिना किसी विचलन के गुजर जाती है। वह बिन्दु लेन्स का होगा
(a) फोकस
(b) वक्रता केन्द्र
(c) प्रकाशिक केन्द्र
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (c) प्रकाशिक केन्द्र
प्रश्न 35. निम्न में दिए गए माध्यमों में प्रकाश की चाल अधिकतम होती है?
(a) केरोसीन में
(b) जल में
(c) काँच में
(d) निर्वात् में
उत्तर (d) निर्वात् में
प्रश्न 36. वायु के सापेक्ष माध्यम का अपवर्तनांक अधिकतम होता है
(a) जल में
(b) हीरे में
(c) काँच में
(d) तारपीन के तेल में
उत्तर (b) हीरे में
प्रश्न 37. निम्न में से कौन-सा पदार्थ लेन्स बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं किया [NCERT] जा सकता है?
(a) जल
(b) काँच
(c) प्लास्टिक
(d) मिट्टी
उत्तर (d) मिट्टी
प्रश्न 38. 10 सेमी फोकस दूरी का एक उत्तल लेंस, एक वस्तु के बराबर आकार का वास्तविक प्रतिबिम्ब बनाता है। वस्तु और इसके प्रतिबिम्ब के बीच की दूरी होगी
(a) 10 सेमी
(b) 20 सेमी
(c) 30 सेमी
(d) 40 सेमी
उत्तर (d) 40 सेमी
प्रश्न 39.उत्तल लेन्स द्वारा किसी वस्तु का वास्तविक, उल्टा एवं बड़ा प्रतिबिम्ब बनाने के लिए वस्तु को रखना चाहिए
(a) लेन्स के फोकस पर
(b) लेन्स से 2f दूरी पर
(c) लेन्स से f तथा 2f के बीच
(d) 2f तथा अनन्त के बीच
उत्तर (c) लेन्स से f तथा 2f के बीच
प्रश्न 40. एक लेंस की क्षमता +2 डायोप्टर है। इसकी फोकस दूरी सेमी में कितनी होगी?
(a) +50
(b) -50
(c) +25
(d) -25
उत्तर (a) +50
प्रश्न 41. एक अभिसारी लेंस की फोकस दूरी 20 सेमी है। इस लेंस की क्षमता होगी
(a) +0.2D
(b) -0.2D
(c) +5.0D
(d) -5.0D
प्रश्न 42. किसी वस्तु का आभासी एवं आकार में बड़ा प्रतिबिंब बनाने के लिए कौन-से लेन्स का प्रयोग करना चाहिए?
(a) उत्तल
(b) अवतल
(c) समतल
(d) इसमें से कोई नहीं
उत्तर (a) उत्तल लेन्स
प्रश्न 43. किसी शब्दकोष ( dictionary) में पाए गए छोटे अक्षरों को पढ़ते समय आप निम्न में से कौन-सा लेन्स पसंद करेंगे?
(a) 50 सेमी फोकस दूरी का एक उत्तल लेन्स
(b) 50 सेमी फोकस दूरी का एक अवतल लेन्स
(c) 5 सेमी फोकस दूरी का एक उत्तल लेन्स
(d) 5 सेमी फोकस दूरी का एक अवतल लेन्स लेन्स
उत्तर (c) 5 सेमी फोकस दूरी का एक उत्तल (convex lens)
प्रश्न 44. एक उत्तल लेन्स की फोकस दूरी 15 सेमी है। इससे 30 सेमी की दूरी पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब बनेगा
(a) 30 सेमी पर वस्तु की ओर वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु के आकार का
(b) 30 सेमी पर वस्तु के दूसरी ओर वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु के आकार का
(c) 15 सेमी पर वस्तु के दूसरी ओर वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु के आकार का
(d) 15 सेमी पर वस्तु की ओर आभासी, सीधा तथा वस्तु के आकार का
30 सेमी पर वस्तु के दूसरी ओर वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु के आकार का प्रतिबिम्ब बनेगा ।
प्रश्न 45. एक अवतल लेन्स प्रयोग में आता है
(a) आवर्धक लेन्स के रूप में
(b) कार के पीछे की ओर की वस्तुओं को देखने के लिए
(c) निकट दृष्टि दोष दूर करने के लिए चश्मों में
(d) साधारण कैमरों में
उत्तर (c) निकट दृष्टि दोषों को दूर करने के लिए।
प्रश्न 46. एक अवतल लेन्स द्वारा किसी वस्तु का बना प्रतिबिम्ब होता है
(a) आभासी, उल्टा व छोटा
(b) आभासी, सीधा व बड़ा
(c) आभासी, सीधा व छोटा
(d) आभासी, उल्टा व बड़ा
उत्तर (c) सीधा, आभासी तथा छोटा
प्रश्न 47. एक लेन्स से 0.2 मी दूर रखी वस्तु के आभासी प्रतिबिम्ब का आवर्धन 0.5 है। यह लेन्स होगा
(a) 0.1 मी फोकस दूरी का अवतल लेन्स
(b) 0.2 मी फोकस दूरी का अवतल लेन्स
(c) 0.1 मी फोकस दूरी का उत्तल लेन्स
(d) 0.2 मी फोकस दूरी का उत्तल लेन्स
प्रश्न 48. एक अवतल लेन्स की फोकस दूरी 5 मी है, तो इसकी क्षमता होगी
(a) 0.2D
(b) – 0.2D
(c) 2.0D
(d) 5.0D
प्रश्न 49. किसी वस्तु का आभासी, सीधा और बड़ा प्रतिबिम्ब प्राप्त करने के लिए वस्तु को उत्तल लेन्स के सामने रखते हैं
(a) लेन्स के मुख्य फोकस पर
(b) फोकस दूरी के दोगुनी दूरी पर
(c) अनन्त पर
(d) लेन्स के प्रकाशिक केन्द्र और प्रथम मुख्य फोकस के बीच में
उत्तर (d) प्रकाशिक केन्द्र और प्रथम मुख्य फोकस के मध्य में।
प्रश्न 50. किसी गोलीय दर्पण तथा किसी पतले गोलीय लेन्स दोनों की फोकस दूरियाँ – 15 सेमी हैं। दर्पण तथा लेन्स संभवतः हैं
(a) दोनों अवतल
(b) दोनों उत्तल
(c) दर्पण अवतल तथा लेन्स उत्तल
(d) दर्पण उत्तल तथा लेन्स अवतल
उत्तर (a) दोनों अवतल
प्रश्न 51. निम्नलिखित में से कौन-सा किरण आरेख सही है?
उत्तर (c) किरण आरेख (c) सही है।
प्रश्न 52. सूची I में दिए गए गोलीय दर्पण से सम्बन्धित पदों का सुमेलन सूची II में दी गई परिभाषाओं से कर सही विकल्प चुनिए ।
निर्देश (प्र. सं. 53-54) इन प्रश्नों में दो कथन अभिकथन (A) और कारण (R) दिए गए हैं। इन प्रश्नों के उत्तर नीचे दिए अनुसार उचित विकल्प को चुनकर दीजिए ।
(a) A और R दोनों सही हैं तथा R द्वारा A की सही व्याख्या हो रही है।
(b) A और R दोनों सही हैं, परन्तु R द्वारा A की सही व्याख्या नहीं हो रही है।
(c) A सही है, परन्तु R गलत है।
(d) A गलत है, परन्तु R सही है।
प्रश्न 53. कथन (A) प्रकाश में अपने पथ को उत्क्रमित करने का गुण होता है।
कारण (R) जब आपतित किरण, परावर्तित किरण की भाँति व्यवहार करती है।
उत्तर (b) A तथा R दोनों सही हैं, परन्तु R द्वारा A की सही व्याख्या नहीं हो रही है।
प्रश्न 54. कथन (A) वायु का अपवर्तनांक सबसे कम तथा हीरे का अपवर्तनांक सबसे अधिक होता है।
कारण (R) वायु, क्राउन काँच तथा हीरे के अपवर्तनांक क्रमशः 2.49, 1.89 तथा 1.0003 होते हैं।
उत्तर (c) A सही है, परन्तु R गलत है ।
खण्ड ब वर्णनात्मक प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्न-I
प्रश्न 1. गोलीय दर्पण की फोकस दूरी व वक्रता त्रिज्या के सम्बन्ध का सूत्र लिखिए |
अथवा उत्तल दर्पण की फोकस दूरी के लिए सूत्र लिखिए।
उत्तर गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या (R), उसकी फोकस दूरी (f) की दोगुनी होती है अर्थात् R = 2f
तथा f = R/2
प्रश्न 2. एक अवतल दर्पण के वक्रता केन्द्र एवं फोकस के मध्य रखी वस्तु के प्रतिबिम्ब के बनने का किरण आरेख खींचिए ।
अथवा एक अवतल दर्पण से फोकस तथा वक्रता केन्द्र के बीच स्थित वस्तु के प्रतिबिम्ब का किरण आरेख बनाइए तथा प्रतिबिम्ब की प्रकृति तथा उसका आकार बताइए।
अथवा अवतल दर्पण के ध्रुव एवं फोकस दूरी के मध्य रखी वस्तु के प्रतिबिम्ब के बनने का किरण आरेख खींचिए ।
अथवा दर्पण द्वारा वस्तु का आवर्धित प्रतिबिम्ब बनने का किरण आरेख बनाइए ।
अथवा किरण आरेख का उपयोग करके अवतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब की स्थिति एवं प्रकृति लिखिए।
(i) वक्रता केन्द्र और फोकस के बीच
(ii) ध्रुव और फोकस के बीच
उत्तर (i) जब वस्तु मुख्य फोकस तथा वक्रता केन्द्र के बीच रखी जाती है, तब प्रतिबिम्ब दर्पण के वक्रताकेन्द्र तथा अनन्त के बीच बनता है तथा वास्तविक, उल्टा व वस्तु से बड़ा होता है।
किरण आरेख
(ii) जब वस्तु अवतल दर्पण के फोकस तथा ध्रुव के बीच होती है, तब प्रतिबिम्ब आभासी तथा आवर्धित (वस्तु से बड़ा ) होता है और दर्पण के पीछे बनता है।
किरण आरेख
प्रश्न 3. सड़कों पर लगे लैम्पों के ऊपर किस दर्पण का उपयोग होता है? इस दर्पण का एक और उपयोग लिखिए |
उत्तर सड़कों पर लगे लैम्पों के ऊपर उत्तल दर्पण का उपयोग होता है। इस दर्पण का उपयोग वाहनों में पीछे का दृश्य देखने के लिए भी किया जाता है।
प्रश्न 4. अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण से बनने वाले आभासी प्रतिबिम्ब में क्या अन्तर है?
उत्तर अवतल दर्पण से बनने वाला आभासी प्रतिबिम्ब सीधा तथा वस्तु से बड़ा होता है, जबकि उत्तल दर्पण से बनने वाला आभासी प्रतिबिम्ब सीधा तथा वस्तु से छोटा होता है।
प्रश्न 5. 15 सेमी फोकस दूरी के एक अवतल दर्पण का उपयोग करके हम किसी बिम्ब का सीधा प्रतिबिम्ब बनाना चाहते हैं। बिम्ब की दर्पण से दूरी परिसर क्या होनी चाहिए ? प्रतिबिम्ब की प्रकृति कैसी होगी, यदि प्रतिबिम्ब बिम्ब से बड़ा अथवा छोटा है? इस स्थिति में प्रतिबिम्ब बनने का एक किरण आरेख बनाइए ।
उत्तर बिम्ब को दर्पण से 15 सेमी से कम दूरी पर रखना चाहिए, जिससे प्रतिबिम्ब आभासी, सीधा तथा बिम्ब से बड़ा बनेगा।
किरण आरेख
प्रश्न 6. अवतल दर्पण के लिए u, v तथा f में सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर अवतल दर्पण के लिए u, v तथा f में निम्न सम्बन्ध होता है
जहाँ, u = दर्पण से वस्तु की दूरी, v = दर्पण से प्रतिबिम्ब की दूरी
तथा f = दर्पण की फोकस दूरी ।
प्रश्न 7. उत्तल दर्पण तथा उसके फोकस के बीच स्थित वस्तु के बने प्रतिबिम्ब की स्थिति तथा प्रकृति को आवश्यक किरण आरेख द्वारा समझाइए |
उत्तर जब वस्तु उत्तल दर्पण तथा उसके फोकस के बीच रखी जाती है, तब वस्तु का प्रतिबिम्ब आभासी, सीधा, वस्तु से छोटा तथा दर्पण के पीछे, दर्पण व फोकस के बीच बनता है।
किरण आरेख
प्रश्न 8. प्रकाश अपवर्तन की घटना को समझाइए |
उत्तर जब प्रकाश की किरणें एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में प्रवेश करती हैं, तो दोनों माध्यमों के पृथक्कारी पृष्ठ पर वे अपने मार्ग से विचलित हो जाती हैं। यह विचलन ही प्रकाश का अपवर्तन कहलाता है।
प्रश्न 9. एक प्रकाश किरण पतले लेन्स से अपवर्तन के पश्चात् बिना विचलित हुए सीधी निकल जाती है। उस बिन्दु का नाम बताइए ।
अथवा प्रकाशिक केन्द्र से आप क्या समझते हैं?
उत्तर प्रत्येक लेन्स के लिए उसके मुख्य अक्ष पर स्थित एक ऐसा बिन्दु होता है, जिसमें से गुजरने वाली प्रकाश की किरणें बिना विचलित या विस्थापित हुए सीधे बाहर निकल जाती हैं। यह बिन्दु लेन्स का प्रकाशिक केन्द्र कहलाता है ।
प्रश्न 10. यदि मिट्टी का तेल, तारपीन का तेल तथा जल के अपवर्तनांक क्रमशः 1.44, 1.47 तथा 1.33 हैं, तो इनमें प्रकाश की चाल किसमें सबसे अधिक होगी और क्यों?
उत्तर दिया है,
जो माध्यम सबसे अधिक प्रकाशीय विरल है, अर्थात् जिसका अपवर्तनांक सबसे कम हैं, उस माध्यम में प्रकाश की गति सबसे तीव्र होगी। उपरोक्त तीनों माध्यमों में से जल का अपवर्तनांक सबसे कम है, अत: इनमें से जल ही ऐसा माध्यम है, जिसमें प्रकाश की गति सबसे तीव्र होगी।
प्रश्न 11. चित्र द्वारा दिखाइए कि दो अभिसारी लेन्सों को किस प्रकार व्यवस्थित किया जाए कि समान्तर आने वाली किरणें लेन्सों से गुजरने के बाद पुनः समान्तर हो जाएँ ?
उत्तर
यदि दोनों लेन्सों के मध्य दूरी = 2f होगी, तो प्रथम लेन्स से प्रतिबिम्ब फोकस बिन्दु (I) पर बनेगा। यह प्रतिबिम्ब L2 के लिए वस्तु का कार्य करेगा। इससे आपतित किरणें, अपवर्तन के पश्चात् पुनः मुख्य अक्ष के समान्तर जाएँगी।
लघु उत्तरीय प्रश्न-II
प्रश्न 1. प्रकाश के परावर्तन के नियम लिखिए। एक अवतल दर्पण से 10 सेमी की दूरी पर एक वस्तु स्थित है। यदि दर्पण से आभासी प्रतिबिम्ब 20 सेमी की दूरी पर बनता हो, तब दर्पण की वक्रता त्रिज्या ज्ञात कीजिए ।
उत्तर परावर्तन के दो नियम होते हैं
(i) आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं।
(ii) परावर्तन कोण सदैव आपतन कोण के बराबर होता है।
अर्थात् ∠i = ∠r
प्रश्न 2. गोलीय दर्पण कितने प्रकार के होते हैं? इनके नाम लिखिए। किसी गोलीय दर्पण के वक्रता केन्द्र एवं मुख्य अक्ष की परिभाषा दीजिए। एक उत्तल दर्पण की फोकस दूरी 30 सेमी है। दर्पण के सम्मुख 5 सेमी लम्बी वस्तु दर्पण से 30 सेमी दूरी पर रखी है। प्रतिबिम्ब की स्थिति, आकार एवं प्रकृति ज्ञात कीजिए ।
उत्तर गोलीय दर्पण दो प्रकार के होते हैं, अवतल दर्पण तथा उत्तल दर्पण । वक्रता केन्द्र किसी खोखले गोले का वह भाग, जो उस गोले का केन्द्र होता है। वक्रता केन्द्र कहलाता है।
मुख्य अक्ष किसी दर्पण के ध्रुव (P) तथा वक्रता केन्द्र (C) को मिलाने वाली सीधी रेखा मुख्य अक्ष कहलाती है।
दिया है,
प्रश्न 3. अवतल दर्पण के उपयोगों को लिखिए ।
उत्तर अवतल दर्पण के उपयोग अवतल दर्पण के निम्नलिखित उपयोग हैं
  1. बड़ी फोकस दूरी तथा बड़े द्वारक का अवतल दर्पण दाढ़ी बनाने के काम आता है। मनुष्य अपने चेहरे को दर्पण के ध्रुव तथा फोकस के बीच में रखता है, जिससे चेहरे का सीधा व बड़ा आभासी प्रतिबिम्ब दर्पण में दिखाई देने लगता है।
  2. डॉक्टर प्रकाश की किरणें छोटे अवतल दर्पण से परावर्तित करके आँख, दाँत, नाक, गले इत्यादि में डालते हैं।
  3. अवतल दर्पणों का उपयोग टेबिल लैम्पों के शेड़ों में किया जाता है। बल्ब से चली किरणें दर्पण से परावर्तित होकर अभिसारी हो जाती हैं और मेज के थोड़े-से क्षेत्र को अधिक प्रकाश पहुँचाती हैं।
  4. अवतल दर्पणों का उपयोग मोटरकारों, रेलवे इंजनों, स्टीमरों तथा सर्चलाइट के लैम्पों में परावर्तक के रूप में होता है। लैम्प, दर्पण के मुख्य फोकस पर होता है। अतः परावर्तन के पश्चात् प्रकाश एक समान्तर किरण- पुँज के रूप में आगे बढ़ता है।
प्रश्न 4. उत्तल दर्पण तथा उत्तल लेन्स के दो-दो उपयोग लिखिए ।
उत्तर उत्तल दर्पण के प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं
  1. उत्तल दर्पण का उपयोग स्कूटर, मोटरकारों आदि वाहनों में साइड दर्पण के रूप में किया जाता है, जिससे पीछे की ओर के काफी बड़े क्षेत्र का स्पष्ट व सीधा प्रतिबिम्ब दिखाई पड़ता है।
  2. उत्तल दर्पण का उपयोग गली तथा बाजारों में लगे हुए लैम्पों में परावर्तक पृष्ठ के रूप में किया जाता है, जिससे लैम्प का प्रकाश अपसारी किरण पुंज के रूप में गली तथा सड़क के काफी क्षेत्र तक फैल जाता है।
उत्तल लेन्स के उपयोग निम्न प्रकार हैं
  1. उत्तल लेन्स का उपयोग घड़ीसाज, घड़ी के छोटे पुर्जे देखने के लिए करते हैं।
  2. डॉक्टर, आँख व कान के अन्दर देखने के लिए उत्तल लेन्स का उपयोग करते हैं।
प्रश्न 5. (i) कारों में पश्च- दृश्य दर्पण के लिए कौन-से प्रकार के दर्पण का प्रयोग करते हैं? हम इसे क्यों वरीयता देते हैं?
(ii) एक 3 सेमी ऊँचाई की वस्तु एक अवतल दर्पण से 8 सेमी की दूरी पर रखी है, जो 4.5 सेमी ऊँचाई का आभासी प्रतिबिम्ब बनाती है। प्रतिबिम्ब की स्थिति तथा दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए।
उत्तर (i) कारों में पश्च- दृश्य दर्पण के लिए हम उत्तल दर्पण का प्रयोग करते हैं। हम इसे वरियता इसलिए देते हैं, क्योंकि यह वस्तुओं (दूर स्थित भी) का सीधा, पूर्ण तथा छोटा प्रतिबिम्ब बनाता है। ट्रकों, बसों और मोटरकारों ड्राइवर सीट के पास उत्तल दर्पण लगा रहता है, जिससे ड्राइवर अपने पीछे के बड़े दृष्टि क्षेत्र में आने वाले सभी व्यक्तियों तथा गाड़ियों के प्रतिबिम्ब देख सकता है। उत्तल दर्पण से वस्तु का प्रतिबिम्ब सदैव ही सीधा, छोटा व आभासी दिखायी देता है।
प्रश्न 6. अपवर्तन के क्या नियम हैं? 3 सेमी की वस्तु उत्तल लेन्स के मुख्य अक्ष के लम्बवत् रखी है। लेन्स की फोकस दूरी 30 सेमी और लेन्स से वस्तु की दूरी 10 सेमी है। प्रतिबिम्ब की स्थिति, आकार एवं प्रकृति ज्ञात कीजिए | क्या हम इस प्रतिबिम्ब को पर्दे पर देख सकते हैं?
अथवा प्रकाश के अपवर्तन के नियम समझाइए |
उत्तर प्रकाश के अपवर्तन के निम्नलिखित दो नियम हैं
(i) प्रथम नियम अपवर्तन के प्रथम नियम के अनुसार, आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तीनों एक ही तल में होते हैं।
(ii) द्वितीय नियम अपवर्तन के द्वितीय नियम के अनुसार, किन्हीं दो माध्यमों के लिए आपतन कोण (i) की ज्या (sine) तथा अपवर्तन कोण (r) की ज्या (sine) का अनुपात नियतांक होता है अर्थात् sin i / sin r = नियतांक
इस नियम को स्नैल का नियम (Snell’s law) भी कहते हैं। इस नियतांक को प्रथम माध्यम के सापेक्ष द्वितीय माध्यम का अपवर्तनांक कहते हैं। इसे n (या u) द्वारा प्रदर्शित करते तथा इसके दोनों ओर प्रथम व द्वितीय माध्यम का संकेत लिखा जाता है।
प्रश्न 7. लेन्स क्या होता है? प्रकाशिक गुणों के आधार पर यह कितने प्रकार के होते हैं? उत्तल लेन्स के प्रथम फोकस तथा लेन्स के बीच स्थित वस्तु के प्रतिबिम्ब का बनना, किरण आरेख खींचकर दर्शाइए ।
उत्तर लेन्स वह पारदर्शी माध्यम है, जो दो गोलीय पृष्ठों या एक गोलीय तथा समतल पृष्ठ से घिरा रहता है। प्रकाशिक गुणों के आधार पर यह दो प्रकार के होते हैं, उत्तल तथा अवतल लेन्स ।
इस अवस्था में, प्रतिबिम्ब 2F2 की दूसरी ओर बनेगा। यह वास्तविक, उल्टा तथा आवर्धित होगा ।
प्रश्न 8. 2F दूरी पर स्थित किसी वस्तु की उत्तल लेन्स द्वारा निर्मित प्रतिबिम्ब की प्रकृति, स्थिति तथा सापेक्ष आकार को समझाइए । किरण आरेख भी खींचिए ।
जब वस्तु 2F1 दूरी पर स्थित हो, तब
(i) प्रतिबिम्ब 2F2 दूरी पर बनेगा।
(ii) प्रतिबिम्ब का आकार, वस्तु के आकार जैसा होगा ।
(iii) प्रतिबिम्ब वास्तविक तथा उल्टा होगा।
प्रश्न 9. किसी माध्यम में डूबे काँच की आयताकार स्लैब पर आपतित कोई प्रकाश किरण अपने स्वयं के समान्तर निर्गत् क्यों होती है? आरेख द्वारा स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर जब प्रकाश की किरण किसी आयताकार काँच से गुजरती है, तो आपतित किरण तथा निर्गत् किरण एक-दूसरे के समान्तर होती हैं लेकिन किरण अपने मार्ग से थोड़ा विस्थापित हो जाती है।
जब प्रकाश की किरण आयताकार काँच की झिल्ली से गुजरती है, तो निर्गत् किरण तथा आपतित किरण के मध्य लम्बवत् दूरी पार्श्व विस्थापन कहलाती है।
अपवर्तन की इस प्रक्रिया में अपवर्तन दो बार होता है, प्रथम बार जब प्रकाश की किरण वायु से काँच की झिल्ली में पृष्ठ AB से गमन करती ‘´ है तथा दूसरी बार पृष्ठ CD पर, जब यह काँच से वायु में गमन करती है। आयताकार काँच के स्लैब के विपरीत पृष्ठों AB तथा CD पर किरण के मुड़ने का परिमाण समान तथा विपरीत है। इसी कारण, निर्गत् किरण आपतित किरण के समान्तर निकलती है तथापि प्रकाश किरण में थोड़ा-सा पाविक विस्थापन होता है।
चित्र में, i = आपतन कोण, r = अपवर्तन कोण तथा e = निर्गत् कोण |
प्रश्न 10. प्रतिबिम्बों के बनने को दर्शाने वाले किरण आरेख बनाइए, जब
(i) वस्तु अभिसारी लेन्स के सामने फोकस (F) और प्रकाशिक केन्द्र (O) के बीच रखी हो ।
(ii) वस्तु फोकस (F) और फोकस की दोगुनी दूरी (2F) के बीच रखी हो, तो प्रतिबिम्बों की प्रकृति भी बताइए ।
उत्तर (i) जब वस्तु फोकस F तथा प्रकाशिक केन्द्र के बीच स्थित हो चित्र में AB वस्तु उत्तल लेन्स के सामने उसके प्रकाशिक केन्द्र तथा प्रथम फोकस F के बीच रखी है। वस्तु के बिन्दु B से मुख्य अक्ष के समान्तर आने वाली किरण BE, लेन्स से अपवर्तित होकर द्वितीय फोकस F” से होकर सीधी चली जाती है। दूसरी किरण BC लेन्स के प्रकाशिक केन्द्र C से होकर सीधी चली जाती है। दोनों अपरिवर्तित किरणें अपसारी हो जाती हैं तथा पीछे की ओर बढ़ाए जाने पर बिन्दु B´ से आती हुई प्रतीत होती हैं। अत: बिन्दु B’ पर बिन्दु B का आभासी प्रतिबिम्ब बनता है। बिन्दु B’ से मुख्य अक्ष पर डाला गया लम्ब A’ B’, वस्तु AB का प्रतिबिम्ब है। यह प्रतिबिम्ब लेन्स से वस्तु की ओर आभासी, सीधा तथा वस्तु से बड़ा बनता है ।
(ii) जब वस्तु F तथा 2F दूरी के बीच म है चित्र में वस्तु AB लेन्स से F तथा 2F के बीच मुख्य अक्ष पर स्थित है। इस स्थिति में वस्तु के बिन्दु B सेलेन्स के मुख्य अक्ष के समान्तर किरण लेन्स से अपवर्तित होकर द्वितीय फोकस F” से होकर जाती है। इसी बिन्दु B से दूसरी किरण BC लेन्स के प्रकाशिक केन्द्र से होती हुई सीधी चली जाती है, जो पहली किरण को बिन्दु A’ पर काटती है। बिन्दु B´ से मुख्य अक्ष पर डाला गया लम्ब A’B’ ही वस्तु AB का प्रतिबिम्ब है। अतः वस्तु AB का प्रतिबिम्ब A’B’ लेन्स के दूसरी ओर 27 व अनन्त के बीच वास्तविक, वस्तु से बड़ा तथा उल्टा बनता है।
प्रश्न 11. (i) अभिसारी किरणों के मार्ग में अवतल लेंस रखने पर किरणें लेंस से 20 सेमी पीछे अक्ष पर फोकस होती हैं।
(ii) लेंस की अनुपस्थिति में, ये किरणें कहाँ फोकस होती हैं ? लेंस की फोकस दूरी 30 सेमी है।
उत्तर (i) अभिसारी किरणों के मार्ग में अवतल लेंस रखने पर किरणें लेंस से 20 सेमी पीछे अक्ष पर फोकस होती हैं, क्योंकि अवतल लेंस द्वारा वस्तु की प्रत्येक स्थिति के लिए प्रतिबिम्ब वस्तु की ओर तथा प्रकाशिक केन्द्र व द्वितीय फोकस के बीच बनता है तथा सदैव आभासी, सीधा व वस्तु से छोटा होता है।
(ii) लेंस की अनुपस्थिति में, ये किरणें माना बिन्दु O पर फोकस होती हैं।
दिया है,
अतः प्रकाश की किरणें लेंस की अनुपस्थिति में 12 सेमी दूर बिन्दु O पर फोकस होंगी।
प्रश्न 12. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
किसी समांग माध्यम में प्रकाश की किरणें एक सरल रेखा में गमन करती हैं, परन्तु जब प्रकाश की किरणें एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में प्रवेश करती हैं, तो दोनों माध्यमों के पृथक्कारी पृष्ठ पर वे अपने मार्ग से विचलित हो जाती हैं। अतः प्रकाश किरणों के एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर उनके पथ के परिवर्तन की घटना प्रकाश का अपवर्तन कहलाती है।
(i) प्रकाश के अपवर्तन के लिए प्रथम नियम को समझाइए |
(ii) जब एकवर्णी प्रकाश निर्वात् से किसी पारदर्शी माध्यम में प्रवेश करता है, तो प्रकाश का कौन-सा अभिलक्षण अपरिवर्तित रहता है?
उत्तर (i) प्रकाश के अपवर्तन के लिए आपतन कोण का मान अपवर्तन कोण के बराबर नहीं होता है ।
(ii) जब एकवर्णी प्रकाश निर्वात् से किसी पारदर्शी माध्यम में प्रवेश करता है, तो प्रकाश की आवृत्ति अपरिवर्तित रहती है।
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. अवतल दर्पण के सम्मुख विभिन्न स्थितियों में रखी वस्तु के दर्पण द्वारा प्रतिबिम्बों की स्थिति, आकार तथा प्रकृति के किरण आरेखों को दर्शाइए |
उत्तर अवतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब की स्थिति, आकार और प्रकृति, दर्पण व वस्तु के बीच की दूरी पर निर्भर करती है ।
वस्तु की भिन्न-भिन्न स्थितियों के लिए प्रतिबिम्ब की स्थिति, आकार और प्रकृति का विवरण निम्नलिखित है
(i) जब वस्तु अनन्त दूरी पर स्थित हो
जब वस्तु AB, दर्पण से अनन्त दूरी पर स्थित हो, तो वस्तु के शीर्ष से दो किरणें परस्पर समान्तर आती हुई दर्पण पर आपतित होती हैं। एक किरण दर्पण के फोकस F से होकर जाती है जो परावर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के समान्तर हो जाती है तथा दूसरी किरण वक्रता केन्द्र C से होकर जाती है, जो परावर्तन के पश्चात् उसी मार्ग पर वापस लौट जाती है।
ये दोनों परावर्तित किरणें दर्पण के फोकस तल में बिन्दु A’ पर मिलती हैं तथा वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब A’ B’ बनाती हैं। इस प्रकार, अनन्त पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब वास्तविक, उल्टा, वस्तु से छोटा व दर्पण के फोकस त में ‘प्राप्त होता है।
(ii) जब वस्तु अनन्त तथा वक्रता केन्द्र के बीच स्थित हो
जब वस्तु AB, दर्पण के सामने मुख्य अक्ष पर अनन्त तथा वक्रता केन्द्र के बीच स्थित हो, तो वस्तु के शीर्ष से मुख्य अक्ष के समान्तर चलने वाली आपतित किरण परावर्तन के पश्चात् दर्पण के फोकस F से होकर जाती है तथा दूसरी किरण वक्रता केन्द्र C से होकर जाती है, जो परावर्तन के पश्चात् उसी मार्ग पर वापस लौट जाती है। ये दोनों परावर्तित किरणें दर्पण के फोकस तथा वक्रता केन्द्र के बीच बिन्दु A’ पर मिलती हैं तथा वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब A’ B’ बनाती हैं। इस प्रकार, अनन्त तथा वक्रता केन्द्र के बीच स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब वास्तविक, उल्टा, वस्तु से छोटा व दर्पण के वक्रता केन्द्र तथा फोकस के बीच प्राप्त होता है।
(iii) जब वस्तु वक्रता केन्द्र पर स्थित हो
जब वस्तु AB, दर्पण के वक्रता केन्द्र C पर स्थित हो, तो वस्तु के शीर्ष से मुख्य अक्ष के समान्तर चलने वाली आपतित किरण परावर्तन के पश्चात् दर्पण के फोकस F से होकर जाती है तथा दूसरी किरण फोकस F में से गुजरकर दर्पण पर आपतित होती है जो परावर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष समान्तर हो जाती है।
ये दोनों परावर्तित किरणें बिन्दु A’ पर मिलती हैं तथा वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब A’ B’ दर्पण के वक्रता केन्द्र पर ही बनाती हैं। इस प्रकार, वक्रता केन्द्र पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब वास्तविक, उल्टा, वस्तु के बराबर तथा दर्पण के वक्रता केन्द्र पर ही प्राप्त होता है।
(iv) जब वस्तु मुख्य फोकस पर स्थित हो
जब वस्तु AB, दर्पण के मुख्य फोकस पर स्थित हो, तो वस्तु के शीर्ष से मुख्य अक्ष के समान्तर चलने वाली आपतित किरण परावर्तन के पश्चात् मुख्य फोकस F से होकर जाती है तथा दूसरी किरण, जो पीछे बढ़ाने पर वक्रता केन्द्र से गुजरती है, परावर्तन के पश्चात् उसी मार्ग पर वापस लौट जाती है। ये दोनों परावर्तित किरणें परस्पर समान्तर होने के कारण मुख्य अक्ष के नीचे अनन्त पर जाकर मिलती हैं।
इस प्रकार, मुख्य फोकस पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब वास्तविक, उल्टा, वस्तु से बहुत बड़ा व अनन्त पर बनता है।
(v) जब वस्तु वक्रता केन्द्र तथा मुख्य फोकस के बीच स्थित हो जब वस्तु AB, दर्पण के वक्रता केन्द्र C तथा मुख्य फोकस F के बीच स्थित हो, तो वस्तु के शीर्ष से मुख्य अक्ष के समान्तर चलने वाली आपतित किरण परावर्तन के पश्चात् मुख्य फोकस से होकर जाती है। तथा दूसरी किरण मुख्य फोकस F में से गुजरकर दर्पण पर आपतित होती है जो परावर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के समान्तर हो जाती है। ये दोनों परावर्तित किरणें बिन्दु A’ पर मिलती हैं तथा वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब A’ B’ बनाती हैं। इस प्रकार, वक्रता केन्द्र तथा मुख्य फोकस के बीच स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब वास्तविक, उल्टा, वस्तु से बड़ा व दर्पण के वक्रता केन्द्र तथा अनन्त के बीच प्राप्त होता है।
(vi) जब वस्तु मुख्य फोकस तथा ध्रुव के बीच स्थित हो
जब वस्तु AB, दर्पण के मुख्य फोकस F तथा ध्रुव P के बीच स्थित हो, वस्तु के शीर्ष से मुख्य अक्ष के समान्तर चलने वाली आपतित किरण परावर्तन के पश्चात् मुख्य फोकस F से होकर जाती है तथा दूसरी किरण दर्पण पर अभिलम्बवत् आपतित होती है जो परावर्तन के पश्चात् उसी मार्ग पर वापस लौट जाती है। ये दोनों किरणें वास्तव में कहीं नहीं मिलती, परन्तु दर्पण के पीछे बढ़ाए जाने पर बिन्दु A’ पर मिलती हुई प्रतीत होती हैं तथा वस्तु का आभासी प्रतिबिम्ब A ‘B’ बनाती हैं।
इस प्रकार, मुख्य फोकस तथा ध्रुव के बीच स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब आभासी, सीधा, वस्तु से बड़ा व दर्पण के पीछे बनता है।
प्रश्न 2. उत्तल लेन्स के सम्मुख विभिन्न स्थितियों में रखी वस्तु के लेन्स द्वारा प्रतिबिम्बों की स्थिति, आकार तथा प्रकृति के किरण आरेखों को दर्शाइए |
उत्तर उत्तल लेन्स द्वारा बने प्रतिबिम्ब की स्थिति, आकार और प्रकृति, लेन्स के प्रकाशिक केन्द्र से वस्तु के बीच की दूरी पर निर्भर करती है। वस्तु की भिन्न-भिन्न स्थितियों के लिए प्रतिबिम्ब की स्थिति, आकार और प्रकृति का विवरण निम्नलिखित है
स्थिति I जब वस्तु अनन्त पर स्थित हो
जब वस्तु AB, लेन्स से अनन्त दूरी पर स्थित हो, तो वस्तु के शीर्ष से दो किरणें परस्पर समान्तर आती हुई लेन्स पर आपतित होती हैं। एक किरण लेन्स के प्रकाशिक केन्द्र C से होकर जाती है जो अपवर्तन के पश्चात् बिना विचलित हुए . सीधी निकल जाती है तथा दूसरी किरण लेन्स के प्रथम फोकस F से होकर जाती है जो अपवर्तन के पश्चात् मुख्य अक्ष के समान्तर हो जाती है। ये दोनों निर्गत् किरणें लेन्स के द्वितीय फोकस तल में बिन्दु A’ पर मिलती हैं तथा वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब A’B’ बनाती हैं। इस प्रकार, अनन्त पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब वास्तविक, उल्टा, वस्तु से छोटा व लेन्स के द्वितीय फोकस तल में प्राप्त होता है।
स्थिति II जब वस्तु अनन्त तथा 2F1 के बीच स्थित हो
जब वस्तु AB, लेन्स के सामने मुख्य अक्ष पर अनन्त तथा 2F1 के बीच स्थित हो, तो वस्तु के शीर्ष से मुख्य अक्ष के समान्तर चलने वाली आपतित किरण अपवर्तन के पश्चात् लेन्स के द्वितीय फोकस F2 से होकर जाती है तथा दूसरी किरण प्रकाशिक केन्द्र C से होकर जाती है अपवर्तन के पश्चात् बिना विचलित हुए सीधी निकल जाती है। ये दोनों निर्गत् किरणें लेन्स के दूसरी ओर F2 व 2F2 के बीच बिन्दु A’ पर मिलती हैं तथा वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब A’ B’ बनाती हैं। इस प्रकार, अनन्त तथा 2F1 के बीच स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब वास्तविक, उल्टा, वस्तु से छोटा व लेन्स के दूसरी ओर F2 व 2F2 के बी प्राप्त होता है।
स्थिति III जब वस्तु 2F1 पर स्थित हो
जब वस्तु AB, 2F1 पर स्थित हो, तो वस्तु के शीर्ष से मुख्य अक्ष समान्तर चलने वाली आपतित किरण अपवर्तन के पश्चात् लेन्स के द्वितीय फोकस F2 से होकर जाती है तथा दूसरी किरण प्रकाशिक केन्द्र C से होती हुई सीधी निकल जाती है। ये दोनों निर्गत् किरणें लेन्स के दूसरी ओर बिन्दु A’ पर मिलती हैं तथा वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब A’ B’, 2F2 पर बनाती हैं।
इस प्रकार, 2F1 पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब वास्तविक, उल्टा, वस्तु के बराबर तथा लेन्स के दूसरी ओर 2F2 पर प्राप्त होता है।
स्थिति IV जब वस्तु 2F2 तथा F1 के बीच स्थित हो
जब वस्तु AB, लेन्स के सामने 2F1 तथा F1 के बीच स्थित हो, तो वस्तु के शीर्ष से मुख्य अक्ष के समान्तर चलने वाली आपतित किरण अपवर्तन के पश्चात् लेन्स के द्वितीय फोकस F2 से होकर जाती है तथा दूसरी किरण प्रकाशिक केन्द्र C से होती हुई सीधी निकल जाती है।
ये दोनों निर्गत् किरणें लेन्स के दूसरी ओर बिन्दु A’ पर मिलती हैं तथा वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब A’ B, 2F2 व अनन्त के बीच बनाती हैं। इस प्रकार, 2F1 तथा F1 के बीच स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब वास्तविक, उल्टा, वस्तु से बड़ा व 2F2 तथा अनन्त के बीच प्राप्त होता है।
स्थिति V जब वस्तु प्रथम फोकस F1 पर स्थित हो
जब वस्तु AB, लेन्स के सामने प्रथम फोकस F1 पर स्थित हो, तो वस्तु शीर्ष से मुख्य अक्ष के समान्तर चलने वाली आपतित किरण अपवर्तन के पश्चात् द्वितीय फोकस F2 से होकर जाती है तथा दूसरी किरण प्रकाशिक केन्द्र C से होती हुई सीधी निकल जाती है। ये दोनों निर्गत् किरणें परस्पर समान्तर होने के कारण मुख्य अक्ष के नीचे अनन्त पर जाकर मिलती हैं।
इस प्रकार, प्रथम फोकस F1 पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब वास्तविक, उल्टा, वस्तु से बहुत बड़ा व अनन्त पर बनता है।
स्थिति VI जब वस्तु प्रथम फोकस F1 तथा प्रकाशिक केन्द्र C के बीच स्थित हो
जब वस्तु AB, लेन्स के प्रथम फोकस F1 तथा प्रकाशिक केन्द्र C के बीच स्थित हो, तो वस्तु के शीर्ष से मुख्य अक्ष के समान्तर चलने वाली आपतित किरण अपवर्तन के पश्चात् द्वितीय फोकस F2 से होकर जाती है तथा दूसरी किरण प्रकाशिक केन्द्र C से होती हुई सीधी निकल जाती है। ये दोनों निर्गत् किरणें वास्तव में कहीं नहीं मिलती, परन्तु पीछे की ओर बढ़ाए जाने पर बिन्दु A´ से आती हुई प्रतीत होती हैं तथा वस्तु का आभासी प्रतिबिम्ब A’B’ बनाती हैं।
इस प्रकार, प्रथम फोकस F1 तथा प्रकाशिक केन्द्र C के बीच स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब आभासी, सीधा, वस्तु से बड़ा व वस्तु की ओर ही अनन्त तथा प्रथम फोकस F1 के बीच बनता है।
प्रश्न 3. रेखीय आवर्धन की परिभाषा लिखिए तथा अवतल दर्पण से बने प्रतिबिम्ब के रेखीय आवर्धन के लिए सूत्र व्युत्पन्न कीजिए तथा आवर्धन का वस्तु के आकार के अनुरूप परिणाम दर्शाइए।
उत्तर गोलीय दर्पण के मुख्य अक्ष के लम्बवत् नापी गई प्रतिबिम्ब की लम्बाई तथा वस्तु (बिम्ब) की लम्बाई के अनुपात को रेखीय आवर्धन कहते हैं। इसे m से प्रदर्शित किया जाता है।
यदि वस्तु (बिम्ब) की लम्बाई h तथा प्रतिबिम्ब की लम्बाई h’ हो, तो
चूँकि चिन्ह परिपाटी के अनुसार, मुख्य अक्ष के ऊपर की लम्बाई धनात्मक तथा नीचे की लम्बाई ऋणात्मक ली जाती है। अतः सीधे प्रतिबिम्बों के लिए आवर्धन क्षमता धनात्मक तथा उल्टे प्रतिबिम्बों के लिए आवर्धन क्षमता ऋणात्मक होती है।
अवतल दर्पण के आवर्धन के लिए सूत्र
माना M1M2 एक अवतल दर्पण है, जिसका ध्रुव P, फोकस F तथा वक्रता केन्द्र C है। दर्पण की मुख्य अक्ष पर एक वस्तु AB स्थित है, जिसका उल्टा तथा वास्तविक प्रतिबिम्ब A’B’ बनता है।
प्रश्न 4. किसी उत्तल लेन्स का आधा भाग काले कागज से ढक दिया गया है। क्या यह लेन्स किसी बिम्ब का पूरा प्रतिबिम्ब बना पाएगा? अपने उत्तर की प्रयोग द्वारा जाँच कीजिए। अपने प्रेक्षणों की व्याख्या कीजिए |
उत्तर हाँ, यह लेन्स वस्तु का पूर्ण प्रतिबिम्ब बना सकेगा।
प्रायोगिक सत्यापन
प्रयोग विधि सर्वप्रथम प्रकाशिक बैंच पर एक स्टैंड में उत्तल लेन्स लगाते हैं। लेन्स की फोकस दूरी से कुछ अधिक दूरी पर, स्टैंड पर एक जलती हुई मोमबत्ती रखते हैं। अब लेन्स के दूसरी ओर से मोमबत्ती को देखते हैं। अब लेन्स के आधे भाग को काला कागज चिपकाकर ढक देते हैं। पुन: लेन्स के दूसरी ओर से मोमबत्ती को देखते हैं।
प्रेक्षण प्रथम दशा में मोमबत्ती का पूरा तथा उल्टा प्रतिबिम्ब दूसरी ओर से दिखाई देता है। कागज चिपकाने के बाद भी मोमबत्ती का पूरा प्रतिबिम्ब दिखाई देता है, परन्तु इसकी तीव्रता पहले की तुलना में कम हो जाती है।
व्याख्या मोमबत्ती के किसी बिन्दु से चलने वाली विभिन्न किरणें लेन्स के विभिन्न भागों से अपवर्तित होकर किसी एक ही बिन्दु पर मिलेंगी। आधा लेन्स काला कर देने पर भी उस बिन्दु पर प्रकाश किरणें आएँगी अर्थात् मोमबत्ती का पर्दे पर पूरा प्रतिबिम्ब प्राप्त होगा, परन्तु प्रतिबिम्ब की तीव्रता घट जाएगी, क्योंकि प्रकाश किरणों की संख्या कम हो जाएगी।
आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1. एक अवतल दर्पण की वक्रता त्रिज्या 40 सेमी है। इसके सामने एक वस्तु 15 सेमी दूरी पर रखी है। प्रतिबिम्ब की स्थिति बताइए |
प्रश्न 2. एक 15 सेमी फोकस दूरी वाले अवतल दर्पण से कितनी दूरी पर एक वस्तु रखी जाए कि उसका 5 गुना बड़ा वास्तविक प्रतिबिम्ब बने? प्रतिबिम्ब की स्थिति भी ज्ञात कीजिए ।
हल दिया है, आवर्धन, m = -5 तथा फोकस दूरी, f-15 सेमी
जब किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु से बड़ा बनता है, तब आवर्धन ऋणात्मक होता है।
अतः वस्तु को दर्पण से 18 सेमी दूर रखने पर 5 गुना बड़ा प्रतिबिम्ब बनेगा।
प्रश्न 3. 7.0 सेमी आकार का कोई बिम्ब 18 सेमी फोकस दूरी के किसी अवतल दर्पण के सामने 27 सेमी दूरी पर रखा गया है। दर्पण से कितनी दूरी पर किसी परदे को रखें कि उस पर वस्तु का स्पष्ट फोकसित प्रतिबिम्ब प्राप्त किया जा सके? प्रतिबिम्ब का आकार तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए ।
परदे को दर्पण के सामने 54 सेमी की दूरी पर रखें। इससे जो प्रतिबिम्ब प्राप्त होगा, वह आकार में वस्तु से दोगुना बड़ा, वास्तविक तथा उल्टा ( ऋणात्मक चिन्ह ) होगा।
प्रश्न 4. 15 सेमी फोकस दूरी वाले अवतल दर्पण के सामने 30 सेमी की दूरी पर 2 सेमी लम्बाई की एक वस्तु रखी है। बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति, प्रकृति तथा आकार (लम्बाई) ज्ञात कीजिए ।
प्रश्न 5. एक उत्तल दर्पण की फोकस दूरी 15 सेमी है। एक वस्तु इसके मुख्य अक्ष पर ध्रुव से 30 सेमी दूरी पर रखी है। वस्तु के प्रतिबिम्ब की स्थिति ज्ञात कीजिए तथा इसका किरण आरेख बनाइए ।
हल दिया है, उत्तल दर्पण की फोकस दूरी, f = +15 सेमी
दर्पण से वस्तु की दूरी, u = -30 सेमी
प्रश्न 6. एक मोटर बाइक पर पीछे से आ रहे किसी अन्य वाहन को देखने के लिए, 2 मीटर वक्रता त्रिज्या का एक उत्तल दर्पण लगा है। बाइक के पीछे से आ रहे एक वाहन जिसकी दूरी मोटर बाइक से, किसी समय, 4 मीटर की है, तो गणना करके बताइए कि उसका प्रतिबिम्ब दर्पण में कितनी दूरी पर और कहाँ दिखेगा ? किरण आरेख बनाकर भी समझाइए ।
हल दिया है,
अतः वाहन का प्रतिबिम्ब, दर्पण से 0.8 मीटर की दूरी पर बनेगा। चूँकि वस्तु दर्पण के पीछे है तथा प्रतिबिम्ब भी दर्पण के पीछे होगा, अर्थात् आभासी व सीधा होगा।
प्रश्न 7. 5.0 सेमी लम्बाई का कोई बिम्ब 30 सेमी वक्रता त्रिज्या के किसी उत्तल दर्पण के सामने 20 सेमी दूरी पर रखा गया है। प्रतिबिम्ब की स्थिति, प्रकृति तथा आकार ज्ञात कीजिए ।
प्रश्न 8. एक मोटर साइकिल में पीछे का दृश्य देखने के लिए 5 मी की वक्रता त्रिज्या वाला उत्तल दर्पण लगा है। पीछे से आ रही दूसरी मोटर साइकिल, जो 5 मी की दूरी पर है, उसके प्रतिबिम्ब की स्थिति, प्रकृति व आकार ज्ञात कीजिए ।
प्रश्न 9. 15 सेमी फोकस दूरी के किसी उत्तल दर्पण से कोई बिम्ब 10 सेमी दूरी पर रखा है। प्रतिबिम्ब की स्थिति तथा प्रकृति ज्ञात कीजिए ।
अर्थात् प्रतिबिम्ब दर्पण से 6 सेमी की दूरी पर, दर्पण पीछे बनता है। प्रतिबिम्ब आभासी तथा सीधा है।
प्रश्न 10. कोई अवतल दर्पण आमने-सामने 10 सेमी दूरी पर रखे किसी बिम्ब का तीन गुना आवर्धित ( बड़ा ) वास्तविक प्रतिबिंब बनाता है। प्रतिबिम्ब दर्पण से कितनी दूरी पर है?
हल क्योंकि प्रतिबिंब वास्तविक है, अतः आवर्धन (m) ऋणात्मक होना चाहिए ।
अर्थात् प्रतिबिंब दर्पण के सामने की ओर, दर्पण से 30 सेमी की दूरी पर बनेगा।
प्रश्न 11. एक मोटर बाइक पर पीछे से आ रहे किसी अन्य वाहन को देखने के लिए 4 मी वक्रता त्रिज्या वाला एक उत्तल दर्पण लगा है। बाइक से पीछे आ रहे एक वाहन, जिसकी दूरी मोटर बाइक से किसी समय 8 मी है, तो गणना करके बताइए कि उसका प्रतिबिम्ब दर्पण में कितनी दूरी पर और कहाँ बनेगा?
प्रश्न 12. यदि कोई वस्तु उत्तल दर्पण के सम्मुख 40 सेमी दूरी पर स्थित है, जिसका प्रतिबिम्ब 10 सेमी दूरी पर बनता है, तो उत्तल दर्पण की फोकस दूरी क्या होगी ?
हल दिया है, दर्पण से वस्तु की दूरी (u) = – 40 सेमी
दर्पण से प्रतिबिम्ब की दूरी (v) = + 10 सेमी
उत्तल दर्पण के लिए, दर्पण से वस्तु की दूरी (u) को ऋणात्मक लिया जाता है तथा दर्पण से प्रतिबिम्ब की दूरी को धनात्मक लिया जाता है।
प्रश्न 13. एक 2 सेमी लम्बी वस्तु 20 सेमी फोकस दूरी के एक उत्तल लेन्स के मुख्य अक्ष के लम्बवत् 30 सेमी की दूरी पर रखी है । प्रतिबिम्ब की प्रकृति, स्थिति एवं आकार ज्ञात कीजिए ।
अर्थात् प्रतिविम्ब वस्तुं से दोगुना लम्बा, उल्टा व वास्तविक बनेगा।
प्रश्न 14. एक 10 सेमी फोकस दूरी वाले अवतल दर्पण से कितनी दूरी पर एक .वस्तु रखी जाए, ताकि उसका 5 गुना बड़ा प्रतिबिम्ब बने, जबकि • प्रतिबिम्ब वास्तविक हो । प्रतिबिम्ब की स्थिति भी ज्ञात कीजिए ।
हल दिया है,
आवर्धन, m = – 5 सेमी
फोकस दूरी, f = – 10 सेमी
जब किसी वस्तु का प्रतिबिम्व वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु से बड़ा बनता है, तब आवर्धन ऋणात्मक होता है।
वस्तु को दर्पण से 12 सेमी दूरी पर रखने पर 5 गुना बड़ा प्रतिबिम्ब प्राप्त होगा।
प्रश्न 15. किसी लेन्स की क्षमता – 2.0 डायोप्टर है। इसकी फोकस दूरी कितनी है तथा लेन्स किस प्रकार का है?
प्रश्न 16. एक उत्तल दर्पण से 25 सेमी दूर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब वस्तु की लम्बाई का आधा बनता है।
(i) दर्पण से प्रतिबिम्ब की दूरी,
(ii) दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए ।
प्रश्न 17. जल तथा काँच में प्रकाश की चाल क्रमशः 2.25 × 108 मी/से तथा 2.0 × 108 मी/से हैं।
निम्नलिखित अपवर्तनांक की गणना कीजिए
(i) पानी के सापेक्ष काँच का
(ii) वायु के सापेक्ष काँच का
हल दिया है,
प्रश्न 18. कोई डॉक्टर + 1.5 डायोप्टर क्षमता का संशोधक लेन्स निर्धारित करता है। लेन्स की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए । निर्धारित लेन्स अभिसारी है अथवा अपसारी।
हल दिया है,
P = + 1.5 डायोप्टर
फोकस दूरी, f = 1/P = 1/1.5 = 0.66 मी
क्योंकि क्षमता धनात्मक (+) है,
अतः यह लेन्स उत्तल (convex) या अभिसारी (converging) है।
प्रश्न 19. कोई 2 सेमी लम्बा प्रतिबिम्ब 10 सेमी फोकस दूरी के किसी उत्तल लेन्स के मुख्य अक्ष के लम्बवत् रखा है। प्रतिबिम्ब की लेन्स से दूरी 15 सेमी है। प्रतिबिम्ब की प्रकृति, स्थिति तथा आकार ज्ञात कीजिए ।
हल दिया है,
h = 2 सेमी, f = 10 सेमी v = 15 सेमी
प्रश्न 20. 15 सेमी फोकस दूरी का कोई अवतल लेन्स किसी बिम्ब का प्रतिबिम्ब लेन्स से 10 सेमी दूरी पर बनाता है। बिम्ब लेन्स सें कितनी दूरी पर स्थित है? किरण आरेख खींचिए ।
हल [स्केल 1 सेमी = 5 सेमी]
[दिया है, f = – 3 सेमी = – 15 सेमी, v = 2 सेमी = 10 सेमी ]
किरण आरेख
प्रश्न 21. एक 5 सेमी लम्बी वस्तु 40 सेमी फोकस दूरी वाले उत्तल लेन्स के सामने मुख्य अक्ष पर 20 सेमी की दूरी पर रखी है। लेन्स द्वारा बने . प्रतिबिम्ब की स्थिति, प्रकृति एवं आकार ज्ञात कीजिए । किरण आरेख भी खींचिए ।
हल दिया है, वस्तु की लम्बाई, ho = 5 सेमी
फोकस दूरी, f = 40 सेमी
अतः प्रतिबिम्ब वस्तु की ओर लेन्स से 40 सेमी दूरी पर बनेगा तथा प्रतिबिम्ब आभासी व सीधा होगा।
प्रतिबिम्ब की ऊँचाई, वस्तु की ऊँचाई से दोगुनी है। अतः प्रतिबिम्ब आवर्धित होगा।
22. एक उत्तल लेन्स की फोकस दूरी 50 सेमी है। इस वस्तु के प्रतिबिम्ब की स्थिति बताइए जो लेन्स से 25 सेमी की दूरी पर अक्ष के लम्बवत् है तथा प्रतिबिम्ब का आवर्धन भी ज्ञात कीजिए ।

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