UP Board Class 10 Social Science Chapter 1 सत्ता की साझेदारी (नागरिकशास्त्र)
UP Board Class 10 Social Science Chapter 1 सत्ता की साझेदारी (नागरिकशास्त्र)
UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 1 सत्ता की साझेदारी (नागरिकशास्त्र)
फास्ट ट्रैक रिवीज़न
- लोकतन्त्र की उचित कार्यप्रणाली के लिए राज्य के तीन अंगों – विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका के मध्य सत्ता की सामंजस्य आवश्यक है। सत्ता की साझेदारी का विचार अविभाजित राजनीतिक शक्ति के विरोध के समय उभरा था।
बेल्जियम
- बेल्जियम पश्चिम यूरोप का एक छोटा-सा देश है। यह क्षेत्रफल एवं जनसंख्या के आधार पर हरियाणा राज्य से भी छोटा है। इसकी सीमाएँ फ्रांस, नीदरलैण्ड, जर्मनी एवं लक्जमबर्ग से मिलती हैं।
- बेल्जियम देश की राजधानी ब्रूसेल्स है। यहाँ की आबादी के कुल 59% लोग फ्लेमिश क्षेत्र में रहते हैं तथा डच भाषा बोलते हैं और 40% लोग वेलोनिया क्षेत्र में रहते हैं तथा फ्रेंच भाषा बोलते हैं।
- बेल्जियम की राजधानी ब्रूसेल्स में 80% लोग फ्रेंच भाषा बोलते हैं, जबकि 20% लोग डच भाषा बोलते हैं।
डच और फ्रेंच समुदाय के मध्य तनाव
- ब्रूसेल्स में अल्पसंख्यक फ्रेंच भाषी लोग, डच भाषी लोगों की तुलना में अधिक समृद्ध और शक्तिशाली थे, जिसके कारण इन दोनों समुदायों के मध्य तनाव की स्थिति उत्पन्न होने लगी थी।
बेल्जियम में सामाजिक विविधता
- बेल्जियम के नेताओं ने क्षेत्रीय अन्तरों और सांस्कृतिक विविधता को स्वीकार कर अलग मार्ग अपनाने का निर्णय लिया।
- वर्ष 1970 से 1993 के बीच बेल्जियम के संविधान में चार संशोधन हुए ।
- केन्द्रीय सरकार में डच एवं फ्रेंच भाषी मन्त्रियों की संख्या समान है, जिससे कोई भी एक समुदाय पक्षपातपूर्ण निर्णय नहीं ले सकता है।
- बेल्जियम में राज्य सरकारें केन्द्रीय सरकार के अधीन नहीं हैं। केन्द्र सरकार की अनेक शक्तियाँ देश के दो क्षेत्रों की क्षेत्रीय सरकारों अर्थात् राज्य सरकारों को दे दी गईं।
- केन्द्रीय सरकार एवं राज्य सरकारों के अतिरिक्त बेल्जियम में एक तीसरी सरकार भी कार्य करती है, जिसे सामुदायिक सरकार कहते हैं।
- सामुदायिक सरकार के अस्तित्व में आने से बेल्जियम में भाषाई – संघर्ष में कमी आई है।
- बेल्जियम का मॉडल निश्चित रूप से जटिल है, परन्तु वहाँ रहने वाले लोगों के लिए बेल्जियम मॉडल व्यवस्था अत्यधिक सफल रही है। इसने देश में गृहयुद्ध की आशंकाओं पर विराम लगाया।
श्रीलंका
- सिंहली, सामाजिक – समूह की बहुलता वाला देश श्रीलंका एक द्वीपीय देश है। यह वर्ष 1948 में स्वतन्त्र राष्ट्र बना।
- श्रीलंका में कुल जनसंख्या का 74% सिंहलियों का, 18% तमिल समूह का तथा 7% ईसाई समूह की जनसंख्या निवास करती है।
श्रीलंका में तमिलों के उप-समूह
- श्रीलंका में तमिलों के दो उप-समूह श्रीलंकाई तमिल एवं भारतीय तमिल निवास करते हैं।
- श्रीलंका के तमिल मूल निवासियों को श्रीलंकाई तमिल कहते हैं, इनकी संख्या 13% है तथा यह मुख्य रूप से उत्तर और पूर्वी प्रान्तों में निवास करते हैं।
- औपनिवेशिक शासनकाल के समय कुछ तमिलों के वंशज यहाँ बागान मजदूरों के रूप में आए थे तथा बाद में यहीं बस गए। इन्हीं लोगों को भारतीय तमिल कहा जाता है।
श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद
- यदि कोई समुदाय बहुसंख्यक है, तो वह अपने तरीके से देश पर शासन कर सकता है तथा इसके लिए वह अल्पसंख्यक समुदाय की आवश्यकताओं या इच्छाओं की अवहेलना भी कर सकता है, जिसे ‘बहुसंख्यकवाद’ कहा जाता है।
- वर्ष 1948 में श्रीलंका के स्वतन्त्र राष्ट्र बनने के पश्चात् सिंहली समुदायों के नेताओं ने सरकार पर अपने बहुमत से वर्चस्व स्थापित करना चाहा ।
- वर्ष 1956 कानून पारित कर श्रीलंका में सिंहली भाषा को राजभाषा घोषित किया गया।
- श्रीलंका में सिंहली भाषी लोग बौद्ध हैं, जबकि तमिल भाषी लोगों में कुछ हिन्दू और मुसलमान हैं।
तमिल को आधिकारिक भाषा बनाने के लिए संघर्ष
- सरकारी निर्णयों ने श्रीलंकाई तमिलों में रोष एवं शासन को लेकर उनमें अलगाव की भावना को बढ़ाया।
- तमिल को आधिकारिक भाषा बनाने के लिए श्रीलंकाई तमिलों ने अपनी राजनीतिक पार्टियाँ बनाईं तथा तमिल को राजभाषा घोषित किया।
- वर्ष 1980 के लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) नामक संगठन ने तमिलों के अधिकारों के लिए संघर्ष प्रारम्भ किया, जो गृहयुद्ध में बदल गया।
- गृहयुद्ध में दोनों समुदायों के हजारों लोग मारे गए। गृहयुद्ध से देश के सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक जीवन में अनेक परेशानियाँ उत्पन्न हुईं।
श्रीलंका और बेल्जियम के संघर्ष से सीख
- बेल्जियम के नेताओं को लगा कि विभिन्न समुदाय और क्षेत्रों की भावनाओं का आदर करने पर ही देश की एकता सम्भव है।
- श्रीलंका ने इसके विपरीत मार्ग अपनाते हुए बहुसंख्यक समुदाय का देश में प्रभुत्व स्थापित करना चाहा, जिससे देश की एकता ही संकट में पड़ जाती है।
सत्ता की साझेदारी की आवश्यकता
सत्ता की साझेदारी की आवश्यकता के विषय में दो विभिन्न तर्क युक्तिपरक एवं नैतिकतापूर्ण दिए जाते हैं, जो निम्नलिखित हैं
युक्तिपरक तर्क
- यह तर्क इस बात पर बल देता है कि सत्ता की साझेदारी से बेहतर परिणाम निकलते हैं। सत्ता की साझेदारी अच्छी होती है।
- यह सामाजिक समूहों के बीच संघर्ष की सम्भाव्यता को कम करती है। सामाजिक संघर्ष प्रायः हिंसा एवं राजनैतिक अस्थिरता उत्पन्न करते हैं।
नैतिकतापूर्ण तर्क
- यह तर्क इस बात पर बल देता है कि सत्ता की साझेदारी का कार्य मूल्यवान होता है तथा सत्ता की साझेदारी लोकतन्त्र की आत्मा होती है।
सत्ता की साझेदारी के रूप
- लोकतन्त्र में लोग सम्पूर्ण राजनीतिक शक्ति के स्रोत होते हैं। लोग स्व-शासन में संस्थानों के माध्यम से स्वयं शासन करते हैं।
- प्रत्येक वर्ग, जिसमें निम्न समुदाय भी शामिल हैं, सार्वजनिक नीतियों को तय करने में सम्मिलित होते हैं।
सत्ता का क्षैतिज वितरण
- सत्ता का क्षैतिज वितरण सरकार के समान स्तर के अंगों को विभिन्न शक्तियों का उपयोग करने की अनुमति देता है।
- क्षैतिज वितरण का उदाहरण सत्ता के विभिन्न अंग-विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका हैं।
- सत्ता के क्षैतिज वितरण से विभिन्न संस्थानों के बीच सत्ता का सन्तुलन बना रहता है, यह व्यवस्था नियन्त्रण एवं सन्तुलन की व्यवस्था कहलाती है।
संघीय सरकार एवं सत्ता का ऊर्ध्वाधर विभाजन
- सम्पूर्ण देश के लिए ऐसी सामान्य सरकार प्रायः संघीय सरकार कहलाती है, भारत में हम इसे केन्द्रीय सरकार कहते हैं।
- सरकारों के बीच सत्ता का बँटवारा विभिन्न स्तरों पर किया जा सकता है; जैसे-सम्पूर्ण देश के लिए एक सामान्य सरकार तथा क्षेत्रीय या प्रान्तीय स्तर पर भिन्न-भिन्न सरकार ।
- ऐसे बहुत-से देश हैं, जहाँ प्रान्तीय या राज्य सरकारें नहीं होती हैं।
- वे देश जहाँ हमारे देश की तरह सरकार के विभिन्न स्तर हैं, वहाँ सरकार के विभिन्न स्तरों की शक्तियों का निर्धारण स्पष्ट रूप से संविधान करता है, इसे ही सत्ता या शक्ति का ऊर्ध्वाधर विभाजन कहते हैं।
सामुदायिक सरकार
- सत्ता को विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच भी बाँटा जा सकता है; जैसे- धार्मिक ‘एवं भाषाई समूह। बेल्जियम में ‘सामुदायिक सरकार’ इस व्यवस्था का एक अच्छा उदाहरण है।
- सामुदायिक सरकार की इस विधि को निम्नतर समुदायों को सत्ता में एक उचित साझेदारी देने के लिए प्रयोग किया जाता है।
- समुदाय सरकार एक भाषा समुदाय से सम्बन्धित लोगों द्वारा चुनी जाती है;, जैसे- डच, फ्रेंच आदि। इसमें सांस्कृतिक, शैक्षणिक और भाषा सम्बन्धी मुद्दों के सम्बन्ध में शक्ति होती है।
गठबन्धन सरकार
- गठबन्धन सरकार के स्वरूप के अन्तर्गत, दो या दो से अधिक पार्टियाँ मिलकर चुनाव लड़ती हैं तथा सरकार का गठन करती हैं।
- लोकतन्त्र में यह विकल्प विभिन्न पार्टियों के रूप में उपलब्ध होता है।
- पार्टियों के बीच प्रतिस्पर्द्धा इस बात को सुनिश्चित करती है कि सत्ता किसी एक व्यक्ति या समूह में केन्द्रित न रहे।
विभिन्न हित-समूह
- लोकतन्त्र में हम अनेक हित-समूहों को भी देखते हैं; जैसे-व्यापारी, व्यवसायी, उद्योगपति, किसान एवं औद्योगिक कर्मचारी आदि।
- यह सभी समूह सरकारी समितियों में भागीदारी करके या नीतियों पर अपने सदस्य वर्ग के लाभ के लिए दबाव बनाकर सत्ता में भागीदारी करते हैं।
खण्ड अ बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1. बेल्जियम, यूरोप महाद्वीप के किस भाग में स्थित एक छोटा-सा देश है?
(a) उत्तरी यूरोप
(b) पश्चिमी यूरोप
(c) पूर्वी यूरोप
(d) दक्षिणी यूरोप
उत्तर (b) पश्चिमी यूरोप
प्रश्न 2. बेल्जियम क्षेत्रफल एवं जनसंख्या के आधार पर भारत के किस राज्य से छोटा है?
अथवा बेल्जियम का क्षेत्रफल हमारे देश के किस राज्य से छोटा है?
(a) हिमाचल प्रदेश
(b) उत्तराखण्ड
(c) हरियाणा
(d) झारखण्ड
उत्तर (c) हरियाणा
प्रश्न 3. बेल्जियम की राजधानी ब्रूसेल्स में कितने प्रतिशत आबादी फ्रेंच भाषा का प्रयोग करती है?
(a) 20
(b) 80
(c) 40
(d) 70
उत्तर (b) 80
प्रश्न 4. निम्नलिखित में से किस देश के साथ बेल्जियम अपनी सीमा साझा करता है?
(a) इटली
(b) स्विट्जरलैण्ड
(c) लक्जमबर्ग
(d) स्पेन
उत्तर (c) लक्जमबर्ग
प्रश्न 5. सिंहली, सामाजिक समूह की बहुलता वाला देश श्रीलंका एक द्वीपीय देश है, यह किस वर्ष स्वतन्त्र राष्ट्र बना?
अथवा निम्नलिखित में से किस वर्ष में श्रीलंका एक स्वतन्त्र देश के रूप में उभरा ?
(a) वर्ष 1946
(b) वर्ष 1948
(c) वर्ष 1947
(d) वर्ष 1950
उत्तर (b) वर्ष 1948
प्रश्न 6. श्रीलंका में तमिलों के कितने उप-समूह निवास करते हैं?
(a) दो उप-समूह
(b) चार उप-समूह
(c) छः उप-समूह
(d) आठ उप-समूह
उत्तर (a) दो उप-समूह
प्रश्न 7. वर्ष 1956 में कानून पारित कर श्रीलंका में किस भाषा को राजभाषा घोषित किया गया?
(a) तमिल
(b) द्रविड़ -संस्कृत
(c) दक्षिणी हिन्दी
(d) सिंहली
उत्तर (d) सिंहली
प्रश्न 8. श्रीलंका में निम्नलिखित में से कौन-सा समूह अल्पसंख्यक है?
(a) तमिल
(b) ईसाई
(c) सिंहली
(d) मुस्लिम
उत्तर (b) ईसाई
प्रश्न 9. किस वर्ष लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) नामक संगठन ने तमिलों के अधिकार के लिए संघर्ष प्रारम्भ किया, जो गृहयुद्ध में बदल गया?
(a) 1980
(b) 1985
(c) 1977
(d) 1982
उत्तर (a) 1980
प्रश्न 10. सत्ता की साझेदारी की आवश्यकता के विषय में कितने तर्क दिए सुमेलित करें जाते हैं?
(a) तीन तर्क
(b) पाँच तर्क
(c) दो तर्क
(d) सात तर्क
उत्तर (c) दो तर्क
प्रश्न 11. लोकतन्त्र में लोग सम्पूर्ण राजनीतिक शक्ति के स्रोत होते हैं, लोग स्व-शासन में किसके माध्यम से स्वयं शासन करते हैं?
(a) संस्थानों के
(b) सार्वजनिक स्थलों के
(c) कार्यालयों के
(d) सामाजिक स्थानों के
उत्तर (a) संस्थानों के
प्रश्न 12. विभिन्न स्तरों पर सत्ता का बँटवारा कहलाता है
(a) सामुदायिक सरकार
(b) गठबन्धन सरकार
(c) संघीय सरकार
(d) एकात्मक शासन
उत्तर (c) संघीय सरकार
प्रश्न 13. बेल्जियम कहाँ स्थित है?
(a) अफ्रीका
(b) एशिया
(c) ऑस्ट्रेलिया
(d) यूरोप
उत्तर (d) यूरोप
प्रश्न 14. सत्ता के क्षैतिज वितरण से विभिन्न संस्थानों के बीच सत्ता का क्या बना रहता है?
(a) सन्तुलन
(b) सांस्कृतिक गतिविधि
(c) बँटवारा
(d) शक्तियों का निर्धारण
उत्तर (a) सन्तुलन
प्रश्न 15. केन्द्रीय सरकार तथा राज्य सरकारों के अतिरिक्त बेल्जियम में एक तीसरी सरकार भी कार्य करती है, इसे क्या कहा जाता है?
(a) सार्वजनिक सरकार
(b) सामाजिक सरकार
(c) आर्थिक सरकार
(d) सामुदायिक सरकार
उत्तर (d) सामुदायिक सरकार
प्रश्न 16. निम्नलिखित देशों में कहाँ संघात्मक शासन नहीं है?
(a) भारत
(b) बेल्जियम
(c) संयुक्त राज्य अमेरिका
(d) श्रीलंका
उत्तर (b) बेल्जियम
प्रश्न 17. निम्नलिखित में से किस देश का विभाजन धर्म तथा जाति के आधार पर हुआ था?
(a) बेल्जियम
(b) भारत
(c) यूगोस्लाविया
(d) नीदरलैण्ड
उत्तर (c) यूगोस्लाविया
प्रश्न 18. बेल्जियम की सामुदायिक सरकार में निम्नलिखित में से किसके मध्य सत्ता में साझेदारी है ?
(a) विभिन्न सामाजिक समूहों के मध्य
(b) शासन के विभिन्न अंगों के मध्य
(c) केन्द्र और राज्य सरकार के मध्य
(d) राज्य सरकार और सामुदायिक सरकार के मध्य
उत्तर (a) विभिन्न सामाजिक समूहों के मध्य
सुमेलित करें
प्रश्न 19. सुमेलित कीजिए

प्रश्न 20. सुमेलित कीजिए

कथन कूट
प्रश्न 21. सत्ता के क्षैतिज वितरण में सम्मिलित है
1. विधायिका
2. कार्यपालिका
3. न्यायपालिका
4. राष्ट्रपति
कूट
(a) 1 और 2
(b) 1 और 3
(c) 1, 2 और 3
(d) ये सभी
उत्तर (c) 1, 2 और 3
प्रश्न 22. निम्नलिखित कथनों को पढ़कर सही कूट को इंगित करें।
1. बेल्जियम पश्चिमी यूरोप का एक छोटा-सा देश है।
2. बेल्जियम की सीमा फ्रांस व नीदरलैण्ड के साथ मिलती है।
3. बेल्जियम की राजधानी ब्रूसेल्स है।
कूट
(a) 1 और 2
(b) 2 और 3
(c) 1, 2 और 3
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (c) 1, 2 और 3
खण्ड ब वर्णनात्मक प्रश्न
वर्णनात्मक प्रश्न- 1
प्रश्न 1. वर्ष 1970 से 1993 के मध्य बेल्जियम के संविधान में कितने संशोधन हुए? वर्णन कीजिए ।
उत्तर – वर्ष 1970 से 1993 के बीच बेल्जियम के संविधान में कुल चार संशोधन हुए। इन संशोधनों का वर्णन इस प्रकार है
- बेल्जियम के संविधान में इस बात का स्पष्ट प्रावधान कि केन्द्रीय सरकार डच और फ्रेंच भाषी मन्त्रियों की संख्या समान रहेगी, विशेष कानून तभी बन सकते हैं, जब दोनों भाषाई समूह के सांसदों का बहुमत उनके पक्ष में हो। इस प्रकार कोई भी एक समुदाय पक्षपातपूर्ण निर्णय नहीं ले सकता है।
- केन्द्रीय सरकार और राज्य सरकारों के अतिरिक्त बेल्जियम में एक तीसरी सरकार भी कार्य करती है, जिसे सामुदायिक सरकार कहते हैं। सामुदायिक सरकार का चुनाव एक ही भाषा बोलने वाले लोग करते हैं।
- राज्य सरकारें केन्द्रीय सरकार के अधीन नहीं हैं। केन्द्र सरकार की अनेक शक्तियाँ देश के दो क्षेत्रों की क्षेत्रीय सरकारों अर्थात् राज्य सरकारों को दे दी गई हैं।
- ब्रूसेल्स में अलग सरकार है और इसमें दोनों समुदायों-फ्रेंच भाषी लोगों और डच भाषी लोगों ने समान प्रतिनिधित्व स्वीकार किया था।
प्रश्न 2. श्रीलंका में वर्ष 1956 में पारित अधिनियम में जो व्यवस्थाएँ की गई थीं, उनमें से किन्हीं चार का वर्णन कीजिए ।
उत्तर – श्रीलंका में वर्ष 1956 में पारित अधिनियम की चार व्यवस्थाएँ
- श्रीलंका में वर्ष 1956 में पारित कानून के अनुसार, श्रीलंकाई सरकार ने सिंहली को राजभाषा घोषित कर दिया था।
- विश्वविद्यालय तथा सरकारी नौकरियों में सिंहलियों को प्राथमिकता दी जाने लगी।
- सिंहली बौद्ध धर्मावलम्बी थे, जबकि तमिल लोग अधिकांशतः हिन्दू थे । श्रीलंका सरकार ने बौद्ध धर्म को राजकीय धर्म घोषित कर दिया।
- नए संविधान में यह घोषणा की गई कि सरकार केवल बौद्धधर्म को संरक्षण और बढ़ावा देगी।
प्रश्न 3. क्षेत्रीय तथा सांस्कृतिक विविधताओं को स्वीकार करने के लिए बेल्जियम सरकार द्वारा अपनाए गए किन्हीं तीन उपायों का वर्णन कीजिए।
अथवा बेल्जियम में राजनीतिक प्रणाली विश्व के अन्य देशों से अलग कैसे है ? कोई तीन सूत्र लिखिए।
उत्तर – बेल्जियम सरकार द्वारा अपनाए गए तीन उपायों का वर्णन निम्न है
- सामुदायिक सरकार का गठन बेल्जियम में केंद्रीय और राज्य सरकारों के अतिरिक्त एक-तीसरे स्तर की सरकार भी काम करती है, जिसे सामुदायिक सरकार कहते हैं । सामुदायिक सरकार का चुनाव एक ही भाषा बोलने वाले लोग करते हैं। इस प्रकार डच, फ्रांस और जर्मन बोलने वाले लोग चाहे जहाँ भी रहते हों, सामुदायिक सरकार को चुनते हैं।
- डच और फ्रांसीसी दलों के मंत्रियों की समान संख्या बेल्जियम संविधान में इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि केंद्र सरकार में डच तथा फ्रेंच भाषी मंत्रियों की संख्या समान रहेगी। कुछ विशेष कानून तभी बन सकते हैं, जब दोनों भाषायी समूह के सांसदों का बहुमत उसके पक्ष में हो ।
- राज्य तथा केंद्रीय स्तर पर समान प्रतिनिधित्व बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में अलग सरकार है और इसमें डच तथा फ्रांसीसी दोनों समुदायों का समान प्रतिनिधित्व है।
प्रश्न 4. श्रीलंका एवं बेल्जियम दोनों की जनसंख्या में विविधता है, परन्तु दोनों देशों में स्थितियाँ कैसे अलग हैं? प्रकाश डालिए।
उत्तर – बेल्जियम और श्रीलंका दोनों की जनसंख्या में विविधता है, परन्तु दोनों देशों में स्थितियाँ भिन्न हैं। इन दोनों देशों की स्थिति का वर्णन इस प्रकार है— श्रीलंका एक द्वीपीय देश है, जो तमिलनाडु के दक्षिण तट से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस देश में सबसे प्रमुख सामाजिक समूह सिंहलियों का है, जिनकी आबादी कुल जनसंख्या का 74% है। श्रीलंका में दूसरे नम्बर पर तमिल समूह के लोगों की जनसंख्या है, जो कुल जनसंख्या का 18% है।
बेल्जियम, पश्चिम यूरोप का एक छोटा-सा देश है। इसकी सीमाएँ फ्रांस, नीदरलैण्ड, जर्मनी और लक्जमबर्ग से लगती हैं। राजधानी ब्रूसेल्स की कुल आबादी का 59% हिस्सा फ्लेमिश क्षेत्र में रहता है। शेष 40% लोग, वेलोनिया क्षेत्र में रहते हैं। ब्रूसेल्स के लोग डच बोलते हैं और शेष लोग फ्रेंच भाषा बोलते हैं।
प्रश्न 5. श्रीलंका कैसा देश है? श्रीलंका में तमिलों के उपसमूह को बताइए |
उत्तर – श्रीलंका एक द्वीपीय देश है। श्रीलंका में तमिलों के दो उप-समूह हैं, जिनका वर्णन इस प्रकार है
- श्रीलंकाई तमिल श्रीलंका के तमिल मूल निवासियों को श्रीलंकाई तमिल कहते हैं। इनकी संख्या 13% है तथा यह मुख्य रूप से उत्तर और पूर्वी प्रांतों में निवास करते हैं। श्रीलंका में सिंहली भाषी लोग बौद्ध हैं, जबकि तमिल-भाषी लोगों में कुछ हिंदू और मुसलमान हैं।
- भारतीय तमिल औपनिवेशिक शासनकाल के समय कुछ तमिलों के वंशज यहाँ बागान मजदूरों के रूप में आए थे, और बाद में वे यहीं बस गए। इन्हीं लोगों को भारतीय तमिल कहा जाता है। ये कुल जनसंख्या के केवल 5% हैं। जनसंख्या के 7% भाग में ईसाई हैं जो तमिल और सिंहली दोनों भाषाएँ बोलते हैं।
प्रश्न 6. बहुसंख्यकवाद किसे कहते हैं? बहुसंख्यकवाद को कायम करने के लिए श्रीलंकाई सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर – बहुसंख्यकवाद से तात्पर्य है कि यदि कोई समुदाय बहुसंख्यक है, तो वह अपने तरीके से देश पर शासन कर सकता है और इसके लिए वह अल्पसंख्यक समुदाय की आवश्यकताओं या इच्छाओं की अवहेलना भी कर सकता है। बहुसंख्यकवाद को कायम करने के लिए श्रीलंकाई सरकार द्वारा उठाए गए कदम निम्न हैं
- वर्ष 1948 में श्रीलंका स्वतंत्र राष्ट्र बना, तब सिंहली समुदायों के नेताओं ने श्रीलंका में सरकार पर अपने बहुमत से वर्चस्व स्थापित करना चाहा। वर्ष 1956 में कानून पारित किया, जिसके अंतर्गत तमिल को छोड़कर श्रीलंका ने सिंहली भाषा को राजभाषा घोषित किया।
- विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों एवं सरकारी नौकरियों में सिंहलियों को ही प्राथमिकता देने की नीति भी चली। सरकारी फैसलों ने श्रीलंकाई तमिलों की नाराजगी और शासन को लेकर उनमें बेगानापन बढ़ाया।
वर्णनात्मक प्रश्न – 2
प्रश्न 1. पश्चिमी यूरोपीय देश बेल्जियम की राजनैतिक प्रणाली कैसी है तथा यह विश्व के अन्य देशों से कैसे अलग है? संक्षेप में बताइए ।
अथवा बेल्जियम की शासन व्यवस्था का वर्णन कीजिए।
उत्तर – पश्चिमी यूरोपीय देश बेल्जियम की राजनैतिक प्रणाली प्रायः विश्व के अन्य देशों की राजनैतिक प्रणाली से अलग मानी जाती है, जिसकी विशेषताएँ निम्नलिखित प्रकार से हैं
- दोनों राजनीतिक दलों के लिए मन्त्रियों की समान संख्या बेल्जियम संविधान में इस बात का स्पष्ट प्रावधान है कि केन्द्रीय सरकार में डचं और फ्रेंच भाषी मन्त्रियों की संख्या समान रहेगी। कुछ विशेष कानून तभी बन सकते हैं, जब दोनों भाषाई समूह के सांसदों का बहुमत उसके पक्ष में हो। इस प्रकार किसी एक समुदाय के लोग एकतरफा फैसला नहीं कर सकते।
- राज्य सरकारों को अधिक शक्तियाँ केन्द्र सरकार की अनेक शक्तियाँ देश के दो क्षेत्रों की क्षेत्रीय सरकारों को सुपुर्द कर दी गई है अर्थात् राज्य सरकारें केन्द्रीय सरकार के अधीन नहीं हैं।
- राज्य तथा केन्द्रीय स्तर पर समान प्रतिनिधित्व ब्रूसेल्स में अलग सरकार है और इसमें दोनों समुदायों फ्रेंच भाषी लोगों तथा डच भाषी लोगों ने समान प्रतिनिधित्व स्वीकार किया था अर्थात् दोनों समुदायों में समान प्रतिनिधित्व है।
- सामुदायिक सरकार का गठन केन्द्रीय सरकार तथा राज्य सरकारों के अतिरिक्त बेल्जियम में एक तीसरी सरकार भी कार्य करती है, जिसे सामुदायिक सरकार (Community Government ) कहते हैं। सामुदायिक सरकार का चुनाव एक ही भाषा बोलने वाले लोग करते हैं।
बेल्जियम में सामुदायिक सरकार को संस्कृति, शिक्षा एवं भाषा जैसे मुद्दों पर निर्णय लेने का अधिकार प्राप्त होता है। बेल्जियम मॉडल व्यवस्था अत्यधिक सफल रही। इसने देश में गृहयुद्ध की आशंकाओं पर विराम लगाया तथा दो प्रमुख समुदायों एवं वंश के बीच नागरिक संघर्ष को होने से भी रोका, जिसके फलस्वरूप यह देश एकजुट बना रहा है, जब अनेक यूरोपीय संघ बनाने का निर्णय लिया, तब ब्रूसेल्स को उसका मुख्यालय चुना गया।
प्रश्न 2. आधुनिक लोकतान्त्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके क्या हैं? इनमें से प्रत्येक का एक उदाहरण भी दीजिए।
अथवा सामुदायिक सरकार व गठबंधन सरकार पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए |
उत्तर – लोकतन्त्र में लोग सम्पूर्ण राजनीतिक शक्ति के स्रोत होते हैं। लोग स्व- शासन के संस्थानों के माध्यम से स्वयं शासन करते हैं तथा प्रत्येक वर्ग, जिसमें निम्न समुदाय भी शामिल है, सार्वजनिक नीतियों को तय करने में हिस्सेदार होते हैं। अतः लोकतन्त्र में राजनीतिक सत्ता को अधिक-से-अधिक नागरिकों के बीच वितरित किया जाना चाहिए। आधुनिक लोकतन्त्र में सत्ता की साझेदारी व्यवस्था बहुत से रूप ले सकती है; जैसे-
सत्ता का क्षैतिज वितरण
- सत्ता सरकार के विभिन्न अंगों के बीच बाँटी जाती है; जैसे- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका । यह व्यवस्था सत्ता का क्षैतिज वितरण कहलाती है, क्योंकि यह सरकार के समान स्तर के अंगों को विभिन्न शक्तियों का उपयोग करने की अनुमति देती है।
- यह वितरण सत्ता का ऐसा पृथक्करण सुनिश्चित करता है कि कोई भी अंग सत्ता का असीमित उपयोग नहीं कर सकता। प्रत्येक अंग अन्य अंग पर नियन्त्रण रखता है।
संघीय सरकार और सत्ता का ऊर्ध्वाधर विभाजन
- सरकारों के बीच सत्ता का बँटवारा विभिन्न स्तरों पर किया जा सकता है; जैसे – सम्पूर्ण देश के लिए सामान्य सरकार और क्षेत्रीय या प्रान्तीय स्तर पर भिन्न-भिन्न सरकार ।
- सम्पूर्ण देश के लिए ऐसी सामान्य सरकार प्राय: संघीय सरकार कहलाती है। भारत में, हम इसे केन्द्रीय सरकार कहते हैं । प्रान्तीय या क्षेत्रीय स्तर की सरकार विभिन्न देशों में भिन्न-भिन्न नामों से पुकारी जाती है।
- ऐसे बहुत-से देश हैं, जहाँ प्रान्तीय या राज्य सरकारें नहीं होती। वे देश जहाँ हमारे देश की तरह सरकार के विभिन्न स्तर हैं, वहाँ सरकार के विभिन्न स्तरों की शक्तियों का निर्धारण स्पष्ट रूप से संविधान करता है। इसे सत्ता या शक्ति का ऊर्ध्वाधर विभाजन कहा जाता है।
इस प्रकार की सरकार बेल्जियम में पाया जाता है, श्रीलंका में नहीं। इसे ‘शक्ति का संघीय विभाजन’ भी कहा जाता है। ऐसे ही सिद्धान्त सरकार में निरन्तर स्तर में भी प्रचलित किए जा सकते हैं; जैसे- नगरपालिका एवं पंचायत ।
सामुदायिक सरकार
- सत्ता को विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच भी बाँटा जा सकता है; जैसे- धार्मिक और भाषाई समूह । बेल्जियम में ‘सामुदायिक सरकार इस व्यवस्था का एक अच्छा उदाहरण है।
- कुछ देशों में, संवैधानिक और कानूनी रूप से ऐसी व्यवस्थाएँ होती हैं, जिनके द्वारा सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों और महिलाओं का विधानमण्डलों और प्रशासन में प्रतिनिधित्व होता है। इस विधि को निम्नतर समुदायों को सत्ता में एक उचित साझेदारी देने के लिए प्रयोग किया जाता है।
गठबन्धन सरकार
- सत्ता की साझेदारी की व्यवस्थाएँ राजनीतिक दलों, दबाव समूहों और आन्दोलनों द्वारा शासन को प्रभावित और नियन्त्रित करने के तरीके में भी लक्षित हो सकती हैं।
- लोकतन्त्र में नागरिकों को सत्ता के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के विभिन्न प्रत्याशियों के बीच उनके चुनाव की स्वतन्त्रता होनी चाहिए।
- विभिन्न हित-समूह लोकतन्त्र में हम अनेक हित-समूहों को भी पाते हैं; जैसे – व्यापारी, व्यवसायी, उद्योगपति, किसान और औद्योगिक कर्मचारी ।
- ये भी सरकारी समितियों में भागीदारी करके या निर्णय करने की प्रक्रिया में प्रभाव लाकर सरकारी सत्ता में साझेदारी रखते हैं।
प्रश्न 3. लोकतन्त्र में सत्ता की साझेदारी क्यों आवश्यक है ? कोई एक तर्क दीजिए।
अथवा भारतीय सन्दर्भ में सत्ता की हिस्सेदारी का एक उदाहरण देते हुए इसका एक युक्तिपरक और एक नैतिकतापूर्ण कारण बताइए ।
अथवा सत्ता की साझेदारी लोकतन्त्र की आत्मा है इस कथन की विवेचना कीजिए।
उत्तर – सत्ता की साझेदारी ऐसी शासन व्यवस्था होती है, जिसमें समाज के प्रत्येक समूह और समुदाय की भागीदारी होती है। सत्ता की साझेदारी इसलिए आवश्यक है, क्योंकि इसमें विभिन्न सामाजिक समूहों के मध्य टकराव का अन्देशा कम हो जाता है। सत्ता की साझेदारी ही लोकतन्त्र का मूलमन्त्र है। लोकतान्त्रिक सरकार में प्रत्येक नागरिक की हिस्सेदारी होती है, जो भागीदारी के द्वारा सम्भव हो पाती है। भारतीय सन्दर्भ में सत्ता की भागीदारी के दो प्रमुख कारण हैं- पहला युक्तिपरक कारण और दूसरा नैतिकपरक कारण।
युक्तिपरक कारण
- यह तर्क बल देता है कि सत्ता की साझेदारी से बेहतर परिणाम निकलते हैं। सत्ता की साझेदारी अच्छी होती है, क्योंकि यह सामाजिक समूहों के बीच संघर्ष की सम्भाव्यता को कम करती है, क्योंकि सामाजिक संघर्ष प्रायः हिंसा और राजनैतिक अस्थिरता उत्पन्न करते हैं।
- सत्ता की साझेदारी राजनीतिक व्यवस्था की स्थिरता सुनिश्चित करने का अच्छा माध्यम है। बहुसंख्यक लोगों की इच्छाओं को अन्य लोगों पर थोपना एक अच्छा विकल्प हो सकता है, परन्तु यह लम्बे समय तक चलाए जाने पर राष्ट्रीय एकता को कमजोर कर सकता है। बहुसंख्यकों का निम्न समुदाय पर उत्पीड़न उनके लिए न केवल दमनकारी है, बल्कि यह कभी-कभी स्वयं बहुसंख्यक वर्ग के नाश का भी कारण बनता है।
उदाहरण भारत में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति के लिए संसद और विभिन्न विधानमण्डलों (प्रान्तीय स्तर पर ) में सीटों को आरक्षित किया गया है। यह पिछड़े/ वंचित वर्ग को सत्ता में भागीदारी का अवसर प्रदान करता है।
नैतिकपरक कारण
- यह इस बात पर बल देता है कि सत्ता की साझेदारी का कार्य मूल्यवान होता और सत्ता की साझेदारी लोकतन्त्र की आत्मा होती है।
- लोगों को यह परामर्श करने का अधिकार है कि उन्हें किस प्रकार नियन्त्रित किया जाए। एक वैध सरकार वह है, जहाँ भागीदारी के माध्यम से नागरिक, शासन व्यवस्था से जुड़ते हैं।
- उदाहरण भारत में नागरिकों को सरकारी योजनाओं और नीतियों की आलोचना करने का अधिकार है। यह लोकतान्त्रिक प्रणाली में सम्भव है और जन दबाव की यह स्थिति सरकार को अपने निर्णयों पर पुन: विचार का अवसर उपलब्ध कराता है।
