Social-science 10

UP Board Class 10 Social Science Chapter 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था (अर्थशास्त्र)

UP Board Class 10 Social Science Chapter 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था (अर्थशास्त्र)

UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था (अर्थशास्त्र)

फास्ट ट्रैक रिवीज़न
विभिन्न देशों के बीच परस्पर सम्बन्ध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण है। वैश्वीकरण के द्वारा देशों के मध्य एकीकरण होता है।
अन्तर्देशीय उत्पादन
  • वैश्वीकरण के आरम्भ में औपनिवेशिक देशों से कच्चे माल का निर्यात होता था तथा औपनिवेशिक देशों में तैयार वस्तुओं का आयात होता था ।
  • परन्तु 20वीं सदी के मध्य से विभिन्न बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने अपनी आर्थिक गतिविधियों का विस्तार किया था।
बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ
  • बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का उत्पादन व नियन्त्रण एक से अधिक देशों में होता है। वे अपने कारखाने वहाँ स्थापित करती हैं, जहाँ सस्ते श्रमिक एवं अन्य संसाधन प्राप्त होते हैं।
  • बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में उत्पादन प्रक्रिया छोटे भागों में की जाती है तथा विश्वभर में फैला दी जाती है। इनका उद्देश्य लाभ कमाना होता है।
बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के विस्तार से लाभ
  • उत्पादन में विस्तार होने से ये कम्पनियाँ अविकसित देशों में रोजगार के अवसर उत्पन्न करती हैं। ये कम्पनियाँ वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन विश्व स्तर पर करती हैं, जो लाभप्रद है।
देशों के उत्पादन को एक-दूसरे से जोड़ना
देशों को उत्पादन द्वारा जोड़ने के कुछ महत्त्वपूर्ण माध्यम नीचे दिए गए हैं
  • बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के द्वारा विश्वभर में अपने कार्यालय स्थापित करके उत्पादन इकाइयाँ स्थापित की हैं।
  • कभी-कभी बहुराष्ट्रीय कम्पनी स्थानीय कम्पनियों के साथ मिलकर संयुक्त उद्यम स्थापित करती है और संयुक्त रूप से उत्पादन करती है।
  • बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ, स्थानीय कम्पनियों के साथ मिलकर भी उत्पादन करती हैं।
  • निवेश सम्पत्ति को खरीदने के लिए किया गया खर्च निवेश कहलाता है।
  • बहुराष्ट्रीय कम्पनी स्थानीय कम्पनियों के साथ अनुबन्ध करके भी उत्पादों को बेचती है।
विदेशी व्यापार और बाजार का एकीकरण
विदेशी व्यापार के एकीकरण से निम्न प्रकार से सहायता मिलती है
  • देशों के मध्य वस्तु और सेवाओं के आवागमन की सुविधा हो जाती है।
  • बाजार में ग्राहकों के लिए वस्तुओं के विकल्प बढ़ जाते हैं।
  • बाजार में नई प्रौद्योगिकी और विचारों को बढ़ावा मिलता है।
विदेशी व्यापार का महत्त्व
विदेशी व्यापार का महत्त्व निम्न रूप से व्यक्त किया जा सकता है
  • इसके अन्तर्गत उत्पादक को बाजार की उपलब्धता नहीं रहती है।
  • इससे विभिन्न देशों के बीच विविध वस्तुओं की उपलब्धता बढ़ती है।
  • किसी देश में विशेष वस्तु की माँग होने पर कोई देश उस वस्तु के उत्पादन में विशिष्टीकरण प्राप्त कर लेता है।
  • आयात के माध्यम से उचित मूल्य पर वस्तु की प्राप्ति हो जाती है।
  • संकट के समय भी आयात के माध्यम से वस्तुओं को प्राप्त किया जा सकता है।
  • नई तकनीकों से संसाधनों का समुचित उपयोग होता है।
  • विदेशी व्यापार में प्रतिस्पर्द्धा का लाभ उपयोगकर्ताओं को प्राप्त होता है।
विदेशी व्यापार को अनुकूल बनाने के सुझाव
विदेशी व्यापार को अनुकूल बनाने के लिए निम्नलिखित सुझाव उपयोगी होंगे
  • विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन दिया जाए।
  • निर्यातकों को मौद्रिक प्रोत्साहन दिया जाए।
  • प्रशासनिक एवं नीतिगत जटिलताओं को दूर किया जाए।
वैश्वीकरण
वैश्वीकरण विभिन्न देशों के बीच व्यापार एवं निवेश में तीव्र वृद्धि की प्रक्रिया है बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ वैश्वीकरण में प्रमुख भूमिका निभा रही हैं। भारतीय सन्दर्भ में वैश्वीकरण के निम्नलिखित उद्देश्य हैं
  • वैश्वीकरण के द्वारा भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ना है।
  • उन्नत तकनीक का उपयोग कर उत्पादन व गुणवत्ता में वृद्धि करना है।
  • भारतीय बाजार को वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा के लिए तैयार करना है।
वैश्वीकरण को सम्भव बनाने वाले कारक
  • प्रौद्योगिकी में तीव्र उन्नति
  • सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का विकास
  • विदेशी व्यापार तथा विदेशी निवेश का उदारीकरण
  • वस्तुओं के परिवहन की सुविधा का विकास
वैश्वीकरण और प्रवास
  • वैश्वीकरण के कारण लोग बेहतर आय तथा बेहतर रोजगार के लिए दूसरे देशों में आवागमन करते हैं।
  • वैश्वीकरण ने विकसित देशों के लोगों के जीवन स्तर के सुधार में सहायता की है।
प्रौद्योगिकी
  • कुछ वर्षों में विगत परिवहन प्रौद्योगिकी में अत्यधिक उन्नति हुई है।
  • वस्तुओं को कण्टेनरों में रखा गया है, जिससे इन्हें जहाजों, रेलों, वायुयानों एवं ट्रकों पर बिना क्षति के लादा जा सके।
वैश्वीकरण में आई. टी. की भूमिका
  • भूमिका और संचार प्रौद्योगिकी सेवाओं का विस्तार किया है।
  • दूरसंचार सुविधा का प्रयोग दूरवर्ती क्षेत्रों में संवाद स्थापित करने के लिए किया जाता है।
विदेशी निवेश नीति
  • विदेशी प्रतिस्पर्द्धा से स्थानीय उद्यमियों को बचाने के लिए एक देश विदेशी नीति को बनाता है।
व्यापार अवरोधक
  • अन्तर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान पर प्रतिबन्ध लगाना व्यापार अवरोधक कहलाता है।
  • इसका प्रयोग सरकार स्थानीय उद्योगों के संरक्षण के लिए करती है।
वर्ष 1991 से पहले विदेशी व्यापार
  • वर्ष 1991 से पहले सरकार ने विदेशी निवेश पर प्रतिबन्ध लगा रखा था।
  • वर्ष 1950 से 1960 के बीच भारत ने केवल उर्वरक, मशीनरी तथा पेट्रोलियम के आयात की अनुमति प्रदान की थी।
नई आर्थिक नीति, 1991
  • वस्तुओं में गुणवत्तापूर्ण सुधार के लिए यह नीति अपनाई गई।
  • यह आर्थिक नीति विश्व व्यापार द्वारा समर्थित थी।
उदारीकरण
  • प्रतिबन्धों को हटाने की प्रक्रिया को उदारीकरण कहते हैं।
  • भारत में इसकी शुरुआत वर्ष 1991 में की गई।
  • उदारीकरण के कारण व्यापारियों को अधिक स्वतन्त्रता प्राप्त हुई।
उदारीकरण के उद्देश्य
भारत में उदारीकरण नीति के निम्नलिखित उद्देश्य हैं
  • उत्पादन प्रणाली को इतना सक्षम बनाया जाए कि वह अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा सामना कर सके।
  • आधुनिक तकनीक को अपनी अर्थव्यवस्था में समाहित करना ।
  • औद्योगीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाना ।
विश्व व्यापार संगठन
  • यह एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसका गठन 1 जनवरी, 1995 में किया गया था। यह वैश्विक व्यापार के नियमों को बनाता है।
  • इसका उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का उदारीकरण करना है। विश्व व्यापार संगठन का मुख्यालय जेनेवा (स्विट्जरलैण्ड) में स्थित है।
भारत में वैश्वीकरण का प्रभाव
  • वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप व्यापारिक प्रतिस्पर्द्धा से उपभोक्ता को लाभ होता है।
  • उद्योगों और सेवाओं में नए रोजगार उत्पन्न हुए हैं।
  • वैश्वीकरण ने संचार प्रौद्योगिकी वाली कम्पनियों के लिए नए बाजारों को खोल दिया है।
  • वैश्वीकरण से छोटे उत्पादकों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए सरकार के कदम
  • विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र की स्थापना की गई।
  • विदेशी विशेष आर्थिक क्षेत्र में उत्पादन इकाइयाँ स्थापित करने वाली कम्पनी को प्रारम्भिक पाँच साल करों से छूट प्राप्त है।
  • सरकार ने भी श्रम कानूनों में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए लचीलेपन की अनुमति दी है।
बढ़ती प्रतिस्पर्द्धा और अनिश्चित रोजगार
  • वैश्वीकरण और प्रतिस्पर्द्धा ने श्रमिकों का जीवन बदल दिया है।
  • प्रतिस्पर्द्धा के समय श्रमिकों का रोजगार सुरक्षित नहीं है।
  • भारतीय वस्त्र निर्यातक भी अस्थायी आधार पर श्रमिकों को नियोजित करते हैं।
न्यायसंगत वैश्वीकरण के लिए संघर्ष
  • वैश्वीकरण में कुशल व शिक्षित लोगों ने ही नए अवसरों का सर्वोत्तम उपयोग किया है।
  • सरकारी नीतियों के द्वारा ही अवसरों को निष्पक्ष बनाया जा सकता है।
  • न्यायसंगत वैश्वीकरण के लिए सरकार विश्व व्यापार संगठन से न्यायपूर्ण नियम के लिए बातचीत कर सकती है।
खण्ड अ बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1. भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत कब हुई ?
(a) वर्ष 1991
(b) वर्ष 1989
(c) वर्ष 1995
(d) वर्ष 1960
उत्तर (a) वर्ष 1991
प्रश्न 2. बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का उद्देश्य निम्न में से क्या है?
(a) व्यापारिक केन्द्र स्थापित करना
(b) लाभ कमाना
(c) रोजगार देना
(d) उत्पादों की गुणवत्ता
उत्तर (b) लाभ कमाना
प्रश्न 3. विदेशी व्यापार क्या है?
(a) दो देशों के मध्य व्यापार
(b) दो प्रदेशों के मध्य व्यापार
(c) दो नगरों के मध्य व्यापार
(d) दो गाँवों के मध्य व्यापार
उत्तर (a) दो देशों के मध्य व्यापार
प्रश्न 4. भारत का अधिकांश विदेशी व्यापार होता है
(a) सड़क मार्ग से
(b) समुद्री मार्ग से
(c) रेल मार्ग से
(d) वायु मार्ग से
उत्तर (b) समुद्री मार्ग से
प्रश्न 5. भारतीय आयात में सबसे बड़ा हिस्सा किस वस्तु का है?
(a) रत्न आभूषण
(b) इंजीनियरिंग वस्तु
(c) पेट्रोलियम पदार्थ
(d) रक्षा हथियार
उत्तर (c) पेट्रोलियम पदार्थ
प्रश्न 6. नई आर्थिक नीति का उद्देश्य क्या था?
(a) प्रतिस्पर्द्धा व वस्तुओं की गुणवत्ता में सुधार
(b) बाजारिक प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ाना
(c) सार्वजनिक उपक्रमों का विनिवेश
(d) लाइसेंसिंग प्रणाली समाप्त करना
उत्तर (a) प्रतिस्पर्द्धा व वस्तुओं की गुणवत्ता में सुधार
प्रश्न 7. सर्वप्रथम विश्व व्यापार संगठन किसके द्वारा शुरू हुआ?
(a) विकसित देश
(b) विकासशील देश
(c) अल्प-विकसित देश
(d) निर्धन देश
उत्तर (a) विकसित देश
प्रश्न 8. विश्व व्यापार संगठन की स्थापना निम्नलिखित में से किस वर्ष हुई?
(a) वर्ष 1986 में
(b) वर्ष 1995 में
(c) वर्ष 2001 में
(d) वर्ष 2004 में
उत्तर (b) वर्ष 1995 में
प्रश्न 9. वैश्वीकरण ने किसका जीवन-स्तर सुधारा है?
(a) सभी लोगों का
(b) विकसित देश के लोगों का
(c) विकासशील देशों के श्रमिकों का
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (b) विकसित देश के लोगों का
प्रश्न 10. वैश्वीकरण की नीति से किस क्षेत्र को लाभ नहीं हुआ है ?
(a) कृषि क्षेत्र को
(b) विनिर्माण क्षेत्र को
(c) सेवा क्षेत्र को
(d) ये सभी
उत्तर (d) ये सभी
प्रश्न 11. वैश्वीकरण को फैलाने में किसने बड़ी भूमिका निभाई है?
(a) सूचना प्रौद्योगिकी (आई.टी.)
(b) परिवहन तकनीक
(c) ‘a’ और ‘b’ दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (c) ‘a’ और ‘b’ दोनों
प्रश्न 12. ‘वैश्वीकरण’ शब्द का प्रचलन कब प्रारम्भ हुआ?
(a) 19वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में
(b) 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में
(c) 20वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में
(d) 20वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में
उत्तर (c) 20वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में
प्रश्न 13. बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ अपने कारखाने उन स्थानों (देशों) में स्थापित करती हैं, जहाँ ……….
(a) सस्ते श्रमिक उपलब्ध हों
(b) सस्ते ऊर्जा संसाधन हों
(c) सरकार का कम हस्तक्षेप हो
(d) ये सभी
उत्तर (d) ये सभी
प्रश्न 14. बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा निवेश का सबसे सामान्य मार्ग है।
(a) नए कारखानों की स्थापना
(b) स्थानीय कम्पनियों को खरीदना
(c) स्थानीय कम्पनियों के साथ साझेदारी
(d) धन का निवेश
उत्तर (b) स्थानीय कम्पनियों को खरीदना
प्रश्न 15. बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के विस्तार से निम्न में से कौन-सा लाभ प्राप्त हो सकता है?
(a) अविकसित / विकासशील देशों में रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
(b) बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को सस्ती कीमतों पर सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले संसाधन प्राप्त होंगे।
(c) ‘a’ और ‘b’ दोनों
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर (c) ‘a’ और ‘b’ दोनों
प्रश्न 16. वस्त्र निर्यात उद्योगों में मजदूरों को कम वेतन मिलने का क्या कारण है?
(a) कच्चे माल की लागत में वृद्धि
(b) मशीनों की बढ़ती कीमतें
(c) ऊर्जा संसाधनों का महँगा होना
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर (d) उपरोक्त सभी
प्रश्न 17. निम्न में से किस माध्यम से छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा की जा सकती है?
(a) सरकारी नीतियों में प्राथमिकता देकर
(b) डब्ल्यूटीओ से न्यायपूर्ण नियम बनाने का आग्रह करके
(c) ‘a’ और ‘b’ दोनों
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर (c) ‘a’ और ‘b’ दोनों
प्रश्न 18. अमेरिका की किस कम्पनी ने भारत में परख फूड्स का अधिग्रहण किया है?
(a) जैमिनी फूड्स
(b) कारगिल फूड्स
(c) सनराइस फूड्स
(d) इनरिच फूड्स
उत्तर (b) कारगिल फूड्स
प्रश्न 19. निम्न में से किन परिस्थितियों में आयातित वस्तुएँ अधिक लाभकारी सिद्ध होती हैं?
(a) मुद्रास्फीति के समय
(b) प्राकृतिक आपदा के दौरान
(c) ‘a’ और ‘b’ दोनों
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर (c) ‘a’ और ‘b’ दोनों
प्रश्न 20. वैश्वीकरण के कारण उपभोक्ताओं को निम्न में से किस प्रकार का लाभ प्राप्त होता है?
(a) बाजार में वस्तुओं का विकल्प बढ़ जाता है।
(b) उत्पादकों के बीच प्रतिस्पर्धा के कारण कम कीमत पर वस्तुओं की प्राप्ति हो जाती है।
(c) ‘a’ और ‘b’ दोनों
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर (c) ‘a’ और ‘b’ दोनों
प्रश्न 21. वैश्वीकरण के माध्यम से किसी देश में किन संसाधनों का आगमन होता है?
(a) वैज्ञानिक, प्रौद्योगिक या तकनीक
(b) कुशलता
(c) पूँजी
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर (d) उपरोक्त सभी
सुमेलित करें
प्रश्न 22. सुमेलित कीजिए
कथन कूट
प्रश्न 23. निम्न में से कौन-सा विदेशी व्यापार का तात्पर्य है?
1. दो देशों के बीच आयात और निर्यात का होना।
2. अनेक देशों में किए जाने वाले व्यापारिक समझौते ।
3. विभिन्न देशों के मध्य एक व्यापार ।
4. दूसरे देशों द्वारा किए जाने वाले निवेश ।
कूट
(a) 1 और 2
(b) 2 और 3
(c) 1 और 3
(d) केवल 4
उत्तर (c) 1 और 3
प्रश्न 24. वैश्वीकरण के प्रभाव के सम्बन्ध में दिए गए कथनों पर विचार कीजिए
1. वैश्वीकरण नई और उन्नत तकनीक को लाता है।
2. उद्योगों और सेवाओं में नए रोजगार उत्पन्न करता है।
3. बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा भारत में अपने निवेश के लिए वृद्धि की गई है।
उपरोक्त में से कौन-सा कथन सही है?
(a) केवल 1
(b) 1 और 2
(c) 2 और 3
(d) ये सभी
उत्तर (d) ये सभी
प्रश्न 25. निम्न में से कौन-सा देशों के उत्पादन को एक-दूसरे से जोड़ता है?
1. विदेशी निवेश
2. स्थानीय कम्पनियों के अनुबन्ध
3. साझेदारी / संयुक्त उद्यम
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) 1 और 2
(c) 2 और 3
(d) ये सभी
उत्तर (d) ये सभी
खण्ड ब वर्णनात्मक प्रश्न
वर्णनात्मक प्रश्न- 1
प्रश्न 1. बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की किन्हीं चार विशेषताओं का वर्णन कीजिए ।
उत्तर – बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की विशेषताएँ निम्न हैं
  • बहुराष्ट्रीय कम्पनी एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियन्त्रण व स्वामित्व रखती है।
  • यह उन प्रदेशों में कार्यालय एवं उत्पादन के लिए कारखाने स्थापित करती है, जहाँ से सस्ते श्रमिक एवं अन्य संसाधन प्राप्त होते हैं।
  • उत्पादन लागत में कमी करने तथा अधिक लाभ कमाने के लिए बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ इस तरह का प्रयास करती हैं।
  • वे अपने अन्तिम उत्पादों को वैश्विक रूप से बेचते हैं और वैश्विक रूप से ही माल और सेवाओं का उत्पादन भी करते हैं। उत्पादन की प्रक्रिया छोटे भागों में बाँटी जाती है तथा विश्वभर में फैला दी जाती है।
प्रश्न 2. विदेशी व्यापार को अनुकूल बनाने के सुझाव दीजिए।
उत्तर – विदेशी व्यापार को अनुकूल बनाने के लिए निम्नलिखित सुझाव उपयोगी होंगे
  • विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन दिया जाए।
  • निर्यात संवर्द्धन के लिए नए बाजारों की खोज तथा प्रोत्साहन नीतियों को प्रारम्भ किया जाए।
  • निर्यातकों को मौद्रिक प्रोत्साहन दिया जाए।
  • द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय, व्यापारिक समझौतों पर बल दिया जाए।
प्रश्न 3. विदेशी व्यापार और विदेशी निवेश में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – विदेशी व्यापार 
दो या दो से अधिक देशों के मध्य होने वाला व्यापार ही विदेशी व्यापार कहलाता है। सरल शब्दों में, विदेशी व्यापार घरेलू बाजारों अर्थात् अपने देश के बाजारों से बाहर के बाजारों में माल पहुँचाने के लिए उत्पादकों को एक अवसर प्रदान करता है । इस प्रकार विदेशी व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों को जोड़ने या एकीकरण में सहायक होता है।
विदेशी निवेश
बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ विभिन्न देशों में कार्यालयों व कारखानों की स्थापना हेतु भूमि, भवन, मशीन तथा अन्य उपकरणों की खरीद हेतु मुद्रा का निवेश करती हैं। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा इस प्रकार किए गए निवेश को विदेशी निवेश कहते हैं।
प्रश्न 4. वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर – वैश्वीकरण
वैश्वीकरण विभिन्न देशों के बीच विदेशी व्यापार एवं निवेश में तीव्र वृद्धि की प्रक्रिया है। दूसरे शब्दों में, विभिन्न देशों के बीच अधिक से अधिक वस्तुओं और सेवाओं, निवेश और प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान ही वैश्वीकरण है।
उदाहरण के लिए, हम सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के विकास को ले सकते हैं। वर्तमान समय में दूरसंचार, कम्प्यूटर व इण्टरनेट के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी द्रुतगति से परिवर्तित हो रही है।
भारत में रहने वाला व्यक्ति लन्दन में रह रहे अपने रिश्तेदार से बातें कर सकता है, जो दूरसंचार के माध्यम से सम्भव हुआ है अर्थात् वैश्वीकरण की प्रक्रिया के कारण यह सम्भव हो पाया है।
प्रश्न 5. विश्व व्यापार संगठन से आप क्या समझते हैं?
अथवा विश्व व्यापार संगठन के क्रियाकलापों का वर्णन कीजिए। 
उत्तर – विश्व व्यापार संगठन
विश्व व्यापार संगठन एक ऐसा अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसका ध्येय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है। विश्व व्यापार संगठन की स्थापना वर्ष 1995 में हुई थी। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैण्ड के जेनेवा में है। इसकी स्थापना विकसित देशों की पहल पर हुई थी।
विश्व व्यापार संगठन के कार्य
विश्व व्यापार संगठन के कार्य निम्नलिखित हैं
  1. विश्व व्यापार संगठन अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से सम्बन्धित नियमों को निर्धारित करता है और इन नियमों के पालन के लिए हर सम्भव प्रयास करता है।
  2. विश्व व्यापार संगठन व्यापार में उदारीकरण को बढ़ावा देता है।
  3. यह व्यापार विवादों का निपटारा करता है।
  4. विश्व व्यापार संगठन वैश्विक आर्थिक प्रबन्धन में शामिल अन्य प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक संस्थानों के साथ सहयोग स्थापित करता है ।
प्रश्न 6. भारतीय अर्थव्यवस्था में वैश्वीकरण के महत्त्व की विवेचना कीजिए | 
उत्तर – भारतीय अर्थव्यवस्था में वैश्वीकरण के महत्त्व निम्न प्रकार हैं
  • वैश्वीकरण के परिणामस्वरूप उत्पादकों (स्थानीय और विदेशी दोनों) के बीच अधिक प्रतिस्पर्द्धा से, उपभोक्ताओं विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में समृद्ध वर्ग को लाभ पहुँचता है। यह बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पादों और कम कीमतों के साथ बेहतर विकल्प देता है।
  • बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने भारत में अपने निवेश में वृद्धि की है; जैसे- सेल फोन, मोटरगाड़ियाँ, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, ठण्डे पेय पदार्थ, जंक खाद्य पदार्थों एवं बैंकिंग जैसी सेवाओं में निवेश इत्यादि ।
  • उद्योगों और सेवाओं में नए रोजगार उत्पन्न हुए हैं, साथ ही इन उद्योगों को कच्चे माल इत्यादि की आपूर्ति करने वाली स्थानीय कम्पनियाँ समृद्ध हुईं।
  • वैश्वीकरण नई और उन्नत तकनीक को लाता है, जिसके द्वारा स्थानीय कम्पनियों को भी लाभ मिलता है।
  • इंफोसिस, टाटा, एशियन पेंट्स, रैनबैक्सी जैसी कुछ बड़ी भारतीय कम्पनियाँ बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के रूप में उभरी हैं और अन्य देशों में कम्पनियों की स्थापना की है।
  • वैश्वीकरण ने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी वाली कम्पनियों के लिए नए अवसरों का सृजन किया है; जैसे—कॉल सेण्टर, लेखाकरण ( Accounts ), प्रशासनिक कार्य (Administrative ) इत्यादि ।
  • वैश्वीकरण ने बड़ी संख्या में छोटे उत्पादकों और श्रमिकों के लिए बड़ी चुनौतियाँ खड़ी की हैं।
प्रश्न 7. श्रम कानूनों में लचीलापन कम्पनियों को कैसे मदद करेगा?
उत्तर – किसी राज्य द्वारा निर्मित उन कानूनों को श्रम कानून कहा जाता है, जो श्रमिकों तथा सरकार के बीच सम्बन्धों को परिभाषित करते हैं
श्रम कानूनों में लचीलापन कम्पनियों को निम्नलिखित रूप से मदद करता है।
  1. यह श्रमिकों की संख्या पर नियंत्रण रखने में मदद करेगा।
  2. कम्पनियाँ मजदूरी को उत्पादकता से सम्बन्धित कर सकती हैं।
  3. कम्पनियाँ अपनी आवश्यकता के अनुसार, श्रमिकों की नियुक्ति कर सकती हैं और उन्हें नौकरी से बाहर कर सकती हैं।
  4. इससे श्रम संगठन कमजोर होगा और वे कम्पनियों पर अनुचित दबाव नहीं बना पाएँगे।
प्रश्न 8. विकसित देश, विकासशील देशों से उनके व्यापार और निवेश का उदारीकरण क्यों चाहते हैं? क्या आप मानते हैं कि विकासशील देशों को भी बदले में ऐसी माँग करनी चाहिए?
उत्तर – विकसित देश ऊँची दर का लाभ अर्जित करने के लिए विकासशील देशों में निवेश करते हैं। विकसित देशों के अनुसार व्यापार अवरोधक हानिकारक होते हैं, क्योंकि ये व्यापार तथा निवेश में रुकावट डालते हैं। विकसित देश चाहते हैं कि सभी विकासशील देश अपने व्यापार की नीतियों को उदार बनाएँ, लेकिन विकसित देशों ने स्वयं अनुचित ढंग से व्यापार अवरोधकों को बनाए रखा है। विकासशील देश समान हित वाले अन्य विकासशील देशों के साथ मिलकर विकसित देशों के प्रभाव को समाप्त कर सकते हैं। उचित तथा सही नियमों के लिए वे विश्व व्यापार संगठन तथा अन्य संगठनों से बातचीत कर सकते हैं।
प्रश्न 9. वैश्वीकरण भविष्य में जारी रहेगा। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आज से बीस वर्ष बाद विश्व कैसा होगा? अपने उत्तर का कारण दीजिए। 
उत्तर – आज से बीस वर्ष बाद का विश्व आधुनिकतम सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण होगा। रोजगार के साधनों की पहुँच गाँवों तक होगी। उद्योगों का विस्तार ग्रामीण क्षेत्रों तक होगा और बेरोजगारी की समस्या का समाधान हो चुका होगा । आज से 20 वर्ष पश्चात् विश्व कैसा होगा, इसके कारण निम्न हैं
  1. बाजारों का एकीकरण आज से बीस साल बाद वैश्विक स्तर पर किसी भी कम्पनी को अपना ऑर्डर बुक करा सकते हैं और यह बाजारों के एकीकरण व उद्योगों के वैश्वीकरण के कारण सम्भव हो पाएगा।
  2. परिवहन व संचार के तेज साधन इण्टरनेट की सुविधा के कारण हम किसी भी उत्पाद को अपने अनुसार मँगवा या भेज सकते हैं और यातायात के तीव्र साधनों के कारण कोई भी उत्पाद कहीं भी कम समय में पहुँचाया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त सेवा क्षेत्र में सुधार व वैश्विक गाँव की भी संकल्पना की जा सकती है। वैश्वीकरण से भावी पीढ़ी बहुत हद तक लाभान्वित हो सकेगी।
प्रश्न 10. भारत में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कोई तीन उपाय सुझाइए |
उत्तर – भारत में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के निम्नलिखित उपाय हैं।
  1. विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्रों की स्थापना की जानी चाहिए।
  2. सरकार को श्रम कानूनों में लचीलापन लाना चाहिए ।
  3. उद्योगों की स्थापना में आने वाले अवरोधों को हटाना चाहिए।
प्रश्न 11. प्रौद्योगिकी और आर्थिक विकास के कारण संसाधनों का अधिक उपयोग कैसे हुआ? 
उत्तर – प्रौद्योगिकी और आर्थिक विकास ने संसाधनों के अधिक उपयोग का रास्ता खोला है। प्रौद्योगिकी के विकास ने संसाधनों का अधिक दोहन किया तथा आर्थिक विकास के लिए अधिक-से-अधिक संसाधनों की आवश्यकता हुई ।
संसाधनों का अधिक उपयोग बिना प्रौद्योगिकी के विकास के सम्भव नहीं था तथा जितना अधिक संसाधनों का दोहन किया जाएगा उतना ही आर्थिक विकास होगा।
वर्णनात्मक प्रश्न-2
प्रश्न 1. “बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ विभिन्न देशों की उत्पादन प्रक्रिया को एक दूसरे से जोड़ती हैं।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर – बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ विभिन्न देशों की उत्पादन प्रक्रिया को एक-दूसरे से जोड़ती हैं। देशों को उत्पादन के द्वारा जोड़ने के कुछ महत्त्वपूर्ण माध्यम नीचे दिए हैं
  1. विदेशी प्रत्यक्ष निवेश इसका अर्थ है कि एक देश में आधारित कंपनी (सामान्यतः एक बहुराष्ट्रीय कंपनी) किसी दूसरे देश में स्थित कंपनी में निवेश करती है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने विदेशी इकाइयों में कारखानों या कार्यालयों की स्थापना करके उत्पादन इकाइयाँ स्थापित की हैं।
  2. साझेदारी / संयुक्त उद्यम कभी-कभी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ स्थानीय कंपनियों के साथ हाथ मिलाती हैं और संयुक्त रूप से उत्पादन करती हैं। इस तरह बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अतिरिक्त निवेश के लिए धन प्रदान करती है, जैसे कि अधिक उत्पादन के लिए नई मशीनें खरीदना और उत्पादन के लिए नवीनतम तकनीक लाना।
  3. स्थानीय कंपनियाँ बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ स्थानीय उत्पादन इकाइयाँ क्रय करती हैं या स्थानीय कंपनियों के साथ मिलकर उत्पादन बढ़ाती हैं। उदाहरण के लिए; अमेरिका के कारगिल फूड्स ने भारत में परख फूड्स का अधिग्रहण किया है।
  4. निवेश संपत्तियों को खरीदने के लिए धन खर्च करते है; जैसे- जमीन, भवन, मशीन और अन्य उपकरण ।
  5. स्थानीय कंपनियों के अनुबंध बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ संपूर्ण विश्व में एक बड़ी संख्या में छोटे उत्पादकों के साथ निवेश करती हैं, क्योंकि ये उत्पाद अपने ब्रांड नाम के अन्तर्गत इनके उत्पादकों को बेचते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ इन दूर के उत्पादकों के लिए मूल्य, गुणवत्ता, वितरण और श्रम की स्थिति निर्धारित करती हैं; जैसे- फुटवियर्स, (जूतें और चप्पल) खेल के सामान, वस्त्र आदि ।
प्रश्न 2. विदेशी व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों के एकीकरण में किस प्रकार सहायता करता है? संक्षेप में बताइए | 
उत्तर – लम्बे समय से विदेशी व्यापार देशों को आपस में जोड़ने का मुख्य माध्यम रहा है। विदेश व्यापार घरेलू बाजारों अर्थात् अपने देश के बाजारों से बाहर के बाजारों में माल पहुँचाने के लिए उत्पादकों को एक अवसर प्रदान करता है। उत्पादक केवल अपने देश के बाजारों में ही अपने उत्पाद नहीं बेच सकते हैं, बल्कि विश्व के अन्य देशों के बाजारों से भी प्रतिस्पर्द्धा कर सकते हैं। उदाहरण के रूप में, मोबाइल फोन बनाने वाली मुख्य कम्पनियाँ अमेरिका और यूरोप में हैं। इन देशों में उत्पाद का डिजाइन तैयार होता है।
मोबाइल के अलग-अलग पार्ट (भाग) पूर्वी एशियाई देश, मलेशिया, चीन और ताइवान में बनते हैं और फिर उन्हें चीन या भारत में एसेम्बल किया जाता है, फिर अन्तिम उत्पाद को पूरे विश्व में बेचा जाता है। यह उदाहरण विश्व के विभिन्न देशों के बाजारों को जोड़ने या एकीकरण को दर्शाता है।
प्रश्न 3. विदेशी व्यापार के महत्त्व को समझाइए |
अथवा विदेश व्यापार से क्या आशय है? इसके किन्हीं तीन लाभों का वर्णन कीजिए। 
उत्तर – विदेशी व्यापार दुनिया के विभिन्न देशों के बीच एक व्यापार प्रणाली है। इसे अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार (International Trade), बाह्य व्यापार (External Trade) या अन्तर्क्षेत्रीय व्यापार (Inter-regional Trade) भी कहा जाता है। विदेशी व्यापार के महत्त्व को निम्नलिखित बिन्दुओं के माध्यम से समझ सकते हैं
  1. विकासशील देशों हेतु अत्यधिक महत्त्वपूर्ण विदेशी व्यापार में होने वाली वृद्धि आर्थिक प्रगति को प्रकट करती है। आर्थिक रूप से पिछड़े तथा विकासशील देशों के लिए विदेशी व्यापार का और भी अधिक महत्त्व है।
  2. प्राकृतिक संसाधनों का उचित दोहन विदेशी व्यापार की जरूरतों के अनुसार, वस्तुओं का निर्यात करने के लिए उद्यमी उद्योगों की स्थापना करते हैं, जिससे रोजगार के अवसरों का सृजन होता है।
  3. औद्योगीकरण को प्रोत्साहन विदेशी व्यापार के माध्यम से देश में औद्योगीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए पूँजी, उपकरण एवं तकनीकें सुनिश्चित होती हैं, जिससे औद्योगीकरण की गति तीव्र होती है।
  4. सस्ती वस्तुओं की प्राप्ति विदेशी व्यापार के कारण विदेशों में निर्मित गुणवत्ता युक्त एवं सस्ती वस्तुएँ देश के अन्दर प्राप्त हो जाती हैं।
प्रश्न 4. वैश्वीकरण को किस प्रकार न्यायसंगत बनाया जा सकता है?
अथवा वैश्वीकरण किस प्रकार प्रभावी सिद्ध होगा? अपने तर्क प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर – वैश्वीकरण के कारण शिक्षित व धनी लोगों ने नए अवसरों का सर्वोत्तम उपयोग किया है। इसे अधिक निष्पक्ष बनाने के लिए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वैश्वीकरण के लाभ बेहतर साझा किए गए हैं तथा सरकारी नीतियों को देश के सभी लोगों के हितों की रक्षा करनी चाहिए।
यह छोटे उत्पादकों को उनके प्रदर्शन को बेहतर बनाने में सहायता कर सकता है, जब तक वे प्रतिस्पर्द्धा के लिए पर्याप्त मजबूत न हो जाए। यदि आवश्यक हो तो सरकार व्यापार और निवेश अवरोधों का उपयोग कर सकती है। सरकार विश्व व्यापार संगठन के साथ न्यायपूर्ण नियम के लिए बातचीत कर सकती है। यह अन्य विकासशील देशों के साथ संरेखित भी हो सकता है, जो विश्व व्यापार संगठन में विकसित देशों के अधिकारों के विरुद्ध लड़ने के लिए समान हितों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं।
प्रश्न 5. वैश्वीकरण के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
अथवा ‘वैश्वीकरण का प्रभाव एकसमान नहीं है’। इस कथन की अपने शब्दों में व्याख्या कीजिए।
अथवा वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं? भारतीय उद्योगों पर इसके प्रभाव का उल्लेख कीजिए । 
उत्तर – वैश्वीकरण विभिन्न देशों के बीच विदेशी व्यापार एवं निवेश में तीव्र वृद्धि की प्रक्रिया है। दूसरे शब्दों में, विभिन्न देशों के बीच अधिक-सेअधिक वस्तुओं और सेवाओं, निवेश और प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान ही वैश्वीकरण है।
वैश्वीकरण के प्रभावों को सकारात्मक और नकारात्मक रूपों में देखा जाए, तो यह निम्नलिखित प्रभाव दर्शाती है
वैश्वीकरण के सकारात्मक प्रभाव
  1. वैश्वीकरण के कारण उपभोक्ताओं को लाभ हुआ, क्योंकि इसने स्थानीय और विदेशी उत्पादकों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ा दिया।
  2. वैश्वीकरण ने बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा भारत में अपने निवेश को बढ़ाया।
  3. वैश्वीकरण के द्वारा शहरी इलाकों के उद्योगों; जैसे- सेलफोन, मोटर गाड़ियों तथा इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों जैसी सेवाओं में निवेश को बढ़ाने में मदद की।
  4. वैश्वीकरण के कारण नए उद्योग स्थापित होने से रोजगार के अवसर भी बढ़ें।
वैश्वीकरण के नकारात्मक प्रभाव
वैश्वीकरण के द्वारा कई प्रकार से मानव जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाए गए, परन्तु कहीं न कहीं इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हैं, जो निम्नलिखित हैं
  1. वैश्वीकरण ने बड़ी संख्या में छोटे उत्पादकों और श्रमिकों के लिए बड़ी चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं।
  2. वैश्वीकरण और प्रतिस्पर्धा दबाव में अधिकांश नियोक्ता इन दिनों श्रमिकों को रोजगार देने में लचीलापन पसन्द करते हैं। इसका अर्थ है कि श्रमिकों का रोजगार अब सुनिश्चित नहीं है।
  3. श्रमिकों के कार्य के घण्टों को अब लम्बा कर दिया गया है। श्रमिकों को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय में भी कार्य करना पड़ता है।
इस प्रकार कहा जा सकता है कि वैश्वीकरण सभी के लिए लाभप्रद नहीं रहा है। शिक्षित, कुशल और सम्पन्न लोगों ने वैश्वीकरण से मिले नए अवसरों का सर्वोत्तम उपयोग किया है, तो दूसरी ओर अनेक लोगों को लाभ में हिस्सा नहीं मिला है।
प्रश्न 6. वैश्वीकरण किसे कहते है? वैश्वीकरण को संभव बनाने वाले कारकों की विवेचना करें।
अथवा प्रौद्योगिकी ने किस प्रकार वैश्वीकरण की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया? किन्हीं दो कारणों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर – वैश्वीकरण का अर्थ इसके लिए दीर्घ प्रश्न 5 देखें ।
वैश्वीकरण को संभव बनाने वाले कारक
वैश्वीकरण को सम्भव बनाने वाले कारक निम्न हैं
  1. प्रौद्योगिकी में तीव्र उन्नति विगत 50 वर्षों में परिवहन प्रौद्योगिकी में अत्यधिक उन्नति हुई है। इससे लम्बी दूरियों तक वस्तुओं की तीव्र आपूर्ति को कम लागत पर सम्भव किया है।
  2. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी सूचना और संचार प्रौद्योगिकी ने विश्व में सेवाओं के उत्पादन का विस्तार किया है। दूरसंचार सुविधा (टेलीग्राफ, टेलीफोन, मोबाइल फोन, फैक्स) और उपग्रह संचार का उपयोग विश्व में एक-दूसरे से संपर्क स्थापित करने, सूचनाओं को तत्काल प्राप्त करने और दूरवर्ती क्षेत्रों से संवाद करने में प्रयोग किया जाता है। इसका एक उदाहरण लंदन में पाठकों के लिए प्रकाशित एक समाचार-पत्र है, जिसे दिल्ली में डिजाइन और मुद्रित किया गया है। पत्रिका का पाठ लंदन से इंटरनेट द्वारा दिल्ली के कार्यालय तक भेजा जाता है। दिल्ली कार्यालय में डिजाइनर दूरसंचार सुविधाओं का उपयोग करके लंदन कार्यालय से पत्रिका के डिजाइन के विषय में निर्देश प्राप्त करते हैं, फिर छपाई के बाद पत्रिकाओं को लन्दन भेजा जाता है।
  3. बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ वैश्वीकरण में बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। व्यापार के क्षेत्र में अन्य देशों से एक-दूसरे का सम्बन्ध वैश्वीकरण का परिचायक है।
प्रश्न 7. व्यापार और निवेश नीतियों का उदारीकरण वैश्वीकरण प्रक्रिया में कैसे सहायता पहुँचाता है? 
उत्तर – व्यापार और निवेश नीतियों का उदारीकरण वैश्वीकरण प्रक्रिया में निम्नलिखित तरीके से सहायता पहुँचाता है
  1. व्यापार अवरोधकों को हटाकर उदारीकरण की नीति के अन्तर्गत भारत सरकार ने वस्तुओं और सेवाओं के आयात और निर्यात से विभिन्न प्रतिबन्धों को हटा लिया है। अब बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ भारत में वस्तुओं का आयात करने के लिए तथा भारतीय कम्पनियाँ विदेशों में वस्तुओं एवं सेवाओं का निर्यात करने के लिए स्वतन्त्र हैं।
  2. निवेश का उदारीकरण इस नीति के अन्तर्गत बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ भारत में निवेश करने के लिए स्वतन्त्र हैं। अनेक बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने बैंकिंग, अधिसंरचना, ठण्डे पेय पदार्थों, मोटरगाड़ियों आदि में निवेश किया है। भारत सरकार भी भारत में निवेश करने के लिए बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को उत्साहित कर रही हैं। इसके लिए सरकार ने विशेष आर्थिक क्षेत्र की स्थापना की है, जो बिजली, सड़कें, परिवहन तथा अन्य सुविधाएँ प्रदान करते हैं।
  3. नई तकनीक उदारीकरण की प्रक्रिया के फलस्वरूप भारत में नई तकनीक का विकास हुआ है, जिससे वैश्वीकरण को बढ़ावा मिला है। सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी ने अन्य देशों में सेवाओं के उत्पादन के प्रसार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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