UP Board Class 10 Social Science Chapter 5 लोकतन्त्र के परिणाम (नागरिकशास्त्र)
UP Board Class 10 Social Science Chapter 5 लोकतन्त्र के परिणाम (नागरिकशास्त्र)
UP Board Solutions for Class 10 Social Science Chapter 5 लोकतन्त्र के परिणाम (नागरिकशास्त्र)
फास्ट ट्रैक रिवीज़न
- लोकतन्त्र की सबसे प्रमुख विशेषता यह है कि वह अपने नागरिकों को राजनीतिक और सामाजिक गुणवत्ता प्रदान करता है।
- लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था से यह भी उम्मीद की जाती है कि वह ऐसी सरकार बनाए, जो नागरिकों की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करे।
लोकतन्त्र के परिणामों का मूल्यांकन
- लोकतन्त्र के वास्तविक परिणामों का आकलन सरकार की गुणवत्ता, आर्थिक कल्याण, असमानता, सामाजिक मतभेद (Social Differences) स्वतन्त्रता और गरिमा के आधार पर किया जा सकता है। लोकतन्त्र के परिणामों का आकलन करने के बाद इसे मान्यता दी जा सकती है कि लोकतन्त्र, सरकार का एक रूप है, जो इसके लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उचित स्थिति बना सकता है।
- लोकतन्त्र, नागरिकों में समानता तथा उनकी गरिमा की भावना देता है।
- लोकतन्त्र में नागरिक अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। लोकतन्त्र को अन्य विकल्पों की तुलना में सरकार का एक अच्छा रूप माना जाता है।
राजनीतिक परिणाम
लोकतन्त्र के राजनीतिक परिणाम जवाबदेह, उत्तरदायी और वैध सरकार बनाना है।
जवाबदेह और उत्तरदायी सरकार
- लोकतन्त्र में जवाबदेह और उत्तरदायी सरकार वह है, जो अपने नागरिकों के लिए उत्तरदायी है, अपने नागरिकों की ओर से तथा उनकी आवश्यकताओं एवं अपेक्षाओं के अनुरूप सभी निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार है।
- किसी भी निर्णय को लेने से पहले प्रक्रियाओं का उचित पालन करना सरकार की जिम्मेदारी है। यदि सरकार ने गलत निर्णय किया है, तो सरकार को यह स्वीकार करना होगा तथा इसे तत्काल सुधारना होगा।
- लोकतन्त्र का उद्देश्य एक ऐसी सरकार का गठन करना है, जो नियमों का पालन करे तथा लोगों के प्रति जवाबदेह हो । लोकतान्त्रिक सरकार नागरिकों को निर्णय लेने की स्वतन्त्रता प्रदान करती है।
पारदर्शिता और निर्णय निर्माण
- पारदर्शिता का अर्थ सरकार के खुलेपन, संचार और जवाबदेही से है अर्थात् सरकार को इस प्रकार से संचालित किया जाना चाहिए कि नागरिकों के लिए यह समझना आसान रहे कि निर्णय लेते समय क्या कार्य किए गए हैं।
- नियमित एवं निष्पक्ष चुनाव कराने और खुली सार्वजनिक चर्चा के लिए उपयुक्त स्थितियाँ बनाने के सम्बन्ध में लोकतान्त्रिक व्यवस्थाएँ अधिक सफल हुई हैं।
वैध सरकार
- लोकतान्त्रिक सरकार एक वैध सरकार है, जहाँ देश के सभी कानून नागरिकों के प्रति समान रूप से लागू होते हैं, लोकतान्त्रिक सरकार में लोगों को डर या पक्ष के बिना भी शासित किया जाता है।
- एक वैध सरकार को लोगों की जरूरतों और माँगों पर ध्यान देना चाहिए।
आर्थिक परिणाम
आर्थिक संवृद्धि, विकास, गरीबी और असमानता में कमी लोकतन्त्र के प्रमुख आर्थिक परिणाम हैं।
आर्थिक वृद्धि और विकास
लोकतान्त्रिक सरकार वाले देशों से यह उम्मीद की जाती है कि वे आर्थिक वृद्धि और विकास करें, परन्तु दुनिया के अनेक लोकतान्त्रिक देशों में जनसंख्या का आकार, वैश्विक स्थिति तथा आर्थिक प्राथमिकताओं आदि से यह प्रायः पूर्ण नहीं हो पाती।
असमानता और गरीबी में कमी
- लोकतन्त्र में सभी व्यक्तियों को उनके प्रतिनिधि चुनने का अधिकार है, लेकिन राजनीतिक समानता के साथ हम व्यक्तियों के मध्य बढ़ती आर्थिक असमानता को भी देख सकते हैं।
- कुछ अत्यन्त धनी लोग (Ultra Rich) आय और सम्पत्ति में अपने अनुपात से बहुत अधिक हिस्सा पाते हैं, जिसके कारण गरीबों की आय गिरावट आई है।
- गरीब मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा है, फिर भी लोकतान्त्रिक सरकारें गरीबी के सवाल उठाने के लिए उत्सुक नहीं हैं, कुछ देशों में यह स्थिति अत्यन्त दयनीय है।
सामाजिक परिणाम
- एक लोकतन्त्र के सामाजिक परिणामों को सामाजिक विविधता के अनुरूप होना चाहिए तथा नागरिकों को गरिमा एवं स्वतन्त्रता प्रदान करनी चाहिए।
- सामान्यतः लोकतन्त्र विभिन्न सामाजिक विभागों में समायोजित करने के लिए एक प्रक्रिया विकसित करता है, इससे सामाजिक तनाव के विस्फोटक या हिंसक होने की सम्भावना कम हो जाती है।
- कोई भी समाज अलग-अलग समूहों के बीच संघर्ष को पूरी तरह से या स्थायी रूप से हल नहीं कर सकता है, परन्तु सामाजिक मतभेद, विभाजन और संघर्षो को नियन्त्रित करने के लिए लोकतन्त्र सबसे अच्छा है।
- बहुसंख्यकों की सहमति द्वारा लोकतन्त्र में शासन नहीं किया जा सकता। बहुसंख्यकों को हमेशा अल्पसंख्यक के हितों की रक्षा करने की आवश्यकता होती है।
- बहुमत के शासन से तात्पर्य यह है कि प्रत्येक चुनाव या फैसले में अलगअलग लोग और समूह बहुमत का निर्माण कर सकते हैं या बहुमत में भाग ले सकते हैं।
नागरिकों की प्रतिष्ठा और स्वतन्त्रता
- व्यक्ति की गरिमा और स्वतन्त्रता के सम्बन्ध में लोकतान्त्रिक व्यवस्था किसी भी अन्य शासन प्रणाली से भिन्न है। प्रत्येक व्यक्ति अपने साथ के लोगों से सम्मान प्राप्त करना चाहता है।
- पूरे विश्व में लोकतन्त्र ने विभिन्न दृष्टिकोणों में सम्मान और आजादी प्राप्त की है, लेकिन यह पहचानना एक साधारण मामला नहीं है कि सभी व्यक्ति समान हैं।
महिलाओं की प्रतिष्ठा और स्वतन्त्रता
- यदि हम महिलाओं के सम्मान की बात करते हैं, तो हम पाते हैं कि महिलाओं द्वारा किए गए लम्बे संघर्षो ने आज कुछ संवेदना प्राप्त की है, जिससे महिलाओं का सम्मान और समान व्यवहार लोकतान्त्रिक समाज के लिए आवश्यक बन गया है।
- किसी कानून को मान्यता मिल जाने के बाद महिलाओं के लिए अपने अधिकार के विरुद्ध संघर्ष करना आसान हो जाता है कि अब कानूनी और नैतिक रूप से हमारे अधिकार स्वीकार्य हैं।
वंचित समूहों की प्रतिष्ठा और स्वतन्त्रता
- भारत में लोकतन्त्र ने समान स्थिति और समान अवसर के लिए वंचित और भेदभाव वाली जातियों के दावों को मजबूत किया है, फिर भी जाति आधारित असमानताओं और अत्याचारों के उदाहरण देखने को मिलते हैं।
निष्कर्ष
- लोकतन्त्र के बारे में सबसे विशिष्ट विशेषता यह है कि इसकी परीक्षा कभी समाप्त नहीं होती है। जैसे-जैसे लोगों को कुछ लाभ मिलते हैं, वे और अधिक माँग करते हैं तथा लोकतन्त्र को और भी बेहतर बनाना चाहते हैं।
- लोकतन्त्र, विश्व की स्थिति से लोगों को एक नागरिक के रूप में परिवर्तित करता है। आज लोकतन्त्र में वोटों का मूल्य घटा है, क्योंकि कोई भी दल सत्ता में आने के पश्चात् समाज के हित में कार्य न करके स्वयं के हित में कार्य करने लगता है।
खण्ड अ बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1. लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था से यह भी उम्मीद की जाती है कि वह ऐसी सरकार बनाए, जो ……. की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करे।
(a) नागरिक
(b) प्रजातन्त्र
(c) अधिकारीगण
(d) शासक दल
उत्तर (a) नागरिक
प्रश्न 2. लोकतन्त्र के परिणामों का आकलन करने के बाद इसे किसका एक रूप माना गया है?
(a) राजनीतिक दलों का
(b) सरकार का
(c) जन-प्रतिनिधियों का
(d) चुने गए सदस्यों का
उत्तर (b) सरकार का
प्रश्न 3. लोकतन्त्र में जवाबदेह और उत्तरदायी सरकार किसके प्रति उत्तरदायी होती है?
(a) अधिकारी
(b) मन्त्रिमण्डल
(c) नागरिक
(d) वयस्क मताधिकार
उत्तर (c) नागरिक
प्रश्न 4. किसी भी निर्णय को लेने से पहले, प्रक्रियाओं का उचित पालन करना किसकी जिम्मेदारी है?
(a) राष्ट्रपति
(b) मुख्य न्यायाधीश
(c) विधि निर्माण अधिकारी
(d) सरकार
उत्तर (d) सरकार
प्रश्न 5. लोकतन्त्र में निर्णय लेने और क्रियान्वयन में देरी क्यों होती है?
(a) सरकार फैसले लेने से डरती है।
(b) सरकार निर्णय लेने में हिचकिचाती है।
(c) लोकतन्त्र विचार-विमर्श और बातचीत के विचार पर आधारित है।
(d) एक लोकतान्त्रिक सरकार त्वरित निर्णय लेने में रुचि नहीं रखती है।
उत्तर (c) लोकतन्त्र विचार-विमर्श और बातचीत के विचार पर आधारित है।
प्रश्न 6. नियमित एवं निष्पक्ष चुनाव कराने और खुली सार्वजनिक चर्चा के लिए उपयुक्त स्थितियाँ बनाने के सम्बन्ध में अत्यधिक क्या सफल हुई है?
(a) सामाजिक संस्थाएँ
(b) सरकार की जवाबदेही
(c) लोकतान्त्रिक व्यवस्थाएँ
(d) सामाजिक एकीकरण
उत्तर (c) लोकतान्त्रिक व्यवस्थाएँ
प्रश्न 7. आर्थिक विकास, गरीबी और असमानता में कमी लोकतन्त्र के कैसे रूप हैं?
(a) सांस्कृतिक परिणाम
(b) राजनीतिक परिणाम
(c) आर्थिक परिणाम
(d) सामाजिक परिणाम
उत्तर (c) आर्थिक परिणाम
प्रश्न 8. लोकतान्त्रिक सरकार वाले देशों से यह उम्मीद लगाई जाती है कि वह किसकी वृद्धि एवं विकास करें?
(a) आर्थिक गतिविधियों
(b) प्राकृतिक संरचनाओं
(c) सामाजिक कार्य
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (a) आर्थिक गतिविधियों
प्रश्न 9. विश्व का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है
(a) भारत
(b) यू. एस. ए.
(c) ग्रेट ब्रिटेन
(d) रूस
उत्तर (a) भारत
प्रश्न 10. लोकतन्त्र में शक्ति का स्रोत है
(a) जनता
(b) संसद
(c) प्रधानमन्त्री
(d) राष्ट्रपति
उत्तर (a) जनता
प्रश्न 11. लोकतान्त्रिक व्यवस्था के राजनीतिक और सामाजिक असमानताओं के विषय में किए गए अध्ययन बताते हैं कि
(a) लोकतन्त्र और विकास साथ ही चलते हैं।
(b) लोकतान्त्रिक व्यवस्थाओं में असमानताएँ बनी रहती हैं।
(c) तानाशाही में असमानताएँ नहीं होती हैं।
(d) तानाशाहियाँ लोकतन्त्र से बेहतर सिद्ध हुई हैं।
उत्तर (b) लोकतान्त्रिक व्यवस्थाओं में असमानताएँ बनी रहती हैं।
प्रश्न 12. लोकतन्त्र के सामाजिक परिणामों को किसके अनुरूप होना चाहिए?
(a) सांस्कृतिक विविधता
(b) वैज्ञानिक विविधता
(c) आर्थिक विविधता
(d) सामाजिक विविधता
उत्तर (d) सामाजिक विविधता
प्रश्न 13. कौन-सी शासन व्यवस्था आमतौर पर सामाजिक प्रतिद्वन्द्विता को कम करने और सामाजिक तनाव की सम्भावना को कम करने के लिए एक प्रक्रिया विकसित करती है?
(a) लोकतान्त्रिक शासन
(b) तानाशाही शासन
(c) गैर-लोकतान्त्रिक शासन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (a) लोकतान्त्रिक शासन
प्रश्न 14. लोकतन्त्र के मूल्यांकन के लिहाज से इनमें कोई एक चीज लोकतान्त्रिक व्यवस्थाओं के अनुरूप नहीं है, उसे चुनें।
(a) स्वतन्त्र और निष्पक्ष चुनाव
(b) व्यक्ति की गरिमा
(c) बहुसंख्यकों का शासन
(d) कानून के समक्ष समानता
उत्तर (c) बहुसंख्यकों का शासन
प्रश्न 15. किस शासन से तात्पर्य यह है कि प्रत्येक चुनाव या फैसले में अलग-अलग लोग और समूह बहुमत का निर्माण करते हैं?
(a) एकदलीय शासन
(b) बहुदलीय शासन
(c) बहुमत के शासन
(d) द्विदलीय शासन
उत्तर (c) बहुमत के शासन
प्रश्न 16. निम्न में से कौन-सा लोकतन्त्र का अवगुण है?
(a) धनी व्यक्तियों का शासन
(b) दलों में व्यक्तिवाद
(c) बहुसंख्यक की प्राथमिकता
(d) ये सभी
उत्तर (d) ये सभी
प्रश्न 17. लोकतन्त्र व्यवस्था अन्य व्यवस्थाओं से अच्छी है, क्योंकि यह
(a) सभी नागरिकों में समानता को बढ़ावा देती है।
(b) व्यक्ति की गरिमा को बढ़ावा देती
(c) (a) और (b) दोनों
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर (c) (a) और (b) दोनों
प्रश्न 18. ‘जनता का जनता के लिए शासन’ किस शासन व्यवस्था की विशेषता है?
(a) राजतन्त्र की
(b) लोकतन्त्र की
(c) तानाशाही की
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (b) लोकतन्त्र की
प्रश्न 19. निम्नलिखित में से कौन लोकतन्त्र से सम्बन्धित है?
(a) वैध शासन
(b) पारदर्शी शासन
(c) उत्तरदायी शासन
(d) ये सभी
उत्तर (d) ये सभी
प्रश्न 20. लोकतन्त्र का प्रमुख गुण निम्न में से कौन-सा है ?
(a) देशभक्ति की भावना
(b) राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण
(c) प्रगतिशील सरकार
(d) ये सभी
उत्तर (d) ये सभी
सुमेलित करें
प्रश्न 21. सुमेलित कीजिए

प्रश्न 22. सुमेलित कीजिए

कथन कूट
प्रश्न 23. लोकतन्त्र वास्तविक परिणामों का आकलन किन आधारों पर करता है?
1. सरकार की गुणवत्ता
2. आर्थिक कल्याण
3. असमानता
4. सामाजिक मतभेद
कूट
(a) 1 और 2
(b) 1 और 3
(c) 1, 2 और 3
(d) 1, 2, 3 और 4
उत्तर (d) 1, 2, 3 और 4
प्रश्न 24. लोकतन्त्र के गुणों के सम्बन्ध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें।
1. लोकतन्त्र नागरिकों की समानता को बढ़ावा देता है।
2. लोकतन्त्र व्यक्ति की गरिमा को बढ़ाता है।
3. लोकतन्त्र में वैध सरकारों का गठन जनता के द्वारा किया जाता है।
उपरोक्त में से कौन-सा कथन सत्य है?
(a) 1 और 2
(b) 2 और 3
(c) 1 और 3
(d) ये सभी
उत्तर (d) ये सभी
खण्ड ब वर्णनात्मक प्रश्न
वर्णनात्मक प्रश्न -1
प्रश्न 1. लोकतन्त्र के परिणामों का मूल्यांकन कीजिए ।
उत्तर – लोकतन्त्र की उम्मीद और वास्तविक परिणामों का आकलन सरकार की गुणवत्ता, आर्थिक कल्याण, असमानता, सामाजिक मतभेद (Social Differences), स्वतन्त्रता और गरिमा के आधार पर किया जा सकता है। लोकतन्त्र के परिणामों का आकलन करने के बाद इसे मान्यता दी जा सकती है कि लोकतन्त्र, सरकार का एक रूप है, जो इसके लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उचित स्थिति बना सकता है। लोकतन्त्र में नागरिक अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं । लोकतन्त्र को अन्य विकल्पों की तुलना में सरकार का एक अच्छा रूप माना जाता है, क्योंकि यह
- नागरिकों के बीच समानता को बढ़ावा देता है।
- एक व्यक्ति की गरिमा को बढ़ाता है।
- निर्णय लेने की गुणवत्ता में सुधार करता है।
- संघर्ष को हल करने के लिए एक विधि प्रदान करता है।
प्रश्न 2. अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लोकतन्त्र को किन-किन शर्तों को पूरा करना पड़ता है ?
उत्तर – अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक लोकतन्त्र को निम्न शर्तों को पूरा करना होगा
- यह समझना आवश्यक है कि बहुसंख्यक द्वारा लोकतन्त्र में शासन नहीं किया जा सकता है। बहुसंख्यकों को हमेशा अल्पसंख्यक के हितों की रक्षा करने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार सरकार का कार्य सामान्य हित के प्रतिनिधित्व के रूप में माना जाता है।
- यह समझना भी आवश्यक है कि बहुमत के शासन का अर्थ धर्म, जाति अथवा भाषायी आधार के बहुसंख्यक का शासन नहीं होता है। बहुमत के शासन से तात्पर्य यह है कि प्रत्येक चुनाव या फैसले में अलग-अलग लोग और समूह बहुमत का निर्माण कर सकते हैं या बहुमत में भाग ले सकते हैं।
प्रश्न 3. भारतीय लोकतन्त्र की सफलता के लिए किन्हीं चार आवश्यक दशाओं का वर्णन कीजिए।
अथवा भारतीय लोकतन्त्र की तीन विशेषताएँ बताइए ।
उत्तर – लोकतान्त्रिक व्यवस्था को मजबूत बनाने के चार तथ्य निम्नलिखित हैं
- लोकतान्त्रिक सरकार अधिकांश नीतियाँ जनता के हित में ही बनाती है, परन्तु इन नीतियों को लागू करने वाली संस्थाएँ इन्हें लागू करने में सुस्त दिखाई पड़ती हैं। परिणामस्वरूप नीतियों का सम्पूर्ण लाभ जनसाधारण को नहीं मिल पाता। इसलिए सरकार को अपने तन्त्र को सुधार कर इन्हें सख्ती से लागू करवाना चाहिए।
- लोकतन्त्र तभी सफल होता है, जब वह जनता की समस्याओं का कारगर उपाय ढूँढ़ता है। यही कारण है कि सरकार को लोकतन्त्र की मजबूती के लिए कारगर शासन व्यवस्था लागू करनी चाहिए।
- देश की जागरूक जनता ने सदैव ही शासन को बदला है। जनता तभी तक लोकतन्त्र को मानती है, जब तक वह उनके हित में कार्य करता है।
- जनता जागरूक होने से लोकतान्त्रिक सरकारों को समय-समय पर उनके गुण-दोष पता चलते रहते हैं, जो लोकतन्त्र को एक मजबूत आधार प्रदान करता है।
प्रश्न 4. लोकतन्त्र में आर्थिक परिणाम कौन-कौन से हैं?
उत्तर – लोकतन्त्र के प्रमुख आर्थिक परिणाम निम्नलिखित हैं
आर्थिक वृद्धि और विकास
सरकार से यह उम्मीद लगाई जाती है कि वह आर्थिक वृद्धि तथा विकास करे, परन्तु दुनिया के अनेक लोकतान्त्रिक देश जनसंख्या आकार, वैश्विक स्थिति, आर्थिक प्राथमिकताओं आदि के कारण इस उम्मीद को पूरा करने में असमर्थ रहते हैं। तानाशाही और लोकतान्त्रिक शासन के मध्य आर्थिक विकास की दर में अन्तर पाया जाता है।
असमानता और गरीबी में कमी
लोकतन्त्र राजनीतिक समानता पर आधारित है तथा सभी व्यक्तियों को उनके प्रतिनिधि का चयन करने का समान अधिकार है, लेकिन राजनीतिक समानता के साथ हम व्यक्तियों के बीच बढ़ती आर्थिक असमानता भी देख सकते हैं। कुछ अत्यन्त धनी लोग आय और सम्पत्ति में अपने अनुपात से बहुत अधिक हिस्सा पाते हैं, जिसके कारण गरीबों की आय में गिरावट आई है। कभी-कभी वे (गरीब) भोजन, कपड़े, घर, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी अपनी बुनियादी जरूरतों को करने पूरा में असफल होते हैं।
प्रश्न 5. लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था में आर्थिक असमानता क्यों बढ़ती है ?
अथवा लोकतान्त्रिक व्यवस्था राजनीतिक समानता पर आधारित होती है। उदाहरणों सहित इस कथन की पुष्टि कीजिए ।
उत्तर – लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था राजनीतिक समानता पर आधारित होती है। इस व्यवस्था में व्यक्तियों को राजनीतिक क्षेत्र में परस्पर बराबरी का दर्जा तो मिल जाता है, लेकिन आर्थिक समानता का दर्जा प्राप्त नहीं होता है। इस व्यवस्था में कुछ धनी लोग आय और सम्पत्ति में अपने अनुपात से बहुत ज्यादा हिस्सा पाते हैं। इतना ही नहीं देश की कुल आय में उनका हिस्सा भी बढ़ता गया है।
समाज में सबसे निचले हिस्से के लोगों को जीवनयापन करने के लिए काफी कम साधन मिलते हैं तथा उनकी आमदनी गिरती गई है। कई बार उन्हें भोजन, कपड़ा, मकान, शिक्षा और इलाज जैसी बुनियादी जरूरत पूरी करने में कठिनाई होती है।
वास्तविक जीवन में लोकतान्त्रिक व्यवस्थाएँ आर्थिक असमानताओं को कम करने में ज्यादा सफल नहीं हो पाई हैं। भारत के मतदाताओं में गरीबों की संख्या अत्यधिक है इसलिए कोई भी पार्टी उनके मतों से वंचित नहीं होना चाहेगी, फिर भी लोकतान्त्रिक ढंग से निर्वाचित सरकारें गरीबों पर उतना ध्यान देने को तत्पर नहीं रहती, जितनी कि आप उनसे उम्मीद करते हैं। कुछ अन्य देशों में स्थिति इससे भी अधिक खराब है। बांग्लादेश में आधी से ज्यादा आबादी गरीबी में जीवन गुजारती है। अनेक गरीब देशों के लोग आज भी अपनी खाद्य आपूर्ति के लिए अमीर देशों पर निर्भर हैं।
प्रश्न 6. ” लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था सरकार की अन्य व्यवस्थाओं से बेहतर है।” स्पष्ट करें।
उत्तर – ” लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था सरकार की अन्य व्यवस्थाओं से बेहतर है ।” इसे निम्न प्रकार समझ सकते हैं।
- लोकतान्त्रिक सरकार विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सामंजस्य कराता है।
- लोकतान्त्रिक व्यवस्था में नागरिक अधिकार और सम्मान में वृद्धि होती है।
- लोकतन्त्र में अन्य शासकीय व्यवस्थाओं की तुलना में नागरिक की स्थिति अच्छी होती है।
- लोकतन्त्र राजनीतिक समानता के सिद्धान्त पर आधारित है, यहाँ सबसे निर्धन और अशिक्षित को वही दर्जा प्राप्त है, जो धनी और साक्षर को। लोग किसी शासक की प्रजा न होकर स्वयं अपने शासक हैं।
प्रश्न 7. नीचे दिए गए ब्यौरों में लोकतन्त्र की चुनौतियों की पहचान करें। ये स्थितियाँ किस तरह नागरिकों के गरिमापूर्ण, सुरक्षित और शान्तिपूर्ण जीवन के लिए चुनौती पेश करती हैं । लोकतन्त्र को मजबूत बनाने के लिए नीतिगत संस्थागत उपाय भी सुझाएँ ।
- उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद ओडिशा में दलितों और गैर-दलितों के प्रवेश के लिए अलग-अलग दरवाजा रखने वाले एक मन्दिर को एक ही दरवाजे में सबको प्रवेश की अनुमति देनी पड़ी।
- भारत के विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
- जम्मू-कश्मीर के गण्डवारा में मुठभेड़ बताकर जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा तीन नागरिकों की हत्या करने के आरोप को देखते हुए इस घटना की जाँच के आदेश दिए गए।
उत्तर –
- उच्च न्यायालय के निर्देश पर मन्दिर में चल रही सामाजिक असमानता की प्रथा को समाप्त किया गया है और साथ ही जाति के आधार पर हो रहे भेदभाव को भी समाप्त किया गया है।
- भारत के विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में किसानों द्वारा आत्महत्या की घटनाएँ नागरिकों के बीच आर्थिक असमानता को दर्शाती हैं। सरकार को गरीब किसानों को आर्थिक सहायता तथा कम ब्याज पर ऋण देने की योजना तुरन्त लागू करनी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाएँ न हों।
- जम्मू-कश्मीर के गण्डवारा में मुठभेड़ बताकर जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा तीन नागरिकों की हत्या करने के आरोप की यह घटना प्रशासन की गैर-जिम्मेदारी को दर्शाती है। वहीं इस घटना की जाँच करने के आदेश देने से लोगों का लोकतन्त्र तथा सरकार में विश्वास और मजबूत होता है।
वर्णनात्मक प्रश्न-2
प्रश्न 1. लोकतान्त्रिक शासन प्रणाली से होने वाले चार लाभ लिखिए ।
अथवा लोकतन्त्र उत्तरदायी, पारदर्शी एवं वैध शासन की व्यवस्था देता है. इस कथन की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर – लोकतान्त्रिक शासन प्रणाली के लाभों का वर्णन इस प्रकार है
जवाबदेह और उत्तरदायी सरकार
- लोकतन्त्र में जवाबदेह और उत्तरदायी सरकार वह है, जो अपने नागरिकों के लिए उत्तरदायी है, अपने नागरिकों की ओर से तथा उनकी आवश्यकताओं एवं अपेक्षाओं के अनुरूप सभी निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार है।
- किसी भी निर्णय को लेने से पहले, प्रक्रियाओं का उचित पालन करना सरकार की जिम्मेदारी है। यदि सरकार ने गलत निर्णय किया है, तो उसे सरकार को स्वीकारना होगा तथा तत्काल सुधारना होगा।
पारदर्शिता और निर्णय निर्माण
- पारदर्शिता का अर्थ सरकार के खुलेपन, संचार और जवाबदेही से है अर्थात् सरकार को इस प्रकार से संचालित किया जाना चाहिए कि नागरिकों के लिए यह समझना आसान रहे कि निर्णय लेते समय क्या कार्य किए गए हैं?
- नियमित एवं निष्पक्ष चुनाव कराने और खुली सार्वजनिक चर्चा के लिए उपयुक्त स्थितियाँ बनाने के सम्बन्ध में लोकतान्त्रिक व्यवस्थाएँ अधिक सफल हुई हैं।
वैध सरकार
- लोकतान्त्रिक सरकार, एक वैध सरकार है, जहाँ देश के सभी कानून नागरिकों पर समान रूप से लागू होते हैं, लोकतान्त्रिक सरकार में लोगों को डर या पक्ष के बिना भी शासित किया जाता है।
- एक वैध सरकार को लोगों की जरूरतों और माँगों पर ध्यान देना चाहिए।
आर्थिक वृद्धि और विकास
- आर्थिक विकास, गरीबी और असमानता में कमी लोकतन्त्र के प्रमुख आर्थिक परिणाम हैं।
- लोकतान्त्रिक सरकार वाले देशों से यह उम्मीद लगाई जाती है कि वह आर्थिक वृद्धि और विकास करे, परन्तु दुनिया के अनेक लोकतान्त्रिक देशों में जनसंख्या वैश्विक स्थिति तथा आर्थिक प्राथमिकताओं आदि से यह प्रायः का आकार, पूर्ण नहीं हो पाती।
असमानता और गरीबी में कमी
- लोकतन्त्र में सभी व्यक्तियों को उनके प्रतिनिधि चुनने का अधिकार है, लेकिन राजनीतिक समानता के साथ हम व्यक्तियों के मध्य बढ़ती आर्थिक असमानता को भी देख सकते हैं।
- कुछ अत्यन्त धनी लोग ( Ultra Rich) आय और सम्पत्ति में अपने अनुपात से बहुत अधिक हिस्सा पाते हैं, जिसके कारण गरीबों की आय में गिरावट आई है।
प्रश्न 2. लोकतन्त्र में सामाजिक परिणाम किसके अनुरूप होने चाहिए? विस्तारित कीजिए |
अथवा लोकतन्त्र किन स्थितियों में सामाजिक विविधता को सँभालता है?
अथवा व्यक्ति की गरिमा की अभिवृद्धि के सन्दर्भ में लोकतान्त्रिक व्यवस्था का मूल्यांकन हम किस प्रकार कर सकते हैं? स्पष्ट करें।
उत्तर – लोकतन्त्र के सामाजिक परिणामों को सामाजिक विविधता के अनुरूप होना चाहिए और नागरिकों को गरिमा एवं स्वतन्त्रता प्रदान करनी चाहिए।
लोकतन्त्र सामान्य रूप से विभिन्न सामाजिक विभागों को समायोजित करने के लिए एक प्रक्रिया विकसित करता है। इससे सामाजिक तनाव विस्फोटक या हिंसक होने की सम्भावना कम हो जाती है। कोई भी समाज अलग-अलग समूहों के बीच संघर्ष को पूरी तरह से और स्थायी रूप से हल नहीं कर सकता है, लेकिन सामाजिक मतभेद, विभाजन और संघर्षों को नियन्त्रित करने के लिए लोकतन्त्र सबसे अच्छा है। अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक लोकतन्त्र को निम्न शर्तों को पूरा करना होगा
- बहुसंख्यकों की सहमति द्वारा लोकतन्त्र में शासन नहीं किया जा सकता है। बहुसंख्यकों को हमेशा अल्पसंख्यक के हितों की रक्षा करने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार सरकार का कार्य सामान्य हित के प्रतिनिधित्व के रूप में माना जाता है।
- बहुमत के शासन का अर्थ धर्म, जाति अथवा भाषायी आधार के बहुसंख्यक का शासन नहीं होता। बहुमत के शासन से तात्पर्य यह है कि प्रत्येक चुनाव या फैसले में अलग-अलग लोग और समूह बहुमत का निर्माण कर सकते हैं या बहुमत में भाग ले सकते हैं।
- इस प्रकार लोकतन्त्र में ही प्रत्येक नागरिक को बहुमत प्राप्त करने का अवसर मिलता है। यदि किसी को जन्म के आधार पर बहुमत से वंचित किया जाता है, तो लोकतान्त्रिक शासन उस व्यक्ति या समूह के लिए अनुकूल होना बन्द नहीं करता है।
- गैर-लोकतान्त्रिक शासन अक्सर आन्तरिक सामाजिक मतभेदों को अनदेखा करता है या उनका दमन करता है।
प्रश्न 3. किन्हीं पाँच परिणामों का उल्लेख कीजिए, जहाँ लोकतन्त्र असफल रहा।
उत्तर – लोकतन्त्र के असफल होने के परिणाम लोकतन्त्र असफल होने के पाँच परिणाम निम्न हैं
- भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार के सामान्य वृत्तान्त इस बात की गवाही देते हैं कि लोकतान्त्रिक व्यवस्था भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं है। भारत जोकि विश्व का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है, यह भी भ्रष्टाचार रोकने में असफल रहा है।
- लोगों की आवश्यकताओं की ओर कम ध्यान देना लोकतान्त्रिक व्यवस्था में लोगों की आवश्यकताओं और माँगों की ओर ध्यान देना चाहिए, लेकिन इस मामले में लोकतन्त्र का रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है। लोकतान्त्रिक व्यवस्था अक्सर लोगों को उनकी जरूरतों के लिए ललचाती है और आबादी के एक बड़े हिस्से की माँगों की उपेक्षा करती है।
- आर्थिक विकास लोकतान्त्रिक सरकार में आर्थिक विकास की अपेक्षा की जाती है, लेकिन दुर्भाग्यवश लोकतन्त्र इस मामले में भी असफल रहा है। यदि आर्थिक विकास की दृष्टि से लोकतन्त्र और तानाशाही सरकार के कामकाजों की तुलना करते हैं, तो पाते हैं कि तानाशाही सरकार का रिकॉर्ड लोकतन्त्र से बेहतर रहा है।
- गरीबी में कमी विश्व की अधिकांश लोकतान्त्रिक व्यवस्था में मुट्ठी भर धनकुबेर आय और सम्पत्ति में अपने अनुपात से बहुत अधिक हिस्सा पाते हैं। देश की कुल आय में उनका हिस्सा भी बढ़ता गया है। इस प्रकार समाज के सबसे निचले हिस्से के लोगों को जीवन व्यतीत करने के लिए बहुत कम साधन मिलते हैं।
- सामाजिक असमानता में कमी विश्व के अधिकांश देशों में असमानता तथा गरीबी सबसे महत्त्वपूर्ण आर्थिक समस्या है। लोकतन्त्र लोगों की सरकार होती है, इसलिए इससे आर्थिक असमानता को कम करने की अपेक्षा की जाती है।
