wb 10th Hindi

WBBSE 10th Class Hindi Solutions Chapter 2 नौबतखाने में इबादत

WBBSE 10th Class Hindi Solutions Chapter 2 नौबतखाने में इबादत

West Bengal Board 10th Class Hindi Solutions Chapter 2 नौबतखाने में इबादत

West Bengal Board 10th Hindi Solutions

लेखक-परिचय

यतींन्द्र मिश्र का जन्म सन् 1977 में उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हुआ था। इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से हिंदी में एम. ए. की उपाधि प्राप्त की। ये स्वतंत्र-लेखन के साथ-साथ एक अर्द्धवार्षिक पत्रिका के संपादन के कार्य के अतिरिक्त एक सांस्कृतिक संस्था ‘विमला देवी फांउडेशन’ का भी संचालन कर रहे हैं। यह संस्था सन् 1999 से ही साहित्य तथा कला के क्षेत्र में प्रोत्साहन का कार्य कर रही है।
प्रमुख रचनाएँ :- ‘यदा-कदा’, ‘अयोध्या तथा अन्य कविताएँ’, ‘डयोढ़ी पर आलाप’ के अलावे शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी के जीवन तथा उनकी संगीत-साधना पर एक पुस्तक ‘गिरिजा’ ।
संपादन-कार्य :- रीतिकाल के अंतिम प्रमुख कवि ‘द्विजदेव-ग्रंथावली’ का सह-संपादन कुँवर नारायण पर केंद्रित दो पुस्तकों के अतिरिक्त रूपंकर कलाओं पर केंद्रित पुस्तक ‘थाती’ का भी संपादन।
पुरस्कार व सम्मान :- हेमंत स्मृति कविता पुरस्कार, भारत भूषण अग्रवाल कविता सम्मान, ऋतुराज सम्मान।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1. ‘नौबतखाने में इबादत’ पाठ का सारांश लिखें।
अथवा
2. ‘नौबतखाने में इबादत’ पाठ का मूल भाव अपने शब्दों में लिखें।
अथवा
3. ‘नौबतखाने में इबादत’ पाठ में व्यक्त लेखक के विचारों को लिखें।
अथवा
4. ‘नौबतखाने में इबादत’ पाठ का उद्देश्य लिखें।
अथवा
5. ‘नौबतखाने में इबादत’ पाठ के आधार पर बिस्मिल्ला खाँ के जीवन पर प्रकाश डालें।
अथवा
6. बिस्मिल्ला खाँ के जीवन से हमें क्या प्रेरणा मिलती है ?
उत्तर : विश्वप्रसिद्ध शहनाईवादक बिस्मिल्ला खाँ आज हमारे बीच नहीं है लेकिन शहनाई की दुनिया में उनका नाम हमेशा अमर रहेगा। “नौबतखाने में इबादत” में यतीन्द्र मिश्र ने इसी बिस्मिल्ला खाँ का व्यक्ति-चित्र उकेरा है। अमीरुद्दीन अर्थात् बिस्मिल्ला खाँ का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ था, जहाँ शहनाई वादन ही खानदानी पेशा था। दादा और नाना दोनों के परिवार में शहनाई बजाना ही उनका पेशा था। छ: वर्ष की उम्र से ही उन्होंने शहनाई में रुचि लेनी शुरू कर दी थी।
14 वर्ष की उम्र में बिस्मिल्ला खाँ ने रियाज के लिए काशी के बालाजी मंदिर में जाना शुरू किया। रास्ते में दो गायिका बहनों रसूलनबाई और बतूलनबाई के ठुमरी, ठापे आदि को सुनकर संगीत के प्रति उनके मन में विशेष आसक्ति हुई। बिस्मिल्ला खाँ जैसे शहनाईवादक का सहज मानवीय रूप मुहर्रम में दिखाई पड़ता था जब वे आठवीं तारीख को दालमंडी फातमान तक पैदल शहनाई बजाते जाते थे। उनकी आँखें इमाम हुसैन और उनके परिवार के लोगों की शहादत में नम रहती थीं।
काशी से बिस्मिल्ला खाँ का अपार लगाव था। उसके कारण भी थे। काफी में एक ओर पंडित कंठे महाराज, बड़े रामदास, मौजूद्दीन खाँ जैसे बड़े गायक हैं तो दूसरी ओर उनकी कद्र करने वाला अपार जन-समूह भी है । संस्कृति, बोली, उत्सव, संगीत, भक्ति- जिसकी भी बातें करें- काशी की अपनी एक अलग पहचान है।
भारतरत्न प्राप्त बिस्मिल्ला खाँ घरेलू जीवन में काफी सादगी से रहते थे। एक बार फटी लुंगी पहने रहने पर उनकी शिष्या ने टोका तो उन्होंने जवाब भी उसी सादगी से दिया – “धत् ! पगली, ई भारतरत्न हमको शहनाईया पे मिला है, लुँगिया पे नाहीं….. मालिक से यही दुआ है, फटा सुर न बख्शें। लुंगिया का क्या है, आज फटी है तो कल सी जाएगी।
जीवन के अंतिम वर्षों में बिस्मिल्ला खाँ को कुछ चीजों की कमी काफी खलती थी, जैसे- संगतियों के मन में गायकों के लिये सम्मान न होना, बहुत सारी परम्पराओं का लुप्त होना, फिर भी वे आजीवन अपने संगीत के द्वारा भाईचारे का संदेश देते रहे। नब्बे वर्ष की आयु में 21 अगस्त 2006 को बिस्मिल्ला खाँ ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया लेकिन जब-जब शहनाई की आवाज गूंजेगी, बिस्मिल्ला खाँ हमारी यादों में बसे रहेंगे।
7. ‘नौबतखाने में इबादत’ पाठ के आधार पर बिस्मिल्ला खाँ के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालें।
अथवा
8. बिस्मिल्ला खाँ के व्यक्तित्व की जिन विशेषताओं ने आपको प्रभावित किया है उसके बारे में लिखें।
अथवा
9. बिस्मिल्ला खाँ के व्यक्तित्व की खूबियों पर प्रकाश डालें।
अथवा
10. बिस्मिल्ला खाँ की चारित्रिक विशेषताओं को लिखें।
अथवा
11. ‘पगली ई, भारतरत्न हमको शहनाईया पे मिला है, लँगिया पे नाहीं’- कथन के आधार पर बिस्मिल्ला खाँ की चारित्रिक विशेषताओं को लिखें।
अथवा
12. लय और ताल की तमीज सिखाने वाले नायाब हीरे के रूप में बिस्मिल्ला खाँ के व्यक्तित्व की विशेषताएँ लिखें।
अथवा
13. ‘बिस्मिल्ला खाँ का मतलब-बिस्मिल्ला खाँ की शहनाई’ के आधार पर शहनाई के ताज के रूप में बिस्मिल्ला खाँ की विशेषताओं को लिखें।
अथवा
14. “एक बड़े कलाकार का सहज मानवीय रूप ऐसे अवसर पर आसानी से दिख जाता है”- प्रस्तुत कथन के आधार पर बिस्मिल्ला खाँ का चरित्र-चित्रण करें।
अथवा
15. “अपने मजहब के प्रति अत्यधिक समर्पित उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ की श्रद्धा काशी विश्वनाथ के प्रति भी अपार है”- के आधार पर बिस्मिल्ला खाँ का चरित्र-चित्रण करें।
अथवा
16. “बिस्मिल्ला खाँ को गंगाद्वार से अलग करके नहीं देख सकते”- के आधार पर बिस्मिल्ला खाँ के व्यक्तित्व की विशेषताएँ लिखें।
उत्तर : “नौबतखाने में इबादत’ यतीन्द्र मिश्र की रचना है जिसमें प्रसिद्ध शहनाईवादक बिस्मिल्ला खाँ का व्यक्ति चित्र उकेरा गया है। आज बिस्मिल्ला खाँ हमारे बीच नहीं हैं लेकिन शहनाई की दुनिया में उनका नाम अमर है। बिस्मिल्ला खाँ के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताएँ थीं.
(क) व्यक्तित्व के धनी – व्यक्तित्व के धनी बिस्मिल्ला खाँ केवल एक शहनाईवादक ही नहीं, हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक भी थे। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन्होंने शहनाई का रियाज भी काशी के बालाजी के मंदिर से शुरू किया था।
(ख) सादगी – विश्वप्रसिद्ध कलाकार होने के बाद भी उनमें अहंकार नाम की कोई चीज नहीं थी। उनका जीवन अत्यंत ही सादगीपूर्ण था। घर पर वे फटी लुँगी भी पहन लेते थे। इस बात पर जब एक बार उनकी एक शिष्या ने टोका तो उन्होंने उसी सादगी से उत्तर दिया – “धत् पगली ! ई भारतरत्न हमको शहनाईया पे मिला है, लूँगिया पे नाहीं।’
(ग) सच्चे सुर-साधक – बिस्मिल्ला खाँ ने अपना सारा जीवन सुर की साधना में लगा दिया तथा वे कला की उस ऊँचाई तक पहुँचे जिससे पूरी दुनिया में उनकी पहचान बनी। वे कितने बड़े साधक थे, वह इनके इस सजदे (प्रार्थना) से पता चल जाता है – “मेरे मालिक एक सुर बख्श दे। सुर में वह तासीर पैदा कर कि आँखों से सच्चे मोती की तरह अनगढ़ आँसू निकल आएँ।”
(घ) काशी के प्रति असीम श्रद्धा – बिस्मिल्ला खाँ में काशी के प्रति असीम श्रद्धा थी। वे अक्सर कहा करते थे- “ई काशी छोड़कर कहाँ जाएँ, गंगा मइया यहाँ, बाबा विश्वनाथ यहाँ, बालाजी का मंदिर यहाँ, यहाँ हमारे खानदान की कई पुश्तों ने शहनाई बजाई है. शहनाई और काशी से बढ़कर कोई जन्नत नहीं इस धरती पर हमारे लिए।”
(ङ) धार्मिक एकता व भाईचारे के प्रतीक – बिस्मिल्ला खाँ वह हीरा थे जो हमेशा धार्मिक एकता तथा भाईचारे की प्रेरणा देते रहे। मुस्मिलम होते हुए भी उन्होंने हिन्दू धर्म तथा संस्कृति का उतना ही सम्मान किया जितना अपने धर्म का। सच कहा जाए तो ऐसे महामानव धर्म व जाति से ऊपर होते हैं। स्वयं लेखक के शब्दों में- “आप यहाँ (काशी में) संगीत को भक्ति से, भक्ति को किसी भी धर्म के कलाकार से, कजरी को चैती से, विश्वनाथ को विशालाक्षी से, बिस्मिल्ला खाँ को गंगाद्वार से अलग करके नहीं देख सकते।”
(च) संगीत के नायक – उपरोक्त सारी विशेषताओं के अतिरिक्त बिस्मिल्ला खाँ के व्यक्तित्व की जो सबसे बड़ी विशेषता थी- वह यह कि पूरे अस्सी वर्षों तक उन्होंने संगीत के प्रति अपने लगाव को कभी कम नहीं होने दिया। संगीत के लिए उन्हें अनेक विश्वविद्यालयों से मानद उपाधि, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, पद्मभूषण एवं भारतरत्न जैसी उपाधियाँ प्रदान की गईं।
इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि बिस्मिल्ला खाँ के व्यक्तित्व में अनेक विशेषताओं का समावेश था और इन्हीं गुणों के कारण वे संगीत की दुनिया में हमेशा याद किए जाएँगे।
17. बिस्मिल्ला खाँ के जीवन पर गंगा-जमुनी तहजीब का क्या असर रहा है?
उत्तर : व्यक्तित्व के धनी बिस्मिल्ला खाँ केवल एक शहनाईवादक ही नहीं, हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक भी थे। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन्होंने शहनाई का रियाज भी काशी के बालाजी के मंदिर से शुरू किया था ।
विश्वप्रसिद्ध कलाकार होने के बाद भी उनमें अहंकार नाम की कोई चीज नहीं थी। उनका जीवन अत्यंत ही सादगीपूर्ण था। घर पर वे फटी लुँगी भी पहन लेते थे। इस बात पर जब एक बार उनकी एक शिष्या ने टोका तो उन्होंने उसी सादगी से उत्तर दिया – “धत् पगली ! ई भारतरत्न हमको शहनाईया पे मिला है, लूँगिया पे नाहीं।”
बिस्मिल्ला खाँ ने अपना सारा जीवन सुर की साधना में लगा दिया तथा वे कला की उस ऊँचाई तक पहुँचे जिससे पूरी दुनिया में उनकी पहचान बनी। वे कितने बड़े साधक थे, वह इनके इस सज़दे (प्रार्थना) से पता चल जाता है – “मेरे मालिक एक सुर बख्श दे। सुर में वह तासीर पैदा कर कि आँखों से सच्चे मोती की तरह अनगढ़ आँसू निकल आएँ।”
बिस्मिल्ला खाँ के जीवन पर गंगा-जमुनी तहजीब (संस्कृति) का सबसे बड़ा असर तो वहीं देखने को मिलता है कि मुसलमान होते हुए भी उन्होंने रियाज के लिए काशी के बालाजी के मंदिर को चुना। चाहे अवसर हिन्दुओं के उत्सव का होया मुसलमानों के उत्सव का – बिस्मिल्ला खाँ की शहनाई के बगैर अधूरा रहता था। उनके इस कथन से कि “ई काशी छोड़कर कहाँ जाएँ, गंगा मइया यहाँ, बाबा विश्वनाथ यहाँ, बालाजी का मंदिर यहाँ.. शहनाई और काशी से बढ़कर कोई जन्नत नहीं इस धरती पर हमारे लिए” से यह बात साफ जाहिर हो जाती है कि उनके जीवन पर गंगा-जमुनी तहजीब का पूरा-पूरा असर रहा है ।
बिस्मिल्ला खाँ वह हीरा थे जो हमेशा धार्मिक एकता तथा भाईचारे की प्रेरणा देते रहे। मुस्मिलम होते हुए भी उन्होंने हिन्दू धर्म तथा संस्कृति का उतना ही सम्मान किया जितना अपने धर्म का। सच कहा जाए तो ऐसे महामानव धर्म व जाति से ऊपर होते हैं। स्वयं लेखक के शब्दों में- “आप यहाँ (काशी में) संगीत को भक्ति से, भक्ति को किसी भी धर्म के कलाकार से, कजरी को चैती से, विश्वनाथ को विशालाक्षी से, बिस्मिल्ला खाँ को गंगाद्वार से अलग करके नहीं देख सकते।”

लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर

1. अमीरूद्दीन (बिस्मिल्ला खाँ) के बड़े भाई का नाम क्या है?
उत्तर : शम्सुद्दीन खाँ ।
2. अमीरूद्दीन (बिस्मिल्ला खाँ) का जन्म कहाँ हुआ था ?
उत्तर : अमीरूद्दीन का जन्म बिहार राज्य के डुमराँव में हुआ था।
3. अमरूद्दीन जमीन पर पत्थर क्यों मारता था ?
उत्तर : अमीरूद्दीन को बचपन में ही यह पता चल गया था कि संगीत में सम क्या होता है। जब अपके मामू शहनाई बजाते हुए सम पर आते थे तो वह धड़ से एक पत्थर जमीन पर मारता था।
4. काशी को ‘संस्कृति की पाठशाला’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर : काशी में अनेक संस्कृतियों का संगम है तथा प्रत्येक संस्कृति के लोग अन्य संस्कृति से कुछ न कुछ सीखते हैं इसलिए काशी को ‘संस्कृति की पाठशाला’ कहा गया है।
5. चार साल का अमीरूद्दीन फिल्म देखने के लिए पैसों का प्रबंध किस प्रकार करता था ?
उत्तर : फिल्म देखने के लिए अमीरूद्दीन दो पैसे मामू से, दो पैसे मौसी से और दो पैसे नानी से लेता था।
6. ‘नौबतखाने में इबादत’ के रचनाकार कौन हैं ?
उत्तर : यतीन्द्र मिश्र ।
7. बिस्मिल्ला खाँ के दोनों मामा क्या करते थे?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ के दोनों मामा देश के जाने-माने शहनाईवादक थे।
8. पंचगंगा घाट पर किसका मंदिर है ?
उत्तर : बालाजी का मंदिर।
9. ‘नौबतखाने में इबादत’ में किस समय के काशी का वर्णन किया गया है ?
उत्तर : सन् 1916-से 1922 के आसपास की काशी का वर्णन किया गया है।
10. बिस्मिल्ला खाँ का ननिहाल कहाँ था ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ का ननिहाल काशी में था।
11. शहनाई के साथ किस स्थान का नाम जुड़ता है ?
उत्तर : डुमराँव का।
12. शहनाई बजाने के लिए किस चीज का इस्तेमाल होता है ?
उत्तर : शहनाई बजाने के लिए नरकट की रीड का इस्तेमाल होता है।
13. ‘रीड’ क्या होती है ?
उत्तर : रीड एक प्रकार की घास (नरकट) होती है जो अंदर से पोली (खोखली) होती है।
14. नरकट मुख्यत: कहाँ पाई जाती है ?
उत्तर : नरकट मुख्यतः डमुराँव में सोन नदी के किनारों पर पाई जाती है।
15. बिस्मिल्ला खाँ के परदादा का नाम क्या था ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ के परदादा का नाम उस्ताद सलार हुसैन खाँ था ।
16. बिस्मिल्ला खाँ के परदादा कहाँ के निवासी थे ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ के परदादा बिहार के डुमराँव के निवासी थे।
17. बिस्मिल्ला खाँ शहनाई के रियाज (अभ्यास) के लिए कहाँ जाते थे ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ शहनाई के रियाज के लिए बालाजी के मंदिर जाया करते थे।
18. अपने ढेरों साक्षात्कारों में बिस्मिल्ला खाँ ने क्या स्वीकार किया है ?
उत्तर : अपने ढेरों साक्षात्कारों में बिस्मिल्ला खाँ ने यह स्वीकार किया है कि उन्हें जीवन के आरंभिक दिनों में संगीत के प्रति आसक्ति रसूलन और बतूलन-गायिका बहनों के संगीत को सुनकर मिली हैं।
19. किस इतिहास में शहनाई का उल्लेख नहीं मिलता ?
उत्तर : वैदिक इतिहास में शहनाई का उल्लेख नहीं मिलता है
20. ‘नय’ किसे कहते हैं ?
उत्तर : अरब देश में फूँककर बजाए जाने वाले वाद्य को ‘नय’ कहते हैं।
21. बिस्मिल्ला खाँ ने कितने वर्ष की उम्र में शहनाई बजाने का रियाज शुरू किया ?
उत्तर : चौदह वर्ष की उम्र में।
22. ‘सुषिर वाद्यों’ में किस वाद्य को ‘शाह’ की उपाधि दी गई है ?
उत्तर : शहनाई को ।
23. अवधी के पारंपरिक लोकगीतों एवं चैती में किस वाद्य का उल्लेख बार-बार मिलता है ?
उत्तर : शहनाई का ।
24. बिस्मिल्ला खाँ नमाज के बाद सजदे में क्या गिड़गिड़ाते थे ?
उत्तर : “मेरे मालिक एक सुर बख्श दें। सुर में वह तासीर पैदा कर कि आँखों से सच्चे मोती की तरह अनगढ़ आँसू निकल आएँ।’
25. बिस्मिल्ला खाँ को खुदा पर किस बात का यकीन था ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ को इस बात का यकीन था कि खुदा कभी न कभी उन पर मेहरबान होगा और अपनी झोली से सुर का फल निकालकर उनकी ओर उछालेगा, फिर कहेगा, ले जा अमीरूद्दीन इसको खा ले और कर ले अपनी मुराद पूरी ।
26. अस्सी वर्षों तक या अपने जीवन के अंतिम क्षणों तक क्या सोचते रहे ?
उत्तर : अपनी पूरी जिंदगी बिस्मिल्ला खाँ यही सोचते आए कि सातों सुरों को बजाने की तमीज उन्हें सलीके से अभी तक क्यों नहीं आई।
27. बिस्मिल्ला खाँ और शहनाई के साथ किस मुस्लिम पर्व का नाम जुड़ा हुआ है ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ और शहनाई के साथ जिस मुस्लिम पर्व का नाम जुड़ा हुआ है, वह है मुहर्रम ।
28. मुहर्रम का महीना क्या होता है ?
उत्तर : जिस महीने शिया मुसलमान हज़रत इमाम हुसैन तथा उनके वंशजों के प्रति दस दिनों तक शोक मनाते हैं, वह मुहर्रम का महीना होता है।
29. बिस्मिल्ला खाँ का सहज मानवीय रूप किस अवसर पर आसानी से दिख जाता है ?
उत्तर : मुहर्रम के अवसर पर ।
30. काशी में किस आयोजन की एक प्राचीन एवं अद्भुत परंपरा है ?
उत्तर : शास्त्रीय संगीत के आयोजन की।
31. काशी में हनुमान जयंती के अवसर पर क्या होता है ?
उत्तर : काशी में हनुमान जयंती के अवसर पर शहर के लंका नामक स्थान में पाँच दिनों तक शास्त्रीय एवं उपशास्त्रीय गायन-वादन का आयोजन होता है।
32. काशी को किसका पाठशाला कहा गया है ?
उत्तर : काशी को संस्कृति की पाठशाला कहा गया है।
33. बिस्मिल्ला खाँ के लिए इस धरती पर सबसे बड़ा जन्नत क्या है ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ के लिए इस धरती पर शहनाई और काशी ही सबसे बड़ा जन्नत है।
34. शास्त्रों में काशी किस नाम से प्रतिष्ठित है ?
उत्तर : शास्त्रों में काशी ‘आनन्दकानन’ के नाम से प्रतिष्ठित है।
35. बिस्मिल्ला खाँ का मतलब लोग किससे लेते हैं ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ का मतलब लोग उनकी शहनाई से लेते हैं।
36. बिस्मिल्ला खाँ को किस फकीर की दुआ लगी ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ को उस फकीर की दुआ लगी जिसने कहा था – “बजा, बजा।
37. फटी लुंगी पहनने पर जब बिस्मिल्ला खाँ को उनकी शिष्या ने टोका तो उन्होंने क्या जबाव दिया ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ ने शिष्या के टोकने पर यह जबाव दिया कि “धत् ! पगली ई भारतरत्न हमको शहनईया पे मिला है, लुंगिया पे नाहीं।”
38. बिस्मिल्ला खाँ मालिक (अल्लाह) से क्या दुआ करते हैं ?
उत्तर : बिस्मिला खाँ मालिक से यही दुआ करते हैं कि फटा सुर न बख्शें।
39. बिस्मिल्ला खाँ को काशी में किसकी कमी खलती है ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ को काशी में मलाई बरफ बेचने वाले, देशी घी में तली जाने वाली कचौड़ी-जलेबी तथा संगतियों के मन में गायकों के प्रति सम्मान की भावना की कमी खलती है।
40. काशी से दिन-प्रति-दिन कौन-सी परंपराएँ लुप्त होती जा रही हैं ?
उत्तर : काशी से दिन-प्रति-दिन संगीत, साहित्य और अदब की बहुत सारी परंपराएँ लुप्त होती जा रही हैं।
41. बिस्मिल्ला खाँ भविष्य में किसके नायक बने रहेंगे ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ भविष्य में हमेशा संगीत के नायक बने रहेंगे।
42. बिस्मिल्ला खाँ की हमें सबसे बड़ी देन क्या है ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ की हमें सबसे बड़ी देन यही है कि पूरे अस्सी बरस उन्होंने संगीत को संपूर्णता तथा एकाधिकार से सीखने की जिजीविषा को अपने भीतर जिंदा रखा।
43. नादस्वरम् कहाँ का वाद्य है ?
उत्तर : नादस्वरम् दक्षिण भारत का वाद्य है।
44. शहनाई की दुनिया में डुमराँव को क्यों याद किया जाता है ?
उत्तर : शहनाई में जिस रीड का इस्तेमाल किया जाता है वह केवल डुमराँव के सोन नदी के किनारे पाया जाता है। इसीलिए शहनाई की दुनिया में डुमराँव को याद किया जाता है।
45. शहनाई बजाने के लिए किसका प्रयोग होता है ?
उत्तर : शहनाई बजाने के लिए नरकट नामक घास की रीड का प्रयोग होता है।
46. रीड क्या होती है ? इसका क्या उपयोग है ?
उत्तर : रीड एक प्रकार की घास नरकट से बनाई जाती है। यह अंदर से खोखली होती है। इसी के सहारे शहनाई को फूंका जाता है।
47. बिस्मिल्ला खाँ के अनुभव की स्लेट पर संगीत प्रेरणा की वर्णमाला किसने उकेरी है ?
उत्तर : रसूलनबाई तथा बतूलनबाई नामक गायिका बहनों ने।
48. शहनाई किसका संपूरक है ?
उत्तर : शहनाई प्रभाती (सुबह) की मंगलध्वनि का सूचक है।
49. हजार वर्ष की परंपरा किसमें संपन्न होती है ?
उत्तर : मुहर्रम में।
50. बिस्मिल्ला खाँ की पसंदीदा हीरोइन कौन थी ?
उत्तर : सुलोचना।
51. बालाजी मंदिर में शहनाई बजाने पर बिस्मिल्ला खाँ को रोज कितने पैसे मिलते थे ?
उत्तर : एक अठन्नी (पचास पैसे) ।
52. बिस्मिल्ला खाँ को किसकी कमी खलती है ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ को काशी की लुप्त होती परंपरा की कमी खलती है।
53. अब गायकों के मन में किसके लिए सम्मान नहीं रह गया है ?
उत्तर : अब गायकों के मन में संगतियों (संगीत में साथ देनेवाले) के लिए सम्मान नहीं रह गया है।
54. सच्चा सुर साधक और सामाजिक किसे कहा गया है ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ को ।
55. अमीरूद्दीन को किस फकीर की दुआ लगी ?
उत्तर : अमीरूद्दीन को उस फकीर की दुआ लगी जिसने कहा था- “बजा, बजा’ ।
56. अपनी जिंदगी के अस्सी वर्ष तक बिस्मिल्ला खाँ क्या सोचते आए ?
उत्तर : सातों सुरों को बरतने की तमीज उन्हें सलीके से अभी तक क्यों नहीं आई।
57. शहनाई की दुनिया में डुमरॉव को क्यों याद किया जाता है ?
उत्तर : शहनाई में लगनेवाली रीड जो एक प्रकार की घास से बनती है – वह डुमरॉव में सोन नदी के किनारे पाई जाती है। इसी के कारण डुंमरॉव याद किया जाता है।
58. फटी लुंगी पहनने पर बिस्मिल्ला खाँ को उनकी शिष्या ने टोका तो उन्होंने क्या जवाब दिया ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ ने अपनी शिष्या को जवाब दिया – “पगली ई भारत रत्न हमको शहनईया पे मिला है, लुंगिया पे नाही।”
59. बिस्मिल्ला खाँ बचपन में किन गायिका बहनों से प्रभावित हुए ?
उत्तर : रसूलन बाई और बतूलन बाई ।
60. शहनाई किसका संपूरक है ?
उत्तर : प्रभाती की मंगलध्वनि का संपूरक है।
61. ‘नय’ किसे कहते हैं ?
उत्तर : अरब देश में फूंककर बजाए जाने वाले वाद्य जिसमें रीड लगी होती है – ‘नय’ कहते हैं।
62. काशी से दिन प्रतिदिन कौन-सी परंपराएँ लुप्त होती जा रही हैं ?
उत्तर : काशी से दिन-प्रतिदिन संगीत, साहित्य और अदब की परंपराएँ लुप्त होती जा रही हैं।
63. ‘रीड’ क्या होती है ? इसका क्या उपयोग है ?
उत्तर : शहनाई की आवाज की मधुरता का मुख्य कारण ‘रीड’ है। रीड अंदर से खोखली होती है जिसके सहारे शहनाई को फूँका जाता है।
64. शहनाई बनाने मे किस घास का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर : शहनाई बनाने में नरकट नामक घास का उपयोग किया जाता है।
65. बिस्मिल्ला खाँ अपने शहनाई वादन को किस रूप में देखते हैं ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ अपने शहनाई वादन को खुदा की इबादत के रूप में देखते हैं।
66. बिस्मिल्ला खाँ को किसकी कमी खलती है ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ को पक्का महाल से मलाई बरफ की कमी खलती है।
67. बिस्मिल्ला खाँ में धार्मिक सद्भाव भरा था – स्पष्ट करें।
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ जितना सम्मान खुदा की इबादत को देते थे उतना ही सम्मान बाबा विश्वनाथ, बालाजी को भी देते थे। इसी से उनके धार्मिक सद्भाव का पता चलता है।
68. बिस्मिल्ला खाँ के बचपन का नाम क्या था ?
उत्तर : अमीरूद्दीन ।
69. महुर्रम के महीने में उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ क्या करते थे ?
उत्तर : मुहर्रम के महीने में उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ किसी कार्यक्रम में नहीं बजाते थे। फातमान के करीब आठ किलोमीटर तक पैदल रोते हुए नौहा बजाते जाते थे।
70. अमीरुद्दीन छिपकर क्या सुनता था ?
उत्तर : अमीरुद्दीन छिपकर नाना के शहनाईवादन को सुनता था ।
71. उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ कौन थे ?
उत्तर : उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ विश्वप्रसिद्ध शहनाईवादक थे।
72. बिस्मिल्ला खाँ मुहर्रम किस प्रकार मनाया करते थे ?
उत्तर : मुहर्रम के महीने में उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ किसी कार्यक्रम में नहीं बजाते थे। फातमान के करीब आठ किलोमीटर तक पैदल रोते हुए नौहा बजाते जाते थे।
73. किस घटना से पता चलता है कि बिस्मिल्ला खाँ के मन में बालाजी के प्रति सच्ची आस्था थी ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ के इस कथन से पता चलता है कि उनमें बालाजी के प्रति सच्ची आस्था थी – “हमारे नाना तो वहीं बालाजी के मंदिर में बड़े प्रतिष्ठित शहनाईनवाज रह चुके हैं शहनाई और काशी से बढ़कर कोई जन्नत नहीं हमारे लिए।”
74. बिस्मिल्ला खाँ नमाज के बाद सज़दे में क्या माँगते थे ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ नमाज के बाद सज़दे में यह माँगते थे कि सुर में वह तासीर (असर) पैदा कर कि आँखों से सच्चे मोती की तरह अनगढ़ आँसू निकल आएँ।
75. अमीरूद्दीन के उस्ताद कौन थे ?
उत्तर : अलीबख्श खाँ ।
76. ‘सुषिर वाधों’ से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर : ‘सुषिर वाधों’ से अभिप्राय है – फूँककर बजाए जाने वाले वाद्य ।
77. ‘गंगा-जमुनी संस्कृति’ का आशय क्या है ?
उत्तर : हिन्दु-मुस्लिम संस्कृति ।
78. बिस्मिल्ला खाँ की शिष्या ने डरते-डरते उन्हें किसलिए टोका ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ की शिष्या ने डरते-डरते उन्हें फटी लुंगी न पहनने के लिए टोका।
79. बिस्मिल्ला खाँ को सरकार ने कौन-सा सम्मान दिया ?
उत्तर : भारत-रत्न।
80. शहनाई की मंगल – ध्वनि को बिस्मिल्ला खाँ कितने वर्षों से सुर दे रहे थे ?
उत्तर : अस्सी वर्षों से।
81. बिस्मिल्ला खाँ और शहनाई के साथ किस मुस्लिम पर्व का नाम जुड़ा है ?
उत्तर : मुहर्रम ।
82. बिस्मिल्ला खाँ को संगीत की आरंभिक प्रेरणा किससे मिली ?
उत्तर : रसूलनबाई और बतूलन बाई से।
83. बिस्मिल्ला खाँ का मूल नाम क्या है ?
उत्तर : अमीरूद्दीन खाँ ।
84. बिस्मिल्ला खाँ के मामा द्वय का नाम लिखें।
उत्तर : सादिक हुसैन तथा अलीबख्श हुसैन ।
85. बिस्मिल्ला खाँ के ननिहाल का खानदानी पेशा क्या था ?
उत्तर : शहनाई बजाना ही बिस्मिल्ला खाँ के ननिहाल का खानदानी पेशा था।
86. किस अवसर पर बिस्मिल्ला खाँ का सहज मानवीय रूप आसानी से दिख जाता है ?
उत्तर : मुहर्रम के अवसर पर।
87. बिस्मिल्ला खाँ के मामू का नाम क्या था ?
उत्तर : सादिक हुसैन तथा अलीबख्श हुसैन ।
88. बिस्मिल्ला खाँ के माता-पिता का नाम क्या था ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ की माता का नाम मिट्ठन तथा पिता का नाम पैगंबरबख्श खाँ था।
89. बिस्मिल्ला खाँ ने बचपन के कितने वर्ष डुमराँव में बिताए ?
उत्तर : पाँच-छ: वर्ष।
90. बिस्मिल्ला खाँ के परदादा का नाम क्या था ?
उत्तर : उस्ताद सलार हुसैन खाँ।
91. बिस्मिल्ला खाँ किसे कम और किसे ज्यादा याद करते हैं ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ अपने अब्बाजान और उस्ताद को कम, पक्का महल की कुलसुम हलवाइन की कचौड़ीवाली दुकान व गीताबाली आर सुलोचना को ज्यादा याद करते हैं।

वस्तुनिष्ठ सह व्याख्यामूलक प्रश्नोत्तर

1. रोजनामचे में बालाजी का मंदिर सबसे ऊपर आता है।
(क) रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचना ‘नौबतखाने में इबादत’ है तथा इसके रचनाकार यतींद्र मिश्र हैं।
(ख) कथन का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ के दोनों मामू भी शहनाईवादक थे। वे विभिन्न रियासतों के दरबार में शहनाई बजाने जाया करते थे। लेकिन काशी में रहने पर उनके दिन की शुरूआत बालाजी के मंदिर में शइनाई बजाने से होती थी।
2. ये खानदानी पेशा है अलीबख्श के घर का।
(क) अलीबख्श कौन हैं ?
उत्तर : अलीबख्श बिस्मिल्ला खाँ के मामा हैं।
(ख) पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ के ननिहाल में शहनाई बजाना खानदानी पेशा है। उनके नाना तथा दोनों मामा भी अच्छे शहनाईवादक थे।
3. शहनाई और डुमराँव एक-दूसरे के लिए उपयोगी हैं।
(क) रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचनाकार यतींद्र मिश्र हैं।
(ख) पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : शहनाई में जो रीड लगती है वह डुमराँव में सोन नदी के किनारे पाई जाती है। रीड के बिना शहनाई नहीं बज सकती। इसीलिए शहनाई और डुमराँव एक-दूसरे के लिए उपयोगी हैं |
4. उनका जन्म-स्थान भी डुमराँव ही है।
(क) रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचना ‘नौबतखाने में इबादत’ है तथा इसके रचनाकार यतींद्र मिश्र हैं।
(ख) किसका जन्म-स्थान डुमराँव है ? उस व्यक्ति की विशेषता लिखें।
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ का जन्म स्थान डुमराँव है। वे विश्व प्रसिद्ध शहनाईवादक थे। संगीतप्रेमी होने के साथ-साथ वे मानवताप्रेमी भी थे। जितनी आस्था उन्हें अपने धर्म में थी उतनी ही आस्था बालाजी के मंदिर पर भी। अपने संगती के माध्यम से बिस्मिल्ला खाँ ने भाईचारे का संदेश दिया। विश्वप्रसिद्ध होने के बावजूद उनका व्यक्तित्व सादगी भरा था।
5. मगर एक रास्ता है बालाजी मंदिर तक जाने का।
(क) पाठ का नाम लिखें।
उत्तर : पाठ का नाम है – ‘नौबतखाने में इबादत’ ।
(ख) पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर : बालाजी के मंदिर तक जाने का एक दूसरा रास्ता भी था जो रसूलनबाई और बतूलनबाई के यहाँ से होकर जाता था। जब बिस्मिल्ला ख़ाँ रियाज के लिए बालाजी मंदिर जाते थे तो इस रास्ते से जाना इन्हें अच्छा लगता था क्योंकि न जाने कितने ही तरह के बोल-बनाव, ठुमरी-ठप्पे तो कभी दादरा उनकी कानों तक पहुँचते रहते थे।
6. इसे संगीत शास्त्रांतर्गत ‘सुषिर-वाद्यों’ में गिना जाता है।
(क) ‘इसे’ से कौन संकेतित हैं ?
उत्तर : ‘इसे’ से शहनाई संकेतित है।
(ख) पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर : फूंक कर बजाए जाने वाले वाद्य को सुषिर वाद्य कहते हैं। शहनाई को भी फूंक कर बजाया जाता है इसलिए इसकी गिनती संगीत शास्त्रों में सुषिर वाद्य में की जाती है।
7. दक्षिण भारत के मंगलवाद्य ‘नागस्वरम्’ की तरह शहनाई, प्रभाती की मंगलध्वनि का सूचक है।
(क) पाठ के रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : पाठ के रचनाकार यतींद्र मिश्र हैं।
(ख) पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : दक्षिण भारत में मांगलिक अवसरों पर नागस्वरम् बजाया जाता है। यह शुभ का सूचक है। इसी तरह उत्तरी भारत में शहनाई का स्थान है। यह मंगल ध्वनि का सूचक है तथा इसे शुभ अवसरों पर बजाया जाता है।
8. वे नमाज के बाद सजदे में गिड़गिड़ाते हैं।
(क) ‘वे’ से कौन संकेतित हैं ?
उत्तर : ‘वे’ से बिस्मिल्ला ख़ाँ संकेतित हैं।
(ख) वे नमाज के बाद सजदे में क्या गिड़गिड़ाते हैं ?
उत्तर : बिस्मिल्ला खाँ नमाज के बाद सजदे में गिड़गिड़ाते हैं कि “मेरे मालिक एक सुर बख्श दे। सुर में वह तासीर पैदा कर कि आँखों से सच्चे मोती की तरह अनगढ़ आँसू निकल आएँ।”
9. आठवीं तारीख इनके लिए खास महत्व की है।
अथवा
10. इस दिन खाँ साहब खड़े होकर शहनाई बजाते हैं।
अथवा
11. इस दिन कोई राग नहीं बजता ।
अथवा
12. राग-रागनियों की अदायगी का निषेध है इस दिन ।
(क) रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचना ‘नौबतखाने में इबादत’ है तथा इसके रचनाकार यतींद्र मिश्र हैं।
(ख) पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : मुहर्रम के दिनों का बिस्मिल्ला खाँ के लिए विशेष महत्व था। इसके आठवें दिन ये खड़े होकर शहनाई बजाते थे तथा दालमंडी में फातमान के करीब आठ किलोमीटर की दूरी तक पैदल ही रोते हुए नौहा बजाते हुए जाते थे। इस दिन कोई राग नहीं बजाया जाता था क्योंकि इस दिन राग-रागनियों का पूर्ण निषेध है। इतना ही नहीं, मुहर्रम के दिनों इनके खानदान का कोई व्यक्ति किसी कार्यक्रम में भी शिरकत नहीं करता था।
13. हजार बरस की परंपरा पुनर्जीवित ।
(क) पाठ का नाम लिखें।
उत्तर : पाठ का नाम है – ‘नौबतखाने में इबादत’ |
(ख) पंक्ति का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर : मुहर्रम में हजार वर्ष की परंपरा फिर से जीवित हो उठती है। लोगों की आँखें इमाम हुसैन तथा इसके परिवार के लोगों की शहादत की याद में नम हो उठती है। हजारों नम आँखों से अजादारी की जाती है। बिस्मिल्ला खाँ जैसे महान कलाकार का भी सहज मानवीय रूप ऐसे अवसर पर आसानी से देखा जा सकता है।
14. अमीरूद्दीन तब सिर्फ चार साल का रहा होगा ।
अथवा
15. वह छिपकर नाना को शहनाई बजाते हुए देखते थे !
अथवा
16. लगता है मीठीवाली शहनाई नाना कहीं और रखते हैं।
(क) रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचनाकार यतींद्र मिश्र हैं।
(ख) इस कथन का प्रसंग स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : जब बिस्मिल्ला खाँ केवल चार वर्ष के थे तब से शहनाई उन्हें अपनी ओर आकर्षित करती थी। वे छुपकर अपने नाना को शहनाई बजाते हुए देखते थे। जब नाना उठकर चले जाते तो वह उनकी शहनाइयों में से एक-एक शहनाई को उठाकर बजाते और वैसे मीठी धुन न निकलने पर उसे यह कह कर खारिज कर देते कि लगता है कि मीठी वाली शहनाई नाना कहीं और छिपाकर रखते हैं ।
17. यह आयोजन पिछले कई वर्षों से संकटमोचन मंदिर में होता आया है ।
अथवा
18. काशी में संगीत-आयोजन की एक प्राचीन एवं अद्भुत परंपरा है।
(क) रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचनाकार यतींद्र मिश्र हैं।
(ख) इस कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : काशी में हुनमान जंयती बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है। हनुमान जयंती का मुख्य आयोजन संकटमोचन मंदिर से होता है। यह मंदिर काशी शहर के दक्षिण लंका में स्थित है। जयंती के अवसर पर पाँच दिनों तक शास्त्रीय तथा उपशास्त्रीय गायन-वादन का आयोजन होता है। इस आयोजन में काशी के उत्कृष्ट कलाकार भाग लेते हैं।
19. काशी संस्कृति की पाठशाला है।
अथवा
20. शास्त्रों में आनंदकानन के नाम से प्रतिष्ठित।
अथवा
21. यह एक अलग काशी है।
(क) रचना तथा रचनाकार का नाम लिखें।
उत्तर : रचना ‘नौबतखाने में इबादत’ है तथा इसके रचनाकार यतींद्र मिश्र हैं।
(ख) पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।
उत्तर : काशी को भारतीय संस्कृति का पाठशाला कहा गया है क्योंकि यहाँ विभिन्न कलाओं का अद्भुत संगम है। इसी विशेषता के कारण शास्त्रों में काशी को आनंदकानन नाम से प्रतिष्ठित किया गया है। काशी में एक से बढ़कर एक संगीत के कलाकार हैं, इनके संगीत से आनंद उठानेवाला रसिक अपार लोगों का समूह है। यहाँ की अपनी संस्कृति है, अपनी बोली है, अपना उत्सव है, अपना गम है, अपनी खुशियाँ हैं। यहाँ संगीत और भक्ति, मंदिर और मस्जिद, कजरी और चैती, बिस्मिल्ला खाँ और बालाजी का मंदिर – सब आपस में इस प्रकार घुलमिल गए हैं कि उन्हें अलग करके देखना संभव नहीं है।
22. उस फकीर की दुआ लगी जिसने अमीरूद्दीन से कहा था – “बजा, बजा।”
(क) यह पंक्ति किस पाठ से उद्धृत है ?
उत्तर : यह पंक्ति ‘नौबतखाने में इबादत’ पाठ से उद्धृत है।
(ख) इस वाक्य का प्रसंग स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : एक बार रात्रि के समय बिस्मिल्ला खाँ काशी में मंदिर के अहाते के अंदर शहनाई का रियाज कर रहे थे। मंदिर में प्रवेश करने के सभी दरवाजे बंद थे। तभी उनके सामने एक फकीर आकर खड़े हो गए। भय से बिस्मिल्ला खाँ ने शहनाई बजाना बंद कर दिया कि ये फकीर अचानक यहाँ कैसे प्रकट हो गए। तभी उस फकीर ने मुस्कुराते हुए कहा- ‘बजा बजा।’ इतना कहकर वो गायब हो गए। भय से बदहवास बिस्मिल्ला खाँ ने तुरंत घर लौटकर इस घटना का उल्लेख नाना से किया। नाना ने पूरी घटना सुनी और एक जोर का तमाचा बिस्मिल्ला खाँ के गाल पर मारा। साथ ही उन्होंने यह हिदायत दी कि आगे कभी कोई घटना घटे तो किसी से मत कहना और बिस्मिल्ला खाँ ने ऐसा ही किया ।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

1. बिस्मिल्ला खाँ किसको जन्नत से भी बढ़कर मानते थे?
(क) काशी और शहनाई को
(ख) लाहौर और ढोलक को
(ग) काशी और ढोलक को
(घ) लाहौर और शहनाई को
उत्तर : (क) काशी और शहनाई को।
2. ‘भीमपलासी’ और ‘मुलतानी’ क्या है ?
(क) राग
(ख) नृत्य
(ग) कव्वाली
(घ) लोकगीत
उत्तर : (क) राग ।
3. बिस्मिल्ला खाँ किस दिन खड़े होकर शहनाई बजाते थे ?
(क) मुहर्रम के दिन
(ख) हनुमान जयंती के दिन
(ग) ईद के दिन
(घ) गाँधी जयंती के दिन
उत्तर : (क) मुहर्रम के दिन।
4. ‘नौबतखाने में इबादत’ के रचनाकार कौन हैं ?
(क) राजेश जोशी
(ख) यतींद्र मिश्र
(ग) गुणाकर मुले
(घ) डॉ० रामदरश मिश्र
उत्तर : (ख) यतींद्र मिश्र।
5. बिस्मिल्ला खाँ का मूल क्या है ?
(क) शम्सुद्दीन
(ख) अलीबख्श
(ग) अमीरूद्दीन
(घ) सादिक् हुसैन
उत्तर : (ग) अमीरूद्दीन ।
6. अमीरूद्दीन (बिस्मिल्ला खाँ) का जन्म किस राज्य में हुआ था ?
(क) बंगाल
(ख) बिहार
(ग) उत्तर प्रदेश
(घ) महाराष्ट्र
उत्तर : (ख) बिहार ।
7. अमीरूद्दीन का जन्म किस गाँव में हुआ था ?
(क) डुमराँव
(ख) सोनीपत
(ग) सोनपुर
(घ) महिषादल
उत्तर : (क) डुमराँव।
8. शहनाई बजाने के लिए किसका प्रयोग होता है ?
(क) रस्सी
(ख) रीड
(ग) नौबतखाना
(घ) ड्योढी
उत्तर : (ख) रीड ।
9. अमीरूद्दीन के मामाद्वय का नाम क्या था ?
(क) सादिक हुसैन – शमसुद्दीन
(ख) अलीबख्श – शमसुद्दीन
(ग) सादिक हुसैन – अलीबख्श
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (ग) सादिक हुसैन – अलीबख्श ।
10. बिस्मिल्ला खाँ किसके छोटे साहबजादे (पुत्र) हैं ?
(क) उस्ताद पैगंबरबख्श खाँ और मिट्ठन
(ख) अलीबख्श और मिट्ठन
(ग) अलीबख्श और मिट्ठन
(घ) पैगंबर बख्श
उत्तर : (क) उस्ताद पैगंबरबख्श खाँ और मिट्ठन
11. शहनाई का उल्लेख किस साहित्य में नहीं मिलता ?
(क) वैदिक इतिहास
(ख) संस्कृत इतिहास
(ग) वाद्य इतिहास
(घ) संगीत इतिहास
उत्तर : (क) वैदिक इतिहास ।
12. दक्षिण भारत का मंगल वाद्य कौन-सा है ?
(क़) ढोल
(ख) नगाड़ा
(ग) हारमोनियम
(घ) नागस्वरम्
उत्तर : (घ) नागस्वरम् ।
13. बिस्मिल्ला खाँ और शहनाई के साथ किस पर्व का नाम जुड़ा हुआ है ?
(क) ईद
(ख) बकरीद
(ग) मुहर्रम
(घ) सबेरात
उत्तर : (ग) मुहर्रम।
14. मुहर्रम की कौन-सी तारीख बिस्मिल्ला खाँ के लिए खास महत्व की है ?
(क) पाँचवीं
(ख) छठीं
(ग) सातवीं
(घ) आठवीं
उत्तर : (घ) आठवीं ।
15. मुहर्रम के कौन-से दिन राग-रागनियों की अदायगी का निषेध है ?
(क) आठवीं
(ख) सातवाँ
(ग) छठा
(घ) पहला
उत्तर : (क) आठवीं ।
16. बिस्मिल्ला खाँ का सहज मानवीय रूप किस अवसर पर आसानी से दिख जाता है ?
(क) ईंद के अवसर पर
(ख) मुहर्रम के अवसर पर
(ग) दशहरे के अवसर पर
(घ) कार्यक्रम के अवसर पर
उत्तर : (ख) मुहर्रम के अवसर पर ।
17. काशी में किसके आयोजन की एक प्राचीन एवं अद्भुत परंपरा है ?
(क) नृत्य
(ख) संगीत
(ग) घुड़दौड़
(घ) शहनाईवादन
उत्तर : (ख) संगीत।
18. काशी में मरण को भी क्या माना गया है ?
(क) मंगल
(ख) अमंगल
(ग) दुखदायी
(घ) सुखदायी
उत्तर : (क) मंगल।
19. बिस्मिल्ला खाँ को भारत सरकार ने कौन-सा सम्मान प्रदान किया ?
(क) पद्भूषण
(ख) संगीत सम्राट
(ग) भारत रत्न
(घ) परमवीर चक्र
उत्तर : (ग) भारत-रत्न ।
20. अलीबख्श के घर का खानदानी पेशा क्या है ?
(क) नृत्य
(ख) संगीत
(ग) शहनाईवादन
(घ) लेखन
उत्तर : (ग) शहनाईवादन ।
21. बिस्मिल्ला खाँ का ननिहाल कहाँ था ?
(क) राँची
(ख) डुमराँव
(ग) बिहार
(घ) काशी
उत्तर : (घ) काशी।
22. शहनाई में लगनेवाली रीड कहाँ पाई जाती है ?
(क) सोन नदी के किनारे
(ख) गंगा नदी के किनारे
(ग) यमुना नदी के किनारे
(घ) इनमें से कहीं नहीं
उत्तर : (क) सोन नदी के किनारे।
23. बिस्मिल्ला खाँ के परदादा का नाम क्या था ?
(क) सादिक हुसैन
(ख) उस्ताद सलार हुसैन खाँ
(ग) अलीबख्श
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (ख) उस्ताद सलार हुसैन खाँ ।
24. बिस्मिल्ला खाँ रियाज के लिए कहाँ जाते थे ?
(क) बजरंग बली-मंदिर
(ख) मस्जिद
(ग) बालाजी मंदिर
(घ) रसूलन बाई के घर
उत्तर : (ग) बालाजी मंदिर
25. सुषिरवाद्यों में किसे ‘शाह’ की उपाधि दी गई है ?
(क) तुरही को
(ख) रणभेरी को
(ग) शहनाई को
(घ) बाँसुरी को
उत्तर : (ग) शहनाई को।
26. प्रभाती की मंगल-ध्वनि का संपूरक कौन है ?
(क) बाँसुरी
(ख) शहनाई
(ग) अलगोजा
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (ख) शहनाई।
27. मुहर्रम की आठवीं तारीख को बिस्मिल्ला खाँ शहनाई पर क्या बजाते हैं ?
(क) भीमपलासी
(ख) मुलतानी
(ग) नौहा
(घ) कल्याण
उत्तर : (ग) नौहा।
28. बिस्मिल्ला खाँ ने किन गायिका बहनों का उल्लेख किया है ?
(क) रसूलन और बतूलन
(ख) रसूलन और सुरैया
(ग) सुरैया और बतूलन
(घ) इनमें से किसी का नहीं
उत्तर : (क) रसूलन और बतूलन।
29. ‘नौबतखाने में इबादत’ की विधा क्या है ?
(क) संस्मरण
(ख) कहानी
(ग) व्यक्ति-चित्र
(घ) निबंध
उत्तर : (ग) व्यक्ति चित्र ।
30. निम्नलिखित में से कौन-सा वाद्य बिस्मिल्ला खाँ बजाते थे?
(क) मुरली
(ख) बंशी
(ग) मुरद्दंग
(घ) शहनाई
उत्तर : (घ) शहनाई।
31, संगीत के प्रति ललक के कारण बिस्मिल्ला खाँ की तुलना किससे की गई है ?
(क) हिरण
(ख) तानसेन
(ग) बैजूबाबरा
(घ) नरहरिदास
उत्तर : (क) हिरण।
32. निम्नलिखित में से कौन काशी के रसिकों में नहीं है ?
(क) कंठे महाराज
(ख) विद्याधरी
(ग) मौजुद्दीन खाँ
(घ) गुलाम अली
उत्तर : (घ) गुलाम अली।
33. लेखक ने ‘नायाब हीरा’ किसे कहा है ?
(क) कंठे महाराज को
(ख) बिस्मिल्ला खाँ को
(ग) इमाम हुसैन को
(घ) सादिक् हुसैन को
उत्तर : (ख) बिस्मिल्ला खाँ को।
34. काशी में कौन दोनों एक-दूसरे के पूरक रहे हैं ?
(क) संगीत और साहित्य
(ख) अदब और रियाज
(ग) बाबा विश्वनाथ और बिस्मिल्ला खाँ
(घ) देशी घी और कचौडी- जलेबी
उत्तर : (ग) बाबा विश्वनाथ और बिस्मिल्ला खाँ ।
35. मुहर्रम में कितने दिनों का शोक मनाया जाता है ?
(क) सात
(ख) आठ
(ग) नौ
(घ) दस
उत्तर : (घ) दस ।
36. किसे संस्कृति की पाठशाला कहा गया है ?
(क) कलकत्ता को
(ख) काशी को
(ग) लखनऊ को
(घ) दिल्ली को
उत्तर : (ख) काशी को।
37. पक्का महाल इलाका कहाँ है ?
(क) काशी
(ख) इलाहाबाद
(ग) दिल्ली
(घ) देहरादून
उत्तर : (क) काशी।
38. बिस्मिल्ला खाँ हमेशा किसकी प्रेरणा देते रहे ?
(क) संगीत की
(ख) मुहर्रम मनाने का
(ग) भाईचारे का
(घ) कौमी एकता का
उत्तर : (ग) भाईचारे का।
39. नागस्वरम् कहाँ का वाद्य है ?
(क) दक्षिण भारत का
(ख) उत्तर भारत का
(ग) पूर्जी भारत का
(घ) पश्चिमी भारत का
उत्तर : (क) दक्षिण भारत का ।
40. ‘नय’ का क्या अर्थ है ?
(क) नया
(ख) शहनाई
(ग) फूँककर बजाया जानेवाला वाद्य
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (ग) फूंककर बजाया जानेवाला वाद्य।
41. बिस्मिल्ला खाँ खुदा से क्या माँगते हैं ?
(क) खुशी
(ख) श्रोताओं की खुशी
(ग) एक अच्छी शहनाई
(घ) एक सच्चा सुर
उत्तर : (घ) एक सच्चा सुर।
42. सुषिरवाद्यों में किसे ‘शाह’ की उपाधि दी गई है ?
(क) तुरही
(ख) रणभेरी
(ग) बाँसुरी
(घ) शहनाई
उत्तर : (घ) शहनाई।
43. ‘नागस्वरम्’ कहाँ का वाद्ययंत्र है ?
(क) दक्षिण भारत का
(ख) उत्तर भारत का
(ग) पूर्वी भारत का
(घ) पश्चिमी भारत का
उत्तर : (क) दक्षिण भारत का।
44. भीमपलासी और मुलतानी ……….. के नाम हैं ?
(क) मिट्टी
(ख) गायिका बहनों
(ग) राग
(घ) स्थान
उत्तर : (ग) राग ।
45. संगीत के प्रति ललक के कारण बिस्मिल्ला खाँ की तुलना किससे की गई है ?
(क) हिरण
(ख) तानसेन
(ग) बैजूबावरा
(घ) नरहरिदास
उत्तर : (क) हिरण ।
46. काशी में कौन एक-दूसरे के पूरक रहे हैं ?
(क) संगीत और साहित्य
(ख) अदब और रियाज
(ग) बाबा विश्वनाथ और बिस्मिल्ला खाँ
(घ) कचौड़ी-जलेबी
उत्तर : (ग) बाबा विश्वनाथ और बिस्मिल्ला खाँ ।
47. शहनाई में लगनेवाली रीड कहाँ पाई जाती है ?
(क) सोन नदी के किनारे
(ख) गंगा नदी के किनारे
(ग) यमुना नदी के किनारे
(घ) इनमें से कहीं नहीं
उत्तर : (क) सोन नदी के किनारे ।
48. बिस्मिल्ला खाँ खड़े होकर शहनाई बजाते हैं.
(क) ईद के दिन
(ख) होली के दिन
(ग) दुर्गापूजा के दिन
(घ) मुहर्रम के दिन
उत्तर : (घ) मुहर्रम के दिन।
49. बिस्मिल्ला खाँ की मृत्यु कितने साल में हुई ?
(क) 75 साल
(ख) 80 साल
(ग) 85 साल
(घ) 90 साल
उत्तर : (घ) 90 साल।
50. गीताबाली और सुलोचना कौन थी ?
(क) गायिका
(ख) अभिनेत्री
(ग) हलवाइन
(घ) शिष्या
उत्तर : (ख) अभिनेत्री ।
51. ‘नौबतखाने में इबादत’ निबंध में किस समय के काशी का वर्णन है ?
(क) 1906 – 1912 ई० का
(ख) 1912-1918 ई० का
(ग) 1916 – 1922 ई० का
(घ) 1918-1920 ई० का
उत्तर : (ग) 1916-1922 ई० का ।
52. बिस्मिल्ला खाँ के बचपन का नाम क्या था ?
(क) अलाउद्दीन
(ख) ग्यासुद्दीन
(ग) अलबसूनी
(घ) अमीरूद्दीन
उत्तर : (घ) अमीरूद्दीन ।
53. ‘भारत-रत्न’ का पुरस्कार किसको मिला था ?
(क) रंगय्या को
(ख) बिस्मिल्ला खाँ को
(ग) भंबल दा को
(घ) लहना सिंह को
उत्तर : (ख) बिस्मिल्ला खाँ को ।
54. गंगा-यमुनी संस्कृति का आशय है ?
(क) हिन्दू-मुस्लिम संस्कृति
(ख) मिली-जुली संस्कृति
(ग) भ्रष्ट संस्कृति
(घ) खिचड़ी संस्कृति
उत्तर : (क) हिन्दू-मुस्लिम संस्कृति ।
55. बिस्मिल्ला खाँ की मृत्यु हुई थी ?
(क) 2015 ई० में
(ख) 2009 ई० में
(ग) 2006 ई० में
(घ) 2001 ई० में
उत्तर : (ग) 2006 ई० में।
56. लुंगिया का क्या है, आज फटी है, तो कल सिल जाएगी – वक्ता कौन है ?
(क) रंगैय्या
(ख) अलीबख्श
(ग) बिस्मिल्ला खाँ
(घ) सलार हुसैन
उत्तर : (ग) बिस्मिल्ला खाँ ।
57. दुनिया कहती है –
(क) यह काशी है
(ख) सन् 2000 की बात है
(ग) बजा, बजा
(घ) ये बिस्मिल्ला खाँ हैं
उत्तर : (घ) ये बिस्मिल्ला खाँ हैं।
58. बिस्मिल्ला खाँ का मतलब,
(क) बिस्मिल्ला खाँ की शहनाई
(ख) शहनाईवादक
(ग) भारत-रत्न
(घ) गंगा-जमुनी संस्कृति
उत्तर : (क) बिस्मिल्ला खाँ की शहनाई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *