WBBSE 10th Class Hindi Solutions Chapter 6 नौरंगिया
WBBSE 10th Class Hindi Solutions Chapter 6 नौरंगिया
West Bengal Board 10th Class Hindi Solutions Chapter 6 नौरंगिया
West Bengal Board 10th Hindi Solutions
कवि-परिचय
जन-मानस को अपनी कलम तथा वाणी से झकझोरने वाले जादुई कवि कैलाश गौतम का जन्म 8 जनवरी, 1944 को वाराणसी के चंदौली नामक गाँव में हुआ था। ये आकाशवाणी इलाहाबाद में कार्यरत् थे। वहाँ से अवकाश प्राप्त करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इन्हें हिन्दुस्तानी एकेडेमी के अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया। कैलाश गौतम एक प्रतिभावान कवि के साथ कुशल मंच-संचालक भी थे। इन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय काशी और प्रयाग (इलाहाबाद) में बिताया इसीलिए इनके व्यक्तित्व में दोनों ही स्थानों के संस्कार रचे-बसे थे।
कैलाश गौतम के रचना-संसार का परिचय इस प्रकार है-
कविता-संग्रह : सीली माचिस की तीलियाँ, जोड़ा ताल
भोजपुरी कविता-संग्रह : तीन चौथाई अंश
गीत-संग्रह : आदिम राग
दोहा-संकलन : बिना काम का आदमी
उपन्यास : जै जै सियाराम, तम्बुओं का शहर
अन्य लोकप्रिय रचनाएँ : अमौसा के मेला, कचहरी और गाँव गया था, गाँव से भागा।
सम्मान : परिवार सम्मान, ऋतुराज सम्मान, यश भारती सम्मान (मरणोपरांत)।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न – 1 : ‘नौरंगिया’ कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखें।
अथवा
प्रश्न – 2 : ‘नौरंगिया’ कविता का भावार्थ लिखें तथा उसके उद्देश्य को भी लिखें।
अथवा
प्रश्न – 3 : ‘नौरंगिया’ कविता में निहित कवि के संदेश को लिखें।
अथवा
प्रश्न – 4 : ‘नौरंगिया’ कविता की नौरंगिया की चारित्रिक विशेषताओं को लिखें।
अथवा
प्रश्न – 5 : ‘नौरंगिया’ श्रमिक युवती की गाथा है – स्पष्ट करें।
अथवा
प्रश्न – 6 : ‘नौरंगिया’ गंगा पार श्रमिक युवती का प्रतिनिधित्व करती है – कविता के आधार पर लिखें।
अथवा
प्रश्न – 8 : ‘नौरंगिया’ कविता का मूल भाव लिखें।
अथवा
प्रश्न – 7 : ‘नौरंगिया’ कविता के आधार पर नौरंगिया की दिनचर्या तथा चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर : कैलाश गौतम की कविताओं में ग्रामीण जीवन का चित्र है। कहीं हल जोतकर घर लौटने वाले किसान-परिवार का दृश्य है, कहीं खिन्नता है, कहीं निराशा है तो कहीं पुरुष से भी अधिक आशावान कर्मठता का पाठ पढ़ाने वाली युवती है। ‘नौरंगिया’ कैलाश गौतम की एक ऐसी ही कविता है। इसमें कवि ने एक ग्रामीण श्रमिक युवती का चित्रण किया है। नाम के ही अनुरूप उसके व्यक्तित्व में प्रकृति के नौ रंग बिखरे दिखाई देते हैं।
कवि ने जिस युवती का वर्णन किया है उसका नाम नौरंगिया है। वह देवी-देवता अर्थात् किसी धर्म के नाम पर किसी दिखावे में विश्वास नहीं करती। वह भोली है तथा उसकी प्रकृति में छल-कपट भी नहीं है। गाँव के प्रभावशाली व्यक्तियों से वह अन्याय के विरूद्ध लोहा लेती है। स्त्री होते हुए भी अपने बलबूते पर खेती का काम देखती है। उसका पति एकदम निकम्मा, स्त्री की प्रकृति का है। वह उस पत्थर कोयले के समान हैं जो जलता नहीं है। अपने अनुरूप पति को न पाकर वह उससे घृणा नहीं करती बल्कि उसके साथ शान से जीती, खाती-पीती है। उसके इस व्यवहार की चर्चा पूरे गाँव में उसी प्रकार है जिस प्रकार अखबार के मुख्य समाचार की।
नौरंगिया जवान है, उसका बदन कसा है, ऐसा लगता है मानो शीशे के साँचे में पानी भरा हो। उसके शरीर में सौंदर्य की लहर उसी प्रकार उठती दिखाई देती है जिस प्रकार आम के छोटे-छोटे कोमल लालिमायुक्त पत्ते हवा में काँपते हैं। उसका चेहरा फूल की तरह सुंदर है तथा उसके काले-काले लट भँवरे के समान मुख पर मँडराते हैं। वह ऐसी तरो-ताजा तथा आभायुक्त दिखाई देती है मानो सौ-सौ बार पानी में घुलकर आयी हो। उसके होंठ कुछ कहने की भंगिमा में खुले हैं। सचमुच नौरंगिया ईश्वर की अद्भुत रचना है। नौरंगिया के रूप-सौंदर्य के कारण गाँव के मुंशी तथा ठेकेदार की कामुक दृष्टि लगी रहती है। उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि ऐसे नरभक्षियों से कैसे बचा जाए। लेकिन कोई हाथ लगाने की हिम्मत नहीं करता क्योंकि वह गंगा पार की है।
कवि कहते हैं कि जब भी देखो नौरंगिया अपने काम में लगी रहती है। वह कटी फसल के सूखे पौधे को पीट-पीट कर उससे दाने निकालती है। किसी भी काम से वह हार नहीं मानती। जब तक उसकी आँखें खुली रहती हैं तब तक उसकी भाग-दौड़ काम के पीछे बनी ही रहती है। स्त्री होते हुए भी वह बिच्छू, गोंजर या साँप से नहीं डरती, दिखाई पड़ते ही उसे मार डालती है। उसके मनोरंजन का एक ही साधन है – विविध भारती से प्रसारित गाने को सुनना। वह सीधी-सादी है, उसकी बोली मीठी है तथा उसकी आँखों में सुनहले भविष्य के सपने तैर रहे हैं। वह उन दिनों की आस लगाए बैठी है जब अपने परिश्रम से वह हर दिन त्योहार के समान बिताएगी।
नौरंगिया की कर्मठता के बावजूद उसके जीवन में आर्थिक तंगी है। उसके घर की दीवारें ढह रही हैं, घर की छाजन भी पुरानी पड़ गई है। फसल जैसे ही पकती है वैसे ही महाजन कर्ज वसूलने के लिए सिर पर आ खड़े होते हैं। जो गहने उसने गिरवी रखे थे, उन्हें भी नहीं छुड़ा पाती है – मन मसोस कर रह जाती है। आखिर वह आर्थिक तंगी से कब तक जूझे। अपनी आर्थिक तंगी से वह कैसे छूटे और इसका उपाय आखिर किससे पूछे। उसने ज़िंदगी में क्या-क्या नहीं खोया, क्या नहीं टूटा फिर भी उसकी हँसी नहीं छूटी। ज़िंदगी जीने की ललक कम नहीं हुई। उसने अपने पैरों में जो चप्पल पहने हैं वे भी किसी से माँगे हुए हैं तथा साड़ी भी उधार में लिया था। इन सबके बावजूद नौरंगिया के हौसले में कोई कमी नहीं आती क्योंकि वह गंगा पार की है।
इस प्रकार हम पाते हैं कि कैलाश गौतम ने इस कविता में नौरंगिया को दीन-हीन-लाचार नहीं बल्कि पुरुषों और परिस्थितियों से टक्कर लेनेवाली कर्मठ स्त्री के रूप में दर्शाया है। नौरंगिया जैसी युवती से ही इस देश की नारियों को एक नई दिशा मिल सकती है। हम कह सकते हैं कि नौरंगिया आनेवाली नारियों का प्रतीक है। कवि नारी को अब सशक्त रूप में देखना चाहते हैं और यही एक इस कविता का उद्देश्य है तथा नारियों को अबला नहीं, सबला बनने का संदेश इसमें निहित है।
वस्तुनिष्ठ सह व्याख्यामूलक प्रश्नोत्तर
1. देवी-देवता नहीं मानती, छक्का-पंजा नहीं जानती
ताकतवर से लोहा लेती, अपने बूते करती खेती,
प्रश्न – 1 : प्रस्तुत अंश किस कविता से लिया गया है ?
उत्तर : प्रस्तुत अंश ‘नौरंगिया’ कविता से ली गई है।
प्रश्न – 2 : कवि का नाम लिखें।
उत्तर : कवि कैलाश गौतम हैं।
प्रश्न – 3 : प्रस्तुत पद्यांश की व्याख्या कीजिए।
उत्तर : कविता की इन पंक्तियों में कवि कहते हैं कि नौरंगिया धर्म के नाम पर किसी बाहरी दिखावे में विश्वास नहीं करती है, न ही वह छल-कपट जानती है। वह सही रास्ते पर चलने वाली है इसलिए गाँव के प्रभावशाली व्यक्ति के सामने भी नहीं झुकती है। वह खेती के काम के लिए भी किसी पर निर्भर नहीं है – सारा कार्य वह अपने बलबूते पर ही करती है। कठोर परिश्रम ही उसका धर्म है, ईमान है।
विशेष : 1. कविता की इन पंक्तियों में नौरंगिया की चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन किया गया है।
2. उसके लिए कर्म ही सच्ची पूजा है तथा वह अन्याय के आगे झुकनेवाली नहीं है।
3. ‘छक्का-पंजा’, ‘लोहा लेना’ जैसे मुहावरे के प्रयोग ने भाषा को प्रभावी बना दिया है।
4. ‘देवी-देवता’ में अनुप्रास अलंकार है।
2. मरद निखट्टू जनखा जोइला, लाल न होता ऐसा कोयला,
उसको भी वह शान से जीती, संग-संग खाती, संग-संग पीती
प्रश्न – 1 : कवि तथा कविता का नाम लिखें।
उत्तर : कवि कैलाश गौतम हैं तथा कविता का नाम ‘नौरंगिया’ है
प्रश्न – 2 : किसका मरद निखट्ट है ?
उत्तर : नौरंगिया का मरद निखट्टू है।
प्रश्न – 3 : कौन, किसके साथ शान से जीती है ?
उत्तर : नौरंगिया अपने निखट्ट पति के साथ शान से जीती है।
प्रश्न – 4 : प्रस्तुत पद्यांश का भाव स्पष्ट करें ।
उत्तर : नौरंगिया दिखने में सुंदर है, परिश्रमी है। लेकिन पति उसके लायक नहीं है। उसका पति काम-धाम न करने वाला और स्त्रैण है, फिर भी वह उसकी अपेक्षा नहीं करती है। विवाह के बंधन में बँध जाने के बाद पति ही उसके लिए सब कुछ है – चाहे वह जैसा भी है। बिना किसी हीन भाव के वह अपने पति के साथ मज़े में ज़िंदगी गुजार रही है। उसके साथ-साथ खाती-पाती है। पति के लिए उसके मन में पूरा-पूरा सम्मान है।
विशेष : 1. नौरंगिया अपने पति की खामियों को न देख उसे ही अपना सब कुछ मानती है ।
2. स्त्रैण प्रकृति का होने के बावजूद वह पति के सुख-दुख में साथ है, उसकी उपेक्षा नहीं करती।
3. ‘निखट्ट, जनखा, जोइला तथा पत्थर कोयले से दी गई उपमा उसके पति के व्यक्तित्व की पोल खोलती है।
4. ‘जनखा, जोइला’ में अनुप्रास अलंकार है तथा ‘संग-संग’ में छेकानुप्रास अलंकार है।
5. भाषा सहज, सरल तथा प्रवाहमयी है।
3. गाँव-गली की चर्चा में वह सुर्खी-सी अख़बार की है
नौरंगिया गंगा पार की है।
प्रश्न – 1 : कविता तथा कवि का नाम लिखें।
उत्तर : कविता ‘नौरंगिया’ है तथा इसके कवि कैलाश गौतम हैं।
प्रश्न – 2 : ‘सुर्खी-सी अखबार की’ का अर्थ क्या है ?
उत्तर : जो समाचार प्रमुख होता है उसे बड़े-बड़े अक्षरों में पहले पृष्ठ पर छापा जाता है, उसे ही अखबार की सुर्खी कहते हैं। नौरंगिया की चर्चा भी गाँव में इसी प्रकार की है।
प्रश्न – 3 : प्रस्तुतं पद्यांश का भाव स्पष्ट करें।
उत्तर : नौरंगिया अपनी सुंदरता तथा कर्मठता के कारण गाँव की गली-गली में चर्चा का विषय बनी हुई है। गाँव में उसकी चर्चा वैसे ही होती है जैसे सुर्खी वाले समाचार की होती है। आखिर ऐसा क्यों न हो, वह गंगा पार की जो है। गंगा पार की युवतियाँ सुघड़, सुंदर और कामकाजी होती हैं।
विशेष : 1. नौरंगिया अपने सौंदर्य, पति-भक्ति तथा कर्मठता के कारण गाँव में चर्चा का विषय बनी हुई है।
2. ‘गगा पार’ उसकी कर्मठता को दर्शाती है।
3. ‘गाँव-गली’ में अनुप्रास अलंकार है।
4. ‘सुर्खी-सी’ में उपमा अलंकार है।
5. भाषा सहज, सरल तथा प्रवाहमयी है।
4. कसी देह औ भरी जवानी, शीशे के साँचे में पानी
सिहरन पहने हुए अमोले, काला भँवरा मुँह पर डोले ।
प्रश्न – 1 : प्रस्तुत अंश कहाँ से लिया गया है ?
उत्तर : प्रस्तुत अंश कैलाश गौतम की कविता ‘नौरंगिया’ से लिया गया है।
प्रश्न – 2 : पद्यांश की व्याख्या करें।
उत्तर : प्रस्तुत पद्यांश में कवि ने नौरंगिया के रूप-सौंदर्य का वर्णन किया है। श्रमिक युवती होने के बावजूद उसकी सुंदरता गाँव में चर्चा का विषय है। अभी उसपर पूरी जवानी छाई हुई है, बदन भी कसा-कसा है। उसका शरीर ऐसा लगता है मानो किसी ने शीशे के साँचे में पानी डाल रखा हो। जैसे आम के पौधे के कोमल-लालिमायुक्त पत्ते हवा में सिहरते हैं ठीक वैसे ही उसके शरीर में सौंदर्य की लहर-सी उठती है। उसका चेहरा फूल की तरह सुंदर है और उसपर काले-काले लट ऐसे लगते हैं मानो भौरा फूल पर भंडरा रहा हो।
विशेष : 1. इन पंक्तियों में ‘कसी देह’, ‘शीशे के साँचे में पानी’ ‘सिहरन पहने हुए अमोले’ तथा ‘काला भंवरा मुँह पर डोले’ जैसी उपमाओं से बिहारी की नायिका प्रत्यक्ष हो जाती है।
2. नौरंगिया का सौंदर्य जंगल के फूल की तरह निष्कलंक है।
3. दोनों ही पंक्तियों में उपमा अलंकार की छटा बिखरी है।
4. भाषा भी नौरंगिया की तरह सौंदर्य से भरपूर है।
5. सौ-सौ पानी रंग धुले हैं, कहने को कुछ होठ खुले हैं
अद्भुत हैं ईश्वर की रचना, सबसे बड़ी चुनौती बचना ।
प्रश्न – 1 : कविता तथा कवि का नाम लिखें।
उत्तर : कविता ‘नौरंगिया’ है तथा इसके कवि कैलाश गौतम हैं।
प्रश्न – 2 : ‘अद्भुत है ईश्वर की रचना’ किसे ईश्वर की अद्भुत रचना कहा गया है ?
उत्तर : नौरंगिया को ईश्वर की अद्भुत रचना कहा गया है।
प्रश्न – 3 : पद्यांश की व्याख्या करें।
उत्तर : नौरंगिया की सुंदरता आभायुक्त है, वह तरो-ताजा मालूम पड़ती है मानो सौ-सौ बार पानी से छुलकर उसका रंग और भी निखर आया हो। उसके होंठ कुछ इस मुद्रा में खुले हैं मानो वह कुछ कहना चाहती हो। नौरंगिया को देखकर सब यही कहते हैं कि वह ईश्वर की अद्भुत रचना है। लेकिन नौरंगिया का रूप-सौंदर्य ही उसका शत्रु बन गया है, गाँव के प्रभावशाली व्यक्तियों से अपनी इज्जत को बचाना ही उसकी सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।
विशेष : 1. अपने सौंदर्य के कारण नौरंगिया ईश्वर की अद्भुत रचना मालूम पड़ती है।
2. उसका सौंदर्य ऐसा निखरा है मानो सौ-सौ बार पानी से धुला हो ।
3. ‘सौ-सौ’ में छेकानुप्रास अलंकार है।
4. भाषा बहते पानी की तरह प्रवाहमयी है।
लघूत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. नौरंगिया की आँखों में कैसे सपने हैं ?
उत्तर : नौरंगिया की आँखों में खुखद जीवन के सपने हैं।
2. नौरंगिया का मरद (पति) कैसा था ?
उत्तर : नौरंगिया का मरद निखट्ट, जनखा तथा लाल न होने वाला कोयले के जैसा था।
3. नौरंगिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्या है ?
उत्तर : नौरंगिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती है – गाँव के प्रभावशाली व्यक्तियों से अपनी इज्जत को बचाना।
4. नौरंगिया किसकी मदद से खेती करती है?
उत्तर : नौरंगिया किसी की मदद से नहीं, अपने बल-बूते पर ही खेती करती है।
5. नौरंगिया का पति कैसा है ?
उत्तर : नौरंगिया का पति निखट्ट, स्त्रैण तथा पत्थर कोयले के समान है जो कभी जलकर लाल नहीं होता।
6. नौरंगिया किसके साथ शान से जीती है ?
उत्तर : नौरंगिया का पति उसके लायक नहीं है फिर भी वह उसके साथ शान से जीती है।
7. ‘संग-संग खाती, संग-संग पीती’ – किसके बारे में कहा गया है ?
उत्तर : यहाँ नौरंगिया के बारे में कहा गया है कि वह अपने पति के साथ-साथ खाती-पीती है। अपने पति को लेकर उसके मन में कोई हीन भावना नहीं है।
8. गाँव-गली में किसकी चर्चा है ?
उत्तर : गाँव-गली में नौरंगिया की कर्मठता, उसके रूप-सौंदर्य की चर्चा है।
9. नौरंगिया की चर्चा की तुलना किससे की गई है ?
उत्तर : नौरंगिया की चर्चा की तुलना अखबार की सुर्खी से की गई है।
10. नौरंगिया कहाँ की है ?
उत्तर : नौरंगिया गंगा-पार की है।
11. ‘काला भँवरा’ किसे कहा गया है ?
उत्तर : नौरंगिया के झूलते काले लट को काला भँवरा कहा गया है।
12. नौरंगिया के शरीर की आभा कैसी है?
उत्तर : नौरंगिया के शरीर की आभा ऐसी है मानो वह सौ-सौ बार पानी से धुली हो ।
13. नौरंगिया के बदन की सिहरन की तुलना किससे की गई है ?
उत्तर : नौरंगिया के बदन की सिहरन की तुलना आम के पौधे के कोमल पत्ते की सिहरन से की गई है।
14. ईश्वर की अद्भुत रचना किसे और क्यों कहा गया है ?
उत्तर : नौरंगिया को ईश्वर की अद्भुत रचना कहा गया है क्योंकि गरीब घर में जन्म लेने के बाद भी वह सुंदर और समझदार और कर्मठ है।
15. नौरंगिया क्या नहीं मानती और क्या नहीं जानती ?
उत्तर : नौरंगिया देवी-देवता को नहीं मानती तथा छल-कपट नहीं जानती।
16. ‘जैसी नीयत’ का भावार्थ क्या है?
उत्तर : ‘जैसी नीयत’ का भावार्थ है – बुरी नीयत ।
17. नौरंगिया जगे रहने तक किसके आगे-पीछे भागती रहती है ?
उत्तर : नौरंगिया जगे रहने तक काम के आगे-पीछे भागती रहती है।
18. काम करने के दौरान नौरंगिया क्या करती रहती है ?
उत्तर : काम करने के दौरान नौरंगिया विविध-भारती से गाने सुनती रहती है।
19. नौरंगिया किसे मारती है ?
उत्तर : नौरंगिया बिच्छू, साँप, गोंजर को मारती है।
20. नौरंगिया के सीधेपन की तुलना किससे की गई है ?
उत्तर : नौरंगिया के सीधेपन की तुलना लाठी से की गई है।
21. नौरंगिया का चेहरा कैसा है ?
उत्तर : नौरंगिया का चेहरा भोला-भाला है।
22. नौरंगिया की बोली कैसी है ?
उत्तर : नौरंगिया की बोली मीठी है।
23. नौरंगिया किसके सपने देखती है ?
उत्तर : नौरंगिया अच्छे जीवन के सपने देखती हैं।
24. नौरंगिया जिस घर में रहती है, वह कैसा है ?
उत्तर : नौरंगिया जिस घर में रहती है, उसकी दीवारें ढहने लगी है तथा छाजन भी पुरानी पड़ गई है।
25. नौरंगिया के फसल पकने पर क्या होता है ?
उत्तर : फसल पकने पर महाजन नौरंगिया को दिए गए कर्ज को वसूलने के लिए सिर पर आ खड़ा होता है।
26. नौरंगिया किस बात पर मन मसोस कर रह जाती है ?
उत्तर : गिरवी रखे गहने न छुड़ा पाने के कारण नौरंगिया मन मसोस कर रह जाती है।
27. नौरंगिया विपदा में भी क्या नहीं छोड़ती ?
उत्तर : नौरंगिया विपदा के दिनों में भी हँसना नहीं छोड़ती है।
28. नौरंगिया ने नई साड़ी कैसे ली है ?
उत्तर : नौरंगिया ने नई साडी उधार ली है।
29. नौरंगिया ने चप्पल कैसे पाया है ?
उत्तर : नौरंगिया ने किसी से मंगनी कर (माँग कर) चप्पल पाया है।
30. ‘लाल न होता ऐसा कोयला’ – का क्या अर्थ है ?
उत्तर : ‘लाल न होता ऐसा कोयला’ का अर्थ है वैसा कोयला जो जलने वाला नहीं है।
31. ‘कसी देह और भरी जवानी’ किसके बारे में कहा गया है ?
उत्तर : यह नौरंगिया के बारे में कहा गया है ?
32. नौरंगिया देवी-देवता को क्यों नहीं मानती है ?
उत्तर : नौरंगिया कर्मपूजा को ही सबसे पड़ी पूजा मानती है इसलिए वह देवी-देवता को नहीं मानती है।
33. विविध-भारती क्या है ?
उत्तर : विविध-भारती आकाशवाणी का एक कार्यक्रम है जिसमें आग्रह (फरमाइश) पर लोकप्रिय फिल्मी गाने सुनाए जाते हैं।
34. नौरंगिया का जीवन-यापन कैसे होता है ?
उत्तर : नौरंगिया का जीवन-यापन खेती से होता है।
35. ‘जांगर पीटने’ का क्या अर्थ है?
उत्तर : जांगर पीटने का अर्थ है – तैयार कटी फसल के डंठल को पटक-पटक कर उससे अनाज के दाने अलग करना।
36. कैलाश गौतम जी नौरंगिया और उसके पति के बारे में क्या बताते हैं ?
उत्तर : कैलाश गौतम जी ने जहाँ नौरंगिया को सुंदर-सुघड़, मेहनती, निडर, छक्का-पंजा नहीं जाननेवाली बताया है वहीं उसके पति को निखट्टू, जनखा, न लाल होने वाला कायेला बताया है।
37. नौरंगिया के व्यक्तित्व की सबसे बड़ी विशेषता क्या है ?
उत्तर : नौरंगिया के व्यक्तित्व की सबसे बड़ी विशेषता कर्म में विश्वास करना है।
38. नौरंगिया क्या नहीं मानती और क्या नहीं जानती ?
उत्तर : नौरंगिया देवी-देवता नहीं मानती और छक्का-पंजा नहीं जानती।
39. ‘निखट्ट’ तथा ‘लाल न होता ऐसा कायेला’ का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : ‘निखट्ट’ का अर्थ है – कामचोर तथा ‘लाल न होता ऐसा कोयला’ का अर्थ है कि किसी बात का कोई प्रभाव न पड़ना।
40. नौरंगिया विपदा में भी क्या नहीं छोड़ती है ?
उत्तर : नौरंगिया विपदा में भी साहस तथा कर्मठता नहीं छोड़ती है।
41. ‘आँखों में जीवन के सपने, तैयारी त्योहार की है’ – यहाँ किसके, किस प्रकार के सपने की बात कही गई है ?
उत्तर : यहाँ नौरंगिया के उस सपने की बात कही गई है जब उसके जीवन में किसी प्रकार का अभाव नहीं रहेगा तथा उसका प्रत्येक दिन त्योहार की तरह होगा।
42. ताकतवर से कौन लोहा लेती है ?
उत्तर : ताकतवर से नौरंगिया लोहा लेती है।
43. ‘लोहा लेना’ का क्या अर्थ है ?
उत्तर : लोहा लेना का अर्थ है – डटकर जबाव देना।
44. काम करने के दौरान नौरंगिया क्या करती रहती है ?
उत्तर : काम करने के दौरान नौरंगिया विविध भारती से गाने सुनती रहती है।
45. नौरंगिया देवी-देवता को क्यों नहीं मानती है ?
उत्तर : नौरंगिया कर्म में विश्वास करती है न कि भाग्य में इसलिए वह देवी-देवता को नहीं मानती है।
46. नौरंगिया के अभावग्रस्त जीवन का संकेत कब मिलता है ?
उत्तर : नौरंगिया के अभावग्रस्त जीवन का संकेत इससे मिलता है कि दूसरे से मंगनी का चप्पल पहनती है, साड़ी उधार लेती है, फसल पकते ही महाजन सिर पर सवार हो जाते है तथा अपने गिरवी रखे गहने नहीं छुड़ा पाती है।
47. नौरंगिया के माध्यम से कवि ने किस समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया है ?
उत्तर : नौरंगिया के माध्यम से कवि ने श्रमिक वर्ग की आर्थिक समस्या तथा साहूकारों द्वारा शोषण की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया है।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
1. नौरंगिया क्या सुनती रहती है ?
(क) राष्ट्रगीत
(ख) फिल्मी गीत
(ग) कुत्तों का भौंकना
(घ) विविध भारती
उत्तर : (घ) विविध भारती।
2. ‘नौरंगिया’ के कवि हैं?
(क) प्रसाद
(ख) कैलाश गौतम
(ग) राजेश जोशी
(घ) अनामिका
उत्तर : (ख) कैलाश गौतम।
3. कैलाश गौतम का जन्म कब हुआ था ?
(क) 8 जनवरी 1944
(ख) 8 फरवरी 1945
(ग) 8 मार्च 1946
(घ) 8 अप्रैल 1947
उत्तर : (क) 8 जनवरी 1944।
4. ‘जादुई कवि’ किसे कहा गया है ?
(क) प्रसाद को
(ख) रैदास को
(ग) कैलाश गौतम को
(घ) कबीर को
उत्तर : (ग) कैलाश गौतम को।
5. ‘ग्राम्य संस्कृति का वाहक’ किस कवि को कहा गया है ?
(क) राजेश जोशी
(ख) कीर्ति चौधरी
(ग) रघुवीर सहाय
(घ) कैलाश गौतम
उत्तर : (घ) कैलाश गौतम ।
6. कैलाश गौतम आकाशवाणी के किस केन्द्र में कार्यरत् थे ?
(क) इलाहाबाद
(ख) बनारस
(ग) कलकत्ता
(घ) दिल्ली
उत्तर : (क) इलाहाबाद।
7. कैलाश गौतम का जन्म कहाँ हुआ था ?
(क) इलाहाबाद में
(ख) बनारस में
(ग) हैदराबाद में
(घ) कानपुर में
उत्तर : (ख) बनारस में।
8. कैलाश गौतम का जन्म किस गाँव में हुआ था ?
(क) लमही
(ख) बाबू टोला
(ग) डिग्धी
(घ) कायस्थ टोला
उत्तर : (ग) डिग्धी ।
9. कैलाश गौतम ने अपना कर्मक्षेत्र किसे चुना था?
(क) प्रयाग को
(ख) बनारस को
(ग) कलकत्ता को
(घ) देहरादून को
उत्तर : (क) प्रयाग को।
10. कैलाश गौतम किस वाद से प्रभावित थे ?
(क) छायावाद
(ख) प्रगतिवाद
(ग) प्रयोगवाद
(घ) जनवादी सोच
उत्तर : (घ) जनवादी सोच ।
11. ‘सीली माचिस की तीलियाँ’ (काव्य-संग्रह) के रचनाकार हैं ?
(क) निराला
(ख) कैलाश गौतम
(ग) प्रसाद
(घ) पंत
उत्तर : (ख) कैलाश गौतम ।
12. ‘जोड़ा ताल’ (काव्य-संग्रह) के रचनाकार हैं ?
(क) पंत
(ख) महादेवी वर्मा
(ग) अनामिका
(घ) कैलाश गौतम
उत्तर : (घ) कैलाश गौतम ।
13. ‘चिन्ता नए जूते की’ (निबंध-संग्रह) के लेखक हैं ?
(क) कैलाश गौतम
(ख) प्रेमचंद
(ग) अज्ञेय
(घ) निराला
उत्तर : (क) कैलाश गौतम ।
14. ‘आदिम राग’ (गीत-संग्रह) के कवि हैं ?
(क) फणीश्वरनाथ रेणु
(ख) शिवपूजन सहाय
(ग) कैलाश गौतम
(घ) बंग महिला
उत्तर : (ग) कैलाश गौतम।
15. ‘तंबुओं का शहर’ किस विधा की रचना है ?
(क) उपन्यास
(ख) कहानी
(ग) कविता
(घ) रिपोतार्ज
उत्तर : (क) उपन्यास ।
16. ‘तीन चौथाई अंश’ किसकी रचना है ?
(क) कन्हैयालाल नंदन
(ख) कीर्ति चौधरी
(ग) कैलाश गौतम
(घ) रघुवीर सहाय
उत्तर : (ग) कैलाश गौतम ।
17. ‘कविता लौट पड़ी’ के रचनाकार कौन हैं ?
(क) कैलाश गौतम
(ख) रघुवीर सहाय
(ग) यतीन्द्र मिश्र
(घ) नागार्जुन
उत्तर : (क) कैलाश गौतम ।
18. ‘जै-जै सियाराम’ के रचनाकार कौन हैं ?
(क) रैदास
(ख) कैलाश गौतम
(ग) कबीर
(घ) रवीन्द्रनाथ टैगोर
उत्तर : (ख) कैलाश गौतम ।
19. ‘अमौसा क मेला’ के रचनाकार कौन हैं ?
(क) अनामिका
(ख) ऋतुराज
(ग) राजेश जोशी
(घ) कैलाश गौतम
उत्तर : (घ) कैलाश गौतम ।
20. ‘कचहरी और गाँव गया था’ – किसकी रचना है ?
(क) कैलाश गौतम
(ख) रघुवीर सहाय
(ग) यतीन्द्र मिश्र
(घ) गुणाकर मुले
उत्तर : (क) कैलाश गौतम ।
21. ‘गाँव से भागा’ के रचनाकार कौन हैं ?
(क) रामदरश मिश्र
(ख) यतीन्द्र मिश्र
(ग) राम कुमार वर्मा
(घ) कैलाश गौतम
उत्तर : (घ) कैलाश गौतम।
22. निम्नलिखित में से कौन-सा सम्मान कैलाश गौतम को नहीं मिला है ?
(क) साहित्य अकादमी पुरस्कार
(ख) परिवार सम्मान
(ग) ऋतुराज सम्मान
(घ) यशभारती सम्मान
उत्तर : (क) साहित्य अकादमी पुरस्कार।
23. कैलाश गौतम को मरणोपरांत कौन-सा पुरस्कार प्रदान किया गया ?
(क) पभूषण
(ख) यश भारती सम्मान
(ग) ऋतुराज सम्मान
(घ) परिवार सम्मान
उत्तर : (ख) यशभारती सम्मान।
24. ‘मरद निखट्टू’ किसे कहा गया है ?
(क) लेखपाल को
(ख) नौरंगिया के पति को
(ग) महाजन को
(घ) इनमें से किसी को नहीं
उत्तर : (ख) नौरंगिया के पति को।
25. ‘जनखा’ का अर्थ है ?
(क) जन्म देने वाला
(ख) जन्मा हुआ
(ग) जन्म से
(घ) स्त्रैण
उत्तर : (घ) स्त्रैण।
26. ‘जोइला’ का अर्थ है ?
(क) नपुंसक
(ख) जैसा है
(ग) जैसा
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (क) नपुंसक।
27. ‘लाल न होता ऐसा कोयला’ का अर्थ है ?
(क) बेशर्म
(ख) नहीं जलने वाला कोयला
(ग) काला
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (ख) नहीं जलने वाला कोयला ।
28. नौरंगिया की बोली कैसी है ?
(क) कड़वी
(ख) मीठी
(ग) व्यंग्यात्मक
(घ) प्रतीकात्मक
उत्तर : (ख) मीठी ।
29. ‘उसको भी वह शान से जीती’ में ‘उसको’ से कौन संकेतित है ?
(क) पति
(ख) लेखपाल
(ग) ठेकेदार
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (क) पति ।
30. गाँव-गली में किसकी चर्चा है ?
(क) ठेकेदार की
(ख) महाजन की
(ग) नौरंगिया की
(घ) लेखपाल की
उत्तर : (ग) नौरंगिया की।
31. अखबार की सुर्खी के समान किसे बताया गया है ?
(क) नौरंगिया की चर्चा को
(ख) समाचार को
(ग) फसल को
(घ) ढहती भीत को
उत्तर : (क) नौरंगिया की चर्चा को।
32. नौरंगिया कहाँ की है ?
(क) डिग्धी की
(ख) बनारस की
(ग) चन्दौली की
(घ) गंगा पार की
उत्तर : (घ) गंगा पार की।
33. ‘शीशे के साँचे में पानी’ का अर्थ है ?
(क) सुघड़-सुन्दर
(ख) शीशे के बर्त्तन में भरा पानी
(ग) शीशे में जमा बर्फ
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (क) सुघड़-सुन्दर ।
34. ‘अमोले’ का अर्थ है ?
(क) आँवला का पौधा
(ख) आम का पौधा
(ग) अमूल्य
(घ) सुन्दर
उत्तर : (ख) आम का पौधा ।
35. ‘काला भँवरा’ से किसे संकेतित किया गया है ?
(क) काले-काले लटों को
(ख) भौंरो को
(ग) काले चेहरे को
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (क) काले-काले लटों को ।
36. ईश्वर की अद्भुत रचना किसे कहा गया है ?
(क) नौरंगिया के पति को
(ख) लेखपाल को
(ग) नौरंगिया को
(घ) ठेकेदार को
उत्तर : (ग) नौरंगिया को।
37. किन दोनों की नीयत एक जैसी है ?
(क) नौरंगिया और उसके पति की
(ख) नौरंगिया और ठेकेदार की
(ग) नौरंगिया और लेखपाल की
(घ) लेखपाल और ठेकेदार की
उत्तर : (घ) लेखपाल और ठेकेदार की।
38. नौरंगिया निम्नलिखित में से किसे नहीं मारती ?
(क) गाय
(ख) गोंजर
(ग) बिच्छू
(घ) साँप
उत्तर : (क) गाय ।
39. ‘बिना कान का आदमी’ किसकी रचना है ?
(क) कैलाश गौतम
(ख) अनामिका
(ग) ऋतुराज
(घ) राजेश जोशी
उत्तर : (क) कैलाश गौतम ।
40. नौरंगिया के सीधेपन की तुलना किससे की गई है ?
(क) साँप से
(ख) गोंजर सें
(ग) गाय से
(घ) लाठी से
उत्तर : (घ) लाठी से।
41. नौरंगिया की आँखों में किसके सपने हैं ?
(क) खुशहाल जीवन के ।
(ख) पति के
(ग) अच्छी फसल के
(घ) सुंदर घर के
उत्तर : (क) खुशहाल जीवन के ।
42. गहने नहीं छुड़ा पाने पर नौरंगिया किस प्रकार रह जाती है ?
(क) गुस्सा कर
(ख) लाचार होकर
(ग) मन मसोस कर
(घ) आँसू बहाकर
उत्तर : (ग) मन मसोस कर ।
43. ‘ढहती भीत’ का अर्थ है ?
(क) ढहती दीवार
(ख) भयभीत
(ग) भय का न होना
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (क) ढहती दीवार ।
44. नौरंगिया के पैरों में चप्पल है ?
(क) खरीदा गया
(ख) मंगनी की
(ग) उधार का
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (ख) मंगनी की।
45. नौरंगिया की नई साड़ी है ?
(क) लाल
(ख) नकद खरीदी
(ग) नीली
(घ) उधार की
उत्तर : (घ) उधार की।
46. नौरंगिया पर किसकी नीयत खराब है ?
(क) लेखपाल और ठेकेदार की
(ख) लेखपाल और महाजन की
(ग) लेखपाल और पति की
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर : (क) लेखपाल और ठेकेदार की।
47. नौरंगिया किसके बूते (बल पर) खेती करती है?
(क) पति के
(ख) महाजन के
(ग) अपने
(घ) ठेकेदार के
उत्तर : (ग) अपने ।
48. नौरंगिया किस विधा की रचना है ?
(क) कहानी
(ख) कविता
(ग) निबंध
(घ) संस्मरण
उत्तर : (ख) कविता ।
49. ‘कहने को कुछ होंठ खुले हैं’ – किसके बारे में कहा गया है ?
(क) नौरंगिया
(ख) लेखपाल
(ग) ठेकेदार
(घ) महाजन
उत्तर : (क) नौरंगिया ।
50. नौरंगिया के सामने महाजन कब खड़ा हो जाता है?
(क) जब उसका पति घर पर नहीं होता
(ख) जब वह साँप मारती है
(ग) जब वह विविध भारती सुनती है
(घ) जब फसल पक जाती है
उत्तर : (घ) जब फसल पक जाती है।
51. नौरंगिया क्या नहीं छुड़ा पाती है?
(क) गिरवी रखा घर
(ख) गिरवी रखे गहने
(ग) गिरवी रखी चप्पल
(घ) गिरवी रखी नई साड़ी
उत्तर : (ख) गिरवी रखे गहने।
52. ‘कसी देह और भरी जवानी’ किसके बारे में कहा गया है ?
(क) नौरंगिया के पति के बारे में
(ख) लेखपाल के बारे में
(ग) नौरंगिया के बारे में
(घ) महाजन के बारे में
उत्तर : (ग) नौरंगिया के बारे में।
53. नौरंगिया किसे नहीं मानती है?
(क) देवी-देवता को
(ख) गाँव वालों को
(ग) पति को
(घ) महाजन को
उत्तर : (क) देवी-देवता को ।
54. नौरंगिया किससे लोहा लेती है ?
(क) लेखपाल से
(ख) ठेकेदार से
(ग) सरकार से
(घ) ताकतवार से
उत्तर : (घ) ताकतवार से।
55. ‘मरद निखट्टू’ किसे कहा गया है ?
(क) ठेकेदार को
(ख) लेखपाल को
(ग) नौरंगिया के पति को
(घ) इनमें से किसी को नहीं
उत्तर : (ग) नौरंगिया के पति को ।
56. किसके सीधेपन की तुलना लाठी से की गई है ?
(क) अर्पणा
(ख) साफिया की
(ग) नौरंगिया की
(घ) अनामिका की
उत्तर : (ग) नौरंगिया की।
57. ‘पैरों में मंगनी के चप्पल, साड़ी नई उधार की हैं’ – यह किसे कहा गया है ?
(क) जनखा के बारे में
(ख) रंगैय्या के बारे में
(ग) नौरंगिया के बारे में
(घ) गंगा के बारे में
उत्तर : (ग) नौरंगिया के बारे में।
58. कौन देवी-देवता नहीं मानती, छक्का-पंजा नहीं जानती ?
(क) ठेकेदारिन
(ख) लेखपाल
(ग) कवयित्री
(घ) नौरंगिया
उत्तर : (घ) नौरंगिया।