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तरंग किसे कहते हैं | विद्युत चुंबकीय तरंग किसे कहते हैं

तरंग किसे कहते हैं | विद्युत चुंबकीय तरंग किसे कहते हैं

तरंग
तरंग (Wave)
◆ तरंगों के द्वारा ऊर्जा का एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानांतरण होता है। तरंगे कई प्रकार की होती है, जैस- पानी की तरंगें, ध्वनि की तरंगे तथा रेडियो तरंगें। इन सभी द्वारा ऊर्जा का एक स्थान से दूसरे स्थान तक संचरण होता है।
◆ पानी की तरंगों व ध्वनि की तरंगों के लिए एक माध्यम (Medium) की आवश्यकता होती है तथा ये तरंगें माध्यम को बिना नुकसान पहुँचाये आगे बढ़ती हैं। जबकि प्रकाश तरंगों और रेडियो तरंगों के संचरण के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं पड़ती तथा ये तरंगें निर्वात् (Vaccum) में चलती है।
तरंगों के प्रकार (Types of Waves)
◆ तरंगों को मुख्यतः दो भागों में बाँटा जा सकता है-
1. यांत्रिक तरंगें (Mechanical Waves)
2. अयांत्रिक तरंगें (Non-Mechanical Waves) या विद्युत चुम्बकीय तरंगें (Electro- Magnatic Waves)
1. यांत्रिक तरंगें (Mechanical Waves)
◆ यदि किसी शांत नदी या तालाब के जल में कोई पत्थर का टुकड़ा फेंका जाये तो जहाँ पत्थर गिरता है, उस स्थान पर एक विक्षोभ (Disturbance) उत्पन्न हो जाता है। यह विक्षोभ बगैर कोई अपना रूप बदले बाहर की ओर बढ़ने लगता है तथा किनारे तक पहुँच जाता है। इस प्रकार किसी माध्यम (Medium) में उठे विक्षोभ को यांत्रिक तरंगें कहते हैं। यांत्रिक तरंगों के किसी माध्यम में संचरण के लिए यह आवश्यक है कि माध्यम में प्रत्यास्थता (Elasticity) व जड़त्व (Insetia) के गुण मौजूद हों। ये तरंगें ठोस, द्रव अथवा गैस में संचरित होती हैं।
यांत्रिक तरंगों के प्रकार (Types of Machanical Waves)
◆ यांत्रिक तरंगें दो प्रकार की होती हैं- (i) अनुप्रस्थ तरंगें (Transverse Waves) (ii) अनुदैर्ध्य तरंगें (Longitudinal Waves).
(i) अनुप्रस्थ तरंगें (Transverse Wave) : जब किसी माध्यम में यांत्रिक तरंग के संचरित होने पर माध्यम के कण तरंग के चलने की दिशा में लंबवत् (Perpendicular) कंपन करते हैं. उसे अनुप्रस्थ तरंगें कहते हैं। अनुप्रस्थ तरंगें केवल ठोस में उत्पन्न की जा सकती है। द्रवों के भीतर ये तरंगें उत्पन्न नहीं की जा सकती है, लेकिन उनकी सतह पर उत्पन्न की जा सकती हैं। गैसों में अनुप्रस्थ तरंगें उत्पन्न नहीं की जा सकती। अनुप्रस्थ तरंगें शृंग (Crest) व गर्त (Trough) के रूप में संचरति होती है।
(ii) अनुदैर्ध्य तरंगें (Longitudinal Waves) : जब किसी माध्यम में यांत्रिक तरंगें इस प्रकार चलती हैं कि माध्यम के कण तरंग के संचरण की दिशा में समांतर (अनुदिशा) कंपन करते हैं तो ऐसी तरंगों को अनुदैर्ध्य तरंगें कहते हैं। अनुदैर्ध्य तरंगें सभी माध्यमों (ठोस. द्रव, गैस) में उत्पन्न की जा सकती हैं। ये तरंगें संपीड़न (Compression) व विरलन (Rarefaction) के रूप में संचरित होती हैं। वायु में उत्पन्न तरंगें अनुदैर्ध्य तरंगें होती हैं। भूकंप तरंगें, स्प्रिंग में उत्पन्न तरंगें भी अनुदैर्ध्य तरंगों के उदाहरण हैं।
2. विद्युत चुम्बकीय तरंगें (Electromagnetic Waves)
◆ वैसी तरंगें जिसके संचरण के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है, अर्थात् तरंगें निर्वात (Space) में भी संचरित हो सकती है, उन्हें विद्युत चुम्बकीय या अयांत्रिक तरंगें (Electromagnetic or Non-Mechanical Wave) कहते हैं। सभी विद्युत चुम्बकीय तरंगें एक ही चाल से चलती हैं जो प्रकाश की चाल के बराबर होती हैं।
◆ सभी विद्युत चुम्बकीय तरंगें फोटॉन की बनी होती हैं।
◆ विद्युत चुम्बकीय तरंगों का तरंगदैर्ध्य परिसर (Wave Length Range) 10¯14मी. से लेकर 104 मीटर तक होता है।
विद्युत चुम्बकीय तरंगों के गुण
(i) यह उदासीन होती है।
(ii) यह अनुप्रस्थ होती है।
(iii) यह प्रकाश के वेग से गमन करती है।
(iv) इसके पास ऊर्जा एवं संवेग होती है।
(v) इसकी अवधारणा मैक्सवेल (Maxwell) के द्वारा प्रतिपादित किया गया।
प्रमुख विद्धुत चुम्बकीय तरंगें
क्र. सं.  विद्धुत चुम्बकीय तरंगें खोजकर्ता  तरंगदैर्ध्य परिसर  आवृति  उपयोग 
1. गामा – किरणें  बैकूलर  10¯14   

m से 10¯10 

m तक

1020  से 

1018  तक 

इसकी वेधन क्षमता अत्यधिक होती हैं, इसका उपयोग नाभकीय अभिक्रिया तथा कृतिम  रेडियोधमिरता मे की जाती है |
2. एक्स किरणें  रांजन  10¯10    

m से 10¯

m तक

1018   से 

1016  तक 

चिकित्सा एवं औधोगिक क्षेत्र में इसका उपयोग किया जाता है |
3. पराबैगनी किरणें  रिटर  10¯8   

m से 10¯

m तक

1016  से 

1016  तक 

सेंकाई करने,प्रकाश – विद्धुत प्रभाव को उत्पन्न करने,बैक्टीरिया को नष्ट करने में किया जाता हैं | 
4. दृश्य विकिरण  न्यूटन  3.9 x 107  

m से 7.8 x 10¯7

m तक

1014  से 

1016  तक 

इससे हमे वस्तुए दिखलाई परती हैं 
5. अवरक्त विकिरण  हरशैल  7.8 x 10¯7  से

10¯7 m तक 

1012 से 

1010 तक 

ये किरणें ऊष्मीय विकिरण हैं | ये जिस वस्तु पर परती हैं ,उसका ताप बढ़ जाता है |इसका उपयोग कुहरे में फोटो ग्राफी करने एवं रोगियों की सेंकाई करने मे किया जाता हैं 
6. लघु रेडियो तरंगें या हर्टजियन तरंगें  हेनरिक हर्टज  10¯3   1 m से 1 m तक  1010 से 

108  तक 

रेडियो,टेलीविजन एवं  टेलीफोन में  उपयोग होता है
7. दीर्घ रेडियो तरंगें  मारकोनी  1 m से 10m तक 106  से

104 तक 

रेडियो एवं टेलीविजन में  उपयोग होता है
नोट : – 10¯ m से 10¯ m की तरंगे सूक्ष्म तरंगें कहलाती हैं
तरंग गति (Wave Motion)
◆ किसी कारक द्वारा उत्पन्न विक्षोभ (Disturbance) के आगे बढ़ने की प्रक्रिया को तरंग गति कहते हैं।
◆ आवर्त गति में कंपन करते हुए किसी कण की किसी कण पर स्थिति तथा गति की दिशा को जिस राशि द्वारा निरूपित किया जाता है, उसे उस कण पर के कंपन की कला (Phase of Vibration) कहते हैं।
◆ निम्न तरंगें विद्युत चुम्बकीय नहीं हैं-
(a) कैथोड किरणें (b) कैनाल किरणें (c) अल्फा-किरणें (d) बीटा-किरणें (e) ध्वनि तरंगें (f) पराश्रव्य किरणे
◆ आवृत्ति (Frequency) : माध्यम का कंपन करता हुआ कोई कण एक सेकंड में जितने कंपन करता है, उसे आवृत्ति कहते हैं।
◆ आवर्त्त काल (Time Period) : माध्यम का कंपन करता हुआ कोई कण एक कंपन पूरा करने में जितना समय लेता है, उसे आवर्त काल कहते हैं। इसे प्रायः T से प्रदर्शित करते हैं।
◆ आयाम (Amplitude) : दोलन करने वाली वस्तु अपनी साम्यावस्था (Equilibrum Position) की किसी भी ओर जितनी अधिक से अधिक दूरी तक जाती है, उस दूरी को दोलन का आयाम कहते हैं।
◆ तरंगदैर्ध्य (Wave-Length) : माध्यम के किसी कण के एक कंपन पूरा किये जाने पर तरंग जितनी दूरी तय करती है, उसे तरंगदैर्ध्य कहते हैं। इसे λ (लैम्डा) से व्यक्त किया जाता है। अनुप्रस्थ तरंगों में दो पास-पास के शृंगों अथवा गर्मों के बीच की दूरी तथा अनुदैर्ध्य तरंगों में क्रमागत दो संपीड़नों या विरलनों के बीच की दूरी तरंगदैर्ध्य कहलाती है।
◆ सभी प्रकार की तरंगों में तरंग की चाल, तरंगदैर्ध्य एवं आवृत्ति के बीच निम्न सम्बन्ध होता है-
तरंग चाल = आवृत्ति x तरंगदैर्ध्य या v = nλ.

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