1st Year

पाठ्यचर्या में भाषा का क्या अभिप्राय है? पाठ्यचर्या में भाषा की आवश्यकता एवं लाभ का उल्लेख कीजिए ।

प्रश्न  – पाठ्यचर्या में भाषा का क्या अभिप्राय है? पाठ्यचर्या में भाषा की आवश्यकता एवं लाभ का उल्लेख कीजिए ।
What do you mean by Language Across the Curriculum? Describe the Need and Benefits of Language in Curriculum.
उत्तर- पाठ्यचर्या में भाषा [ Language Across the Curriculum (LAC)]
मनुष्य एक विवेकशील प्राणी होने के साथ-साथ सामाजिक, प्राणी भी है। सामाजिकता को प्राप्त करने के लिए उसे सम्प्रेष की आवश्यकता होती है। जिसके लिए उसके पास भाषा है। विवेक यानि बुद्धि जिसकी आवश्यकता ज्ञान होता है जिसको प्राप्त करने के लिए कोई माध्यम होना चाहिए। वह माध्यम मनुष्य के लिए भाषा है।

यह एक आधुनिक व नया उपागम है। यह तीन शब्दों से मिलकर बना है –

संक्षिप्त में पाठ्यक्रम के तहत भाषा का प्रयोग । विद्यालय के समय के दौरान भाषा की कक्षा के साथ दूसरे विषयों की कक्षा में भी भाषा सीखना होता है। यह पाठ्यक्रम को समृद्ध बनाता है जो छात्रों को भाषागत कुशलताओं के प्रयोग का अवसर भाषाकक्षा के अलावा अन्य विषयों में भी प्रदान करता है। एल.ए. सी. एक मार्ग प्रदान करता है जो छात्रों को भाषा कौशल का प्रयोग न केवल परम्परागत रूप से केवल भाषा सीखने में ही नहीं बल्कि शैक्षिक व व्यावसायिक विषयों के द्वारा भी भाषा पाठ्यक्रम की शब्दावली, सम्प्रत्य सिखाता है।

वास्तव में सभी विषयों के ज्ञान प्राप्ति में भाषा का ज्ञान भी प्राप्त होता है। यह समझने की आवश्यकता है कि भाषा की शिक्षा केवल भाषा की कक्षा तक सीमित नहीं है। सभी अध्यापकों को पाठ्यक्रम के तहत भाषा ज्ञान की इस नयी तकनीक के महत्त्व को समझना जरूरी है। अध्यापकों को चाहिए कि छात्रों का विकास करने के साथ भाषा का भी विकास करें।

इस प्रकार एल.ए.सी. एक ऐसी नीति है जिसके अनुसार भाषा शिक्षा (Language Education) सिर्फ भाषा विषय से ही नहीं होता बल्कि सभी दूसरे विषय विद्यालय में होने वाली क्रियाएँ तथा सारे पाठ्यक्रम के दौरान भी भाषा की शिक्षा के अवसर मिलते रहते हैं। इसके द्वारा छात्र अपनी भाषा कुशलता को बढ़ाते हैं ।

पाठ्यचर्या में भाषा की आवश्यकता (Need of Language in the Curriculum)
  1. भाषा को प्रभावपूर्ण सीखने के लिए (For Effective Learning of Language) – भाषा को विषय के रूप में सीखा जाता है। उसका गहरा ज्ञान व कुशलतापूर्वक प्रयोग, दूसरे विषयों के माध्यम से * सीखा जाता है। सभी विषयों की अलग-अलग शब्दावली समतुल्य होते हैं, उनका ज्ञान भाषा को भी समृद्ध करता है व प्रभावशाली तरीके से भाषा सीखी जाती है।
  2. भाषा व विषयों का सम्बन्धित होना (Integration of Language and Subjects) – भाषा के माध्यम से ही सभी विषयों का ज्ञान प्राप्त होता. है। सभी प्रकार की जानकारी का आधार भाषा है। सभी विषयों के द्वारा भाषा की व्यावहारिक कुशलता बढ़ती है। अतः भाषा द्वारा विषयों के सम्प्रत्य तथा विषयों द्वारा भाषा पर कुशलता का निर्माण करने की आवश्यकता है।
  3. सम्प्रेषण में अभिव्यक्ति के लिए (For Expression in Communication) – विभिन्न विषयों के द्वारा भाषा का ज्ञान अलग–अलग सन्दर्भ में प्राप्त होता है। सामाजिक विज्ञान, गणित, विज्ञान आदि के ज्ञान से अलग-अलग परिस्थितियों में भाषा के प्रयोग की जानकारी मिलती है तथा सम्प्रेषण में हाव-भाव के साथ वास्तविक रूप से अभिव्यक्त करने की कुशलता प्राप्त करने के लिए पाठ्यचर्या में भाषा उपागम का प्रयोग करना चाहिए।
  4. शैक्षिक ज्ञान में वृद्धि के लिए (To Increase Academic Knowledge)–पाठ्यचर्या में भाषा उपागम द्वारा भाषा ज्ञान में कुशलता बढ़ती है जिसके द्वारा छात्र शैक्षिक ज्ञान को बढ़ा सकते हैं। छात्र द्वारा शिक्षा प्राप्ति में स्वयं का प्रदर्शन बढ़ाने के लिए व शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए (LAC) उपागम एक सहायक के रूप में कार्य करता है।
  5. सीखने के अवसर बढ़ाने के लिए (To Increase Opportunities for Learning) – भाषा का ज्ञान विषयों को समझने में मदद करता है तथा विषयों के माध्यम से भाषा पर पकड़ बनती है। भाषा का व्यवहारिक व प्रयोगिक ज्ञान प्राप्त होता है। दोहरे प्रकार से सीखने के अवसर बढ़ाने के लिए एल.ए.सी. (LAC) उपांगम की आवश्यकता ।
पाठ्यचर्या में भाषा के लाभ (Benefits of Language in Curriculum)
  1. प्रभावशाली रूप में भाषा सीखना (Learning Language in an Effective Way) – LAC. उपागम में भाषा को प्रभावशाली रूप से सीखा जाता है। भाषा विषय में तथा साथ-साथ दूसरी विषयवस्तु के माध्यम से भी भाषा की जानकारी प्रदान की जाती है। प्रत्येक विषय का अध्यापक विषय ज्ञान से भाषा का ज्ञान भी प्रदान करता है | LAC प्रत्येक बच्चे में भाषा का विकास, भाषा का ज्ञानात्मक प्रयोग व स्कूल के प्रत्येक क्रिया में सहायता करती है। पहले छात्र भाषा केवल भाषा कक्षा में सीखता था और उसी कक्षा में अभ्यास करता था। परन्तु LAC के द्वारा भाषा को सभी कक्षाओं व क्रियाओं में सीखता है।
    जैसे-भाषा अध्यापक संज्ञा शब्द के बारे में सिखाता है तो विषय-वस्तु का अध्यापक पाठ में आने वाले संज्ञा शब्दों की पहचान करा सकता है। इतिहास पढ़ाने वाला अध्यापक सम्राट, राजाओं, महान नेताओं के नाम आदि से. अभ्यास करा सकता है ।
  2. भाषा का कुशलतापूर्वक उपयोग करना (Uses of Language Skillfully) – भाषा – कक्षा व विषय – कक्षा दोनों में भाषा सम्बन्धी ज्ञान प्राप्त होता है जिससे भाषा पर पकड़ मजबूत हो जाती है। विषय की कक्षाओं में भाषा का प्रयोग होता है तथा भाषा का अभ्यास भी होता रहता है। छात्र दोनों कक्षाओं की मदद से भाषा पर कुशलता प्राप्त . करके, प्रभावशाली प्रयोग कर सकते हैं ।
  3. ज्ञान में वृद्धि ( Increase in Knowledge) — जब एक साथ दो चीजों का ज्ञान प्राप्त होता है तो ज्ञान में बढ़ोत्तरी साथ – साथ हो जाती है। भाषा कक्षा में सैद्धान्तिक ज्ञान व विषय कक्षा में भाषा का प्रयोग करने का ज्ञान मिलता है तथा भाषा के माध्यम से आगे किसी भी प्रकार का ज्ञान प्राप्त कर खोजना, बाँटना आदि किया जा सकता है। इस प्रकार भाषा व विषयवस्तु पर ज्ञान में बढ़ोत्तरी होती है । अच्छी समझ का विकास होता है, जिस आधार पर नया ज्ञान प्राप्त करने का रास्ता खुल जाता है।
  4. भाषा नीति का निर्माण व क्रियान्वयन (Formulation and Implemention of Language Policy)-LAC उपागम के तहत स्कूल को सभी अध्यापकों व सभी कक्षाओं के लिए एक समान भाषा नीति का निर्माण करना है तथा उसे लागू करना है। सभी अध्यापकों को एक नीति के अनुसार विषयवस्तु के माध्यम से भाषा ज्ञान प्रदान करना होता है। भाषा को सिखाने के लिए अध्यापकों को सहयोग देना व सहयोग लेने की योग्यता आ जाती है।
  5. विषयवस्तु पर अच्छी समझ विकसित करना (Development of Good Understanding on Content Knowledge) – एल.ए. सी. उपागम के छात्र रटना छोड़ देते हैं। वे विषयवस्तु को भाषा के आधार पर समझते हैं। भाषा को कुशलतापूर्वक सीखने के लिए विषयवस्तु को माध्यम बनाते हैं। विषयवस्तु को छात्र पूरी समझ के साथ ग्रहण करते हैं।

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