1st Year

बचपन में शारीरिक विकास की विशेषताएँ । Characteristics of Physical Development during Childhood.

प्रश्न  – बचपन में शारीरिक विकास की विशेषताएँ । Characteristics of Physical Development during Childhood. 
उत्तर – बाल्यावस्था में शारीरिक विकास – 6 वर्ष से 12 वर्ष तक की अवस्था बाल्यावस्था कहलाती है। इस अवस्था में बालकों के भार एवं लंबाई दोनों में वृद्धि होती है। प्रायः लड़कियों का वजन लड़कों की अपेक्षा तेज गति से बढ़ता है। बाल्यावस्था में बालक की माँस पेशियों व अस्थियों का भी पर्याप्त विकास हो जाता है और वह माँसपेशियों पर नियन्त्रण स्थापित कर लेता है। इस उम्र में माँसपेशियों का भार शरीर के कुल भार का 27% हो जाता है। मस्तिष्क का भार भी कुल भार का 90% हो जाता है। बाल्यावस्था के अंत तक बालकों में सभी दाँत स्थायी हो जाते हैं। इस अवस्था में बालक के सभी अंगों का पूर्ण विकास हो जाता है। फलस्वरूप अब वह दूसरों पर निर्भर न रहकर अपने कार्य स्वयं करना प्रारम्भ कर देता है। बाल्यावस्था में लड़के एवं लड़कियों के यौनांगों का विकास तीव्र गति से होता है। क्रो एवं क्रो के अनुसार- बाल्यावस्था के प्रथम तीन वर्षों में (6–9) विकास की गति तीव्र होती है बाद के तीन वर्षों में यह गति मन्द हो जाती है किन्तु इस अवधि में शरीर में अधिक दृढ़ता आने लगती है। इसी कारण इस अवधि को समेकन चरण कहा जाता है। इस अवस्था में निम्न परिवर्तन दृष्टिगोचर होते हैं
  1. आकार और ऊँचाई (Size and Height) – इस अवस्था लम्बाई प्रतिवर्ष 2-3 इंच बढ़ती है। सामान्यतः इस आयु तक अर्थात् 6 से 9 वर्ष तक बालकों की लम्बाई बलिकाओं की अपेक्षा अधिक होती है। बाल्यावस्था के अंत तक बालिकाएँ बालकों से प्रायः लम्बाई में अधिक हो जाती हैं । 12 वर्ष की उम्र लड़कों की लम्बाई = 142 – 158सेमी0 एवं लड़कियों की लम्बाई – 144 – 160सेमी0 हो जाती है।
  2. भार या वजन (Weight) – प्रारम्भ काल अर्थात् 6–9 वर्ष में बालिकाएँ बालकों से वजन में कम होती हैं। 12 वर्ष की उम्र में लड़कियों का वजन लड़कों से अधिक होता है। 12 वर्ष लड़कों का वजन = 30 – 48 किग्रा0 एवं लड़कियों का 30 – 50 किग्रा0 होता है ।
  3. सिर एवं मस्तिष्क (Head and Brain) – सिर एवं मस्तिष्क का अनुपात वयस्कों के अनुपात के अनुसार होने लगता है। इस अवस्था के दौरान मस्तिष्क का लगभग सम्पूर्ण विकास का 95% हो जाता है।
  4. माँसपेशियाँ एवं अस्थियाँ (Muscles and Bones ) – माँसपेशीय विकास की गति थोड़ी धीमी पड़ जाती है जिसका कारण बालक-बालिकाओं का विद्यालय जाना और शारीरिक तथा मानसिक कार्य करना है। अस्थियाँ मजबूत हो जाती हैं। इस अवस्था के अंत तक बालकों के कंधे की हड्डियाँ चौड़ी तथा कूल्हे की पतली हो जाती है तथा इसके विपरीत बालिकाओं के कूल्हे की हड्डी चौड़ी तथा कन्धे की पतली हो जाती है।
  5. दाँत (Teeth) – 12 वर्ष की अवस्था तक पहुँचते-पहुँचते सभी स्थायी दाँत आ जाते हैं। दाँतों की संख्या लगभग 28 होती है बाकी के चार दाँत बुद्धि दाँत कहलाते हैं जो बाद में उगते हैं। बालकों में बालिकाओं की अपेक्षा दाँत कुछ देर से उगते हैं।
  6. यौन अंग ( Sex Organ) – यौन अंगों का विकास बालिकाओं में बालकों की अपेक्षा तीव्र गति से होता है । द्वितीयक यौन चिह्न दिखाई देने लगते हैं। ये बालिकाओं में बालकों से पहले दिखाई देते हैं।

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