1st Year

शिक्षण क्या है? शिक्षण की प्रकृति एवं विशेषताओं पर चर्चा कीजिए । What is Teaching? Describe in brief the nature and characteristics of Teaching.

प्रश्न  – शिक्षण क्या है? शिक्षण की प्रकृति एवं विशेषताओं पर चर्चा कीजिए । What is Teaching? Describe in brief the nature and characteristics of Teaching. 
उत्तर- शिक्षण की अवधारणा एवं परिभाषाएँ (Concept and Definitions of Teaching)
शिक्षण एक द्वि मार्गीय प्रक्रिया है जिसके द्वारा विचारों का आदान-प्रदान होता है। शिक्षण का अर्थ है पढ़ाना, शिक्षा देना, ज्ञान देना। यह शिक्षक-शिक्षार्थी की उपस्थिति में सम्पन्न होने वाली अन्तः क्रिया है और इस अन्तःक्रिया का माध्यम पाठ्यवस्तु होती है। इस प्रक्रिया में शिक्षक-शिक्षार्थी को निर्धारित विषयों में पूर्ण ज्ञान की प्राप्ति हेतु ज्ञान एवं कुशलता प्रदान करता है। शिक्षक एवं शिक्षार्थी की सफलता का मूल्यांकन इस तथ्य पर – निर्भर करता है कि पाठ्यवस्तु के बारे में शिक्षक द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देने में शिक्षार्थी कितने योग्य हैं। शिक्षणशास्त्र (Pedagogy) शिक्षण के अध्ययन की कला है। शिक्षण कार्य वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक शिक्षक अपने छात्रों को ज्ञान एवं कौशल प्रदान करता है। ज्ञान एवं कौशल को प्रवाहित करने वाली कार्य प्रक्रिया एवं कला को शिक्षण कहते हैं। शिक्षण की कुछ महत्त्वपूर्ण परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं-
एडमंड – एमीडन के अनुसार, “शिक्षण एक अन्तः क्रियात्मक प्रक्रिया है जो कक्षागत परिस्थितियों में वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए शिक्षक तथा विद्यार्थियों के मध्य होती है।”
According to Edmund and Amidon, “Teaching is an interactive process primarily involving classroom talk which takes place between teacher and pupil and occurs during certain definable activities.”
बी. ओ. स्मिथ के अनुसार, “शिक्षण क्रियाओं की एक विधि है जो सीखने की उत्सुकता जागृत करती है।”
According to B.O. Smith, “Teaching is a system of actions intended to produce learning.”
बर्टन के अनुसार, “शिक्षण सीखने के लिए प्रेरणा पथ प्रदर्शन, पथ निर्देशन एवं प्रोत्साहन है । “
According to Burton, “Teaching is the stimulation, guidance, direction and encouragement of learning.”

शिक्षण की विशेषताएँ (Characteristics of Teaching)

  1. अधिगम (सीखने) में सहायक ( Helpful in Learning)शिक्षण वह माध्यम है जिसके द्वारा शिक्षार्थियों को विभिन्न विषयों का ज्ञान प्रदान किया जाता है। शिक्षण के द्वारा विद्यार्थी विभिन्न विषयों को सीखते हैं जिनकी आवश्यकता उनका सर्वांगीण विकास करने में होती है।
  2. सूचना सम्प्रेषण (Information Communication)• शिक्षण वह प्रक्रिया है जो संभवतः किसी भी परिवेश में हो सकती है तथा जिसके द्वारा विभिन्न प्रकार की सूचनाओं का संप्रेषण किया जाता है। यह ज्ञानार्जन का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत होती है।
  3. कौशल क्षमता का विकास (Skills Development)— शिक्षण द्वारा छात्रों में कौशल क्षमता का विकास किया जाता है।
  4. छात्रों का व्यवहार परिवर्तन (Behavioral Changes of Students) – शिक्षण, व्यवहार परिवर्तन की एक प्रक्रिया है। शिक्षण के द्वारा शिक्षक शिक्षार्थियों को विभिन्न प्राचीन एवं सामयिक सूचनाएँ देता है। शिक्षार्थियों को जैसी सूचनाएँ दी जाती हैं वे वैसा ही व्यवहार करने की ओर प्रेरित होते हैं ।
  5. बेहतर सम्बन्धों का निर्माण (Building Better तथा Relations) – शिक्षण का तात्पर्य शिक्षक-शिक्षार्थी पाठ्यक्रम के मध्य एक अच्छा सम्बन्ध स्थापित करना है। शिक्षण शिक्षक शिक्षार्थी तथा विषय में सम्बन्ध स्थापित करता है। शिक्षण शिक्षक एवं शिक्षार्थी के मध्य सामाजिक व जनतांत्रिक सम्बन्धों का निर्माण करता है तथा अन्तःक्रिया द्वारा ज्ञान का आदान-प्रदान करता है। जॉन ड्यूवी तथा रायबर्न ने शिक्षण को एक त्रिमुखी प्रक्रिया बताया है। ये त्रिमुखी है- शिक्षक, शिक्षार्थी एवं विषय |
  6. उद्देश्यों एवं लक्ष्यों की प्राप्ति (Attainment of Goals and Objectives)—शिक्षण उद्देश्यपूर्ण प्रक्रिया है जिसके द्वारा उद्देश्यों एवं लक्ष्यों की पूर्ति की जा सकती है।
  7. सामाजिक विकास (Social Development) – शिक्षण एक सामाजिक प्रक्रिया है क्योंकि यह शिक्षक व छात्रों के बीच में ही सम्पादित होती है। उत्तम शिक्षण के द्वारा व्यक्ति व समाज दोनों ही उन्नति करते हैं। उत्तम शिक्षण सहानुभूतिपूर्ण होता है।
  8. अनुकूलन में शिक्षण विद्यार्थी को वातावरण से सहायक (Helpful in Adaptation) – अनुकूलन करने में सहायता प्रदान करता है। यह छात्र को संवेगात्मक स्थायित्व देने के साथ-साथ उसे वातावरण से सामंजस्य स्थापित करने के योग्य बनाता है।
  9. व्यावसायिक प्रक्रिया ( Commercial Process ) – शिक्षण एक व्यावसायिक प्रक्रिया है। इसको बहुत से व्यक्ति जीविकोपार्जन का साधन मानते हैं। शिक्षक, शिक्षण से अपना जीविकोपार्जन करता है।

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