सहकर्मी शिक्षण का अर्थ एवं विशेषताएँ लिखिए तथा इसके महत्त्व की व्याख्या कीजिए | Write the meaning and definitions of peer tutoring and explain its importance
प्रश्न – सहकर्मी शिक्षण का अर्थ एवं विशेषताएँ लिखिए तथा इसके महत्त्व की व्याख्या कीजिए |
Write the meaning and definitions of peer tutoring and explain its importance.
उत्तर- सहकर्मी शिक्षण (Peer Tutoring)
सहकर्मी शिक्षण एक लचीला, सहकर्मी की मध्यस्थता की रणनीति है जिसमें एक कक्षा के अन्तर्गत उच्च बौद्धिक क्षमता एवं उपलब्धि वाला छात्र सामान्य एवं निम्न क्षमता एवं उपलब्धि वाले छात्रों को अध्ययन में सहायता करता है अर्थात् वह एक शिक्षक के रूप में शिक्षण कार्य करता है। इसमें सहकर्मी शिक्षण हेतु अलग-अलग छात्रों को चुना जा सकता है, यह उनकी विषयवस्तु सम्बन्धी योग्यता पर निर्भर करता है। यह आवश्यक नहीं है कि एक ही छात्र सभी विषय अथवा सभी प्रकरण में दक्ष हो । इस प्रकार अलग-अलग समय में अलग-अलग सहकर्मी शिक्षक, विषय एवं प्रकार के अनुसार शिक्षण कार्य कर सकते हैं।
सहकर्मी शिक्षण की विशेषताएँ
- यह उम्र, ग्रेड स्तर और विषय क्षेत्रों में एक व्यापक शोध अभ्यास है।
- सहकर्मी शिक्षण छात्रों को एक दूसरे से सहायता प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।
- छोटे समूहों में प्रतिक्रिया करने के लिए छात्र के अवसरों में वृद्धि करता है।
- यह सहकर्मी शिक्षण शिक्षक एवं शिक्षार्थी के लिए शैक्षणिक एवं सामाजिक विकास को बढ़ावा देता है ।
- छात्र की शैक्षिक कार्यों में संलग्नता को बढ़ावा देता है।
- सहकर्मी शिक्षण आत्मविश्वास एवं आत्म प्रभावकारिता में वृद्धि करता है ।
- यह रणनीति एवं अनुसन्धान के आधार पर क्रियान्वित किया जाता है।
सहकर्मी शिक्षण के लाभ एवं महत्त्व
- वैयक्तिक अनुदेशन में सहायक (Helpful in Individualised Instruction) – विद्यालय के वैयक्तिक अनुदेशन एवं मार्गदर्शन प्राप्त करने हेतु सहपाठी शिक्षण / ट्यूटरिंग एक उचित विकल्प के रूप में कार्य कर सकता है। विद्यालयों में सहपाठी ट्यूटरों के साथ अन्य अनेक ट्यूटरों की सेवाएँ उपलब्ध हो सकती हैं।
- उचित अनुदेशन एवं मार्गदर्शन सेवाओं की उपलब्धि (Achievement of Proper Guidance and Counselling Services) – समावेशी बालकों के समुचित विकास हेतु सहपाठी अधिगम को प्रोत्साहन दिया जाता है। सहपाठी शिक्षण ट्यूटरिंग के माध्यम से बालक प्रायः अपने सहपाठियों से अनुदेशन एवं मार्गदर्शन प्राप्त करके अच्छी तरह से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसके कुछ कारण कार्य करते हुए प्रतीत होते हैं –
- अपने सहपाठियों से सुगमतापूर्वक अनुदेशन प्राप्त करते हैं। अध्यापकों की अपेक्षा उनसे डर, झिझक आदि का अनुभव नहीं करते हैं।
- सहपाठी ट्यूटर के अनुभव से छात्र को उचित अनुदेशन एवं परामर्श प्राप्त होता है। अतः अनुभवों से लाभ उठाना सहपाठी अधिगम द्वारा ही सफल हो सकता है।
- समावेशी बालक सहपाठी ट्यूटर से अभ्यास कार्य एवं प्रशिक्षण कार्य में सहायता प्राप्त कर सकते हैं तथा अध्यापकों की आलोचना एवं परीक्षण आदि से बचे रहते हैं।
- द्वितरफा लाभ प्राप्ति (Proving Advantageous in both Ways ) – सहपाठी शिक्षण का प्रयोग न केवल साथी छात्रों को उनके अधिगम और प्रशिक्षण में अधिक सहयोगी और प्रभावी सिद्ध होता है बल्कि स्वयं ट्यूटर के रूप में कार्यरत विद्यार्थी को भी सेवाएँ प्रदान करने के लिए विभिन्न लाभों की प्राप्ति होती है। ट्यूटरिंग सेवाएँ इनके लिए एक वरदान सिद्ध होती है और सम्भव कौशलों के प्रति आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- विद्यालय प्रशासन में सहयोगी (Helpful in School Administration) – सहपाठी शिक्षण पद्धति विद्यालय में सहयोगी बालकों को विभिन्न उत्तरदायित्वों के वहन करने में अपेक्षित रूप से सहयोग प्रदान करती है। ट्यूटर के रूप में विद्यालय के प्रतिभाशाली, कुशल एवं मेधावी बालकों की सेवाएँ उपलब्ध हो जाती है। प्रायः इनसे मॉनीटर आदि के रूप में कक्षा और विद्यालय सम्बन्धी अनुशासन के व्यवस्थित संचालन में सहायता प्राप्त होती है एवं विद्यालय के अन्य प्रशासकीय कार्यों को भली-भाँति पूर्ण करने का कार्य भी उचित प्रकार से सम्भव हो जाता ।
