1st Year

समाजीकरण की प्रक्रिया समझाइए । (Explain the Process of Socialisation).

प्रश्न – समाजीकरण की प्रक्रिया समझाइए । (Explain the Process of Socialisation).
उत्तर- समाजीकरण की प्रक्रिया (Process of Socialisation)
  1. क्रिया का प्रारम्भ करना (Initiating Action) – किसी भी कार्य को करने के लिए व्यक्ति को मानसिक रूप से तैयार होना पड़ता है। व्यक्ति कितना भी मानसिक रूप से तैयार हो लेकिन बिना उद्दीपक (Stimulus) के वह कोई भी कार्य नहीं कर सकता है। यदि एक ही व्यक्ति भिन्न-भिन्न मानसिक दशाओं में से गुजरे तो समान उद्दीपक होने पर भी प्रतिक्रियाएँ अलग-अलग करता है।
  2. परिस्थिति का प्रत्यक्षीकरण (Perception of Situation) – चूँकि प्रत्येक व्यक्ति में व्यक्तिगत भिन्नता पाई जाती है, अतः एक ही परिस्थिति के प्रति हर व्यक्ति का दृष्टिकोण अलग-अलग होता है। कोई खेल हो, नाटिका हो, फिल्म हो हर किसी के प्रति प्रत्येक व्यक्ति अलग-अलग दृष्टिकोण रखता है। एक ही विषय-वस्तु किसी की नजर में बुरी होती है तो किसी की नजर में अच्छी। इस तरह हम देखते हैं कि किसी भी परिस्थिति का प्रत्यक्षीकरण व्यक्ति की व्यक्तिगत भिन्नता पर निर्भर करता है तथा उसी के अनुरूप व्यक्ति सामाजिक सम्बन्ध स्थापित करता है।
  3. उपयुक्त प्रतिक्रिया का दिखाना (Showing the Appropriate Response) – व्यक्ति जब समाज, घर या किसी भी सामाजिक वातावरण में रहता है तो उद्दीपक के प्रति कई तरह की प्रतिक्रियाएँ करता है। ये प्रतिक्रियाएँ अच्छी भी हो सकती हैं एवं बुरी भी। अच्छी प्रतिक्रियाओं पर उसे प्रशंसा मिलती है तथा वह उत्साहित भी होता है लेकिन गलत प्रतिक्रियाओं पर उसे नकारात्मक अभिवृत्तियों का सामना करना पड़ता है।
  4. प्रतिक्रिया का सीखना ( Learning the Response ) – जब व्यक्ति समाज़ में रहकर कुछ प्रतिक्रियाएँ करता है, इनमें से जो अच्छी या बुरी हो सकती है अच्छी प्रतिक्रिया पर उसे प्रशंसा मिलती है तो ऐसी प्रतिक्रियाओं को वह अपनी आदतों में शामिल कर लेता है। इस प्रकार समाज द्वारा स्वीकृत व प्रशंसित होती हैं। इस प्रकार अच्छी प्रतिक्रियाओं से व्यक्ति सीखता है।

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