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प्रथम विश्वयुद्ध का उत्तरदायित्व

प्रथम विश्वयुद्ध का उत्तरदायित्व

प्रथम विश्वयुद्ध का उत्तरदायित्व

प्रथम विश्वयुद्ध का उत्तरदायित्व किस पर था यह निश्चित करना कठिन है। युद्ध में सम्मिलित कोई भी पक्ष युद्ध के लिए अपने को उत्तरदायी नहीं मानता था। इसके विपरीत, सभी का तर्क था कि उन्होंने शांति-व्यवस्था बनाए रखने की चेष्टा की, परंतु शत्रु
राष्ट्रों की नीतियों के कारण युद्ध हुआ। वर्साय संधि की एक धारा में यह उल्लेख किया गया था कि युद्ध के लिए उत्तरदायी जर्मनी और उसके सहयोगी राष्ट्र ही थे। यह मित्र राष्ट्रों का एकपक्षीय निर्णय था। वस्तुतः, प्रथम विश्वयुद्ध के लिए सभी राष्ट्र
उत्तरदायी थे, सिर्फ जर्मनी ही इसके लिए जवाबदेह नहीं था।
सर्बिया ने ऑस्ट्रिया की जायज माँगों को ठुकराकर युद्ध का आरंभ करवा दिया। ऑस्ट्रिया ने युद्ध की घोषणा कर रूस को सैनिक कार्रवाई के लिए बाध्य कर दिया। सर्बिया के प्रश्न पर रूस ने भी जल्दबाजी की। सर्बिया की समस्या को कूटनीतिक
स्तर पर हल करने के विपरीत उसने इसका समाधान सैनिक कार्रवाई द्वारा करने का निर्णय किया। जर्मनी की मजबूरी यह थी
कि वह अपने मित्र राष्ट्र ऑस्ट्रिया का साथ नहीं छोड़ सकता था। रूस, फ्रांस और इंगलैंड जर्मनी के घोर शत्रु थे। रूस द्वारा सैनिक कार्रवाई आरंभ होने पर जर्मनी शांत बैठा नहीं रह सकता था।
फ्रांस और रूस पर नियंत्रण रखना उसके लिए आवश्यक था। फ्रांस ने अपनी ओर से रूस को रोकने का प्रयास नहीं किया,
बल्कि इसके विपरीत ऑस्ट्रियाविरोधी अभियान में रूस को पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया। इससे सर्बिया जैसा छोटा राष्ट्र
ऑस्ट्रिया-जर्मनी से युद्ध करने को तत्पर हो उठा। इंगलैंड ने भी युद्ध की स्थिति को टालने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उसने अपने सहयोगी राष्ट्रों को भी युद्ध से अलग रहने के लिए नहीं कहा। फलतः, दोनों गुटों के राष्ट्र युद्ध में सम्मिलित होते गए। कोई यह अनुमान नहीं लगा सका कि एक छोटा युद्ध विश्वयुद्ध में परिणत हो जाएगा। इस प्रकार, प्रथम विश्वयुद्ध के
लिए सभी राष्ट्र उत्तरदायी थे, इसके लिए किसी एक राष्ट्र को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है।

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