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UP Board Class 6 Hindi | अपना स्थान स्वयं बनाइए (मंजरी)

UP Board Class 6 Hindi | अपना स्थान स्वयं बनाइए (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 2 अपना स्थान स्वयं बनाइए (मंजरी)

अपना स्थान स्वयं बनाइए (मंजरी)

पाठका सर (सारांश)

एक बार एक राजा ने अपने मंत्री से कहा कि मुझे एक आदमी की जरूरत है। अगर तुम्हें कोई अच्छा आदमी मिले तो मेरे पास लेकर आना। मंत्री को काफी खोजबीन के बाद एक युवक मिला जो एक जगह अच्छी नौकरी कर रहा था। मंत्री ने उसकी नौकरी छुड़वाकर और तरक्की का आश्वासन देकर उसे राजा के सामने पेश किया। लेकिन राजा को मंत्री की कही बात याद नहीं थी। कुछ देर बाद राजा बोले कि शायद उस समय मेरे मन में कोई बात रही हो, लेकिन अभी तो मुझे किसी  आदमी की जरूरत नहीं है। तब मंत्री ने राजा से कहा कि महाराज इसे मैंने हजारों में से चुना है और मैं इसे अच्छी नौकरी छुड़वाकर लाया हूँ। राजा ने कुछ सोचकर मंत्री से कहा कि इस समय तो मेरे पास कोई काम नहीं है लेकिन अगर तुम कहते हो तो हम इसे अपने दफ्तर में चपरासी रख सकते हैं लेकिन इसे पंद्रह रुपये वेतन मिलेगा। राजा की यह बात मंत्री को बहुत बुरी लगी लेकिन वह युवक खुश था।

उसने मंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि, मैं बहुत खुश हूँ क्योंकि मुझे अपने राजा की सेवा करने का मौका मिला। मंत्री जब उस युवक को राजा के दफ्तर छोड़ने गया तो दफ्तर की हालत देखकर मंत्री बहुत परेशान हुआ क्योंकि दफ्तर में चारों तरफ धूल और गंदगी थी। राजा कभी अपने दफ्तर नहीं जाता था और न ही वहाँ बैठकर कोई काम करता था। युवक कई दिनों तक राजा के दफ्तर में सफाई करता रहा। राजा के उस दफ्तर में एक कमरा था जिसमें राजा को मिले अनेक कीमती उपहार कबाड़ के रूप में रखे हुए थे। उस युवक ने उन कीमती उपहारों का कबाड़ निकालकर बाज़ार में बेच दिया। उसे कई. हज़ार रुपये मिले। उन् रुपयों से उस युवक ने दफ्तर के लिए अच्छे फर्नीचर के साथ-साथ अन्य जरूरी सामान खरीदे।

उसने अपने मेहनत से कुछ ही दिनों में उस दफ्तर को शाही दफ्तर का रूप दे दिया। बचे पैसों को उसने सरकारी खजाने में जमा करा दिया। तभी कुछ चुगल खोरों ने राजा से उसकी शिकायत कि वह रुपये लुटा रहा है। एक दिन राजा गुस्साए हुए दफ्तर गए तो दफ्तर देखकर दंग रह गए। राजा ने उससे पूछा कि, दफ्तर की सजावट तुमने किसके पैसे से किया है। उसने राजा को ऑफिस के कबाड़ी की सारी कहानी बताई और यह भी बताया कि बचे हुए रुपयों को उसने सरकारी खजाने में  जमा करा दिया है। राजा उस युवक से बहुत प्रसन्न हुआ और उसे अपने राज्य का वित्त मंत्री बना दिया। उसके वित्त मंत्री बनने से दूसरे मंत्रियों को परेशानी होने लगी क्योंकि वह न तो स्वयं बेईमानी करता था न ही किसी मंत्री को बेईमानी करने देता था।

अब जो मंत्री राजा के पास जाता वो राजा से उस युवक की कुछ न कुछ शिकायत करता, जिससे वह राजा की मजरों में गिर जाए। एक दिन रात को दो बजे राजा ने अपने सेनापति को बुलाकर कहा कि हमारे सभी मंत्रियों को इसी समय वे जिस हालत में हों, उन्हें उनके घरों से लाकर मेरे सामने पेश करो। कुछ ही देर में सभी मंत्री राजा के सामने थे। वित्त मंत्री को छोड़कर सभी मंत्रियों ने शराब पी रखी थी। सेनापति ने राजा को बताया कि वित्त मंत्री अपने घर पर रात में जगकर खजाने का हिसाब किताब जोड़ रहे थे और बाकी मंत्री जुआ खेल रहे थे। राजा ने उस युवक से खुश होकर उसे वित्त मंत्री से अपने राज्य का प्रधानमंत्री बना दिया।

 

प्रश्न – अभ्यास

कुछ करने को – विद्यार्थी स्वयं करें!
विचार और कल्पना

प्रश्न 1.
ईमानदारी से कार्य करने का क्या तात्पर्य है? आपको कैसे पता चलता है कि आपके द्वारा कार्य ईमानदारी से किये गए? ईमानदारीपूर्वक कार्य करने के क्या-क्या लाभ हैं?
उत्तर :
ईमानदारी से कार्य करने का तात्पर्य यह है कि, मुझे जो भी कार्य करने को मिले उसे हम बिना किसी लोभ लालच के पूरा करें। ईमानदारी से कार्य करने से आदमी की चारों ओर प्रशंसा होती है। ईमानदारी से काम करने के अनेक लाभ हैं; जैसे-आदमी की विश्वसनीयता बढ़ जाती है। लोग बड़े-बड़े काम देने लगते हैं और जीवन में तरक्की के खूब अवसर मिलते हैं। साथ ही प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होती है।

 

प्रश्न 2.
राजा के सात मंत्री नशे में पाए गए। नशे के क्या-क्या दुष्परिणाम होते है? अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
नशा करना एक बुरी बात है। इससे लाभ कुछ नहीं होता, सिर्फ नुकसान ही होता है। नशा करने वाला व्यक्ति कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाता। उस पर कोई भरोसा भी नहीं करता। वह अपने परिवार का ठीक से ध्यान भी नहीं रखता। नशा करने वाले व्यक्तियों को समाज मे मान-सम्मान भी नहीं मिलता और पैसे एवं स्वास्थ्य का नुकसान होता है।

कहानी से

प्रश्न 1.
किसने किससे कहा
उत्तर :

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 2 अपना स्थान स्वयं बनाइए (मंजरी) 1

प्रश्न 2.
युवक ने कीमती सामान क्यों बेच दिया ?
उत्तर :
दफ्तर का फर्नीचर आदि सामान खरीदने के लिए युवक ने कीमती सामान बेच दिया।

 

प्रश्न 3.
“हुजूर पैसा तो मैं भी डाल सकता था, पर यदि पैसा कम है और इसके लिए पूछताछ न हुई तो इससे अफसरों में बेईमानी और ढील पैदा होगी।” वित्तमंत्री ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर :
वित्तमंत्री ईमानदार प्रवृति का व्यक्ति है। उसे एक पैसे की भी बेईमानी पसंद नहीं है। वह खुद जैसा ईमानदार है वैसा ही सबसे उम्मीद करता है और वह चाहता है कि राज्य के सभी कर्मचारी पूरी  ईमानदारी से अपना कार्य करें। इसीलिए वित्त मंत्री ने ऐसा कहा होगा।

प्रश्न 4.
राजा ने युवक को प्रधानमंत्री क्यों बनाया ?
उत्तर :
राजा ने युवक की ईमानदारी और काम के प्रति लगन से प्रभावित होकर.उसे प्रधानमंत्री बनाया।

 

प्रश्न 5.
कहानी में किस बात ने आपको सबसे ज्यादा प्रभावित किया और क्यों ?
उत्तर :
मुझे कहानी में युवक की ईमानदारी, काम के प्रति उसका लगन तथा उत्साह आदि ने मुझे बहुत प्रभावित किया। वह अपने इन्हीं गुणों के कारण एक मामूली चपरासी से पहले वित्तमंत्री और फिर प्रधान मंत्री बना।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए – राजा, रात, सोना, दिन, खुश, निगाह
उत्तर :
राजा-नरेश, रात-निशा, सोना-स्वर्ण, दिन-दिवश, खुश-प्रसन्न, निगाह-दृष्टि।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम लिखिएं –
उत्तर :
UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 2 अपना स्थान स्वयं बनाइए (मंजरी) 2

प्रश्न 3.
निम्नलिखित पंक्तियों में उचित विराम चिहनों का प्रयोग कीजिए –
उत्तर :
UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 2 अपना स्थान स्वयं बनाइए (मंजरी) 3

प्रश्न 4.
जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं उन्हें अनेकार्थी शब्द कहते हैं।
जैसे- हार-गले में पहने जाने वाली माला।
हार-पराजय।
दिये गये अनेकार्थी शब्दों के अर्थ लिखकर उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए –
कर, मन, सोना, पत्र
उत्तर :

  • कर – (टैक्स) – वह अपना आयकर समय से जमा करता है।
  • कर – (सँड़) – हाथी का कर लंबा होता है।
  • मन – (मन, हृदय) – वह मन का बुरा नहीं है।
  • मन – (तोल की एक इकाई) – उसने मुझे एक मन गेंहूँ दिया है।
  • सोना – (सोना-एक क्रिया) – राहुल को सोने में बहुत आनंद आता है।
  • सोना – (एक धातु) – सोने के जेवर महिलाओं को बहुत पसंद होते हैं।
  • पत्र – (पत्ता) – पतझड़ के बाद बसंत में सभी पेड़ों पर नये पत्र लगते हैं।
  • पत्र – (चिठ्ठी) – मुझे तुम्हारा पत्र मिला।

 

प्रश्न 5.
संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। निम्नलिखित पंक्तियों में आये हुए विशेषणों को रेखांकित कीजिए।
उत्तर :

(क) बढ़िया नौकरी से छुड़ाकर लाया हूँ।
(ख) दफ्तर सचमुच शाही दफ्तर हो गया है।
(ग) उन्होंने तेज आवाज में पूछा।
(घ) उसने राजा को रद्दी लिफ़ाफ़ों की कहानी सुनाई।
(ङ) सभी मंत्री महल के एक बड़े से कमरे में आ गये।
(च) सभी मंत्री बहुत लज्जित हुए।

TENSE IN ENGLISH

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