UP Board Class 6 History | छठी शताब्दी ई०पूँ० का भारत धार्मिक आन्दोलन
UP Board Class 6 History | छठी शताब्दी ई०पूँ० का भारत धार्मिक आन्दोलन
UP Board Solutions for Class 6 History Chapter 5 छठी शताब्दी ई०पूँ० का भारत धार्मिक आन्दोलन
छठी शताब्दी ई०पूँ० का भारत धार्मिक आन्दोलन
प्रश्न 1.
निम्नलिखित के विषय में लिखिए –
उत्तर :
प्रश्न 2.
त्रिरत्न और अष्टांगिक मार्ग क्या हैं ? यह किनसे सम्बन्धित हैं ? लिखिए।
उत्तर :
महावीर स्वामी के अनुसार त्रिरत्न निम्न हैं –
- सही बातों में विश्वास
- सही बातों को ठीक से समझना
- उचित कर्म। ये जैन धर्म से सम्बन्धित हैं।
अष्टांगिक मार्ग सरल मानवतापूर्ण व्यवहार के नियम हैं। गौतमबुद्ध के अनुसार अष्टांगिक मार्ग निम्न हैं –
- जीवन को सुचारु रूप से चलाने के लिए सही सोच होना
- सही बात और कार्य
- सत्य बोलना
- अच्छा कार्य करना
- अच्छे कार्य द्वारा जीविका अर्जित करना
- मानसिक और नैतिक उन्नति के लिए प्रयास करना
- अपने कार्य-व्यवहार पर हमेशा नजर रखना
- ज्ञान प्राप्ति के लिए ध्यान केंद्रित करना। ये बौद्ध धर्म से सम्बन्धित हैं।
प्रश्न 3.
जैन और बौद्ध धर्म के सिद्धान्तों को लोगों ने क्यों अपनाया ?
उत्तर :
निम्नलिखित कारणों से जैन और बौद्ध धर्म के सिद्धांतों को लोगों ने अपनाया।
- इन धर्मों के आने से शाकाहारी संस्कृति को बल मिला
- भारत की अहिंसावादी छवि इन्हीं के कारण हुई
- ये धर्म लोकतांत्रिक और उदार थे। संगठित धर्म पर जोर बढ़ने से इनका दूर-दूर तक प्रचार बढ़ा। चीन व दक्षिण-पूर्वी एशिया में भी इन्हें अपनाया गया
- इनके संघों में महिलाओं को प्रवेश के साथ-साथ ऊँचा स्थान दिया गया
- जातक और हितोपदेश में कहानियों के माध्यम से उपदेशों को सरल भाव से लोगों तक पहुँचाया गया।
प्रश्न 4.
महावीर स्वामी द्वारा बताए गए पाँच महाव्रतों के बारे में लिखिए।
उत्तर :
- जीवों को न मारना।
- सच बोलना।
- चोरी न करना।
- अनुचित धन न जुटाना।
- इन्द्रियों को वश में रखना।
प्रोजेक्ट वर्क –
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।