UP Board Class 7 Hindi | काक शृगाल्योः कथा (अनिवार्य संस्कृत)
UP Board Class 7 Hindi | काक शृगाल्योः कथा (अनिवार्य संस्कृत)
UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 2 काक शृगाल्योः कथा (अनिवार्य संस्कृत)
एकदा …………………………….. आसीत्।
हिन्दी अनुवाद:
एक बार एक कौआ भूखा था। भोजन प्राप्त करने के लिए वह इधर-उधर घूमा। सहसो उसे एक रोटी प्राप्त हुई। वह एक पेड़ की शाखा के ऊपर बैठा और उस रोटी को खाने के लिए सोचने लगा और उस समय ही एक सियारिन ने कौवे और रोटी को देखा। उसने उस रोटी को लेने के लिए विचार किया। वह उस वृक्ष के नीचे बैठ गई, जिसके ऊपर कौआ बैठा था।
शृगाली काकम् …………………………… भवतः।
हिन्दी अनुवाद:
सियारिन कौए से बोली, “अरे कौए! तुम अत्यन्त सुन्दर हो। तुम्हारा रंग मोहक है। तुम्हारे दोनों पंख मनोहर हैं। तुम्हारी आवाज अति मधुर है। तुम्हारी आवाज सुनकर मेरे कान तृप्त हो गए हैं।”
स्वप्रशंसा …………………… अखादत् च।
हिन्दी अनुवाद:
अपनी प्रशंसा सुनकर कौआ अति प्रसन्न हुआ। उसने जैसे ही काँव-काँव की आवाज करनी आरम्भ की, उसके मुख से रोटी भूमि पर गिर पड़ी। इसके लिए ही सियारिन ने उसकी प्रशंसा की थी। शीघ्र ही रोटी लेकर खाई और उस स्थान से भाग गई।
अभ्यास
प्रश्न 1:
उच्चारण करें
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2:
एक पद में उत्तर दें
(क) कः बुभुक्षितः आसीत् । काकः।
(ख) सहसा काकः किं प्राप्तवान्? रोटिका।
(ग) शृगाली किं प्राप्तुं मनसि अचिन्तयत्? रोटिकाम्।
(घ) कस्य मुखात् रोटिका भूमौ अपतत्? काकस्य।
प्रश्न 3:
पाठ के पदों से रिक्त स्थानों की पूर्ति करें ( पुर्ति करके)
(क) एकः काकः बुभुक्षितः आसीत्।।
(ख) सः इतस्ततः अभ्रमत्।
(ग) स्वप्रशंसां श्रुत्वा काकः अतिप्रसन्नः अभवत्।
(घ) एतदर्थमेव शृगार तस्य प्रशंसाम् अकरोत्।।
(ङ) सा रोटिकां गृहीत्वा तस्मात् स्थानात् पलायिता।
प्रश्न 4:
निम्नलिखित पदों का अपने वाक्यों में प्रयोग करें (प्रयोग करके)
शब्द – वाक्य प्रयोग
भोजनम् – शृगाली भोजनम् प्राप्तु इतस्ततः अभ्रमत्।
अपतत् – काकस्य मुखात् रोटिकां अपतत्।
रोटिकाम् – शृगाली रोटिकाम् अखादत्।
सुन्दरौ – काकस्य पक्षौ सुन्दरौ स्तः।
प्रश्न 5:
निम्नलिखित पदों को मिलाकर लिखें (लिखकर)
काकम् + अवदत् = काकमवदत्।
तद् + उपरि = तदोपरि।
एतद् + अर्थमेव = एतदर्थमेव
प्रशंसाम् + अकरोत् = प्रशंसामकरोत्।।
प्रश्न 6:
संस्कृत में अनुवाद करें अनुवाद
(क) एक कौआ भूखा था। एकः काकः बुभुक्षितः आसीत्।
(ख) उसने एक रोटी पायी। सः एकां रोटिकां प्राप्तवान्।
(ग) कौआ पेड़ की डाल पर बैठा था। काकः वृक्षस्य शाखां उपरि उपविशत्।
(घ) शृगाली बोली-तुम बहुत सुन्दर हो। शृगाली अवदत्-त्वं अतीव सुन्दरः असि।