UP Board Class 7 History | सल्तनतकालीन संस्कृति
UP Board Class 7 History | सल्तनतकालीन संस्कृति
UP Board Solutions for Class 7 History Chapter 6 सल्तनतकालीन संस्कृति
सल्तनतकालीन संस्कृति.
सल्तनतकालीन संस्कृति
अभ्यास
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) सल्तनत काल के फारसी तथा हिन्दी के कवियों और लेखकों के नाम लिखिए।
उत्तर
अलबरूनी, फिरदौसी तथा अमीर खुसरो फारसी के तथा नरपति-नाल्ह, गोरखनाथ, कबीर तथा मलिक मुहम्मद जायसी हिन्दी के कवि एवं लेखक थे। अमीर खुसरो फारसी एवं हिन्दी दोनों के विद्वान थे।
(ख) सल्तनत काल में बनी प्रमुख इमारतों की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर
सल्तनत काल में बनी इमारतों की निम्न निशेषताएँ हैं
- मेहराब, गुम्बद और मीनारें जो इन सभी इमारतों में देखी जा सकती हैं।
- कुछ इमारतों में कुरान की आयतें भी लिखी गयी हैं।
(ग) सूफी मत की शिक्षाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर
सूफी एकेश्वरवादी थे। वे संगीत को पूजा पद्धति के रूप में प्रमुख स्थान देते थे। उन्होने सामाजिक सौहार्द एवं हिन्दू-मुसलिम एकता की पृष्ठभूमि तैयार की। उस काल के प्रमुख सूफी संत ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती तथा निजामुद्दीन औलिया थे।
(घ) भक्ति काल के प्रमुख संतों के नाम बताइए।
उत्तर
भक्तिकाल के कुछ प्रमुख संतों के नाम हैं- कबीर, चैतन्य महाप्रभु, गुरुनानक, दादू, रैदास, तुकाराम, रामानन्द, बल्लभाचार्य, मीराबाई आदि।
(ङ) सल्तनत काल में उद्योग एवं व्यापार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर
सल्तनत काल में व्यापार का विकास आरम्भ हुआ, जिससे शहर एवं शहरी जीवन का विकास हुआ। उस समय बंगाल एवं गुजरात के शहर कपड़े उद्योग एवं सोने-चाँदी के काम के लिए प्रसिद्ध थे। बंगाल के ढाका (बांग्लादेश) एवं सोना गाँव मलमल एवं कच्चे रेशम के लिए विख्यात थे। 13वीं -14वीं शताब्दी में वस्त्रों के निर्माण की तकनीकी मुसलमानों द्वारा भारत में लाए जाने वाले चरखे से हुई। इसका चलन आरम्भ होने से वस्त्रों के उत्पादन में महत्त्वपूर्ण सुधार हुआ। उस काल में भारतीय वस्त्र चीन को निर्यात किए जाते थे। अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार इस काल में जल एवं थल मार्ग के माध्यम से किया जाता था। भारत से चर्म एवं धातु से बनी वस्तुएँ तथा फारसी डिजाइन वाले गलीचे निर्यात होते थे।
पश्चिम एशिया से भारत में उच्च कोटि के घोडे, कपड़े, काँच के बर्तन, बहुमूल्य धातुएँ तथा चीन से कच्चा रेशम और चीनी मिट्टी के बर्तन का आयात होता था।
(च) सल्तनत काल में कहाँ की तलवारें प्रसिद्ध थीं ?
उत्तर
सल्तनत काल में सर्वोत्तम तलवारें बनारस और सौराष्ट्र में बनती थीं।
(छ) सल्तनत कालीन प्रशासन का वर्णन कीजिए।
उत्तर
सल्तनतकाल में सुल्तान का स्थान सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण था। सारी राजनैतिक, कानूनी और सैनिक सत्ता उसी में निहित थी। वह राज्य की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए जिम्मेदार था। सुल्तान ही सेना का प्रधान होता था। कानून और न्याय की व्यवस्था करना भी उसी का दायित्व था। इस कार्य के लिए वह न्यायाधीशों की नियुक्ति करता था। उसके किसी भी पदाधिकारी के अन्याय के खिलाफ उससे सीधे अपील की जा सकती थी। न्याय करना शासक का महत्त्वपूर्ण दायित्व था।
(ज) सन्त एवं समाज सुधारकों ने भक्ति आंदोलन क्यों चलाया।
उत्तर
तुर्क और अफगान जो अपने साथै धार्मिक विचार और संस्कृति लाए, उसका भारतीय समाज एवं विचारधारा पर प्रभाव पड़ा। जाति प्रथा की कठोरता, ऊँच-नीच का भेदभाव तथा बाहरी आडम्बर के कारण भारतीय समाज में कुछ दोष आ गए। अतः सामाजिक कुरीतियों को दूर करने और समाज को सुसंगठित करने के लिए कुछ समाज सुधारकों ने जनता में परस्पर प्रेम तथा सद्भाव को बढ़ाने का प्रयास किया। इन्होंने धार्मिक कर्मकाण्डों की अपेक्षा भक्ति भाव से ईश्वर की उपासना करने को श्रेष्ठ बताया। इस प्रकार धार्मिक सहिष्णुता की भावना को बल मिला। संतों एवं समाज सुधारकों द्वारा चलाया गया इस प्रकार का आन्दोलन भक्ति आन्दोलन के नाम से प्रसिद्ध हुआ। | इन भक्त संतों में कबीर, चैतन्य महाप्रभु, गुरुनानक, दादू, रैदास, तुकाराम, रामानंद, बल्लभाचार्य, मीराबाई आदि प्रसिद्ध हैं।
(छ) दिल्ली सल्तनत में सुल्तान का स्थान सर्वाधिक महत्वपूर्ण था। क्यों?
उत्तर
दिल्ली सल्तनत का प्रारम्भ 1206 ई० में तथा अन्त 1526 ई. में हुआ। इस प्रकार भारत में सुल्तानों ने लगभग 300 वर्षों तक शासन किया। सल्तनत काल में सुल्तान का स्थान सर्वाधिक महत्वपूर्ण था। सारी राजनैतिक, कानूनी और सैनिक सत्ता उसी में निहित थी। वह राज्य की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए जिम्मेदार था। इस तरह वह प्रशासन के लिए भी जिम्मेदार था। सुल्तान ही सेना का प्रधान होता था। कानून और न्याय की व्यवस्था करना भी उसी का दायित्व था। इस कार्य के लिए वह न्यायाधीशों की नियुक्ति करता था। उसके किसी भी पदाधिकारी के अन्याय के खिलाफ उससे सीधे अपील की जा सकती थी। न्याय करना शासक का महत्त्वपूर्ण दायित्व था।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों के समक्ष सत्य अथवा असत्य लिखिए-
उत्तर
(क) सल्तनत काल में सुल्तान को स्थान सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण था। – सत्य
(ख) युद्ध में सेना और धन की आवश्यकता नहीं होती है। – असत्य
(ग) सुल्तान सेना का सबसे बड़ा अधिकारी होता था। – सत्य
(घ) पद्मावत की रचना मलिक मोहम्मद जायसी ने की थी। – सत्य
(ड) सल्तनत काल में किसानों का जीवन स्तर बहुत ऊँचा था। – असत्य
प्रश्न 3.
टिप्पणी लिखिए-
(क) टंका और जीतल
(ख) इक्तादार
(ग) मुकद्दम या चौधरी
उत्तर
(क) टंका और जीतल- सल्तनत काल में दिल्ली में सुल्तानों द्वारा कई शाही कारखाने शुरू कराए गए थे। इन कारखानों में ही टंके और ताँबे के जीतल नामक मुद्राओं का निर्माण होता था। इसी के साथ सल्तनत काल में व्यापार का विकास शुरू हुआ जिससे शहर और शहरी जीवन का और विकास हुआ।
(ख) इक्तादार- सल्तनत काल में समस्त देश अनेक प्रान्तों में विभक्त था। पहले इन्हें ‘इक्ता’ और बाद में ‘विलायत’ कहा गया। प्रत्येक प्रान्त का अधिकारी गवर्नर होता था, जो ‘इक्तादार और बाद में मुक्ति’ या ‘वली’ कहलाता था। उसे सुल्तान नियुक्त करता था। वह सुल्तान के प्रति उत्तरदायी होता,था। वह प्रान्त में कानून व्यवस्था बनाए रखता था। उसे सैन्य एवं प्रशासनिक योग्यता के आधार पर नियुक्त किया जाता था। उसके अधीन घुड़सवार, फौजी दस्ते तथा पैदल सैनिक रहते थे। वह आपराधिक मामलों के विवादों में न्यायाधीश का कार्य करता था। वह कर संग्रह में सहायता प्रदान करता था।
(ग) मुकद्दम या चौधरी- सल्तनत काल में प्रत्येक शिक को परगनों में बाँटा जाता था। गाँवों के समूह को परगना कहते थे। प्रशासन की सबसे छोटी इकाई गाँव थी। गाँव का मुखिया मुकद्दम या चौधरी कहलाता था। वह समस्त ग्रामीण प्रशासन के लिए उत्तरदायी था। भू-राजस्व निर्धारण एवं वसूली के साथ राजस्व संबंधी सभी कागजात वह रखता था। गाँव की सुरक्षा का कार्य गाँव के चौकीदार का होता था। गाँव के ये तीनों अधिकारी वंशानुगत होते थे। इन्हें, वसूले गए भू-राजस्व का एक भाग प्राप्त होता था। गाँव का प्रशासन ग्राम पंचायतों के माध्यम से होता था। इसीलिए मध्यकालीन . भारत में ग्रामीण स्तर पर प्राचीन परम्पराएँ यथावत रहीं।।
प्रश्न 4.
सही जोड़े मिलाइए-
उत्तर
प्रोजेक्ट कार्य – नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।