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CTET Notes in Hindi | विविध पृष्ठभूमि से वंचित बालक

CTET Notes in Hindi | विविध पृष्ठभूमि से वंचित बालक

विविध पृष्ठभूमि से वंचित बालक

वंचित बालक
Disadvantaged Children
> अलाभान्वित बालक वैसे बालक को कहा जाता है जो सामाजिक-आर्थिक तथा सांस्कृतिक रूप से अलाभान्वित समुदाय से आते हैं। भारत में अधिकतर दलित एवं आदिवासी जाति के समुदाय से आनेवाले बालकों को अलाभान्वित बालक की श्रेणी
में रखा जाता है।
> भारत में अनुसूचित जाति (SC) तथा अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय में 95% परिवार ऐसे हैं जो सामाजिक-आर्थिक तथा सांस्कृतिक रूप से पिछड़े हुए हैं और ऐसे परिवार के बालकों को अलाभान्वित बालक की संज्ञा दी जाती है।
> कुछ ऐसी पिछड़ी जातियाँ (backward castes) भी हैं जो सामाजिक-आर्थिक दृष्टिकोण से तथा साथ-ही-साथ सांस्कृतिक दृष्टिकोण से काफी पीछे हैं। अतः ऐसे समुदाय के बालकों को भी हम अलाभान्वित बालक कहेंगे। वंचित बालकों की विशेषता इस प्रकार है-
★ ऐसे बालक निम्न सामाजिक-आर्थिक स्तर के परिवार से आते हैं। अतः गरीबी (Poverty) एवं वंचन (Deprivation) इनकी प्रमुख विशेषता होती है।
★ ऐसे बालकों का आत्म-संप्रत्यय (Self-Concept) नकारात्मक (Negative) होता है। फलस्वरूप, वे अपने आपको अन्य बालकों की तुलना में हीन (Inferior), कमजोर एवं बिल्कुल ही साधारण आकांक्षा (Aspiration) रखने वाले होते हैं।
★ वंचित बालकों में सीखने की अभिप्रेरणा कम होती है तथा इनमें दूरदर्शिता की कमी पायी जाती है।
★ अलाभान्वित बालकों की भाषा लाभान्वित बालकों की भाषा से भिन्न होती है।
★ वंचित बालकों का बौद्धिक निष्पादन (Intellectual Performance) सीमित एवं अपर्याप्त होता है।
अलाभान्वन एव वंचन का बालकों पर प्रभाव
अलाभान्वन एवं वंचन का बुरा प्रभाव बालकों के व्यक्तित्व पर पड़ता है। इस प्रभाव को भारतीय मनोवैज्ञानिकों ने निम्नलिखित भागों में बाँटा है-
(a) संज्ञानात्मक पैटर्न पर प्रभाव (Impact Upon Cognitive Pattern): संज्ञान एक ऐसा सामान्य पद (Common Term) है जिसके अंतर्गत बालक के चिंतन, प्रत्यक्षण, बुद्धि, संवेदन स्मृति इत्यादि प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है।
> भारतीय मनोवैज्ञानिक जे० पी० दास, जाचुक एवं टी० पी० पण्डा (J. P. Das Jachuk and T. P. Panda) ने अपने अध्ययन में पाया कि दलित परिवार के बालकों का बौद्धिक स्तर ब्राह्मण परिवार के बालकों के बौद्धिक स्तर से काफी नीचे था।
> भारतीय मनोवैज्ञानिक एन० चट्टोपाध्याय (N. Chattopadhyay) ने अपने अध्ययन में पाया कि बुद्धि परीक्षण जनजाति के बालकों का निष्पादन सामान्य बालकों के निष्पादन की तुलना में काफी कम थी।
> जे० पी० दास एवं डी० सिन्हा (J. P. Das & D. Sinha) के अनुसार वंचित बालकों का प्रत्यक्षणात्मक कौशल (Perceptual Skill) लाभान्वित बालकों के प्रत्यक्षणात्मक कौशलों की तुलना में बहुत अविकसित था ।
> हेभिंगहर्स्ट (Havinghurst) के अनुसार, वंचित बालकों में अमूर्त चिन्तन (Abstract Reasoning) की क्षमता काफी कम होती है।
(b) अभिप्रेरणात्मक पैटर्न पर प्रभाव (Impact Upon Motivational Patterns)
> वंचित बालकों का अभिप्रेरणात्मक पैटर्न लाभान्वित बालकों के अभिप्रेरणात्मक पैटर्न से सर्वथा भिन्न एवं निम्न होता है।
> डी. सिन्हा एवं जी. मिश्रा (D. Sinha & G. Mishra) तथा उदय पारीक (Udai Pareek) के अनुसार, अलाभान्वन एवं वंचन से बालकों में उपलब्धि आवश्यकता कम हो जाती है तथा निर्भरता आवश्यकता अधिक हो जाती है।
> रथ (Rath) के अनुसार अलाभान्वन एवं वंचन का प्रभाव बालकों के आकांक्षा स्तर (Level of Aspiration) पर गलत पड़ता है।
(c) शैक्षिक उपलब्धि पर प्रभाव (Impact Upon Academic Achievement) अलाभान्वन एवं वंचन का प्रभाव बालकों के शैक्षिक उपलब्धि पर बुरा पड़ता है।
> उषाश्री (Ushashree) के अनुसार, अलाभान्वित बालकों की शैक्षिक उपलब्धि (Educational Achievement) तथा शैक्षिक समायोजन (Educational Adjustment) लाभान्वित बालकों की तुलना में काफी निम्न थी।
वंचित/अलाभान्वित बालकों की शिक्षा
Education of Disadvantaged Children
> वंचित बालकों की शिक्षा में सुधार के लिए देश एवं विदेश में विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। अमेरिका में ऐसे बालकों के शैक्षिक स्तर में सुधार के लिए एक विशेष कानून बनाया गया है जिसे Elementary and Secondary Education Act, 1965
की संज्ञा दी गयी है। इसके अंतर्गत ऐसे बालकों को शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता
दी जाती है।
> अमेरिका मे बुजिंग (Busing) एवं हेड स्टार्ट प्रोग्राम (Head-Start Programme) इत्यादि जैसे विशेष योजना वंचित बालकों की शिक्षा के लिए चलाई गयी है।
> बुजिंग प्रोग्राम में अलाभान्वित बालकों को लाभान्वित बालकों के साथ बैठाकर इस उम्मीद से शिक्षा दी जाती है कि इससे अलाभान्वित बालकों में लाभान्वित बालकों को देखकर अधिक प्रेरणा (Motivation) एवं अभिरुचि (Interest) जगेगी और
उनका शैक्षिक स्तर ऊँचा उठेगा।
> हेड स्टार्ट प्रोग्राम एक तरह की क्षतिपूर्ति शिक्षा का कार्यक्रम है और यह इस उम्मीद के साथ प्रारंभ की गयी है कि इससे अलाभान्वित बालक भी अपने घर पर कुछ वैसे ही कौशलों को सीख पायेंगे जो लाभान्वित बालक अपने घर पर सीख पाते हैं।
> भारत में वंचित बालकों के शैक्षिक स्तर को ऊँचा उठाने का काफी प्रयल किया गया है। इसके लिए भारत सरकार ने निःशुल्क शिक्षा योजना, दोपहर भोजन योजना इत्यादि आरंभ किये हैं।
> सरकार ने वंचित बालकों के लिए स्कूल तथा कॉलेज में भी कुछ विशेष प्रावधान किया है, जैसे कम अंक प्राप्त करने पर भी उनका अच्छे कॉलेज में दाखिला, कम अंक प्राप्त करने पर भी छात्रवृत्ति देने इत्यादि की व्यवस्था करके भी इनके शैक्षिक
स्तर को उठाने का प्रयत्न किया गया है।
> इन सभी उपायों के  अलावा अलाभान्वित बालकों की शिक्षा में सुधार के लिए निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान देना आवश्यक है-
★ वंचित बालकों में विशेष शिक्षा देने के लिए यह आवश्यक है कि उनके घरेलू वातावरण में सुधार किया जाए।
★ ऐसे क्षेत्र जहाँ वंचित बालकों की संख्या ज्यादा हो, वहाँ कुछ विशेष शैक्षिक अभियान (Special Educational Campaign) चलाना चाहिए।
★ वंचित बालकों के शैक्षिक उत्थान के लिए आश्रम की तरह के स्कूल की स्थापना की जानी चाहिए। सरकार को समय-समय पर वंचित बालकों की शिक्षा के लिए चलायी जा रही योजना की सफलता का मूल्यांकन करना चाहिए ताकि यह पता चल सके
कि योजना कितनी सफल है।
★ वंचित बालकों के शिक्षा स्तर को ऊँचा करने के लिए कुछ शिक्षा मनोवैज्ञानिकों ने व्यवहार परिमार्जन (Behavioural Modifications) की विभिन्न प्रविधियों, प्रत्यक्षणात्मक प्रशिक्षण (Perceptual Training) आकार-विभेद (Form-Discrimination) करने की प्रविधियों का विशेष उपयोग करने की सिफारिश की है।
परीक्षोपयोगी तथ्य
→ अलाभान्वित बालक वैसे बालक को कहा जाता है जो सामाजिक-आर्थिक तथा सांस्कृतिक रूप से अलाभान्वित समुदाय से आते हैं।
→ अलाभान्वित या वंचित बालकों की प्रमुख विशेषता गरीबी एवं वंचन है।
→ वंचित बालकों का आत्म-संप्रत्यय नकारात्मक होता है।
→ वंचित बालकों का बौद्धिक निष्पादन सीमित एवं अपर्याप्त होता है।

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