CTET Notes In Hindi | शिक्षण की समस्याएँ
CTET Notes In Hindi | शिक्षण की समस्याएँ
शिक्षण की समस्याएँ
Problems of Teaching
CTET परीक्षा के विगत वर्षों के प्रश्न-पत्रों का विश्लेषण करने से
यह ज्ञात होता है कि इस अध्याय से वर्ष 2011 में 1 प्रश्न, 2014 में
2 प्रश्न, 2015 में 4 प्रश्न तथा वर्ष 2016 में 1 प्रश्न पूछे गए हैं। इस
अध्याय से CTET परीक्षा में पूछे गए प्रश्न मुख्यतः सम्प्रेषण,
शिक्षण तथा समस्या पर आधारित हैं।
गणित के अध्ययन तथा अध्यापन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इन समस्याओं का समाधान करते हुए छात्रों में गणित के लिए रुचि विकसित
करना शिक्षकों का मूल कार्य है।
सामान्यतया शिक्षण सम्बन्धी समस्याएं निम्नलिखित हैं
प्राथमिक स्तर पर छात्रों की गणितीय नींव का कमजोर होना
माध्यमिक स्तर पर गणित शिक्षण की एक प्रमुख समस्या यह भी है, कि छात्रों
का प्राथमिक स्तर पर गणित शिक्षण बहुत कमजोर रूप में होता है। जिस कारण
माध्यमिक स्तर पर छात्र गणित को ठीक से नहीं समझ पाते तथा इसी कारण से
गणित शिक्षण के प्रति उनकी रुचि कम हो जाती है।
छात्रों का शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य
गणित शिक्षण के अन्तर्गत छात्रों का शारीरिक तथा मानसिक रूप से स्वस्थ्य होना
नितान्त आवश्यक है। क्योकि बालक के ध्यान, रुचि व एकाग्रता पर इसका
प्रभाव पड़ता है। किसी भी प्रकार की मानसिक विकृति, शारीरिक रुग्णता तथा
मानसिक तनाव का प्रत्यक्ष प्रभाव बालकों के शिक्षण पर प्रतिकूल पड़ता है।
शारीरिक एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ बालक शीघ्र ही थक जाते है।
गणित शिक्षण का समय एवं अवधि
यदि छात्र अधिक देर तक किसी क्रिया को करता रहता है, तो वह थकान का
अनुभव करने लगता है और थकान अनुभव होने से सीखने की प्रक्रिया में
शिथिलता उत्पन्न हो जाती है। विद्यालयों में समय-चक्र बनाते समय इस बात का
ध्यान रखा जाना चाहिए कि गणित जैसे कठिन विषयों को पहले तथा सरल
विषयों को समय-चक्र में बाद में पढ़ाने की व्यवस्था बनाई जाए साथ ही
मध्यान्तर की व्यवस्था भी आवश्यक रूप से की जानी चाहिए। समय चक्र में इस
बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि एक कक्षा की समय अवधि
कितनी है।
अध्यापक को विषय का सही ज्ञान न होना
अध्यापक का किसी विषय से सम्बन्धित ज्ञान, अनुभव एवं योग्यता आदि
छात्रों को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं। यदि अध्यापक को अपने
विषय की गहन जानकारी नहीं है, तो वह छात्रों को बहुत कुछ नहीं दे
पाएगा। इसके विपरीत, यदि अध्यापक को अपने विषय का पूर्ण ज्ञान है,
तो वह आत्मविश्वास के साथ छात्रों को नवीन ज्ञान देने में सक्षम होगा
तथा उसका शिक्षण प्रभावी होगा।
शिक्षक का व्यवहार
शिक्षक का व्यवहार (Behaviour of Teacher) छात्रों के सीखने को
प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है। शिक्षक में एक आदर्श शिक्षक के सभी
गुण होने चाहिए। उसके व्यवहार में सहानुभूति, सहयोग, समानता, शिक्षण
कला में निपुणता, मृदुभाषी, संयम आदि गुण है, तो छात्र कक्षा वातावरण
में सहज रूप से सब कुछ सीख सकेगे। लेकिन यदि शिक्षक का व्यवहार
अत्यन्त कठोर है, तो छात्र उसकी कक्षा से पलायन करने लगते हैं, जो
शिक्षण के दौरान एक प्रमुख समस्या है।
गणित शिक्षक की शिक्षण विधि
शिक्षण विधि का सीधा सम्बन्ध अधिगम प्रक्रिया से होता है। साथ ही,
प्रत्येक शिक्षक का पढ़ाने का तरीका भी भिन्न होता है तथा सभी छात्र
एक ही विधि से नहीं सीख पाते। शिक्षण की विधि जितनी अधिक
वैज्ञानिक एवं प्रभावशाली होगी उतनी ही सीखने की प्रक्रिया सरल एवं
लाभप्रद होगी। बच्चों के सन्दर्भ में खेल विधि द्वारा सीखना, करके
सीखना, निरीक्षण द्वारा सीखना, योजना विधि द्वारा सीखना, खोज विधि
द्वारा सीखना आदि का अपना अलग-अलग महत्त्व है। लेकिन शिक्षक
छात्रों की रुचि के अनुरूप उन्हें शिक्षा न देकर पुरानी विधियों पर ही
निर्भर रहते है।
व्यक्तिगत भेदों के ज्ञान की समस्या
प्रत्येक छात्र की बुद्धि, रुचि, योग्यता, क्षमता, अभिवृत्ति आदि
अलग-अलग होती है तथा यही विशेषता शिक्षण की एक समस्या बन
जाती है। इन्हीं विशेषताओं के कारण कुछ छात्र तो अध्यापक द्वारा प्रदत्त
ज्ञान को आसानी से आत्मसात कर लेते है और कुछ देर से कर पाते हैं
या बिल्कुल ही नहीं कर पाते। सामान्यत: एक कक्षा में अध्यापक को तीन
प्रकार के छात्रों का सामना करना होता है-मेधावी, सामान्य तथा पिछड़े
हुए छात्र। इसी समस्या को व्यक्तिगत भेद की समस्या की संज्ञा दी जाती
है। आजकल शिक्षक अपने शिक्षण की व्यवस्था इनके अनुरूप सुचारु रूप
से व्यवस्थित करने में असफल हो रहे हैं।
अभ्यास के उचित विभाजन की व्यवस्था न होना
अभ्यास, गणित शिक्षण का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। गणित शिक्षण में
अभ्यास का उचित विभाजन नहीं है, गणित शिक्षण में अभ्यास का
मापदण्ड आवश्यक है। अभ्यास उतना होना चाहिए जितना कि छात्र उसे
बिना थकावट के अनुभव कर सके तथा यह प्रक्रिया निरन्तर होनी चाहिए।
माध्यमिक स्तर पर गणित शिक्षण में अभ्यास की प्रक्रिया का स्वरूप एक
समान नहीं है जो गणित शिक्षण में एक प्रमुख समस्या है। आवश्यकता से
अधिक अभ्यास कराने से सीखने की क्षमता का हास होता है।
की संरचना की समस्या
गणित शिक्षण में पाठ्यक्रम की संरचना का बड़ा महत्त्व है। पाठ्यक्रम सरल
से कठिन की ओर ‘बाल केन्द्रित’ तथा ‘जीवन से सम्बन्धित’ सिद्धान्तों पर
आधारित होना चाहिए। लेकिन माध्यमिक स्तर पर पाठ्यक्रम की संरचना का
व्यवस्थित न होना भी गणित शिक्षण की एक प्रमुख समस्या है।
गणित शिक्षण के लिए उचित वातावरण का न होना
विद्यालयों में गणित शिक्षण के लिए उचित वातावरण की समस्या आज गणित
शिक्षण की एक प्रमुख समस्या बन गई है। गणित शिक्षण में गणित कक्ष,
गणित, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय, कक्षा-कक्ष में प्रकाश व वायु की व्यवस्था
आदि का उत्तम प्रबन्ध न होना प्रमुख हैं।
उचित दृष्टिकोण का अभाव
आज जन मानस में गणित के प्रति उचित दृष्टिकोण का अभाव (Lack of
Proper View) है। गणित मानव जीवन तथा उसके सम्बन्धों का एक व्यापक
विषय है फिर भी उचित दृष्टिकोण न बन पाना एक समस्या है। इसी प्रकार
विद्यालय में अध्यापकों एवं विद्यार्थियों में इस विषय के प्रति सकारात्मक सोच
की कमी है। गणित विषय की समझ की कमी के कारण उचित दृष्टिकोण का
अभाव नजर आता है।
आधुनिकतम शिक्षण विधियों की कमी
गणित एक विषय के रूप में अपने व्यापक स्वरूप को समेटे हुए है। यह
अपने एकीकृत रूप में विभिन्न विषयों से अपनी विषय-वस्तु ग्रहण कर एक
नवीन स्वरूप लेता है। गणित के शिक्षण में आधुनिकतम शिक्षण विधियों की
कमी दिखाई देती है। कुछ परम्परागत एवं आधुनिक विधियों एवं प्रविधियों
की सहायता से गणित शिक्षण अपनी पूर्णता को प्राप्त नहीं कर पाता। आज
गणित पर जितना बल दिया जा रहा है उसको ध्यान में रखते हुए
आधुनिकतम शिक्षण विधियों का भी प्रतिपादन होना चाहिए।
अभ्यास प्रश्न
1. निम्न में से क्या गणित शिक्षण में एक
प्रमुख समस्या है?
(1) प्राथमिक स्तर पर बच्चों के ज्ञान की नींव का
कमजोर होना
(2) अध्यापक का विषय के प्रति पर्याप्त ज्ञान ना
होना
(3) बच्चों का शरीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य
(4) उपरोक्त सभी
2. गणित शिक्षण में गणित शिक्षक की मुख्य
भूमिका होती है
(1) निर्देशक
(2) दार्शनिक
(3) मित्र
(4) ये सभी
3. गणित शिक्षण में बच्चों की रुचि का विषय
के प्रति अभाव एक प्रमुख समस्या
विषय में छात्रों की रुचि पैदा करने के लिए
आप निम्न में से क्या एक प्रभावी तरीका
अपनाएँगे?
(1) कमजोर छात्रों के लिए अतिरिक्त कक्षाओं की
व्यवस्था करेंगे
(2) समय-विभाग-चक्र में गणित विषय को अधिक
कालांश देंगे
(3) विद्यालय में अधिक पुस्तकें खरीदेंगे
(4) खेल विधि से शिक्षण करवाएँगे
4. गणित शिक्षण की समस्याओं को दूर करने
के लिए निम्न में से क्या आवश्यक है?
(1) शिक्षक का व्यवहार उचित हो
(2) व्यक्तिगत भेदों को कक्षा में अपनाया जाए
(3) सभी विषयों के अभ्यास कार्य एक ही शिक्षण
विधि से किए जाएँ
(4) उपरोक्त सभी
5. निम्न में से क्या वर्तमान में गणित शिक्षण
की एक प्रमुख समस्या है?
(1) गणित शिक्षक की शिक्षण विधियाँ
(2) गणित उपकरणों को प्रयोग करने की क्षमता
(3) कक्षा संचालन की योग्यता
(4) शिक्षण विधियों का ज्ञान
6. “बच्चे वातावरण में सहज रूप से सब
कुछ सीख लेते हैं यदि शिक्षक का व्यवहार
बच्चों के प्रति अनुकूल है।” उक्त कथन
दर्शाता है
(1) शिक्षक के व्यवहार के महत्त्व को
(2) वातावरण की शुद्ध वायु को
(3) बच्चों की चतुराई को
(4) शिक्षण की विशेषता को
7. आधुनिक शिक्षण विधियों का प्रयोग न
किया जाना निम्न में से किसकी एक
समस्या है?
(1) पाठ्य-पुस्तक की
(2) शिक्षण की
(3) विद्यालय की
(4) अभिभावकों की
8. गणित शिक्षण में शिक्षण सम्बन्धी
समस्याओं को दूर करने के लिए आप निम्न
में से क्या उपाय अपनाएँगे?
(1) प्रधानाचार्य से बच्चों की शिकायत करेंगे
(2) गणित विषय में कमजोर बच्चों का विषय
परिवर्तित करेंगे
(3) बच्चों में उचित दृष्टिकोण का विकास करेंगे
(4) उपरोक्त में से कोई नहीं
9. गणित शिक्षण की समस्याओं को दूर करने
के लिए एक अध्यापक को निम्न में से
कौन-सी अध्यापक क्रिया अपनानी चाहिए?
(1) समस्या प्रस्तुत करना
(2) छात्र क्रिया को सही दिशा देना
(3) छात्रों का मूल्यांकन करना
(4) उपरोक्त सभी
10. बच्चों को गणित सरल एवं रुचिकर लगे
इसके लिए एक शिक्षक को निम्न में से
क्या उपाय करना चाहिए?
(1) गणित में मनोरंजन को स्थान देना
(2) क्रियात्मक कार्यों को प्रधानता देना
(3) बच्चों को ज्ञान प्रदर्शन के लिए उचित अवसर
प्रदान कराना
(4) उपरोक्त सभी
11. गणित शिक्षण में अभ्यास कार्य देते समय
ध्यान रखना चाहिए
(1) अभ्यास कार्य का उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए
(2) अभ्यास कार्य की गति उपयुक्त होनी चाहिए
(3) पुनरावृत्ति उचित कालान्तर से होनी चाहिए
(4) उपरोक्त सभी
12. गणित शिक्षण की समस्या को दूर करने के
लिए एक बालक में ज्ञान के प्रति रुचि
उत्पन्न की जा सकती है
(1) शिक्षण विधि द्वारा
(2) प्रेरणा द्वारा
(3) अभिरुचि द्वारा
(4) इनमें से कोई नहीं
13. शिक्षण कार्यों को सुगम बनाने के लिए
निम्न में से कौन-सा गुण एक शिक्षक में
नहीं होना चाहिए?
(1) वार्षिक योजना तैयार न करना
(2) गणित की विषय-वस्तु का उपयुक्त ज्ञान
(3) अभ्यास कार्य को अधिक महत्त्व देना
(4) पक्षपात रहित व्यवहार
14. आपकी कक्षा के कुछ बच्चे गणित में बहुत
कमजोर हैं इस समस्या का प्रमुख कारण हो
सकता है
(1) प्राथमिक स्तर पर उन बच्चों की नींव का
कमजोर होना
(2) शारीरिक रूप से उन बच्चों का स्वस्थ्य होना
(3) आपका उन पर ठीक से ध्यान न देना
(4) उपरोक्त में से कोई भी
15. व्यक्तिगत भेदभाव की समस्या है
(1) मेधावी छात्र
(2) पिछड़े छात्र
(3) सामान्य छात्र
(4) ये सभी
16. गणित विषय में समस्याओं को हल करने
के अलावा उनका अभ्यास करने में
अधिक बल दिया जाता है, जिससे छात्र
(1) नये सूत्रों को समझ सकें तथा उनके अनुप्रयोग
में दक्ष हो जाएँ
(2) गणना सम्बन्धी कौशल में निपुण हो जाएँ
(3) नई धारणाओं को स्पष्ट कर सकें
(4) ज्ञान को नई परिस्थिति में लागू करना सीख
सकें
विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्न
17. “बच्चे के पर्यावरण में जो वस्तुएँ लुढ़कती
या फिसलती हैं, उन पर कक्षा में चर्चा शुरू
करो। बच्चों को उनके आकार देखने में
और यह समझने में कि कैसे कुछ वस्तुएँ
लुढ़कती हैं और फिसलती हैं, सहायता
करें।”
स्त्रोत : गणित के जादू II,
एन.सी.ई.आर.टी.
एन.सी.ई.आर.टी. की कक्षा II की
पाठ्य-पुस्तक में इस तरह के सुझाव यह
समझने में शिक्षक की सहायता करते हैं कि
[CTET June 2011]
(1) निदर्शन से सम्पूरित चर्चाएँ विद्यार्थियों को
संकल्पनाओं को बेहतर तरीके से समझने में
सहायता करती हैं
(2) चर्चाएँ बहुविध परिप्रेक्ष्यों को कक्षा में स्थान
देती हैं
(3) चर्चा करना गणित की कक्षा के लिए सर्वश्रेष्ठ
युक्ति है
(4) आस-पास की चीजों के बारे में बच्चों का ध्यान
आकर्षित करना शिक्षकों के लिए अनिवार्य है
18. शिक्षार्थी के गणितीय निष्पादन अवरोधन के
साथ सम्बन्धित चाक्षुष स्मृति अवरोध का
सम्भावित संकेतक है [CTET Sept 2014]
(1) गणित सम्बन्धी तथ्यों के संधारण में अयोग्यता
और समय बताने में कठिनाई
(2) संख्या रेखा का प्रयोग करने में कठिनाई
(3) एक क्रम में गणना करने में कठिनाई
(4) छोटे परिचालनों के साथ व्यवहार करने में
कठिनाई
19. नीचे दिया गया कौन-सा क्रिया-कलाप
कक्षा III के छात्रों की समस्याओं को हल
करने की कुशलता में वृद्धि के लिए है?
[CTET Feb 2014]
(1) कोई वर्ग पहेली जिसमें सीखे गए सभी मुख्य
पदों जैसे सम संख्या, विषम संख्या, भाज्य
संख्या, अभाज्य संख्या आदि के संकेत
(सुराग) दिए गए हों
(2) कोई सामूहिक परियोजना : प्राथमिक कक्षाओं
के छात्रों को समान रूप से चार सदनों
(स्कूलों की सदन प्रणाली) में किस प्रकार
विभाजित किया जाए ताकि हर सदन में खेल,
कला, सांस्कृतिक और शैक्षिक क्रिया-कलाप के
प्रतिभाशाली छात्र हों?
(3) कक्षा में ‘संख्या और प्रचालन’ विषय पर
अन्तरावर्ग पहेली प्रतियोगिता आयोजित करना
(4) कोई कार्यपत्रक जिसमें चार मूल प्रचालनों पर
समस्याएँ जैसे ज्ञात कीजिए 25×34,451÷11
आदि दी गई हैं
20. एक शिक्षिका कक्षा V की शैलजा से एक
आकृति की परिमाप के बारे में पूछती है
वह शैलजा से उसके हल को अपने शब्दों
में बताने को भी कहती है। शैलजा समस्या
का सही हल करने में सक्षम थी परन्तु
उसकी व्याख्या करने में सक्षम नहीं थी यह
शैलजा की निम्न विशेषता प्रदर्शित करता है
[CTET Feb 2015]
(1) कम आत्मविश्वास स्तर तथा कम गणितीय
कौशल
(2) परिमाप के सम्प्रत्यय की कम समझ परन्तु
अच्छी मौखिक योग्यता
(3) निम्न स्तरीय भाषा प्रवीणता और निम्न स्तरीय
गणितीय प्रवीणता
(4) निम्न स्तरीय भाषा प्रवीणता और उच्च स्तरीय
गणितीय प्रवीणता
21. चौथी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए अधिगम
उद्देश्य दिया गया है “विद्यार्थी दशमलव
वाली दो संख्याओं की, जोकि दशमलव के
दो स्थान तक हैं, को क्रम में रखने और
उनकी तुलना करने की योग्यता रखता है।”
यह अधिगम का उद्देश्य उल्लेख करता है
[CTET Sept 2015]
(1) प्रक्रियात्मक ध्येय
(2) सुव्यवस्थितता ध्येय
(3) सामाजिक ध्येय
(4) विषयात्मक ध्येय
22. गणित की कक्षा में सम्प्रेषण का उल्लेख
किस क्षमता का विकास करना है?
[CTET Sept 2015]
(1) दण्ड आरेख (बार ग्राफ) को देखकर आँकड़ों
का अर्थ लगाना
(2) कक्षा में पूछे गए प्रश्नों का तुरन्त उत्तर देना
(3) गणित की समस्याओं पर दूसरों के विचारों का
खण्डन करना
(4) गणितीय विचार को सुव्यवस्थित, संचित और
स्पष्ट करना
23. कक्षा II के कुछ विद्यार्थियों को हासिल
वाले’ दो अंकों की संख्याओं के जोड़ में
कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इस
समस्या का कारण है [CTET Sept 2015]
(1) गणित में रुचि का अभाव
(2) अंकित मान और स्थानीय मान में अन्तर की
समझ का अभाव
(3) शून्य के महत्त्व की समझ का अभाव
(4) पुनर्समूहीकरण की प्रक्रिया की समझ का
अभाव
24. गणित से भयभीत होने और उसमें असफल
होने के लिए निम्नलिखित में से किसे एक
कारण नहीं माना जा सकता है?
[CTET Sept 2016]
(1) कक्षा-कक्ष के अनुभव
(2) प्रतीकात्मक संकेत
(3) गणित की संरचना
(4) लैंगिक भेद
उत्तरमाला
1.(4) 2.(4) 3. (4) 4. (1) 5. (1) 6. (1) 7.(2) 8. (3) 9. (4) 10.(4)
11.(4) 12. (2) 13. (1) 14. (1) 15. (4) 16. (2) 17.(1) 18.(1)
19. (2) 20. (4) 21. (4) 22.(4) 23. (4) 24. (4)