CTET

CTET Notes In Hindi | आश्रय

CTET Notes In Hindi | आश्रय

आश्रय
                                          Shelter
CTET परीक्षा के विगत वर्षों के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण
करने से यह ज्ञात होता है कि इस अध्याय से वर्ष 2011 में
1 प्रश्न, 2012 में 1 प्रश्न, 2014 में 2 प्रश्न 2015 में 3 प्रश्न
और 2016 में 3 प्रश्न पूछे गए हैं। CTET परीक्षा में पूछे
गए प्रश्न मुख्यतया पक्षियों के घोंसलों एवं विभिन्न प्रकार के
घरों आदि से सम्बन्धित हैं।
किसी जीव-जन्तु का वह परिवेश, आश्रय या आवास कहलाता है, जिसमें
वह निवास करता है। आवास का शाब्दिक अर्थ वास स्थान होता है।
भिन्न-भिन्न जीवों का आश्रय स्थल भिन्न-भिन्न होता है। इसमें कुछ जीव
जन्तु स्वयं के द्वारा बनाए घरों में रहते हैं, तो कुछ जीव जंगल व मनुष्य
के द्वारा बनाए घरों में वास करते हैं। जीव-जन्तुओं द्वारा उनके निवास के
स्थान को विभिन्न वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जो निम्नलिखित
हैं
5.1 आश्रय/आवासों के प्रकार
जीव-जन्तुओं के आवास स्थलों को मुख्यतया दो वर्गों में विभाजित किया
जा सकता है, स्थलीय आवास और जलीय आवास।
5.1.1 स्थलीय आवास
इसके अन्तर्गत स्थल (Terrestrial) पर पाए जाने वाले जीव-जन्तु
निवास करते हैं। उदाहरण स्वरूप-घास स्थल, पर्वतीय स्थल,
मरुस्थलीय, तटीय तथा वनीय स्थल इत्यादि। इनका संक्षिप्त विवरण
निम्नलिखित है
5.1.2 घासीय स्थल
घास स्थलों (Grassland Shelter) में वृक्ष घने एवं बड़े होते हैं। इन
क्षेत्रों में मौसम एक निश्चित समयावधि के लिए आते-जाते रहते हैं। ग्रीष्म
ऋतु में यहाँ गर्म हवाएँ तथा शीत ऋतु में यहाँ ठण्डी व शुष्क हवाएँ
प्रवाहित होती है। इन क्षेत्रों में पाए जाने वाले जन्तुओं में विशिष्ट लक्षण
पाए जाते हैं। जैसे-घास के मैदानों में पाए जाने वाले जन्तु तेज गति से
दौड़ते हैं तथा इनका रंग भूरा होता है।
5.1.3 पर्वतीय स्थल
पर्वतीय आवासों (Mountainous Land) में वृक्ष शंक्वाकार (conical) होते हैं
जिनकी शाखाएँ तिरछी होती है क्योकि इन क्षेत्रों में हिमपात होता है तथा हवाएँ तेज
चलती है। पर्वतीय व ठण्डे प्रदेशों में रहने वाले जन्तुओं की चमड़ी मोटी होती है।
इन जन्तुओं के खुर मजबूत एवं बड़े होते हैं जिससे ये आसानी से ढालों पर दौड़
पाते है।
5.1.4 जलीय आवास
जलीय आवास (Aquatic Shelter) में तालाब, झील व समुद्र इत्यादि सम्मिलित
होते हैं। इसके अंतर्गत कुछ विशिष्ट जलीय जीवों एवं वनस्पतियों को शामिल
किया जाता है, जो जल के तलीय भागों में निवास करते हैं या जलीय भाग में
तैरते है। इनका विवरण निम्नलिखित है
5.1.5 समुद्र
समुद्र (Ocean) में रहने वाले जीव-जन्तु लवणीय जल में वास करते हैं, जो
साँस लेने के लिए जल में घुलित ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। समुद्री जल में
रहने वाले जीवों की कुछ विशेष संरचना होती हैं; जैसे-इन जीवों की शारीरिक
संरचना धारा रेखीय होती है ताकि वे जल के अन्दर तेजी से गति कर सके।
5.1.6 तालाब एवं झील
तालाब एवं झीलों (Pond and Lake) में पाए जाने वाले पौधों की जड़ें जलाशय
के नीचे मिट्टी में स्थिर रहती हैं। इन पौधों का तना लम्बा, खोखला एवं हल्का
होता है जिससे ये पौधे पोषक तत्त्वों का अवशोषण करते हैं। जलीय पौधों की
पत्तियाँ संकरी व लम्बी होती हैं तथा तने स्पंजी होते हैं। इन जलीय जीवों का
शरीर ऐसा होता है कि वे आसानी से तैर सकें। इनमें साँस लेने के लिए गिल
(गलफड़ा) भी होते हैं। मछलियाँ गलफड़े के सहारे श्वसन क्रिया करती है।
5.1.7 जीव-जन्तु एवं उनके आश्रय स्थल
वातावरण में विभिन्न प्रकार के जीव-जन्तु पाए जाते हैं, जो विभिन्न प्रकार के
आवासों में रहते हैं, जिनका विवरण निम्नलिखित है
स्थल एवं जंगल में रहने वाले जीव गाय, भैंस, कुत्ता, बिल्ली, गधा, घोड़ा,
शेर, हाथी, हिरन, गैंडा, बाघ, मोर, चिम्पैंजी आदि।
पानी में रहने वाले जीव मछली, साँप, मेंढक, मगरमच्छ, कछुआ आदि।
पेड़ पर रहने वाले जीव बन्दर, पांडा, स्लॉथ, लंगूर, पक्षी आदि।
जमीन के अन्दर रहने वाले जीव चूहा, साँप, चींटी, खरगोश, केंचुआ,
बिच्छू आदि।
उभयचर (Amphibinas) (स्थल एवं जल दोनों) जीव साँप, मेंढक,
मगरमच्छ आदि।
                           कुछ प्रमुख जीव एवं उनके रहने का स्थान
जीव             आश्रय             जीव          आश्रय          जीव       आश्रय
शेर               माँद                बिल्ली         पिंजरा          हाथी       जंगल
घोड़ा           अस्तबल            चूहा           बिल             सूअर      शूकरशाला
गधा            अस्तबल            साँप           बिल            जेबरा      जंगल
कुत्ता            कुक्कुरशाला      भेड़           बाड़ा          मुर्गी/मुर्गा    दड़बा
गाय, बैल      सायदान            पक्षी          घोंसला        खरगोश      बिल
बकरी          बाड़ा                मनुष्य         घर
कुछ सूक्ष्म कीड़े-मकोड़े (जीव-जन्तु) एवं उनके आश्रय स्थल
जीव             आश्रय            समूह में
मकड़ी           जाला               हाँ
चींटी              बिल                हाँ
मधुमक्खी      छत्ता                हाँ
दीमक           पेड़ के तनों में    हाँ
ततैया            छत्ता               हाँ
बिच्छू               –                 नहीं
केंचुआ           बिल              नहीं
 रजत मछली (Silver fish) एक कीड़ा है। इसलिए रजत मछली को छोड़कर
अन्य सारी मछलियाँ जल में रहती हैं। ऑक्टोपस, खेल, समुद्री गाय,
स्टारफिश, विद्युत किरण एवं डागफिश आदि समुद्री जल में पाई जाती हैं।
5.1.8 पक्षियों के घोंसले
पक्षी अपने घोंसले खुद बनाते है। ऐसे में सभी पक्षियों के घोंसले भिन्न-भिन्न
होते हैं। पक्षियों द्वारा घोसला इसलिए बनाया जाता है ताकि वह अण्डे दे सकें
तथा जब बच्चे बड़े हो जाते हैं तो वह घोंसला छोड़ देते हैं। पक्षियों के
घोंसलों (Nest of Birds) से सम्बन्धित कुछ तथ्य निम्नलिखित हैं
• कबूतर और गौरेया मनुष्य के घरों (आवास) में भी घोंसला बनाकर रहती
है। कौआ पेड़ की सबसे ऊँची डाल पर अपना घोंसला बनाते हैं।
• दर्जिन चिड़िया दो पत्तों को आपस में सिलकर घोसला बना लेती है।
कोयल अपना अण्डा कौए के घोंसले में रखती है। कलचिड़ी पक्षी अपना
घोसला जमीन पर विभिन्न पत्थरों के बीच बनाती है। कठफोड़वा और
वसन्त गौड़ी पेड़ के तने में छेद करके घोंसला बनाती है।
• जुलाही चिड़िया (वीवर बर्ड) अपना घोंसला लालटेन के आकार में बनाती
है, जो टहनियों से लटका हुआ होता है। घोंसला बनाने का कार्य नर पक्षी
के द्वारा होता है।
• उल्लू पेड़ के खोखले भाग में ही अपना घोंसला बना लेता है, जबकि
फाख्ता झाड़ियों के बीच अपना घोसला बनाती है। चील सबसे ऊंचे पेड़
पर घोंसला बनाता है जिसका आकार चार-पाँच फीट चौड़ा होता है। चील
अपने घोंसले का इस्तेमाल कई सालों तक करता है।
• गिद्ध अपना घोंसला सुनसान स्थानों में पेड़ों पर, चट्टानों की दरारों में तथा
चील के छोड़े हुए घोंसले में बनाता है। मोरनी अपना घोसला झाड़ियों एवं
पेड़ों की नीची डालियों पर बनाती है।
• मादा-शुतुरमुर्ग जमीन को थोड़ा-सा खोदकर उसमें अपना घोसला बनाती है
तथा अण्डे देती है।
5.1.9 मनुष्य का आवास
• मनुष्य के आवासों (Human Shelter) का स्वरूप समय के साथ परिवर्तित
होता रहता है। कभी वह मिट्टी के घरों में रहता है तो वह कभी पक्के घरों
में जो ईंटों से बना होता है। सामान्य रूप से मानवीय आवास दो प्रकार के
होते हैं-स्थायी आवास और अस्थायी आवास।
• स्थायी आवास Permanent Shelter स्थायी आवास, आवास का वह
रूप होता है, जिसमें मनुष्य निरन्तर एवं स्थायी रूप में निवास करते हैं।
जीव-जन्तुओं के भी स्थायी निवास होते हैं; जैसे-जंगली जीव-जन्तुओं के
लिए जंगल ही स्थायी निवास स्थान है। घर मनुष्य का स्थायी आवास
स्थल होता है।
• अस्थायी आवास Temporary Shelter अस्थायी आवास से तात्पर्य ऐसे
आवास से है जिसमें मनुष्य व जीव-जन्तु कुछ समय के लिए निवास करते
है और कुछ दिनों बाद उन्हें छोड़कर चले जाते हैं। तम्बू और टैन्ट आदि
मनुष्य के अस्थायी आवास के उदाहरण हैं।
5.1.10 आवास निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक
किसी विशेष स्थान के आवास वहाँ की विभिन्न परिस्थितियों द्वारा प्रभावित
होते हैं, जो निम्नलिखित है
• स्थान की भौगोलिक स्थिति आवास स्थान समतल जगह पर है या
पहाड़ी स्थान पर शहर में है या गाँव में इससे आवास निर्माण प्रभावित
होता है।
• विशेष स्थान की जलवायु उस विशेष स्थान पर वर्षा अधिक होती है या
कम, गर्मी अधिक पड़ती है या कम तथा किसी स्थान पर शीतकालीन
अवधि कितनी होती है, इससे भी आवास निर्माण प्रभावित होते हैं।
• व्यक्ति की सामाजिक स्थिति व्यक्ति की सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति
उसके आवास को प्रभावित करती है।
• विशेष स्थान पर उपलब्ध निर्माण सामग्री जिस विशेष स्थान पर जिस
प्रकार की निर्माण सामग्री उपलव्य होती है वहाँ आवास निर्माण में उसकी
अधिकता अवश्य दिखती है।
5.2 विभिन्न प्रकार के घर
विभिन्न प्रकार के घर निम्नलिखित है
5.2.1 मिट्टी के घर
मिट्टी के घर (Tatched House) ग्रामीण क्षेत्रों विशेषकर गाँवों में देखने को
मिलते हैं। ये वैसे क्षेत्रों में अधिक देखने को मिलते हैं जहाँ गर्मी अधिक
पड़ती है; जैसे-राजस्थान उत्तर-प्रदेश, बिहार आदि। इनके कुछ विशेष लक्षण
हैं, जो निम्नलिखित हैं
• गर्मी अन्दर न जा सके इसलिए इन घरों की दीवारें मोटी होती हैं। इन घरों
को समय-समय पर लीपा जाता है ताकि मिट्टी टूटे नहीं तथा इन घरों में
कौड़े न आएं इसके लिए इनको गोबर से भी लीपा जाता है।
• इन घरों की मिट्टी को मजबूत बनाने के लिए उनमें भूसा भी मिलाया
जाता है। इनकी छतों को झाड़ियों आदि से बनाया जाता है जिसमें नीम या
कीकर की लकड़ी का प्रयोग अधिक किया जाता है। ये इसलिए क्योंकि
इसमें कीड़े नहीं लगते हैं।
5.2.2 लकड़ी/पत्थर के घर
इस प्रकार के घरों का निर्माण प्रायः पहाड़ी क्षेत्रों में देखने को मिलता है,
जहाँ अधिक बारिश भी होती है और बर्फ भी पड़ती है। इस प्रकार के घर
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश आदि में देखने को मिलते हैं। इनके कुछ
विशेष लक्षण अग्रलिखित है
• इस प्रकार के घरों की छतें ढलवाँ होती हैं ताकि बारिश का पानी व बर्फ
आसानी से नीचे गिर जाए, जबकि कुछ स्थानों पर इन घरों की छतें
समतल भी होती हैं।
• पत्थर के घरों की पुताई चूने से की जाती है ताकि इनका बचाव कीड़ों से
किया जा सके।
• ऐसे घर एक मंजिले व दो मंजिले दोनों होते हैं। लद्दाख के लोग अपने
घरों के निचले हिस्से में पालतू जानवरों व सामानों आदि को रखते हैं। ये
लोग अपने घरों की छत का उपयोग फसल आदि को सुखाने के लिए भी
करते हैं।
5.2.3 बाँस/लकड़ी के घर
ये घर उन क्षेत्रों में बनाए जाते हैं, जहाँ वर्षा की मात्रा अधिक होती है। भारत
के असम क्षेत्र में इस प्रकार के घर पाए जाते हैं। ये घर जमीन से दस से
पन्द्रह फुट की ऊँचाई पर बनाए जाते हैं। इनके खम्भे मजबूत होते हैं ताकि
बाढ़ आने पर इन घरों को कोई नुकसान न होने पाए।
5.2.4 बर्फ के घर/इग्लू
बर्फीले क्षेत्रों में बर्फ के बड़े-बड़े टुकड़ों को जोड़कर इस प्रकार के घर
बनाए जाते हैं, जिसे इग्लू कहा जाता है। ये घर गुम्बद के आकार के होते हैं
इनका प्रवेश द्वार बहुत छोटा होता है जिससे बर्फीली हवाएँ इसमें प्रवेश नहीं
करती हैं। यह एस्किमो शिकारियों का अस्थायी निवास होता है।
5.2.5 हाउस बोट
यह लकड़ी से निर्मित घर होता है, जो सदा पानी के ऊपर तैरता रहता है। ये
पर्यटकों के लिए खासकर बनाए जाते हैं। इस प्रकार के घर कश्मीर और
केरल में देखने को मिलते हैं। इसकी लम्बाई अस्सी फुट तक होती है।
कश्मीरी हाउस बोट की कुछ विशेषता होती है, जैसे कि इनकी छतों पर
लकड़ी की नक्काशी की गई होती है जिसको खतमबन्द कहा जाता है।
5.2.6 डोंगे
यह कश्मीर में पाए जाने वाले नक्काशी रहित हाउस बोट होते हैं। इसमें
भिन्न-भिन्न कमरे होते हैं जिसमें वहाँ के स्थानीय लोग निवास करते हैं।
5.2.7 टैन्ट
• यह अस्थायी निवास का एक रूप है, जिसका निर्माण भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में
भिन्न-भिन्न वस्तुओं के द्वारा होता है। जैसे-शहरों में गरीब वर्ग प्लास्टिक
का टैन्ट लगाते है तो कहीं यह कपड़ों से बने होते है।
• लद्दाख की चांगपा जनजाति के लोग याक के बालों की पट्टियों से टैन्ट
बनाते है जिसे रेयो कहा जाता है।
• पर्वतारोहियों के टैन्ट दो तह वाले होते है, जो प्लास्टिक की शीट से बने
होते हैं ताकि ठण्ड से बचाव हो सके।
5.2.8 ईंट के मकान/ऊँची इमारतें
इस प्रकार के घर या आवास समतल मैदानी क्षेत्रों में मिलते है जो एक
मंजिला से लेकर बहुमंजिली तक होते है। भारत के मैदानी क्षेत्रों में इस प्रकार
के घर बहुतायत में पाए जाते हैं। ऊँची इमारतें प्रायः बड़े-बड़े शहरों में
मिलती हैं।
5.2.9 हवेली/किले/महल
प्राचीन व मध्यकालीन ऐतिहासिक काल में राजा, महाराजाओं, जमींदार व
विशेष धनी वर्गों के द्वारा ऐसे आवासों का निर्माण किया जाता था। परन्तु
वर्तमान समय में कुछ विशेष सम्पन्न वर्गों के द्वारा ही अब ऐसे आवास बनाए
जाते हैं। इनके कुछ विशेष लक्षण होते थे, जो निम्नलिखित हैं
• इनका आकार बहुत बड़ा होता है, जो कई भागों में विभाजित होता है।
• इनमें पत्थरों और लकड़ियों का बहुत ज्यादा उपयोग होता है। इनकी छतों
में, दीवारों पर, खम्भों पर तथा दरवाजों पर खूबसूरत नक्काशियाँ की गई
होती हैं।
                                             ऋतु प्रवास
विभिन्न लोगों व समुदायों द्वारा मौसम के अनुकूल स्थानान्तरण अथवा मौसमी
आवागमन को ऋतु प्रवास कहा जाता है। पर्वतीय क्षेत्रों में निवास करने वाली कुछ
विशेष जनजातियों में आज भी ऋतुप्रवास प्रचलित है। मौसमी स्थानान्तरण से
लोग अस्थायी बस्तियों में निवास करते हैं। रैन-बसेरा ऐसे लोगों का आश्रय स्थल
होता है जो बेघर होते हैं। रैन-बसेरों का संचालन प्रायः स्वयंसेवी संगठनों द्वारा
किया जाता है। रैन-बसेरों में उन्हें निःशुल्क बिस्तर की सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं।
                                        अभ्यास प्रश्न
1. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
(1) जीव-जन्तु स्वयं के द्वारा बनाए घरों में रहते हैं
(2) सभी जीव-जन्तुओं के आवास समान ही होते हैं।
(3) जीवों का आश्रय स्थल भिन्न-भिन्न नहीं होता
है
(4) उपरोक्त सभी
2. निम्न में से कौन-सा युग्म अन्य से भिन्न
(1) गाय-मैंस
(2) शेर-हाथी
(3) हिरन-गैंडा
(4) बाप-चिम्पैंजी
3. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए।
स्थान/आश्रय                  सम्बन्धित जन्तु
(a) जंगल में रहने वाले         (i) दीमक
जीव
(b) पेड़ पर रहने वाले          (ii) मच्छर
जीव
(c) मनुष्य के घरों में             (iii) स्लॉथ
रहने वाले जीव
(ठ) समूह में रहने वाले          (iv) कुत्ता
जीव
     a    b       c      d
(1) i     ii        iii     iv
(2) ii    iii       iv      i
(3) iii   iv       i        ii
(4) iv   iii       ii       I
4. निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म उभयचर
जीव को बताता है?
(1) सौंप एवं बिच्छू
(2) सौंप एवं चींटी
(3) मेंढक एवं मगरमच्छ
(4) साँप एवं स्लॉथ
5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
A. मधुमक्खी, मकड़ी, बिच्छू आदि समूह
में रहने वाले जीव होते हैं।
B. चूहा, चींटी, केचुआ आदि मनुष्य के
घरों में रहने वाले जीव हैं।
उपरोक्त में से कौन-सा कथन सही है?
(1) केवल A
(2) केवल 8
(3) A और B दोनों
(4) न तो A और न ही B
6. निम्नलिखित में से कौन-सा सुमेलित
नहीं है।
जीव           आश्रय
1. चूहा       बिल
2.भेड़        बाड़ा
3. गधा       बाड़ा
4. मकड़ी    जाल
7. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन
सत्य है?
A. रजत मछली एक कीड़ा है।
B. रजत मछली जल में नहीं रहती है।
C. डॉगफिश समुद्री जल में पाई जाती है।
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, B और C
8. निम्नलिखित में से कौन-से जीव समुद्री जल
में निवास करते है?
A. ऑक्टोपस
B. हेल
C. विद्युत किरण
D. स्टारफिश
(1) A, B और
(2) B, C और D
(3) A, Bऔर D
(4) A, B, Cऔर  D
9. ये पक्षी सबसे ऊँचे पेड़ पर अपना घोसला
बनाता है जिसका आकार चार-पाँच फीट
चौड़ा होता है। ये अपने घोसले का उपयोग
कई सालों तक करता रहता है।
(1) चील
(2) गिद्ध
(3) उल्लू
(4) कौआ
10. निम्नलिखित में से कौन सही है?
A. कबूतर और गौरेया मनुष्य के घरों में भी
घोंसला बनाकर रहती हैं।
B. गिड, चील के छोड़े हुए घोसलों में भी
रहता है।
C. उल्लू पेड़ के खोखले भाग में अपना
घोसला बनाते हैं।
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, B और C
11. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
A. पक्षियों के द्वारा घोंसला इसलिए बनाया
जाता है ताकि वह उसमें अण्डे दे सके।
B. पक्षियों द्वारा अपना घोसला स्वयं बनाया
जाता है।
C. फाख्ता झाड़ियों के बीच अपना घोंसला
बनाती है।
उपरोक्त में से कौन-सा कथन सही है?
(1) A और B
(2) B और C
(3) A और C
(4) A, B और C
12. जुलाही चिड़िया के विषय में कौन-सा कथन
सही है?
A. ये अपना घोसला लालटेन की तरह
बनाती है।
B. इनके घोसले टहनियों से लटके हुए होते
है।
C.घोसला बनाने का कार्य नर पक्षी के द्वारा
होता है।
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, B और C
13. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
A. पर मनुष्य का स्थायी निवास स्थल
होता है।
B. चिड़ियाघर जीव-जन्तुओं का अस्थायी
निवास स्थल होता है।
उपरोक्त में से कौन-सा कथन सही है?
(1) केवल A
(2) केवल B
(3) A और B दोनों
(4) न तो A और न ही B
14. निम्नलिखित में से कौन-सा कारक आवास
निर्माण को प्रभावित नहीं करता है?
(1) स्थान की भौगोलिक स्थिति
(2) व्यक्ति की सामाजिक स्थिति
(3) विशेष स्थान की जलवायु
(4) व्यक्तियों का पारिवारिक आकार
15. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
A. तम्बू और टैन्ट मनुष्य के अस्थायी
निवास स्थान हैं।
B. व्यक्ति के निवास स्थान के आस-पास
उपलब्ध निर्माण सामग्री वहाँ के आवास
के निर्माण में परिलक्षित होती है।
C. मनुष्य के आवासों का स्वरूप कभी नहीं
बदलता है।
उपरोक्त में से कौन-सा कथन सही है?
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, B और C
16. शिक्षक कक्षा में एक घर के विषय में बताते
हुए कहते है कि “इन घरों में मिट्टी को
मजबूत बनाने के लिए उनमें भूसा मिलाया
जाता है। इनकी छतों को झाड़ियों आदि से
बनाया जाता है। इसमें नीम या कीकर की
लकड़ियों का प्रयोग अधिक किया जाता
है।” ये बताइए कि शिक्षक द्वारा किस
प्रकार के घर के विषय में बताया गया है?
(1) लकड़ी के घर
(2) मिट्टी के घर
(3) हाउस बोट
(4) टैन्ट
17. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
A. इन घरों की कीड़े से बचाव के लिए
चूने से पुताई की जाती है।
B. इन घरों की छतें ढलवाँ होती हैं जिससे
वर्षा का पानी व बर्फ आसानी से नीचे
गिर जाता है।
उपरोक्त दोनों कथन घर के किस प्रकार
विषय में बताते है?
(1) मिट्टी के घर
(2) पत्थर के घर
(3) लकड़ी के घर
(4) 2 और 3 दोनों
18. बाँस के घर, जो असम में बहुतायत से
बनाए जाते है वो 10-15 फुट की ऊँचाई के
मजबूत खम्भों पर बनाए जाते है। ऐसा करने
के पीछे क्या कारण है?
(1) सूखा
(2) जानवरों से बचाव
(3) तेज बहाव
19. बर्फ के घर, जिसमें एस्किमो शिकारी
निवास करते हैं उसको …….कहा जाता
है?
(1) हाउस बोट
(2) डोंगे
(3) इग्लू
(4) टैन्ट
20. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए
घर के प्रकार             सम्बन्धित स्थान
(a) हाउस बोट          (i) केरल
(b) डोंगे                  (ii) कश्मीर
(c) टैन्ट                   (iii) लद्दाख
      a     b   c
(1) iii    ii    i
(2) ii      i    iii
(3) i      ii    iii
(4) i      iii    ii
21. निम्नलिखित गुण किस प्रकार के
घर/आवास से सम्बन्धित है?
A. इनका आकार बहुत बड़ा होता है।
B. इसमें बहुत सारे कमरे होते हैं।
C. इनकी छतों, दीवारों तथा खम्भों आदि पर
खूबसूरत नक्काशी की गई होती है।
(1) ऊँची इमारतें
(2) हवेली/महल
(3) 1 और 2 दोनों
(4) उपरोक्त में से कोई नहीं
22. रैन-बसेरे के विषय में कौन-सा कथन सही
है?
A.ये बेघर लोगों का आश्रय स्थल होता है।
B. रैन-बसेरों में बेघरों को निःशुल्क बिस्तर
की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
C. इनका संचालन स्वयं सेवी संगठनों के
द्वारा भी होता है।
(1) A और B
(2) A और C
(3) B और C
(4) A, Bऔर C
                                  विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्न
23. ग्रामीण क्षेत्रों में, गाय के गोबर से झोपड़ी
की दीवारों और फर्श को लीपा जाता है
उन्हें                            [CTET June 2011]
(1) फर्श को प्राकृतिक रंग देने के लिए
(2) कीड़ों को दूर रखने के लिए
(3) घर की सुन्दता बढ़ाने के लिए
(4) खुरदरा बनाकर पर्षण बढ़ाने के लिए
24. एक ही प्रकार की फसल बार-बार उगाने
और बहुत से रसायनों के उपयोग करने से
मृदा                               [CTET Nov 2012]
(1) किसी विशेष फसल के लिए उपयोगी बन
जाती है
(2) सिंचाई के लिए उपयुक्त न जाती है
(3) उर्वर (उपजाज) बन जाती है
(4) बंजर हो जाती है
25. कोई पक्षी पेड़ की ऊँची डाल पर अपना
पोसला बनाता है। यह पक्षी हो सकता है
                                        [CTET Feb 2014]
(1) शकरखोरा
(2) कलचिड़ी
(3) कौआ
(4) पास्ता
26. नीचे दिए गए अध्याय को पदिए जिसे गाँव
के एक छात्र ने अपने घर के विषय में
लिखा है
“मैं गाँव से आया हूँ। हमारे गाँव में
अत्यधिक वर्षा होती है इसलिए हमारे पर
धरती से लगभग 10 से 12 फुट
(3 से 3.5 मी) ऊँचे बने होते हैं। इन्हें
मजबूत बाँस के खम्भों पर बनाया जाता है।
ये घर अन्दर से भी लकड़ी के बने होते
है।” यह गाँव होना चाहिए।
                                [CTET Sept 2011]
(1) आन्ध्र प्रदेश में
(2) असम में
(3) तमिलनाडु में
(4) उत्तराखण्ड में
27. घरों की नीचे दी गई विशिष्टताओं पर
विचार कीजिए।
A. निचली मंजिल में कोई खिड़की नहीं।
B. पेड़ के तनों की लकड़ी से बनी ढालू
छतें।
C. पत्थर के खम्भों पर जमीन से लगभग
10-12 फुट ऊँचाई पर बने घर।
D. पत्थर, गारा और चूने से बनी मोटी
दीवारें।
E. लकड़ी के फर्श
लेह और लद्दाख के घरों में ऊपर दी गई
कौन-कौन सी विशिष्टताएँ पाई जा सकती
है?                            [CTET Sept 2016]
(1) B, C और
(2) C, D और E
(3) A, D E
(4) A, B और C
28. निम्नलिखित का अध्ययन कीजिए।
कौआ पेड़ की ऊँची डाल पर अपना
घोसला बनाता है। इस घोसले को बनाने में
कई प्रकार की वस्तुओं, यहाँ तक कि
लकड़ी की शाखाएँ और लोहे के तार भी
होते हैं। एक चालाक पक्षी भी है, जो अपना
घोंसला नहीं बनाता और कौए के घोसले में
अण्डे दे देता है। बेचारा कौआ अपने अण्डों
के साथ इन अण्डों को भी सेता है।
यह पक्षी कौन-सा है?       [CTET Sept 2015]
(1) कलचिड़ी
(2) बसन्त गौड़ी
(3) कोयल
(4) शकरखोरा
29. ऐस्किमो अपने घर ‘इग्लू’ का निर्माण बर्फ
से करते है। इसका क्या कारण है?
                                      [CTET Sept 2015]
(1) बर्फ ठण्डी हवा और पानी को अन्दर नहीं आने
देता
(2) बर्फ की दीवारों के बीच मौजूद हया अन्दर की
गर्मी को बाहर जाने से रोकती है
(3) बर्फ मुफ्त में मिलती है, अन्य सामग्री की
कीमत अधिक होगी
(4) धुवीय क्षेत्रों में केवल बर्फ ही उपलब्ध है।
30. निम्नलिखित में से कौन-सा कीट
मधुमक्खियों की भांति कॉलोनी (बस्ती) में
एकसाथ नहीं रहता है? [CTET Feb 2016]
(1) ततैया/ बर्र
(2) चींटी
(3) दीमक
(4) मकड़ी
31. प्रामीण क्षेत्र के मकानों के ढाँचे वहाँ की
जलवायु (मौसम) की स्थिति से सम्बन्धित
होते हैं। एक गाँव के मकानों के लक्षण नीचे
दिए गए है
A. मकान मजबूत बाँस के खम्भों पर बने
होते है।
B. अन्दर से भी मकान लकड़ी से ही बने
होते है।
C. मकान जमीन से लगभग 3 मी से
3.5 मी ऊंचाई पर बने होते हैं। मकानों
की छतें ढालू होती है।
यदि इस गाँव में भारी वर्षा होती है, तो यह
गाँव किस राज्य में होना चाहिए?
                                     [CTET Feb 2016]
(1) असम
(2) उत्तर प्रदेश
(3) राजस्थान
(4) बिहार
32. प्रत्येक स्थान के नाम के साथ उस क्षेत्र में
बनाए जाने वाले सामान्य घरों के सही
विवरण का मिलान कीजिए।
स्थान                         घर
(a) मनाली         (i) बाँस के खम्भों पर बने
                             ऊँचे उठे हुए घर
(b) राजस्थान     (ii) पत्थर या लकड़ी से बने
                              ढालू छतों वाले घर
(c) असम         (iii) हाउस बोट
(d) लद्दाख        (iv) मिट्टी के घर जिनकी छतें
                              कंटीली झाड़ियों से छाई
                              होती हैं
                         (v) पत्थर के बने पर जिनके
                               फर्श और छतें लकड़ी की
                               बनी होती हैं
                                            [CTET Sept 2016]
        a         b         c          d
(1)    iv        i          ii          iii
(2)    ii         v          i          iv
(3)    ii         iv         i           v
(4)    iii        iv         i           v
                                             उत्तरमाला
1. (1) 2 (1) 3. (4) 4. (3) 5. (4) 6. (3) 7. (4) 8. (4) 9. (1) 10. (4)
11. (4) 12. (4) 13. (3) 14. (4) 15. (1) 16. (2) 17. (4) 18. (4)
19. (3) 20. (3) 21. (2) 22. (4) 23. (2) 24. (4) 25. (3) 26. (2)
27. (3) 28. (3) 29. (2) 30. (4) 31. (1) 32 (3)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *