Haryana Board 10th Clas s Sanskrit व्याकरणम् धातुरुप प्रकरणम्
Haryana Board 10th Clas s Sanskrit व्याकरणम् धातुरुप प्रकरणम्
व्याकरणम् धातुरुप प्रकरणम् HBSE Sanskrit 10th Class
1. √भू (होना)
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | भवति | भवतः | भवन्ति |
मध्यमपुरुष | भवसि | भवथ: | भवथ |
उत्तमपुरुष | भवामि | भवाव: | भवाम: |
लुट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | भविष्यति | भविष्यत: | भविष्यन्ति |
मध्यमपुरुष | भविष्यसि | भविष्यथ: | भविष्यथ |
उत्तमपुरुष | भविष्यामि | भविष्यावः | भविष्याम: |
लोट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | भवतु | भवताम् | भवन्तु |
मध्यमपुरुष | भव | भवतम् | भवत |
उत्तमपुरुष | भवानि | भवाव | भवाम |
लङ्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | अभवत् | अभवताम् | अभवन् |
मध्यमपुरुष | अभव: | अभवतम् | अभवत |
उत्तमपुरुष | अभवत् | अभवाव | अभवाम |
विधिलिङ् लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | भवेत् | भवेताम् | भवेयु: |
मध्यमपुरुष | भवे: | भवेतम् | भवेत |
उत्तमपुरुष | भवेयम् | भवेव | भवेम |
व्याकरणम् धातुरुप प्रकरणम् 10th Class HBSE Sanskrit
2. √पठ् ( पढ़ना)
लट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | पठति | पठतः | पठन्ति |
मध्यमपुरुष | पठसि | पठथ: | पठथ |
उत्तमपुरुष | पठामि | पठाव: | पठामः |
लुट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | पठिष्यति | पठिष्यतः | पठिष्यन्ति |
मध्यमपुरुष | पठिष्यति | पठिष्यथ: | पठिष्यथ |
उत्तमपुरुष | पठिष्यामि | पठिष्याव: | पठिष्याम: |
लोट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | पठतु | पठताम् | पठन्तु |
मध्यमपुरुष | पठ | पठतम् | पठत |
उत्तमपुरुष | पठानि | पठाव | पठाम |
लड्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | अपठत् | अपठताम् | अपठन् |
मध्यमपुरुष | अपठ: | अपठलम् | अपठत |
उत्तमपुरुष | अपठम् | अपठाव | अपठाम |
विधिलिड् लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | पठेत् | पठेताम् | पठेयु: |
मध्यमपुरुष | पठे: | पठेतम् | पठेत |
उत्तमपुरुष | पठेयम् | पठेव | पठेम |
HBSE 10th Class Sanskrit व्याकरणम् धातुरुप प्रकरणम्
3. √पा (पिब्) पीना
लट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | पिबति | पिबतः | पिबन्ति |
मध्यमपुरुष | पिबसि | पिबथ: | पिबथ |
उत्तमपुरुष | पिबामि | पिबाव: | पिबाम: |
लोट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | पिबतु | पिबताम् | पिबन्तु |
मध्यमपुरुष | पिब | पिबतम् | पिबत |
उत्तमपुरुष | पिबानि | पिबाव | पिबाम |
लड्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | अपिबत् | अपिबताम् | अपिबन् |
मध्यमपुरुष | अपिब: | अपिबतम् | अपिबत |
उत्तमपुरुष | अपिबम् | अपिबाव | अपिबाम |
विधिलिड् लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | पिबेत् | पिबताम् | पिबयु: |
मध्यमपुरुष | पिबे: | पिबेतम् | पिबेत |
उत्तमपुरुष | पिबेयम् | पिबेव | पिबेम |
लुट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | पास्यति | पास्यतः | पास्यन्ति |
मध्यमपुरुष | पास्यसि | पास्यथ: | पास्यथ |
उत्तमपुरुष | पास्यामि | पास्याव: | पास्याम: |
4. √गम् ) गच्छ (जाना)
लट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | गच्छति | गच्छत: | गच्छान्ति |
मध्यमपुरुष | गच्छसि | गच्छथ: | गच्छथ |
उत्तमपुरुष | गच्छामि | गच्छाव: | गच्छाम: |
लुट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | गमिष्यति | गमिष्यतः | गमिष्यन्ति |
मध्यमपुरुष | गमिष्यसि | गमिष्यथ: | गमिब्यथ |
उत्तमपुरुष | गमिष्यामि | गमिष्यावः | गमिष्याम: |
लोट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | गच्छतु | गच्छताम | गच्छन्तु |
मध्यमपुरुष | गच्छ | गच्छतम् | गच्छत |
उत्तमपुरुष | गच्छानि | गच्छाव | गच्छाम |
लुट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | गमिष्यति | गमिष्यत: | गमिष्यन्ति |
मध्यमपुरुष | गमिष्यसि | गमिष्यथ: | गमिष्यथ |
उत्तमपुरुष | गमिष्यामि | गमिष्याव: | गमिष्याम: |
विधिलिड् (आज्ञा)
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | गच्छेत् | गच्छेताम् | गच्छेयु: |
मध्यमपुरुष | गच्छे: | गच्छेतम् | गच्छेत |
उत्तमपुरुष | गच्छेयम् | गच्छेव | गच्छेम |
5. √खाद (खाना)
लट्लकार (वर्तमान काल)
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | खादति | खादतः | खादन्ति |
मध्यमपुरुष | खादसि | खादथ: | खादथ |
उत्तमपुरुष | खादामि | खादाव: | खादामः |
लोट्लकार (आदेश)
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | खादतु | खादताम् | खादन्तु |
मध्यमपुरुष | खाद | खादतम् | खादत |
उत्तमपुरुष | खादानि | खादाव | खादाम |
लङ् लकार ( भूतकाल )
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | अखादत् | अखादताम् | अखादन् |
मध्यमपुरुष | अखाद | अखादतम् | अखादत |
उत्तमपुरुष | अखादम् | अखादाव | अखादाम |
विधिलिड् (आज्ञा)
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | खादेत् | खादेताम् | खादेयु |
मध्यमपुरुष | खादे: | खादेतम् | खादेत |
उत्तमपुरुष | खादेमम् | खादेव | खादेम |
लृट्लकार ( भविष्यतकाल )
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | खादिष्यति | खादिष्यतः | खादिष्यन्ति |
मध्यमपुरुष | खादिष्यसि | खादिष्यथ: | खादिष्यथ |
उत्तमपुरुष | खादिष्यामि | खादिष्याव: | खादिष्याम: |
6. √स्मृ (स्मरण करना)
लट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | स्मरति | स्मरतः | स्मरन्ति |
मध्यमपुरुष | स्मरसि | स्मरथ: | स्मरथ |
उत्तमपुरुष | स्मरामि | स्मराव: | स्मरामः |
लोट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | स्मरतु | स्मरताम् | स्मरन्तु |
मध्यमपुरुष | स्मर | स्मरतम् | स्मरत |
उत्तमपुरुष | स्मराणि | स्मराव | स्मराम |
लङ्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | अस्मरत् | अस्मरताम् | अस्मरन् |
मध्यमपुरुष | अस्मर: | अस्मरतम् | अस्मरत |
उत्तमपुरुष | अस्मरम् | अस्मराव | अस्मराम |
विधिलिङ्(आज्ञा)
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | स्मरेत् | स्मरेताम् | स्मरेयु: |
मध्यमपुरुष | स्मरे: | स्मरेतम् | स्मरेत |
उत्तमपुरुष | स्मरेयम् | स्मरेव | स्मरेम |
लुट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | स्मरिष्यति | स्मरिष्यत: | स्मरिष्यन्ति |
मध्यमपुरुष | स्मरिष्यसि | स्मरिष्यथ: | स्मरिष्यथ |
उत्तमपुरुष | स्मरिष्यामि | स्मरिष्याव: | स्मरष्यिाम: |
7. √पच् (पकाना) परस्मैपद
लट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | पचति | पचत: | पचन्ति |
मध्यमपुरुष | पचसि | पचथ: | पचथ |
उत्तमपुरुष | पचामि | पचाव: | पचाम: |
लुट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | पक्ष्यति | पक्ष्यतः | पक्ष्यन्ति |
मध्यमपुरुष | पक्ष्यसि | पक्ष्यथ: | पक्ष्यथ |
उत्तमपुरुष | पक्ष्यामि | पक्ष्याव: | पक्ष्याम: |
लोट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | पचतु | पचताम् | पचन्तु |
मध्यमपुरुष | पच | पचतम् | पचत |
उत्तमपुरुष | पचन्ति | पचाव | पचाम |
लड्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | अपचत् | अपचताम् | अपचन् |
मध्यमपुरुष | अपचः | अपचतम् | अपचत |
उत्तमपुरुष | अपचम् | अपचाव | अपचाम |
विधिलिड् लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | पचेत् | पचेताम् | पचेयु: |
मध्यमपुरुष | पचे: | पचेतम् | पचेत |
उत्तमपुरुष | पचेयम् | पच्वेव | पचेम |
8. √अस् (होना)
लट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | अस्ति | स्तः | सन्ति |
मध्यमपुरुष | असि | स्थः | स्थः |
उत्तमपुरुष | अस्मि | स्वः | स्मः |
लुट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | भविष्यति | भविष्यतः | भविष्यन्ति |
मध्यमपुरुष | भविष्यसि | भविष्यथ: | भविष्यथ |
उत्तमपुरुष | भविष्यामि | भविष्याव: | भविष्याम: |
लोट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | अस्तु | स्ताम् | सन्तु |
मध्यमपुरुष | एथि | स्तम् | स्तः |
उत्तमपुरुष | असानि | असाव | असाम |
लड्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | आसीत् | आस्ताम् | आसन् |
मध्यमपुरुष | आसी: | आस्तम् | आस्त |
उत्तमपुरुष | आसम् | आस्व | आस्म |
विधिलिड् लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | स्यात् | स्याताम् | स्यु: |
मध्यमपुरुष | स्या: | स्यातम् | स्यात |
उत्तमपुरुष | स्याम् | स्याव | स्याम |
9. √कृ (करना)
लट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | करोति | कुरुत: | कुर्वन्ति |
मध्यमपुरुष | करोषि | कुरुथ: | कुरुथ |
उत्तमपुरुष | करोमि | कुर्व: | कुर्म: |
लृट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | करिष्यति | करिष्यतः | करष्यिन्ति |
मध्यमपुरुष | करिष्यसि | करिष्यथ: | करिष्यथ |
उत्तमपुरुष | करिष्यामि | करिष्याव: | करिष्याम: |
लोट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | करोतु | कुरुताम् | कुर्वन्तु |
मध्यमपुरुष | कुरु | कुरुतम् | कुरुत |
उत्तमपुरुष | करवाणि | करवाव | करवाम |
लड्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | अकरोत् | अकुरुताम् | अकुर्वन् |
मध्यमपुरुष | अकरो: | अकुरुतम् | अकुरुत |
उत्तमपुरुष | अकरवम् | अकुर्व | अकुर्म |
विधिलिड् लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | कुर्यात् | कुर्याताम् | कुर्यु: |
मध्यमपुरुष | कुर्या: | कुर्यातम् | कुर्यात |
उत्तमपुरुष | कुर्याम् | कुर्याव | कुर्याम |
10. √शकृ-समर्थ होना
लट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | शक्नोति | शक्नुत: | शक्नुवन्ति |
मध्यमपुरुष | शक्नोषि | शक्नुथ: | शक्तुथ |
उत्तमपुरुष | शक्नोमि | शक्नुवः | शक्नुमः |
लृट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | शक्ष्यति | शक्ष्यत: | शक्ष्यन्ति |
मध्यमपुरुष | शक्ष्यसि | शक्ष्यथ: | शक्ष्यथ |
उत्तमपुरुष | शक्ष्यामि | शक्ष्याव: | शक्ष्याम: |
लोट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | शक्नोतु | शक्नुताम् | शक्नुवन्तु |
मध्यमपुरुष | शक्नुहि | शक्नुतम् | शक्नुत |
उत्तमपुरुष | शक्नवानि | शक्नवाव | शक्नवाम |
लड्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | अशक्नोत् | अशक्नुताम् | अशक्नुवन् |
मध्यमपुरुष | अशक्नो: | अशक्नुतम् | अशक्नुत |
उत्तमपुरुष | अश्क्नवम् | अशक्नुव | अशक्नुम |
विधिलिड् लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | शक्नुयात् | शक्नुयाताम् | शक्नुयु: |
मध्यमपुरुष | शक्नुया: | शक्नुयातम् | शक्नुयात |
उत्तमपुरुष | शक्नुयाम् | शक्नुयाव | शक्नुयाम |
11. √प्रच्छ > पृच्छू (पूछना)
लट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | पृच्छति | पृच्छतः | पृच्छन्ति |
मध्यमपुरुष | पृच्छसि | पृच्छथ: | पृच्छथ |
उत्तमपुरुष | पृच्छामि | पृच्छाव: | पृच्छाम: |
लृट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | प्रक्ष्यति | प्रक्ष्यतः | प्रक्ष्यन्ति |
मध्यमपुरुष | प्रक्ष्यसि | प्रक्ष्यथ: | प्रक्ष्यथ |
उत्तमपुरुष | प्रक्ष्यामि | प्रक्ष्याव: | प्रक्ष्याम: |
लोट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | पृच्छतु | पृच्छताम् | पृच्छन्तु |
मध्यमपुरुष | पृच्छ | पच्छतम् | पृच्छत |
उत्तमपुरुष | पृच्छानि | पृच्छाव | पृच्छाम |
लड्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | अपृच्छत् | अपृच्छताम् | अपृच्छन् |
मध्यमपुरुष | अपृच्छ: | अपृच्छतम् | अपृच्छत |
उत्तमपुरुष | अपृच्छम् | अपृच्छाव | अपृच्छाम |
विधिलिड् लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | पृच्छेत् | पृच्छेताम | पृच्छेयुः |
मध्यमपुरुष | पृच्छे: | पृच्छेतम् | पृच्छेत |
उत्तमपुरुष | पृच्छेयम् | पृच्छेव | पृच्छेम् |
12. √पत् ( गिरना )
लट्लकार (वर्तमानकाल)
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | पतति | पततः | पतन्ति |
मध्यमपुरुष | पतसि | पतथ: | पतथ |
उत्तमपुरुष | पतामि | पताव: | पताम: |
लड्लकार (भूतकाल)
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | अपतन् | अपताम् | अपतन् |
मध्यमपुरुष | अपत: | अपततम् | अपतत |
उत्तमपुरुष | अपतम् | अपताव | अपताम |
लृट्लकार (भविष्यतकाल)
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | पतिष्यति | प्तिष्यतः | पतिष्यन्ति |
मध्यमपुरुष | पतिष्यसि | पतिष्यथः | पतिेष्यथ |
उत्तमपुरुष | पतिष्यामि | पतिष्याम: | पतिष्याम: |
विधिलिड् (आज्ञा)
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | पतेत् | पतेताम् | पतेयु: |
मध्यमपुरुष | पते: | पतेतम् | पतेत |
उत्तमपुरुष | पतेयम् | पतेव | पतेम |
लोट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | पततु | पतताम् | पतन्तु |
मध्यमपुरुष | पत | पततम् | पतत |
उत्तमपुरुष | पतानि | पताव | पताम |
दिवादिगण
13. √नश् ( नष्ट होना )
लट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | नश्यति | नश्यतः | नश्यन्ति |
मध्यमपुरुष | नश्यसि | नश्यथ: | नश्यथ |
उत्तमपुरुष | नश्यामि | नश्याव: | नश्याम: |
लृट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | नड्क्ष्यति | नड्क्ष्यत: | नड्क्ष्यन्ति |
मध्यमपुरुष | नड्क्ष्यसि | नड्क्ष्पथ: | नड्क्ष्यथ |
उत्तमपुरुष | नड्क्ष्यामि | नड्क्ष्याव: | नड्क्ष्याम: |
लोट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | नश्यतु | नष्यताम् | नश्यन्तु |
मध्यमपुरुष | नश्य | नश्यतम् | नश्यत |
उत्तमपुरुष | नश्यानि | नश्याव | नश्याम |
लड्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | अनश्यत् | अनश्यताम् | अनश्यन् |
मध्यमपुरुष | अनश्यः | अनश्यतम् | अनश्यत |
उत्तमपुरुष | अनश्यम् | अनश्याव | अनश्याम |
विधिलिड् लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमपुरुष | नश्येत् | नश्येताम् | नश्येयु: |
मध्यमपुरुष | नश्ये: | नश्येतम् | नश्येत |
उत्तमपुरुष | नश्येयम् | नश्येव | नश्येम |
14. √कथू (कहना )
1. परस्मैपद
लट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्र० पु० | कथयति | कथयत: | कथयन्ति |
म० पु० | कथयसि | कथयथः | कथयथ |
उ० पु० | कथयामि | कथयाव: | कथयाम: |
लोट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्र० पु० | कथयतु | कथयताम् | कथयन्तु |
म० पु० | कथय | कथयतम् | कथयत |
उ० पु० | कथयानि | कथयाव | कथयाम |
लड्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्र० पु० | अकथयत् | अकथयताम् | अकथयन् |
म० पु० | अकथयः | अकथयतम् | अकथयत |
उ० पु० | अकथयम् | अकथयाव | अकथयाम |
विधिलिड्
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्र० पु० | कथयेत् | कथयेताम् | कथयेयु: |
म० पु० | कथये: | कथयेतम् | कथयेत |
उ० पु० | कथयेयम् | कथयेव | कथयेम |
लृट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्र० पु० | कथयष्यिति | कथयिष्यतः | कथयष्यिन्ति |
म० पु० | कथयष्यिसि | कथयिष्यथ: | कथयष्यिथ |
उ० पु० | कथयिष्यामि | कथयिष्यावः | कथयिष्याम: |
15. √चुरू ( चोरी करना )
परस्मैपद
लट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्र० पु० | चोरयति | चोरयत: | चोरयन्ति |
म० पु० | चोरयसि | चोरयथ: | चोरयथ |
उ० पु० | चोरयामि | चोरयाव: | चोरयाम: |
लोट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्र० पु० | चोरयतु | चोरयताम् | चोरयन्तु |
म० पु० | चोरय | चोरयतम् | चोरयत |
उ० पु० | चोरयाणि | चोरयाव | चोरयाम |
लड्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्र० पु० | अचोरयत् | अचोरयताम् | अचोरयत् |
म० पु० | अचोरय: | अचोरयतम् | अचोरयत |
उ० पु० | अचोरयम् | अचोरयाव | अचोरयाम |
विधिलिड्
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्र० पु० | चोरयेत् | चोरयेताम् | चोरयेयु: |
म० पु० | चोरये: | चोरयेतम् | चोरयेत |
उ० पु० | चोरयेयम् | चोरयेव | चोरयेम |
लृट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्र० पु० | चोरयिष्यति | चोरयिष्यतः | चोरयिष्यन्ति |
म० पु० | चोरयिष्यसि | चोरयिष्यथ: | चोरयिष्यथ: |
उ० पु० | चोरयिष्यामि | चोरयिष्याव: | चोरयिष्याम: |
16. √सेव् (सेवा करना )
भ्वादिगण आत्मनेपद
लट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्र० पु० | सेवते | सेवेते | सेवन्ते |
म० पु० | सेवसे | सेवेथे | सेवध्वे |
उ० पु० | सेवे | सेवावहे | सेवामहे |
लृट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्र० पु० | सेविष्यते | सेविष्येते | सेविष्यन्ते |
म० पु० | सेविष्यसे | सेविष्येथे | सेविष्यध्वे |
उ० पु० | सेविष्ये | सेविष्यावहे | सेविष्यामहे |
लोट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्र० पु० | सेवताम् | सेवेताम् | सेवन्ताम् |
म० पु० | सेवस्व | सेवेथाम् | सेवध्वम् |
उ० पु० | सेवै | सेवावहै | सेवामहै |
लड्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्र० पु० | असेवत | असेवेताम् | असेव्न्त |
म० पु० | असेवथा: | असेवेथाम् | असेवध्वम् |
उ० पु० | असेवे | असेवावहि | असेवामहि |
विधिलिड्
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्र० पु० | सेवेत | सेवेयाताम् | सेवेरन् |
म० पु० | सेवेथा: | सेवेयाथाम् | सेवेध्वम् |
उ० पु० | सेवेय | सेवेवहि | सेवेमहि |
17. √लभ् (पाना )
लट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
पुरूष | लभते | लभेते | लभन्ते |
प्रथमपुरुष | लभसे | लभेथे | लभध्वे |
मध्यमपुरुष | लभे | लभावहे | लभामहे |
लृट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
पुरूष | लप्स्यते | लप्स्येते | लप्स्यन्ते |
प्रथमपुरुष | लप्स्यसे | लप्स्येथे | लप्स्यव्व |
मध्यमपुरुष | लप्स्ये | लप्यावहे | लप्यामहे |
लोट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
पुरूष | लभताम् | लभेताम् | लभन्ताम् |
प्रथमपुरुष | लभस्व | लभेथाम् | लभध्वम् |
मध्यमपुरुष | लभै | लभावहै | लभामहै |
लड्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
पुरूष | अलभत | अलभेताम् | अलभन्त |
प्रथमपुरुष | अलभथा: | अलभेथाम् | अलभध्वम् |
मध्यमपुरुष | अलभे | अलभावहि | अलभामहि |
विधिलिड् लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
पुरूष | लभेत | लभेयाताम् | लभेरन् |
प्रथमपुरुष | लभेथा: | लभेयाथाम् | लभेध्वम् |
मध्यमपुरुष | लभेय | लभेवहि | लभेमहि |
18. √वृध् बढ़ना
लट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
पुरूष | वर्धते | वर्धेते | वर्धन्ते |
प्रथमपुरुष | वर्धसे | वर्धेथे | वर्धध्वे |
मध्यमपुरुष | वर्धे | वर्धावहे | वर्धामहे |
लोट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
पुरूष | वर्धताम् | वर्धेताम् | वर्धन्ताम् |
प्रथमपुरुष | वर्धस्व | वर्धेथाम् | वर्धध्वम् |
मध्यमपुरुष | वर्ध | वर्धावहै | वर्धामहै |
लृट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
पुरूष | वर्धिष्यते | वर्धिष्येते | वर्धियन्ते |
प्रथमपुरुष | वर्धिष्यसे | वधिष्येथे | वर्धिष्यध्वे |
मध्यमपुरुष | वर्धिष्ये | वर्धिष्यावहे | वर्धिष्यामहे |
लड्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
पुरूष | अवर्धत | अवर्धेताम् | अवर्धन्त |
प्रथमपुरुष | अवर्धथा: | अवर्धेथाम् | अवर्धध्वम् |
मध्यमपुरुष | अवर्धे | अवर्धावहि | अवर्धामहि |
विधिलिड् लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
पुरूष | वर्धेत | वर्धेयाताम् | वधेरन् |
प्रथमपुरुष | वर्धेथा: | वर्धेयाथाम् | वर्धेध्वम् |
मध्यमपुरुष | वर्धेय | वर्धेवहि | वर्धेमहि |
19. √वृत् (वर्त )-होना
लट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
पुरूष | वर्तते | वर्तेते | वर्तन्ते |
प्रथमपुरुष | वर्तसे | वर्तेथे | वर्तध्वे |
मध्यमपुरुष | वर्ते | वर्तावहे | वर्तामहे |
लोट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
पुरूष | वर्तताम् | वर्तेताम् | वर्तन्ताम् |
प्रथमपुरुष | वर्तस्व | वर्तेथाम् | वर्तर्वम् |
मध्यमपुरुष | वर्ते | वर्तावहै | वर्तामहै |
लृट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
पुरूष | वर्तिष्यते | वर्तिष्येते | वर्तिष्यन्त्त |
प्रथमपुरुष | वर्तिष्यसे | वर्तिष्येथे | वर्तिष्यध्वे |
मध्यमपुरुष | वर्तिष्ये | वर्तिष्यावहे | वर्तिष्यामहे |
लड्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
पुरूष | अवर्तत | अवर्तेताम् | अवर्तन्त |
प्रथमपुरुष | अवर्तथा: | अवर्तेथाम् | अवर्तध्वम् |
मध्यमपुरुष | अवर्ते | अवर्तावहि | अवर्तामहि |
विधिलिड् (आज्ञा)
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
पुरूष | वर्तेत | वर्तेयाताम् | वर्तेरन् |
प्रथमपुरुष | वर्तेथा: | वर्तेयाथाम् | वर्तेध्वम् |
मध्यमपुरुष | वर्तेय | वर्तेवहि | वर्तेमहि |
20. √रुच् (चमकना, पसन्द आना)
लट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
पुरूष | रोचते | रोचेते | रोचन्ते |
प्रथमपुरुष | रोचसे | रोचेथे | रोचध्वे |
मध्यमपुरुष | रोचे | रोचावहे | रोचामहे |
लृट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
पुरूष | रोचिष्यते | रोचिष्येते | रोचिष्यन्ते |
प्रथमपुरुष | रोचिष्यसे | रोचिष्येथे | रोचिष्यध्वे |
मध्यमपुरुष | रोचिष्ये | रोचिष्यावहे | रोचिष्यामहे |
लोट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
पुरूष | रोचताम् | रोचेताम् | रोचन्ताम् |
प्रथमपुरुष | रोचस्व | रोचेथाम् | रोचध्वम् |
मध्यमपुरुष | रोचै | रोचावहै | रोचामहै |
लड्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
पुरूष | अरोचत | अरोचेताम् | अरोचन्त |
प्रथमपुरुष | अरोचथा: | अरोचेथाम् | अरोचध्वम् |
मध्यमपुरुष | अरोचे | अरोचावहि | अरोचामहि |
विधिलिड् लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
पुरूष | रोचेत | रोचेयाताम् | रोचेरन् |
प्रथमपुरुष | रोचेथा: | रोचेयाथाम् | रोचेध्वम् |
मध्यमपुरुष | रोचेय | रोचेवहि | रोचेमहि |
21. √जन् ( पैदा होना )
लदू ( आत्मनेपद )
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्र० पु० | जायते | जायेते | जायन्ते |
म० पु० | जायसे | जायेथे | जायध्वे |
उ० पु० | जाये | जायावहे | जायामहे |
लोट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्र० पु० | जायताम् | जायेताम् | जायन्ताम् |
म० पु० | जायस्व | जायेथाम् | जायद्वम् |
उ० पु० | जायै | जायावहै | जायामहै |
लड्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्र० पु० | अजायत | अजायेताम् | अजायन्त |
म० पु० | अजायथा: | अजायेथाम् | अजायद्वम् |
उ० पु० | अजाये | अजायावहि | अजायामहि |
विधिलिड्
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्र० पु० | जायेत | जायेयाताम् | जायेरन् |
म० पु० | जायेथा: | जायेयाथाम् | जायेध्वम् |
उ० पु० | जायेय | जायेवहि | जायेमहि |
लृट्लकार
पुरूष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्र० पु० | जनिष्यते | जनिष्येते | जनिष्यन्ते |
म० पु० | जनिष्यसे | जनिष्येथे | जनिष्यध्वे |
उ० पु० | जनिष्ये | जनिष्यावहे | जनिष्यामहे |
धातून अधिकृत्य वाक्येषु क्रियाप्रयोगः
I. अधोलिखितेषु वाक्येषु निर्दिष्ट-क्रियापदं प्रयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत
1. अद्य रविवासरः अस्ति श्वः सोमवासरः …………….. । (भू, लुट्)
2. तत्र किम् ………………. । (भू, लङ्)
3. छात्राः ……………….. । (पठ्, लोट्)
4. बालिकाः ……………….. बालकाः च लिखन्ति। (पठ्, लट्)
5. भवन्तः मा ……………… । (हस्, विधिलिङ्)
6. बालकाः उच्चैः ……………… । (हस्, लङ्)
7. छात्राः आचार्यम् ………………..। (नम्, लङ्)
8. वयम् ईश्वरं ………………। (गम्, लुट)
9. आवाम् अद्य विद्यालयं न ……………….. । (गम्, विधिलिङ्)
10. भो छात्रा:! तत्र न ……………….. । (गम्, विधिलिङ्)
11. अत्र वयं ………………। (अस्, लट्)
12. तत्र कोऽपि न ………………..। (अस्, लङ्)
13. शत्रून् ………………..। (हन्)
14. शत्रून् ………………. । (हन्, लोट्, मध्यम, पुरुष, एकवचन)
15. ते कथं ……………….. ? (क्रुध्, लट्)
16. अद्य प्रभृति अहं न ……………….. । (क्रुध्, लट्)
17. मा ………………..। (क्रुध्, लोट्, बहुवचनम्)
18. यः न ददाति न भुङ्क्ते, तस्य धनं ………………..। (नश्)।
19. यः अन्येभ्य ज्ञानं न दास्यति तस्य ज्ञानं ……………….. । (नश्)
20. मेघाः गर्जन्ति मयूराः च ……………….. । (नृत्)
21. अहं रजनी च उत्सवे ………………..। (नृत्)
22. धर्मं चरत सुखं च ……………….. । (आप्)
23. अस्य वर्षस्य प्रथमपुरस्कारम् अहम एव……………….। (आप)
24. अतिवृद्धाः कुत्रापि गन्तुं न ………………… | ( शक्)
25. किम् अहम् एतत् कार्यं कर्तुं ……………….. । (शक्, लुट)
26. ह्यः त्वं किं कथयितुम् ……………….. । (इच्छ)
27. सर्वेषां सदा कल्याणम् एव ……………….. । (इच्छ, लोट्, बहुवचनम्)
28: हे पुत्र! मातरं किं ………………..। (पृच्छ्)
29. अध्यापिका छात्रान् प्रश्नान् ………………..। (पृच्छ्, लुट)
30. अधुना अहं किं ………………. ? (कृ, लोट्)
31. सर्वे छात्राः कथाकार्यम् …………………। (कृ, लङ्)
32. अस्य उत्तरं तु सर्वे एव ………………..। (ज्ञा, लट्)
33. यस्मिन् ज्ञाते सर्वं ज्ञातं भवति तत् तत्त्वं ………………. । (ज्ञा, विधिलिङ्)
34. अधुना यूयं किं ……………….. ? (भक्ष, लुट)
35. आवाम् ह्यः फलानि ……………….. । (भक्ष) ।
36. भवन्तः कथं ……………….. अहं तु अत्रैव अस्मि। (चिन्त्)
37. सः ……………… अहं धनी भविष्यामि। (चिन्त्, लङ्) .
38. सः मातापितरौ ………………..। (सेव्) सेवते
39. असहायान् ………………..। (सेव्, लोट्, बहुवचनम्) सेवध्वम्
40. यः परिश्रमं करिष्यमित स एव फलं ….. ……………….. । (लभ) लप्स्यते
41. चिरं जीव सुखं च ………………. । (लभ) लभस्व
42. सुखं कस्मै न ……………….. ? (रुच्) रोचते
43. रात्रौ प्रकाशेन भवनानि ………………. । (रुच्, लङ्) अरोचन्त
44. निर्धनाः धनं ………………. । (याच्) याचन्ते
45. वयम् ईश्वरं बुद्धिम् एव ………………… । (याच्, विधिलिङ्) याचेमहि
46. कृषक: अन्नानि गृहं ……………….. । (नी, आत्मनेपदम् लुट्) नेष्यति
47. युवां पुस्तकानि कुत्र …………….. ? (नी, परस्मैपदम्, लङ्) अनयतम्
48. एतत् उद्यानं मम मनः ………………..। (ह, आत्मनेपदम्) हरते
49. वयं तव वस्तूनि न …………… । (हृ, परस्मैपदम्) हरिष्यामः
50. भक्ताः ईश्वरम् ………………। (भज्, आत्मनेपदम्, लङ्) अभजन्त
51. ……………….. गोबिन्दं मूढमते। (भज्, परस्मैपदम्) भज
52. आवाम् ईश्वरं ………………। (भज्, परस्मैपदम्) भजावः
53. माता प्रतिदिनं भोजनं ………………..। (पच, परस्मैपदम्) पचति
54. भगिनि! शीघ्रं भोजनं ………………। (पच्, आत्मनेपदम्) पचस्व
55. पाचकाः भोजनं ……………….. । (पच्, आत्मनेपदम्, लट्)
उत्तराणि
भविष्यति
अभवत्
पठन्तु
पठन्ति
हसेयुः
अहसन्
अनमन्
नमामः
गमिष्याव:
गच्छेत
स्मः
आसीत्
घ्नन्ति
जहि
क्रध्यन्ति
क्रोत्स्यामि
क्रुध्यत
नश्यति
नक्ष्यति
नृत्यन्ति
नर्तिष्याव:
आप्नुत
आप्स्यामि
शक्नुवन्ति
शक्ष्यामि
ऐच्छः
इच्छत
पृच्छसि
प्रक्ष्यति
करवाणि
अकुर्वन्
जानन्ति
जानीयाः
भक्षयिष्यथ
अभक्षयाव
चिन्तयन्ति
अचिन्तयत्
सेवते
सेवध्वम्
लप्यते
लभस्व
रोचते
अरोचन्त
याचन्ते
याचेमहि
नेष्यति
अनयतम्
हरते
हरिष्याम:
अभजन्त
भज
भजाव:
पधति
पढस्त
पद्ययन्ये
2. कोष्ठकात् शुद्धम् उत्तरं विचित्य रिक्तस्थानानि पूरयत
(i) पाण्डवाः —— आसन्। (पञ्चाः । पञ्च / पञ्चानि)
(ii) गजस्य —— पादाः भवन्ति। (चत्वारः / चतस्रः । चत्वारि)
(iii) गृहे —— मूषकौ धावतः। (द्वौ / द्वे)
(iv) त्र्यम्बकस्य —— लोचनानि सन्ति। (त्रयः । त्रीणि / तिस्रः)
3. कोष्ठकात् शद्धम् उत्तरं विचित्य रिक्तस्थानानि पूरयत
(i) मम कक्षायाम् ——- सुन्दरं चित्रं अस्ति। (एकः / एकम् / एकेन)
(ii) पञ्चाननस्य ——- मुखानि सन्ति। (पञ्चानि / पञ्च / पञ्चाः)
(iii) बलरामस्य —— भुजौ पाताम्। (द्वौ / द्वे)
(iv) —— दण्डिप्रबन्धाः त्रिषु लोकेषु विश्रुताः। (त्रयः / त्रीणि / तिस्रः)
4. कोष्ठकात् शुद्धम् उत्तरं विचित्य रिक्तस्थानानि पूरयत
(i) हस्ते……….. अमुल्यः भवन्ति। (पञ्च/पञ्चाः/पञ्चानि)
(ii) वृक्षे ………. शुकौ स्तः । (द्वे। द्वौ)
(iii) पुरुषार्थाः …….. सन्ति। (चतस्रः/चत्वारि/चत्वारः)
(iv) सरोवरे ……….. कमलानि विकसन्ति। (तिस्रः/त्रयः/त्रीणि)
5. अधोलिखितवाक्येषु अङ्कानां स्थाने संख्यावाचकविशेषणैः रिक्तस्थानपूर्ति संस्कृतेन कृत्वा पुनः उत्तरपुस्तिकायां लिखत
मम विद्यालये (i) ……………. (12) ………….. कक्षाः सन्ति। तेषु प्रायः (ii) ………….. (500) …………….. छात्रा: पठन्ति । (iii) …………….. (50) …………….. अध्यापकाः परिश्रमेण अस्मान् पाठयन्ति। गतवर्षे परीक्षा परिणामः (iv) ……………… (90) ……………… प्रतिशत आसीत् ।
6. अधोलिखितवाक्ये अङ्कानां स्थाने संख्यावाचकविशेषणैः रिक्तस्थानपूर्ति संस्कृतेन कृत्वा पुनः उत्तरपुस्तिकायां लिखत
मम विद्यालये (1) …………….. प्रवेशद्वारं (3) …………….. सहायकानि द्वाराणि (23) …………….. अध्यापकाः (8) …………….. परिचारकाः च सन्ति।
7. अधोलिखितवाक्ये अङ्कानां स्थाने संख्यावाचकविशेषणैः रिक्तस्थानपूर्तिं संस्कृतेन कृत्वा पुनः उत्तरपुस्तिकायां लिखत
(क) अश्वस्य (4) ………………. पादाः सन्ति।
(ख) सप्ताहे (7) ……………… दिवसाः भवन्ति।
(ग) क्रीडाक्षेत्र (18) ………….. मित्राणि क्रीडन्ति।
(घ) नरस्य हस्तौ (2) ………….. भवतः ।