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Haryana Board 10th Class Science Solutions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

Haryana Board 10th Class Science Solutions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

HBSE 10th Class Science Solutions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

HBSE 10th Class Science प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन Textbook Questions and Answers

अध्याय संबंधी महत्त्वपूर्ण परिभाषाएँ/शब्दावली

1. प्राकृतिक संसाधन (Natural Resources)- पृथ्वी पर पाए जाने वाले विभिन्न पदार्थों का संग्रह; जैसे वायु, जल, वन, खनिज, पेट्रोलियम, मृदा, वन्य जीवन आदि जो हमारे लिए लाभदायक हैं।
2. प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन (Management of Natural Resources)- प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में वे सभी क्रियाकलाप आते हैं जो हम उनके संरक्षण के लिए अपनाते हैं; जैसे उनका उचित उपयोग।
3. प्रदूषण (Pollution)– पर्यावरण के विभिन्न घटकों; जैसे भौतिक, रासायनिक तथा जैविक गुणों में अवांछित परिवर्तन l
4. प्रदूषक (Pollutants)- वे पदार्थ जो प्रदूषण का कारण बनते हैं या जिनके पर्यावरण में आने से उसके गुणों में अवांछित परिवर्तन होते हैं, प्रदूषक कहलाते हैं।
5. पर्यावरण का संरक्षण (Conservation of Environment)- इसका अर्थ है, पर्यावरण को निम्न / हानि होने से रोकना तथा जीवों की अच्छाई के लिए इसकी स्थिति में सुधार करना ताकि यह और अधिक खराब न हो सके ।
6. पर्यावरणीय समस्याएँ (Environmental Problems) – वे समस्याएँ जो पर्यावरणीय संसाधनों के उचित प्रबंधन न होने के कारण उत्पन्न होती हैं और पर्यावरण में प्रदूषण, वैश्विक ऊष्मन, अम्लीय वर्षा, ओजोन क्षय जैसी समस्याएँ उत्पन्न करती हैं।
7. गंगा कार्य योजना (Ganga Action Plan)- गंगा को प्रदूषण मुक्त तथा स्वच्छ बनाने के लिए 1985 में प्रस्तावित एक योजना। यह एक बहु करोड़ कार्य योजना थी ।
8. कोलिफार्म जीवाणु (Coliform Bacteria) – यह एक ग्राम निगेटिव धड़नुमा जीवाणुओं का समूह है जो मनुष्य की आंत में निवास करता है । ये जल का मल-मूत्र द्वारा प्रदूषण के सूचक हैं।
9. pH – यह किसी विलयन में H+ आयनों की सांद्रता की क्षमता को प्रदर्शित करता है। इसे मोल प्रति लिटर में हाइड्रोजन आयनों की सांद्रता के ऋणात्मक लॉगरिथम (Base10) द्वारा प्रदर्शित किया जाता है ।
10. संपोषित विकास (Sustainable Development)- विकास कार्य जो प्राकृतिक स्रोतों को बिना गँवाए तथा पर्यावरण को बिना किसी भी प्रकार की हानि के होता है।
11. 3-R—Reduce (कम उपयोग), Recycle ( पुनःचक्रण ), Reuse ( पुन: उपयोग)।
12. जैव-विविधता (Biodiversity)- पौधे, जंतुओं, कवक, जीवाणु, शैवाल, माइकोप्लाज्मा, विषाणु आदि की विभिन्न जातियों का प्रकृति में प्राकृतिक समुदाय में पाया जाना जैव-विविधता कहलाता है।
13. वन्य जीवन (Wildlife) – वे सभी प्रकृति में पाए जाने वाले जंतु, पौधे, उनकी प्रजातियाँ, जिन्हें पाला या उगाया नहीं जाता।
14. वनीकरण (Afforestation)- किसी क्षेत्र विशेष में बहुत सारे पेड़ लगाकर, वन क्षेत्र विकसित करने की क्रिया।
15. संरक्षण (प्राकृतिक स्रोत, पर्यावरण) (Conservation of Natural Resources, Environment)—प्राकृतिक स्रोतों का समझदारी से, बुद्धिमतापूर्वक उपयोग ताकि उनका अधिक तेजी से क्षय न हो और वे लंबे समय तक बने रहें।
16. वनों के दावेदार (Stakeholders of forests)-
(i) वे लोग जो वनों के अंदर या आसपास रहते हैं।
(ii) भारत सरकार तथा राज्य सरकारों के वन विभाग |
(iii) प्रकृति तथा वन्य जीवन से लगाव रखने वाले ।
17. अमृता देवी बिश्नोई – भारत की वीराँगना जिसने अपना जीवन अपने अन्य 363 व्यक्तियों के साथ 1731 में खेजरी पेड़ों की रक्षा के लिए जोधपुर के निकट राजस्थान के खेजराली गाँव में न्योछावर कर दिया ।
18. अमृता देवी बिश्नोई पुरस्कार (Amrita Devi Bishnoi Award)- पुरस्कार जो भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा वन्य जीवन संरक्षण के लिए अमृता देवी बिश्नोई की याद में दिया जाता है ।
19. पारिस्थितिक संरक्षण (Ecological Conservation)- पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए प्रकृति तथा प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण पारिस्थितिक संरक्षण कहलाता है ।
20. चिपको आंदोलन (Chipko Movement)- सुंदर लाल बहुगुणा द्वारा वनों को कटने से बचाने के लिए गढ़वाल के गाँव रेनी में 1970 में चलाया गया आंदोलन जिसमें लोगों ने पेड़ों से चिपक कर उनको कटने से बचाया ।
21. जल संसाधन (Water Resources ) – संसाधन; जैसे नदियाँ, कुएँ, नहर, समुद्र, वर्षा आदि जो जल के प्राकृतिक स्रोत हैं, जल संसाधन कहलाते हैं ।
22. बाँध (Dams)–ये छोटी या बड़ी दीवारें / रुकावटें होती हैं जो नदियों, नालों के रास्ते में बनाई जाती हैं। ऐसा पानी को इकट्ठा करके बिजली के उत्पादन या सिंचाई के लिए किया जाता है ।
23. जलसंभर प्रबंधन (Watershed  Management) – वैज्ञानिक विधि द्वारा मृदा व जल का संरक्षण ताकि जैव द्रव्यमान उत्पादन को बढ़ाया जा सके ।
24. जल संग्रहण (Water Harvesting) – वर्षा के जल को वहीं या उसके आसपास इकट्ठा करना जहाँ पर यह गिरता है या बहकर जाता है ताकि इसे अपने लाभ के लिए प्रयोग में लाया जा सके ।
25. जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels)- कोयला तथा पेट्रोलियम; जैसे वे ईंधन जो मृत पौधे व जंतुओं के शरीर के आंशिक अपघटन के परिणामस्वरूप बने हैं, जो लाखों करोड़ों वर्ष पहले पृथ्वी के नीचे दब गए थे ।
26. कोयला (Coal) – कार्बन तथा अनेक हाइड्रोकार्बन का मिश्रण जो पौधों के लाखों साल पहले पृथ्वी के नीचे दबकर आंशिक अपघटन के परिणामस्वरूप बना है ।
27. पेट्रोलियम (Petroleum) — अनेक हाइड्रोकार्बन का मिश्रण, जिसे कच्चा तेल भी कहते हैं जो चट्टानों के नीचे पृथ्वी के अंदर पाया जाता है ।
28. अनवीकरणीय ऊर्जा संसाधन (Non-renewable Energy Resources ) – ऊर्जा वे स्रोत जिन्हें उपयोग करने के पश्चात् दोबारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है। उदाहरण – कोयला, पेट्रोलियम ।
29. एकल कृषि (Monoculture )- उसी मृदा में एक ही फसल को बार-बार उगाने की क्रिया ।
30. वनस्पति (Flora) – किसी क्षेत्र विशेष में उगने वाली पौधों की विभिन्न जातियाँ |
31. कार्बनिक कृषि (Organic Farming)-प्राकृतिक कार्बनिक खादों का उपयोग करके फसल उगाने की क्रिया l
32. In-situ संरक्षण (In-situ Conservation)- जातियों को उनके प्राकृतिक आवास में ही संरक्षित करने की क्रिया ।
33. जैव-विविधता हॉट स्पॉट (Biodiversity Hot spots) — अनेक प्रकार के जीव-जंतुओं से भरपूर वन ।
34. वनोन्मूलन (Deforestation) – वनों के पेड़ों को बड़े पैमाने पर काटना, उनका सफाया कर देना ।
35. राष्ट्रीय उद्यान (National Park)- प्राकृतिक क्षेत्र जो प्रकृति, प्राकृतिक संसाधन, वन, वन्य जीवन के संरक्षण के लिए आरक्षित होते हैं, जहाँ पर मनुष्य के क्रियाकलापों पर पाबंदी होती है ।
36. जीव जंतु ( Fauna)- किसी क्षेत्र विशेष में जंतुओं की विभिन्न जातियाँ।
37. जीवमंडल संरक्षण क्षेत्र (Biosphere Reserve)- संरक्षित प्राकृतिक क्षेत्र जो वैज्ञानिक अध्ययन, आवास संरक्षण के लिए होता है तथा जिसमें दखल की अनुमति नहीं होती ।
पाठ एक नज़र में
1. प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन का अर्थ है मृदा, जल और वायु का संरक्षण व सदुपयोग |
2. प्राकृतिक संसाधनों में सम्मिलित हैं; वन, वन्य जीवन, कोयला, पेट्रोलियम तथा उनके प्रबंधन की वे विधियाँ जिनसे उनके सतत् विकास में सहायता मिलेगी।
3. हमारे देश में गंगा, यमुना आदि नदियों को साफ करने के लिए अनेक विकास कार्य शुरू किए गए हैं, जिन पर कई करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं क्योंकि ये नदियाँ बहुत ही प्रदूषित हो चुकी हैं।
4. नदी के जल में कॉलिफार्म जीवाणुओं की उपस्थिति नदी के पानी का मल-मूत्र के पानी से प्रदूषण को दर्शाती है।
5. गंगा तथा अन्य दूसरी नदियाँ प्रदूषित होती जा रही हैं क्योंकि उनमें कूड़ा-कचरा, मल-मूत्र बिना उपचारित किए डाला जाता है। इसके अतिरिक्त अस्थियाँ बहाना, बिना जले या अधजले शरीर को बहाना, औद्योगिक कचरा बहाने के कारण जल प्रदूषित हो रहा है।
6. पर्यावरण को बचाने के लिए हमें 3-R सूत्र का उपयोग करना चाहिए, जिसके अनुसार हमें संसाधनों का कम उपयोग, पुनःचक्रण तथा पुनःउपयोग करना चाहिए।
7. सतत् विकास की धारणा हमें ऐसे विकास के लिए प्रेरित करती है जो हमारी दैनिक आधारभूत आवश्यकताओं को पूरा करते हुए, भविष्य की आने वाली पीढ़ियों के लिए संसाधनों का संरक्षण करे।
8. आर्थिक विकास पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा हुआ होना चाहिए।
9. जो वस्तुएँ हम उपयोग करते हैं वे सभी पृथ्वी पर उपस्थित संसाधनों से प्राप्त होती हैं, इसलिए संसाधनों का संरक्षण आवश्यक है।
10. जब हम संसाधनों का उपयोग करते हैं तो कचरा उत्पन्न होता है, जिससे प्रदूषण होता है। इसलिए सतत् विकास के लिए आवश्यक है, संसाधनों का उचित प्रबंधन तथा कचरे का उचित निपटान।
11. वन जैव-विविधता हॉट स्पॉट हैं। उनमें हम जीवन के अनेक प्रकार पाते हैं J
12. जैव-विविधता की हानि पारिस्थितिक स्थिरता की हानि है इसलिए संरक्षण का मुख्य उद्देश्य है, जैव-विविधता का संरक्षण करना जो हमें विरासत में मिली है।
13. वनों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए हमें दावेदारों के विषय में भी सोचना चाहिए। ये वे व्यक्ति हैं जो वन के आस-पास या वन में रहते हैं, वन विभाग तथा वे उद्योगपति हैं जो वन उत्पादों का उपयोग करते हैं, वन्य जीवन तथा प्रकृति के चाहने वाले हैं।
14. वन संसाधनों का शोषण किया जा रहा है और इसीलिए वे शीघ्रता से लुप्त होते जा रहे हैं l
15. भारत का वन आच्छादित क्षेत्र अपने भौगोलिक क्षेत्र का केवल 20% है जबकि यह कम-से-कम 33% होना चाहिए।
16. प्रकृति तथा वन्य जीवन को चाहने वाले तथा संरक्षण करने वाले अब इस बात को स्वीकारने लगे हैं कि जैव-विविधता को पूर्ण रूप से संरक्षित किया जाना चाहिए।
17. भारत सरकार ने पिछले दिनों वन्य जीवन संरक्षण के लिए बिश्नोई जाति के सम्मान में अमृता देवी बिश्नोई राष्ट्रीय पुरस्कार देना निश्चित किया है।
18. वनों के परंपरागत उपयोग के विरुद्ध गलत धारणा/ पूर्वाग्रह बनाने का कोई आधार नहीं है। बल्कि ये विधियाँ वनों के संरक्षण को बढ़ावा देती हैं।
19. सुंदर लाल बहुगुणा द्वारा वनों को बचाने के लिए 1970 में गढ़वाल के गाँव रेनी में चिपको आंदोलन की शुरुआत की गई।
20. पश्चिमी बंगाल वन-विभाग ने 1972 में साल वनों को दोबारा प्राप्त करने में अपनी असफलता को मानते हुए माना कि ऐसा लोगों को वनों से दूर रखने के कारण हुआ।
21. प्राकृतिक मानसून के सामान्य होने के बाद भी पानी की उपलब्धता न बनाए रखने के कारण वनस्पति नष्ट हो रही है क्योंकि पानी अधिक पानी की आवश्यकता वाली फसलों को दिया जा रहा है।
22. सिंचाई की विधियाँ; जैसे बाँध, तालाब, नहरें भारत में प्राचीनकाल से ही उपयोग में लाई जाती हैं।
23. स्थानीय सिंचाई के साधनों की अनदेखी की गई और बड़े बाँध बनाए गए, नहरों का जाल बिछाया गया, बिना यह सोचे कि इसका पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
24. हिमाचल में स्थानीय नहरी सिंचाई को ‘कुल्ह’ कहते हैं जो लगभग 400 वर्ष पहले विकसित हुए थे और आज भी उतने ही मान्य हैं ।
25. बड़े बाँधों के बनने के कारण बहुत-सी समस्याएँ भी उत्पन्न हुई हैं; जैसे स्थानीय लोगों का विस्थापन, जैव-विविधता तथा वन क्षेत्र का कम होना ।
26. गंगा नदी पर टिहरी बाँध का बनना तथा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बाँध की ऊँचाई को बढ़ाने की लोगों द्वारा बहुत आलोचना की गई है ।
27. जल संभर प्रबंधन में मृदा तथा जल के संरक्षण पर जोर दिया गया है जिससे जैव द्रव्यमान को बढ़ाया जा सके। इससे बाढ़ व सूखे जैसी स्थिति से बचा जा सकता है ।
28. जल संग्रहण भारत में बहुत पुरानी संकल्पना है। जल संग्रहण तकनीक स्थानीय होती है तथा इसका लाभ भी सीमित क्षेत्र को ही होता है। इसलिए जल संसाधन का नियंत्रण व प्रबंध भी स्थानीय लोगों को ही दिया जाना चाहिए ।
29. सतत् विकास के लिए जीवाश्म ईंधन; जैसे कोयला तथा पेट्रोलियम; जैसे संसाधनों को संरक्षित किया जाना चाहिए।
30. हमें सतत् विकास के लिए अपने प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन करना चाहिए ताकि विकास का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँच पाए तथा आने वाली पीढ़ियों को भी इसका लाभ मिले ।

HBSE 10th Class Science प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन InText Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न 

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 303)

प्रश्न 1. पर्यावरण मित्र बनने के लिए आप अपनी आदतों में कौन से परिवर्तन ला सकते हैं ?
उत्तर- पर्यावरण मित्र बनने के लिए हमें तीन प्रकार के ‘R’ को अपनाना होगा। ये हैं-
(i) कम उपयोग (Reduce)
(ii) पुनः चक्रण (Recycle)
(iii) पुनः प्रयोग (Reuse)।

(i) कम उपयोग (Reduce)-इसका अर्थ है हमें कम से कम वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए। हम बिजली के पंखे बंद करके बिजली बचा सकते हैं। व्यर्थ बहते हुए पानी की बचत कर सकते हैं। हमें भोजन भी नष्ट नहीं होने देना चाहिए।

(ii) पुनः चक्रण (Recycle)- इसका अर्थ है कि हमें प्लास्टिक, कागज, काँच, धातु की वस्तुएँ तथा ऐसे ही पदार्थो का पुनः चक्रण करके उपयोगी वस्तुएँ बनानी चाहिए।

(iii) पुनः प्रयोग (Reuse)-पुनः उपयोग के तरीके में हम किसी वस्तु का बार-बार प्रयोग कर सकते हैं। लिफाफों को फेंकने की अपेक्षा हम इनको फिर से उपयोग में ला सकते हैं। प्लास्टिक की बोतलों तथा डिब्बों का उपयोग रसोईघर में वस्तुओं को रखने के लिए कर सकते हैं।

प्रश्न 2. संसाधनों के दोहन के लिए कम अवधि के उद्देश्य की परियोजना के क्या लाभ हो सकते हैं ?
उत्तर- प्राकृतिक संसाधनों जैसे पेट्रोलियम, जल, वन आदि के अत्यधिक उपयोग से केवल कुछ ही लोग लाभान्वित होंगे और संपूर्ण पर्यावरण असंतुलित हो जाएगा जिसके परिणाम लंबे समय तक रहेंगे। संसाधनों के दोहन के लिए कम अवधि के उद्देश्य की परियोजनाओं से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है लेकिन पर्यावरण की दृष्टि से ये योजनाएँ सफल नहीं होती हैं।

प्रश्न 3. कम अवधि की परियोजनाओं के लाभ, लम्बी अवधि को ध्यान में रखकर बनाई गई परियोजनाओं के लाभ से किस प्रकार भिन्न हैं ?
उत्तर-
1. कम अवधि के उद्देश्य से लाभ केवल व्यक्तिगत होता है परन्तु लम्बी अवधि के उद्देश्य का लाभ संपूर्ण समुदाय को होता है। उदाहरण के लिए अल्पावधि के लाभ में वृक्षों को काट दिया जाता है परन्तु दीर्घ अवधि में लाभ हेतु वहाँ वृक्षों की पुनः स्थापना की जाती है।

2. अल्पावधि के लाभ में वृक्षों को काटकर समतल भूमि प्राप्त की जा सकती है परन्तु दीर्घावधि में वन अपने अस्तित्व में बने रहकर और पर्यावरण में गैसीय संतुलन एवं वर्षा के स्रोत का कारण बनते हैं।

3. अल्पावधि के लाभ में वन की भूमि को आवासीय एवं औद्योगिक अथवा कृषि के रूप में प्रयोग किया जा सकता है परंतु दीर्घावधि में वन भूमि की उर्वरा शक्ति नियमित रहती है तथा मृदा अपरदन नहीं होता।

प्रश्न 4.
क्या आपके विचार में संसाधनों का समान वितरण होना चाहिए ? संसाधनों के समान वितरण के विरुद्ध कौन-कौन सी ताकतें कार्य कर सकती हैं?
उत्तर-
हमारा देश एक विकासशील देश है, इसमें संसाधनों का समान वितरण बहुत आवश्यक है। समान वितरण से हमारा अभिप्राय है कि प्राकृतिक संसाधनों का सभी के लिए समान लाभ हेतु वितरण, चाहे व्यक्ति गरीब हों या अमीर। सरकारी एजेंट तथा कुछ स्वार्थी तत्व संसाधनों के समान वितरण के विरुद्ध कार्य करते हैं वे अपने अधिकतम लाभ के लिए ही प्रयास करते हैं। स्थानीय निवासियों की आवश्यकताओं को नजरंदाज किया जाता है।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 308)

प्रश्न 1. हमें वन एवं वन्य जीवन का संरक्षण क्यों करना चाहिए?
उत्तर- हमें वनों का संरक्षण निम्न कारणों से करना चाहिए-

  • हमें वनों से इमारती लकड़ी एवं जलाने की लकड़ी प्राप्त होती है।
  • वनों से हमें फल, मेवे, सब्जियाँ, औषधियाँ आदि प्राप्त होती हैं।
  • अनेक उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति होती है, जैसे-कागज उद्योग।
  • वन पर्यावरण में गैसीय संतुलन बनाने में सहायता करते हैं।
  • वृक्षों के वायवीय भागों से पर्याप्त मात्रा में जल का वाष्पन होता है जो बादलों का निर्माण एवं आकर्षण करते हैं।
  • ये मृदा अपरदन एवं बाढ़ नियंत्रण में सहायता करते

हमें वन्य जीवन का संरक्षण निम्न कारणों से करना चाहिए-

  • वन्य प्राणी स्थलीय खाद्य श्रृंखला की निरंतरता के लिए उत्तरदायी हैं।
  • वन्य प्राणियों से हमें अनेक बहुमूल्य पदार्थ जैसे-कस्तूरी, खाल, ऊन, सींग, फर, मधु, दाँत, वसा आदि प्राप्त होते हैं।
  • वन्य प्राणी पर्यावरण संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

प्रश्न 2. संरक्षण के लिए कुछ उपाय सुझाइए।
उत्तर- वनों एवं वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं जिनमें से कुछ निम्न प्रकार हैं

  1. वनों में अन्दर तथा वनों के समीप रहने वाले लोगों को वनों एवं वन्य प्राणियों की सुरक्षा के कार्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए और उन्हें, इनसे होने वाले लाभों एवं इनकी कमी से होने वाली हानियों के बारे में जाग्रत करना चाहिए।
  2. जहाँ से वनों को काटा जा चुका है वहाँ नये वनों का विकास करना चाहिए तथा उसमें विभिन्न वन्य जीवों को छोड़ना चाहिए।
  3. हमें वनों एवं वन्य उत्पादों के विकल्पों की खोज करनी चाहिए जिससे वनों पर कम से कम निर्भर रहना पड़े।
  4. वनों के काटे जाने तथा वन्य प्राणियों के शिकार पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए।

(पाठ्य-पुस्तक पृ. सं. 311)

प्रश्न 1. अपने निवास क्षेत्र के आस-पास जल संग्रहण की परंपरागत पद्धति का पता लगाइए।
उत्तर- वर्षा के जल को एकत्रित करना “जल संग्रहण” कहलाता है, इसे जल प्रबन्धन के नाम से भी जाना जाता है। हमारे देश में विभिन्न राज्यों में जल संग्रहण के लिए अलग-अलग प्रणालियाँ अपनाई जाती हैं। इसमें से कुछ तो बहुत प्राचीन हैं। भूमि के अन्दर गड्ढे खोदकर वर्षा का जल एकत्र करना. कुएँ बनाकर. छत पर गिरे वर्षा जल को बड़े टैकों में एकत्र करके, तालाब बनाकर, चैकडैम बनाकर जल का संग्रहण किया जा सकता है।

प्रश्न 2. इस पद्धति की पेय जल व्यवस्था (पर्वतीय क्षेत्रों में, मैदानी क्षेत्र अथवा पठार क्षेत्र) से तुलना कीजिए।
उत्तर- पर्वतीय क्षेत्रों में जल व्यवस्था मैदानी क्षेत्रों से भिन्न होती है। जैसे-हिमाचल प्रदेश की जल वितरण प्रणाली को कुल्ह कहते हैं। पहाड़ी नदियों में बहने वाले जल को मानव निर्मित छोटी-छोटी नालियों से पहाड़ी पर निचले इलाकों तक ले जाया जाता है। कुल्हों में बहने वाले पानी का प्रबन्धन गाँवों के निवासियों की आपसी सहमति से किया जाता है। इस व्यवस्था के अन्तर्गत कृषि के मौसम में जल सबसे दूरस्थ गाँवों को दिया जाता है फिर उत्तरोत्तर ऊँचाई पर स्थित इलाके उस जल का प्रयोग करते हैं। मैदानी इलाकों में बड़ी-बड़ी नदियों से नहरें निकाल कर या तालाबों में संचित जल द्वारा या फिर नलकूपों द्वारा जल की व्यवस्था की जाती है।

प्रश्न 3. अपने क्षेत्र में जल के स्त्रोत का पता लगाइए। क्या इस स्त्रोत से प्राप्त जल उस क्षेत्र के सभी निवासियों को उपलब्ध है ?
उत्तर- हमारा क्षेत्र एक बड़ा नगर है, अतः यहाँ की जल प्रणाली के अनुसार जल का स्थानीय स्रोत बड़ी टंकी है जिसमें नदी से पंपिंग स्टेशन द्वारा पानी पाइप लाइन द्वारा संग्रहित किया जाता है। इस जल का वितरण पाइप लाइनों द्वारा सम्पूर्ण क्षेत्र को किया जाता है। इसी से सभी लोगों की आवश्यकताएँ पूरी होती हैं।

HBSE 10th Class Science प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन Textbook Questions and Answers

पाठ्य-पुस्तक के अभ्यास प्रश्न 

प्रश्न 1. अपने घर को पर्यावरण-मित्र बनाने के लिए आप उसमें कौन-कौन से परिवर्तन सुझा सकते हैं ?
उत्तर- अपने आवास को पर्यानुकूलित या पर्यावरण मित्र बनाने के लिए हम निम्न परिवर्तन कर सकते हैं-

  • हम अपने घर के आस-पास कूड़ा करकट, गंदगी, जल एकत्रण आदि न होने दें।
  • बिजली से चलने वाले उपकणों का प्रयोग न करने की स्थिति में उनके स्विच ऑफ कर दें जिससे विद्युत अपव्यय रोका जा सके।
  • हम अपने घर में नलों से टपकते पानी को बन्द करना चाहिए। व्यर्थ ही पानी को खर्च न करें।
  • प्रयोग किये गए प्लास्टिक के डिब्बे, बोतलों एवं अन्य सामान को पुनः प्रयोग करें या उन्हें पुनः चक्रण के लिए भेज दें।
  • आवासीय कूड़े एवं व्यर्थ पदार्थों को कूड़ादान में ही डालें।
  • लकड़ी, कोयला के स्थान पर LPG का प्रयोग भोजन बनाने के लिए करें।

प्रश्न 2. क्या आप अपने विद्यालय में कुछ परिवर्तन सुझा सकते हैं जिनसे इसे पर्यानुकूलित बनाया जा सके।
उत्तर- हम अपने विद्यालय में निम्नलिखित परिवर्तन करके इसे पर्यानुकूलित बना सकते हैं-

  • अपने विद्यालय भवन को साफ-सुथरा रखें तथा इसके आस-पास कूड़ा-करकट व गन्दगी एकत्र न होने दें।
  • इससे निकलने वाले कूड़े को कहीं दूर खाली भूमि में गड्ढा खोदकर उसमें दबा दें, जिससे इसका विघटन हो जाए।
  • विद्यालय में बगीचे की स्थापना करें और इसमें उत्पन्न पत्तियाँ एवं कूड़े-करकट की खाद बनाकर पौधों के पोषण के लिए प्रयोग करें।
  • हम अपने साथियों को पेड़-पौधों की रक्षा के लिए जाग्रत करें।
  • शौचालय तथा मूत्रालय की नियमित सफाई कराएँ।
  • अनावश्यक विद्युत खर्च न होने दें।
  • पानी का अपव्यय न होने दें।
  • विद्यालय भवन हवादार एवं प्रकाश आने योग्य हो जिससे पंखे एवं बल्बों की कम से कम आवश्यकता हो।
  • विद्यालय प्रांगण में ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएँ।
  • पॉलीथीन का प्रयोग न करें।

प्रश्न 3. इस अध्याय में हमने देखा कि जब हम वन एवं वन्य जन्तुओं की बात करते हैं तो चार मुख्य दावेदार सामने आते हैं। इनमें किसे वन उत्पाद प्रबंधन हेतु निर्णय लेने के अधिकार दिए जा सकते हैं ?
उत्तर- वन एक प्राकृतिक संसाधन हैं जो हमारे जीवन के लिए प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से अनिवार्य हैं। वन के प्रमुख चार दावेदार हैं-
1. वन के अन्दर तथा इनके आस-पास रहने वाले लोग जो वन तथा वन्य उत्पादों पर निर्भर रहते हैं। कुछ उत्पादों को वे प्रत्यक्ष रूप से जीवन यापन हेतु प्रयोग कर लेते हैं तथा कुछ उत्पादों को बेचकर अपनी जीवन सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं |

2. उद्योगपति जो वन में उत्पन्न एक प्रकार के उत्पाद पर अपना प्रभुत्व एवं नियंत्रण रखते हैं वे इन उत्पादों को अपने नियंत्रण में चल रहे उद्योगों में कच्चे पदार्थों के रूप में प्रयोग करते हैं।

3. सरकारी वन विभाग वन की भूमि पर अपना अधिकार रखते हैं तथा वन तथा उसके उत्पादों पर अपना नियंत्रण रखते हैं। वनों में सभी उत्पाद उन्हीं के माध्यम से विक्रय किए जाते हैं जिनसे प्राप्त धनराशि सरकार के पास चली जाती है।

4. ऐसे व्यक्ति जो प्रकृति एवं वन्य प्राणियों से स्नेह रखते हैं, उसे उसी प्राकृतिक रूप में बनाए रखना चाहते हैं। उपर्युक्त सभी चारों प्रकार के दावेदारों (Stake holder) में से चौथे प्रकार के दावेदार जो प्रकृति के प्रेमी हैं और वे वन्य प्राणियों एवं प्राकृतिक वनस्पति को अपनी प्राकृतिक अवस्था में ही बनाए रखना चाहते हैं को ही प्रबन्धन एवं वन एवं उसके उत्पादों के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार देना चाहिए। दूसरे शब्दों में वे ही वास्तव में पृथ्वी पर जीवन को सुरक्षित रखने के अधिकारी हैं।

प्रश्न 4. अकेले व्यक्ति के रूप में आप निम्न के प्रबन्धन में क्या योगदान दे सकते हैं (a) वन एवं वन्य जन्तु, (b) जल संसाधन, (c) कोयला एवं पेट्रोलियम। 
उत्तर-
(a) वन एवं वन्य जन्तु-मैं व्यक्तिगत रूप से वन एवं वन्य जन्तु प्रबंधन में स्थानीय नागरिकों की सहभागिता को सुनिश्चित करना चाहूँगा। उन्हें वन एवं वन्य जीवन के महत्व के बारे में अवगत कराना चाहूँगा। इसके साथ यह प्रबन्ध भी करूँगा कि वन सम्पदा को अनावश्यक क्षति न हो एवं इन संसाधनों का दरुपयोग न हो। स्थानीय नागरिकों की सहमति एवं सक्रिय भागीदारी से वन सम्पदा को समृद्ध करने का मेरा उद्देश्य है।

(b) जल संसाधन-हम अपनी दैनिक आवश्यकता से कहीं अधिक जल व्यय करते हैं। नलों से पानी का रिसाव होता रहता है, नलों को खुला छोड़ देते हैं। पाइप लाइनों के फट जाने से जल की बहुत बर्बादी होती है इस अपव्यय को बचाने के लिए मैं प्रयास करूंगा। मैं अपने घर में इस अपव्यय को रोकने का प्रयास करूँगा तथा लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करूँगा।

(c) कोयला एवं पेट्रोलियम-ऊर्जा की बचत के लिए मैं निम्न प्रयास करूंगा-

  • मैं अपनी मोटर बाइक के स्थान पर बस से यात्रा करूँगा।
  • मैं यह चाहूँगा कि हम कई साथी पैदल विद्यालय तक जाएँ।
  • घर में ऊर्जा की बचत के लिए बल्ब के स्थान पर ट्यूबलाइटें एवं CFL का प्रयोग करूँगा।
  • मैं दिन के समय अधिकतर कार्य करूँगा जिससे रात में अधिक समय तक प्रकाश की आवश्यकता न हो।
  • मैं लोगों को यह समझाऊँगा कि वे अपने वाहनों के इंजनों को लाल बत्ती होने पर चालू न रखें।
  • मै अपने घर के जनरेटर को अनावश्यक रूप से नहीं चलाने दूँगा।
  • ठंड के दिनों में सिगड़ी का प्रयोग न करके गर्म कपड़े पहनूँगा जिससे कोयले की खपत कम होगी।

प्रश्न 5. अकेले व्यक्ति के रूप में आप विभिन्न प्राकृतिक उत्पादों की खपत कम करने के लिए क्या कर सकते हैं?
उत्तर- विभिन्न प्राकृतिक उत्पादों की खपत को कम करने के लिए हम निम्नलिखित युक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं-

  • हम अनावश्यक ऊर्जा खपत को रोकने के लिए बल्ब के स्थान पर CFL का प्रयोग कर सकते हैं, ठंड से बचने के लिए हीटर या कोयले की सिगड़ी के स्थान पर ऊनी कपड़ों का प्रयोग कर सकते हैं।
  • जल की खपत कम करने के लिए इसके अपव्यय को रोक सकते हैं, हम पाइपों का रिसना बन्द कर सकते हैं।
  • छोटी-छोटी दूरियाँ तय करने के लिए पैदल या साइकिल से जा सकते हैं।
  • स्वचालित वाहनों का इंजन लाल बत्ती होने पर बन्द कर सकते हैं।
  • लिफ्ट के स्थान पर सीढ़ियों द्वारा जा सकते हैं।
  • सोलर उपकरणों का प्रयोग खाना पकाने, पानी गर्म करने आदि कार्यों के लिये सकते हैं।
  • खाद्य पदार्थों के अपव्यय को रोक सकते हैं। .
  • घरों में लकड़ी जलाने के स्थान पर LPG का प्रयोग कर सकते हैं।

प्रश्न 6. निम्न से सम्बन्धित ऐसे पाँच कार्य लिखिए जो आपने पिछले एक सप्ताह में किए हैं
(a) अपने प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण,
(b) अपने प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव को और बढ़ाया है
उत्तर-
(a) अपने प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण

  • पानी के संरक्षण के लिए टपकने वाली नल की टोटियों को बदलवाया है तथा पाइपों की मरम्मत कराई है।
  • अनावश्यक बल्ब एवं लाइटें बन्द करा दी हैं।
  • अनेक कार्यों के लिए सोलर ऊर्जा का प्रयोग किया है।
  • कई स्थानों तक पैदल गए हैं।
  • हर लाल बत्ती पर बाइक का इंजन बन्द किया है।

(b) प्राकृतिक संसाधनों का अपव्यय

  • कई रातों में बिजली जलाकर सो गया।
  • सुबह-सुबह मार्निंग वाक पर न जाकर टी.वी. देखता रहा।
  • टी.वी. चलाकर बाहर काफी देर तक बातें करता रहा।
  • बस से जाने के बजाय दूसरे शहर अपनी बाइक से गया।
  • मैंने कई जगह लाल बत्ती होने पर अपनी बाइक का इंजन बंद नही किया।

प्रश्न 7. इस अध्याय में उठाई गई समस्याओं के आधार पर आप अपनी जीवन शैली में क्या परिवर्तन लाना चाहेंगे जिससे हमारे संसाधनों के संपोषण को प्रोत्साहन मिल सके?
उत्तर- संसाधनों के संपोषण के लिए हम तीन आर (3’R’) की संकल्पना का पालन करेंगे। 3 ‘R’ संकल्पना के पालन का अर्थ है

  • कम उपयोग (Reduce)-किसी संसाधन का कम-से कम प्रयोग करेंगे।
  • पुनः चक्रण (Recycle)-प्लास्टिक, कागज, धातु, काँच आदि को पुनः चक्रण के लिए भेजेंगे।
  • पुनः उपयोग (Reuse)-कुछ वस्तुओं को कई बार कई कार्यों में प्रयोग किया जा सकता है। जैसे-प्रयोग की गई बोतलें, डिब्बे आदि।

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

अति लघुउत्तरीय प्रश्नोत्तर (Very Short Answer Type Questinos)

बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Type Questions)

1. मानव की आँत में कौन सा जीवाणु होता है जो गंगा जल को दूषित करता है ?
(A) राइजोबियम
(B) कोलीफॉर्म
(C) फीताकृमि
(D) प्लाज्मोडियम
उत्तर- (B) कोलीफॉर्म।

2. IUCN का अर्थ है-
(A) इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर एण्ड नेचुरल रिसोर्सेस
(B) इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ कंट्री नेचर
(C) इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ कॉउन्सिल नेचुरल रिसॉर्सेस
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर- (A) इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर एण्ड नेचुरल रिसोर्सेस।

3. प्राकृतिक संसाधनों से प्राप्त होता है-
(A) भोजन
(B) सीमेण्ट
(C) पत्थर
(D) ये सभी।
उत्तर- (D) ये सभी।

4. गंगोत्री से गंगा सागर तक गंगा की कुल लंबाई है –

(A) 1500 कि०मी०
(B) 2000 कि०मी०
(C) 2500 कि०मी०
(C) 3000 कि०मी०
उत्तर – (C) 2500 कि०मी०
5. गंगा का जल अपघटन को प्रोमोट नहीं करता क्योंकि इसमें विद्यमान हैं-
(A) जीवाणु
(B) नीली-हरी शैवाल
(C) जीवाणु भोजी विषाणु
(D) कवक
उत्तर – (C) जीवाणु भोजी विषाणु
6. निम्नलिखित में से किसका प्रयोग करके जल का pH मान ज्ञात किया जा सकता है?
(A) नीला लिटमस
(B) लाल लिटमस
(C) सार्वसूचक
(D) लिटमस पत्र
उत्तर – (C) सार्वसूचक
7. असंदूषित जल का pH मान हो सकता है –
(A) 2
(B) 5
(C) 7
(D) 9
उत्तर – (C) 7
8. पर्यावरण को संरक्षित करने तथा उसे सुधारने का सबसे अच्छा तरीका प्राकृतिक संसाधनों का ……….. है l
(A) कम उपयोग
(B) पुनःचक्रण
(C) दोबारा उपयोग
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर – (D) उपरोक्त सभी
9. हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन की आवश्यकता है, क्योंकि वे –
(A) सीमित मात्रा में हैं
(B) निवर्तनीय हैं
(C) परंपरागत हैं
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर – (D) उपरोक्त सभी
10. भारत का कितना भू-भाग वनों से ढका होना चाहिए ?
(A) 20%
(B) 25%
(C) 33%
(D) 6%
उत्तर – (C) 33%
11. भारत का कितना भू-भाग वनों से ढका हुआ है ?
(A) ≈ 6%
(B) ≈ 19%
(C) ≈ 20%
(D) ≈ 33%
उत्तर – (C) ≈ 20%
12. वन्य जीवन में सम्मिलित है –
(A) वन में सभी सजीव
(B) केवल वन के पेड़
(C) वन में केवल जंतु
(D) सभी सूक्ष्म जीव
उत्तर – (A) वन में सभी सजीव
13. हमें जैव-विविधता को संरक्षित करना चाहिए क्योंकि –
(A) यह पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखता है
(B) यह जीनपूल बनाए रखता है
(C) हमारा अपना अस्तित्व उन पर निर्भर करता है
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर – (D) उपरोक्त सभी
14. वनों के दावेदार हैं –
(A) जीव जो वनों के अंदर या आस-पास रहते हैं
(B) सरकार का वन विभाग
(C) वन्य जीवन तथा प्रकृति को चाहने वाले व्यक्ति
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर – (D) उपरोक्त सभी
15. भारत ने अपना वन आच्छादित क्षेत्र खो दिया है क्योंकि –
(A) लगातार बढ़ रही जनसंख्या के कारण
(B) औद्योगीकरण के कारण
(C) शहरीकरण के कारण
(D) उपरोक्त सभी के कारण
उत्तर – (D) उपरोक्त सभी के कारण
16. वन्य जीवन संरक्षण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार किसकी याद में दिया जाता है ?
(A) अमीता देवी बिश्नोई की
(B) अमृता देवी बिश्नोई की
(C) अमृता देवी बिश्नोई की
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर —(B) अमृता देवी बिश्नोई की
17. सन् 1731 में अमृता देवी बिश्नोई ने 363 सहयोगियों सहित किस वृक्ष की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए ?
(A) खेजराली
(B) खेजरी
(C) शीशम
(D) आम
उत्तर – (B) खेजरी
18. वन क्षेत्र के विनाश का मुख्य कारण है –
(A) चारण
(B) वनोन्मूलन
(C) वन की आग
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर – (D) उपरोक्त में से कोई नहीं
19. भारत का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान जो सन् 1935 में स्थापित किया गया है –
(A) राजा जी राष्ट्रीय उद्यान
(B) जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान
(C) रणथंभोर राष्ट्रीय उद्यान
(D) गिर राष्ट्रीय उद्यान
उत्तर – (B) जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान
20. भारत में राष्ट्रीय उद्यानों की कुल संख्या है –
(A) 83
(B) 89
(C) 92
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर – (C) 92
21. भारत में वन्य जीवन अभयारण्यों की कुल संख्या है –
(A) 450
(B) 500
(C) 350
(D) 400
उत्तर – (B) 500
22. चंडीगढ़ में स्थित पक्षी विहार ( अभयारण्य ) है –
(A) छत बीड़
(B) रोज गार्डन
(C) सुखना झील
(D) लेज़र वैली
उत्तर – (C) सुखना झील
23. 1970 में चिपको आंदोलन की शुरुआत गढ़वाल (उत्तराखंड) के किस गाँव से हुई ?
(A) श्रीनगर
(B) टिहरी
(C) ऋषिकेश
(D) रेनी
उत्तर – (D) रेनी
24. ‘चिपको आंदोलन’ का नेतृत्व किसने किया?
(A) सुंदर लाल बहुगुणा
(B) हेमवती नंदन बहुगुणा
(C) मेघा पाटकर
(D) अरुणधती रॉय
उत्तर – (A) सुंदर लाल बहुगुणा
25. ‘चिपको आंदोलन’ किससे संबंधित है?
(A) बाघों से
(B) कछुओं से
(C) पौधों से
(D) बाँधों से
उत्तर – (C) पौधों से
26. कुल्हों के द्वारा नहरी सिंचाई व्यवस्था किस प्रदेश में है ?
(A) पंजाब
(B) तमिलनाडु
(C) गुजरात
(D) हिमाचल प्रदेश
उत्तर – (D) हिमाचल प्रदेश
27. इंदिरा गाँधी नहर के कारण किस प्रदेश में हरियाली आई है?
(A) गुजरात में
(B) राजस्थान में
(C) पंजाब में
(D) हरियाणा में
उत्तर – (B) राजस्थान में
28. सरदार सरोवर बाँध किस नदी पर बनाया गया है ?
(A) गंगा पर
(B) यमुना पर
(C) नर्मदा पर
(D) गोदावरी पर
उत्तर – (C) नर्मदा पर
29. टिहरी बाँध किस नदी पर बनाया जा रहा है ?
(A) गंगा पर
(B) कृष्णा पर
(C) नर्मदा पर
(D) सतलुज पर
उत्तर – (A) गंगा पर
30. ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ किस बाँध की ऊँचाई को बढ़ाने से रोकने के लिए चलाया गया है ?
(A) भाखड़ा बाँध की
(B) सरदार सरोवर बाँध की
(C) टिहरी बाँध की
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर- (B) सरदार सरोवर बाँध की
31. किस बाँध के विस्थापितों को अभी तक वह मुआवज़ा नहीं मिला है, जिसका उन्हें आश्वासन दिया गया था ?
(A) भाखड़ा बाँध के
(B) तावा बाँध के
(C) टिहरी बाँध के
(D) सरदार सरोवर बाँध के
उत्तर- (B) तावा बाँध के
32. निम्नलिखित में से कौन-सा उद्योग वनों पर आधारित नहीं है? 
(A) उर्वरक उद्योग
(B) कागज़ उद्योग
(C) इमारती लकड़ी
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर- (A) उर्वरक उद्योग
33. चैक डैम सहायक हैं –
(A) भूमिगत जल के पुनःपूरण में
(B) विद्युत उत्पादन में
(C) आस-पास के क्षेत्रों की सिंचाई में
(D) (A) तथा (C) दोनों में
उत्तर – (D) (A) तथा (C) दोनों में
34. जल को भूमिगत संग्रहित करने के लाभ हैं –
(A) यह वाष्पीकृत नहीं होता है
(B) वनस्पति के लिए नमी उपलब्ध करवाता है
(C) रोग बाहकों को प्रजनन स्थान उपलब्ध नहीं करवाता है
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर – (D) उपरोक्त सभी
35. निम्नलिखित में से कौन-सा एक जीवाश्म ईधन है?
(A) लकड़ी
(B) कोयला
(C) पेट्रोलियम
(D) (B) तथा (C) दोनों
उत्तर – (D) (B) तथा (C) दोनों
36. कोयला तथा पेट्रोलियम हैं –
(A) जीवाश्म ईंधन
(B) नवीकरण के अयोग्य
(C) निवर्तनीय
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर – (D) उपरोक्त सभी
37. निम्नलिखित में से कौन-सी गैस जहरीली है?
(A) CO
(B) CO2
(C) O2
(D) N2
उत्तर – (A) CO
38. जीवाश्म ईंधनों के दहन से कौन-सी गैस उत्पन्न नहीं होती है?
(A) कार्बन मोनोऑक्साइड
(B) कार्बन डाइऑक्साइड
(C) सल्फर डाइऑक्साइड
(D) ऑक्सीजन
उत्तर – (D) ऑक्सीजन
39. निम्नलिखित में से कौन-सी गैस ग्रीनहाउस गैस है?
(A) CO2
(B) CO
(C) O2
(D) N2
उत्तर – (A) CO2
40. वैश्विक ऊष्मन किसके द्वारा अवरक्त किरणों के अवशोषित होने से होता है ?
(A) CO2 द्वारा
(B) हाइड्रोकार्बन द्वारा
(C) प्रदूषक गैसों द्वारा
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर – (D) उपरोक्त सभी
41. हम प्रदूषण को किसके द्वारा कम कर सकते हैं?
(A) ईंधन के पूर्ण दहन से
(B) इंजन की दक्षता को बढ़ाकर
(C) जीवाश्म ईंधनों का उपयोग कम करके
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर (D) उपरोक्त सभी
42. जैव-विविधता के विशिष्ट स्थल कौन-से हैं?
(A) वन
(B) होटल
(C) कोयले की खानें
(D) पेट्रोलियम के कुएँ
उत्तर – (A) वन
43. बायोगैस का मुख्य घटक है –
(A) मिथेन
(B) ब्यूटेन
(C) हाइड्रोजन
(D) (B) व (C) दोनों
उत्तर – (A) मिथेन
44. वनोन्मूलन से हो सकता है –
(A) मृदा अपरदन
(B) मौसम संबंधी परिवर्तन
(C) वर्षा में कमी
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर – (D) उपरोक्त सभी
45. वृक्षों को उगाने की क्रिया को कहते हैं –
(A) सैरीकल्चर
(B) सिल्वीकल्चर
(C) हार्टीकल्चर
(D) मोनोकल्चर
उत्तर – (B) सिल्वीकल्चर
46. एक ही फसल को उसी खेत में बार-बार उगाने की क्रिया को कहते हैं-
(A) एपीकल्चर
(B) मोनोकल्चर
(C) सिल्वीकल्चर
(D) सैरीकल्चर
उत्तर – (B) मोनोकल्चर
47. किस महीने के प्रथम सप्ताह को वन्य जीवन सप्ताह के रूप में मनाया जाता है ?
(A) दिसंबर
(B) नवंबर
(C) अक्तूबर
(D) सितंबर
उत्तर – (C) अक्तूबर
48. निम्नलिखित में से कौन-से क्रियाकलाप पारिस्थितिक असंतुलन उत्पन्न करते हैं ?
(A) वनीकरण
(B) वन उन्मूलन
(C) वनों का संरक्षण
(D) पेड़ लगाना
उत्तर – (B) वन उन्मूलन
49. वायु तथा जल के द्वारा मिट्टी की ऊपरी उपजाऊ पर्तों को बहाकर ले जाने की क्रिया कहलाती है—
(A) स्ट्रैटिफिकेशन
(B) मृदा अपरदन
(C) लेयरिंग
(D) गड्ढे भरना (लैंड फिलिंग )
उत्तर – (B) मृदा अपरदन
50. निम्नलिखित में से किसके द्वारा मृदा अपरदन को रोका जा सकता है ?
(A) वनीकरण द्वारा
(B) वन उन्मूलन द्वारा
(C) अतिचारण द्वारा
(D) वनस्पति के विनाश द्वारा
उत्तर – (A) वनीकरण द्वारा
51. मृदा की उर्वरता किसके द्वारा कम होती है ?
(A) फसल चक्र
(B) कार्बनिक खेती
(C) सघन कृषि
(D) उर्वरक डालना
उत्तर – (C) सघन कृषि
52. मरुस्थल के बनने का कारण है –
(A) मृदा अपरदन
(B) वन उन्मूलन
(C) उर्वरकों व पीड़कनाशियों का अधिक उपयोग
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर – (D) उपरोक्त सभी
53. वन शोध संस्थान (FRI) स्थित है –
(A) सोलन में
(B) देहरादून में
(C) रानीखेत में
(D) शिमला में
उत्तर – (B) देहरादून में
54. राष्ट्रीय उद्यान किसका संरक्षण करते हैं?
(A) केवल पौधों का
(B) केवल जंतुओं का
(C) पौधे व जंतु दोनों का
(D) सूक्ष्मजीवी सहित पूरे पारितंत्र का
उत्तर – (D) सूक्ष्मजीवी सहित पूरे पारितंत्र का
55. काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान किसके लिए प्रसिद्ध है?
(A) शेर
(B) बाघ
(C) एक सींग वाला गैंडा
(D) हिप्पोपोटामस
उत्तर – (C) एक सींग वाला गैंडा
56. वन्य जीवन के संरक्षण से संबंधित संस्था है –
(A) IUCN
(B) WWF India
(C) BNHS
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर – (D) उपरोक्त सभी
57. वन आच्छादित क्षेत्र बढ़ाने के लिए अधिक संख्या में पेड़ लगाना कहलाता है-
(A) वन उन्मूलन
(B) वनीकरण
(C) कृषि वानिकी
(D) सामाजिक वानिकी
उत्तर – (B) वनीकरण
58. राष्ट्रीय वन पॉलिसी किस सन् में बनाई व लागू की गई ?
(A) 1972
(B) 1986
(C) 1988
(D) 1991
उत्तर – (C) 1988
59. निम्नलिखित में से क्या जैव-विविधता के लिए खतरा नहीं है ?
(A) वनीकरण
(B) वन उन्मूलन
(C) प्रदूषण
(D) वास स्थान की हानि
उत्तर – (A) वनीकरण
60. भारत में जीवमंडल संरक्षित क्षेत्रों की संख्या है –
(A) 13
(B) 92
(C) 500
(D) 89
उत्तर – (A) 13
61. कोलिफार्म निम्नलिखित में से किसका समूह है ?
(A) जीवाणु
(B) कवक
(C) विषाणु
(D) साइनोबैक्टीरिया
उत्तर – (A) जीवाणु
62. भूमिगत जल वह जल है जो-
(A) वर्षा के रूप में आता है
(B) समुद्र का जल
(C) पृथ्वी में रिसता है
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर – (C) पृथ्वी में रिसता है
63. निम्नलिखित में से किसके जल की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए GAP शुरू की गई ? 
(A) यमुना के
(B) गंगा के
(C) सरस्वती के
(D) नर्मदा के
उत्तर – (B) गंगा के

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

एक शब्द / वाक्यांश प्रश्न
प्रश्न 1. प्राकृतिक संसाधन क्या होते हैं ?
उत्तर –वन, वन्य जीवन, कोयला, पेट्रोलियम आदि; जैसे वे पदार्थ संसाधन जो मनुष्य के प्रभाव के बिना प्रकृति में पाए जाते हैं, प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं ।
प्रश्न 2. एक मुख्य पर्यावरणीय समस्या का नाम बताएँ ।
उत्तर – वैश्विक ऊष्मन तथा ग्रीनहाउस प्रभाव।
प्रश्न 3. पर्यावरण संरक्षण से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – पर्यावरणीय संसाधनों का बुद्धिमतापूर्वक उपयोग ताकि उनका क्षय न हो और वे भविष्य में और अधिक उन्नत हों, पर्यावरण संरक्षण कहलाता है ।
प्रश्न 4. ‘संपोषित विकास’ को परिभाषित करें ।
उत्तर – संसाधनों के बुद्धिमतापूर्वक उपयोग के द्वारा संतत् विकास की प्रक्रिया जिसका दुष्प्रभाव पर्यावरण पर न पड़े, संपोषित विकास कहलाता है।
प्रश्न 5. दो अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के नाम बताइए जो पर्यावरण सुरक्षा में सहायता करती हैं । 
उत्तर – संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) व प्रकृति तथा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण का अंतर्राष्ट्रीय संघ (IUCN)।
प्रश्न 6. ‘गंगा कार्य-योजना’ का क्या अर्थ है?
उत्तर – कई करोड़ रुपए की योजना जो 1985 में गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए चलाई गई ताकि गंगा के पानी में – से उन प्रदूषकों को निकाला जा सके जो लोग तथा उद्योग उसमें डाल देते हैं ।
प्रश्न 7. कोलिफॉर्म जीवाणु …………. में पाए जाते हैं ।
उत्तर – मनुष्य की आंत में ।
प्रश्न 8. कोलिफॉर्म जीवाणुओं की पानी में उपस्थिति क्या प्रदर्शित करती है ?
उत्तर – पानी का मल-मूत्र जल से संदूषित होना । –
प्रश्न 9. गंगा नदी की लंबाई ………. है।
उत्तर – लगभग 2500 किलोमीटर ।
प्रश्न 10. गंगा के जल की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए ………… कार्य योजना लागू की गई ।
उत्तर – गंगा कार्य योजना ।
प्रश्न 11. एक जीवाणु व एक कवक का नाम बताएँ जो मल-मूत्र का अपघटन करती है।
उत्तर – जीवाणु ई० कोलाइ, कवक म्यूकर ।
प्रश्न 12. दो प्राकृतिक संसाधनों के नाम बताएँ जो जीवित रहने के लिए आवश्यक हैं।
उत्तर – (i) वायु (ii) जल ।
प्रश्न 13. हम अपने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में क्यों असफल हुए हैं?
उत्तर – निरंतर बढ़ती हुई जनसंख्या तथा औद्योगीकरण के कारण ।
प्रश्न 14. ( पर्यावरण ) संरक्षण को परिभाषित करें।
उत्तर – मनुष्य के लाभ के साथ-साथ पर्यावरण को हानि पहुँचाए बिना जो क्रियाकलाप किए जाते हैं।
प्रश्न 15. CO2 के छोड़ने से उत्पन्न संबंधित अंतर्राष्ट्रीय नियम कौन से हैं ?
उत्तर – यूरो I, यूरो II, यूरो III, भारत में ( भारत – I, भारत-II आदि) ।
प्रश्न 16. कोलिफॉर्म जीवाणु क्या हैं ? 
उत्तर – जीवाणुओं का एक समूह जो मानव आंत में निवास करता है ।
प्रश्न 17. कौन-सा मानव सांस्कृतिक क्रियाकलाप गंगा के प्रदूषण का कारण है ?
उत्तर – गंगा में अस्थियाँ तथा शरीर को अधजले रूप में बहाया जाना ।
प्रश्न 18. 3 -R क्या है ?
उत्तर – ( संसाधनों का) कम उपयोग (Reduce), पुन: उपयोग (Reuse) तथा पुनःचक्रण (Recycle)।
प्रश्न 19 पुनःचक्रण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – पुरानी टूटी-फूटी अनोपयोगी वस्तुओं; जैसे कागज़, प्लास्टिक, धातु के टुकड़े आदि को नए उत्पादों में रूपांतरित करना पुनःचक्रीकरण कहलाता है ।
प्रश्न 20. दो पदार्थों के नाम बताएँ जिनका पुनःचक्रीकरण हो सकता है ।
उत्तर – धातु के टुकड़े, प्लास्टिक, आदि ।
प्रश्न 21. विश्व पर्यावरण दिवस …………. को मनाया जाता है ।
उत्तर – 5 जून को ।
प्रश्न 22. ‘जैव-विविधता हॉट स्पॉट’ क्या होते हैं?
उत्तर – पृथ्वी पर पाए जाने वाले वे क्षेत्र (भूमि, जल) जहाँ पर वनस्पति तथा जीव जंतुओं की अनगिनत जातियाँ पाई जाती हैं l
प्रश्न 23. ‘दावेदारों’ से आपका क्या अभिप्राय है? ।
उत्तर – वे व्यक्ति जिन्हें वास्तव में वन तथा वन्य जीवन के रख-रखाव का उत्तरदायित्व सौंपा जाना चाहिए, क्योंकि वे जानते हैं कि उनका (वनों का ) सही उपयोग तथा संरक्षण किस प्रकार संभव है ।
प्रश्न 24. राष्ट्रीय वन्य जीवन संरक्षण पुरस्कार किसके सम्मान में दिया जाता है ?
उत्तर – श्रीमती अमृता देवी बिश्नोई के सम्मान जिसने खेजरी पेड़ों (वन) की रक्षा के लिए अनेक अन्य व्यक्तियों के साथ अपना जीवन न्योछावर कर दिया ।
प्रश्न 25. श्रीमती अमृता देवी ने अपना जीवन अपने 363 गाँववासियों के साथ …………….. पेड़ की रक्षा के लिए न्योछावर कर दिया ।

उत्तर – खेजरी ।

प्रश्न 26. संपोषित विकास का क्या अर्थ है?
उत्तर – ऐसी विकासीय गतिविधियाँ जो पर्यावरण तथा प्राकृतिक संसाधनों को हानि पहुँचाए बिना संभव हो सकें ।
प्रश्न 27. ‘चिपको आंदोलन’ का क्या अर्थ है?
उत्तर – आंदोलन जो वृक्षों / वनों को बचाने के लिए 1970 में उत्तराखंड के रेनी ( गढ़वाल) में महिलाओं के द्वारा चलाया गया ।
प्रश्न 28. किस सामाजिक कार्यकर्त्ता ने चिपको आंदोलन की शुरुआत की ?
उत्तर – श्री सुंदर लाल बहुगुणा ने।
प्रश्न 29. एक जैव-विविधता हॉट स्पॉट का उदाहरण दें।
उत्तर. -वन ।
प्रश्न 30. जैव विविधता के संरक्षण का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर – पारिस्थितिक संतुलन तथा जीन पूल बनाए रखना ।
प्रश्न 31. वन उत्पादों पर आधारित दो उद्योगों के नाम बताइए ।
उत्तर – (i) इमारती लकड़ी उद्योग (ii) कागज़ उद्योग |
प्रश्न 32. क्या उद्योगों का वनों पर कोई अधिकार है ?
उत्तर – नहीं, क्योंकि वे उन्हें बनाए रखने तथा उनके रख-रखाव के विषय में नहीं सोचते ।
प्रश्न 33. प्रकृति तथा वन्य जीवन को चाहने वाले व्यक्ति वनों के दावेदार क्यों हैं?
उत्तर – यद्यपि वे वनों पर निर्भर नहीं करते लेकिन वे वनों के विकास तथा उनके प्रबंधन में रुचि रखते हैं, इसलिए वे भी दावेदार हैं।
प्रश्न 34. अमृता देवी बिश्नोई कौन थी ?
उत्तर – वे – एक सामाजिक कार्यकर्त्ता थी जिन्होंने अपना जीवन राजस्थान में जोधपुर के निकट खेजराली गाँव में खेजरी वृक्षों की रक्षा के लिए न्योछावर कर दिया ।
प्रश्न 35. अमृता देवी बिश्नोई के सम्मान में कौन-सा पुरस्कार दिया जाता है ?
उत्तर – राष्ट्रीय वन्य जीव संरक्षण पुरस्कार |
प्रश्न 36. वन तथा वन्य जीवन किस प्रकार नवीकरण के योग्य हैं ?
उत्तर -वन नवीकरण के योग्य हैं क्योंकि हम काटे गए वृक्षों के स्थान पर नए वृक्ष लगा सकते हैं | वन्य जीवन नवीकरण के योग्य है यदि वनोन्मूलन तथा वन्य जीवों के शिकार को रोक दिया जाए।
प्रश्न 37. प्रकृति में मनुष्य के हस्तक्षेप के कारण किस प्रकार विभिन्न क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता में कमी आई है?
उत्तर – मनुष्य वनोन्मूलन के द्वारा वर्षा की मात्रा तथा नियमितता में कमी आई है।
प्रश्न 38. भूमिगत जल को बनाए रखने में हमारी असफलता का क्या कारण है ?
उत्तर – वनोन्मूलन तथा जीवाश्म ईंधनों के अधिक उपयोग से वैश्विक ऊष्मन ने वर्षा की मात्रा तथा नियमितता में कमी ला दी है ।
प्रश्न 39. हिमाचल प्रदेश में ‘कुल्ह’ क्या हैं ?
उत्तर – हिमाचल प्रदेश में ‘कुल्ह’ नहरी सिंचाई का एक स्थानीय तंत्र है जो वहीं पर विकसित किया गया था जो बिना ऊर्जा खर्च किए भी काम करता था ।
प्रश्न 40. बाँध क्या हैं ?
उत्तर – बाँध छोटी या बड़ी रुकावटें / दीवारें होती हैं जो नदी नालों के रास्ते में खड़ी की जाती हैं, ऐसा पानी की सिंचाई या विद्युत के उत्पादन के लिए इकट्ठा करने के लिए होता है |
प्रश्न 41. दो जल विद्युत परियोजनाओं के नाम बताएँ जिनके निर्माण को लोगों के बड़े पैमाने पर विरोध का सामना करना पड़ा है।
उत्तर – (i) गुजरात में नर्मदा परियोजना |
(ii) उत्तराखंड में गंगा नदी पर टिहरी बाँध परियोजना |
प्रश्न 42. पर्यावरण को बचाने के लिए 1970 के आरंम्भिक दशक में गढ़वाल में आंदोलन हुआ था उसका नाम बताएँ ।
उत्तर – चिपको आंदोलन ।
प्रश्न 43. जल संभर प्रबंधन का क्या अर्थ है?
उत्तर – जल संभर प्रबंधन में मिट्टी एवं जल संरक्षण पर जोर दिया जाता है जिससे कि जैव द्रव्यमान में वृद्धि हो सके ।
प्रश्न 44. पारिस्थितिक असंतुलन का क्या अर्थ है ?
उत्तर – पारिस्थितिक असंतुलन का अर्थ है- पारितंत्रीय घटकों; जैसे मौसम, वर्षा, जैव-विविधता, आदि में अनैच्छिक परिवर्तन जिसके कारण जीवमंडल में अव्यवस्था तथा बड़े पैमाने पर पृथ्वी से जीवन की हानि होती है।
प्रश्न 45. ‘चैक डैम’ क्या होते हैं?
उत्तर — ये अस्थायी (मिट्टी के ) या स्थायी अवरोध या रुकावटें होती हैं जो छोटे-छोटे नदी नालों के जल को झील के रूप में इकट्ठा करके भूमिगत जल के पुनःपूरण के लिए बनाए जाते हैं ।
प्रश्न 46. चैक डैम बनाने का प्रमुख उद्देश्य क्या होता है?
उत्तर – भूमिगत जल का पुनःपूरण करने के लिए।
प्रश्न 47. जल को प्रदूषित कब कहा जाता है?
उत्तर. -जल की pH, रंग, गंध तथा स्वाद में हानिकारक रसायनों के मिलने से हुआ कोई भी परिवर्तन जो उसे मनुष्य के उपयोग हेतु अयोग्य बना देता है, प्रदूषण कहलाता है।
प्रश्न 48. भूमिगत जल का क्या महत्त्व है?
उत्तर – भूमिगत जल पीने के लिए तथा सिंचाई के लिए प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 49. हिमाचल प्रदेश में कुल्हों का नियंत्रण सिंचाई विभाग द्वारा लेने के बाद क्या हुआ?
उत्तर – उनमें से अधिकतर कुल्ह अक्रियाशील हो गए और अब पहले की तरह पानी का अर्थपूर्ण बँटवारा भी नहीं है।
प्रश्न 50. बाँध क्यों बनाए जाते हैं?
उत्तर – विद्युत उत्पादन तथा सिंचाई के लिए पानी एकत्रित करने के लिए।
प्रश्न 51. बाँधों से पानी को दूरस्थ स्थानों पर किस प्रकार ले जाया जाता है?
उत्तर – नहरों के द्वारा ।
प्रश्न 52. किस नहर के द्वारा राजस्थान के एक बड़े हिस्से को हरा-भरा किया गया है?
उत्तर – इंदिरा गाँधी नहर द्वारा ।
प्रश्न 53. बड़े बाँघों के निर्माण का कुछ लोगों द्वारा विरोध क्यों किया जाता है?
अथवा
बड़े बाँधों की आलोचना किन आधारों पर होती है?
उत्तर – क्योंकि इनके बनने से लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ता है और उन्हें वे लाभ नहीं दिए जाते जिनका कि उन्हें आश्वासन दिया जाता है।
प्रश्न 54. ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ के बैनर के नीचे लोग किस बात का विरोध कर रहे हैं?
उत्तर – नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बाँध की ऊँचाई बढ़ाने का विरोध |
प्रश्न 55. वर्षा के जल को संग्रहित करने का क्या उपयोग है?
उत्तर – वर्षा के जल को किसी भी विधि द्वारा संचित करने पर भूमिगत जल के पुनःपूरण के लिए तथा सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता ।
प्रश्न 56. वर्षा के जल को संग्रहित करने का क्या अभिप्राय है?
उत्तर – विभिन्न साधनों एवं तरीकों द्वारा वर्षा के जल को एकत्रित करने की प्रक्रिया ।
प्रश्न 57. गंगा सफाई योजना की शुरुआत पहली बार किस साल में हुई थी?
उत्तर – 1985 में ।
प्रश्न 58. जल संग्रहण संरचनाओं का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर – भूमिगत जल का पुनःपूरण तथा उसे बचाना।
प्रश्न 59. उन पदार्थों का नाम बताइए जो जीवों एवं पौधों के अवशेषों से बनते हैं।
उत्तर – जीवाश्म ईंधन ।
प्रश्न 60: जीवाश्म ईंधनों के दो उदाहरण दें ।
उत्तर – कोयला तथा पेट्रोलियम ।
प्रश्न 61. हमें जीवाश्म ईंधनों को क्यों संरक्षित करना चाहिए ?
उत्तर – क्योंकि उनके भंडार सीमित हैं तथा वे ऊर्जा के नवीकरण के अयोग्य स्रोत हैं l
प्रश्न 62. कोयला और पेट्रोलियम कितने समय के पश्चात् समाप्त होने की आशा है?
उत्तर – कोयला 200-250 वर्षों में तथा पेट्रोलियम 30-40 वर्षों में ।
प्रश्न 63. ……………..  नामक जीवाणु मनुष्य की आंत में पाए जाते हैं ।
उत्तर – कोलिफार्म जीवाणु ।
प्रश्न 64. पेट्रोलियम क्या है ?.
उत्तर – पेट्रोलियम एक गाढ़ा गहरे रंग का तरल पदार्थ है जो अनेक हाइड्रोकार्बनों का मिश्रण है।
प्रश्न 65. जीवाश्म ईंधनों के दहन से कौन-सी प्रदूषक गैसें उत्पन्न होती हैं ?
उत्तर – कार्बन मोनोक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड ।
प्रश्न 66. जीवाश्म ईंधनों के दहन से हरित गृह प्रभाव उत्पन्न करने वाली …………… गैस उत्पन्न होती है ।
उत्तर – कार्बन डाइऑक्साइड ।
प्रश्न 67. वैश्विक ऊष्मन (ग्रीनहाउस प्रभाव) से आप क्या समझते हैं ? 
उत्तर – पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा अवरक्त किरणों के अधिक अवशोषण के कारण पृथ्वी के तापमान में हुई बढ़ोतरी, ग्रीनहाउस प्रभाव कहलाती है ।
प्रश्न 68. हमें प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन क्यों करना चाहिए ?
उत्तर – ताकि प्राकृतिक संसाधन लंबे समय तक चल सकें तथा उन्हें यदि संभव हो तो दोबारा भी प्राप्त किया जा सके ।
प्रश्न 69. हम वायु प्रदूषण को कैसे कम कर सकते हैं?
उत्तर – ऐसे इंजन या मशीनों की खोज करके जिनमें ईंधन का पूर्ण दहन होता हो ।
प्रश्न 70 . गंगा कितनी दूरी तय कर सागर में मिलती है और किन-किन प्रमुख राज्यों के नगर गंगा प्रदूषण के लिए उत्तरदायी हैं?
उत्तर – गंगा अपने उद्गम गंगोत्री से बंगाल की खाड़ी में गंगा – सागर तक 2500 कि०मी० की दूरी तय करती है । इसके किनारे उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, बिहार व बंगाल के लगभग 100 से अधिक नगर अपना मल-जल व दूषित जल गंगा में मिलाकर उसे दूषित कर रहे हैं

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1. हमें संसाधनों के प्रबन्धन की क्यों आवश्यकता 
उत्तर- संसाधन सीमित होते हैं। हमें अनेक दैनिक वस्तुएँ प्राकृतिक संसाधनों से प्राप्त होती हैं। यदि हम इन संसाधनों का उपयोग अल्प समय में कर लेंगे तो अपनी भावी पीढ़ी को इन संसाधनों से वंचित रहना पड़ेगा। इसीलिए हमें संसाधनों का प्रयोग विवेकपूर्ण ढंग से करना चाहिए।

प्रश्न 2. संपोषणीय विकास से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर- संपोषणीय विकास की संकल्पना मनुष्य की वर्तमान आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति एवं विकास को प्रोत्साहित तो करती ही है साथ ही आने वाली पीढ़ी के लिए संसाधनों का संरक्षण भी करती है। आर्थिक विकास पर्यावरण संरक्षण से सम्बन्धित है अतः संपोषित विकास से जीवन के सभी आयाम में परिवर्तन निहित हैं।

प्रश्न 3. निम्नलिखित में प्रत्येक के तीन लाभों की सूची बनाइए:
(i) कम अवधि के उद्देश्य से संसाधनों का दोहन, तथा
(ii) हमारे प्राकृतिक संसाधनों का लम्बी अवधि को ध्यान में रखते हुए प्रबंधन।
उत्तर-
(i) कम अवधि के उद्देश्य से संसाधनों के दोहन के लाभ –
(a) वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को शीघ्रता से पूरा करना।
(b) बिना किसी जवाबदेही के अधिक लाभ अर्जित करना।
(iii) आधुनिकीकरण व औद्योगिकरण को तीव्रता से बढ़ाना।

(ii) प्राकृतिक संसाधनों की लम्बी अवधि के प्रबंधन के लाभ
(a) वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ आने वाली पीढ़ी के लिए संसाधनों को बनाए रखना।
(b) इससे प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन पर रोक लगेगी।
(c) पर्यावरण को भी कम-से-कम क्षति होगी।

प्रश्न 4. “वन जैव विविधता के तप्त स्थल (Hotspots) है” इस कथन को समझाइए।
उत्तर- जैव विविधता का एक आधार उस क्षेत्र में पाई जाने वाली विभिन्न स्पीशीज की संख्या है। किसी स्थान विशेष पर पाए जाने वाले दुर्लभ प्राणिजात एवं पादपजात जैव विविधता के तप्तस्थल कहलाते हैं। ऐसे विशिष्ट स्थल केवल वनों में ही पाए जाते हैं। ये स्थल हमारी प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करते हैं।

प्रश्न 5. (i) वन संरक्षण तथा
(ii) जंगली प्राणियों के संरक्षण में प्रत्येक के दो-दोलाभ लिखिए।
उत्तर-
(i) वन संरक्षण के लाभ
(a) वन संरक्षण से बाढ़ तथा भूमि कटाव को रोकने में सहायता मिलती है।
(b) वन संरक्षण से उस स्थान की ‘जैव विविधता’ भली प्रकार बनी रहती है।
(c) वन संरक्षण बाढ़ जैसी भयानक प्राकृतिक आपदा को भी रोकने में सहायक है।

(ii) जंगली प्राणियों के संरक्षण
(a) इनके संरक्षण से पर्यावरण में संतुलन बनाये रखने में सहायता मिलती है।
(b) जंगली प्राणियों के संरक्षण से खाद्य श्रृंखलाएँ तथा खाद्य जाल सुरक्षित रहते हैं।

प्रश्न 6. पर्यावरण संरक्षण में वनों की तीनभूमिकाओं की सूची बनाइए। वन किस प्रकार अपक्षयित (नष्ट) हो जाते हैं? वनोन्मूलन के पर्यावरण पर दो दुष्परिणामों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर- पर्यावरण संरक्षण में वनों की भूमिका

  • वन वर्षा लाने में सहायक होते हैं जिससे पर्यावरण में जल-चक्र संतुलित रहता है।
  • वन वन्यजीवों तथा पक्षियों को वास-स्थान प्रदान करते हैं।
  • वन मृदा की उर्वरता बनाये रखने में सहायक होते हैं तथा अधिक वर्षा के समय भूमि कटाव को भी रोकते हैं।

वनों के अपक्षयित होने के कारण-औद्योगीकरण तथा शहरीकरण के चलते वनों का धीरे-धीरे नाश हो रहा है। जनसंख्या बढ़ने के साथ उसके रहने के लिए अधिक स्थान की आवश्यकता पड़ती है और यह वनों के विनाश का मुख्य कारण बनती है। इसवेह अतिरिक्त जंगल में प्रतिवर्ष लगने वाली आग तथा अतिचारन के कारण भी वनों का प्रतिशत कम होता जा रहा है।

वनोन्मूलन के दुष्परिणाम-

  • पेड़ों के अधिक कटने से मृदा अपरदन होता है तथा जल-चक्र भी प्रभावित होता है।
  • वनोन्मूलन से वायुमण्डल में CO2, गैस की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण अधिक हरितग्रह प्रभाव उत्पन्न होता है तथा वायुमण्डल का तापक्रम बढ़ने लगता है।

प्रश्न 7. पारिस्थितिक विशेषज्ञों के अनुसार वनारोपण का क्या प्रभाव होगा?
उत्तर- वनारोपण के निम्नलिखित प्रभाव होंगे –

  • वनों की वृद्धि से वायुप्रदूषण में कमी होगी।
  • वनों की वृद्धि से मृदा अपरदन कम होता है तथा वर्षा अधिक होती है।
  • कुछ वन वन भूमि की शुद्धता में वृद्धि करते हैं जिससे सल्फर तथा नाइट्रोजन के यौगिकों का ऑक्सीकरण होता है।
  • अम्लीय आर्द्र भूमि चीड़ के वृक्षों द्वारा उत्पन्न की जाती है जो भूमि की अम्लीयता को बढ़ाती है।

प्रश्न 8. चिपको आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? 
            अथवा
चिपको आन्दोलन क्या था?
उत्तर- गढ़वाल के रेनी नामक गाँव की महिलाओं ने वनों के ठेकेदार द्वारा काटे जाने का विरोध किया। उन्होंने पेड़ों से लिपटकर उनकी रक्षा की। उनके इस प्रयास से स्थानीय वन उजड़ने से बच गए। इस घटना को चिपको आन्दोलन नाम दिया गया।

प्रश्न 9. वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए आप क्या उपाय सुझाएँगे ?
उत्तर-

  • प्राकृतिक आवासों की सुरक्षा करना।
  • विलुप्त प्रजातियों को प्रजनन द्वारा बढ़ावा देना।
  • शिकार पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाना।
  • वृक्षों की कटाई को रोका जाना।

प्रश्न 10. भू-जल की उपलब्धता में काफी कमी क्यों आई है?
उत्तर- इसके निम्नलिखित कारण हैं-

  • पेड़ों का काटा जाना।
  • भू-जल का अत्यधिक मात्रा में दोहन।
  • उद्योगों से पेय जल प्रदूषण।
  • अपर्याप्त वर्षा |

प्रश्न 11. जल संग्रहण किसे कहते हैं? सामुदायिक स्तर पर जल संग्रहण से संबंधित दो प्रमुख लाभों की सूची बनाइए। भूजल की संपोषित उपलब्धता में असफलता के दो.कारण लिखिए। 
उत्तर- जल संग्रहण से अभिप्राय है जल तथा जल के भूमिगत स्रोतों को मनुष्य की प्राप्ति के लिए बनाए रखना। वर्षा के जल को भूमिगत जलाशयों, गड्ढे खोद कर, झीलों का निर्माण करके व छत पर बनी टंकियों में एकत्रित करके किया जाना चाहिए ताकि उस जल का उपयोग गरमी तथा सूखे के दिनों में किया जा सके।

सामुदायिक स्तर पर जल संग्रहण के दो लाभ-

  • सूखे के दिनों में एकत्रित जल को सभी लोगों में वितरित किया जा सकता है ताकि किसी के लिए जल का अभाव न हो।
  • इस जल द्वारा भीषण गर्मीयों में फसलों को भी न्यूनतम मात्रा में जल से सिंचित किया जा सकता है।

भूजल की संपोषित उपलब्धता में असफलता के दो कारण-

  1. नलकूपों द्वारा अत्यधिक मात्रा में फसलों की सिंचाई के लिए भूजल का उपयोग।
  2. स्थानीय लोगों द्वारा जल संग्रहण के पुराने तरीकों को त्याग देने के कारण।
  3. सिंचाई के लिए अधिक माँग वाली फसलों का विषयांतर।

प्रश्न 12. बांध क्या होता है? हम बड़े बांध क्यों बनाना चाहते हैं? बड़े बांधों का निर्माण करते समय किन तीन समस्याओं का ध्यान रखना चाहिए, ताकि स्थानीय लोगों में शांति बनी रहे, उनका उल्लेख कीजिए। 
उत्तर- किसी नदी के जल को, ऊँचाई पर बहुत बड़े कुंड-रूपी संरचना में एकत्र करने की प्रक्रिया को बांध कहते हैं। बड़े बाँध द्वारा जल संग्रहण पर्याप्त मात्रा में किया जा सकता है जिसका प्रयोग न केवल सिंचाई वरन् विद्युत का अधिक मात्रा में उत्पादन करने के लिए भी किया जाता है।

बड़े बांधों के निर्माण करते समय हमें निम्नलिखित समस्याओं का ध्यान रखना चाहिए

  • बांध बनाने के कारण विस्थापित हुए किसानों तथा आदिवासी लोगों को पुनः स्थापित करना।
  • बांध के निर्माण के समय होने वाले खर्च पर नियंत्रण रखना।
  • बांध बनने से पर्यावरण का नुकसान कम से कम होना चाहिए।

प्रश्न 13. ‘जल संरक्षण की खादिन संरचना’ का नामांकित चित्र बनाकर जल संरक्षण के कोई दो उपाय लिखिए।
उत्तर- अनुच्छेद 16.3.2. का अध्ययन करें।

प्रश्न 14. वर्षा जल संग्रहण के दो तरीके तथा दो लाभ बताइए।
उत्तर- वर्षा जल संग्रहण के उपाय
(i) खाली भूमि पर तालाब बनवाए जाएँ।
(ii) शहरों में भूमिगत टैंकों में छतों से आने वाला वर्षा जल संग्रहीत किया जाए।

वर्षा जल संग्रहण के लाभ –
(i) वर्ष भर पेय जल की उपलब्धता,
(ii) कृषि के लिए सिंचाई जल की प्राप्ति।

प्रश्न 15. गंगा प्रदूषण के स्रोत क्या हैं ?
उत्तर-

  • कचरा एवं मल का प्रवाह-नगरों द्वारा उत्सर्जित कचरा एवं मल को नाले एवं नालियों द्वारा गंगा जल में प्रवाहित कर दिया जाता है।
  • उद्योग अपशिष्ट-विभिन्न नगरों में स्थित छापेखाने, कागज मिलों, कपड़ा मिलों से निकली गन्दगी गंगा में छोड़ दी जाती है।

प्रश्न 16. बड़े बाँधों के निर्माण के विरोध के क्या कारण हैं ? 
उत्तर-

  • सामाजिक कारण-बड़ी संख्या में जनजीवन को विस्थापित करना एवं उनका पुर्नवास कराना।
  • आर्थिक कारण-इन पर जनता का बहुत धन खर्च होता है।
  • पर्यावरणीय कारण-इनके निर्माण के कारण बड़ी मात्रा में वन विनाश होता है तथा प्रदूषण उत्पन्न होता है।

प्रश्न 17. राजस्थान में कार्यान्वित वर्षा जल संग्रहण के खादिन तंत्र को समझाइए।
उत्तर- ‘खादिन’ का प्रयोग सिंचाई के लिए किया जाता है। वर्षा जल संग्रहण के खादिन तंत्र की विशेषता है कि यह ढालू खेत के निचले भाग में निर्मित काफी लम्बा (100 मी से 300 मी) मिट्टी का बना तटबंध होता है। अपवाह क्षेत्र में जल ढलानों पर नीचे की ओर बहता है और बंध द्वारा रुककर जलाशय बना लेता है। एकत्र जल की कुछ मात्रा को कुँयें बनाकर भूमि में प्रवेश करा दिया जाता है। इन जलाशयों के सूखने पर भी इनमें काफी नमी होती है, जहाँ फिर कृषि की जाती है।

प्रश्न 18. जल के भौम जल संग्रहण के क्या लाभ हैं ?
उत्तर- जल के भौम जल के रूप में संग्रहण के निम्नलिखित लाभ है-

  • यह वाष्प बनकर उड़ता नहीं है।
  • इसके लिए अधिक भूमि क्षेत्र की आवश्यकता नहीं व होती है।
  • यह पौधों की जड़ों द्वारा अवशोषित होता है।
  • इससे भूमि जल स्तर में वृद्धि होती है।

प्रश्न 19. जीवाश्मी ईंधनों का उपयोग विवेकपूर्ण ढंग से करना चाहिए। क्यों ?
उत्तर-

  1. पृथ्वी पर जीवाश्मी ईंधनों के स्रोतों (कोयला एवं पेट्रोलियम) की मात्रा सीमित है।
  2. जीवाश्मी ईंधनों के जलाने से वायु प्रदूषण उत्पन्न होता है।

प्रश्न 20. कोयला तथा पेट्रोलियम के उपयोग को कम करने के दो उपाय बताइए।
उत्तर-

  1. कोयला द्वारा निर्मित विद्युत उत्पादन तथा । इसकी खपत को कम करना चाहिए।
  2. व्यक्तिगत वाहनों के स्थान पर सामूहिक वाहनों का प्रयोग करना चाहिए।

प्रश्न 21. वायु में CO2, की मात्रा बढ़ने से क्या प्रभाव होते हैं?
उत्तर-

  • फसल के पैदावार क्रम में परिवर्तन होता है।
  • वैश्विक ऊष्मायन प्रभाव उत्पन्न होता है।
  • ध्रुवीय बर्फ पिघलती है।

प्रश्न 22. ओजोन परत किस प्रकार बनती है? पृथ्वी पर सभी जीवन स्वरूपों के लिए इसके महत्त्व का उल्लेख कीजिए। 1980 के दशक में वायुमण्डल में ओज़ोन की मात्रा में तीव्रता से गिरावट क्यों आई?
उत्तर- आजोन परत का निर्माण-वायुमण्डल के ऊपरी भाग में सूर्य की पराबैंगनी विकिरणों के उपयोग से ऑक्सीजन गैस ओज़ोन में परिवर्तित होती है।

ओज़ोन परत का महत्त्व-पृथ्वी पर सभी जीवों को ओज़ोन परत सूर्य के प्रकाश की हानिकारक पराबैंगनी विकिरणों से बचाती है। इसलिए सभी जीव इन विकिरणों से होने वाले रोगों से बच जाते हैं।
ओजोन परत का ह्रास-मनुष्य द्वारा अत्यधिक मात्रा में क्लोरोफ्लुओरो कार्बन (CFCs) रसायनों के उपयोग करने के कारण 1980 के दशक में वायुमण्डल में आज़ोन की मात्रा में तीव्रता से गिरावट आई।

प्रश्न 23. CO2 में उत्सर्जन के विनियमन के लिए अन्तर्राष्ट्रीय मानक का पता लगाइए।
उत्तर- क्योटो प्रोटोकाल में CO2 के उत्सर्जन विनियमन के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों में चर्चा की गई। इस समझौते के अनुसार औद्योगिक राष्ट्रों को अपने CO2 तथा अन्य ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन स्तर में 5.2% की कमी लाने के लिए कहा गया था। आस्ट्रेलिया एवं आइसलैंड के लिए यह मानक क्रमश: 8% तथा 10% निर्धारित किया गया है। क्योटो प्रोटोकाल समझौता जापान में क्योटो शहर में दिसम्बर 1997 में हुआ था। इसे 16 फरवरी, 2005 को लागू किया गया। दिसम्बर 2006 तक 169 देशों ने इस समझौते का अनुमोदन किया।

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

निबन्धात्मक प्रश्न [Essay Type Questions]

प्रश्न 1. हमें प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर – प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की विधियाँ –
(i) हमें ऊर्जा के नवीकरण के अयोग्य स्रोतों; जैसे कोयला, पेट्रोलियम के स्थान पर ऊर्जा के नवीकरण के योग्य स्रोतों को उपयोग में लाना चाहिए ।
(ii) प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव कम करने के लिए हमें 3–R का प्रयोग करना चाहिए, जिनके अनुसार संसाधनों का कम प्रयोग, पुनः प्रयोग तथा उनका चक्रीकरण होना चाहिए ।
(iii) हमें ऊर्जा तथा संसाधनों को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए ।
(iv) प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए लोगों को ट्रेनिंग प्रोग्रामों के द्वारा जागरूक करना चाहिए कि उनकी आदतों व व्यवहार का संसाधनों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है ।
(v) तकनीकी विकास का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचना चाहिए व्यर्थ की विधियों / तरीकों को हमें छोड़ देना चाहिए ।
(vi) जल को संरक्षित करने के लिए हमें वर्षा के जल को संग्रहित करना चाहिए । यही एक तरीका है जो हमें दुर्गति से बचा सकता है ।
(vii) वनीकरण बड़े स्तर पर पौधे लगाना, हमें बड़ी समस्याओं; जैसे मौसम परिवर्तन, वैश्विक ऊष्मन आदि से बचा सकता है।
(viii) वन्य जीवन को संरक्षित करने के लिए हमें उनके प्राकृतिक आवास; जैसे वन, समुद्र आदि को बचाना चाहिए।
(ix) ऊर्जा को बचाकर हमें ऊर्जा संसाधनों को बचाना चाहिए इसलिए हमें ऊर्जा को व्यर्थ ही नहीं खर्च करना चाहिए। इससे सभी प्रकार के संसाधनों को संरक्षित करने में सहायता मिलेगी।
(x) हमें और अधिक जीवमंडल संरक्षित क्षेत्र, राष्ट्रीय उद्यान तथा अभयारण्य स्थापित करने चाहिए ताकि वन्य जीवों को संरक्षित किया जा सके ।
(xi) संरक्षण की सबसे अच्छी विधि है, लोगों को उनके क्रियाकलाप, और आदतों के दुष्प्रभावों के विषय में और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की महत्ता के विषय में शिक्षा देनी चाहिए । यद्यपि बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण, संसाधनों के असमान वितरण के कारण, आर्थिक संसाधनों में असमानता के कारण स्थिति में सुधार करना बहुत कठिन कार्य है लेकिन फिर भी शिक्षा एक ऐसी युक्ति है जिसके द्वारा स्थिति में सुधार अब भी संभव है।

Haryana Board 10th Class Science Important Questions Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

महत्त्वपूर्ण प्रायोगिक क्रियाकलाप
प्रयोग 1. कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन एवं नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए कौन-से अंतर्राष्ट्रीय मानक हैं ?
प्रयोग 2. ऐसे अनेक संगठन हैं जो पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने में लगे हैं। वे ऐसे क्रियाकलापों का भी प्रोत्साहन करते हैं जिससे हमारे पर्यावरण एवं प्राकृतिक संरक्षण को बढ़ावा मिलता है। अपने आस-पास के क्षेत्र/शहर/कस्बे/ गाँव में कार्य करने वाले संगठनों के बारे में जानकारी प्राप्त करें। उनमें से चार के नाम लिखें । 
प्रतिक्रिया –
(i) राष्ट्रीय पर्यावरण जागरूकता अभियान (NEAC) द्वारा पर्यावरण व वन विभाग भारत सरकार, नई दिल्ली।
(ii) पर्यावरण सोसाइटी ऑफ इंडिया (FSI) चंडीगढ़।
(iii) केंद्रीय तथा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड |
(iv) राज्यों के वन-विभाग |
प्रयोग 3. (a) सार्वसूचक की सहायता से अपने घर में आपूर्त पानी का pH ज्ञात कीजिए।
(b) अपने आस-पड़ोस के जलाशय ( तालाब, झील, नदी, झरने) का pH भी ज्ञात कीजिए ।
(c) क्या अपने प्रेक्षणों के आधार पर आप बता सकते हैं कि जल प्रदूषित है अथवा नहीं ?
प्रतिक्रिया –
(a) घर में आपूर्त पानी का pH मान 7 है |
(b) सुखना झील के पानी का pH मान भी 7 है ।
(c) पानी न तो अम्लीय है और न ही क्षारीय | ऐसा प्रतीत होता है कि पानी प्रदूषित नहीं है ।
प्रयोग 4. (a) क्या आप कई वर्षों के बाद किसी गाँव अथवा शहर में गए हैं? यदि हाँ, तो पिछली बार की अपेक्षा नए घर एवं सड़कें बन गई हैं? आपके विचार में इन्हें बनाने के लिए वस्तुएँ कहाँ से प्राप्त हुई होंगी।
(b) उन पदार्थों की सूची बनाइए तथा उनके स्रोतों का भी पता लगाइए।
प्रतिक्रिया –
(a) हाँ, मैंने देखा है कि नए घर और सड़कें बन गई हैं। इन सबके लिए सामान प्राकृतिक संसाधनों से प्राप्त हुआ है ।
(b)           पदार्थ / सामान                                    स्रोत
सीमेंट                                  रेत, खनिज, जिप्सम आदि
रेत                                      नदी का तल
पत्थर                                   नदी से, पहाड़ों से
लोहा                                    खानों से तथा कारखानों से
लकड़ी आदि                         वनों से
प्रयोग 5. (a) जिन वन उत्पादों का आप उपयोग करते हैं उनकी सूची बनाएँ ।
(b) आपके विचार से वन के निकट रहने वाला व्यक्ति किन वस्तुओं का उपयोग करता होगा ?
c) वन के अंदर रहने वाला व्यक्ति किन वस्तुओं का उपयोग करता होगा ?
प्रतिक्रिया –
(a) वन उत्पाद जो मैं/ हम उपयोग में लाता हूँ / लाते हैं –
(i) इमारती लकड़ी
(ii) लकड़ी के संसाधन से बना कागज़
(b)     (i) लकड़ी
(ii) कागज़
(iii) ईंधन लकड़ी
(iv) डंडियाँ व पेड़ों के पत्ते
(v) छप्पर
(vi) पशुओं के लिए चारा
(c) जैसा कि (b) भाग में लिखा गया है ।
प्रयोग 6. (a) किन्हीं दो वन उत्पादों का पता लगाइए जो उद्योग का आधार हैं ।
(b) चर्चा कीजिए कि यह उद्योग लंबे समय तक संपोषित हो सकता है । अथवा क्या हमें इन उत्पादों की खपत को नियंत्रित करने की आवश्यकता है?
प्रतिक्रिया –
(a)     (i) कागज़ उद्योग
(ii) इमारती लकड़ी तथा फर्नीचर उद्योग |
(b) नहीं, यदि हम वनों को तीव्र गति से संपोषित पुनःपूरण नहीं कर सकते। हाँ, हमें वन उत्पादों के उपयोग पर नियंत्रण रखना चाहिए क्योंकि हम वनों का पुनःपूरण ठीक गति से नहीं कर पा रहे हैं ।
प्रयोग 7. निम्नलिखित के द्वारा वनों को होने वाली क्षति पर परिचर्चा कीजिए –
(a) राष्ट्रीय उद्यानों में पर्यटकों के लिए आराम गृह (Rest House) का निर्माण करना ।
(b) राष्ट्रीय उद्यानों में पालतू पशुओं को चराना ।
(c) पर्यटकों द्वारा बोतल, थैलियाँ तथा अन्य कचरों को राष्ट्रीय उद्यान में फेंकना ।
प्रतिक्रिया –
(a) इससे वनों को बहुत कम हानि होती है क्योंकि आराम गृह छोटे तथा साधारण होते हैं और संसाधनों का प्रयोग नहीं करते इसलिए इनसे न्यूनतम हानि होती है।
(b) इससे वन तथा वन्यजीवों को हानि होगी । इससे वनस्पति तथा जीव-जंतुओं की हानि होगी और वनों की स्थायी हानि होगी ।
(c) प्लास्टिक तथा पॉलिथीन अजैव निम्नीकरणीय व्यर्थ पदार्थ हैं। सूक्ष्म जीवों के द्वारा उनका अपघटन नहीं होगा और ये लंबे समय तक पर्यावरण को प्रदूषित करते रहेंगे इसलिए इनसे वनों की हानि होगी ।
प्रयोग 8. (a) एक एटलस की सहायता से भारत में वर्षा के पैटर्न का अध्ययन कीजिए ।
(b) ऐसे क्षेत्रों की पहचान कीजिए जहाँ पर जल की प्रचुरता है तथा ऐसे क्षेत्रों की जहाँ इसकी बहुत कमी है।
प्रतिक्रिया –
उत्तर – पूर्व राज्यों तथा भारत के दक्षिणी राज्यों में वर्षा बहुतायत में होती है तथा भारत के प्रमुख पश्चिमी राज्यों; जैसे राजस्थान, हरियाणा, गुजरात आदि में वर्षा की कुछ कमी होती है ।
प्रयोग 9. हम कोयला तथा पेट्रोल की खपत को किस प्रकार कम कर सकते हैं?
प्रतिक्रिया –
(a) सौर ऊर्जा पर अपनी निर्भरता को बढ़ाकर तथा दूसरे ऊर्जा के नवीकरण योग्य स्रोतों का अधिक उपयोग करके ।
(b) ऊर्जा को बचाकर तथा उसके व्यर्थ उपयोग को कम करके ।
(c) नाभिकीय ऊर्जा संयंत्रों से ऊर्जा उत्पादित करके ।
(d) निजी वाहन के स्थान पर सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करके।
प्रयोग 10. अपने वाहनों से निकलने वाली गैसों के यूरो-I व यूरो-II मानक के विषय में तो अवश्य ही सुना होगा । पता लगाइए कि ये मानक वायु प्रदूषण कम करने में किस प्रकार सहायक हैं ?
प्रतिक्रिया – वाहनों के लिए मानक निर्धारित किए गए हैं ताकि वे उन तकनीकों का प्रयोग करें जिससे न्यूनतम प्रदूषण होता हो तथा इंजनों की क्षमता अधिक हो ।
प्रदूषक गैसों CO, SO2, NOx आदि गैसों के उत्सर्जन के लिए अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है ताकि कम-से-कम प्रदूषण हो।

Haryana Board 10th Class Science Notes Chapter 16 प्राकृतिक संसाधनों का संपोषित प्रबंधन

→ प्राकृतिक संसाधन (Natural Resources)-मानव के लिए उपयोगी प्राकृतिक पदार्थ जैसे- जल, वायु, वन, खनिज, पेट्रोलियम, मृदा आदि को प्राकृतिक संसाधन कहते हैं।

→ अक्षय प्राकृतिक संसाधन (Inexhaustible Resources)-ऐसे प्राकृतिक संसाधन जो मानव द्वारा प्रयोग करने पर समाप्त नही होते, अक्षय प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। जैसे-सूर्य का प्रकाश, समुद्र आदि।

→ क्षयशील संसाधन (Exhaustible Resources) ऐसे संसाधन जो मनुष्य के प्रयोग करने पर धीरे-धीरे समाप्त हो रहे हैं, क्षयशील प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं। जैसे-खनिज, कोयला आदि।

→ नवीकरणीय स्रोत (Renewable Sources)-ऐसे प्राकृतिक स्रोत जिनका प्रकृति में पुनः चक्रण किया जा सकता है, नवीकरणीय स्त्रोत कहलाते हैं। जैसे-जल, वन आदि।

→ अनवीकरणीय स्रोत (Non-Renewable Sources)-ऐसे प्राकृतिक स्रोत जिनका प्रकृति में पुनः चक्रण नहीं किया जा सकता है, अनवीकरणीय स्रोत कहलाते हैं। जैसे-पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, कोयला आदि।

→ संरक्षण (Conservation) यह वह प्रक्रिया है जो मानव द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन से पर्यावरण को होने वाली हानि से रोकती है।

→ भूमिगत जल (Underground water)-भूमि के अन्दर उपस्थित जल भूमिगत जल कहलाता है।

→ पर्यावरण बचाने के लिए तीन आर (Three R’s)

  • कम उपयोग (Reduce) – हम प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग कम करें।
  • पुनः चक्रण (Recycle)-प्रयोग की गई वस्तुओं को पुनः चक्रण के लिए भेजना। जैसे प्लास्टिक, काँच, कागज धातुएँ आदि।
  • पुनः प्रयोग (Reuse)-प्रयोग की गई वस्तुओं को पुन: उपयोग करना।

→ संसाधनों के सावधानीपूर्वक उपयोग की आवश्यकता-हमें अपने प्राकृतिक संसाधन जैसे-वन, जल, मृदा आदि का सावधानीपूर्वक प्रयोग करने की आवश्यकता है क्योंकि ये संसाधन असीमित नहीं हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार तथा कुछ अन्य कारणों से मानव जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इस वृद्धि के कारण प्राकृतिक संसाधनों पर अधिक दबाव बढ़ गया है। हमें प्राकृतिक संसाधनों पर इस दबाव को कम करने के लिए इनके दोहन को सीमित करने की आवश्यकता है ताकि हम आने वाली पीढ़ी को भी धरोहर के रूप में इनका कुछ अंश दे सकें।

→ स्टेकहोल्डर (Stakeholders)-वन्य संसाधनों के विभिन्न दावेदार स्टेक होल्डर कहलाते हैं जो निम्नलिखित हैं-

  • वन के अन्दर एवं इनके निकट रहने वाले लोग जो अपनी अनेक आवश्यकताओं के लिए वन पर निर्भर करते हैं। |
  • वन विभाग जिसके पास वनों का स्वामित्व है तथा जो वनों से प्राप्त संसाधनों पर नियंत्रण रखते हैं।
  • उद्योगपति, जो कि वनों से विभिन्न उद्योगों के संचालन हेतु कच्ची सामग्री प्राप्त करते हैं जैसे-कागज उद्योग, बीड़ी उद्योग, फर्नीचर उद्योग आदि।
  • वन्य जीवन एवं प्रकृति प्रेमी भी प्रकृति का संरक्षण इसकी आरम्भिक अवस्था में करना चाहते हैं।

→ चिपको आन्दोलन (The Chipko Andolan)-इस आन्दोलन का प्रारम्भ उत्तराखण्ड के गढ़वाल जिले के ‘रेनी’ गाँव में सन् 1970 के प्रारम्भिक दशक में एक घटना के रूप में हुआ। स्थानीय लोगों एवं ठेकेदार जिन्हें गाँव के समीप ! के वृक्षों को काटने का अधिकार दे दिया गया था, के बीच विवाद प्रारम्भ हुआ। एक दिन जब ठेकेदार के कर्मी वृक्ष | काटने वहाँ पहुँचे तो वहाँ की महिलाओं ने निडरतापूर्वक वृक्ष काटने का विरोध किया और वृक्षों से लिपट गईं, . फलस्वरूप कर्मियों को वृक्ष काटने का काम बंद करना पड़ा। इसे चिपको आन्दोलन कहते हैं। बाद में अनेक जगहों ! पर बहुत से लोगों ने इसी प्रकार के आन्दोलन चलाकर वृक्षों को काटने से बचाया।

→ जल संरक्षण (Water Conservation)-गिरते हुए भू-जल स्तर तथा पानी की कमी से बचने के लिए जल को बचाने के लिए किए गए प्रयास जल संरक्षण कहलाते हैं। विभिन्न राज्यों में जल संरक्षण एवं जल के सीमित दोहन के लिए विभिन्न प्रकार के प्रयास किये जा रहे हैं।

→ कुल्ह (Kulhs)-यह नहर द्वारा सिंचाई की एक स्थानीय विधि है जिसका प्रचलन हिमाचल प्रदेश के कुछ भागों में किया जाता है।

→ बाँध (Dams)-ये नदियों पर बनाई जाने वाली ऐसी संरचनाएँ हैं जो जल प्रवाह को रोकती हैं और जल का संचय तथा जलविद्युत उत्पादन कर सकती हैं।

→ नदियों पर बाँध बनाने के लाभ-

  • बाँधों द्वारा एकत्र जल नहरों द्वारा दूर-दूर तक सिंचाई के लिए प्रयोग किया जाता है। बाँध वर्ष भर खेतों के लिए जलापूर्ति निश्चित करने के साथ-साथ कृषि उपज बढ़ाने में सहायक होते हैं।
  • बड़े बाँधों का जल उपचारित करने के बाद पेय जल सप्लाई के लिए नगरों में भेजा जाता है।
  • तेज बहाव वाली नदियों पर बाँध बनाकर जल को ऊँचाई से गिराकर पन-विद्युत का उत्पादन किया जाता है।
  • बाँधों द्वारा सूखा एवं बाढ़ से काफी हद तक बचाव होता है।

→ वर्षाजल संग्रहण (Water Harvesting)-वर्षा के जल को एकत्र करने, इसे पीने, सिंचाई या भू-जल स्तर में वृद्धि के लिए प्रयोग किया जाना वर्षा जल संग्रहण कहलाता है। इसके लिए बहुमंजिली इमारतों की छतों पर बने टैंक, भूमिगत टैंक, बड़े जलाशय, आदि प्रयोग किए जाते हैं। ऐसे जल को तुरन्त पीने हेतु प्रयोग किया जा सकता है।

→ कुछ प्रचलित जल संग्रहण तथा जल परिवहन प्रणालियों के उदाहरण निम्न प्रकार हैं –

  • मध्यप्रदेश तथा उत्तरप्रदेश में बंधिस (Bhandhis),
  • बिहार में आहर तथा पाइन (Ahars and Pynes),
  • राजस्थान में खादिन, बड़े पात्र एवं नाड़ी (Khadin, Tanks),
  • महाराष्ट्र में बंधारस एवं ताल (Bandharas, Tals)
  • हिमाचल में कुल्ह (Kulhs),
  • कर्नाटक में कट्टा (Kattas),
  • जम्मू में कादी क्षेत्र में तालाब (Ponds),
  • केरल में सुरंगम (Surangams),
  • तमिलनाडु में एरिस (Aris)।

→ कोयला एवं पेट्रोलियम (Coal and Petroleum)-कोयला एवं पेट्रोलियम जीवाश्मी ईंधन के उदाहरण हैं। इनका | निर्माण पृथ्वी के अन्दर लाखों वर्ष पूर्व दबी वनस्पतियों से अत्यधिक दाब एवं ताप के कारण हुआ है। इनके कुछ अंश प्राकृतिक गैस के रूप में पाए जाते हैं। जीवाश्मीय ईंधन अनवीकरणीय स्रोत है। इनकी खपत की वर्तमान दर के अनुसार हमारा ज्ञात पेट्रोलियम भंडार अगले 40 वर्षों में समाप्त हो जाएगा जबकि कोयला भंडार समाप्त होने में लगभग 200 वर्ष लगेंगे। जब कोयला एवं पेट्रोलियम जलाए जाते हैं तो CO2 , जल, SO2, तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड उत्पन्न होते हैं।

→ यदि  इनका पूर्ण दहन नहीं होता तो जहरीले हाइड्रोकार्बन्स उत्पन्न होते हैं।

  • SO2, फेफड़ों को प्रभावित करके ब्रोंकाइटिस तथा अन्य रोग उत्पन्न करती है। यह वर्षा जल के साथ मिलकर अम्ल वर्षा उत्पन्न करती है।
  • नाइट्रोजन आक्साइड श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं तथा अम्ल वर्षा करते हैं।
  • CO2 एक अत्यन्त विषैली गैस है। यह हमारे रुधिर में पहुँच कर ऑक्सीजन आपूर्ति को बाधित करती है।
  • CO2, यद्यपि विषैली नहीं है किन्तु इसकी अत्यधिक मात्रा पृथ्वी के ऊष्मायन (Global Warming) में वृद्धि करती है।

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