Haryana Board 9th Class Sanskrit व्याकरणम् शब्द-रूप
Haryana Board 9th Class Sanskrit व्याकरणम् शब्द-रूप
HBSE 9th Class Sanskrit व्याकरणम् शब्द-रूप
1. राम (राम)
विभक्ति प्रथमा | एकवचन | द्विवच्न | बहुवचन |
द्वितीया | रामः | रामौ | रामाः |
तृतीया | रामम् | रामौ | रामान् |
चतुर्थी | रामेण | रामाभ्याम् | रामैः |
पंचमी | रामाय | रामाभ्याम् | रामेभ्यः |
षष्ठी | रामात् | रामाभ्याम् | रामेभ्यः |
सप्तमी | रामस्य | रामयो: | रामाणाम् |
सम्बोधन, | रामे | रामयो: | रामेषु |
2. बालक (बच्चा)
प्रथमा | बालक: | बालकौ | बालका: |
द्वितीया | बालकम् | बालकौ | बालकान् |
तृतीया | बालकेन | बालकाभ्याम् | बालकः: |
चतुर्थी | बालकाय | बालकाभ्याम् | बालकेभ्य: |
पंचमी | बालकात् | बालकाभ्याम् | बालकेभ्य: |
षष्ठी | बालकस्य | बालकयो: | बालकानाम् |
सप्तमी | बालके | बालक्यो: | बालकेषु |
सम्बोधन, | हे बालक! | हे बालकौ! | हे बालका:! |
3. छात्र
प्रथमा | छात्र: | छात्रौ | छात्रा: |
द्वितीया | छानम् | छात्रौ | छात्रान् |
तृतीया | छात्रेण | छात्राभ्याम् | छात्रै: |
चतुर्थी | छात्राय | छात्राभ्याम् | छात्रेभ्य: |
पंचमी | छात्रात् | छात्राभ्याम् | छात्रेभ्य: |
षष्ठी | छात्रस्य | छात्रयो | छात्राणाम् |
सप्तमी | छात्रे | छात्रयो: | छात्रेषु |
सम्बोधन, | हे छात्र! | हे छात्रौ! | हे छात्रा:! |
4. रमा
प्रथमा | रमा | रमे | रमाः |
द्वितीया | रमाम् | रमे | रमाः |
तृतीया | रमया | रमाभ्याम् | रमाभि: |
चतुर्थी | रमायै | रमाभ्याम् | रमाभ्य: |
पंचमी | रमायाः | रमाभ्याम् | रमाभ्य: |
षष्ठी | रमायाः | रमयो: | रमाणाम् |
सप्तमी | रमायाम् | रमयो: | रमासु |
सम्बोधन, | हे रमे! | हे रमे! | हे रमाः ! |
5. लता (बेल)
प्रथमा | लता | लते | लता: |
द्वितीया | लताम् | लते | लता: |
तृतीया | लतया | लताभ्याम् | लताभि: |
चतुर्थी | लतायै | लताभ्याम् | लताभ्य: |
पंचमी | लताया: | लताभ्याम् | लताभ्य: |
षष्ठी | लताया: | लतयो: | लतानाम् |
सप्तमी | लतायाम् | लतयो: | लतासु |
सम्बोधन, | हे लते! | है लते! | हे लता:! |
6. विद्या
प्रथमा | विद्या | विद्ये | विद्या: |
द्वितीया | विद्याम् | विद्ये | विद्या: |
तृतीया | विद्यया | विद्याभ्याम् | विद्याभि:: |
चतुर्थी | विद्यायै | विद्याभ्याम् | विद्याभ्य: |
पंचमी | विद्याया: | विद्याभ्याम् | विद्याभ्य: |
षष्ठी | विद्याया: | विद्ययो: | विद्यानाम् |
सप्तमी | विद्यायाम् | विद्ययो: | विद्यासु |
सम्बोधन, | हे विद्ये! | हे विद्ये! | है विद्या: |
7. कवि
प्रथमा | कविः | कवी | कवयः |
द्वितीया | कविम् | कवी | कवीन |
तृतीया | कविना | कविभ्याम् | कविभिः |
चतुर्थी | कवये | कविभ्याम् | कविभ्य: |
पंचमी | कवे: | कविभ्याम् | कविभ्य: |
षष्ठी | कवे: | कव्योः | कवीनाम् |
सप्तमी | कवौ | कव्यो: | कविषु |
सम्बोधन, | हे कवे! | है कवी! | हे कवयः! |
8. हरि
प्रथमा | हरिः | हरी | हरयः |
द्वितीया | हरिमू | हरी | हरीन् |
तृतीया | हरिणा | हरिभ्याम् | हरिभिः |
चतुर्थी | हरये | हरिभ्याम् | हरिभि: |
पंचमी | हरे: | हरिभ्याम् | हरिभि: |
षष्ठी | हरे: | हर्यो: | हरिणाम् |
सप्तमी | हरौ | हर्योः | हरिष |
सम्बोधन, | हे हरे! | हे हरी! | हे हरय: ! |
9. भानु
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन भानू | बहुवचन |
प्रथमा | भानु: | भानू | भानवः |
द्वितीया | भानुम् | भानू | भानू : |
तृतीया | भान्वा | भानुभ्यामु | भानुभि: |
चतुर्थी | भान्वै, भानवे | भानुभ्याम् | भानुभ्य: |
पंचमी | भान्वा: भानवो: | भानुभ्याम् | भानुभ्य: |
षष्ठी | भान्वाः, भानो: | भान्वो: | भानुनाम् |
सप्तमी | भान्वाम्, भानौ | भान्दो: | भानुष् |
सम्बोधन, | हे भानो! | हे भानू ! | हे भानवः! |
10. साधु (भला)
प्रथमा | साधु: | साधू | साधव: |
द्वितीया | साधुम् | साधू | साधून् |
तृतीया | साधुना | साधुभ्याम् | साधुभि: |
चतुर्थी | साधवे | साधुभ्याम् | साधुभ्यः |
पंचमी | साधो: | साधुभ्याम् | साधुभ्य: |
षष्ठी | साधो: | साध्वो: | साधूनाम् |
सप्तमी | साधौ | साध्वोः | साधुषु |
सम्बोधन, | हे साधो! | हे साधू! | है साधवः! |
11. मनस् (मन )
प्रथमा | मन: | मनसी | मनांसि |
द्वितीया | मनः | मनसी | मनांसि |
तृतीया | मनसा | मनोभ्याम् | मनोभि: |
चतुर्थी | मनसे | मनोभ्याम् | मनोभ्य: |
पंचमी | मनसः | मनोभ्याम् | मनोभ्य: |
षष्ठी | मनस: | मनसो: | मनसाम् |
सप्तमी | मनसि | मनसो: | मनस्सु |
सम्बोधन, | हे मन ! | हे मनसी! | हे मनांसि! |
सर्वनाम शब्द
1. अस्मद् (में)
विभक्ति | एकबचन | द्विवचन | बहुबचन |
प्रथमा | अहमू | आवाम् | वयम् |
द्वितीया | माम्, मा | आवाम्, नौ | अस्मान्, नः |
तृतीया | मया | आवाभ्याम् | अस्माभिः |
चतुर्थी | मह्यम्, मे | आवाभ्यामू, नौ | अस्मभ्यम्, नः |
पंचमी | मत् | आवाभ्याम् | अस्मतू |
षष्ठी | मम, मे | आवयोः, नौ | अस्माकमू, नः |
सप्तमी | मयि | आवयोः | अस्मासु |
नोट-‘अस्मद्’ शब्द के तीनों लिड्गें में एक जैसे रूप होते हैं।
2. युष्मद् (तू)
विभक्ति | एकबचन | द्विवचन | बहुबचन |
प्रथमा | त्वम् | युवाम् | यूयम् |
द्वितीया | त्वाम्, त्वा | युवाम्, वाम् | युष्मान्, वः |
तृतीया | त्वया | युवाभ्याम् | युष्माभि: |
चतुर्थी | तुभ्यम्, ते | युवाभ्याम्, वाम् | युष्मभ्यम्, वः |
पंचमी | त्वत् | युवाभ्याम् | युष्मत् |
षष्ठी | तव, ते | युवयो:, वाम् | युष्माकम्, वः |
सप्तमी | त्वयि | युवयो: | युष्मासु |
नोट-‘युष्मद्” शब्द के तीनों लिड़ों में एक जैसे रूप होते हैं।
3. (i) किम् (कौन), पुंल्लिडूग
विभक्ति | एकबचन | द्विवचन | बहुबचन |
प्रथमा | कः | कौ | के |
द्वितीया | कम | को | कान |
तृतीया | केन | काभ्याम् | कै: |
चतुर्थी | कस्मै | का्यामू | केभ्यः |
पंचमी | कस्मात् | काभ्याम | केभ्य: |
षष्ठी | कस्य | क्यो: | केषाम् |
सप्तमी | कस्मिन् | कयो: | केषु |
(ii) किम् (कौन), स्त्रीलिडूग
विभक्ति | एकबचन | द्विवचन | बहुबचन |
प्रथमा | का | के | काः |
द्वितीया | काम् | के | का: |
तृतीया | कया | काभ्याम | काभि: |
चतुर्थी | कस्थ | काभ्याम | काम्य: |
पंचमी | कस्या: | काभ्याम् | काभ्य: |
षष्ठी | कस्या: | क्यो: | कासाम |
सप्तमी | कस्याम् | कयो: | कासु |
(iii) किम् (कौन), नपुंसकलिड़्ग
प्रथमा | का | के | काः |
द्वितीया | काम् | के | का: |
नोट-‘किम्’ नपुंसकलिड्ग के शेष रूप ‘किम्’ पुंल्लिड्ग के समान होते हैं।
4. (i) एतद् (यह), पुंल्लिडून
विभक्ति | एकबचन | द्विवचन | बहुबचन |
प्रथमा | एषः | एतौ | एते |
द्वितीया | एतम् | एतौ | एतान् |
तृतीया | एतेन | एताभ्याम् | एतै: |
चतुर्थी | एतस्मै | एताभ्याम् | एतेभ्यः |
पंचमी | एतस्मात् | एताभ्याम् | एतेभ्यः |
षष्ठी | एतस्य | एतयो: | एतेषाम् |
सप्तमी | एतस्मिन् | एतयो: | एतेषु |
(ii) एतद् (यह), स्त्रीलिडून
विभक्ति | एकबचन | द्विवचन | बहुबचन |
प्रथमा | एषा | एते | एता: |
द्वितीया | एताम् | एते | एताः |
तृतीया | एतया | एताभ्याम् | एताभि: |
चतुर्थी | एतस्यै | एताभ्याम् | एताभ्यः |
पंचमी | एतस्था: | एताभ्याम् | एताभ्य: |
षष्ठी | एतस्था: | एतयो: | एतासाम् |
सप्तमी | एतस्याम् | एतयो: | एतासु |
(iii) एतदू (यह), नपुंसकलिडून्ग
प्रथमा | एतत् | एते | एतानि |
द्वितीया | एतत् | एते | एतानि |
नोट-‘एतत्’ नपुंसकलिड्ग के शेष रूप ‘एतद्’ पुंल्लिड्न के समान होते हैं।
5. (i) तत् (वह), पुंद्रिज्ञाग
विभक्ति | एकबचन | द्विवचन | बहुबचन |
प्रथमा | सः | तौ | ते |
द्वितीया | तम् | तौ | तान् |
तृतीया | तेन | ताभ्याम् | तै: |
चतुर्थी | तस्मै | ताभ्याम् | तेभ्यः |
पंचमी | तस्मात् | ताभ्याम् | तेभ्यः |
षष्ठी | तस्य | तयो: | तेषाम् |
सप्तमी | तस्मिन् | तयो: | तेषु |
(ii) तत् (वह), स्त्रीलिडून्ग
प्रथमा | सा | ते | ता: |
द्वितीया | ताम् | ते | ताः |
तृतीया | तया | ताभ्याम् | ताभि: |
चतुर्थी | तस्यै | ताभ्याम् | ताभ्य: |
पंचमी | तस्या: | ताभ्याम् | ताभ्यः |
षष्ठी | तस्या: | तयो: | तासाम् |
सप्तमी | तस्याम् | तयोः | तासु |
(iii) तत् (वह), नपुंसकलिडूग
प्रथमा | तत् | ते | तानि |
द्वितीया | तत् | ते | तानि |
नोट ‘तत्’ नपुंसकलिड्ग के शेष रूप ‘तत्’ पुंल्लिड्ग के समान होते हैं।
6. (i) यत् (जो), पुंल्लिड़ग
विभक्ति | एकबचन | द्विवचन | बहुबचन |
प्रथमा | य: | यौ | ये |
द्वितीया | यम् | यौ | यान् |
तृतीया | येन | याभ्याम् | यैः |
चतुर्थी | यस्मै | याभ्याम् | येथ्य |
पंचमी | यस्मात् | याभ्याम् | येभ्य: |
षष्ठी | यस्य | ययो: | येषाम् |
सप्तमी | यस्मिन् | ययो: | येषु |
(ii) यत् (जो), स्त्रीलिडूग
प्रथमा | या | ये | या: |
द्वितीया | याम् | ये | याः |
तृतीया | यया | याभ्याम् | याभिः |
चतुर्थी | यस्थै | याभ्याम् | याभ्य: |
पंचमी | यस्याः | याभ्याम् | याभ्य: |
षष्ठी | यस्याः | ययोः | यासाम् |
सप्तमी | यस्याम् | ययोः | यासु |
(iii) यत् (जो), नपुंसकलिडून्ग
प्रथमा | यत् | ये | यानि |
द्वितीया | यत् | ये | यानि |