MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक
MP Board Class 10th Science Solutions Chapter 4 कार्बन एवं इसके यौगिक
महत्वपूर्ण तथ्य
MP Board Class 10th Science Chapter 4
पाठान्तर्गत प्रश्नोत्तर
प्रश्न शृंखला-1 # पृष्ठ संख्या 68
प्रश्न 1.
CO2 सूत्र वाले कार्बन डाइऑक्साइड की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना क्या होगी? (2019)
उत्तर:
CO2 (कार्बन डाइऑक्साइड) की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना:
प्रश्न 2.
सल्फर के आठ परमाणुओं से बने सल्फर के अणु की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना क्या होगी? (संकेत: सल्फर के आठ परमाणु एक अंगूठी के रूप में आपस में जुड़े होते हैं।)
उत्तर:
आठ परमाणु वाले सल्फर अणु Sg की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना
प्रश्न श्रृंखला-2 # पृष्ठ संख्या 76
प्रश्न 1.
पेण्टेन के लिए आप कितने संरचनात्मक समावयवों का चित्रण कर सकते हैं?
उत्तर:
तीन का।
प्रश्न 2.
कार्बन के दो गुणधर्म कौन-से हैं जिनके कारण हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है?
उत्तर:
कार्बन के गुण जिनके कारण कार्बनिक यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है –
- चतुःसंयोजकता।
- श्रृंखलन क्षमता।
प्रश्न 3.
साइक्लोपेन्टेन का सूत्र एवं इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना क्या होंगे?
उत्तर:
साइक्लोपेन्टेन का सूत्र: C5H10
साइक्लोपेन्टेन की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना
प्रश्न 4.
निम्न यौगिकों की संरचनाएँ चित्रित कीजिए –
- एथेनॉइक अम्ल। (2019)
- ब्रोमोपेन्टेन।
- ब्यूटेनोन।
- हेक्सेनेल।
क्या ब्रोमोपेन्टेन के संरचनात्मक समावयव सम्भव हैं?
उत्तर:
1. एथेनॉइक अम्ल (CH3COOH) की संरचना:
2. ब्रोमोपेन्टेन (C5H11Br) की संरचना:
हाँ, ब्रोमोपेन्टेन के संरचनात्मक समावयव सम्भव हैं।
3. ब्यूटेनोन (C3H8CO अथवा C2H5COCH3) की संरचना:
4. हेक्सेनल (C5H11CHO) की संरचना:
प्रश्न 5.
निम्न यौगिकों का नामकरण कैसे करेंगे?
उत्तर:
(i) ब्रोमोएथेन।
(ii) मेथेनल।
(iii) हेक्साइन।
प्रश्न शृंखला-3 # पृष्ठ संख्या 79
प्रश्न 1.
एथेनॉल से एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया क्यों कहते हैं?
उत्तर:
क्योंकि एथेनॉल ऑक्सीजन से जुड़कर एथेनॉइक अम्ल बनाता है। इसलिए इसे ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
प्रश्न 2.
ऑक्सीजन तथा एथाइन के मिश्रण का दहन वैल्डिंग के लिए किया जाता है। क्या आप बता सकते हैं कि एथाइन तथा वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है?
उत्तर:
वायु में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है तथा वायु में उपस्थित नाइट्रोजन ऑक्सीजन की क्रियाशीलता को नियन्त्रित करती है। वायु एवं एथाइन के मिश्रण की ज्वाला में बहुत उच्च ताप प्राप्त नहीं होता जो वैल्डिंग के लिए आवश्यक है। इसलिए एथाइन एवं वायु की मिश्रण का उपयोग नहीं करते हैं।
प्रश्न श्रृंखला-4 # पृष्ठ संख्या 83
प्रश्न 1.
प्रयोग द्वारा आप ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल में कैसे अन्तर कर सकते हैं?
उत्तर:
प्रयोग द्वारा ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल में अन्तर (पहचान) करना –
- हम दो परखनली लेते हैं। दिए हुए नमूनों में से प्रत्येक की कुछ मात्रा एक-एक परखनली में डालते हैं फिर इनमें नीला लिटमस पेपर डुबोते हैं। जिस परखनली में डाला गया नीला लिटमस लाल हो जाता है, वह कार्बोक्सिलिक अम्ल है तथा दूसरा ऐल्कोहॉल।
- प्रत्येक परखनली में हम सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट की कुछ मात्रा डालते हैं।
जिस परखनली में से बुदबुदाहट के साथ झाग देती हुई रंगहीन एवं गन्धहीन गैस निकलती है उस परखनली में कार्बोक्सिलिक अम्ल है तथा दूसरी में ऐल्कोहॉल है।
प्रश्न 2.
ऑक्सीकारक क्या है?
उत्तर:
ऑक्सीकारक:
“जो पदार्थ अन्य पदार्थों को ऑक्सीजन देने की क्षमता रखते हैं, वे ऑक्सीकारक कहलाते हैं।”
प्रश्न शृंखला-5 # पृष्ठ संख्या 85
प्रश्न 1.
क्या आप डिटरजेन्ट का उपयोग कर बता सकते हैं कि कोई जल कठोर है या नहीं?
उत्तर:
नहीं बता सकते, क्योंकि डिटर्जेन्ट कठोर एवं मृदु दोनों प्रकार के जल के साथ समान रूप से झाग देता है।
प्रश्न 2.
लोग विभिन्न प्रकार से कपड़े धोते हैं। सामान्यतः साबुन लगाने के बाद लोग कपड़े को पत्थर पर पटकते हैं, डंडे से पीटते हैं, ब्रुश से रगड़ते हैं या वाशिंग मशीन में कपड़े रगड़े जाते हैं। कपड़ा साफ करने के लिए उसे रगड़ने की क्यों आवश्यकता होती है?
उत्तर:
कपड़ा रगड़ने से साबुन के झाग अधिक बनते हैं तथा कपड़ों का मैल साबुन के अधिक सम्पर्क में आ जाता है तथा अघुलनशील पदार्थ (स्कम) जो कपड़ों में जमा हो जाता है वह कपड़ा रगड़ने से बाहर आ जाता है और कपड़े ठीक प्रकार से साफ हो जाते हैं।
पाठान्त अभ्यास के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
एथेन का आण्विक सूत्र C2H6 है। इसमें –
(a) 6 सहसंयोजक आबन्ध हैं।
(b) 7 सहसंयोजक आबन्ध हैं।
(c) 8 सहसंयोजक आबन्ध हैं।
(d) 9 सहसंयोजक आबन्ध हैं।
उत्तर:
(b) 7 सहसंयोजक आबन्ध हैं।
प्रश्न 2.
ब्यूटेनॉन चतुर्कार्बन यौगिक है जिसका प्रकार्यात्मक समूह है –
(a) कार्बोक्सिलिक अम्ल।
(b) ऐल्डिहाइड।
(c) कीटोन।
(d) ऐल्कोहॉल।
उत्तर:
(b) कीटोन।
प्रश्न 3.
खाना बनाते समय यदि बर्तन की तली बाहर से काली हो रही है, तो इसका मतलब है –
(a) भोजन पूरी तरह से नहीं पका है।
(b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है।
(c) ईंधन आर्द्र है।
(d) ईंधन पूरी तरह से जल रहा है।
उत्तर:
(b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है।
प्रश्न 4.
CH3Cl में आबन्ध निर्माण का उपयोग कर सहसंयोजक आबन्ध की प्रकृति समझाइए।
उत्तर:
सहसंयोजक आबन्ध की प्रकृति एकल है।
प्रश्न 5.
इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना बनाइए –
(a) एथेनॉइक अम्ल।
(b) H2S
(c) प्रोपेनोन।
(d) F2
उत्तर:
(a) एथेनॉइक अम्ल की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना:
(b) H2S की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना:
(c) प्रोपेनोन की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना:
(d) F2 की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना:
प्रश्न 6.
समजातीय श्रेणी क्या है? उदाहरण के साथ समझाइए। (2019)
उत्तर:
समजातीय श्रेणी:
“यौगिकों की ऐसी श्रृंखला जिसमें कार्बन श्रृंखला में स्थित हाइड्रोजन को एक ही प्रकार का प्रकार्यात्मक समूह प्रतिस्थापित करता है, समजातीय श्रेणी कहलाती है।”
उदाहरण:
CH3OH, C2H5OH, C3H7OH, आदि।
प्रश्न 7.
भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर एथेनॉल एंव एथेनॉइक अम्ल में आप कैसे अन्तर करेंगे?
उत्तर:
भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर एथेनॉल एवं एथेनॉइक अम्ल में अन्तर:
प्रश्न 8.
जब साबुन को जल में डाला जाता है तो मिसेल का निर्माण क्यों होता है? क्या एथेनॉल जैसे दूसरे विलायकों में भी मिसेल का निर्माण होगा?
उत्तर:
साबुन के अणुओं के दोनों सिरों की विपरीत जलरागी एवं जलविरागी प्रकृति के कारण मिसेल का निर्माण होता है। ऐथेनॉल जैसे दूसरे विलायकों में इसका निर्माण नहीं होगा।
प्रश्न 9.
कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर अनुप्रयोगों में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है?
उत्तर:
कार्बन एवं उसके यौगिक हमारे ईंधन के प्रमुख स्रोत हैं। ये दहन के फलस्वरूप ऊष्मीय ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। इसलिए इनका अनुप्रयोग अधिकतर ईंधन के रूप में होता है।
प्रश्न 10.
कठोर जल में साबुन से उपचारित करने पर झाग के निर्माण को समझाइए।
उत्तर:
साबुन कठोर जल में उपस्थित कैल्सियम एवं मैग्नीशियम लवणों से अभिक्रिया करता है। ऐसे में झाग उत्पन्न करने के लिए अधिक मात्रा में साबुन का प्रयोग करना पड़ता है।
प्रश्न 11.
यदि आप लिटमस पत्र (लाल एवं नीला) से साबुन की जाँच करें तो आपका प्रेक्षण क्या होगा?
उत्तर:
लाल लिटमस पत्र नीला हो जाएगा क्योंकि साबुन का विलयन क्षारीय होता है।
प्रश्न 12.
हाइड्रोजनीकरण क्या है? इसका औद्योगिक अनुप्रयोग क्या है?
उत्तर:
उपयुक्त उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन असंतृप्त कार्बनिक यौगिकों से संयुक्त होकर उन्हें संतृप्त करने की प्रक्रिया हाइड्रोजनीकरण कहलाती है। हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया का औद्योगिक अनुप्रयोग निकैल (Ni) उत्प्रेरक की उपस्थिति में वनस्पति तेलों की हाइड्रोजन से अभिक्रिया कराके वनस्पति घी बनाने में होता है।
प्रश्न 13.
दिए गए हाइड्रोकार्बन C2H6 C3H8, C3H6, C2H2 एवं CH4 में किसमें संकलन अभिक्रिया होती है?
उत्तर:
C3H6 एवं C2H2 में संकलन अभिक्रिया होती है।
प्रश्न 14.
मक्खन एवं खाना बनाने वाले तेल के बीच रासायनिक अन्तर समझाने के लिए एक परीक्षण बताइए।
उत्तर:
इसके लिए हम ज्वाला परीक्षण करते हैं। एक स्पैचुला पर बारी-बारी से मक्खन एवं खाना पकाने वाले तेल को लेकर जलाते हैं यदि ज्वाला धुआँदार है तो पदार्थ खाना पकाने वाला तेल (असंतृप्त वसा) है और यदि ज्वाला धुआँ रहित स्वच्छ है तो पदार्थ मक्खन (संतृप्त वसा) है।
प्रश्न 15.
साबुन की सफाई प्रक्रिया की क्रियाविधि समझाइए।
उत्तर:
साबुन की सफाई प्रक्रिया-साबुन का अणु दो भागों से बना होता है – पहला लम्बा हाइड्रोकार्बन वाला भाग (R) तथा दूसरा Na+ युक्त छोटा अम्लीय भाग (-COO–Na+)। इसमें R जलविरागी तथा एक आयनिक अम्लीय सिरा जलरागी होता है।
जब गंदे कपड़ों को पानी में साबुन के साथ मिलाया जाता है तो साबुन के अणु का आयनिक भाग जलरागी होने के कारण जल में विलेय हो जाता है, जबकि साबुन के अणु का दूसरा भाग जलविरागी होने के कारण तेल या ग्रीस वाले भाग से संलग्न हो जाता है। गंदे कपड़ों को साबुन विलयन में खगालने पर साबुन के अणुओं से संलग्न गंदगी के कण जल में घुलकर बाहर निकल जाते हैं। इस प्रकार कपड़े साफ हो जाते हैं।
परीक्षोपयोगी अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
वायुमण्डल में कार्बन निम्न रूप में उपस्थित है –
(a) केवल कार्बन मोनोक्साइड।
(b) अल्प मात्रा में कार्बन मोनोक्साइड एवं कार्बन डाइऑक्साइड।
(c) केवल कार्बन डाइऑक्साइड।
(d) कोल।
उत्तर:
(b) अल्प मात्रा में कार्बन मोनोक्साइड एवं कार्बन डाइऑक्साइड।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित में कौन-से कथन प्रायः कार्बन यौगिकों के सन्दर्भ में सत्य हैं?
(i) वे विद्युत् के सुचालक हैं।
(ii) वे विद्युत् के कुचालक हैं।
(iii) वे अपने अणुओं के मध्य प्रबल आकर्षण बल रखते हैं।
(iv) वे अपने अणुओं के मध्य प्रबल आकर्षण बल नहीं रखते हैं।
(a) (i) एवं (iii)
(b) (ii) एवं (iii)
(c) (i) एवं (iv)
(d) (ii) एवं (iv)
उत्तर:
(i) वे विद्युत् के सुचालक हैं।
प्रश्न 3.
अमोनिया के एक अणु (NH3) में है –
(a) केवल एकल बन्ध।
(b) केवल द्विबन्ध।
(c) केवल त्रिबन्ध।
(d) दो द्विबन्ध एवं एक एकल बन्ध।
उत्तर:
(a) केवल एकल बन्ध।
प्रश्न 4.
बकमिंस्टर फुलेरीन एक अपररूप है –
(a) फॉस्फोरस का।
(b) सल्फर का।
(c) कार्बन का।
(d) टिन का।
उत्तर:
(c) कार्बन का
प्रश्न 5.
निम्न में कौन ब्यूटेन का सही संरचनात्मक समावयव है?
(a) (i) एवं (ii)
(b) (ii) एवं (iv)
(c) (i) एवं (iii)
(d) (iii) एवं (iv)
उत्तर:
(c) (i) एवं (iii)
प्रश्न 6.
अभिक्रिया में क्षारीय KMnO4 है –
(a) अपचायक।
(b) उपचायक।
(c) उत्प्रेरक।
(d) निर्जलीकारक।
उत्तर:
(b) उपचायक
प्रश्न 7.
उत्प्रेरक पेलेडियम या निकैल (Ni) की उपस्थिति में तेल हाइड्रोजन से अभिक्रिया करके वसा बनाते हैं। यह उदाहरण है –
(a) संयोजन अभिक्रिया।
(b) प्रतिस्थापन अभिक्रिया।
(c) विस्थापन अभिक्रिया।
(d) उपचयन अभिक्रिया।
उत्तर:
(a) संयोजन अभिक्रिया
प्रश्न 8.
निम्न में से किस यौगिक में -OH एक क्रियात्मक समूह है?
(a) ब्यूटेनॉन।
(b) ब्यूटेनॉल।
(c) ब्यूटेनोइक अम्ल।
(d) ब्यूटेनल।
उत्तर:
(b) ब्यूटेनॉल।
प्रश्न 9.
साबुन के अणुओं में होता है –
(a) जलरागी सिर एवं जलविरागी पूँछ।
(b) जलविरागी सिर एवं जलरागी पूँछ।
(c) जलविरागी सिर एवं जलविरागी पूँछ।
(d) जलरागी सिर एवं जलरागी पूँछ।
उत्तर:
(a) जलरागी सिर एवं जलविरागी पूँछ
प्रश्न 10.
निम्नलिखित में कौन नाइट्रोजन बिन्दु आरेख का सही निरूपण है?
उत्तर:
प्रश्न 11.
इथाइन का संरचना सूत्र है –
उत्तर:
(a) H – C ≡ C – H
प्रश्न 12.
निम्न में से असंतृप्त यौगिकों को पहचानिए –
(i) प्रोपेन
(ii) प्रोपीन
(iii) प्रोपाइन
(iv) क्लोरोप्रोपेन
(a) (i) एवं (ii)
(b) (ii) एवं (iv)
(c) (iii) एवं (iv)
(d) (ii) एवं (iii)
उत्तर:
(d) (ii) एवं (iii)
प्रश्न 13.
क्लोरीन कमरे के ताप पर संतृप्त हाइड्रोकार्बन से क्रिया करती है –
(a) सौर प्रकाश की अनुपस्थिति में।
(b) सौर प्रकाश की उपस्थिति में।
(c) जल की उपस्थिति में।
(d) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की उपस्थिति में।
उत्तर:
(b) सौर प्रकाश की उपस्थिति में
प्रश्न 14.
सोप मिसेल में होता है –
(a) आयनिक सिरा तल पर तथा कार्बन श्रृंखला अन्दर की ओर।
(b) आयनिक सिरा अन्दर की ओर तथा कार्बन श्रृंखला तल पर।
(c) आयनिक सिरा तथा कार्बन श्रृंखला दोनों अन्दर की ओर।
(d) आयनिक सिरा तथा कार्बन शृंखला दोनों तल पर।
उत्तर:
(a) आयनिक सिरा तल पर तथा कार्बन श्रृंखला अन्दर की ओर।
प्रश्न 15.
पेन्टेन का आण्विक सूत्र C5H12 है। इसमें हैं –
(a) 5 सहसंयोजी बन्ध।
(b) 12 सहसंयोजी बन्ध।
(c) 16 सहसंयोजी बन्ध।
(d) 17 सहसंयोजी बन्ध।
उत्तर:
(c) 16 सहसंयोजी बन्ध।
प्रश्न 16.
एथेनॉल सोडियम से अभिक्रिया करके निम्न दो उत्पाद बनाता है –
(a) सोडियम एथेनॉइट एवं हाइड्रोजन।
(b) सोडियम एथेनॉइट एवं ऑक्सीजन।
(c) सोडियम एथॉक्साइड एवं हाइड्रोजन।
(d) सोडियम एथॉक्साइड एवं ऑक्सीजन।
उत्तर:
(c) सोडियम एथॉक्साइड एवं हाइड्रोजन।
प्रश्न 17.
ब्यूटेनोइक अम्ल का सही संरचना सूत्र है –
उत्तर:
प्रश्न 18.
सिरका (विनेगर) एक विलयन है –
(a) 50% – 60% ऐसीटिक अम्ल का ऐल्कोहॉल में
(b) 5% – 8% ऐसीटिक अम्ल का ऐल्कोहॉल में
(c) 5% – 8% ऐसीटिक अम्ल का जल में।
(d) 50% – 60% ऐसीटिक अम्ल का जल में।
उत्तर:
(c) 5% – 8% ऐसीटिक अम्ल का जल में।
प्रश्न 19.
खनिज अम्ल कार्बोक्सिलिक अम्लों की अपेक्षा प्रबल होते हैं, क्योंकि –
(i) खनिज अम्ल पूर्ण रूप से आयनित हो जाते हैं।
(ii) कार्बोक्सिलिक अम्ल पूर्ण रूप से आयनित हो जाते हैं।
(iii) खनिज लवण आंशिक रूप से आयनित हो जाते हैं।
(iv) कार्बोक्सिलिक अम्ल आंशिक रूप से आयनित हो जाते हैं।
(a) (i) एवं (iv)
(b) (ii) एवं (iii)
(c) (i) एवं (ii)
(d) (iii) एवं (iv)
उत्तर:
(a) (i) एवं (iv)
प्रश्न 20.
कार्बन अपने चार संयोजी इलेक्ट्रॉनों का चार एकल संयोजी परमाणुओं से साझ करके चार सहसंयोजी बन्ध बनाता है। चार सहसंयोजी बन्ध बनाने के बाद यह निम्न की इलेक्ट्रॉनिक संरचना प्राप्त करता है –
(a) हीलियम।
(b) निऑन।
(c) आर्गन।
(d) क्रिप्टन।
उत्तर:
(b) निऑन।
प्रश्न 21.
जल के अणु का सही इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख है –
उत्तर:
प्रश्न 22.
निम्न में से कौन सरल रेखीय श्रृंखला का हाइड्रोकार्बन नहीं है?
उत्तर:
प्रश्न 23.
निम्न में से कौन असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है?
(a) (i) एवं (iii)
(b) (ii) एवं (iii)
(c) (ii) एवं (iv)
(d) (iii) एवं (iv)
उत्तर:
(c) (ii) एवं (iv)
प्रश्न 24.
निम्न में से कौन समान सजातीय श्रेणी का सदस्य नहीं है?
(a) CH4
(b) C2H6
(c) C3H8
(d) C4H8
उत्तर:
(d) C4H8
प्रश्न 25.
यौगिक CH3 – CH2 – CHO का नाम है –
(a) प्रोपेनल।
(b) प्रोपेनॉन।
(c) प्रोपेनॉल।
(d) एथेनल।
उत्तर:
(a) प्रोपेनल।
प्रश्न 26.
CH3 – CH2 – O – CH2 – CH2Cl में विषम परमाणु है –
(i) ऑक्सीजन।
(ii) कार्बन।
(iii) हाइड्रोजन।
(iv) क्लोरीन।
(a) (i) एवं (ii)
(b) (ii) एवं (iii)
(c) (iii) एवं (iv)
(d) (i) एवं (iv)
उत्तर:
(d) (i) एवं (iv)
प्रश्न 27.
निम्नलिखित से कौन-सा साबुनीकरण अभिक्रिया को प्रदर्शित करता है?
उत्तर:
(d) CH3COOC2H5 + NaOH → CH3COONa + C2H5OH
प्रश्न 28.
ऐल्काइन सजातीय श्रेणी का सदस्य है –
(a) एथाइन।
(b) एथीन।
(c) प्रोपेन।
(d) मेथेन।
उत्तर:
(a) एथाइन।
प्रश्न 29.
साबुन बनाते समय प्रायः वनस्पति तेल और सोडियम हाइड्रॉक्साइड अभिक्रिया मिश्रण में थोड़ी मात्रा में साधारण नमक मिलाया जाता है। साधारण नमक मिलाने का निम्नलिखित में से क्या उद्देश्य है?
(a) साबुन की क्षारीय प्रकृति को घटाना।
(b) साबुन को उदासीन बनाना।
(c) साबुन की सफाई की क्षमता को बढ़ाना।
(d) साबुन के अवक्षेपण में सहायता करना।
उत्तर:
(d) साबुन के अवक्षेपण में सहायता करना।
प्रश्न 30.
प्रयोगशाला में साबुन बनाने के लिए हमें कोई तेल और कोई क्षार चाहिए। साबुन बनाने के लिए तेल और क्षार का नीचे दिया गया कौन-सा संयोजन सबसे उपयुक्त रहेगा?
(a) एरण्ड का तेल और कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड।
(b) तारपीन का तेल और सोडियम हाइड्रॉक्साइड।
(c) एरण्ड का तेल और सोडियम हाइड्रॉक्साइड।
(d) सरसों का तेल और कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड।
उत्तर:
(c) एरण्ड का तेल और सोडियम हाइड्रॉक्साइड।
प्रश्न 31.
साबुनीकरण अभिक्रिया का अध्ययन करते समय आप बीकर में जब समान मात्रा में किसी रंगहीन वनस्पति तेल में NaOH का 20% जलीय विलयन मिलाते हैं, तो क्या प्रेक्षण करते हैं?
(a) मिश्रण का रंग मध्य गहरा भूरा हो जाता है।
(b) बीकर में तीव्र बुदबुदाहट होती है।
(c) बीकर का बाहरी पृष्ठ गर्म हो जाता है।
(d) बीकर का बाहरी पृष्ठ ठंडा हो जाता है।
उत्तर:
(c) बीकर का बाहरी पृष्ठ गर्म हो जाता है।
प्रश्न 32.
बेन्जीन का संरचना सूत्र है –
उत्तर:
रिक्त स्थानों की पूर्ति
- कार्बन की संयोजकता …………… है।
- …………… में श्रृंखलन क्षमता अधिक होती है।
- सिरका में …………… होता है।
- शराब (वाइन) में …………. होता है।
- ………….. यौगिकों में समावयवता का गुण पाया जाता है।
उत्तर:
- चार।
- कार्बन।
- ऐसीटिक अम्ल (एथेनॉइक अम्ल)।
- एथिल ऐल्कोहॉल (एथेनॉल)।
- कार्बनिक।
जोड़ी बनाइए
उत्तर:
- → (c)
- → (d)
- → (e)
- → (a)
- → (b)
सत्य/असत्य कथन
- R – CHO ऐल्डिहाइड (ऐल्केनल) का सामान्य सूत्र है।
- कार्बन, विद्युत् संयोजी बन्ध बनाता है।
- R – CO – R’ कीटोन (ऐल्केनोन) का सामान्य सूत्र है।
- कार्बनिक यौगिक विद्युत् के कुचालक होते हैं।
- ऐल्केन संतृप्त हाइड्रोकार्बन होते हैं।
उत्तर:
- सत्य।
- असत्य।
- सत्य।
- असत्य।
- सत्य।
एक शब्द/वाक्य में उत्तर
- ऐल्केन समजातीय श्रेणी के प्रथम सदस्य का नाम एवं सूत्र लिखिए।
- ऐल्कीन समजातीय श्रेणी के प्रथम सदस्य का नाम एवं सूत्र लिखिए।
- ऐल्काइन समजातीय श्रेणी के प्रथम सदस्य का नाम एवं सूत्र लिखिए।
- ऐल्केनॉल समजातीय श्रेणी के प्रथम सदस्य का नाम एवं सूत्र लिखिए।
- ऐल्केनॉइक अम्ल के प्रथम सदस्य का नाम एवं सूत्र लिखिए।
उत्तर:
- मेथेन (CH4)।
- एथीन (C2H4)।
- एथाइन (C2H2)।
- मेथेनॉल (CH3OH)।
- मेथेनोइक अम्ल (HCOOH)।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सहसंयोजी आबन्ध किसे कहते हैं? कार्बनिक यौगिकों के मध्य किस प्रकार के आबन्ध होते हैं?
उत्तर:
सहसंयोजन आबन्ध:
“दो परमाणुओं के बीच बराबर इलेक्ट्रॉनों के युग्मों की साझेदारी द्वारा बनने वाले आबन्ध सहसंयोजी आबन्ध कहलाते हैं तथा इस प्रकार बनने वाले यौगिक सहसंयोजी यौगिक कहलाते हैं। कार्बन यौगिकों की मध्य सहसंयोजी आबन्ध होते हैं।”
प्रश्न 2.
हाइड्रोकार्बन क्या है? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
हाइड्रोकार्बन – ऐसे कार्बनिक यौगिक जो केवल कार्बन एवं हाइड्रोजन से मिलकर बने होते. हैं, हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं।
उदाहरण:
मेथेन (CH4), एथेन (C2H6), एथीन (C2H4), एथाइन C2H2 एवं बेन्जीन C6H6 आदि।
प्रश्न 3.
संतृप्त एवं असंतृप्त हाइड्रोकार्बन क्या होते हैं?
उत्तर:
संतृप्त एवं असंतृप्त हाइड्रोकार्बन-वे हाइड्रोकार्बन जिनमें केवल एकल सहसंयोजी आबन्ध होते हैं, संतृप्त हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं तथा वे हाइड्रोकार्बन जिनमें एक या अधिक द्विबन्ध या त्रिबन्ध होते हैं, असंतृप्त हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं।
प्रश्न 4.
‘ऐल्केन’, ‘ऐल्कीन’, एवं ‘ऐल्काइन’ से आप क्या समझते हो?
उत्तर:
‘ऐल्केन’, ‘ऐल्कीन’ एवं ‘ऐल्काइन’ – वे हाइड्रोकार्बन जिनमें सभी आबन्ध एकल होते हैं। ऐल्केन, जिनमें कम-से-कम एक आबन्ध द्विबन्ध हो ऐल्कीन एवं जिनमें कम से कम एक आबन्ध त्रिबन्ध हो, ऐल्काइन कहलाते हैं।
प्रश्न 5.
प्रकार्यात्मक (क्रियात्मक या क्रियाशील) समूह किसे कहते हैं? चार विभिन्न उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
प्रकार्यात्मक (क्रियात्मक या क्रियाशील) समूह:
“किसी कार्बनिक यौगिक में विशिष्ट प्रकार से जुड़ा परमाणु या परमाणुओं का वह समूह जो उस कार्बनिक यौगिक के अभिलाक्षणिक गुणों के लिए उत्तरदायी होता है, प्रकार्यात्मक (क्रियात्मक या क्रियाशील) समूह कहलाता है।”
उदाहरण:
- OH (ऐल्कोहॉलिक)
- COOH (कार्बोक्सिलिक) ऐसीटिक
- CHO (ऐल्डिहाइडिक)
- = C = 0 (कीटोनिक)।
प्रश्न 6.
विषम परमाणु क्या कहलाते हैं? उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
विषम परमाणु:
“किसी कार्बनिक यौगिक से हाइड्रोजन को प्रतिस्थापित करने वाले तत्वों को विषम परमाणु कहते हैं।” ये प्रायः कार्बन एवं हाइड्रोजन के अतिरिक्त तत्व होते हैं।
उदाहरण:
हैलोजन, ऑक्सीजन, सल्फर, नाइट्रोजन आदि।
प्रश्न 7.
‘समावयवी’ एवं ‘समावयवता’ से आप क्या समझते हो?
उत्तर:
‘समावयवी’ एवं समावयवता’:
“जब एक ही अणुसूत्र द्वारा दो या दो से अधिक कार्बनिक यौगिक प्रदर्शित किए जाते हैं तो वे कार्बनिक यौगिक समावयवी यौगिक तथा उनका यह गुण समावयवता कहलाता है।”
प्रश्न 8.
संरचनात्मक समावयवता से आप क्या समझते हो ?
उत्तर
संरचनात्मक समावयवता:
“जब किसी कार्बनिक यौगिक का अणुसूत्र एक होते हुए उसकी संरचना विभिन्न रूपों में होती है तो इस प्रकार की समावयवता संरचनात्मक समावयवता कहलाती है तथा उसके वे समावयव संरचनात्मक समावयवी कहलाते हैं।”
प्रश्न 9.
प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ-जब किसी कार्बनिक यौगिक से एक हाइड्रोजन परमाणु को विस्थापित करके कोई विषम परमाणु या परमाणुओं का समूह उसके स्थान को ग्रहण कर लेता है तो ऐसी अभिक्रियाएँ प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।”
प्रश्न 10.
एस्टरीकरण अभिक्रियाएँ किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
एस्टरीकरण अभिक्रियाएँ-“कार्बनिक अम्ल एवं ऐल्कोहॉल भी अभिक्रिया के फलस्वरूप जल के अतिरिक्त बनने वाले पदार्थ एस्टर कहलाते हैं तथा उनके बनने की यह अभिक्रियाएँ एस्टरीकरण अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।”
प्रश्न 11.
किण्वन से क्या समझते हो?
उत्तर:
किण्वन:
“एन्जाइम की उपस्थिति में होने वाली जैवरासायनिक अभिक्रियाएँ किण्वन कहलाती हैं।” दूसरे शब्दों में “वे रासायनिक अभिक्रियाएँ जिनमें जटिल कार्बनिक यौगिक एन्जाइम की उपस्थिति में धीरे-धीरे कार्बनिक यौगिकों में अपघटित होते हैं, किण्वन कहलाती है।”
प्रश्न 12.
‘साबुनीकरण’ से क्या समझते हो? इसका समीकरण लिखिए।
उत्तर:
साबुनीकरण:
“क्षारों की वसा अथवा तेलों के जल-अपघटन की अभिक्रिया स्वरूप साबुन बनने का प्रक्रम साबुनीकरण कहलाता है।” दूसरे शब्दों में अकार्बनिक क्षारों की वसीय कार्बोक्सिलिक अम्लों की अभिक्रिया स्वरूप सोडियम एवं पोटैशियम के कार्बनिक यौगिक साबुन कहलाते हैं तथा उनके बनने की यह प्रक्रिया साबुनीकरण कहलाती है।
प्रश्न 13.
एथेन के अणु में सहसंयोजी आबन्धों की संख्या लिखिए तथा उसकी संरचना दीजिए।
उत्तर:
एथेन के अणु में सहसंयोजी आबन्धों की संख्या = 7 एथेन का संरचना सूत्र
प्रश्न 14.
उस ऐल्कोहॉल का नाम एवं संरचना सूत्र लिखिए जिसके अणु में तीन कार्बन परमाणु है?
उत्तर:
तीन कार्बन परमाणु वाले ऐल्कोहॉल का नाम = प्रोपेनॉल प्रोपेनॉल का संरचना सूत्र
प्रश्न 15.
उस सजातीय श्रेणी के द्वितीय एवं तृतीय सदस्य का आण्विक सूत्र लिखिए जिसका प्रथम सदस्य मेथेन है।
उत्तर:
प्रथम सदस्य मेथेन वाली समजातीय श्रेणी ऐल्केन है।
ऐल्केन के द्वितीय सदस्य का सूत्र – CH6
ऐल्केन के तृतीय सदस्य का सूत्र – C3H8
प्रश्न 16.
जब आप एक परखनली में ऐसीटिक अम्ल लेकर उसमें सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट मिलाते हैं, तब तुरन्त ही तीव्र बुदबुदाहट के साथ कोई गैस निकलती है। इस गैस का नाम लिखिए। इस गैस के परीक्षण की विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
गैस का नाम – कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)।
गैस CO2 की परीक्षण विधि – जब इस गैस को चूने के पानी Ca(OH)2 में प्रवाहित किया जाता है तो अविलेय CaCO3 बनने के कारण चूने का पानी दूधिया हो जाता है।
Ca(OH)2 + CO2 → CaCO3 + H2O
प्रश्न 17.
कोई छात्र एक चम्मच सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट चूर्ण फ्लास्क में लिए गए एथेनॉइक अम्ल में मिलाता है। उन दो प्रेक्षणों की सूची बनाइए, जिन्हें फ्लास्क में होने वाली अभिक्रिया के विषय में अपनी नोटबुक में लिखना चाहिए। होने वाली रासायनिक अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण भी लिखिए।
उत्तर:
नोटबुक में लिखने हेतु दो प्रेक्षण:
- तुरन्त अभिक्रिया होती है तथा फ्लास्क में बुदबुदाहट के साथ झाग निकालती हुई गैस बाहर आती है।
- गैस रंगहीन एवं गंधहीन है।
NaHCO3 + CH3COOH → CH3COONa + H2O + CO2
प्रश्न 18.
प्रयोगशाला में साबुन बनाने के लिए आवश्यक सामग्री (रासायनिक पदार्थ) का उल्लेख कीजिए। साबुनीकरण के अभिक्रिया मिश्रण की प्रकृति (अम्लीय/क्षारीय) को निर्धारित करने वाला परीक्षण आप किस प्रकार करेंगे? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
साबुन बनाने के लिए आवश्यक रासायनिक पदार्थ:
- वसीय वानस्पतिक तेल।
- सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH)।
- जल।
- साधारण नमक (सोडियम क्लोराइड – NaCl)।
अभिक्रिया मिश्रण की प्रकृति की पहचान – बारी-बारी से मिश्रण में नीला एवं लाल लिटमस पत्र डुबोते हैं यदि –
- नीला लिटमस पत्र लाल हो जाता है तो मिश्रण अम्लीय प्रकृति का है।
- लाल लिटमस पत्र नीला हो जाता है तो मिश्रण क्षारीय प्रकृति का है।
प्रश्न 19.
डिटर्जेन्ट साबुन की अपेक्षा अच्छे सफाई कारक हैं, क्यों?
उत्तर:
साबुन कठोर जल में झाग नहीं नहीं दे पाते क्योंकि वे कैल्सियम एवं मैग्नीशियम लवणों से क्रिया करने में व्यय होते हैं, जबकि डिटर्जेन्ट कठोर जल में अच्छे झाग देते हैं। इसलिए साबुन की अपेक्षा कपड़ों की धुलाई अधिक दक्षता से कर पाते हैं तथा चिकनाई के धब्बे भी आसानी से हटा देते हैं।
प्रश्न 20.
एथेनॉल से एथीन कैसे प्राप्त की जाती है? होने वाली अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
जब एथेनॉल को सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल की अधिकता में 443 K तापक्रम पर गर्म किया जाता है तो एथेनॉल के निर्जलीकरण के फलस्वरूप एथीन गैस प्राप्त होती है।
प्रश्न 21.
मेथेनॉल की थोड़ी-सी भी मात्रा लेना बेहोश करने वाला और हानिकारक या खतरनाक हो सकता है। समझाइए।
उत्तर:
मेथेनॉल यकृत के अन्दर मेथेनल में उपचयित (ऑक्सीकृत) हो जाता है जो तेजी से कोशिकीय अवयवों से अभिक्रिया करके प्रोटोप्लाज्म को कोएगूलेट कर देता है तथा ऑप्टिक तन्त्रिकाओं को प्रभावित करके मनुष्य को अन्धा बना देता है।
प्रश्न 22.
जब एथेनॉल सोडियम से अभिक्रिया करता है तो एक गैस निकलती है। निकलने वाली गैस का नाम लिखिए तथा अभिक्रिया का संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
निकलने वाली गैस का नाम – हाइड्रोजन (H2)।
अभिक्रिया का समीकरण:
2CH3CH2OH + 2Na → 2CH3CH2ONa + H2O
प्रश्न 23.
जब एथेनॉल को सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल की अधिकता में 443 K तापक्रम पर गर्म किया जाता है तो एथीन गैस प्राप्त होती है। सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल की इस क्रिया में क्या भूमिका है? अभिक्रिया का संतुलित समीकरण भी दीजिए।
उत्तर:
सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल का इस अभिक्रिया में निर्जलीकरण का कार्य करता है।
प्रश्न 24.
कार्बन आवर्त तालिका के समूह 14 का तत्व है जोकि बहुत से तत्वों के साथ यौगिक बनाने के लिए जाना जाता है। निम्न के साथ बनने वाले यौगिकों का उदाहरण दीजिए –
- क्लोरीन (आवर्त तालिका के समूह 17 का तत्व)।
- ऑक्सीजन (आवर्त तालिका के समूह 16 का तत्व)।
उत्तर:
- कार्बन टेट्राक्लोराइड (CCl4)।
- कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)।
प्रश्न 25.
इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना में संयोजी इलेक्ट्रॉनों को बिन्दुओं या क्रॉसों के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
- क्लोरीन की परमाणु संख्या 17 है। इसका इलेक्ट्रॉन विन्यास लिखिए।
- क्लोरीन अणु का इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख खींचिए।
उत्तर:
- Cl का इलेक्ट्रॉन विन्यास 17 = 2, 8, 7।
- Cl2 (क्लोरीन अणु) का इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख।
प्रश्न 26.
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में कार्बन परमाणुओं के बीच बहुसहसंयोजी बन्ध होते हैं। इसलिए ये संयोजी अभिक्रियाएँ प्रदर्शित करते हैं। एथेन को एथीन से अन्तर स्पष्ट करने के लिए परीक्षण दीजिए।
उत्तर:
जब एथेन को ज्वाला में जलाते हैं तो वह स्वच्छ नीली ज्वाला (लौ) के साथ जलती है, जबकि एथीन जलाने पर पीली धुंआदार ज्वाला (लौ) के साथ जलती है। अत: एथेन संतृप्त हाइड्रोकार्बन है और एथीन असंतृप्त हाइड्रोकार्बन।
प्रश्न 27.
साबुन एवं अपमार्जक में कोई दो अन्तर लिखिए। (2019)
उत्तर:
साबुन एवं अपमार्जक में अन्तर:
साबुन | अपमार्जक |
साबुन सोडियम एवं पोटैशियम के फैटी अम्लों के लवण स्टीयरेट एवं पामीटेट आदि होते हैं। | अपमार्जक लम्बी कार्बोक्सिलिक अम्ल श्रृंखला के अमोनियम एवं सल्फोनेट लवण होते हैं। |
साबुन कठोर जल में अधिक प्रभावी नहीं होते। | अपमार्जक कठोर जल में भी अत्यन्त प्रभावी होते हैं। |
साबुन की सफाई प्रक्रिया:
साबुन का अणु दो भागों से बना होता है – पहला लम्बा हाइड्रोकार्बन वाला भाग (R) तथा दूसरा Na+ युक्त छोटा अम्लीय भाग (-COO–Na+)। इसमें R जलविरागी तथा एक आयनिक अम्लीय सिरा जलरागी होता है।
जब गंदे कपड़ों को पानी में साबुन के साथ मिलाया जाता है तो साबुन के अणु का आयनिक भाग जलरागी होने के कारण जल में विलेय हो जाता है, जबकि साबुन के अणु का दूसरा भाग जलविरागी होने के कारण तेल या ग्रीस वाले भाग से संलग्न हो जाता है। गंदे कपड़ों को साबुन विलयन में खगालने पर साबुन के अणुओं से संलग्न गंदगी के कण जल में घुलकर बाहर निकल जाते हैं। इस प्रकार कपड़े साफ हो जाते हैं।
साबुन कठोर जल में झाग नहीं दे पाते क्योंकि साबुन कठोर जल में घुले कैल्सियम एवं मैग्नीशियम अभिक्रिया करके अविलेय लवण बनाते हैं जो कपड़ों से चिपक कर साबुन की शोधन क्षमता को कम कर देते हैं। इस कारण साबुन कठोर जल में झाग का निर्माण नहीं करते हैं।
साबुनों की तुलना में अपमार्जकों का उपयोग करने में उत्पन्न समस्याएँ निम्न हैं –
- अपमार्जकों से कपड़े धोने के लिए अत्यधिक जल की आवश्यकता होती है। इसलिए जलाभाव वाले क्षेत्रों में उनका उपयोग कठिन हो जाता है।
- कपड़े धोने के बाद हाथों में कुछ चिपचिपाहट पैदा हो जाती है।
प्रश्न 28.
CH4 की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना बनाइए। (2019)
उत्तर:
CH4 की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
किसी ऐल्कोहॉल और कार्बोक्सिलिक अम्ल में भेद करने के लिए दो प्रायोगिक परीक्षणों की सूची बनाइए और वर्णन कीजिए कि ये परीक्षण कैसे किए जाते हैं?
उत्तर:
ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्लों में भेद के लिए परीक्षण:
- लिटमस पत्र द्वारा।
- सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट द्वारा।
प्रयोग द्वारा ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल में अन्तर (पहचान) करना –
1. हम दो परखनली लेते हैं। दिए हुए नमूनों में से प्रत्येक की कुछ मात्रा एक-एक परखनली में डालते हैं फिर इनमें नीला लिटमस पेपर डुबोते हैं। जिस परखनली में डाला गया नीला लिटमस लाल हो जाता है, वह कार्बोक्सिलिक अम्ल है तथा दूसरा ऐल्कोहॉल।
2. प्रत्येक परखनली में हम सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट की कुछ मात्रा डालते हैं।
जिस परखनली में से बुदबुदाहट के साथ झाग देती हुई रंगहीन एवं गन्धहीन गैस निकलती है उस परखनली में कार्बोक्सिलिक अम्ल है तथा दूसरी में ऐल्कोहॉल है।
प्रश्न 2.
एथाइन की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना का चित्रण कीजिए। एथाइन और ऑक्सीजन के मिश्रण का दहन वैल्डिंग के लिए किया जाता है। आपके विचार से इस कार्य के लिए एथाइन और वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है?
उत्तर:
एथाइन की इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना:
वायु में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है तथा वायु में उपस्थित नाइट्रोजन ऑक्सीजन की क्रियाशीलता को नियन्त्रित करती है। वायु एवं एथाइन के मिश्रण की ज्वाला में बहुत उच्च ताप प्राप्त नहीं होता जो वैल्डिंग के लिए आवश्यक है। इसलिए एथाइन एवं वायु की मिश्रण का उपयोग नहीं करते हैं।
प्रश्न 3.
एथेनॉल का संरचना सूत्र लिखिए। क्या होता है जब इसे सान्द्र H2SO4 के आधिक्य में 443 K पर गर्म किया जाता है। अभिक्रिया का समीकरण लिखिए तथा इस अभिक्रिया में सान्द्र H2SO4 की भूमिका का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
एथेनॉल का संरचना सूत्र:
जब एथेनॉल को सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल की अधिकता में 443 K ताप पर गर्म किया जाता है तो एथीन गैस बनती है।
अभिक्रिया का समीकरण:
इस अभिक्रिया में सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल की भूमिका निर्जलीकारक की है।
प्रश्न 4.
प्रत्येक के लिए रासायनिक समीकरण की सहायता से एस्टरीकरण और साबुनीकरण अभिक्रियाओं के बीच विभेदन कीजिए। एस्टरों और साबुनीकरण प्रक्रिया का एक-एक उपयोग लिखिए।
उत्तर:
कार्बोक्सिलिक अम्ल और ऐल्कोहॉलों की अभिक्रिया द्वारा सुगन्धित कार्बनिक यौगिक, एस्टर बनने की प्रक्रिया एस्टरीकरण होती है –
जबकि एस्टर एवं सोडियम हाइड्रॉक्साइड (एक क्षार) की अभिक्रिया स्वरूप कार्बोक्सिलिक अम्ल का सोडियम लवण एवं ऐल्कोहॉल बनने की प्रक्रिया साबुनीकरण होती है।
एस्टर का उपयोग: इनका उपयोग इत्र (सुगंध) बनाने तथा स्वाद उत्पन्न करने में होता है।
साबुनीकरण का उपयोग: इस प्रक्रिया का उपयोग साबुन बनाने में होता है।
प्रश्न 5.
एथेनॉइक अम्ल की निम्नलिखित के साथ अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण दीजिए –
- सोडियम।
- सोडियम हाइड्रॉक्साइड।
- एथेनॉल।
उत्तर:
1. एथेनॉइक अम्ल की सोडियम के साथ अभिक्रिया:
2. एथेनॉइक अम्ल की सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ अभिक्रिया:
3. एथेनॉल के साथ एथेनॉइक अम्ल की अभिक्रिया:
प्रश्न 6.
किसी ऐल्डिहाइड एवं किसी कीटोन दोनों को समान अणुसूत्र C3H6O द्वारा निरूपित किया जा सकता है। इनकी संरचनाएँ एवं नाम लिखिए। विज्ञान की भाषा में इन दोनों के बीच सम्बन्ध का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
ऐल्डिहाइड ‘ईनोल रूप’ है तथा कीटोन कीटो रूप’।
प्रश्न 7.
एथाइन का इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख एवं संरचना सूत्र बनाइए।
उत्तर:
एथाइन का इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख:
प्रश्न 8.
निम्न यौगिकों के नाम लिखिए –
उत्तर:
(a) पेन्टेनोइक एसिड।
(b) ब्यूटाइन।
(c) हेप्टानल।
(d) पेन्टेनॉल।
प्रश्न 9.
निम्न प्रकार्यात्मक समूह की पहचान कीजिए और उसका नाम लिखिए –
उत्तर:
प्रश्न 10.
कार्बोक्सिलिक एसिड एवं एक ऐल्कोहॉल की कुछ बूंद H2SO4 की उपस्थिति में अभिक्रिया के फलस्वरूप एक यौगिक X बनता है। ऐल्कोहॉल क्षारीय KMnO4 से उपचयित होकर अम्लीकरण से वही कार्बोक्सिलिक अम्ल प्राप्त होता है जो इस अभिक्रिया में प्रयुक्त हुआ।
- कार्बोक्सिलिक अम्ल
- ऐल्कोहॉल एवं
- यौगिक x के नाम एवं संरचना दीजिए तथा अभिक्रिया के रासायनिक समीकरण भी लिखिए।
उत्तर:
1. कार्बोक्सिलिक अम्ल एथेनोइक अम्ल है।
संरचना:
2. ऐल्कोहॉल एथेनॉल है।
संरचना:
3. यौगिक X एथिल एथेनोएट है।
संरचना:
रासायनिक समीकरण:
प्रश्न 11.
निम्न यौगिकों में उपस्थित प्रक्रियात्मक समूहों के नाम लिखिए –
- CH3COCH2CH2CH2CH3
- CH2CH2CH2COOH
- CH3CH2CH2CH2CHO
- CH3CH2OH
उत्तर:
- कीटोन।
- कार्बोक्सिलिक एसिड।
- ऐल्डिहाइड।
- ऐल्कोहॉल।
प्रश्न 12.
श्रृंखलन एक परमाणु की उसी तत्व के दूसरे परमाणु के साथ बन्धन बनाने की क्षमता को कहते हैं। यह दोनों तत्वों कार्बन एवं सिलिकॉन द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। इन दोनों तत्वों की श्रृंखलन क्षमता की तुलना कीजिए।
उत्तर:
कार्बन, सिलिकॉन अथवा अन्य ऐसे तत्वों की अपेक्षा श्रृंखलन (कैटीनेशन) की क्षमता अधिक रखता है, क्योंकि इसका आकार बहुत छोटा है जिसके कारण C – C बन्ध अधिक प्रबल होता है, जबकि Si – Si बन्ध अपने बड़े आकार के कारण तुलनात्मक रूप से कमजोर होता है।
प्रश्न 13.
स्तम्भ ‘A’ में दी हुई अग्र अभिक्रियाओं को स्तम्भ ‘B’ में दिए हुए नामों से मिलान कीजिए –
उत्तर:
- → (d)।
- → (a)।
- → (b)।
- → (c)।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं में तीर के चिह्न पर लिखे धातु तत्व या अभिकारकों की क्या भूमिका है?
उत्तर:
(a) Ni, एक उत्प्रेरक की भूमिका में है।
(b) सान्द्र H2SO4 एक उत्प्रेरक की भूमिका में है।
(c) क्षारीय KMnO4 एक उपचायक (ऑक्सीकारक) की भूमिका में है।
प्रश्न 15.
एक लवण X प्राप्त होता है तथा एक गैस निकलती है जब एथेनॉइक अम्ल की अभिक्रिया सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ होती है। बनने वाले लवण X का नाम तथा निकलने वाली गैस का नाम लिखिए। यह सिद्ध करने के लिए कि निकलने वाली गैस वही है जिसका आपने नाम लिया है एक क्रियाकलाप दीजिए। होने वाली अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण भी दीजिए।
उत्तर:
चूँकि सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट किसी भी अम्ल में अभिक्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड गैस देता है और उस अम्ल का सोडियम लवण बनाता है। इसलिए निकलने वाली गैस कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) एवं लवण X सोडियम एथेनॉइट (CH3COONa) होगा। गैस के परीक्षण के लिए हम गैस को चूने के पानी [Ca(OH)2] में प्रवाहित करते हैं तो हम देखते हैं कि यह अविलेय CaCO3 बनने के कारण दूधिया हो जाता है अतः गैस कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) ही है यह निश्चित हो जाता है।
अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण:
Ca(OH)2 + CO2 → CaCO3 + H2O
प्रश्न 16.
संतृप्त एवं असंतृप्त हाइड्रोकार्बनों में संरचनात्मक अन्तर दीजिए। प्रत्येक के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
संतृप्त हाइड्रोकार्बनों की संरचना में कार्बन परमाणुओं के मध्य तथा सभी एकल बन्ध होते हैं।
उदाहरणार्थ:
जबकि असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में कम-से-कम एक द्वि-बन्ध या त्रि-बन्ध अवश्य होता है।
उदाहरणार्थ:
प्रश्न 17.
वानस्पतिक तेलों को वानस्पतिक वसा (घी) में परिवर्तित करने के लिए सामान्यतः प्रयुक्त अभिक्रिया का नाम लिखिए। इसमें प्रयुक्त (होने वाली) अभिक्रिया को विस्तार से समझाइए। अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण भी दीजिए।
उत्तर:
वानस्पतिक तेलों को वानस्पतिक वसा (घी) में बदलने के लिए जो अभिक्रिया प्रयोग की जाती है उसे हम हाइड्रोजनीकरण कहते हैं। वानस्पतिक तेलों में असंतृप्त कार्बनिक यौगिक होते हैं। जब इनको निकैल के बारीक चूर्ण की उपस्थिति में हाइड्रोजन के साथ गर्म किया जाता है तो संलयन अभिक्रिया के फलस्वरूप हाइड्रोजन से मिलकर वे संतृप्त कार्बनिक यौगिक बनाते हैं। यहाँ निकैल का चूर्ण उत्प्रेरक का कार्य करता है।
अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण:
[निर्देश: यहाँ दिए गए सूत्र सांकेतिक है।
प्रश्न 18.
कार्बन टेट्राक्लोराइड का सूत्र लिखिए तथा उसका इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख बनाइए।
उत्तर:
कार्बन टेट्राक्लोराइड –
सूत्र – CCl4 (अणुसूत्र)
प्रश्न 19.
निम्न परिवर्तन आप कैसे करेंगे? प्रयुक्त प्रक्रिया का नाम एवं सम्बन्धित अभिक्रिया एवं उसका रासायनिक समीकरण लिखिए
- एथेनॉल से एथीन।
- प्रोपेनॉल में प्रोपेनोइक अम्ल।
उत्तर:
1. प्रयुक्त प्रक्रिया का नाम:
निर्जलीकरण गर्म सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) की उपस्थिति में जब ऐथेनॉल (C2H5OH) को गर्म किया जाता है तो निर्जलीकरण के फलस्वरूप एथीन गैस (C2H4) बनती है।
समीकरण:
2. प्रयुक्त प्रक्रिया का नाम – उपचयन (ऑक्सीकरण)।
ऑक्सीकारक क्षारीय KMnO4 की उपस्थिति में प्रोपेनॉल को गर्म करने पर उपचयन (ऑक्सीकरण) की प्रक्रिया के फलस्वरूप प्रोपेनोइक अम्ल प्राप्त होता है।
रासायनिक समीकरण:
MP Board Class 10th Science Chapter 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
हेक्सेन के सभी सम्भावित समावयवों के संरचना सूत्र लिखिए।
उत्तर:
हेक्सेन के सम्भावित समावयवों के संरचना सूत्र:
प्रश्न 2.
अणुसूत्र C3H6 वाले यौगिक के सम्भावित सभी समावयवों के नाम एवं संरचना सूत्र बनाइए तथा उनके इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख बनाइए।
उत्तर:
अणुसूत्र C3H6 वाले यौगिक के सम्भावित समावयव हैं –
(1) प्रोपेनॉन (CH3COCH3):
संरचना सूत्र:
इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख:
(2) प्रोपेनल (CH3 – CH2 – CHO):
संरचना सूत्र:
इलेक्ट्रॉन बिन्दु आरेख:
प्रश्न 3.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं को उदाहरण सहित समझाइए –
- हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया।
- ऑक्सीकरण (उपचयन) अभिक्रिया।
- प्रतिस्थापन अभिक्रिया।
- साबुनीकरण अभिक्रिया।
- दहन अभिक्रिया।
उत्तर:
1. हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया:
“असंतृप्त हाइड्रोकार्बन निकैल उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन से संयुक्त होकर संतृप्त हाइड्रोकार्बन देते हैं। यह अभिक्रिया हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया कहलाती है।”
2. ऑक्सीकरण (उपचयन) अभिक्रिया:
“एथेनॉल क्षारीय KMnO4 की उपस्थिति में गर्म करने पर ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके एथेनॉइक अम्ल में ऑक्सीकृत (उपचयित) हो जाते हैं। यह अभिक्रिया ऑक्सीकरण (उपचयन) अभिक्रिया कहलाती है।”
3. प्रतिस्थापन अभिक्रिया:
“सौर प्रकाश की उपस्थिति में हाइड्रोकार्बन क्लोरीन से अभिक्रिया करते हैं तथा हाइड्रोजन के परमाणु को विस्थापित करके स्वयं उसके स्थान को ग्रहण कर लेते हैं। यह अभिक्रिया प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहलाती है।”
4. साबुनीकरण अभिक्रिया:
एस्टर सोडियम हाइड्रॉक्साइड से अभिक्रिया करके सोडियम के कार्बनिक लवण बनाते हैं। यह अभिक्रिया साबुनीकरण कहलाती है।
CH3COOC2H5 + NaOH → CH3COONa + C2H5OH
5. दहन अभिक्रिया:
“अधिकतर कार्बनिक यौगिक वायु में जलने पर प्रकाश एवं ऊष्मा उत्पन्न करते हैं। यह अभिक्रिया दहन अभिक्रिया कहलाती है।”
CH4 + 2O2 → CO2 + 2H2O + ऊष्मा + प्रकाश
प्रश्न 4.
एक कार्बनिक यौगिक A सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) के साथ गर्म करने पर एक यौगिक B बनाता है जो एक अणु हाइड्रोजन से निकिल उत्प्रेरक की उपस्थिति में संयुक्त होकर यौगिक C बनाता है। C यौगिक का एक अणु जलने पर दो अणु CO2 एवं 3 अणु जल (H2O) देता है। यौगिक A, B, एवं C की पहचान कीजिए एवं सम्बन्धित रासायनिक अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए।
उत्तर:
चूँकि यौगिक C का एक अणु जलने पर 2 अणु CO2 एवं 3 अणु H2O देता है। इससे स्पष्ट होता है कि यौगिक C का अणुसूत्र C2H6 (एथेन) होगा। एथेन C का एक अणु हमको एक अणु H2 को यौगिक B से संयोग के द्वारा मिलता है। अतः यौगिक B का अणुसूत्र C2H4 (एथीन) होना चाहिए। चूँकि यौगिक B हमको सान्द्र H2SO4 के साथ यौगिक A को गर्म करने से प्राप्त होता है। इसलिए यौगिक A C2H5OH (एथेनॉल) होना चाहिए।
अभिक्रियाएँ:
प्रश्न 5.
एक परखनली A में सोडियम कार्बोनेट लेकर इसमें एथेनॉइक अम्ल डालते हैं। इससे निकलने वाली गैस को एक निकास नली के द्वारा दूसरी परखनली B में रखे चूने का पानी [Ca(OH)2] कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड (विलयन) में प्रवाहित किया जाता है। निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
- परखनली B में रखे कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड के विलयन में आप क्या परिवर्तन होते प्रेक्षित करेंगे।
- परखनली A एवं परखनली B में होने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं को रासायनिक समीकरणों के साथ लिखिए।
- यदि एथेनॉइक अम्ल के स्थान पर एथेनॉल लिया जाए तो आप क्या परिवर्तन अपेक्षित करते हैं?
- चूने का पानी प्रयोगशाला में कैसे बनाया जाता है?
उत्तर:
1. परखनली B में रखे कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन दूधिया हो जाता है तथा अधिकता में गैस प्रवाहित करने पर दूधिया रंग गायब हो जाता है।
2. परखनली A में अभिक्रिया के फलस्वरूप CO2 गैस निकलती है।
2CH3COOH + Na2CO3 → 2CH3COONa + H2O + CO2
परखनली B में अभिक्रियाएँ:
3. C2H5OH एवं Na2CO3 आपस में अभिक्रिया नहीं करते। इसलिए पहले जैसा परिवर्तन अपेक्षित नहीं है।
4. चूना (कैल्सियम ऑक्साइड) को जल में घोला जाता है। घोल को कुछ समय तक रखा जाता है फिर ऊपर के द्रव को निथार लिया जाता है। इस प्रकार चूने का पानी प्रयोगशाला में प्राप्त हो जाता है।
प्रश्न 6.
कुछ कार्बनिक यौगिक हाइड्रोकार्बन क्यों कहलाते हैं? एल्केन, एल्कीन और एल्काइन की समजातीय श्रेणियाँ के सामान्य सूत्र लिखिए तथा प्रत्येक श्रेणी के प्रथम सदस्य की संरचना भी खींचिए। एल्कीन को एल्केन में परिवर्तित करने की अभिक्रिया का नाम लिखिए और रासायनिक समीकरण द्वारा इस अभिक्रिया के होने के लिए आवश्यक परिस्थितियों को भी दर्शाइए।
उत्तर:
कुछ कार्बनिक यौगिक हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं, क्योंकि उनमें केवल कार्बन एवं हाइड्रोजन दो ही तत्व होते हैं।
- ऐल्केन की समजातीय श्रेणी का सामान्य सूत्र: CnH2n+2
- ऐल्कीन की समजातीय श्रेणी का सामान्य सूत्र: CnH2n
- ऐल्काइन की समजातीय श्रेणी का सामान्य सूत्र: CnH2n-2
ऐल्केन श्रेणी का प्रथम सदस्य मेथेन (CH4) है। अत: मेथेन का संरचना सूत्र:
ऐल्कीन श्रेणी का प्रथम सदस्य एथीन (C2H4) है।
अत: एथीन का संरचना सूत्र:
ऐल्काइन श्रेणी का प्रथम सदस्य एथाइन (C2H2) है।
अतः एथाइन का संरचना सूत्र:
H-C≡C-H
ऐल्कीन को ऐल्केन में परिवर्तित करने की अभिक्रिया हाइड्रोजनीकरण कहलाती है।
रासायनिक समीकरण:
प्रश्न 7.
साबुन तथा अपमार्जक दोनों ही एक प्रकार के लवण हैं। इनमें क्या अन्तर है? साबुन की सफाई प्रक्रिया का संक्षेप में वर्णन कीजिए। साबुन कठोर जल में झाग का निर्माण क्यों नहीं करते? साबुनों की तुलना में अपमार्जकों का उपयोग करने से उत्पन्न दो समस्याओं की सूची बनाइए।
उत्तर:
साबुन एवं अपमार्जक में अन्तर:
साबुन | अपमार्जक |
साबुन सोडियम एवं पोटैशियम के फैटी अम्लों के लवण स्टीयरेट एवं पामीटेट आदि होते हैं। | अपमार्जक लम्बी कार्बोक्सिलिक अम्ल श्रृंखला के अमोनियम एवं सल्फोनेट लवण होते हैं। |
साबुन कठोर जल में अधिक प्रभावी नहीं होते। | अपमार्जक कठोर जल में भी अत्यन्त प्रभावी होते हैं। |
साबुन की सफाई प्रक्रिया:
साबुन का अणु दो भागों से बना होता है – पहला लम्बा हाइड्रोकार्बन वाला भाग (R) तथा दूसरा Na+ युक्त छोटा अम्लीय भाग (-COO–Na+)। इसमें R जलविरागी तथा एक आयनिक अम्लीय सिरा जलरागी होता है।
जब गंदे कपड़ों को पानी में साबुन के साथ मिलाया जाता है तो साबुन के अणु का आयनिक भाग जलरागी होने के कारण जल में विलेय हो जाता है, जबकि साबुन के अणु का दूसरा भाग जलविरागी होने के कारण तेल या ग्रीस वाले भाग से संलग्न हो जाता है। गंदे कपड़ों को साबुन विलयन में खगालने पर साबुन के अणुओं से संलग्न गंदगी के कण जल में घुलकर बाहर निकल जाते हैं। इस प्रकार कपड़े साफ हो जाते हैं।
साबुन कठोर जल में झाग नहीं दे पाते क्योंकि साबुन कठोर जल में घुले कैल्सियम एवं मैग्नीशियम अभिक्रिया करके अविलेय लवण बनाते हैं जो कपड़ों से चिपक कर साबुन की शोधन क्षमता को कम कर देते हैं। इस कारण साबुन कठोर जल में झाग का निर्माण नहीं करते हैं।
साबुनों की तुलना में अपमार्जकों का उपयोग करने में उत्पन्न समस्याएँ निम्न हैं –
- अपमार्जकों से कपड़े धोने के लिए अत्यधिक जल की आवश्यकता होती है। इसलिए जलाभाव वाले क्षेत्रों में उनका उपयोग कठिन हो जाता है।
- कपड़े धोने के बाद हाथों में कुछ चिपचिपाहट पैदा हो जाती है।
प्रश्न 8.
कोई कार्बन यौगिक ‘P’ आधिक्य सान्द्र H2SO4 के साथ गर्म किए जाने पर कोई अन्य यौगिक ‘Q’ बनाता है जो निकैल उत्प्रेरक की उपस्थित में हाइड्रोजन से संकलन करके कोई संतप्त यौगिक ‘R’ बनाता है। ‘R’ का एक अणु, दहन होने पर, कार्बन डाइऑक्साइड के दो अणु तथा जल के तीन अणु बनाता है। PQ और R को पहचानिए और सम्मिलित अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
चूँकि यौगिक C का एक अणु जलने पर 2 अणु CO2 एवं 3 अणु H2O देता है। इससे स्पष्ट होता है कि यौगिक C का अणुसूत्र C2H6 (एथेन) होगा। एथेन C का एक अणु हमको एक अणु H2 को यौगिक B से संयोग के द्वारा मिलता है। अतः यौगिक B का अणुसूत्र C2H4 (एथीन) होना चाहिए। चूँकि यौगिक B हमको सान्द्र H2SO4 के साथ यौगिक A को गर्म करने से प्राप्त होता है। इसलिए यौगिक A C2H5OH (एथेनॉल) होना चाहिए।
अभिक्रियाएँ: