MP 10TH Hindi

MP Board Class 10th Special Hindi पद्य साहित्य का विकास

MP Board Class 10th Special Hindi पद्य साहित्य का विकास

MP Board Class 10th Special Hindi पद्य साहित्य का विकास

हिन्दी काव्य साहित्य का प्रारम्भ कब हुआ ? इसके विषय में विभिन्न विद्वानों के मतभेद हैं। कुछ विद्वान 800 ई.के आस-पास, तो अन्य लोग 1000 ई. के निकट हिन्दी काव्य साहित्य का प्रारम्भ स्वीकार करते हैं । अतः इसके विषय में निश्चित नहीं कहा जा सकता है। अतः विगत 1000 वर्षों से पूर्व के हिन्दी साहित्य को सरलतापूर्वक अध्ययन करने के उद्देश्य से उसे अनेक विद्वानों ने काल खण्डों में विभाजित किया है । इसे हिन्दी साहित्य का काल विभाजन कहते हैं। काल विभाजन का श्रेष्ठतम विभाजन आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने अपने ग्रन्थ हिन्दी साहित्य में किया है,वह इस प्रकार है-

  1. वीरगाथा काल (आदिकाल) – (सन् 993-1318 ई)
  2. भक्ति काल (पूर्व मध्यकाल) – (सन् 1318-1643 ई)
  3. रीति काल (उत्तर मध्य काल) – (सन् 1643-1843 ई)
  4. गद्य काल (आधुनिक काल) – (सन् 1843-अब तक)

आधुनिक काल या नई कविता-

  1. भारतेन्दु युग – (1843 ई.-1900 ई)
  2. द्विवेदी युग – (1900 ई.-1920 ई)
  3. छायावादी युग – (1920 ई.-1936 ई)
  4. प्रगतिवाद – (1936 ई.-1942 ई)
  5. प्रयोगवाद एवं नई कविता – (सन् 1942 ई.- अब तक)

रीति काल का संक्षिप्त परिचय

भक्ति काल में सूरदास के द्वारा कृष्ण भक्ति व तुलसीदास द्वारा रामभक्ति का उल्लेख किया गया है।

इसके उपरान्त एक नवीन काव्यधारा का जन्म हुआ। इसे रीति काल अथवा श्रृंगार काल या कला काल के नाम से पुकारा जाता है । रीति काव्य वह काव्य है, जो लक्षण के आधार पर ध्यान में रखकर रचा गया है अर्थात् बँधी हुई परम्परा में काव्य रचना की गई है । रीति काल में मुक्तक काव्य की परम्परा प्रधान रही है । इस काल में कवियों ने साहित्यिक प्रवृत्ति को प्रधानता दी है,क्योंकि भूषण जैसे वीर रस के कवि ने भी रीति ग्रन्थ की रचना की। रीति काल में कवित्त, सवैया, दोहा तथा कुण्डलियाँ छन्दों की रचना हुईं।

रहीम, वृन्द, गिरिधर की नीतिपरक रचनाएँ बहुत प्रसिद्ध रही हैं। रीति काल में तीन प्रकार की रचनाएँ हुईं-

  1. रीतिसिद्ध,
  2. रीतिबद्ध,
  3. रीतिमुक्त

रीतिसिद्ध और रीतिबद्ध कवियों ने प्रायः राजाश्रय प्राप्त किया। अतः इन्होंने आश्रयदाताओं की प्रशंसा करके पुरस्कार प्राप्त करने की प्रबल आकांक्षा रखी है।

रीतिमुक्त कवियों ने स्वतन्त्र भाव से रचना की है। भक्ति काल को जिस प्रकार से स्वर्ण युग कहा गया, उसी प्रकार से रीति काल को कला काल और श्रृंगार काल कहकर पुकारा गया।

रीतिकालीन प्रमुख कवि और रचनाएँ इस प्रकार हैं-
प्रमुख कवि – प्रमुख रचनाएँ

  1. केशवदास – कवि प्रिया,रामचन्द्रिका, रसिक प्रिया,रतन बावनी आदि
  2. देव – रस विलास,रस रहस्य, प्रेम तरंग, काव्य रसायन
  3. भूषण – शिवा बावनी,छत्रसाल दशक, शिवराज भूषण
  4. बिहारी – ‘बिहारी सतसई’
  5. घनानन्द – सुजान रसखान, विरह लीला, पद्मावत
  6. आलम – आलम केलि
  7. ठाकुर – ठाकुर ठसक,ठाकुर शतक
  8. चिंतामणि – काव्य विवेक, श्रृंगार मंजरी
  9. मतिराम – मतिराम,माधुरी,रसराज

आधुनिक काल का संक्षिप्त परिचय

रीति काल के पश्चात् काव्य जगत में एक नवीन काव्यधारा का जन्म हुआ जिसे छायावाद के नाम से पुकारा जाता है।

छायावादी कवियों ने जीवन की विभिन्न समस्याओं पर प्रकाश डाला। प्रेम एवं मानवतावाद की भावना का काव्य के माध्यम से प्रचार एवं प्रसार किया।

छायावाद
छायावादी कवियों ने प्रकृति प्रेमी होने के कारण प्रकृति का मानवीकरण किया। नारी के महिमामय स्वरूप का बखान किया। इस युग में गाँधी व रवीन्द्रनाथ टैगोर के दर्शनों का व्यापक प्रभाव है।
छायावादी कवियों में जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पन्त और महादेवी वर्मा का प्रमुख स्थान है।

प्रगतिवाद
छायावाद के उपरान्त प्रगतिवादी नवीन विचारधारा का जन्म हुआ। प्रगतिवादी कवि कॉर्ल मार्क्स से प्रभावित थे। अतः इन्होंने ‘कला को कला के लिए’ न मानकर ‘कला जीवन के लिए’ का सिद्धान्त अपनाया।

प्रगतिवादी युग का समय 1936 से 1942 तक माना गया है। इस युग के प्रमुख कवि-सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’, रामधारी सिंह ‘दिनकर’, निराला, दिनकर,शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ और भगवतीचरण वर्मा,नागार्जुन,केदारनाथ अग्रवाल आदि हैं।

प्रयोगवाद
प्रगतिवाद के उपरान्त सन् 1943 ई. में अज्ञेय के ‘तार सप्तक’ के प्रकाशन के उपरान्त प्रयोगवाद नाम की नई काव्य धारा का जन्म हुआ।

प्रमुख कवि-अज्ञेय, धर्मवीर भारती।

नई कविता
इन कवियों ने नये प्रतीकों,नये उपमानों एवं नये बिम्बों का प्रयोग कर काव्य परम्परा की पुरानी रीतियों से पृथक् रचना की, लेकिन इस युग की कविता न होकर अकविता हो गयी है।
सन् 1950 के बाद नई कविता का शुभारम्भ हुआ। यह कविता किसी वाद या परम्परा में बँधकर नहीं चली। इस कविता में अति यथार्थतापूर्ण वर्णन है लेकिन इस कविता से निराशा ही मिली है।

प्रमुख कवि-
भवानी प्रसाद मिश्र,गिरिजाकुमार माथुर,जगदीश गुप्त।

प्रश्नोत्तर

(क) वस्तुनिष्ठ प्रश्न

बहु-विकल्पीय प्रश्न

1. निम्नलिखित में से कौन-सी कृति रीतिकाल में लिखी गयी है?
(क) पृथ्वीराज रासो,
(ख) विनय पत्रिका,
(ग) बिहारी सतसई,
(घ) साकेत।
उत्तर-
(ग) बिहारी सतसई,

2. महाकवि भूषण की रचना है
(क) रेणुका,
(ख) चिदम्बरा,
(ग) दीप शिखा,
(घ) छत्रसाल दशक।
उत्तर-
(घ) छत्रसाल दशक।

3. रीतिमुक्त कवि कहे जाते हैं-
(क) बिहारी,
(ख) देव,
(ग) केशव,
(घ) घनानन्द।
उत्तर-
(घ) घनानन्द।

4. रीतिकाल के कवियों में प्रधानता है
(क) सखा भाव की भक्ति प्रधानता,
(ख) समन्वयकारी भावना,
(ग) भक्ति की प्रधानता,
(घ) नारी सौन्दर्य का विलासितापूर्ण वर्णन।
उत्तर-
(घ) नारी सौन्दर्य का विलासितापूर्ण वर्णन।

5. निम्नलिखित में से कौन-सा कवि छायावादी नहीं है?
(क) जयशंकर प्रसाद,
(ख) सुमित्रानन्दन पन्त,
(ग) मैथिलीशरण गुप्त,
(घ) महादेवी वर्मा।
उत्तर-
(ग) मैथिलीशरण गुप्त,

6. प्रकृति का सुकुमार कवि कहा जाता है [2009]
(क) रामधारी सिंह ‘दिनकर’,
(ख) सुमित्रानंदन पन्त,
(ग) जयशंकर प्रसाद,
(घ) महादेवी वर्मा।
उत्तर-
(ख) सुमित्रानंदन पन्त,

7. कौन-सा अलंकार छायावाद की देन है?
(क) अनुप्रास,
(ख) उत्प्रेक्षा,
(ग) सन्देह,
(घ) मानवीकरण।
उत्तर-
(घ) मानवीकरण।

8. प्रगतिवादी कवि हैं
(क) निराला,
(ख) महादेवी वर्मा,
(ग) अज्ञेय,
(घ) प्रसाद।
उत्तर-
(क) निराला,

9. प्रयोगवाद का जनक कहा जाता है [2018]
(क) नरेश मेहता,
(ख) त्रिलोचन,
(ग) अज्ञेय,
(घ) भवानी प्रसाद मिश्र।
उत्तर-
(ग) अज्ञेय,

10. नई कविता का युग सन् से है [2010]
(क) 1936,
(ख) 1850,
(ग) 1943,
(घ) 1950.
उत्तर-
(घ) 1950.

11. छायावादी युग के प्रर्वतक हैं [2012]
(क) जयशंकर प्रसाद,
(ख) श्रीधर पाठक,
(ग) सुमित्रानन्दन पंत,
(घ) रामचन्द्र शुक्ल।
उत्तर-
(क) जयशंकर प्रसाद,

रिक्त स्थानों की पूर्ति

1. पदमाकर …….. के प्रमुख कवियों में से है। [2014, 17]
2. तुलसीदास जी ………. के कवि हैं। [2010]
3. कवि सेनापति ………… के कवि माने गये हैं। [2011]
4. महादेवी वर्मा को ……….. कहा जाता है।
5. पन्त जी के काव्य में ……… प्रकृति के दर्शन होते हैं।
6. छायावादी युग में प्रसाद के काव्य में ……… का उद्घोष दिखायी देता है।
7. तार सप्तक के प्रवर्तक ………. कवि हैं।
8. प्रयोगवाद का प्रारम्भ ……… माना जाता है।
9. नई कविता के प्रवर्तक ……… कवि हैं।
10. आधुनिक हिन्दी कविता का प्रारम्भ संवत् ……… से माना जाता है। [2016]
11. आधुनिक हिन्दी साहित्य के जन्मदाता ………. हैं। [2018]
उत्तर-
1. भक्तिकाल,
2. रामभक्ति शाखा,
3. रीतिकाल,
4. आधुनिक मीरा,
5. मानवतावादी भावना,
6. राष्ट्र प्रेम,
7. ‘अज्ञेय’,
8. 1943 ई. से,
9. डॉ. जगदीश गुप्त,
10. 1900,
11. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र।

सत्य/असत्य

1. रीतिकालीन कवियों ने शृंगार रस का सुन्दर वर्णन किया है।
2. रीतिकाल के कवियों ने निर्गुण भक्ति पर बल दिया है। [2018]
3. गिरिधर कवि की कुण्डलियाँ नीतिपरक हैं।
4. छायावादी कविता के पतन का कारण विदेशी शासन कहा जा सकता है।
5. प्रसाद ने कथा साहित्य व गद्य एवं पद्य सभी प्रकार की रचनाएँ की हैं।
6. प्रगतिवाद मार्क्सवाद से प्रभावित नहीं है।
7. प्रगतिवादी कवियों ने धर्म,जाति वर्ग को असमान माना है।
8. नई कविता में नये प्रतीकों व नवीन भाषा-शैली का प्रयोग हुआ है।
उत्तर-
1. सत्य,
2. असत्य,
3. सत्य,
4. सत्य,
5. सत्य,
6. असत्य,
7. असत्य,
8. सत्य।

सही जोड़ी मिलाइए

I. ‘अ’ – ‘ब’
1. बिहारी कवि की बिहारी सतसई – (क) केवल राजाओं की प्रशंसा करते थे
2. कामायनी जयशंकर प्रसाद का। – (ख) शृंगार का वर्णन है
3. रीतिकाल के समस्त कवि दरबारी – (ग) सुप्रसिद्ध महाकाव्य है कवि थे वे
4. प्रगतिवादी कवियों ने मानव की – (घ) प्रसिद्ध श्रृंगार रस की रचना है
5. छायावाद में सौन्दर्य की भावना, प्रेम और – (ङ) महत्ता का प्रतिपादन किया है
उत्तर-
1. → (घ),
2. → (ग),
3. → (क),
4. , (ङ),
5. → (ख)।

II. ‘अ’ – ‘ब’
1. नागार्जुन की प्रसिद्ध रचना है – (क) भक्तिकाल
2. प्रगतिवादी कवि को शोषित वर्ग के प्रति – (ख) का विरोध किया है
3. हिन्दी साहित्य का स्वर्ण युग [2009] – (ग) मधुशाला है
4. प्रगतिवादी कवियों ने धर्म और ईश्वर – (घ) सहानुभूति थी
5. हरिवंश राय बच्चन की प्रमुख रचना – (ङ) “प्यासी पथराई आँखें
उत्तर-
1. → (ङ),
2. → (घ),
3. → (क),
4. → (ख),
5. → (ग)

एक शब्द/वाक्य में उत्तर
1. भक्तिकाल के पश्चात् एक नवीन विचारधारा ने जन्म लिया वह हिन्दी साहित्य में किस नाम से विख्यात है?
2. “गागर में सागर भर दिया है” यह उक्ति किस कवि के लिए प्रयोग की गयी है?
3. कठिन काव्य का प्रेत किसे कहा जाता है?
4. छायावाद के प्रमुख तीन कवियों के नाम लिखिये, जिन्होंने इस काल को स्वर्णिम बनाया।
5. छायावाद के उपरान्त काव्य जगत में क्रान्ति लाने वाले विद्रोही कवि का नाम लिखिए।
6. प्रयोगवादी कवि प्रमुख रूप से किससे प्रभावित थे?
7. प्रयोगवादी कवियों ने प्रयोग के उपरान्त क्या-क्या अन्वेषण किया?
8. ‘सुनहले शैवाल’ कविता की रचना किस कवि ने की है?
उत्तर-
1. रीतिकाल के नाम से,
2. बिहारी,
3. केशवदास,
4. महादेवी वर्मा,प्रसाद व पन्त,
5. सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’,
6. फ्रायड से,
7. नये प्रतीक, नये बिम्ब, नये उपमान, नई कविता,
8. अज्ञेय।

(ख) अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रीतिकाल को श्रृंगार काल क्यों कहा जाता है? रीतिकाल के कोई दो कवियों एवं उनकी रचनाओं के नाम लिखिए। [2015]
अथवा
रीतिकाल के प्रमुख कवि तथा उनकी एक-एक रचनाओं का उल्लेख कीजिए। [2009, 13]
अथवा
रीतिकालीन काव्य को किन धाराओं में विभक्त किया गया है? इस काल के दो कवियों के नाम लिखिए। [2011]
उत्तर-
इस काल में दरबारी कवियों ने श्रृंगार की रचनाओं का ही सृजन किया था, अतः इसे श्रृंगार काल के नाम से सम्बोधित किया जाता है। इस काल में नारी के नख-शिख का अतिरंजित चित्रण है।

रीतिकाल को तीन भागों में बाँटा गया है-

  • रीतिसिद्ध,
  • रीतिबद्ध,
  • रीतिमुक्त।

रीतिकाल के प्रमुख कवि एवं उनकी प्रतिनिधि रचनाएँ-बिहारी (‘बिहारी सतसई), केशव (रामचन्द्रिका), भूषण (शिवराज भूषण), घनानन्द (विरह लीला)।

प्रश्न 2.
रीतिकाल में कौन-से छन्दों का विशेष रूप से प्रयोग हुआ है?
उत्तर-
छन्दों में दोहा, चौपाई, कवित्त तथा सवैया छन्द का प्रयोग विशेष रूप से किया गया है।

प्रश्न 3.
रीतिकाल के कवियों की प्रमुख विशेषताएँ बताइए। [2009]
अथवा
रीतिकाल की प्रमुख प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए। किन्हीं दो कवियों के नाम लिखिए। [2009]
उत्तर-
रीतिकाल के कवियों की विशेषताएँ इस प्रकार हैं

  1. रीति ग्रन्थों की रचना,
  2. श्रृंगार रस की प्रधानता,
  3. आश्रयदाताओं की प्रशंसा,
  4. नीतिपरक काव्यों की रचना,
  5. भक्ति-नीति प्रकृति का चित्रण,
  6. नारी-सौन्दर्य का विलासितापूर्ण चित्रण,
  7. अलंकारों का चमत्कारिक प्रयोग।

प्रमुख कवि-बिहारी, भूषण।

प्रश्न 4.
छायावादी युग के प्रमुख चार कवियों तथा उनकी रचनाओं के नाम लिखिए। [2009, 10]
उत्तर-

  • महादेवी वर्मा-नीरजा, यामा।
  • जयशंकर प्रसाद कामायनी, लहर।
  • सुमित्रानन्दन पन्त-युगवाणी, पल्लव।
  • सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’-परिमल, अपरा।

प्रश्न 5.
छायावाद की प्रमुख प्रवृत्तियों का वर्णन कीजिए।
अथवा
छायावाद की विशेषताओं का वर्णन कीजिए। [2009, 10]
उत्तर-

  • काव्य में वर्णन की काल्पनिकता,
  • प्रकृति के कोमल पक्ष का चित्रण,
  • रहस्यवादी भावनाओं का पुट,
  • सामाजिकता के स्थान पर वैयक्तिकता।

प्रश्न 6.
छायावाद की प्रमुख दो विशेषताएँ लिखते हुए इस काल के चार कवियों के नाम, उनकी रचनाओं सहित लिखिए। [2017]
उत्तर-

  • काव्य में वर्णन की काल्पनिकता,
  • प्रकृति के कोमल पक्ष का चित्रण,
  • रहस्यवादी भावनाओं का पुट,
  • सामाजिकता के स्थान पर वैयक्तिकता।
  • महादेवी वर्मा-नीरजा, यामा।
  • जयशंकर प्रसाद कामायनी, लहर।
  • सुमित्रानन्दन पन्त-युगवाणी, पल्लव।
  • सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’-परिमल, अपरा।

प्रश्न 7.
प्रगतिवादी चार कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर-

  • नरेन्द्र शर्मा,
  • बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’,
  • सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’,
  • सुमित्रानन्दन पन्त।

प्रश्न 8.
छायावादी युग में प्रमुख रूप से कौन-सी शैली प्रयुक्त हुई?
उत्तर-
छायावादी युग प्रमुख रूप से मुक्तक गीतों का युग है।

प्रश्न 9.
प्रगतिवाद के किसी ऐसे कवि का नाम और उसकी दो रचनाओं का उल्लेख करें जो दो युगों से सम्बन्धित हैं?
उत्तर-
सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ दो युगों-छायावाद और प्रगतिवाद से सम्बन्धित कवि हैं। इनकी दो रचनाएँ हैं-

  • अनामिका एवं
  • अणिमा।

प्रश्न 10.
प्रयोगवाद का प्रारम्भ किस कविता के संकलन से माना जाता है?
उत्तर-
प्रयोगवाद का प्रारम्भ अज्ञेय द्वारा सम्पादित तारसप्तक, जो कि सन् 1943 ई. में प्रकाशित हुआ था; से माना जाता है।

प्रश्न 11.
प्रयोगवादी काव्यधारा के दो कवि और उनकी एक-एक रचना का उल्लेख कीजिए। [2009, 14]
उत्तर
कवि – रचना

  1. धर्मवीर भारती – कनप्रिया
  2. सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’। – ऑगन के पार द्वार

प्रश्न 12.
प्रथम ‘तारसप्तक’ के चार कवियों का नाम लिखिए।
उत्तर-

  • सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’,
  • गजानन माधव मुक्तिबोध,
  • विष्णु प्रभाकर माचवे,
  • गिरिजा कुमार माथुर।

प्रश्न 13.
अज्ञेय की कुछ रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर-

  • आँगन के पार द्वार,
  • अरी ओ करुणा प्रभामय,
  • इन्द्रधनुष रौंदे हुए ये,
  • कितनी नावों में कितनी बार,
  • बावरा अहेरी,
  • इत्यलम्,
  • चिन्ता,
  • पहले मैं सन्नाटा बुनता था,
  • सागर मुद्रा,
  • हरी घास पर क्षण भर आदि।

प्रश्न 14.
प्रगतिवादी कवियों का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
उत्तर-
सरल शैली को अपनाकर अपनी रचनाओं को जनसाधारण तक पहुँचाना इनका मुख्य उद्देश्य रहा है।

प्रश्न 15.
प्रगतिवादी काव्य की कोई चार विशेषताएँ लिखिए। [2013, 14, 18]
अथवा
प्रगतिवाद की दो प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए। दो कवियों एवं उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए। [2009, 10]
उत्तर-

  • व्यंग्य शैली का प्रयोग।
  • साम्यवादी विचारधारा से प्रभावित।
  • मानवीय सम्बन्धों में समानता पर जोर।
  • रूढ़ियों का विरोध।
  • क्रान्ति की भावना।
  • शोषितों की दुर्दशा का चित्रण।

प्रमुख कवि एवं उनकी रचनाएँ-

  • सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’-अनामिका।
  • नागार्जुन-युगाधार।
  • रामधारी सिंह ‘दिनकर’-रेणुका।

प्रश्न 16.
नई कविता की चार विशेषताएँ लिखिए। [2009]
उत्तर-

  • बौद्धिकता,
  • शिल्पगत नवीनता,
  • मानवता की महत्ता,
  • परम्परागत नहीं है।

प्रश्न 17.
नई कविता की बिम्ब योजना किस प्रकार की है?
उत्तर-
नई कविता की बिम्ब योजना सांकेतिक एवं प्रतीकात्मक रूप में अंकित है।

प्रश्न 18.
नई कविता में किस गुण का अभाव है?
उत्तर-
नई कविता में रसात्मकता का अभाव है।

प्रश्न 19.
नई कविता के दो कवि और उनकी दो-दो रचनाओं के नाम लिखिए। [2009]
उत्तर-
कवि – रचनाएँ

  1. सर्वेश्वर दयाल सक्सेना काठ की घंटियाँ,बाँस का पुल
  2. गजानन माधव मुक्तिबोध चाँद का मुँह टेढ़ा है, भूरी-भूरी खाक धूल

प्रश्न 20.
प्रयोगवादी कविता का परिष्कृत रूप क्या है?
उत्तर-
प्रयोगवादी कविता का परिष्कृत रूप नई कविता है।

प्रश्न 21.
नई कविता का उद्देश्य क्या है?
उत्तर-
नई कविता का मुख्य उद्देश्य वैयक्तिकता के साथ सामाजिकता का भी चित्रण करना है।

प्रश्न 22.
आधुनिक काल की दो प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालिए।
अथवा
आधुनिक काल की कोई दो विशेषताएँ लिखते हुए बताइए कि इसे गद्य काल क्यों कहा जाता है? [2017]
उत्तर-
विशेषताएँ (प्रवृत्तियाँ)-

  1. हिन्दी काव्य में नवीन भाव, विचार एवं अभिव्यंजना का विकास हुआ।
  2. छायावाद,प्रयोगवाद एवं प्रगतिवाद का शुभारम्भ हुआ।

आधुनिक काल का समय सन् 1843 ई. से अब तक माना गया है। इस काल में हिन्दी साहित्य का बहुमुखी विकास हुआ। इस काल में अंग्रेजों के शासन के विरुद्ध जन-जागरण समाज-सुधार, नारी जागृति, हरिजनोद्धार, भाषा परिमार्जनोद्धार आदि पर विशेष ध्यान केन्द्रित रहा। आधुनिक चेतना से युक्त होने तथा गद्य प्रधान रचनाओं के कारण इस काल को आधुनिक काल अथवा गद्य काल कहा जाता है।

प्रश्न 23.
रहस्यवाद से आप क्या समझते हो?
उत्तर-

  1. महादेवी वर्मा के शब्दों में, “अपनी सीमा को असीम तत्त्व में खोजना ही रहस्यवाद है।”
  2. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के शब्दों में, “चिन्तन के क्षेत्र में जो अद्वैतवाद है. भावना के क्षेत्र में वही रहस्यवाद है।”

प्रश्न 24.
(अ) रहस्यवाद के दो कवियों के नाम तथा उनकी रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर-

  1. कबीर (कबीर ग्रन्थावली)
  2. मलिक मोहम्मद जायसी (पद्मावत)।

(ब) सूर एवं तुलसीदास की भक्ति भावना की दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-
सूरदास-

  1. सखा भाव की भक्ति,
  2. कृष्ण का लोक रंजन रूप का चित्रण।

तुलसीदास

  1. दास भाव की भक्ति,
  2. राम का लोकरक्षक रूप में अंकन।

प्रश्न 25.
रीतिबद्ध एवं रीतिमुक्त काव्य से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
रीति का आशय है काव्य शास्त्रीय लक्षण। रीतिकाल में जो काव्य रचनाएँ काव्यशास्त्र की रीतियों अथवा लक्षणों के आधार पर लिखे गये, वे रीतिबद्ध काव्य की कोटि में आते हैं।

प्रश्न 26.
लोकायतन महाकाव्य के रचयिता कौन हैं?
उत्तर-
इसके रचयिता महाकवि सुमित्रानन्दन पन्त हैं।

प्रश्न 27.
हिन्दी साहित्य के प्रथम युग का नाम वीरगाथा काल क्यों पड़ा?
उत्तर-
इस युग में अधिकांशत: वीर रस प्रधान काव्य का सृजन हुआ है। इसलिए इस युग का नाम वीरगाथा काल पड़ा।

(ग) लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रीतिकाल के लिए कौन-कौन-से नाम सुझाये गये हैं? नामकरण करने वाले लेखकों के नाम लिखिए।
उत्तर-
रीतिकाल के विभिन्न नाम और नामकरण करने वाले लेखकों के नाम इस प्रकार हैं

  • रीतिकाल-आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
  • कला काल-डॉ. रमाशंकर शुक्ल ‘रसाल’
  • अलंकृत काल-मिश्र बन्धु
  • श्रृंगार काल-आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र।

प्रश्न 2.
रीतिबद्ध और रीतिमुक्त काव्य में अन्तर बताइए।
उत्तर-
रीतिबद्ध काव्य में रीतिकालीन काव्य के समस्त बन्धनों एवं रूढ़ियों का दृढ़ता से पालन किया जाता था।

रीतिमुक्त कविता में रीतिकाल की परम्परा के साहित्यिक बन्धनों एवं रूढ़ियों से मुक्त स्वच्छन्द रूप से काव्य रचना की जाती थी।

प्रश्न 3.
“रीतिकाल की कविता, कविता न होकर राज दरवार की वस्तु है।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
इस काल में प्रत्येक कवि इस बात का प्रयत्न करता था कि वह अन्य कवियों से आगे निकल जाये। फलस्वरूप अपने आश्रयदाता को प्रसन्न करने के निमित्त कविता की रचना करने का प्रयास करता था। इस प्रकार कविता, कविता न होकर राज दरबार की सीमा तक सिमट कर रह गई।

प्रश्न 4.
रीतिकाल की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए। [2016]
उत्तर-
रीतिकाल की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं

  • रीति या लक्षण ग्रन्थों की रचना,
  • श्रृंगार रस की प्रधानता,
  • काव्य में कलापक्ष की प्रधानता,
  • मुक्तक काव्य की प्रमुखता,
  • ब्रजभाषा का चरमोत्कर्ष,
  • आश्रयदाताओं की प्रशंसा,
  • प्रकृति का उद्दीपन रूप में चित्रण,
  • नीतिपरक सूक्तियों की रचना,
  • दोहा, सवैया, कवित्त छन्दों की प्रचुरता।

प्रश्न 5.
भारतेन्दुयुगीन काव्य की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए। [2018]
उत्तर-
भारतेन्दु युग की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

  • समाज में फैली कुरीतियों, आडम्बरों, अंग्रेजों के अत्याचारों आदि का चित्रण कर जन-जागरण करना,
  • भारत के प्राचीन गौरव तथा नवीन आवश्यकताओं का चित्रण,
  • देश-प्रेम तथा राष्ट्रीयता का उद्घोष,
  • प्रेम, सौन्दर्य और प्रकृति के विविध रूपों का अंकन,
  • सरल एवं सुबोध भाषा शैली।

प्रश्न 6.
आधुनिक काल की कविता के इतिहास को कितने कालों में विभाजित किया गया है? प्रत्येक काल के एक-एक कवि का नाम लिखिए। [2009]
उत्तर-
आधुनिक काल की कविता के इतिहास को निम्नलिखित प्रकार से विभाजित किया गया है-
काल – प्रमुख कवि

  1. छायावाद – जयशंकर प्रसाद
  2. प्रगतिवाद – सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
  3. प्रयोगवाद – अज्ञेय
  4. नई कविता – गिरिजाकुमार माथुर

प्रश्न 7.
आधुनिक काल की चार विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर-

  • राष्ट्रीय चेतना के स्वर मुखरित हैं।
  • साहित्य की विभिन्न विधाओं का सृजन हुआ है।
  • अंग्रेजी तथा बाल साहित्य का प्रभाव दृष्टिगोचर है।
  • खड़ी बोली का प्रयोग है।
  • प्राचीन एवं नवीन का समन्वय।

प्रश्न 8.
छायावादी काव्य का परिचय दीजिए तथा प्रमुख कवियों के नाम का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
जिस काव्य में भावुकतापूर्ण व्यक्तिगत सूक्ष्म अनुभूतियों का चित्रण छाया रूप में किया गया है,मनीषियों ने छायावादी काव्य के नाम से सम्बोधित किया है। काव्य चित्रों के छाया रूप चित्रण के कारण ही छायावादी काव्य में दार्शनिकता रहस्यात्मकता दिखायी देती है।

महादेवी वर्मा,जयशंकर प्रसाद एवं सुमित्रानन्दन पन्त प्रमुख छायावादी कवि हैं।

प्रश्न 9.
छायावादी काव्य की विशेषताएँ लिखिए। [2009, 15]
उत्तर-
छायावादी काव्य की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  • छायावादी काव्य में कल्पना को प्रधानता दी गई है।
  • प्रकृति को चेतन मानते हुए उसका सजीव चित्रण किया गया है।
  • प्रेम और सौन्दर्य की व्यंजना हुई है।
  • भाषा अत्यन्त ही सरल तथा लाक्षणिक कोमलकान्त पदावली युक्त है।
  • छन्दों तथा अलंकारों का नवीनतम् प्रयोग किया गया है।

प्रश्न 10.
प्रगतिवादी प्रमुख कवियों के नामों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
प्रगतिवादी प्रमुख कवि इस प्रकार हैं-

  • सुमित्रानन्दन पन्त,
  • सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’,
  • भगवतीचरण वर्मा,
  • रामधारी सिंह ‘दिनकर’,
  • नरेन्द्र शर्मा,
  • डॉ. रामविलास शर्मा,
  • शिवमंगल सिंह ‘सुमन’,
  • नागार्जुन,
  • केदारनाथ अग्रवाल।

प्रश्न 11.
प्रगतिवादी युग की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
प्रगतिवादी काव्यधारा में पूँजीवादी व्यवस्था का विरोध करते हुए साम्यवाद का रूपान्तरण हुआ है। प्रगतिवादी युग की विशेषताएँ इस प्रकार हैं

  • साम्यवादी विचारधारा (विशेष रूप से कार्ल मार्क्स से प्रभावित),
  • मानवतावादी दृष्टिकोण,
  • पूँजीपति के प्रति विद्रोह,
  • शोषितों के प्रति सहानुभूति,
  • छन्दों के बन्धन की उपेक्षा,
  • ‘कला को कला के लिए’ न मानकर ‘कला को जीवन के लिए’ का सिद्धान्त अपनाया।

प्रश्न 12.
प्रयोगवादी काव्यधारा का संक्षिप्त परिचय दीजिये।
उत्तर-
प्रयोगवाद हिन्दी साहित्य की आधुनिकतम विचारधारा है। इसका एकमात्र उद्देश्य प्रगतिवाद के जनवादी दृष्टिकोण का विरोध करना है। प्रयोगवादी कवियों ने काव्य के भावपक्ष एवं कलापक्ष दोनों को ही महत्त्व दिया है। इन्होंने प्रयोग करके नये प्रतीकों, नये उपमानों एवं नवीन बिम्बों का प्रयोग कर काव्य को नवीन छवि प्रदान की है। प्रयोगवादी कवि अपनी मानसिक तुष्टि के लिए कविता की रचना करते थे। प्रयोगवादी कविता का प्रारम्भ 1943 ई. में अज्ञेय के ‘तारसप्तक’ के प्रकाशन से माना जाता है।

प्रश्न 13.
प्रयोगवाद की दो विशेषताएँ लिखिए। [2009, 14]
अथवा
प्रयोगवादी कविता की कोई तीन विशेषताएँ कौन-कौन-सी हैं?
उत्तर-

  • जीवन का यथार्थ चित्रण।
  • भाषा का स्वच्छन्द प्रयोग किया गया।
  • नवीन उपमानों का प्रयोग किया गया।
  • व्यक्तिवाद को प्रधानता।।

प्रश्न 14.
प्रयोगवादी प्रमुख कवियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
प्रयोगवादी प्रमुख कवि इस प्रकार हैं

  • सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ प्रवर्तक,
  • गिरिजाकुमार माथुर,
  • प्रभाकर माचवे,
  • नेमिचन्द्र जैन,
  • भारत भूषण,
  • धर्मवीर भारती,
  • गजानन माधव मुक्तिबोध,
  • शकुन्त माथुर,
  • रामविलास शर्मा,
  • भवानीप्रसाद मिश्र,
  • जगदीश गुप्त आदि।

प्रश्न 15.
नई कविता की प्रमुख विशेषताएँ बताइए। [2009]
अथवा
नई कविता की दो विशेषताएँ लिखते हुए दो कवियों के नाम लिखिए। [2016]
उत्तर-
सन् 1950 ई. के बाद नई कविता के नये रूप का शुभारम्भ हुआ। प्रयोगवादी कविता ही विकसित होकर नई कविता कहलायी। यह कविता किसी भी प्रकार के वाद के बन्धन में न बँधकर वाद मुक्त होकर रची गयी। इस प्रकार यह नया काव्य परम्परागत न होकर इतना अलग हो गया कि इसे कविता न कहकर अकविता कहा जाने लगा। नई कविता की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं

  • नये प्रतीकों व बिम्बों का प्रयोग,
  • अति यथार्थता,
  • पलायन की प्रवृत्ति,
  • वैयक्तिकता,
  • निराशावाद,
  • बौद्धिकता।

नई कविता के प्रमुख कवि-डॉ.जगदीश चन्द्र गुप्त,सोम ठाकुर, दुष्यन्त कुमार।

प्रश्न 16.
तृतीय तारसप्तक कब प्रकाशित हुआ? इसके सात कवियों के नामों का भी उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
तीसरा सप्तक’ सन् 1959 ई.में प्रकाशित हुआ। इसके सात कवि इस प्रकार हैं

  • केदारनाथ सिंह,
  • कुँवर नारायण,
  • प्रयाग नारायण त्रिपाठी,
  • मदन वात्स्यायन,
  • कीर्ति चौधरी,
  • विजय देव नारायण साही,
  • सर्वेश्वर दयाल सक्सेना।

प्रश्न 17.
वर्तमान हिन्दी काव्य से सम्बन्धित दो प्रमुख प्रवृत्तियाँ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
वर्तमान हिन्दी काव्य की प्रवृत्तियाँ इस प्रकार हैं-
(1) नारी के प्रति परिवर्तित दृष्टिकोण,
(2) यथार्थवादी चित्रण।

प्रश्न 18.
नई कविता के प्रवर्तक कवि तथा दो जीवित कवियों का नाम लिखिए।
अथवा
नई कविता के प्रमुख कवि बताइए। [2009]
उत्तर-
नई कविता के प्रवर्तक कवि डॉ. जगदीश चन्द्र गुप्त हैं। वर्तमान में नई कविता के प्रमुख कवि हैं

  • सोम ठाकुर,
  • दुष्यन्त कुमार।

प्रश्न 19.
नई कविता की संज्ञा किस प्रकार की कविताओं को दी गयी है?
उत्तर-
जिन कविताओं में आधुनिक युगीन भावों तथा विचारों की अभिव्यक्ति नवीन भाषाशिल्पों के द्वारा होती है, उसे नई कविता की संज्ञा दी जाती है। बौद्धिकता, क्षणवाद, संघर्ष तथा व्यक्तिगत कुंठाओं की नवीन काव्य धारा में प्रधानता होती है।

प्रश्न 20.
द्विवेदी युग की कविता की तीन विशेषताएँ लिखकर दो कवियों के नाम लिखिए। [2011]
उत्तर-
द्विवेदी युग की कविता की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

  • यथार्थ प्रधान भाव,
  • हिन्दी खड़ी बोली का प्रयोग,
  •  समाज सुधार की भावना।

कवि-

  • मैथिलीशरण गुप्त,
  • अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’।

MP Board Class 10th Hindi Solutions

The Complete Educational Website

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *