MP Board Class 10th Maths | त्रिभुज
MP Board Class 10th Maths | त्रिभुज
MP Board Class 10th Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज
MP Board Class 10th Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.1
प्रश्न 1.
कोष्ठकों में दिए शब्दों में से सही शब्दों का प्रयोग करते हुए रिक्त स्थानों को भरिए :
(i) सभी वृत्त ……………….. होते हैं। (सर्वांगसम, समरूप)
(ii) सभी वर्ग………………. होते हैं। (समरूप, सर्वांगसम)
(iii) सभी …………… त्रिभुज समरूप होते हैं। (समद्विबाहु, समबाहु)
(iv) भुजाओं की समान संख्याओं वाले दो बहुभुज समरूप होते हैं, यदि
(a) उनके संगत कोण ………………. हों, तथा
(b) उनकी संगत भुजाएँ ……………….. हों। (बराबर, समानुपाती)
हल :
(i) समरूप,
(ii) समरूप,
(iii) समबाहु,
(iv) (a) बराबर, (b) समानुपाती।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित युग्मों के दो भिन्न-भिन्न उदाहरण दीजिए :
(i) समरूप आकृतियाँ,
(ii) ऐसी आकृतियाँ जो समरूप नहीं हैं।
हल :
(i) (a) सभी वृत्त,
(b) सभी वर्ग।
(ii) (a) सभी चतुर्भुज,
(b) सभी त्रिभुज।
प्रश्न 3.
बताइए कि निम्नलिखित चतुर्भुज समरूप हैं या नहीं :

हल :
नहीं हैं।
MP Board Class 10th Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.2
प्रश्न 1.
संलग्न आकृत्ति 6.2
(i) और
(ii) में DE || BC है।
आकृति
(i) में EC और
(ii) में AD ज्ञात कीजिए।
हल :
(i) ∵
DE || BC
1.5 EC = 1 x 3 = 3
EC = 31.5
= 2cm
⇒ अतः EC का अभीष्ट मान 2 cm है।
(ii) चूँकि DE || BC
अत: AD का अभीष्ट मान 2.4 cm है।
प्रश्न 2.
किसी ∆PQR की भुजाओं PQ और PR पर क्रमशः बिन्द E और F स्थित हैं। निम्नलिखित में से प्रत्येक स्थिति के लिए बताइए कि क्या EF || QR है?
(i) PE = 3.9 cm, EQ = 3 cm, PF = 3.6 cm और FR = 2.4 cm
(ii) PE = 4 cm, QE = 4:5 cm, PF = 8 cm और RF = 9 cm
(iii) PQ = 1.28 cm, PR = 2.56 cm, PE = 0.18 cm और PF = 0.36 cm
एक ∆PQR दिया है जिसकी भुजा PQ एवं PR पर क्रमश: E एवं F बिन्दु स्थित हैं। (देखिए संलग्न आकृति)
अब (i) ∵
अतः EF QR के समान्तर नहीं है।
(ii) ∵
अतः EF एवं QR समान्तर हैं।
(iii) ∵
अत: EF एवं QR समान्तर हैं।
प्रश्न 3.
संलग्न आकृति 6.4 में यदि LM || CB और LN || CD हो, तो सिद्ध कीजिए कि AMAB=ANAD है।
चूँकि ∆ABC में LM || CB (दिया है)
AMAB=ALAC …(1)
चूँकि ∆ACD में, LN || CD (दिया है)
[समीकरण (1) एवं (2) से]
इति सिद्धम्
प्रश्न 4.
संलग्न आकृति 6.5 में DE || AC और DF || AE है। सिद्ध कीजिए कि 12 है।
चूँकि ∆BAC में, DE || AC (दिया है)
BEEC=BDDA ……(1)
चूँकि ∆BAE में, DF || AE (दिया है)
(समीकरण (1) एवं (2) से)
इति सिद्धम्
प्रश्न 5.
संलग्न आकृति 6.6 में DE || OQ और DF || OR है। दर्शाइए कि EF || QR है।
चूँकि ∆PQO में, ED || QO (दिया है)
PEEQ=PDDO …(1)
चूँकि ∆POR में, DF || OR (दिया है)
[समीकरण (i) एवं (ii) से]
⇒ EF, ∆PQR की भुजाओं PQ एवं PR को क्रमशः E और F पर समानुपात में विभाजित कर रही है।
इति सिद्धम्
प्रश्न 6.
संलग्न आकृति 6.7 में क्रमशः OP, OQ और OR पर स्थित बिन्दु A, B और C इस प्रकार हैं कि AB || PQ और AC || PR है। दर्शाइए कि BC || QR.
चूँकि ∆OPQ में, AB || PQ (दिया है)
OBBQ=OAAP …(1)
चूँकि ∆OPR में AC || PR (दिया है)
[समीकरण (1) एवं (2) से]
⇒ ∆OQR की भुजाओं OQ एवं OR को BC क्रमशः B और C पर समानुपात में विभाजित कर रही है।
BC || QR.
इति सिद्धम्
प्रश्न 7.
प्रमेय 6.1 का प्रयोग करते हुए सिद्ध कीजिए कि एक त्रिभुज की एक भुजा के मध्य-बिन्दु से होकर दूसरी भुजा के समान्तर खींची गई रेखा तीसरी भुजा को समद्विभाजित करती है।
मान लीजिए ∆POR एक दिया हुआ त्रिभुज है जिसकी भुजा PQ के मध्य-बिन्दु S से ST||QR एक रेखा खींची गई है जो PR को बिन्दु T पर प्रतिच्छेद करती है। (देखिए संलग्न आकृति 6.8) चूँकि S, PQ का मध्य-बिन्दु दिया है।
PS = SQ
⇒PSSQ ..(1)
चूँकि ∆PQR में, ST||QR
[समीकरण (1) एवं (2) से] .
PT = TR
⇒ ST, PR को समद्विभाजित करती है।
अतः किसी त्रिभुज में एक भुजा के मध्य-बिन्दु से दूसरी भुजा के समान्तर खींची गई रेखा तीसरी भुजा को समद्विभाजित करती है।
इति सिद्धम्
प्रश्न 8.
प्रमेय 6.2 का प्रयोग करते हुए सिद्ध कीजिए कि एक त्रिभुज की किन्हीं दो भुजाओं के मध्य-बिन्दुओं को मिलाने वाली रेखा तीसरी भुजा के समान्तर होती है।
हल :
मान लीजिए ∆PQR एक दिया हुआ त्रिभुज है, जिसकी भुजाओं PQ और PR के मध्य-बिन्दु क्रमशः S एवं T हैं। ST को मिलाया गया है। (देखिए संलग्न आकृति)
चूँकि PS = SQ एवं PT = TR (दिया है)
PSSQ=1 …(1)
PTTR ….(2)
समीकरण (1) व (2) से,
⇒ PSSQ=PTTR (समानुपाती हैं)
⇒ रेखा ST, ∆POR की दो भुजाओं PQ एवं PR को क्रमशः S एवं T बिन्दुओं पर 1 : 1 के समानुपात में विभाजित करती है।
⇒ ST || QR (प्रमेय : 6.2 से)
अतः एक त्रिभुज की किन्हीं दो भुजाओं के मध्य-बिन्दुओं को मिलाने वाली रेखा तीसरी भुजा के समान्तर होती है।
इति सिद्धम्
प्रश्न 9.
ABCD एक समलम्ब है, जिसमें AB || DC है तथा इसके विकर्ण परस्पर बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करते हैं। दर्शाइए कि AOBO=CODO है।
हल :
ज्ञातहैः एकसमलम्बचतुर्भुज ABCD जिसकीभुजाएँ AB||DC एवं जिसके विकर्ण AC एवं BD परस्पर O बिन्दु पर प्रतिच्छेद करते हैं (देखिए संलग्न आकृति 6.10)
रचना : एक रेखा EF || AB || DC खींचिए।
अब चूँकि ∆ADC में, EF || DC (रचना से)
⇒ AEED=AOCO ….(1) [प्रमेय : 6.1 से]
चूँकि ∆DAB में, EF || AB (रचना से)
वैकिल्पक विधि:
समलम्ब ₹ ABCD में AB || DC एवं विकर्ण AC एवं BD बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करते हैं। (देखिए संलग्न आकृति 6.11)
चूँकि AB || DC (दिया है)
एवं AC तिर्यक रेखा है।
∠OAB = ∠OCD …(1) (एकान्तर कोण हैं)
चूँकि AB || DC (दिया है) एवं BD तिर्यक रेखा है।
∠OBA = ∠ODC ….(2) (एकान्तर कोण हैं)
चूँकि ∠AOB = ∠DOC …(3) (शीर्षाभिमुख कोण हैं)
∆AOB एवं ∆COD के तीनों संगत कोण बराबर हैं। [समीकरण (1), (2) एवं (3) से]
∆AOB ~ ∆COD [AAA समरूपता]
BODO=AOCO
AOBO=CODO
इति सिद्धम्
प्रश्न 10.
एक चतुर्भुज ABCD के विकर्ण परस्पर बिन्दु O पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करते हैं कि AOBO=CODO है। दर्शाइए कि ABCD एक समलम्ब है।
हल :
ABCD एक चतुर्भुज दिया है, जिसके विकर्ण AC और BD परस्पर O बिन्दु पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करते हैं कि
AOBO=CODO
त्रिभुज OAB एवं त्रिभुज OCD में,
∠AOB = ∠COD [शीर्षाभिमुख कोण हैं]
[समानुपात में हैं।
[ये बराबर कोणों को अन्तर्गत करने वाली भुजाएँ हैं।]
⇒ ∆OAB ~ ∆OCD [SAS समरूपता]
⇒ ∠OAB = ∠OCD [संगत कोण बराबर होते हैं।]
लेकिन ये एकान्तर कोण हैं।
⇒ AB || DC
अतः ABCD एक समलम्ब है।
इति सिद्धम्
MP Board Class 10th Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.3
प्रश्न 1.
बताइए कि संलग्न आकृति 6.13 में दिए हुए त्रिभुजों के युग्मों के कौन-कौन से युग्म समरूप हैं। उस समरूपता कसौटी को लिखिए, जिसका प्रयोग आपने उत्तर देने में किया है तथा साथ ही समरूप त्रिभुजों को सांकेतिक रूप में व्यक्त कीजिए।
हल :
(i) ∵ ∠A = ∠P, ∠B = ∠Q एवं ∠C = ∠R
⇒ ∆ABC ~ ∆PQR [AAA समरूपता]
अतः अभीष्ट ∆ABC ~ ∆PQR समरूप त्रिभुज हैं।
(ii) ∵
∆ABC ~ ∆QPR [SSS समरूपता]
अतः अभीष्ट ∆ABC ~ ∆QRP समरूप त्रिभुज हैं।
(iii) ∵
अतः अभीष्ट ∆LMP ≠ ∆DEF समरूप त्रिभुज नहीं हैं।
(iv) ∵
जो समानुपाती हैं तथा बराबर कोणों को अन्तर्गत करने वाली भुजाएँ हैं।
∆MNL ~ ∆PQR [SAS समरूपता]
अत: अभीष्ट ∆MNL ~ ∆POR समरूप त्रिभुज हैं।
(v) ∵
एवं ∠A = ∠F = 80°
यहाँ ∠F तो अन्तर्गत है, लेकिन ∠A अन्तर्गत नहीं है।
अत: ∆ABC एवं ∆DEF समरूप त्रिभुज नहीं हैं।
(vi) ∵ ∆DEF में, ∠F = 180° – (70° + 80°) = 180° – 150° = 30°
एवं ∆PQR में, ∠P = 180° – (80° + 30°) = 180° – 110° = 70°
अतः ∠D = ∠P = 70°, ∠E = ∠Q = 80° एवं ∠F = ∠R = 30°
∆DEF ~ ∆PQR [AAA समरूपता]
अत: अभीष्ट ∆DEF ~ ∆PQR समरूप त्रिभुज हैं।
प्रश्न 2.
संलग्न आकृति 6.14 में ∆ODC ~ ∆OBA, ∠BOC = 125° और ∠CDO = 70° हैं। ∠DOC, ∠DCO और ∠OAB ज्ञात कीजिए।
∵ ∠DOC + ∠COB = 180° [रैखिक युग्म हैं।]
∵∠DOC = 180° – ∠COB
= 180° – 125° = 55°
[∵∠COB = 125° दिया है।]
∵∠DCO + ∠CDO = ∠COB [∠COB बहिष्कोण है।]
⇒∠DCO + 70° = 125° [∵ ∠CDO = 70° एवं ∠COB = 70° दिए हैं।]
⇒∠DCO = 125° – 70° = 55°
∵∆ODC ~ ∆OBA
⇒∠OAB = ∠OCD = ∠DCO = 55° [संगतकोण हैं]
अतः अभीष्ट ∠DOC = 55°, ∠DCO = 55° एवं ∠OAB = 55°.
प्रश्न 3.
समलम्ब ABCD, जिसमें AB || DC है, के विकर्ण AC और BD परस्पर O पर प्रतिच्छेद करते हैं। दो त्रिभजों की समरूपता कसौटी का प्रयोग करते हुए दर्शाइए कि OAOC=OBOD है।
ज्ञातहैः एकसमलम्बचतुर्भुज ABCD जिसकीभुजाएँ AB||DC एवं जिसके विकर्ण AC एवं BD परस्पर O बिन्दु पर प्रतिच्छेद करते हैं (देखिए संलग्न आकृति 6.10)
रचना : एक रेखा EF || AB || DC खींचिए।
अब चूँकि ∆ADC में, EF || DC (रचना से)
⇒ AEED=AOCO ….(1) [प्रमेय : 6.1 से]
चूँकि ∆DAB में, EF || AB (रचना से)
वैकिल्पक विधि:
समलम्ब ₹ ABCD में AB || DC एवं विकर्ण AC एवं BD बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करते हैं। (देखिए संलग्न आकृति 6.11)
चूँकि AB || DC (दिया है)
एवं AC तिर्यक रेखा है।
∠OAB = ∠OCD …(1) (एकान्तर कोण हैं)
चूँकि AB || DC (दिया है) एवं BD तिर्यक रेखा है।
∠OBA = ∠ODC ….(2) (एकान्तर कोण हैं)
चूँकि ∠AOB = ∠DOC …(3) (शीर्षाभिमुख कोण हैं)
∆AOB एवं ∆COD के तीनों संगत कोण बराबर हैं। [समीकरण (1), (2) एवं (3) से]
∆AOB ~ ∆COD [AAA समरूपता]
BODO=AOCO
AOBO=CODO
इति सिद्धम्
प्रश्न 4.
संलग्न आकृति 6.15 में, QRQS=QTPR तथा ∠1 = ∠2 है। दर्शाइए कि ∆PQS ~ ∆TQR
∵ ∆PQR में, ∠O = ∠R
[∵ ∆PQR में, ∠PQR = 21 एवं ∠PRQ = ∠2 एवं ∠1 = ∠2 दिया है]
PQ = PR …(1) [बराबर कोणों को सम्मुख भुजाएँ हैं|
अब ∆PQS एवं ∆TQR में,
चूँकि ∠PQS = ∠TOR = ∠Q
QSQP=QRQT [समीकरण (3) से]
[जो कि उपरोक्त उभयनिष्ठ कोणों को अन्तर्गत करने वाली भुजाएँ हैं।]
∆PQS ~ ∆TQR. SAS समरूपता]
इति सिद्धम्
प्रश्न 5.
त्रिभुज PQR की भुजाओं PR और QR पर क्रमशः बिन्द S और T इस प्रकार स्थित हैं कि ∠P = ∠RTS है। दर्शाइए कि ∆RPQ ~ ∆RTS.
मान लीजिए कि ∆PQR की भुजाओं PR और QR पर बिन्दु S और T इस प्रकार दिए हैं कि ∠P = ∠RTS
अब ∆RPQ और ∆RTS में,
∠RPQ = ∠RTS [दिया है।]
∠QRP= ∠SRT [चित्रानुसार उभयनिष्ठ है]
∆PQR ~ ∆RTS [AA समरूपता]
इति सिद्धम्
प्रश्न 6.
संलग्न आकृति 6.17 में यदि ∆ABE ≅ ∆ACD है, तो दर्शाइए कि ∆ADE ~ ∆ABC.
∵ ∆ABE ≅ ∆ACD दिया है
⇒ AB = AC …(1) [CPCT]
AE = AD …(2) [CPCT]
⇒ AEAB=ADAC …(3)
[समीकरण (1) एवं (2) से]
अब ∆ADE और ∆ABC में,
∵∠DAE = ∠BAC [उभयनिष्ठ है]
∵AEAB=ADAC [समीकरण (3) से]
[ये भुजाएँ बराबर कोणों को अन्तर्गत करने वाली भुजाएँ हैं।]
⇒∆ADE ~ ∆ABC.
[SAS समरूपता]
इति सिद्धम्
प्रश्न 7.
संलग्न आकृति 6.18 में शीर्षलम्ब AD और CE परस्पर बिन्दु P पर प्रतिच्छेद करते हैं। दर्शाइए कि :
(i) ∆AEP ~ ∆CDP
(ii) ∆ABD ~ ∆CBE
(iii) ∆AEP ~ ∆ADB
(iv) ∆PDC ~ ∆BEC.
∠D = ∠E
[∵ AD ⊥ BC एवं CE ⊥ AB, दिया है]
(i) ∆AEP और ∆CDP में,
∠E = ∠D [दिया है]
∠APE = ∠CPD शीर्षाभिमुख कोण हैं।
∆AEP ~ ∆CDP. [AA समरूपता से]
इति सिद्धम्
(ii) ∆ABD और ∆CBE में,
∠ABD = ∠CBE [चित्रानुसार उभयनिष्ट है]
∠D = ∠E [दिया है।]
∆ABD ~ ∆CBE. [AA समरूपता से]
इति सिद्धम्
(iii) ∆AEP और ∆ADB में,
∠EAP = ∠DAB [चित्रानुसार उभयनिष्ठ हैं]
∠E = ∠D [दिया है]
∆AEP ~ ∆ADB. [AA समरूपता से]
इति सिद्धम्
(iv) ∆PDC और ∆BEC में,
∠D = ∠E [दिया है]
∠PCD = ∠BCE [चित्रानुसार उभयनिष्ठ हैं]
∆PDC ~ ∆BEC. [AA समरूपता से]
इति सिद्धम्
प्रश्न 8.
समान्तर चतुर्भुज ABCD की बढ़ाई गई भुजा AD पर स्थित E एक बिन्दु है तथा BE भुजा CD को F पर प्रतिच्छेद करती है। दर्शाइए कि ∆ABE ~ ∆CFB है।
ABCD एक दिया हुआ समान्तर चतुर्भुज है जिसकी बढ़ी हुई भुजा AD पर E कोई बिन्दु है। BE, CD को बिन्दु F पर प्रतिच्छेद करती है।
∆ABE और ∆CFB में,
∵∠A = ∠C [समान्तर चतुर्भुज के सम्मुख कोण हैं]
∵∠ABE = ∠CFB [एकान्तर कोण हैं।]
[∵ AB || DC एवं BE तिर्यक रेखा है।]
∆ABE ~ ∆CFB.
[AA समरूपता से]
इति सिद्धम्
प्रश्न 9.
संलग्न आकृति 6.20 में ABC और AMP दो समकोण त्रिभुज हैं जिनके कोण B और M समकोण हैं। सिद्ध कीजिए कि:
(i) ∆ABC ~ ∆AMP
(ii) CAPA=BCMP
हल :
(i) ∆ABC और ∆AMP में,
∠B = ∠M = 90° [समकोण दिए हैं।]
∠CAB = ∠PAM [चित्रानुसार उभयनिष्ठ हैं]
∆ABC ~ ∆AMR. [AA समरूपता से]
इति सिद्धम्
(ii) ∆ABC ~ ∆AMP [सिद्ध कर चुके हैं]
CAPA=BCMP
[क्योंकि दो समरूप त्रिभुजों की संगत भुजाएँ समानुपाती होती हैं।]
इति सिद्धम्
प्रश्न 10.
CD और GH क्रमशः ∠ACB और ∠EGF के ऐसे समद्विभाजक हैं कि बिन्दु D और H क्रमशः ∆ABC और ∆FEG की भुजाओं AB और FE पर स्थित है। यदि ∆ABC ~ ∆FEG, तो दर्शाइए कि:
(i) CDGH=ACFG
(ii) ∆DCB ~ ∆HGE
(iii) ∆DCA ~ ∆HGF
हल :
दिया है : ∆ABC ~ ∆FEG, CD एवं GH क्रमशः कोण ∠ACB और ∠EGF के ऐसे समद्विभाजक हैं कि D और H क्रमश: ∆ABC और ∆FEG की भुजाओं AB और FE पर स्थित हैं।
∆ABC ~ ∆FEG [दिया है]
∠A = ∠F, ∠B = ∠E एवं ∠C = ∠G …(1)
ABFE=BCEG=CAGF …(2) [समरूप त्रिभुजों के प्रगुण]
∠ACD = ∠BCD = ∠EGH = ∠FGH [बराबर कोणों ∠C एवं ∠G के आधे हैं।]
(i) ∆ACD और ∆FGH में,
चूँकि ∠A = ∠F [समीकरण (1) से]
∠ACD = ∠FGH [समीकरण (3) से]
∆ACD ~ ∆FGH [AA समरूपता]
CDGH=ACFG [समरूप त्रिभुजों के प्रगुण]
इति सिद्धम्
(ii) ∆DCB और ∆HGE में,
चूँकि ∠B = ∠E [समीकरण (1) से]
एवं ∠BCD = ∠EGH [समीकरण (3) से]
∆DCB ~ ∆HGE. [AA समरूपता से]
इति सिद्धम्
(iii) ∆DCA और ∆HGF में,
चूँकि ∠A = ∠F [समीकरण (1) से]
एवं ∠ACD = ∠FGH [समीकरण (3) से]
∆DCA ~ ∆HGF.
[AA समरूपता से]
इति सिद्धम्
प्रश्न 11.
संलग्न आकृति 6.22 में AB = AC वाले एक समद्विबाहु त्रिभुज ABC की बढ़ाई गई भुजा CB पर स्थित E एक बिन्दु है। यदि AD ⊥ BC और EF ⊥ AC है, तो सिद्ध कीजिए कि ∆ABD ~ ∆ECF है।
∆ABD और ∆ECF में,
चूँकि ∠B = ∠C
[AB = AC के सम्मुख एवं कोण हैं।]
∠D = ∠F [AD ⊥ BC, EF ⊥ AC]
∆ABD ~ ∆ECE [AA समरूपता से]
इति सिद्धम्
प्रश्न 12.
एक त्रिभुज ABC की भुजाएँ AB और BC तथा माध्यिका AD एक अन्य त्रिभुज PQR की क्रमशः भुजाओं PQ और QR तथा माध्यिका PM के समानुपाती है [देखिए संलग्न आकृति 6.23] । दर्शाइए कि ∆ABC ~ ∆PQR है।
हल :
दिया है
[चूँकि AD एवं PM माध्यिकाएँ]
अब ∆ABD और ∆PQM में,
∵ ABPQ=ADPM=BDQM [समीकरण (1) एवं (2) में]
⇒ ∆ABD ~ ∆PQM [SSS समरूपता]
⇒ ∠B = ∠Q …(3) [समरूपता त्रिभुजों के प्रगुण]
अब ∆ABC और ∆PQR में,
चूँकि ABPQ=BCQR [समीकरण (1) से]
एवं ∠B = ∠C [समीकरण (3) से]
⇒ ∆ABC ~ ∆PQR. [SAS समरूपता]
इति सिद्धम्
प्रश्न 13.
एक त्रिभुज ABC की भुजा BC पर एक बिन्दु D इस प्रकार स्थित है कि ∠ADC = ∠BAC है। दर्शाइए कि CA² = CB.CD है।
∆ABC की भुजा BC पर कोई बिन्दु D इस प्रकार दिया है कि :
∠ADC = ∠BAC [देखिए संलग्न आकृति 6.24]
∆ABC और ∆DAC में,
‘चूंकि ∠BAC = ∠ADC [दिया है]
∠ACB = ∠DCA [उभयनिष्ठ हैं]
∆ABC ~ ∆DAC [AA समरूपता]
CACD=CBCA [समरूप त्रिभुजों के प्रगुण]
CA.CA = CB.CD
⇒ CA² = CB.CD.
इति सिद्धम्
प्रश्न 14.
एक त्रिभुज ABC की भुजाएँ AB और AC तथा माध्यिका AD एक अन्य त्रिभुज PQR की भुजाओं PQ और PR तथा माध्यिका PM के क्रमशः समानुपाती हैं। दर्शाइए कि ∆ABC ~ ∆PQR है।
दो त्रिभुज ∆ABC एवं ∆PQR दिए हैं जिनकी माध्यिकाएँ क्रमशः AD एवं PM हैं (देखिए संलग्न आकृति 6.25) जिसमें दिया है : ABPQ=ACPR=ADPM=k
(मान लीजिए) …(1)
AB = kPQ, AC = kPR एवं AD = kPM …….(2)
∵∆ABC में AD माध्यिका है, तो अपोलोनियस प्रमेय से,
AB² + AC² = 2AD² + 2BD² …(3)
k²PQ² + K²PR² = 2k²PM² + 2BD² [समीकरण (2) एवं (3) से]
k²(PQ² + PR² – 2PM²) = 2BD²
∆PQR में PM माध्यिका है, तो अपोलोनियस प्रमेय से,
PQ² + PR² = 2PM² + 2QM²
PQ² + PR² – 2PM² = 2QM²…(5)
k²(2QM²) = 2BD² [समीकरण (4) एवं (5) से]
प्रश्न 15.
लम्बाई 6 मीटर वाले एक स्तम्भ की भूमि पर छाया की लम्बाई 4 m है जबकि उसी समय एक मीनार की छाया की लम्बाई 28 m है। मीनार की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
मान लीजिए AB = 6 cm लम्बा एक स्तम्भ है जिसकी छाया BC की लम्बाई 4 m है एवं ∠ABC = 90° तथा ∠C = x° है। आकृति 6.26(a) एवं PQ = h m (मान लीजिए) कि ‘मीनार की छाया QR की लम्बाई 28 m है एवं ∠PQR = 90° तथा ∠R = x° है।
∠C = ∠R = x° (सूर्य का उन्नयन कोण) एवं ∠B = ∠Q = 90°
∆ABC ~ ∆PQR [AA समरूपता]
अत: मीनार की अभीष्ट ऊँचाई = 42 cm है।
प्रश्न 16.
AD और PM त्रिभुओं ABC और PQR की क्रमशः माध्यिकाएँ हैं जबकि ∆ABC ~ ∆PQR है। सिद्ध कीजिए कि ABPQ=ADPM है।
दिया है : AD और PM क्रमशः ∆ABC एवं ∆PQR की माध्यिकाएँ हैं और ∆ABC ~ ∆PQR [देखिए संलग्न आकृति 6.27]
चूँकि
∆ABC ~ ∆PQR (दिया है)
∠B = ∠Q …(1) [समरूप त्रिभुजों के प्रगुण]
एवं
ABPQ=BCQR
[समरूप त्रिभुजों के प्रगुण]
लेकिन BC = 2BD एवं QR = 2QM [D, BC का और M, QR का मध्यबिन्दु है]
ABPQ=2BD2QM=BDQM ….(2)
अब ∆ABD एवं ∆PQM में,
∠B = ∠Q [समीकरण (1) से]
ABPQ=BDQM [समीकरण (2) से]
AABD ~ APQM [SAS समरूपता]
ABPQ=ADPM [समरूप त्रिभुजों के प्रगुण]
इति सिद्धम्
MP Board Class 10th Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.4
प्रश्न 1.
मान लीजिए ∆ABC ~ ∆DEF और इनके क्षेत्रफल क्रमश: 64 cm और 121 cm हैं। यदि EF = 15.4 cm हो, तो BC ज्ञात कीजिए।
हल :
चूँकि ∆ABC ~ ∆DEF [दिया है]
अतः BC का अभीष्ट मान = 11.2 cm.
प्रश्न 2.
एक समलम्ब ABCD जिसमें AB || DC है के विकर्ण परस्पर बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करते हैं। यदि AB = 2CD हो, तो त्रिभुजों AOB और COD के क्षेत्रफलों का अनुपात ज्ञात कीजिए।
∆AOB और ∆COD में,
∵LOAB = ZOCD (एकान्तर कोण हैं)
[यहाँ AB || DC, AC तिर्यक रेखा]
∵ LOBA = ZODC (एकान्तर कोण हैं)
[यहाँ AB || DC, DB तिर्यक रेखा]
∆AOB ~ ∆COD [AA समरूपता]
अतः क्षेत्र. (∆AOB) : क्षेत्र. (∆COD) = 4 : 1.
प्रश्न 3.
संलग्न आकृति 6.29 में एक ही आधार BC पर दो त्रिभुज ABC और DBC बने हुए हैं। यदि AD, BC को O पर प्रतिच्छेद करे, तो दर्शाइए कि ar(ABC)ar(DBC)=AODO हैं।
दिया है : एक ही आधार BC पर दो ∆ABC एवं ∆DBC और AD, BC को बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करती है।
रचना : AE ⊥ BC एवं DF ⊥ BC खींचिए।
अब ∆AEO और ∆DFO में,
चूँकि ∠AEO = ∠DFO = 90° [∵ AE ⊥ BC एवं DF ⊥ BC]
∠AOE = ∠DOF [शीर्षाभिमुख कोण हैं]
∆AEO ~ ∆DFO [AA समरूपता]
AEDF=AODO [समरूप त्रिभुजों के प्रगुण]
[∵ त्रिभुज का क्षेत्रफल = 12 x आधार x शीर्षलम्ब]
ar(ABC)ar(DBC)=AODO [समीकरण (1) एवं (2) से]
इति सिद्धम्
प्रश्न 4.
यदि दो समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफल समान हों, तो सिद्ध कीजिए कि वे त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं।
हल :
मान लीजिए
∆ABC ~ ∆PQR
लेकिन
ar(ABC) = ar(PQR) = x वर्ग मात्रक।
(AB)² = (PQ)², (BC)² = (QR)² एवं (CA)² = (RP)²
AB = PQ, BC = QR एवं CA = RP …(1)
अब ∆ABC और ∆PQR में,
∵ AB = PQ, BC = QR एवं CA = RP [समीकरण (1) से]
∆ABC ≅ ∆PQR. [SSS सर्वांगसमता]
इति सिद्धम्
प्रश्न 5.
एक त्रिभुज ABC की भुजाओं AB, BC एवं CA के मध्य-बिन्दु क्रमश: D, E एवं F हैं। ∆DEF और ∆ABC के क्षेत्रफलों का अनुपात ज्ञात कीजिए।
दिया है : ∆ABC की भुजाओं AB, BC एवं CA के क्रमशः मध्य-बिन्दुओं D, E एवं F को मिलाने से ∆DEF बना है (देखिए संलग्न आकृति 6.30 में)
चूँकि किसी त्रिभुज की दो भुजाओं के मध्य-बिन्दुओं को मिलाने वाला रेखाखण्ड तीसरी भुजा के आधा होता है।
ar(DEF) : ar(ABC) = 1 : 4.
अत: ∆DEF एवं ∆ABC के क्षेत्रफलों का अभीष्ट अनुपात 1 : 4 है।
प्रश्न 6.
सिद्ध कीजिए कि दो समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात इनकी संगत माध्यिकाओं के अनुपात का वर्ग होता है।
मान लीजिए कि दो समरूप ∆ABC ~ ∆PQR हैं, जिनकी संगत माध्यिकाएँ AD एवं PM हैं। (देखिए आकृति 6.31)
चूँकि ∆ABC ~ ∆PQR दिया है।
∠A = ∠P, ∠B = ∠Q
एवं ∠C = ∠R …(1)
एवं ABPQ=BCQR=CARP …(2)
[समरूप त्रिभुजों के प्रगुण]
∵ ABPQ=BCQR=2BD2QM=BDQM ….(3)
[D, BC का एवं M, QR का मध्य-बिन्दु है]
अब ∆ABD एवं ∆PQM में,
∠B = ∠Q [समीकरण (1) से]
अतः दो समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात उनकी संगत माध्यिकाओं के अनुपात का वर्ग होता है।
इति सिद्धम्
प्रश्न 7.
सिद्ध कीजिए कि किसी वर्ग की किसी भुजा पर बनाए गए समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल उसी वर्ग के एक विकर्ण पर बनाए गए समबाहु त्रिभुज के क्षेत्रफल का आधा होता है।
मान लीजिए ABCD एक वर्ग है। जिसका एक विकर्ण AC है। वर्ग की भुजा AD पर समबाहु ∆EAD एवं उसके विकर्ण AC पर समबाहु ∆FAC बने हैं।
चूँकि दो समबाहु त्रिभुज सदैव समरूप होते हैं।
∆EAD ~ ∆FAC
अतः किसी वर्ग की भुजा पर बने समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल उसी वर्ग के विकर्ण पर बने समबाहु त्रिभुज के क्षेत्रफल का आधा होता है।
इति सिद्धम्
प्रश्न 8.
ABC और BDE दो समबाहु त्रिभुज इस प्रकार हैं कि D भुजा BC का मध्य-बिन्दु है। त्रिभुजों ABC और BDE के क्षेत्रफलों का अनुपात है :
(a) 2:1
(b) 1:2
(c) 4:1
(d) 1:4.
सही उत्तर चुनिए और अपने उत्तर का औचित्य दीजिए।
हल :
सही विकल्प (c) 4 : 1 है, क्योंकि ∆ABC ~ ∆BDE क्योंकि समबाहु त्रिभुज समरूप होते हैं एवं
यहाँ AB = 2BD क्योंकि D, AB का मध्य-बिन्दु है।
प्रश्न 9.
दो समरूप त्रिभुजों की भुजाएँ 4:9 के अनुपात में हैं। इन त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात है :
(a) 2:3
(b) 4:9
(c) 81:16
(d) 16:81
सही विकल्प चुनिए तथा अपने उत्तर का औचित्य दीजिए।
हल :
सही विकल्प (d) 16 : 81 है, क्योंकि समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात उनकी संगत भुजाओं के अनुपात का वर्ग होता है। अत: 4 : 9 का वर्ग अनुपात 16 : 81 है।
MP Board Class 10th Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.5
प्रश्न 1.
कुछ त्रिभुजों की भुजाएँ नीचे दी गई है। निर्धारित कीजिए कि इनमें से कौन-कौन से त्रिभुज समकोण त्रिभुज हैं। इस स्थिति में कर्ण की लम्बाई भी लिखिए।
(i) 7 cm, 24 cm, 25 cm
(ii) 3 cm, 8 cm, 6 cm
(iii) 50 cm, 80 cm, 100 cm
(iv) 13 cm, 12 cm, 5 cm.
हल :
(i) (7)² = 49, (24)² = 576 एवं (25)² = 625
चूँकि 49 + 576 = 625
(7)² + (24)² = (25)²
अतः दिया हुआ त्रिभुज समकोण त्रिभुज है, जिसके कर्ण की अभीष्ट लम्बाई 25 cm है।
(ii) यहाँ (3)² = 9, (8)² = 64 एवं (6)² = 36.
चूँकि 9 + 36 = 45 ≠ 64 अर्थात् (3)² + (6)² ≠ (8)²
अतः दिया हुआ त्रिभुज समकोण त्रिभुज नहीं है।
(iii) यहाँ (50)² = 2,500, (80)² = 6,400 एवं (100)² = 10,000
चूँकि 2,500 + 6,400 = 8900 + 10,000 अर्थात् (50)² + (80)² ≠ (100)²
अतः दिया हुआ त्रिभुज समकोण त्रिभुज नहीं है।
(iv) यहाँ (13)² = 169, (12)² = 144 एवं (5)² = 25
चूँकि 144 + 25 = 169
(12)² + (5)² = (13)²
अतः दिया हुआ त्रिभुज एक समकोण त्रिभुज है जिसके कर्ण की अभीष्ट लम्बाई 13 cm है।
प्रश्न 2.
PQR समकोण त्रिभुज है जिसका कोण P समकोण है तथा QR पर बिन्दु M इस प्रकार स्थित है कि PM ⊥ QR है। दर्शाइए कि PM² = QM.MR है।
दिया है समकोण ∆PQR जिसका कोण P समकोण है। इसके समकोण वाले शीर्ष P से कर्ण QR पर लम्ब PM डाला गया है।
∆PMR ~ ∆QMP [प्रमेय 6.7 से]
PMQM=MRPM [समरूप त्रिभुजों के प्रगुण]
PM² = QM.MR.
इति सिद्धम्
प्रश्न 3.
संलग्न आकृति 6.34 में ABD एक समकोण त्रिभुज है, जिसका कोण A समकोण है तथा AC ⊥ BD है। दर्शाइए कि
(i) AB = BC.BD
(ii) AC² = BC.DC
(iii) AD² = BD.CD.
हल :
समकोण त्रिभुज ABD में समकोण बनाने वाले शीर्ष A से BD पर लम्ब AC डाला गया है।
∆ACB ~ ∆DCA ~ ∆DAB …(1) [प्रमेय 6.7 से]
(i) ∆ACB ~ ∆DAB [समीकरण (1) से]
⇒ ABBD=BCAB [समरूप त्रिभुजों के प्रगुण]
⇒ AB² = BC.BD.
इति सिद्धम्
(ii) ∆ACB ~ ∆DCA [समीकरण (1) से]
⇒ ACDC=BCAC [समरूप त्रिभुजों के प्रगुण]
⇒ AC² = BC.DC.
इति सिद्धम्
(iii) ∆DCA ~ ∆DAB [समीकरण (1) से]
⇒ ADBD=CDAD [समरूप त्रिभुजों के प्रगुण]
⇒ AD² = BD.CD.
इति सिद्धम्
प्रश्न 4.
ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है जिसका कोण C समकोण है। सिद्ध कीजिए कि AB² = 2AC² है। (2019)
त्रिभुज एक दिया हुआ समद्विबाहु समकोण त्रिभुज है, जहाँ ∠C समकोण है, तथा
BC = AC …(1)
AB² = BC² + AC² …(2) [पाइथागोरस प्रमेय से]
AB² = AC² + AC²
= 2AC². [समीकरण (1) एवं (2) से]
इति सिद्धम्
प्रश्न 5.
ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है जिसमें AC = BC है। यदि AB² = 2AC² है, तो सिद्ध कीजिए कि ABC एक समकोण त्रिभुज है।
∵ ∆ABC में, AC = BC एवं AB² = 2AC² दिए हुए हैं।
⇒ AB² = AC² + BC² [∵ AC = BC]
⇒ ∠ACB एक समकोण है [प्रमेय 6.9, पाइथागोरस प्रमेय का विलोम]
अत: ABC एक समकोण त्रिभुज है।
इति सिद्धम्
प्रश्न 6.
एक समबाहु त्रिभुज ABC की भुजा 2a है। उसके प्रत्येक शीर्षलम्ब की लम्बाई ज्ञात कीजिए।
∆ABC एक समबाहु त्रिभुज है जिसमें
AB = BC = CA = 2a
हम जानते हैं कि समबाहु त्रिभुजों के शीर्षलम्ब परस्पर बराबर होते हैं तथा सम्मुख भुजाओं को समद्विभाजित करते हैं। समकोण त्रिभुज ADB में ∠D समकोण है [AD ⊥ BC]
तथा कर्ण AB = 2a [दिया है]
BD = a [BD = DC]
अब समकोण ∆ADB में ∠ADB समकोण है।
⇒ AD² = AB² – BD² [पाइथागोरस प्रमेय से]
⇒ AD² = (2a)² – (a)²
⇒ AD² = 4a² – a² = 3a²
⇒ AD = √3a² = a√3
अतः दिए हुए समबाहु ∆ABC को प्रत्येक शीर्षलम्ब की लम्बाई = a√3 है।
प्रश्न 7.
सिद्ध कीजिए कि एक समचतुर्भुज की भुजाओं के वर्गों का योग उसके विकर्णों के वर्गों के योग के बराबर होता है।
मान लीजिए ABCD एक समचतुर्भुज है, जिसके विकर्ण AC और BD परस्पर बिन्दु O पर प्रतिच्छेद करते हैं। हम जानते हैं कि समचतुर्भुज की चारों भुजाएँ बराबर होती हैं तथा उसके विकर्ण परस्पर एक-दूसरे को समकोण पर समद्विभाजित करते हैं एवं समचतुर्भुज को चार सर्वांगसम समकोण त्रिभुजों में बाँटते हैं।
अब समकोण त्रिभुज AOB में, ∠AOB = 90°
⇒ AB² = AO² + BO² [पाइथागोरस प्रमेय से]
= (AC2)2+(BD2)2
[∵ AO = 12 AC एवं BO = 12 BD]
⇒ AB² = 14AC² + 14BD²
⇒ 4AB² = AC² + BD²
⇒ AB² + BC² + CD² + DA² = AC² + BD² [∵ AB = BC = CD = DA]
अतः एक समचतुर्भुज की भुजाओं के वर्गों का योग उसके विकर्णों के वर्गों के योग के बराबर होता है।
इति सिद्धम्
प्रश्न 8.
संलग्न आकृति 6.39 में ∆ABC के अभ्यंतर में स्थित कोई बिन्दु O है, तथा OD ⊥ BC, OE ⊥ CA और OF ⊥ AB है। दर्शाइए कि
(i) OA² + OB² + OC² – OD² – OE² – OF² = AF² + BD² + CE²
(ii) AF² + OB² + CE² = AE² + CD² + BF²
दिया है : ∆ABC के अभ्यंतर में स्थित कोई बिन्दु O तथा
OD ⊥ BC, OE ⊥ CA, OF ⊥ AB
रचना : OA, OB और OC को मिलाइए।
(i) ∵ पाइथागोरस प्रमेय से,
समकोण ∆OFA में,
OA² – OF² = AF² …(1)
समकोण ∆ODB में,
OB² – OD² = BD² ….(2)
एवं समकोण ∆OEC में,
OC² – OE² = CE² …(3)
OA² – OF² + OB² – OD² + OC² – OE² = AF² + BD² + CE²
[समीकरण (1) + (2) + (3) से]
OA² + OB² + OC² – OD² – OE² – OF² = AF² + BD² + CE² …(4)
इति सिद्धम्
(ii) चूँकि पाइथागोरस प्रमेय से,
समकोण ∆OEA में,
OA² – OE² = AE² ….(5)
समकोण ∆OFB में,
OB² – OF² = BF² ….(6)
एवं समकोण ∆ODC में,
OC² – OD² = CD² ….(7)
OA² – OE² + OB² – OF² + OC² – OD² = AE² + BF² + CD²
[समीकरण (5) + (6) + (7) से]
OA² + OB² + OC² – OD² – OE² – OF² = AE² + CD² + BF² …(8)
AF² + BD² + CE² = AE² + CD² + BF²
[समीकरण (4) एवं (8) से]
इति सिद्धम्
प्रश्न 9.
10 m लम्बी एक सीढ़ी एक दीवार पर टिकाने पर भूमि से 8 m की ऊँचाई पर स्थित एक खिड़की तक पहुँचती है। दीवार के आधार से सीढ़ी के निचले सिरे की दूरी ज्ञात कीजिए।
AB एक 10 m लम्बी सीढ़ी है जिसे दीवार BC पर टिकाया गया है। दीवार पर स्थित खिड़की B दीवार पर उसके आधार से 8 m की ऊँचाई तक जाती है। सीढ़ी का निचला सिरा A दीवार के आधार C से AC की दूरी पर है।
अब समकोण ∆BCA में, ∠C = 90°
AC² = AB² – BC² [पाइथागोरस प्रमेय से]
AC² = (10)² – (8)
= 100 – 64
= 36
AC² = √36 = 6 m
अतः सीढ़ी के निचले सिरे की दीवार के आधार से अभीष्ट दूरी = 6 m है।
प्रश्न 10.
18 m ऊँचे एक ऊर्ध्वाधर खम्भे के ऊपरी सिरे से एक तार का एक सिरा जुड़ा हुआ है तथा तार का दूसरा सिरा एक खूटे से जुड़ा हुआ है। खम्भे के आधार से खूटे को कितनी दूरी पर गाढ़ा जाए कि तार तना रहे, जबकि तार की लम्बाई 24 m है।
एक ऊर्ध्वाधर खम्भा AB = 18 m है जो सिरे A से एक तार AC = 24 m से एक खूटे C से जुड़ा है। खम्भे के आधार B से खूटे C की दूरी BC है।
अब समकोण ∆ABC में पाइथागोरस प्रमेय से, चूँकि
BC² = AC² – AB²
BC² = (24)² – (18)²
BC² = 576 – 324
= 252
BC = √252 = 6√7 m
अतः खूटे की खम्भे के आधार से अभीष्ट दूरी = 6√7 m.
प्रश्न 11.
एक हवाई जहाज एक हवाई अड्डे से उत्तर की ओर 1000 km/hr की चाल से उड़ता है। इसी समय एक अन्य हवाई जहाज उसी हवाई अण्डे से पश्चिम की ओर 1200 k/hr की चाल से उड़ता है। 112 घण्टे बाद दोनों हवाई जहाजों के बीच की दूरी कितनी होगी ?
पहले हवाई जहाज द्वारा 112 , घण्टे में उत्तर की ओर चली गई दूरी = 32 x 1000 = 1500 km तथा
दूसरे हवाई जहाज द्वारा 112 घण्टे में पश्चिम की ओर चली गई दूरी = 32 x 1200 = 1800 km जहाज A और B की स्थिति 112 घण्टे बाद दूरी की संलग्न आकृति में प्रदर्शित की गई है तथा उनके बीच की दूरी AB है।
चूँकि समकोण त्रिभुज AOB में ∠AOB समकोण है।
AB² = (AO)² + (BO)²
पाइथागोरस प्रमेय से]
AB² = (1500)² + (1800)²
= 2250000 + 3240000
= 5490000
AB = 5490000−−−−−−−√=90000×61−−−−−−−−−√
= 300√61 km
अतः दोनों हवाई जहाजों के बीच की अभीष्ट दूरी = 300√61 km है।
प्रश्न 12.
दो खम्भे जिनकी ऊँचाइयाँ 6 m और 11 m है तथा ये समतल भूमि पर खड़े हैं। यदि इनके बीच की दूरी 12 m है, तो इनके ऊपरी सिरों के बीच की दूरी ज्ञात कीजिए।
दो खंभे AB = 6m एवं CD = 11m समतल भूमि पर दूरी BD = 12 m पर स्थित है उनके ऊपरी सिरों के बीच की दूरी AC है। (देखिए संलग्न आकृति 6.43) E से AE ⊥ CD खींचिए।
अब समकोण ∆AEC में,
भुजा AE = BD = 12 m एवं ED = AB = 6 m
एवं CD = 11 m
CE = CD – ED
= 11 m – 6 m
= 5m
अब समकोण ∆AEC में (जहाँ ∠AEC = 90°),
AC² = AE² + CE² [पाइथागोरस प्रमेय से]
AC² = (12)² + (5)²
= 144 + 25
= 169
AC = √169 = 13 m
अतः खम्भों के ऊपरी सिरे के बीच की अभीष्ट दूरी = 13 m है।
प्रश्न 13.
एक त्रिभुज ABC जिसका कोण C समकोण है, की भुजाओं CA और CB पर क्रमशः बिन्दु D और E स्थित हैं। सिद्ध कीजिए कि AE² + BD² = AB² + DE² है।
दिया है : ABC एक त्रिभुज जिसका ∠C = 90°. इसकी भुजाओं CA एवं CB पर क्रमशः बिन्दु D और E स्थित हैं।
AE, BD एवं DE को मिलाया गया है।
चूँकि समकोण ∆ACE में, ∠ACE समकोण है
AE² = AC² + EC² ….(1) [पाइथागोरस प्रमेय से]
समकोण ∆BCD में, ∠BCD समकोण है
BD² = BC² + DC² …(2) पाइथागोरस प्रमेय से]
AE² + BD² = AC² + BC² + EC² + DC² …(3)
[समीकरण (1) + (2) से]
समकोण ∆ACB में, ∠ACB समकोण है
AB² = AC² + BC² …(4) [पाइथागोरस प्रमेय से]
समकोण ∆DCE में, ∠DCE समकोण है
DE² = DC² + EC² …(5)
AB² + DE² = AC² + BC² + EC² + DC² …(6) [समीकरण (4) + (5) से]
AE² + BD² = AB² + DE². [समीकरण (3) एवं (6) से]
इति सिद्धम्
प्रश्न 14.
किसी त्रिभुज ABC के शीर्ष A से BC पर डाला गया लम्ब BC को बिन्दु D पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करता है कि DB = 3CD है। (देखिए संलग्न आकृति 6.45) सिद्ध कीजिए कि 2AB² = 2AC² + BC² है।
दिया है : ∆ABC के शीर्ष से शीर्ष लम्ब AD ⊥ BC खींचा गया है जो BC को बिन्दु D पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करता है कि DB = 3 CD
DB = 34 BC
तथा CD = 14 BC ….(1)
समकोण ∆ADB में ∠ADB समकोण है
AB2 = AD2 + BD2 …(2) [पाइथागोरस प्रमेय से]
समकोण ∆ADC में, LADC समकोण है
AC² = AD² + CD² …(3) [पाइथागोरस प्रमेय]
AB² – AC² = BD² – CD² [समीकरण (2) – (3) से]
AB² – AC² = (BD + CD) (BD – CD)
= BC[34BC−14BC] [समीकरण (1) से]
AB² – AC² = BC x 12 BC = 12 BC²
2 AB² – 2AC² = BC²
2AB² = 2 AC² + BC².
इति सिद्धम्
प्रश्न 15.
किसी समाबहु त्रिभुज ABC की भुजा BC पर एक बिन्दु D इस प्रकार स्थित है कि BD = 13 BC. सिद्ध कीजिए कि 9AD² = 7 AB² है।
दिया है : ∆ABC एक समबाहु त्रिभुज जिसकी भुजा BC पर
बिन्दु D इस प्रकार स्थित है कि BD = 13 BC
यहाँ AB = BC = CA ….(1)
एवं BD = 13 BC …(2)
रचना : A से AE ⊥ BC खींचिए।
चूँकि BE = EC = 12 BC = 12 AB_…(3)
[∵ BC = AB]
[∵ समबाहु त्रिभुज का शीर्ष लम्ब आधार को समाद्विभाजित करता है।]
⇒ DE = BE – BD = BC2−BC3 [समीकरण (3) एवं (2) से]
DE=3BC−2BC6=BC6=AB6 …..(4) [∵BC = AB]
∵समकोण ∆AEB में, ∠AEB समकोण है।
⇒ AE² = AB² – BE² ….(5)
∵समकोण ∆AED में, ∠AED समकोण है
⇒ AE² = AD² – DE² …(6)
⇒ AB² – BE² = AD² – DE² …..(7) [समीकरण (5) एवं (6) से]
⇒ 36AB² – 9AB² = 36AD² – AB²
⇒ 36AD² = 36AB² + AB² – 9AB² = 28AB²
⇒ 9AD² = 7AB².
इति सिद्धम्
प्रश्न 16.
किसी समबाहु त्रिभुज में सिद्ध कीजिए कि उसकी एक भुजा के वर्ग का तिगुना उसके एक शीर्ष लम्ब के वर्ग के चार गुने के बराबर होता है।
मान लीजिए कि ABC एक समबाहु त्रिभुज है जिसका एक शीर्षलम्ब AD है जो BC को समद्विभाजित करता है [समबाहु ∆ का शीर्ष लम्ब है]
BD = 12 BC = 12 AB …(1)
चूँकि समकोण त्रिभुज ADB में, LADB समकोण है
AB² = AD² + BD² …(2)
[पाइथागोरस प्रमेय से]
AB² = AD² + (AB2)2
[समीकरण (1) एवं (2) से]
AB² = AD² + AB24
4AB² = 4AD² + AB²
3AB² = 4AD²
अतः किसी समबाहु त्रिभुज में उसकी एक भुजा के वर्ग का तिगुना उसके एक शीर्षलम्ब के वर्ग के चार गुने के बराबर होता है।
इति सिद्धम्
प्रश्न 17.
सही उत्तर चुनकर उसका औचित्य दीजिए : ∆ABC में AB = 6√3 cm, AC = 12 cm और BC = 6 cm है तो कोण B है :
(a) 120°
(b) 60°
(c) 90°
(d) 45°.
हल :
सही उत्तर (c) 90° है, क्योंकि
(AB)² = (6√3)² = 108
(AC)² = (12)² = 144
(BC)² = (6)² = 36
⇒ 108 + 36 = 144
⇒ (AB)² + (BC)² = (AC)²
⇒ ∠B = 90° समकोण [पाइथागोरस प्रमेय के विलोम द्वारा]
MP Board Class 10th Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Ex 6.6
प्रश्न 1.
संलग्नआकृति 6.48 में PS कोण QPR कासमद्विभाजकहै। सिद्ध कीजिए QSSR=PQPT है।
ज्ञात है : ∆PQR में शीर्ष कोण ∠QPR का समद्विभाजक PS, आधार QR को S बिन्दु पर प्रतिच्छेद करता है।
रचना : QP को आगे बढ़ाया। बिन्दु R से TR || PS रेखाखण्ड खींचा जो QP को बिन्दु T पर प्रतिच्छेद करता है (देखिए आकृति 6.49)।
चूँकि PS || TR को QT तिर्यक रेखा प्रतिच्छेद करती है।
⇒ ∠QPS = ∠PTR …(1)
चूँकि PS || TR को तिर्यक रेखा PR प्रतिच्छेद करती है।
⇒ ∠SPR = ∠PRT …(2)
[एकान्तर कोण हैं।]
⇒ ∠QPS = ∠SPR …(3)
⇒ [PS, ∠QPR का समद्विभाजक दिया है]
⇒ ∠PTR = ∠PRT [समीकरण (1), (2) एवं (3) से]
⇒ PT = PR …(4) [समान कोणों की सम्मुख भुजाएँ हैं|
अब ∆QRT में, PS || TR
प्रश्न 2.
संलग्न आकृति 6.50 में D त्रिभुज ABC के कर्ण AC पर स्थित एक बिन्दु है जबकि BD ⊥ AC तथा DM ⊥ BC और DN ⊥ AB. सिद्ध कीजिए कि :
(i) DM² = DN.MC
(ii) DN² = DM.AN.
चूँकि DMBN एक आयत है
[∠M = ∠B = ∠N = 90° दिया है]
⇒ DM = BN एवं DN = MB
(i) ∵ समकोण ∆BDC के समकोण वाले शीर्ष D से DM ⊥ CB खींचा गया है।
⇒ ∆DMC ~ ∆BMD [प्रमेय : 6.7 से]
⇒ DMMB=MCDM [समरूप त्रिभुजों के प्रगुण]
⇒ DM² = MB.MC
⇒ DM² = DN.MC [∵ DN = MB समीकरण (1) से]
इति सिद्धम्
(ii) समकोण ∆ADB से समकोण वाले शीर्ष D से DN I AB खींचा गया है।
⇒ ∆DNB ~ ∆AND [प्रमेय : 6.7 से]
⇒ DNAN=BNDN [समरूप त्रिभुजों के प्रगुण से]
⇒ DN² = BN. AN
⇒ DN² = DM.AN. [∵ BN = DM समीकरण (1) से]
इति सिद्धम्
प्रश्न 3.
संलग्न आकृति 6.51 में ABC एक त्रिभुज है, जिसमें ∠ABC > 90° है तथा AD ⊥ CB है। सिद्ध कीजिए कि AC² = AB² + BC² + 2 BC.BD है।
ज्ञात है : एक अधिक कोण ∆ABC, जिसका कोण B अधिक कोण है तथा AD ⊥ CB.
∵ समकोण ∆ADB में, ∠ADB में समकोण है
⇒ AD² + DB² = AB² …(1) [पाइथागोरस प्रमेय से]
∵ समकोण ∆ADC में, ∠ADC समकोण है
⇒ AC² = AD² + DC² [पाइथागोरस प्रमेय से]
⇒ AC² = AD² + (DB + BC)²
⇒ AC² = AD² + DB² + BC² + 2DB.BC …..(2)
⇒ AC² = AB² + BC² + 2DB.BC. [समीकरण (1) एवं (2) से)
इति सिद्धम्
प्रश्न 4.
संलग्न आकृति 6.52 में ABC एक त्रिभुज है जिसमें ∠ABC < 90° तथा AD ⊥ BC है। सिद्ध कीजिए कि AC² = AB² BC² – 2BC.BD है।
ज्ञात है : एक न्यूनकोण ∆ABC, जिसका कोण B न्यूनकोण है तथा AD ⊥ BC.
∵ समकोण ∆ADB में, ∠ADB समकोण है
⇒ AD² + BD² = AB² …(1) [पाइथागोरस प्रमेय से]
∵ समकोण ∆ADC में, ∠ADC समकोण है
⇒ AC² = AD² + DC² [पाइथागोरस प्रमेय से]
⇒ AC² = AD² + (BC – BD)²
⇒ AC² = AD² + BC² + BD² – 2BC. BD
⇒ AC² = AD² + BD² + BC² – 2BC.BD …(2)
⇒ AC² = AB² + BC² – 2BC.BD. [समीकरण (1) और (2) से]
इति सिद्धम्
प्रश्न 5.
संलग्न आकृति 6.53 में AD ∆ABC की माध्यिका है तथा AM ⊥ BC है। सिद्ध कीजिए कि:
(i) AC² = AD² + BC.DM + (BC2)2
(ii) AB² = AD² – BC.DM + (BC2)2
(iii) AC² + AB² = 2AD² + 12 BC²
(i) ∵ समकोण ∆AMD में, ∠AMD समकोण है
⇒ AM² + MD² = AD² …(1) [पाइथागोरस प्रमेय से]
∵ समकोण ∆AMC में, ∠AMC समकोण है
⇒ AC² = AM² + MC² [पाइथागोरस प्रमेय से]
⇒ AC² = AM² + (MD + DC)²
⇒ AC² = AM² + MD² + DC² + 2MD.DC
⇒ AC² = AMD + MD² + (BC2)2 + BC.DM …(2)
[DC = BC2 , BC = 2 DC]
⇒ AC² = AD² + (BC2)2 + BC.DM [समीकरण (1) और (2)]
⇒ AC² = AD² + BC.DM + (BC2)2
इति सिद्धम्
(ii) ∵ समकोण ∆AMD में, ∠ADM समकोण है
⇒ AM² + MD² = AD² …(1)[पाइथागोरस प्रमेय से]
∵ समकोण ∆AMB में ∠AMB समकोण है
⇒ AB² = AM² + BM² [पाइथागोरस प्रमेय से]
⇒ AB² = AM² + (BD – MD)²
⇒ AB² = AM² + BD² + MD² – 2BD.MD.
⇒ AB² = AM² + MD² – 2BD.DM + BD²
⇒ AB² = AM² + MD² – BC.DM + (BC2)2 ….( 2 )
[2BD = BC ⇒ BD = BC2 ]
⇒ AB² = AD² – BC.DM + (BC2)2
इति सिद्धम्
(iii) अधिककोण ∆ADC में,
चूँकि AC² = AD² + BC.DM + (BC2)2 …..(1)
[भाग (i) में सिद्ध कर चुके हैं।]
एवं न्यूनकोण त्रिभुज ADB में,
चूँकि AB² = AD² – BC.DM + (BC2)2 …(2)
[भाग (ii) में सिद्ध कर चुके हैं।
⇒ AC² + AB² = 2AD² + 2 (BC2)2 [समीकरण (1) एवं (2) से]
⇒ AC² + AB² = 2AD² + 2 BC24
⇒ AC² + AB² = 2AD² + 12 BC²
इति सिद्धम्
प्रश्न 6.
सिद्ध कीजिए कि एक समान्तर चतुर्भुज के विकर्णों के वर्गों का योग उसकी भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर होता है।
मान लीजिए ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है। A से AE ⊥ BC एवं D से DF ⊥ BC खींचिए। ABCD के विकर्ण AC और BD हैं। यहाँ AEFD एक आयत है।
समकोण ∆AEB और ∆DFC में,
∵कर्ण AB = कर्ण DC
[समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ]
∵भुजा AE = भुजा DF [आयत की सम्मुख भुजाएँ हैं]
⇒ ∆AEB ≅ ∆DFC [RHS सर्वांगसमता]
⇒ BE = CF …(1) [CPCT]
अधिककोण ∆DCB में ∠DCB अधिककोण है
⇒BD² = BC² + CD² + 2BC.CF .(2)[अधिककोण उपप्रमेय से]
∵न्यूनकोण ∆ABC में ∠ABC न्यूनकोण है
⇒AC² = AB² + BC² – 2 BE.BC [न्यूनकोण उपप्रमेय से]
⇒AC² = AB² + DA² – 2 BC.CF …(3)
[∵ BE = CF समीकरण (1) तथा BC = AD समान्तर ABCD की सम्मुख भुजाएँ हैं।]
⇒AC² + BD² = AB² + DA² + BC² + CD²
[समीकरण (2) + समीकरण (3) से]
⇒AC² + BD² = AB² + BC² + CD² + DA²
अतः किसी समान्तर चतुर्भुज में उसके विकर्णों के वर्गों का योग उसकी भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर होता है।
इति सिद्धम्
प्रश्न 7.
संलग्न आकृति 6.55 में एक वृत्त की दो जीवाएँ AB और CD , परस्पर बिन्दु P पर प्रतिच्छेद करती हैं। सिद्ध कीजिए कि:
(i) ∆APC ~ ∆DPB
(ii) AP.PB = CP.DP.
हल :
(i) ∆APC और ∆DPB में,
∠ACP = ∠DBP [एक ही वृत्तखण्ड के कोण हैं]
∠CAP = ∠BDP [एक ही वृत्तखण्ड के कोण हैं]
∠APC = ∠DPB [शीर्षाभिमुख कोण हैं
∆APC ~ ∆DPB. [AAA समरूपता]
इति सिद्धम्
(ii) :.. ∆APC ~ ∆DPB. [भाग (i) में सिद्ध कर चुके हैं।]
APDP=CPBP [समरूप त्रिभुजों के प्रगुण से]
AP.PB = CP.DP.
इति सिद्धम्
प्रश्न 8.
संलग्न आकृति 6.56 में एक वृत्त की दो जीवाएँ AB और CD बढ़ाने पर परस्पर बिन्दु P पर प्रतिच्छेद करती हैं। सिद्ध कीजिए कि:
(i) ∆PAC ~ ∆PDB
(ii) PA.PB = PC.PD
∵∠PCA + ∠ACD = 180° …(1) रैखिक युग्म है|
∵∠ACD + ∠ABD = 180° ….(2) [चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोण]
⇒ ∠PCA = ∠ABD [समीकरण (1) एवं (2) से]
⇒ ∠PCA = ∠PBD …(3) [चित्रानुसार उभयनिष्ठ हैं]
(i) अब APAC एवं APDB में,
∵ ∠PCA = ∠PBD [समीकरण (3) से]
∵ ∠APC = ∠BPD [चित्रानुसार उभयनिष्ठ हैं|
⇒∆PAC ~ ∆PDB. [AA समरूपता]
इति सिद्धम्
(iii) ∵ ∆PAC ~ ∆PDB [भाग (i) में सिद्ध कर चुके हैं।]
⇒ PAPD=PCPB [समरूप त्रिभुजों के प्रगुण]
⇒ PA.PB = PC.PD.
इति सिद्धम्
प्रश्न 9.
संलग्न आकृति 6.57 में त्रिभुज ABC की भुजा BC पर एक बिन्दु D इस प्रकार है कि BDCD=ABAC है। सिद्ध कीजिए कि AD, कोण BAC का समद्विभाजक है।
दिया है : AABC की भुजा BC पर बिन्दु D इस प्रकार कि
BDCD=ABAC …(1)
रचना : AD को बढ़ाइए। CE || AD रेखा खींचिए जो AD को बिन्दु E पर प्रतिच्छेद करती है।
अब ∆ABD और ∆ECD में,
∠ABD = ∠ECD
[AB || CE एवं BD तिर्यक रेखा है।]
∠ADB = ∠EDC [शीर्षाभिमुख कोण है]
∆ABD ~ ∆ECD [AA समरूपता]
BDCD=ABEC …(2)
[समरूप त्रिभुजों के प्रगुण]
ABAC=ABEC
[समीकरण (1) एवं (2) से]
⇒ AC = EC
⇒ ∠CAD = ∠CED …(3) [बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण]
लेकिन ∠BAD = ∠CED …(4) [समरूप ∆ABD एवं ∆ECD के संगत कोण हैं|
∴ ∠BAD = ∠CAD [समीकरण (3) एवं (4) से]
अतः AD कोण BAC का समद्विभाजक है।
इति सिद्धम्
प्रश्न 10.
नाजिया एक नदी की धारा में मछलियाँ पकड़ रही है। इसकी मछली पकड़ने वाली छड़ का सिरा पानी की सतह से 1.8 m ऊपर है तथा डोरी के निचले सिरे से लगा काँटा पानी की सतह पर इस प्रकार स्थित है कि उसकी नाजिया से दूरी 3.6 m है और छड़ के सिरे के ठीक नीचे पानी के सतह पर स्थित बिन्दु से उसकी दूरी 2.4 m है। यह मानते हुए कि उसकी डोरी (उसकी छड़ के सिरे से काँटे तक) तनी हुई है, उसने कितनी डोरी बाहर निकाली हुई है। (देखिए संलग्न आकृति) यदि वह डोरी को 5 cm/s की दर से अन्दर खींचे, तो 12 सेकण्ड के बाद नाजिया की काँटे
से क्षैतिज दूरी कितनी होगी?
मान लीजिए कि नाजिया की प्रारम्भिक स्थिति P पर छड़ का सिरा Q पर, काँटे की स्थिति R पर तथा Q से PR पर डाले गये लम्ब के पाद की स्थिति M पर है (आकृति 6.60) । तब प्रश्नानुसार,
PR = 3.6, QM = 1.8 m एवं RM = 2.4 m
PM = PR – RM = 3.6 – 2.4 = 1.2 m
मान लीजिए कि डोरी की वर्तमान लम्बाई = l m तो समकोण ∆QMR में, ∠QMR समकोण है
QR² = RM² + QM² [पाइथागोरस प्रमेय से]
l² = (2.4)² + (1.8)²
= 5.76 + 3.24
= 9.00
l = √9 = 3 m
5 cm/s की चाल से 12 s में डोरी की लम्बाई में कमी
= 12 x 5
= 60 cm
= 0.6 m
डोरी की नई लम्बाई QS = 3.00 – 0.60
= 2.40 m
अब समकोण ∆QMS में, ∠QMS समकोण है
(SM)² = (QS)² – (QM)² [पाइथागोरस प्रमेय से]
(SM)² = (2.4)² – (1.8)²
= 5.76 – 3.24
= 2.52
SM = √2.52
= 1.59 m
नाजिया की काँटे से नवीन दूरी = SP = SM + MP
= 1.59 + 1.2
= 2.79 m
अतः नाजिया की काँटे से अभीष्ट दूरी = 2.79 m है।
MP Board Class 10th Maths Solutions Chapter 6 त्रिभुज Additional Questions
MP Board Class 10th Maths Chapter 6 अतिरिक्त परीक्षोपयोगी प्रश्न
MP Board Class 10th Maths Chapter 6 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
संलग्न आकृति 6.72 में यदि ∠A = ∠C, AB = 6 cm, BP = 15 cm, AP = 12 cm और CP = 4 cm, तो PD और CD की लम्बाई ज्ञात कीजिए।
∆ABP एवं ∆CDP में,
∠A = ∠C (दिया है)
∠APB = ∠CPD (शीर्षभिमुख कोण हैं)
∆ABP ~ ∆CDP [AA समरूपता]
अतः PD की अभीष्ट लम्बाई = 5 cm एवं CD की अभीष्ट लम्बाई = 2 cm है।
प्रश्न 2.
∆ABC ~ ∆EDF दिए हैं जिनमें AB = 5 cm, AC = 7 cm, DF = 15 cm एवं DE = 12 cm. त्रिभुजों की शेष बची भुजाएँ ज्ञात कीजिए।
हल :
∵ ∆ABC ~ ∆EDF (दिया है)
ABED=BCDF=ACEF ….(1) (समरूप त्रिभुजों के प्रगुण)
AB = 5 cm, AC = 7 cm, DF = 15 cm एवं ED = DE = 12 cm के दिए हुए मान समीकरण (1) में रखने पर,
अतः शेष बची भुजाओं BC एवं EF की अभीष्ट लम्बाइयाँ क्रमशः 6.25 cm एवं 16.8 cm है।
प्रश्न 3.
एक त्रिभुज की एक भुजा के समानान्तर खींची गई रेखा अन्य दो भुजाओं को जिन दो बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करती है, वे बिन्दु उन भुजाओं को समान अनुपात में विभाजित करते हैं।
अथवा
यदि किसी त्रिभुज में एक भुजा के समानान्तर एक सरल रेखा खींची जाए तो वह अन्य दो भुजाओं को समान अनुपात में विभक्त करती है।
ज्ञात है : ∆ABC जिसमें रेखा DE || BC और रेखा DE, AB को D पर तथा AC को E पर प्रतिच्छेद करती है।
सिद्ध करना है: ADDB=AEEC
रचना : D को C से तथा B को E से मिलाइए एवं EF ⊥ AB खींचिए (देखिए आकृति 6.73)।
प्रश्न 4.
एक 5 m लम्बी सीढ़ी एक ऊर्ध्वाधर के सहारे इस प्रकार रखी है कि उसका शीर्ष दीवार की 4 m ऊँचाई तक पहुँचता है। यदि सीढ़ी के पाद को दीवार की तरफ 1.6 m विस्थापित कर दिया जाए तो वह दूरी ज्ञात कीजिए जिससे सीढ़ी का शीर्ष दीवार पर ऊपर की ओर खिसकता है।
AB = 5 m लम्बी एक सीढ़ी एक ऊर्ध्वाधर दीवार CA के सहारे खड़ी है जहाँ AC = 4 m है। अब सीढ़ी को दीवार की ओर BB’ = 1.6 m खिसकाने पर नई
स्थिति A’B’ हो जाती है।
अब समकोण ∆ACB में पाइथागोरस प्रमेय से,
BC² = AB² – AC²
BC² = (5)² – (4)²
= 25 – 16
= 9
BC = √9 = 3 m
एवं समकोण ∆A’CB’ में पाइथागोरस प्रमेय से,
A’C = A’B’² – B’C
लेकिन A’B’ = AB = 5 m
B’C = BC – BB’
= 3 m – 1.6 m
= 1.4 m
A’C² = (5)² – (1.4)²
= 25 – 1.96
= 23.04
A’C = √23.04
= 4.8 m
A’A = A’C – AC = 4.8 – 4 = 0.8 m
अतः दीवार के सहारे सीढ़ी का शीर्ष 0.8 m ऊपर की ओर खिसकेगा।
प्रश्न 5.
किसी शहर A से दूसरे शहर B तक जाने का रास्ता शहर C से होकर जाता है, इस प्रकार कि AC ⊥ CB एवं AC = 2x km तथा CB = 2 (x + 7) km. एक 26 km लम्बा राजमार्ग (हाईवे) बनाना प्रस्तवित है जो शहर A एवं B को सीधा जोड़ेगा। बताइए शहर A से शहर B तक जाने में राजमार्ग बनने पर कितनी दूरी की बचत होगी?
तीनों सड़कें समकोण त्रिभुज ACB की संरचना करती हैं, जहाँ AB = 26 km, AC = 2x km एवं CB = 2 (x + 7) km है।
अब समकोण ∆ACB में पाइथागोरस प्रमेय से,
AC² + BC² = AB²
(2x)² + [2 (x + 7)]² = (26)²
4x² + 4 (x² + 14x + 49) = 676
4x² + 4x² + 56x + 196 = 676
8x² + 56x – 480 = 0
x² + 7x – 60 = 0
x² + 12x – 5x – 60 = 0
x (x + 12) – 5 (x + 12) = 0
(x + 12) (x – 5) = 0
या तो x + 12 = 0 ⇒ x = – 12 km [जो असम्भव है]
अथवा
x – 5 = 0 ⇒ x = 5 km
राजमार्ग बनने से पहले तय की जाने वाली दूरी
= AC + CB = 2x + 2x + 14
= 4x + 14
= 4 × 5 + 14
= 20 + 14
= 34 km
दूरी में अन्तर = 34 km – 26 km = 8 km
अतः तय की गई दूरी में अभीष्ट बचत = 8 km.
प्रश्न 6.
संलग्न आकृति 6.76 में ABC एक समकोण त्रिभुज है जो B पर समकोण है एवं BD ⊥ AC. यदि AD = 4 cm एवं CD = 5 cm तो BD एवं AB के मान ज्ञात कीजिए।
समकोण त्रिभुज के समकोण वाले शीर्ष से कर्ण AC पर डाला गया लम्ब BD त्रिभुज को दो समरूप त्रिभुजों में विभाजित करता है जो मूल त्रिभुज के भी समरूप होते हैं (हम जानते हैं)।
⇒∆ADB ~ ∆BDC ~ ∆ABC [प्रमेय : 6.7 से]
⇒ADBD=BDCD
[समरूप त्रिभुजों के प्रगुण]
⇒4cmBD=BD5cm
⇒[∵ AD = 4 cm एवं CD = 5 cm दिया है।]
⇒BD² = 4 x 5 = 20
⇒BD = √20 = 2√5 cm
अब समकोण ∆ADB में पाइथागोरस प्रमेय से,
⇒AB² = AD² + BD² = (4)² + (2√5)²
= 16 + 20
= 36
⇒AB = √36 = 6 cm
अंत: BD एवं AB की अभीष्ट लम्बाइयाँ क्रमशः 2√5 cm एवं 6 cm हैं।
प्रश्न 7.
संलग्न आकृति 6.77 में ∆POR एक समकोण त्रिभुज है, जो बिन्दु Q पर समकोण है एवं QS ⊥ PR तथा PQ = 6 cm एवं PS = 4 cm तो QS, RS एवं QR के मान ज्ञात कीजिए।
∵ समकोण ∆PSQ में पाइथागोरस प्रमेय से,
QS² = PQ² – PS² = (6)² – (4)²
[∵ PQ = 6 cm एवं PS = 4 cm दिया है]
QS² = 36 – 16 = 20
QS = √20 = 2√5 cm
∵ समकोण ∆ में समकोण वाले शीर्ष पर डाला गया लम्ब त्रिभुज को दो समरूप त्रिभुजों में विभक्त करता है तथा प्रत्येक त्रिभुज मूल त्रिभुज के भी समरूप होता है। (हम जानते हैं)
∆PQS ~ ∆QRS ~ ∆PRQ
[समीकरण (1) में PQ = 6 cm, QS = 2√5 cm एवं RS = 5 cm मान रखने पर]
QR=6×525√=35–√cm
अत: QS, RS एवं QR के अभीष्ट मान क्रमश: 2√5 cm, 5 cm एवं 3√5 cm हैं।
प्रश्न 8.
एक चतुर्भुज ABCD में ∠A + ∠D = 90°, तो सिद्ध कीजिए कि : AC² + BD² = AD² + BC²
ज्ञात है : चतुर्भुज ABCD जिसमें ∠A + ∠D = 90°
तथा AC एवं BD को मिलाया गया है।
सिद्ध करना है : AC² + BD² = AD² + BC²
रचना : AB एवं DC को बढ़ाइए जो बिन्दु E पर मिलते हैं।
उपपत्ति : चूँकि ∆EAD में ∠A + ∠D = 90° (दिया है)
⇒∆AED, ∆AEC, ∆BEC एवं ∆DEB समकोण ∆ हैं, जिसमें ∠E = 90°
∵ समकोण ∆AEC में पाइथागोरस प्रमेय से,
AC² = AE² + CE² …(1)
∵ समकोण ∆DEB में पाइथागोरस प्रमेय से,
BD² = DE² + BE² …(2)
⇒AC² + BD² = AE² + DE² + BE² + CE² …(3)
[समीकरण (1) + (2) से]
∵ समकोण ∆AED में पाइथागोरस प्रमेय से,
AD² = AE² + DE² …(4)
∵ समकोण ∆BEC में पाइथागोरस प्रमेय से,
BC² = BE² + CE² ….(5)
⇒AD² + BC² = AE² + DE² + BE² + CE² …(6)
[समीकरण (4) + (5) से]
⇒AC² + BD² = AD² + BC². [समीकरण (3) एवं (6) से]
इति सिद्धम्
प्रश्न 9.
समलम्ब चतुर्भुज ABCD जिसमें AB || DC है के विकर्ण AC एवं BD का प्रतिच्छेद बिन्दु O है। O से होकर AB के समान्तर एक रेखाखण्ड PQ खींचा गया है जो AD को P पर तथा BC को Q पर मिलता है। सिद्ध कीजिए : PO = QO
हल :
∵ AB || DC एवं AB || PQ
PQ || DC अर्थात् OQ|| DC || AB
तथा PO || AB || DC
∵ ∆BDC में, OQ || DC
PO = QO.
इति सिद्धम्
प्रश्न 10.
संलग्न आकृति 6.80 में रेखाखण्ड DF, ∆ABC की भुजा AC को बिन्दु E पर इस प्रकार विभाजित करता है कि E बिन्दु भुजा CA का मध्य-बिन्दु है एवं ∠AEF = ∠AFE है तो सिद्ध कीजिए कि:
BDCD=BFCE
दिया है : रेखाखण्ड DE, ∆ABC की भुजा AC को बिन्दु E पर इस प्रकार प्रतिच्छेद करते हुए कि E, CA का मध्य-बिन्दु AB पर बिन्दु F पर मिलता है तथा ∠AEF = ∠AFE है। रचना : GC || DF खींचिए जो ∆ABC की भुजा AB के बिन्दु G पर मिलती है। चूँकि E, भुजा AC का मध्य-बिन्दु,
CE = AE (दिया है)
चूँकि ∠AEF = ∠AFE (दिया है)
AE = AF
AE = CE = AF
CG || DF खींचिए जो AB को बिन्दु G पर मिलती है।
∆ACG में, DF || CG
MP Board Class 10th Maths Chapter 6 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सिद्ध कीजिए कि किसी समकोण ∆ के कर्ण पर बने समाबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल शेष भुजाओं पर बने समबाहु त्रिभुजों के क्षेत्रफल के योग के बराबर होता है।
मान लीजिए ∆ABC एक समकोण त्रिभुज है जिसका ∠B समकोण है तथा कर्ण AC पर समबाहु ∆FAC, AB पर बना समबाहु ∆DAB एवं BC पर बना समबाहु त्रिभुज EBC है।
AB = p, BC = b एवं AC = h.
समकोण ∆ABC में पाइथागोरस प्रमेय से,
AB² + BC² = AC²
⇒ p² + b² = h² …(1)
ar (DAB) + ar (EBC)
अतः किसी समकोण त्रिभुज के कर्ण पर बने समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल अन्य भुजाओं पर बने समबाहु त्रिभुजों के क्षेत्रफल के योग के बराबर होता है।
इति सिद्धम्
प्रश्न 2.
∆PQR में, PD ⊥ QR इस प्रकार है कि D बिन्दु QR पर स्थित है। यदि PQ = a, PR = b, QD = c तथा DR = d तो सिद्ध कीजिए कि : (a + b) (a – b) = (c + d) (c – d)
ज्ञात है : ∆PQR जिसमें PD ⊥ QR जहाँ D बिन्दु रेखा QR पर स्थित होगा। PQ = a, PR = b, QD = c एवं DR = d है।
सिद्ध करना है: (a + b)(a – b) = (c + d) (c – d)
अब समकोण ∆PDQ में पाइथागोरस प्रमेय से,
⇒ PD² = PQ² – QD² = a² – c² …(1)
एवं समकोण ∆PDR में पाइथागोरस प्रमेय से,
⇒ PD² = PR² – DR² = b² – d² ….(2)
⇒ a² – c² = b² – d² [समीकरण (1) एवं (2) से]
⇒ a² – b² = c² – d²
⇒ (a + b) (a – b) = (c + d) (c – d).
इति सिद्धम्
प्रश्न 3.
एक बल्ब एक खम्भे पर सड़क के तल से 6 m की ऊँचाई पर लगा है। एक 1.5 m ऊँचाई की स्त्री की छाया 3 m लम्बी पड़ती है। बताइए कि स्त्री खम्भे के आधार से कितनी दूरी पर खड़ी है?
मान लीजिए एक खम्भा PQ = 6 m ऊँचा है। एक स्त्री AB = 1.5 m ऊँचे खम्भे के आधार Q से QB = x m की दूरी पर खड़ी है जिसकी छाया CB = 3 m लम्बी पड़ती है।
चूँकि AB || PQ (ऊधर्वाधर है)
⇒ ∆ABC ~ ∆PQC [∠C उभयनिष्ठ ∠B = ∠Q = 90°]
⇒ 4.5 + 1.5x = 18
⇒ 1.5x = 18 – 4.5 = 13.5
⇒ x = 13.51.5 = 9m
अतः स्त्री खम्भे के आधार से 9 m की दूरी पर खड़ी है।
प्रश्न 4.
18 m ऊँचे झण्डे के स्तम्भ की छाया 9.6 m लम्बी है। स्तम्भ के शीर्ष की छाया के दूर अन्त्यः बिन्दु से दूरी ज्ञात कीजिए।
मान लीजिए कि PQ = 18 m ऊँचे झण्डे के स्तम्भ की छाया QR = 9.6 m लम्बी पड़ती है।
बिन्दु R से खम्भे के शीर्ष P की दूरी PR = x m है।
समकोण ∆PQR में पाइथागोरस प्रमेय से,
PR² = PQ² + QR²
= (18)² + (9.6)²
= 324 + 92.16
= 416.16
PR = √416.16
= 20.4 m
अतः बिन्दु R से स्तम्भ के शीर्ष की अभीष्ट दूरी = 20.4m है।
प्रश्न 5.
संलग्न आकृति 6.85 में DE || AB तो x का मान ज्ञात कीजिए।
∆CAB में,
चूँकि DE || AB
⇒ CDDA=CEEB (प्रमेय : 6.1 से)
⇒ x+33x+19=x3x+4 (चित्रानुसार)
⇒ 3x² + 19x = 3x² + 4x + 9x + 12
⇒ 19x = 13x + 12
⇒ 6x = 12
⇒ x = 122 = 2
अतः x का अभीष्ट मान = 2 है।
प्रश्न 6.
समलम्ब चतुर्भुज PQRS के विकर्ण परस्पर O बिन्दु पर प्रतिच्छेद करते हैं, जहाँ PQ || RS तथा PQ = 3RS, तो त्रिभुज POQ एवं ROS के क्षेत्रफलों का अनुपात ज्ञात कीजिए।
ज्ञात है PQRS एक समचतुर्भुज जिसमें PQ || RS एवं PQ = 3RS. इसके विकर्ण PR एवं QS परस्पर O बिन्दु पर प्रतिच्छेद करते हैं।
अब ∆POQ एवं ∆ROS में,
∵ ∠POQ = ∠ROS [शीर्षाभिमुख कोण हैं।]
⇒ ∠RPQ = ∠PRS
[एकान्तर कोण हैं जहाँ PQ || RS एवं RP तिर्यक रेखा है]
⇒ ∆POQ ~ ∆ROS [AA समरूपता]
अतः ∆POQ एवं ∆ROS के क्षेत्रफलों का अभीष्ट अनुपात 9:1 है।
प्रश्न 7.
∆ABC ~ ∆DEF, AB = 4 cm, DE = 6 cm, EF = 9 cm एवं FD = 12 cm. ∆ABC का परिमाप ज्ञात कीजिए।
हल :
चूंकि
∆ABC ~ ∆DEF
∆ABC की परिमाप = AB + BC + CA
= 4 cm + 6 cm + 8 cm
= 18 cm
अत: ∆ABC की अभीष्ट परिमाप = 18 cm है।
प्रश्न 8.
संलग्न आकृति 6.87 में, यदि DE || BC तो ∆ADE एवं ∆ABC के क्षेत्रफलों में अनुपात ज्ञात कीजिए।
⇒ ∆ADE एवं ∆ABC में
⇒ ∠A = ∠A [उभयनिष्ठ हैं।]
⇒ ∠D = ∠B [संगत कोण हैं]
चूँकि DE || BC एवं AB तिर्यक रेखा है।
⇒ ∆ADE ~ ∆ABC [AA समरूपता]
अत: ∆ADE एवं ∆ABC के क्षेत्रफलों में अभीष्ट अनुपात 1 : 4 है।
प्रश्न 9.
दो समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफल क्रमश: 36 cm² एवं 100 cm² हैं। यदि बड़े त्रिभुज की कोई भुजा की लम्बाई = 20 cm हो तो छोटे त्रिभुज की संगत भुजा की लम्बाई ज्ञात कीजिए।
हल :
मान लीजिए छोटी त्रिभुज की संगत भुजा की लम्बाई x cm है और हम जानते हैं कि समरूप त्रिभुजों में,
अतः छोटे त्रिभुज की संगत भुजा की अभीष्ट लम्बाई = 12 cm है।
प्रश्न 10.
एक 10 m लम्बी सीढ़ी एक ऊर्ध्वाधर दीवार के आधार से 6 m दूरी पर रखी हुई दीवार के साथ टिकी है। दीवार के उस बिन्दु की ऊँचाई ज्ञात कीजिए, जहाँ पर सीढ़ी का शीर्ष टिका है।
मान लीजिए एक सीढ़ी AB = 10 m लम्बी है और दीवार AC के आधार C से BC = 6 m की दूरी पर रखी हुई है तथा दीवार के साथ बिन्दु A पर टिकी है। A की ऊँचाई आधार से AC = h है तो समकोण ∆ACB में पाइथागोरस प्रमेय से,
⇒ AC² = AB² – BC²
⇒ h² = (10)² – (6)²
= 100 – 36
= 64
⇒ h = √64
= 8 m
अतः दीवार के अभीष्ट बिन्दु की ऊँचाई = 8 m
⇒ ∠A = ∠R, ∠A = ∠Q एवं ∠C = ∠P
लेकिन ∠C + 60° + 80° = 180° [त्रिभुज के अन्त:कोण हैं।]
⇒ ∠C = 180° + 140° = 40°
⇒ ∠P = ∠C = 40°
अतः ∠P का अभीष्ट मान = 40° है।
MP Board Class 10th Maths Chapter 6 अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
क्या त्रिभुज जिसकी भुजाएँ 25 cm, 5 cm और 24 cm हैं, समकोण त्रिभुज है? अपने उत्तर का कारण दीजिए।
हल :
नहीं, क्योंकि (24)² + (5)² = 576 + 25 = 601 ≠ (25)²
प्रश्न 2.
∆DEF ~ ∆RPQ दिया है। क्या यह कहना सत्य है कि ∠D = ∠R = एवं ∠F = ∠P.
हल :
कथन सत्य नहीं है, क्योंकि ∠F ≠ ∠P बल्कि ∠F = ∠Q.
प्रश्न 3.
किसी ∆POR की भुजाओं PQ एवं PR पर बिन्दु क्रमश: A एवं B इस प्रकार हैं कि PQ= 12.5 cm, PA = 5 cm, BR = 6 cm एवं PB = 4 cm. क्या AB || QR ? अपने उत्तर का कारण दीजिए।
हल :
हाँ AB || OR. क्योंकि
प्रश्न 4.
संलग्न आकृति 6.90 में BD एवं CF परस्पर बिन्द P पर प्रतिच्छेद करती हैं। क्या ∆PBC ~ ∆PDE और क्यों?
हाँ, ∆PBC ~ ∆PDE,
क्योकि PBPD=510=12,PCPE=612=12
एवं ∠BPC = ∠DPE [शीर्षाभिमुख कोण]
अर्थात् SAS समरूपता है।
प्रश्न 5.
∆PQR एवं ∆MST में ∠P = 55°, ∠Q = 25°, ∠M = 100° एवं ∠S = 25°, क्या ∆QPR ~ ∆TSM ? क्यों?
हल :
नहीं, क्योंकि ∆QPR ~ ∆STM.
प्रश्न 6.
क्या निम्न कथन सत्य है? और क्यों? “दो चतुर्भुज समरूप हैं अगर उनके संगत कोण बराबर हैं।”
हल :
नहीं, क्योंकि संगत भुजाएँ भी समानुपाती होनी चाहिए।
प्रश्न 7.
एक त्रिभुज की दो भुजाएँ एवं परिमाप क्रमशः दूसरे त्रिभुज की संगत भुजाओं और परिमाप का तीन गुना है। क्या दोनों त्रिभुज समरूप हैं? और क्यों?
हल :
हाँ, वे त्रिभुज समरूप हैं, क्योंकि दो संगत भुजाएँ एवं परिमाप समानुपाती हैं तो तीसरी भुजा भी समानुपाती होगी। (SSS समरूपता)
प्रश्न 8.
एक समकोण त्रिभुज का एक न्यूनकोण दूसरे समकोण त्रिभुज के एक न्यूनकोण के बराबर हो तो क्या दोनों त्रिभुज समरूप होंगे? और क्यों?
हल :
हाँ, समरूप होंगे। (AAA समरूपता)
प्रश्न 9.
दो समरूप त्रिभुजों के संगत शीर्ष लम्बों का अनुपात 35 है तो क्या यह कहना सत्य है कि उनके क्षेत्रफलों का अनुपात 65 होगा? और क्यों?
हल :
नहीं, यह कहना असत्य है क्योंकि क्षेत्रफलों का अनुपात 925 होगा।
प्रश्न 10.
∆POR की भुजा QR पर बिन्दु D इस प्रकार है कि PD ⊥ QR, क्या यह कहना सत्य होगा कि ∆PQD ~ ∆RPD ? और क्यों?
हल :
नहीं, यह कहना असत्य है, क्योंकि यह तभी सम्भव है जब ∠P = 90° हो।
प्रश्न 11.
संलग्न आकृति 6.91 में ∠D = ∠C तो क्या यह कहना सत्य होगा कि ∆ADE ~ ∆ACB ? और क्यों?
हाँ, कथन सत्य है क्योंकि AA समरूपता है।
प्रश्न 12.
क्या यह कहना सत्य है कि यदि दो त्रिभुजों में एक त्रिभुज का एक कोण दूसरे त्रिभुज के एक कोण के बराबर हो एवं एक त्रिभुज की दो भुजाएँ दूसरे त्रिभुज की दो भुजाओं के समानुपाती हों तो त्रिभुज समरूप होंगे? अपने उत्तर का कारण दीजिए।
हल :
नहीं, कथन असत्य है क्योंकि दो जोड़े समानुपाती भुजाओं के मध्य कोण बराबर होने चाहिए।
प्रश्न 13.
∆ABC में, AB = 24 cm, BC = 10 cm एवं AC = 26 cm. क्या यह त्रिभुज एक समकोण त्रिभुज है? अपने उत्तर का कारण दीजिए।
हल :
हाँ, त्रिभुज समकोण त्रिभुज है क्योंकि
AB² + BC² = (24)² + (10)²
= 576 + 100
= 676
= (26)²
= AC²
प्रश्न 14.
एक त्रिभुज DEF की भुजाओं DE एवं DF पर क्रमशः बिन्दु P एवं Q इस प्रकार स्थित हैं कि DP = 5 cm, DE = 15 cm, DQ = 6 cm एवं DF = 18 cm. क्या PQ || EF ? अपने उत्तर का कारण दीजिए।
हाँ, क्योंकि
अत: PQ || EF है।
प्रश्न 15.
∆FED ~ ∆STU दिया है क्या DEST=EFTU और क्यों?
हल :
नहीं, DEST≠EFTU क्योंकि DETU=EFST संगत भुजाओं का अनुपात समान होना चाहिए।
MP Board Class 10th Maths Chapter 6 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
MP Board Class 10th Maths Chapter 6 बहु-विकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
दो त्रिभुज समरूप होंगे, यदि :
(a) त्रिभुजों के संगत कोण बराबर हैं,
(b) त्रिभुजों की संगत भुजाएँ आनुपातिक हों,
(c) त्रिभुजों के संगत क्षेत्रफल बराबर हों,
(d) त्रिभुजों के संगत कोण बराबर हों तथा संगत भुजाएँ आनुपातिक हों।
उत्तर:
(d) त्रिभुजों के संगत कोण बराबर हों तथा संगत भुजाएँ आनुपातिक हों।
प्रश्न 2.
कुछ त्रिभुजों की भुजाएँ नीचे दी गई हैं। इनमें से समकोण त्रिभुज नहीं है :
(a) 7 सेमी, 24 सेमी, 25 सेमी,
(b) 5 सेमी, 8 सेमी, 11 सेमी,
(c) 5 सेमी, 12 सेमी, 13 सेमी,
(d) 3 सेमी, 4 सेमी, 5 सेमी।
उत्तर:
(b) 5 सेमी, 8 सेमी, 11 सेमी,
प्रश्न 3.
“एक त्रिभुज की एक भुजा के समान्तर खींची गई रेखा अन्य दो भुजाओं को जिन दो बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करती है, वे बिन्दु भुजाओं को समान अनुपात में विभाजित करते हैं।” यह कथन है : (a) थेल्स प्रमेय का,
(b) पाइथागोरस प्रमेय का,
(c) थेल्स प्रमेय के विलोम का,
(d) पाइथागोरस प्रमेय के विलोम का।
उत्तर:
(a) थेल्स प्रमेय का,
प्रश्न 4.
“यदि कोई रेखा किसी त्रिभुज की दो भुजाओं को समान अनुपात में विभाजित करती है, तो यह रेखा तीसरी भुजा के समान्तर होती है।” यह कथन है :
(a) थेल्स प्रमेय का,
(b) पाइथागोरस प्रमेय का,
(c) थेल्स प्रमेय के विलोम का,
(d) पाइथागोरस प्रमेय के विलोम का।
उत्तर:
(c) थेल्स प्रमेय के विलोम का,
प्रश्न 5.
“एक समकोण त्रिभुज में कर्ण का वर्ग अन्य दो भुजाओं के वर्गों के योगफल के बराबर होता है।” यह कथन है:
(a) थेल्स प्रमेय का,
(b) पाइथागोरस प्रमेय का,
(c) थेल्स प्रमेय के विलोम का,
(d) पाइथागोरस प्रमेय के विलोम का।
उत्तर:
(b) पाइथागोरस प्रमेय का,
प्रश्न 6.
“एक त्रिभुज में यदि एक भुजा का वर्ग अन्य दो भुजाओं के वर्गों के योगफल के बराबर हो, तो पहली भुजा के सामने का कोण समकोण होता है।” यह कथन है :
(a) थेल्स प्रमेय का,
(b) पाइथागोरस प्रमेय का,
(c) थेल्स प्रमेय का विलोम का,
(d) पाइथागोरस प्रमेय के विलोम का।
उत्तर:
(d) पाइथागोरस प्रमेय के विलोम का।
प्रश्न 7.
एक आदमी पूर्व की ओर 150 मीटर जाता है और फिर उत्तर की ओर 200 मीटर जाता है। आदमी की प्रारिम्भक बिन्दु से दूरी होगी :
(a) 150 मीटर,
(b) 25 मीटर,
(c) 15 मीटर,
(d) 250 मीटर।
उत्तर:
(d) 250 मीटर।
प्रश्न 8.
एक व्यक्ति पूर्व की ओर 15 मीटर जाता है और फिर उत्तर की ओर 8 मीटर जाता है। व्यक्ति की प्रारम्भिक बिन्दु से दूरी होगी :
(a) 23 मीटर,
(b) 17 मीटर,
(c) 7 मीटर,
(d) 25 मीटर।
उत्तर:
(b) 17 मीटर,
प्रश्न 9.
एक 25 मीटर लम्बी सीढ़ी एक भवन की जमीन से 20 मीटर ऊँची खिड़की तक जाती है। भवन से सीढ़ी के निचले सिरे की दूरी होगी :
(a) 45 मीटर,
(b) 5 मीटर,
(c) 15 मीटर,
(d) 25 मीटर।
उत्तर:
(c) 15 मीटर,
प्रश्न 10.
एक सीढ़ी इस तरह रखी गई है कि उसका निचला सिरा दीवार से 5 मीटर की दूरी पर है और उसका ऊपरी सिरा जमीन से 12 मीटर ऊँची खिड़की तक जाता है। सीढ़ी की लम्बाई होगी :
(a) 7 मीटर,
(b) 17 मीटर,
(c) 25 मीटर,
(d) 13 मीटर।
उत्तर:
(d) 13 मीटर।
प्रश्न 11.
दो समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफलों में 9 : 16 का अनुपात है, तो उनके शीर्ष लम्बों का अनुपात होगा :
(a) 3 : 4,
(b) 4 : 3,
(c) 9 : 1,
(d) 16 : 9.
उत्तर:
(a) 3 : 4,
प्रश्न 12.
समरूपता के लिए आवश्यक प्रतिबन्ध है :
(a), कोण-कोण-कोण समरूपता,
(b) कोण-कोण समरूपता,
(c) भुजा-कोण-भुजा समरूपता,
(d) ये सभी।
उत्तर:
(d) ये सभी।
प्रश्न 13.
एक ∆ABC की भुजाओं AB और AC पर क्रमश: दो बिन्दु एवं E इस प्रकार हैं कि: AD = 2 cm, BD = 3 cm, BC = 7.5 cm एवं DE || BC, तब DE की लम्बाई (cm में) होगी :
(a) 2.5,
(b) 3,
(c) 5,
(d) 6.
उत्तर:
(b) 3,
प्रश्न 14.
किसी समचतुर्भुज के विकर्णों की लम्बाई 16 cm एवं 12 cm है तो उसकी भुजा की लम्बाई है:
(a) 9 cm,
(b) 10 cm,
(c) 8 cm,
(d) 20 cm.
उत्तर:
(b) 10 cm,
प्रश्न 15.
यदि ∆ABC ~ ∆EDF एवं ∆ABC एवं ∆DEF समरूप नहीं हैं तब निम्न में से कौन सत्य नहीं है?
(a) BC.EF = AC.FD,
(b) AB.EF = AC.DE,
(c) BC.DE = AB. EF
(d) BC.DE = AB.FD.
उत्तर:
(c) BC.DE = AB. EF
प्रश्न 16.
यदि दो त्रिभुजों ABC एवं PQR में
(a) ∆PQR ~ ∆CAB,
(b) ∆PQR ~ ∆ABC,
(c) ∆CBA ~ ∆POR,
(d) ∆BCA ~ ∆POR.
उत्तर:
(a) ∆PQR ~ ∆CAB,
प्रश्न 17.
दो त्रिभुज DEF एवं PQR में ∠D = ∠Q एवं ∠R = ∠E तब निम्न में कौन सही नहीं है?
उत्तर:
(b) DEPQ=EFRP
प्रश्न 18.
∆ABC ~ ∆PQR दिया है एवं BCQR=13 तब ar(PRQ)ar(BCA) बराबर होगा :
(a) 9,
(b) 3,
(c) 13.
(d) 19.
उत्तर:
(a) 9,
प्रश्न 19.
∆ABC एवं ∆DEF में ABDE=BCFD तब ये दोनों त्रिभज समरूप होंगे जब :
(a) ∠B = ∠E,
(b) ∠A = ∠D,
(c) ∠B = ∠D,
(d) ∠A = ∠E
उत्तर:
(c) ∠B = ∠D,
प्रश्न 20.
यदि ∆ABC ~ ∆QRD एवं ar(ABC)ar(PQR)=94, AB = 18 cm, BC = 15 cm तब PR बराबर
होगा :
(a) 10 cm,
(b) 12 cm,
(c) 203 cm
(d) 8 cm.
उत्तर:
(a) 10 cm
रिक्त स्थानों की पूर्ति
1. यदि दो त्रिभुजों की संगत भुजाएँ आनुपातिक हों, तो वे त्रिभुज ……… होते हैं।
2. ………. त्रिभुज सदैव समरूप होते हैं।
3. सभी वर्ग ……….. होते हैं।
4. दो समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात किन्हीं दो संगत भुजाओं के ……….. के अनुपात के बराबर होता है।
5. किसी त्रिभुज के शीर्ष कोण का ………….. सम्मुख भुजा को शेष भुजाओं के अनुपात में विभाजित करता है।
6. यदि दो त्रिभुजों के संगत कोण बराबर हों, तो वे त्रिभुज ………… कहलाते हैं।
7. दो समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात 9 : 16 के अनुपात में है, तो उन त्रिभुजों की संगत भुजाओं का अनुपात ………… होगा।
उत्तर-
1. समरूप,
2. समबाहु,
3. समरूप,
4. वर्गों,
5. समद्विभाजक,
6. समरूप त्रिभुज
7. 3 : 4
जोड़ी मिलाइए
उत्तर-
1.→(c),
2. →(d),
3.→(e),
4.→(a),
5. →(f),
6.→(b).
सत्य/असत्य कथन
1. समकोण त्रिभुज में कर्ण सबसे बड़ी भुजा होती है।
2. यदि त्रिभुज की संगत भुजाएँ आनुपातिक हों, तो वे त्रिभुज समरूप नहीं होते हैं।
3. समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात उनकी संगत भुजाओं के वर्गों के अनुपात के बराबर होता है।
4. यदि दो त्रिभुज समकोणिक हों तो त्रिभुज समरूप होंगे।
5. यदि किसी त्रिभुज में एक भुजा के समानान्तर एक सरल रेखा खींची जाए, तो वह अन्य दोनों भुजाओं को ___ समान अनुपात में विभक्त करती है।
6. थेल्स प्रमेय का कथन है-“यदि किसी त्रिभुज में कोई सरल रेखा उसकी दो भुजाओं को समान अनुपात __ में विभक्त करे, तो वह तीसरी भुजा के समानान्तर होती है।”
7. सभी वर्ग समरूप होते हैं। (2019)
8. समकोण त्रिभुज का क्षेत्रफल = 12 x आधार x शीर्ष लम्ब होता है। (2019)
उत्तर-
1. सत्य,
2. असत्य,
3. सत्य,
4. सत्य,
5. सत्य,
6. असत्य,
7. सत्य,
8. सत्य।
एक शब्द/वाक्य में उत्तर
1. एक त्रिभुज की एक भुजा के समानान्तर खींची गई रेखा अन्य दो भुजाओं को जिन दो बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करती है, वे बिन्दु उन भुजाओं को समान अनुपात में विभाजित करते हैं। यह प्रमेय किस नाम से जानी जाती है?
2. समकोण त्रिभुज प्रमेय का नाम लिखिए।
3. यदि किसी ∆ABC में AD ⊥ BC एवं AC² = AB² + BC² + 2BC.BD हो, तो यह प्रमेय किस नाम से जानी जाती है?
4. यदि किसी ∆ABC में AD ⊥BC एवं AC² = AB² + BC² – 2BC.BD हो, तो यह प्रमेय किस नाम से जानी जाती है?
5. यदि किसी ∆ABC की माध्यिका AD हो, तब AB² + AC² = 2 (AD² + BD²), तो यह प्रमेय किस नाम से जानी जाती है?
6. आकृतियों का वह गुण जिसमें उनका आकार समान हो तथा विस्तार भिन्न-भिन्न हो, क्या कहलाता है?
7. समरूप त्रिभुज, ∆ABC एवं ∆PQR के क्षेत्रफल एवं भुजाओं में सम्बन्ध लिखिए।
8. दो समरूप त्रिभुजों के शीर्षलम्बों की माप में 2 : 3 का अनुपात हो, तो उनके क्षेत्रफलों में क्या अनुपात होगा?
9. पाइथागोरस प्रमेय का कथन लिखिए।
उत्तर-
1. थेल्स प्रमेय,
2. पाइथागोरस प्रमेय,
3. अधिककोण त्रिभुज प्रमेय,
4. न्यूनकोण त्रिभुज प्रमेय,
5. अपोलोनियसपमेय
6. समरूपता
7.
8. 4 : 9
9.”समकोण त्रिभुज में कर्ण पर बना वर्ग शेष भुजाओं पर बने वर्गों के योग के बराबर होता है।”