RB 10 English

Rajasthan Board RBSE Class 10 English Literature Poem Chapter 1 Risks

Rajasthan Board RBSE Class 10 English Literature Poem Chapter 1 Risks

Rajasthan Board RBSE Class 10 English Literature Poem Chapter 1 Risks

Activity 1: Comprehension

A. Tick the correct alternative:

  1. What does the line To hope is to risk despair’ express?
    (a) fear about failure
    (b) fear about discouragement
    (c) fear about some losses
    (d) fear to being hopeless
  2. Who composed the poem “Risks”?
    (a) Oliver Goldsmith.
    (b) Charles Mackay
    (c) Janet Rand
    (d) Alfred Tennyson

Answer.

  1. -(d),
  2. -(c).

B. Answer the following questions not exceeding 30-40 words each:
Question 1.
What is success?
सफलता क्या है?
Answer.
Success should not be measured in terms of attaining certitude and security in life. On the other hand, it should be measured by our capacity to take risks and dangers to attain knowledge, love, growth and change in our lives.

सफलता को जीवन की सुरक्षा प्राप्त करने जैसी बातों से नहीं मापा जा सकता। दूसरी तरफ, इसका मापन जीवन में ज्ञान, प्यार, विकास तथा परिवर्तन करने के लिए खतरों तथा जोखिमों को उठाने की क्षमता से मापा जाना चाहिए।

Question 2.
Who is truly free?
वास्तव में कौन स्वतंत्र है?
Answer.
A false sense of security and certitude only blocks our growth and independence. Only those who are not chained by their certitude maintain their freedom. Only a person who has the courage and capacity of taking risks is truly free.

सुरक्षा का नकली बोध एवं निश्चितता स्वतंत्रता को रोकते हैं। जो लोग निश्चितता की बेड़ियों को जकड़े हुए नहीं हैं, वही अपनी स्वतंत्रता बरकरार रख पाते हैं। वही व्यक्ति जो वास्तव में जोखिम लेने का साहस और क्षमता रखता है, वास्तव में वही स्वतंत्र है।।

Question 3.
What is the greatest hazard in life?
जीवन में सबसे बड़ी जोखिम क्या है?
Answer.
Hazard and risks are integral parts of life. We should take them in our stride.Risks must be taken. We should come out of our false sense of security and certitude. The greatest hazard in life is to risk nothing.

खतरा और जोखिम जीवन के एक अभिन्न अंग हैं। इन्हें हमें सहजतापूर्वक ग्रहण करना चाहिए। जोखिम निश्चित रूप से लिया जाना चाहिए। हमें अपनी निश्चितता तथा असंशय के नकली बोध से बाहर निकलना चाहिए। जीवन में सबसे बड़ा जोखिम कोई जोखिम नहीं लेना है।

Question 4.
When is a man filled with despair?
व्यक्ति निराशा में कब डूब जाता है?
Answer.
A man is filled in despair when he loses hope in life. Hope sustains life.We should not stop entertaining hope by thinking that if we hope, we risk failures in life. We should not think that by entertaining hope, we risk despair in life.

एक व्यक्ति तब निराशा में डूब जाता है, जब वह अपने जीवन में आशा को खो देता है। उम्मीद जीवन को गतिशील रखती है। हमें इस बात को सोचकर अपनी उम्मीद को नहीं छोड़ देनी चाहिए कि यदि हम जिंदगी से उम्मीद करेंगे तो असफलता का खतरा बन जाएगा। हमें यह सोचकर आशा का परित्याग नहीं कर देना चाहिए कि हम जीवन में नैराश्य का जोखिम उठा रहे हैं।

Question 5.
How can freedom be enjoyed?
स्वतंत्रता का आनंद कैसे उठाया जा सकता है?
Answer.
Freedom can be enjoyed when we are free from all kinds of bondage. Chained by our certitude, we become just like slaves. Certitude and security bind us to our limitations. We lose our freedom and independence. Only when we take risks and dangers, we enjoy the real freedom of life.

स्वतंत्रता का आनंद तभी उठाया जा सकता है, जब हम सभी प्रकार के बंधनों से मुक्त हों। निश्चितता की बेड़ियों में जकड़कर हम केवल दास बन सकते हैं। निश्चितता और सुरक्षा हमें परिसीमाओं में बाँधते हैं। हम अपी उन्मुकतता तथा स्वतंत्रता खो देते हैं। केवल जब हम जोखिम एवं खतरा मोल लेते हैं, तभी सच्चे अर्थों में जीवन की स्वतंत्रता का आनंद उठाते हैं।

C. Answer the following Questions not exceeding 60 words each:

Question 1.
Why should we take risk?
हमें जोखिम क्यों लेनी चाहिए?
Answer.
Life is never a risk-free proposition. It involves hazards and risks. It is true that: “No risk, no gain”. Those who risk nothing, achieve nothing. Risks provide us opportunities and we must grab them. Risks are indispensable for our growth and development. Without taking necessary risks we can’t learn, feel change, grow, love or live successfully. Without taking risks we achieve nothing important or great in life.

जीवन कभी भी जोखिम रहित विषय नहीं रहा। इसमें आपदा तथा जोखिम शामिल होते हैं। यह सही है। कि बिना जोखिम लिए लाभ की प्राप्ति नहीं होती। जो लोग जोखिम नहीं उठाते वे कुछ भी नहीं प्राप्त कर पाते। जोखिम हमें अवसर प्रदान करते हैं तथा हमें उसे अवश्य ही प्राप्त करना चाहिए। हमारी वृद्धि तथा विकास के लिए जोखिम अनिवार्य है। आवश्यक जोखिम उठाए बिना हम सीख नहीं सकते,परिवर्तन का अनुभव नहीं कर सकते, बढ़ नहीं सकते तथा प्यार और जीवन में सफलता हासिल नहीं कर सकते। जोखिम उठाए बिना हम अपने जीवन में कोई महत्वपूर्ण या बड़ी उपलब्धि नहीं प्राप्त कर सकते।

Question 2.
What is the immediate advantage of avoiding risks?
जोखिम से बचने को तत्काल लाभ क्या होता है?
Answer.
Risks must be taken and not avoided. However, avoiding risks only give us some temporary advantage. Avoiding hazards and risks create a false sense of certitude and security. We feel secure and try not to take any risk. However, this attitude is not very positive and productive. Avoiding risks leads us to our bondage. We lose freedom and independence.

जोखिम से बचने के बजाय हमें उठाया जाना चाहिए। यद्यपि जोखिम से बचने पर तत्काल लाभ प्राप्त हो सकते हैं। आपदाओं तथा जोखिमों की अनदेखी निश्चितता तथा सुरक्षा का नकली बोध का निर्माण करती है। हम सुरक्षित महसूस करते हैं तथा कोई जोखिम नहीं उठाते। हालाँकि, यह दृष्टिकोण बहुत अधिक सकारात्मक तथा उत्पादक नहीं है। जोखिमों की अनदेखी करने से हम बंधनों में बँध जाते हैं। हम अपनी उन्मुक्तता तथा स्वतंत्रता खो देते हैं।

Question 3.
“Chained by their certitude.” Explain this phrase.
“अपने निश्चितताओं का बंधन।” इस मुहावरे को वर्णित कीजिए।
Answer.
No risk, no gain. Risks must be taken. They provide opportunities. We must grab them. If we avoid risks, sufferings and sorrows in life, we are chained by our false sense of certitude and security. We become slaves of our own delusions. We lose the freedom of action. We can’t achieve true freedom without taking necessary risks in life. The greatest hazard in life is to risk nothing.

‘जोखिम नहीं तो लाभ नहीं।’ जोखिम अवश्य ही उठाया जाना चाहिए। यह हमें अवसर प्रदान करते हैं। यदि हम जोखिम की अनदेखी करते हैं, जीवन में दुख और तकलीफों की अनदेखी करते हैं, तो हम अपनी निश्चितताओं तथा सुरक्षा के नकली बोध से बँध जाते हैं। हम अपने क्रियाकलापों की स्वतंत्रता खो देते हैं। हम जीवन में आवश्यक जोखिम उठाए। बिना सही अर्थों में अपनी स्वतंत्रता को प्राप्त नहीं कर सकते। जोखिम नहीं उठाना ही जीवन की सबसे बडी जोखिम है।

Question 4.
Write the main theme of the poem.
इस कविता का मुख्य सार लिखिए।
Answer.
Hazards or risks are indispensable parts of our life. “No risk no gain,” is truly said. We must not think too much what people will say about our daring actions. Risks must be taken. They provide us with opportunities and experiences. The greatest hazard in life is to risk nothing. A person who risks nothing achieves nothing and becomes nothing. If we try to avoid sufferings and sorrows, we can’t learn, feel, change, grow or love in life. Only a person who risks is a truly free person.

जोखिम और आपदा हमारे जीवन के आवश्यक भाग हैं। ‘जोखिम नहीं तो लाभ नहीं’–यह सही कहा गया है। हमें कुछ बात पर बहुत अधिक नहीं सोचना चाहिए कि लोग हमारे इस साहसिक कार्यों पर क्या सोचते हैं। जोखिम अवश्य ही उठाए जाने चाहिए। ये हमें अवसर तथा अनुभव प्रदान करते हैं। जीवन में सबसे बड़ी जोखिम कोई जोखिम नहीं उठाना है। जो व्यक्ति जोखिम नहीं उठाता वो कुछ नहीं कर पाता तथा जीवन में कुछ नहीं बन पाता। यदि हम दुख, तकलीफों की अनदेखी करते हैं तो न तो हम कुछ सीख सकते हैं न अनुभव कर सकते हैं, न परिवर्तन कर सकते हैं और न ही हम जीवन में विकास और प्यार पा सकते हैं। केवल वही व्यक्ति जो जोखिम लेता है, सच्चे अर्थों में स्वतंत्र व्यक्ति है।

Question 5.
What is the importance of opposite images in the poem?
इस कविता में विपरीत बिम्बों का क्या महत्व है?
Answer.
The poem ‘Risks’ excels in opposite images. They are used to convey two opposite ends, meanings and symbols of human life. The use of opposite images only heightens the poetic effect. ‘Love’ is contrasted with not being loved in return ‘To live’ is to risk ‘dying’. Similarly, to hope’ is to risk despair’. To try’ is to risk failure. Similarly all other images are created to produce an effective contrast. These opposite images in the poem present the dialectics of human life.

दो विपरीत बिम्बों के संयोजन में यह कविता उत्कृष्ट है। इनका प्रयोग दो विपरीत ध्रुवों के संप्रेषण के लिए किया गया है। विपरीत बिम्बों का प्रयोग केवल कविता के प्रभाव को बढ़ाता है। प्यार की जोखिम असफल प्यार को बताया गया है। इसी प्रकार से जीवन की जोखिम मौत, आशा की जोखिम निराशा तथा कोशिश की जोखिम असफलता को वर्णित किया गया है। इसी प्रकार से एक दूसरे विपरीत बिम्बों का प्रयोग प्रभावकारी तुलना को प्रस्तुत करने के लिए किया गया है। कविता में इस प्रकार के विपरीत बिम्ब जीवन के द्वंद्व को प्रकट करते हैं।

Activity 2: Comprehension

Explain the following lines with reference to context.
1. To live is_____ to risk nothing. (L-08-12)
Answer.
Reference to page no. 221 & 222,stanza 2 & 3. (Line-08-12)

2. The person who,____grow, love, live. (L-13-17)
Answer.
Reference to page no. 222, stanza 4. (Line-13-17)

Additional Questions And Answers

A. Answer the following questions not exceeding 30-40 words each:
Question 1.
Describe Janet Rand’s ‘Risks’ as a motivational poem.
एक प्रेरणास्पद कविता के रूप में Janet Rand की ‘Risks’ का वर्णन कीजिए।
Answer
Janet Rand’s ‘Risks’ is definitely a motivational poem. It is a poem with a definite message. Human life is never risk-free. Risks are integral parts of human life. We must take them in our stride. We should remember ‘No risk, no gain’. Risks provide opportunities and expression. It is futile and unproductive to escape risks and dangers in life. A person who never takes any risk never loves, learns, changes or grows in life. He does nothing and becomes nothing.

Janet Rand की ‘Risks’ निश्चय ही एक प्रेरणास्पद कविता है। यह कविता यह निश्चित संदेश देती है। मानव जीवन कभी जोखिम रहित नहीं रहा। जोखिम मानव जीवन को एक अभिन्न अंग है। इसे हमें सहजतापूर्वक लेना चाहिए। हमें ‘जोखिम नहीं तो लाभ नहीं’ की अवधारणा को याद रखना चाहिए। जोखिम अवसर तथा अभिव्यक्ति प्रदान करते हैं। जीवन की जोखिमों तथा खतरों से बचना व्यर्थ तथा अनुत्पादक है। जो व्यक्ति कभी कोई जोखिम नहीं लेता, तो कभी भी जीवन में शिक्षा, प्यार, परिवर्तन अथवा विकास नहीं कर सकता। वह कुछ नहीं कर पाता और कुछ नहीं बन पाता।

Question 2.
What message does Janet Rand want to convey to her readers in ‘Risks?
‘Risks’ में Janet Rand कौन-सा संदेश देना चाहते हैं?
Answer.
The very title of the poem ‘Risks’ defines the theme or the message of it. It is a motivational poem. It urges human beings to accept challenges, risks and dangers in life. Risks are not to be avoided but must be taken. They provide us fresh avenues and opportunities. Those who risk nothing, get nothing and become nothing. We can learn, feel, change, love or grow properly only when we accept challenges and risks in life.

कविता का शीर्षक ‘Risks’ संदेश का सार वर्णित करता है। यह एक प्रेरणास्पद कविता है। यह मानव की चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए प्रेरित करती है। जोखिमों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए ताकि इसे स्वीकारा जाना चाहिए। ये हमें नया रास्ता तथा अवसर उपलब्ध कराते हैं। जो लोग जोखिम नहीं लेते वे कुछ नहीं पाते तथा कुछ नहीं बनते। हम शिक्षा, अनुभव, परिवर्तन, प्यार तथा समुचित विकास तभी प्राप्त कर सकते हैं जब हम जीवन की चुनौतियों तथा जोखिमों को स्वीकारते हैं।

Question 3.
Describe the ideas contained in Janet Rand’s poem ‘Risks?
Janet Rand की कविता ‘Risks’ में समाहित विचारों का वर्णन कीजिए।
Answer.
Janet Rand makes us believe that every human activity involves risk. It is quite possible that hope may result into despair and life into death. Risks are unavailable. They are essential and integral parts of life. Success means the courage to take risks. No risks, no gains. Certitude and security bind us to our limitations. Real love, learning, change and growth are not possible without accepting challenges and risks in life. Janet Rand

हमें इस बात का विश्वास दिलाते हैं कि प्रत्येक मानवीय क्रियाकलाप जोखिम से भरा है। ऐसा संभव है कि आशा निराशा में बदल जाए तथा जीवन मृत्यु में। जोखिम अनुपलब्ध होते हैं। यह जीवन के एक आवश्यक तथा अभिन्न भाग हैं। सफलता का मतलब जोखिम उठाने का साहस है। जोखिम नहीं तो लाभ नहीं। निश्चितता और सुरक्षा हमारी परियोजनाओं को सीमित करते हैं। वास्तविक प्यार, शिक्षण, परिवर्तन तथा संवृद्धि को जीवन की चुनौतियों तो जोखिमों को स्वीकार किए बिना नहीं प्राप्त किया जा सकता।

Question 4.
Should we stop laughing, weeping or reaching out to others because by doing so we risk being called fools, sentimental or involved in the affairs of others?
क्या हमें हँसना, रोना अथवा दूसरों की मदद करना इसलिए छोड़ देना चाहिए क्योंकि हमारे ऐसा करने से दूसरों के द्वारा मूर्ख, भावुक अथवा दूसरे के मामले में दखल देने वाला कहलाने का जोखिम होता है?
Answer.
We shouldn’t care too much what others think of us. We must enjoy a hearty laugh, we need not bother that others may call us fools. Similarly, shedding tears or weeping doesn’t necessarily mean being ‘sentimental’. If we reach out to others intending to help them, it doesn’t mean that we are being accused of risking involvement.

हमें बहुत ज्यादा इस बात पर नहीं सोचना चाहिए कि दूसरे हमारे बारे में क्या सोचते हैं। हमें दिल खोलकर हँसना चाहिए। हमें इस बात पर परेशान नहीं होना चाहिए कि दूसरे हमें मूर्ख कहेंगे। इसी प्रकार से, आँसुओं का झड़ना या रोना इस बात का परिचालक नहीं है कि आप संवेदनशील हैं। यदि हम किसी दूसरों की मदद करते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि हम किसी जोखिम में शामिल हो रहे हैं।

Question 5.
How does a person risk exposing himself? Who can be called a naive?
किसी व्यक्ति का जोखिम स्वयं के रूप में किस प्रकार से प्रकट होता है? किसे भोला-भाला कहा जा सकता है?
Answer.
Risks have to be taken as opportunities.We can’t and shouldn’t stop opening out to others as it would be risking our true self. We need not fear being called naive. We must risk placing our ideas and dream before a crowd. It is a risk that is worth being taken.

जोखिम को एक अवसर के रूप में किया जाना चाहिए। हमें किसी के समक्ष अपनी भावनाओं को व्यक्त करने से इसलिए नहीं हिचकना चाहिए कि इसके कारण हमें स्वयं के लिए भी जोखिम है। हमें भोला-भाला कहलाने से हटना नहीं चाहिए। हमें भीड़ के समक्ष भी अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का खतरा मोल लेना चाहिए। ये इस प्रकार के जोखिम हैं, जो उठाने योग्य है।

Question 6.
Why does the poet use opposite images in lines (7-10) in the poem? What is the purpose of her doing so?
कविता की पंक्तियों में (7-10) कवि क्यों विपरीत बिम्बों का प्रयोग करता है? उसके ऐसा करने के पीछे क्या प्रयोजन है?
Answer.
Life is full of contrasts. The dialectics of life demand that we should learn to exist amid contrasts. We can’t stop loving fearing that we may not get love in return. Similarly we can’t live life fully as living dangerously means risking death. Hope sustains life. It doesn’t matter if we get despair in return. We should go on facing the challenges and hazards of life even if it means risking failures.

जीवन विरोधाभासों से परिपूर्ण है। जीवन का द्वंद्व की माँग है कि हमें अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए विरोधाभासों के बीच-सीखना चाहिए। हमें इस बात के डर से प्यार करना नहीं छोड़ देना चाहिए कि हमें इसका प्रत्युत्तर नहीं मिलेगा। इसी प्रकार से, मृत्यु के भय से हम अपनी पूरी जिंदगी भयग्रस्तता में नहीं बिता सकते। आशा जीवन को बरकरार रखती है, इससे इसका कोई मतलब नहीं कि इससे हमें बदले में निराशा प्राप्त हो सकती है। हमें जिंदगी की चुनौतियों तथा जोखिमों का सामना करना चाहिए,भले ही इसमें असफलता का जोखिम निहित हो।

Question 7.
‘But risk must be taken’, says Janet Rand. What is the greatest hazard in life?
‘किंतु जोखिम अवश्य लिया जाना चाहिए’ ऐसा Janet Rand कहते हैं। जीवन में सबसे बड़ी जोखिम क्या है?
Answer.
Risk and challenges are not be avoided or feared. They provide us new avenues and opportunities. It is quite true that there is no gain without taking any pain or risk. Risks must be taken or even grabbed. We should remember that the great hazard or danger in life is to risk nothing. We achieve nothing where nothing is at stake in life.

जोखिमों तथा चुनौतियों से भयभीत नहीं होना चाहिए न ही इसकी अनदेखी करनी चाहिए। ये हमें नए रास्ते तथा अवसर प्रदान करते हैं। यह बात बिलकुल सत्य है कि बिना वेदना अथवा जोखिम उठाए किसी भी चीज की प्राप्ति नहीं हो सकती। जोखिम उठाए जाने चाहिए तथा इसे पकड़ना भी चाहिए। हमें इस बात को याद रखनी चाहिए कि जीवन की सबसे बड़ी जोखिम को खतरा जोखिम नहीं लेना ही है। जीवन में बिना जोखिम उठाए हम कुछ भी नहीं प्राप्त कर सकते।

Question 8.
What is the fate of a person who ‘risks’ nothing?
जो व्यक्ति कभी जोखिम नहीं उठाता, उसका भविष्य क्या है?
Answer.
A person who risks nothing in life remains a dwarf physically as well as mentally. He can’t achieve greatness or grandeur. A person who risks nothing does nothing worthwhile. He does nothing important. He doesn’t possess anything great. His mental and physical growth and development is hampered. In the end, he becomes nothing completely devoid of finer feelings and things of life.

जो व्यक्ति अपने जीवन में कोई जोखिम नहीं उठाता, वह शारीरिक तथा मानसिक दोनों ही रूपों में बौना हो जाता है। वह कोई बड़ा या प्रतिष्ठाप्रद लक्ष्य नहीं हासिल कर पाती। जो व्यक्ति जोखिम नहीं उठाता, वह कुछ भी लाभ नहीं प्राप्त कर पाता है। वह कुछ भी महत्वपूर्ण काम नहीं करता। उसमें कोई बड़ी बात नहीं होती। उसका मानसिक तथा शारीरिक विकास तथा वृद्धि अवरुद्ध हो जाता है। अंत में वह कुछ भी । नहीं बन पाता तथा जीवन के अच्छे अनुभवों तथा चीजों से दूर हो जाता है।

Question 9.
Those who ‘avoid suffering and sorrow’ are incapable of having finer human feelings and enterprises. Do you agree with the statements. Give a reasoned answer.
‘जो लोग दुख-तकलीफों की अनदेखी करते हैं, वे श्रेष्ठ मानवीय मनोभाव तथा साहस रखने की क्षमता नहीं रखते।’ क्या आज इस कथन से सहमत हैं? तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए।
Answer.
Sufferings and sorrows are parts of human life. We must take them in our stride. There is no use of avoiding or fearing them. Actually, they test our courage and abilities. Those who avoid sufferings and sorrows in life achieve nothing great or worthwhile. Learning, change, growth and love are simply not attainable if we don’t take necessary risks and challenges to attain them.

दुख-तकलीफ जीवन में एक अभिन्न अंग हैं। इसे हमें सहजता से स्वीकार कर लेना चाहिए। इन्हें अनदेखी करने अथवा इनसे डरने की कोई जरूरत नहीं है। वस्तुतः ये हमारी साहस तथा योग्यता की परीक्षा है। जो लोग दुख-तकलीफों की अनदेखी करते। हैं, जीवन में कुछ भी बड़ा अथवा लाभप्रद नहीं, प्राप्त कर सकते। जीवन में ज्ञान, परिवर्तन, वृद्धि तथा प्यार हम तब तक प्राप्त नहीं सकते जब तक कि हम आवश्यक चुनौतियों तथा जोखिमों को नहीं उठाते।।

Question 10.
How does a person lose his freedom when he is chained by his certitude? How does he become a slave?
अपने निश्चितताओं के बंधन में बँधे होने के कारण किस प्रकार से कोई व्यक्ति अपनी स्वतंत्रता को खो देता है? वह कैसे एक दास बन जाता है?
Answer.
A person who takes no risk in life becomes static and inactive. He loses dynamism and momentum. He develops a false sense of complete certainty and security. It makes him a slave of his own limitations. He loses his freedom and sense of independence. Chained by his ‘certitude’ he becomes a slave of his own limitations.

जो व्यक्ति अपने जीवन में कोई जोखिम नहीं लेता, वह स्थिर तथा अक्रियाशील हो जाता है। वह जीवन की गतिशीलता से हाथ धो बैठता है। उसके अंदर पूर्ण सुरक्षा तथा निश्चितता का एक नकली बोध उत्पन्न हो जाता है। इसके कारण वह अपनी परिसीमाओं का दाब बन जाता है। वह अपनी आजादी तथा स्वतंत्रता का भाव खो बैठता है। निश्चितताओं से बँधे होने के कारण वह अपनी परिसीमाओं का दास बन जाता है।

Question 11.
Who according to Janet Rand is truly free? Janet Rand
के अनुसार, सच्चे अर्थों में कौन स्वतंत्र है?
Answer.
A person who fears or hesitates taking risks in life can never be a truly free’ person. A man must acknowledge the dialectics of human life. Risks and challenges only test the capacity and freedom of a person. Those who never take risks become slaves of their self-created chains of certitude and security. Opening out to face every challenge of life generates dynamism and a sense of freedom. We can be ‘free’ only when we are free to accept and face the challenges and hazards of life.

जो व्यक्ति अपने जीवन में जोखिम उठाने से हिचकता या भयभीत होता है, वह कभी भी सच्चे अर्थों में स्वतंत्र व्यक्ति नहीं हो सकता। एक व्यक्ति को मानवीय जीवन के द्वंद्वों के विषय में जानकारी होने चाहिए। जोखिम और चुनौतियाँ केवल व्यक्ति की स्वतंत्रता तथा क्षमता की परीक्षा लेते हैं। जो व्यक्ति कभी जोखिम नहीं उठाता, वह स्वयं के द्वारा निर्मित निश्चितताओं तथा सुरक्षा के बंधन में बँधकर उनका दास बन जाता है। चुनौतियों का सामना करने से गतिशीलता तथा स्वतंत्रता का भाव जगता है। हम तभी स्वतंत्र हो सकते हैं जब हम जीवन की जोखिमों तथा चुनौतियों को स्वीकारने तथा उनका सामना करने के लिए स्वतंत्र हों।।

Questions For Practice

1. How does one risk ‘appearing the fool’ or ‘sentimental?
कोई जोखिम ‘मूर्खतापूर्ण अथवा संवेदनात्मक’ किस प्रकार से है?

2. Is reaching out for another and exposing feelings risky? How?
क्या दूसरों तक पहुँचना तथा अपनी भावनाओं को व्यक्त करना जोखिम भरा है? कैसे?

3. Why and when do we risk being called ‘naive? Give a valid reason.
क्यों और कब हमारे द्वारा उठाए गए जोखिम को भोला-भाला का नाम दिया जाता है? उचित कारण बताइए।

4. Describe the opposite images employed by the poet in lines (7-10). What is their poetic effect?
उन विपरीत बिम्बों का वर्णन कीजिए, जिन्हें कवि ने पंक्तियों (7-10) में वर्णित किया है? उनका काव्यात्मक प्रभाव क्या है?

5. Why should ‘risk be taken? Give a sensitive reason.
जोखिम क्यों किया जाना चाहिए? एक संवेदनशील का कारण दीजिए।

6. What is the fate of a person who stops and fears taking any risks in life?
उस व्यक्ति का भविष्य क्या है जो अपने जीवन में कभी जोखिम नहीं लेता या जोखिम लेने से घबराता है।

7. Should we avoid sufferings and sorrows? If we do so, what is the cost that we have to pay?
क्या हमें दुख-तकलीफों की अनदेखी करनी चाहिए? यदि हम ऐसा करते हैं, तो हमें इसकी कौन-सी कीमत अदा करनी पड़ेगी?

8. How are people ‘chained by their certitude’ became slaves?
किस प्रकार से निश्चितताओं के बंधन में बँधे लोग दास बन जाते हैं?

9. Who is truly free’ and why?
कौन सच्चे अर्थों में स्वतंत्र है और क्यों?

The Complete Educational Website

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *