RBSE Class 10 Sanskrit व्याकरणम् घटिका चित्र साहाय्य समय-लेखनम्
RBSE Class 10 Sanskrit व्याकरणम् घटिका चित्र साहाय्य समय-लेखनम्
Rajasthan Board RBSE Class 10 Sanskrit व्याकरणम् घटिका चित्र साहाय्य समय-लेखनम्
संस्कृत-भाषा-व्यवहारे घटिका-सम्बन्धि-कालसूचक-शब्दाना प्रयोगः अतीव सरलः भवति, तदेव अत्र प्रदश्यते । दो तावत् सामान्य-समयलेखनम् इत्युक्ते पूर्ण-समयलेखनं कथमिति दर्यते – (संस्कृत भाषा व्यवहार में घड़ी सम्बन्धी समयसूचक शब्दों का प्रयोग बहुत सरल होता है, उसी को यहाँ प्रदर्शित किया गया है। प्रारम्भिक समय में सामान्य समय लेखन यह कहा गया पूर्ण समय लेखन कैसे हो, इसे दर्शाया गया है।)
सामान्यम् (पूर्णम्)
सपाद-सार्ध-पादोन (सवा, आधा (साढ़े), पौन)।
चतुर्थांशः ‘पाद’ इति अर्धाश: च ‘अर्ध’ इति कथ्यते । अतो हि सवा’ इत्यस्य कृते संस्कृते ‘सपाद’ इति, ‘साढ़े’ इत्यस्य कृते ‘सार्ध’ इति, ‘पौन’ इत्यस्य कृते च ‘पादोन’ इति शब्दः प्रयुज्यते। यथा
(चतुर्थाश ‘पद’ और ‘अर्धांश को अर्ध कहा जाता है। इसी प्रकार ही सवा’ इसके लिए संस्कृत में ‘सपाद,’ ‘साढ़े इसके लिए सार्ध और ‘पौन’ इसके लिए ‘पादोन’ शब्द प्रयुक्त किया जाता है। अर्थात् ‘सवा’ के लिए ‘सपाद’, साढ़े के लिए ‘सार्ध’ तथा पौन के लिए पादोन शब्द का प्रयोग किया जाता है।)
अब सवा चार बजे हैं। अधुना सपादचतुर्वादनम् अस्ति।
अब साढ़े चार बजे हैं। अधुना सार्धचतुर्वादनम् अस्ति।
अब पौने चार बजे हैं। अधुना पादोनचतुर्वादनम् अस्ति।
एकैकां घटिकां दृष्ट्वा तत्सम्बद्ध-वाक्यं च पठित्व वदन्तु यत् कः कः कतिवादने किं किं करोति- (एक-एक घड़ियों को देखकर उसमें संबंधित वाक्यों को पढ़िए और बताइए कौन-कौन कितने बजे क्या-क्या करता है।)
अन्य उदाहरणानि
सपाद (सवा)- जब घड़ी की बड़ी सुई तीन पर हो तथा छोटी सुई किसी भी अंक से थोड़ी आगे हो, तो उस अंक के सवा बजते हैं । जैसे- सवा बजे (संपादैकवादनम्), सवा दो बजे (सपादद्विवादनम्) । ‘सवा’ के लिए सपाद तथा बजे के लिए वादनम्’ का प्रयोग है । 1:15 को ‘सवा’ कहते हैं; ‘सवा एक’ नहीं। यहाँ कुछ सचित्र उदाहरण दिए जा रहे हैं –
सार्ध (साढे)-जब घड़ी की बड़ी सुई 6 (छ:) पर होती है तथा छोटी सुई किन्हीं दो अंकों के ठीक बीच में हो, तो पूर्ववाले अंक के ‘साढे’ बजते हैं । यदि छोटी सुई 3 और 4 के ठीक बीच में हो तो साढ़े तीन बजेंगे । ‘साढ़े’ के लिए ‘सार्ध’ तथा बजे के लिए ‘वादनम्’ का प्रयोग करते हैं । 1: 30 तथा 2 : 30 को क्रमशः ‘डेढ़’ और ‘ढाई’ कहते हैं। साढ़े एक और साढ़े दो नहीं । जैसे –
पादोन (पौन) – जब पूर्णांक में एक-चौथाई भाग कम होता है, तो उसे ‘पौन’ कहते हैं । घड़ी में जब मिनट की बड़ी सुई 9 अंक पर होती है तब वह 45 मिनट को प्रदर्शित करती है तो हम कहते हैं कि पौने दो, पौने चार, पौने छह, पौने नौ आदि बजे हैं । संस्कृत में इसी ‘पौने’ को ‘पादोन’ कहते हैं । 12:45 को ‘पौन’ कहते हैं, ‘पौने एक’ नहीं। संस्कृत में ‘पौन’ वाले समय को इस प्रकार बताते हैं –
कला / निमेषः
‘मिनिट’ इत्यस्य कृते ‘कला’ अथवा ‘निमेष:’ इति शब्दस्य प्रयोगः भवति। 5.10 वादनम्’ इति अर्थ बोधयितुं अङ्कानां स्थाने दश कलोत्तर-पञ्चवादनम्/दश निमेषोत्तर-पञ्चवादनम्/दश कलाधिक-पञ्चवादनम्/दश निमेषाधिकपञ्चवादनम्/दशोत्तर-पञ्चवादनम्/दशाधिक पञ्चवादनम् वा इत्येवं शब्दप्रयोगः क्रियते । इदानींम उदाहरणानि पश्यन्तु– (‘मिनिट के लिए ‘कला’ या ‘निमेष’ शब्द का प्रयोग होता है। 5.10 बजे इस अर्थ को जानने के लिए अंकों के स्थान पर दश कलोत्तर-पञ्चवादनम्। दश निमेषोत्तर पञ्चवादनम् । दश कलाधिक पञ्चवादनम्। दश निमेषाधिक पञ्चवादनम् । दशोत्तर पञ्चवादनम् अथवा दशाधिक पञ्चवादनम् ऐसा शब्द प्रयोग किया जाता है। इन उदाहरणों को देखें-)
ध्यातव्यय्
संस्कृत में मिनट को पल’ अथवा ‘कला’ कहते हैं । संस्कृत में जब समय पूर्णांक, सपाद, सार्ध, पादोन के अतिरिक्त मिनट अर्थात् ‘पल’ में (जैसे- आठ बजकर दस मिनट) बताना होता है, तब पूर्णाक समय से पहले मिनट की संख्या, उसके बाद मिनट की संस्कृत, फिर ‘उत्तर’ शब्द लगाकर समय बताते हैं; यथा–‘ आट बजकर दस मिनट’ को संस्कृत में इस रूप में बताएँगे-दश-पल-उत्तर-अष्टवादनम् = दशपलोत्तराष्ट्रवादनम् ।
मिनट में कुछ अन्य समय इस प्रकार बताये जा सकते हैं –
2 : 05 (दो बजकर पाँच मिनट) 10 : 25(दस बजकर पच्चीस मिनट)
पञ्चपलोत्तरद्विवादनम् । पञ्चविंशतिपलोत्तरदशवादनम्।
6 : 07 (छह बजकर सात मिनट) 4:55 (चार बजकर पचपन मिनट)
सप्तपलोत्तरषड्वादनम् । पञ्चपञ्चाशत्पलोत्तरचतुर्वादनम्
4 : 55 (चार बजकर पचपन मिनट) को पञ्चकलान्यूनपञ्चवादनम् भी कह सकते हैं । जैसे –
4 : 10 (चार बजकर दस मिनट)
दशकलाधिकचतुर्वादनम्
4 : 05 (चार बजकर पाँच मिनट)
पञ्चकलाधिकचतुवदनम्
6 : 05 (छ: बजकर पाँच मिनट)
पञ्चकलाधिकचतुवदनम्
यदि एक मिनट से 15 मिनट तक कम हों तो ‘अधिक’ के स्थान पर ‘न्यून’ लगाकर भी समय बताया जाता है । जैसे
4 : 50 (पाँच में दस मिनट की देर) 3 : 47 (चार में तेरह मिनट की देर)
दशकलान्यूनपञ्चवादनम् । त्रयोदशकलान्यूनचतुर्वादनम्।
यदि बारह बजे (दोपहर) से पहले का समय हो तो ‘प्रात:’ या ‘पूर्वाह्न’ तथा दोपहर बारह बजे बाद का हो तो ‘सायं’ या * अपराह्न’ शब्दों का प्रयोग करते हैं । जैसे –
प्रातः 7 : 30 A.M. (प्रात: साढ़े सात बजे) पूर्वाहने/प्रातः सार्धसप्तवादने ।
सायं 345 PM. (सायं पौने चार बजे) अपराह्न/सायं पादोनचतुर्वादने ।
समयबोधकानि अन्यवाक्यानि (समयबोधक अन्य वाक्य)
आपको दो बजे अवश्य जाना है। भवता द्विवादने अवश्यं गन्तव्यम् अस्ति।
ठीक तीन बजे एक बस छूटती है। त्रिवादने एक बसयानं गच्छति ।
क्या तुम पौने छ: बजे मिलते हो? कि त्वं पादोन षड्वादने मिलसि ?
मैं साढ़े पाँच बजे घर पर ही रहता हूँ। अहं सार्धपञ्चवादने गृहे एव तिष्ठामि।
संस्कृत-वार्ता प्रसार कब होता है? संस्कृतवार्ताप्रसारः कदा भवति?
ढाई घण्टे का कार्यक्रम है। सार्धद्विघण्टात्मकः कार्यक्रमः।
क्या दस बज गए? कि दशवादनम् जातम् ? ।
मैं छ: बजे से सात बजे तक पढ़ता हूँ। अहं षड्वादनतेः सप्तवादनपर्यन्तं पठामि।
अब तीन बजने में पाँच मिनट है। अधुना पञ्चन्यूनत्रिवादनम् अस्ति।
अब चार बजकर दस मिनट हैं। अधुना देशाधिकचतुर्वादनम् अस्ति।
अब छः बजकर चालीस मिनट हैं। अधुना चत्वारिंशदधिकषड्वादनम् अस्ति।
सवा बजे लिखता है। संपादक-वादने लिखति।।
सात बजकर चालीस मिनट पर कहता है। चत्वारिंशत्यधिक-सप्तवादने कथयति ।
अब आठ बजकर पचास मिनट हुए हैं। अधुना पञ्चाशदधिक-अष्टवादनम् अस्ति ।।
चार बजे से छ: बजे तक खेलता है। चतुर्वादनतः षड्वादन-पर्यन्तं क्रीडति ।
तस्लीमा नसरीन सवा बारह बजे बोलती है। तस्लीमा नसरीन: संपाद-द्वादशवादने भाषते ।
अभ्यास प्रश्नाः
प्रश्न 1:
स्वकीयां दिनचर्या लेखितुं रिक्तस्थानानां पूर्तिम् उचितपदैः कुरुत
प्रातः अहं ….(i)…. उत्तिष्ठामि। उत्थाय अहं ….(ii)…. भ्रमणाय गच्छामि। अहं ….(iii)…. तः ….(iv)…. पर्यन्तं विद्यालयं तिष्ठामि। अहं मध्याहे ….(v)…. वादने भोजनं करोमि। तदनन्तरं ….(vi)…. त; ….(vii)…. पर्यन्तं विश्रामं । करोमि। ….(viii)…. ते: ….(ix)…. पर्यन्तं गृहकार्यं करोमि। ….(x)…. त: ….(xi)…. पर्यन्तं क्रीडामि। ….(xii)…. रात्रिभोजनं करोमि। रात्रौ ….(xiii)…. तः ….(xiv)…. पर्यन्तम् अध्ययनं कृत्वा ….(xv)…. शयनाय गच्छामि।
प्रश्न 2:
विद्यालयस्य समयसारिणीम् उचित समयवाचकैः पदैः पूरयित्वा लिखत
(i) 7.30 प्रातः । प्रातः ……………. वादने प्रार्थना ।
(ii) 10.00 प्रातः प्रातः ……………. अर्धावकाशः।।
(iii) 10.15 प्रात: प्रातः ……………. वादने पञ्चमः कालांश
(iv) 12.45 अपराह्न अपराह्न: ……….. वादने पूर्ण: अवकाश:
प्रश्न 3
दीपावल्युत्सवस्य अधोलिखिते कार्यक्रमे अङ्कानां स्थाने शब्दैः समयं लिखत
(i) सायं (7.30) ……………. वादने सामुदायिक-भवने आगमनम्। ।
(ii) सायं (8.00) ……………. वादने कवितापाठः।
(iii) सायं (9.15) …………… वादने प्रीतिभोजनम्।
(iv) सायं (9.45) ……………. वादने प्रसादवितरणम्, प्रस्थानं च।
प्रश्न 4
अधोलिखितसारिण्याम् अङ्कानां स्थाने संस्कृतपदैः समयम् लिखत
(i) प्रातः (6.30) ………….. वादने ईशवन्दना।
(ii) प्रातः (7.45) ……………. वादने उपाहारः।
(iii) प्रातः (8.15) ……………. वादने संस्कृतसम्भाषणाभ्यासः ।
(iv) प्रातः (11.00) ……………. वादने वर्तनी-संशोधनम्।
प्रश्न 5.
अधस्तन-घटिका-चित्राणि दृष्ट्वा समयं लिखत
उत्तराणि:
1 (i) पञ्चवादने (ii) सार्धपञ्चवादने (iii) सप्तवादने (iv) सार्धएकादशवादने (v) द्वादशवादने (vi) सार्ध द्वादशवादने (vii) साधैकवादने (viii) द्विवादने (ix) चतुर्वादने (x) सार्धचतुर्वादने (Xi) सार्ध पञ्चवादने (xii) सप्तवादने (xiii) सार्धसप्तवादने (xiv) सार्धनवदने (xv) दशवादने।
2. (i) प्रातः सार्ध सप्तवादने (ii) प्रात: दशवादने (iii) प्रात: सपाद दशवादने (iv) पादोन एकवादने
3. (i) सायं सार्ध सप्तवादने (ii) सायं अष्टवादने (iii) सायं सपाद नववादने (iv) सायं पादोन दशवादने
4. (i) प्रातः सार्धषट्वादने (ii) प्रातः पादोन अष्टवादने (iii) प्रातः सपाद अष्टवादने (iv) प्रातः एकादशवादने ।
अभ्यासः
1. घटिकाः दृष्ट्वा रिक्तस्थानेषु लिखत, अहम् कदा किं करोमि ?
(घड़ियाँ देखकर रिक्त-स्थानों में लिखिए, मैं कब क्या करता हूँ ?)
उत्तरम्:
(i) अहं सायं सार्धचतुर्वादने लेखं लिखामि ।
(ii) अहं सायं सार्धपञ्चवादने पाठे पठामि ।
(iii) अहं सायं सपादषड्वादने पाठं स्मरामि ।
(iv) पञ्च पलोत्तर सप्तवादने।
2. घटिकाः दृष्ट्वा रिक्तस्थानेषु लिखत, विकासः कदा किं करोति ?
(घड़ियाँ देखकर रिक्तस्थानों पर लिखिए, विकास कब क्या करता है ?)
3. घटिकां दृष्ट्वा लिखत यत् पुनीतः कदा किं किम् आचरति
(घड़ियाँ देखकर लिखिए कि पुनीत कब क्या-क्या करता है ?)
4. अधोलिखितायां समयसारिण्य अङ्कानां स्थाने संस्कृतपदेषु समयं लिखत।
(निम्नलिखित समय सारिणी में अंकों के स्थान पर समय को संस्कृत शब्दों में लिखिए।)
विद्यालये वार्षिकोत्सवस्य समयसारिणी ।
प्रात: (i) 10.00 वादने मुख्यातिथेः आगमनम् ।
प्रात: (ii) 10.30 मुख्यातिथेः स्वागतम् ।
प्रात: (iii) 10.45 प्रधानाचार्येणः । वार्षिक विवरणपाठः। पाट्याभिनय: च।
प्रातः (iv) 11.10 नाट्याभिनयस्य समापन ।
यथानिर्दिष्ट इन शब्दों के रिक्तस्थानों में भरकर सही उत्तर लिखें
5. दीपावलि-उत्सवस्य अधोलिखिते कार्यक्रमे अङ्कानां स्थाने शब्देषु समयं सूचयत।
(दीपावली-उत्सव के निम्नलिखित कार्यक्रम में अंकों के स्थान पर शब्दों में समय सूचित कीजिए !)
(i) सायं 7.30 ……… वादने सामुदायिकभवने आगमनम्।
(ii) सायं 8.00 ……… वादने कवितापाठः ।
(iii) रात्री 9.15 …….. वादने प्रीतभोजनम् ।
(iv) रात्रौ ९.55 ……….. बादने शोनम ।
6. निम्नलिखित कार्यक्रमे अङ्कानां स्थाने संस्कृतपदेषु समयम् लिखत्
(निम्नलिखित कार्यक्रम में अंकों के स्थान पर संस्कृत शब्दों में समय में लिखिए।)
(i) 6.15 सायम् अतिथीनाम् आगमनम्, जलपानम्।
(ii) 7.30 सायं काव्यगोष्ठी ।
(iii) 8.45 सायम् भक्तिसङ्गीतम् ।
(iv) 9.10 सायं भोजनम् ।।
7. निम्नलिखिते कार्यक्रमे अङ्कानां स्थाने संस्कृतपदेषु समयं लिखत।
(निम्नलिखित कार्यक्रम में अंकों के स्थान पर संस्कृत शब्दों में समय लिखिए ।)
प्रात: (i) 8.30 वादने प्रार्थना।
प्रात: (ii) 8.45 ध्वजारोहणं, भाषणानि च।
प्रातः (iii) 11.15 जलपानम्।
प्रात: (iv) 11.35 विसर्जनम् ।
8. अधोलिखितवाक्येषु अङ्कानां स्थाने संस्कृतपदेषु समयं लिखत।।
(निम्नलिखित वाक्यों में अंकों के स्थान पर समय को संस्कृत शब्दों में लिखिए।)
(i) प्रात: 9.45 वादने दीपप्रज्चालनम्।
(ii) प्रात: 10.15 वादने अतिथे: स्वागतम्।
(iii) प्रातः 10.30 वादने नाटकाभिनय:।।
(iv) प्रात: 11.00 वादने समापनम्।
उत्तराणि:
4. (i) दश (ii) सार्धदश (iii) पदोनैकादश (iv) दश पलोत्तर एकाद
5. (i) सार्धसप्त (ii) अष्ट (iii) सपादनव (iv) पञ्चपञ्चाशत् पलोतर नव
6. (i) संपादधड् (ii) सार्धसप्त (iii) पादोननव (iv) दश पलोत्तर नव
7. (i) सार्धअष्ट (ii) पदोन्नव (iii) संपादैकादश (iv) पञ्चत्रिंशति पलीत्तर एकाश
8. (i) पादोनदश (ii) संपाददश (iii) सार्धदश (iv) एकादश