RB 8 Sanskrit

RBSE Class 8 Sanskrit व्याकरण धातु-रूपाणि

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Rajasthan Board RBSE Class 8 Sanskrit व्याकरण धातु-रूपाणि

पढ़ना, लिखना, जाना आदि क्रियाओं को संस्कृत में धातु कहते हैं। इनके रूप तीन पुरुषों व तीन वचनों में चलते हैं।। यथा–

1. पठ् (पढ़ना) धातु के रूप

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2. श्रु (सुनना) धातु, लट्लकारः
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3. दा (देना) धातुः
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4. ज्ञा (जानना) धातु, लट्लकारः
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5. खाद् (खाना)
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6. इष् (इच्छा करना)
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7. गम् (गच्छ् = जाना) धातु
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8. दृश् (पश्य = देखना) धातु
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9. स्था (तिष्ठ् = रुकना) धातु
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10. के (करना) धातु
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11. अस् (रहना, होना) धातु
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आत्मनेपदी धातुएँ धातुएँ दो प्रकार की होती हैं–परस्मैपदी और आत्मनेपदी। पूर्व में सभी धातुएँ परस्मैपद की दी गई हैं और इनके रूप भी परस्मैपद में बताये गये हैं। आत्मनेपदी धातुओं के रूप इनसे भिन्न होते हैं। यहाँ पाठ्यक्रम में निर्धारित आत्मनेपदी धातुओं के रूप पाठ्यक्रमानुसार लट् एवं लृट् लकार में ही = दिये जा रहे हैं

1. सेव् (सेवा करना) धातु
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2. लभ् (पाना) धातु
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3. मुद् (प्रसन्न होना) धातु
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4. रुच् (अच्छा लगना, रुचना) धातु
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5. वृत् (होना) धातु
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6. याच् (माँगना) धातु
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अभ्यासार्थ प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठप्रश्नाः

प्रश्न 1.
‘दा’ धातोः लट्लकारे प्रथमपुरुष-बहुवचनस्य रूपमस्ति
(क) ददति
(ख) ददन्ति
(ग) ददाति
(घ) ददाम।
उत्तर:
(क) ददति

प्रश्न 2.
‘दृश्धातोः लुट्लकारे मध्यमपुरुषः एकवचनस्य रूपमस्ति ‘
(क) पश्यसि
(ख) द्रक्ष्यति
(ग) द्रक्ष्यसि
(घ) द्रक्ष्यथः।
उत्तर:
(ग) द्रक्ष्यसि

प्रश्न 3.
‘रुच्’ धातोः लट्लकारे उत्तमपुरुषः द्विवचनस्य रूपमस्ति ……………………………..
(क) रोचते
(ख) रोचावहे
(ग) रोचामहे
(घ) रोचे
उत्तर:

प्रश्न 4.
तेषु ज्येष्ठतर: ……………………………..
(क) अवदन्
(ख) अवदः
(ग) अवदम्
(घ) अवदत्
उत्तर:
(ख) अवदः

प्रश्न 5.
बुद्धिहीनाः …………………………….. यथा ते सिंहकारकाः।
(क) विनश्यति।
(ख) विनश्यामः
(ग) विनश्यन्ति
(घ) विनश्यर्थः।
उत्तर:
(ग) विनश्यन्ति

प्रश्न 6.
…………………………….. ते धूर्ततायाः फलम्।।
(क) लप्स्यन्ते।
(ख) लप्स्य ते।
(ग) लप्स्ये ते
(घ) लप्स्ये।
उत्तर:
(क) लप्स्यन्ते।

प्रश्न 7.
वाग्भट्टःहम्मीरस्य पितामहः ……………………………..
(क) आसन्।
(ख) आसम्
(ग) आस्मः
(घ) आसीत्।
उत्तर:
(घ) आसीत्।

प्रश्न 8.
गजस्य दन्ताः दर्शनस्य अन्ये ……………………………..
(क) भवन्ति
(ख) भवति
(ग) भवामि
(घ) भवामः।
उत्तर:
(क) भवन्ति

प्रश्न 9.
…………………………….. नद्यः स्वयमेव नाम्भः।
(क) पिबति
(ख) पिबन्ति
(ग) पिबसि
(घ) पिबथः।
उत्तर:
(ख) पिबन्ति

प्रश्न 10.
‘तृणैर्गुणत्वमापन्नेः’ …………………………….. मत्तदन्तिनः।
(क) बध्यते
(ख) बध्येते
(ग) बध्ये
(घ) बध्यन्ते।
उत्तर:
(घ) बध्यन्ते।

अतिलघूत्तरात्मकप्रश्नाः–

प्रश्न 1.
निर्देशानुसारं क्रियापदं लिखत
(क) सेव् धातु ललकार प्रथम पुरुष एकवचन।
(ख) लभ् धातु लट्लकार उत्तम पुरुष एकवचन।
उत्तर:
(क) सेवते।
(ख) लभे।

प्रश्न 2.
निर्देशानुसार क्रियापदं लिखत
(क) दा धातुः लुट्लकारः प्रथम पुरुषः एकवचनम्।
(ख) श्रु धातुः लुट्लकारः उत्तम पुरुष: बहुवचनम्।।
उत्तर:-
(क) दास्यति।
(ख) श्रोष्यामः।।

प्रश्न 3.
निर्देशानुसारेण रिक्तस्थाने क्रियायाः रूपं लिखत

  1. ते कदाचित् मन्त्रणाम् ……………………………. (कृ धातु, लङ् लकार)
  2. त्वं स्वगृहं ……………………………. (गम् धातु, लोट् लकार)
  3. भवान् वित्तस्य समभागी ……………………………. (भू धातु, लृट् लकार)
  4. तस्य मनः प्रियायामेव अनुरक्त ……………………………. (अस् धातु, लङ् लकार)
  5. भवती किमपि अभिज्ञानचिह्न ……………………………. (दो धातु, लोट् लकार)
  6. लोकः तद् ……………………………. (अनु, वृत् धातु, लट् लकार)
  7. भवान् माम् ……………………………. (मुञ्च् धातु, लोट् लकार)

उत्तर:

  1. अकुर्वन्
  2. गच्छ्
  3. भविष्यति
  4. आसीत्
  5. ददातु
  6. अनुवर्तते
  7. मुञ्चतु।

प्रश्न 4.
निर्देशानुसारं धातु-रूपाणि लिखत-

  1. श्रु (लङ्लकारः, प्रथमपुरुषः, एकवचनम्)
  2. दा (लोट्लकारः, मध्यमपुरुषः, द्विवचनम्)
  3. ज्ञा (लुट्लकारः, उत्तमपुरुषः, बहुवचनम्)
  4. ज्ञा (लट्लकारः, प्रथमपुरुषः, बहुवचनम्)
  5. दा (विधिलिङ्लकारः, मध्यमपुरुषः, एकवचनम्)
  6. श्रु (लट्लकारः, उत्तमपुरुषः, एकवचनम्)
  7. दा (लोट्लकारः, प्रथमपुरुषः, बहुवचनम्)
  8. ज्ञा (लङ्लकारः, मध्यमपुरुषः, द्विवचनम्)
  9. सेव् (लट्लकारः, प्रथमपुरुषः, बहुवचनम्)
  10. लभ् (लुट्लकारः, उत्तमपुरुषः, एकवचनम्)
  11. मुद् (लट्लकारः, मध्यमपुरुषः, बहुवचनम्)
  12. रुच् (लुट्लकारः, प्रथमपुरुषः, एकवचनम्)
  13. वृत् (लट्लकारः, मध्यमपुरुषः, द्विवचनम्)
  14. याच् (लुट्लकारः, प्रथमपुरुषः, बहुवचनम्)

उत्तर:

  1. अश्रुणोत्,
  2. दत्तम्,
  3. ज्ञास्यामः,
  4. जानन्ति,
  5. दद्याः
  6. शृणोमि,
  7. ददतु,
  8. अजानीतम्,
  9. सेवन्ते,
  10. लप्स्ये,
  11. मोदध्वे,
  12. रोचिष्यते,
  13. वर्तेथे,
  14. याचिष्यन्ते।

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