UK 10th Math

UK Board 10th Class Math – Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ

UK Board 10th Class Math – Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ

UK Board Solutions for Class 10th Math – गणित – Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ

प्रश्नावली 1.1
प्रश्न 1. निम्नलिखित संख्याओं का महत्तम समापवर्तक (H.C.F.) ज्ञात करने के लिए यूक्लिड-विभाजन एल्गोरिथ्म का प्रयोग कीजिए :
(i) 135 और 225 (ii) 196 और 98220 (iii) 867 और 255
हल: • (i) दी गई संख्याएँ = 135 और 225
⋅.⋅      225 > 135
∴ चरण 1. दी गई संख्याओं 225 और 135 के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका के प्रयोग से,
225 = (135 × 1) + 90 (⋅.⋅ शेषफल 90 ≠ 0)
∴ चरण 2. संख्याओं 135 और 90 के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका के प्रयोग से,
135 = (90 × 1) + 45 (⋅.⋅ शेषफल 45 ≠ 0)
∴ चरण 3. संख्याओं 90 और 45 के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका के प्रयोग से,
90 = (45 × 2 ) + 0
⋅.⋅ शेषफल शून्य है और भाजक = 45
अतः महत्तम समापवर्तक (H. C. F.) = 45   (⋅.⋅ शेषफल = 0)
• (ii) चूँकि दी गई संख्याएँ = 196 व 38220
चूँकि    38220 > 196
∴ चरण 1. दी गई संख्याओं 196 व 38220 के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका के प्रयोग से,
38220 = (196 × 195) + 0 ( शेषफल = 0)
⋅.⋅ शेषफल शून्य है और भाजक = 196
अतः महत्तम समापवर्तक (H. C. F.) = 196
• (iii) दी गई संख्याएँ = 867 और 255
⋅.⋅    867 > 255
∴ चरण 1. दी गई संख्याओं 867 और 255 लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका के प्रयोग से,
867 = (255 × 3)+102  (⋅.⋅ शेषफल 102 ≠ 0)
∴ चरण 2. संख्याओं 255 व 102 के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका के प्रयोग से,
255 = (102 × 2) + 51 (⋅.⋅ शेषफल 51 ≠ 0)
∴ चरण 3. संख्याओं 102 व 51 के लिए यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका से,
102 = (51 × 2) + 0 ( शेषफल = 0)
⋅.⋅ शेषफल शून्य है और भाजक = 51
अतः महत्तम समापवर्तक (H. C. F.) = 51 उत्तर
प्रश्न 2. दर्शाइए कि कोई भी धनात्मक विषम पूर्णांक 6 q + 1 या 6 q + 3 या 6 q + 5 के रूप का होता है, जहाँ q कोई पूर्णांक है।
हल : माना a एक विषम धन पूर्णांक है जो 6 से बड़ा है और
b एक धन पूर्णांक इस प्रकार है कि b = 6
तब यूक्लिड की विभाजन प्रमेयिका के प्रयोग से,
a = b q + r
या      a = 6 q + r           क्योंकि b = 6
तब r का मान 6 से कम होना चाहिए।
तब r के सम्भव मान = 0, 1, 2, 3, 4, 5
तब       a = 6 q + 0 या a = 6 q + 1
या         a = 6 q + 2
या         a = 6 q + 3
या         a = 6 q + 4
या         a = 6 q + 5
⋅.⋅ a एक विषम संख्या है; अतः a = 6 q + 0, 6 q + 2 और 6 q + 4 नहीं हो सकते क्योंकि ये राशियाँ 2 से विभाज्य हैं।
तब विषम संख्या a = 6 q + 1 या 6 q + 3 या 6 q + 5
अतः एक धनात्मक विषम पूर्णांक 6 q + 1 या 6 q + 3 या 6 q + 5 के रूप का होगा। उत्तर
प्रश्न 3. किसी परेड में 616 सदस्यों वाली एक सेना (आर्मी) की दोनों समूहों को समान संख्या वाले स्तम्भों में मार्च करना है। उन टुकड़ी को 32 सदस्यों वाले एक आर्मी बैंड के पीछे मार्च करना है। स्तम्भों की अधिकतम संख्या क्या है जिसमें वे मार्च कर सकते हैं?
हल : स्तम्भों (lines) की अधिकतम संख्या टुकड़ी के सैनिकों की संख्या 616 और बैंड के सदस्यों की संख्या 32 का महत्तम समापवर्तक होगी।
तब चरण 1. 616 और 32 के लिए यूक्लिड की विभाजन प्रमेयिका के प्रयोग से,
616 = (32 × 19) + 8 (⋅.⋅ शेषफल 8 ≠ 0)
तब चरण 2. 32 और 8 के लिए यूक्लिड की विभाजन प्रमेयिका केप्रयोग से,
32 = (8 × 4) + 0 (शेषफल = 0)
⋅.⋅ शेषफल शून्य है और भाजक 8 है।
महत्तम समापवर्तक (H.C.F.) = 8
अतः सेना 8 स्तम्भों में मार्च कर सकती है। उत्तर
प्रश्न 4. यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करके दर्शाइए कि धनात्मक पूर्णांक का वर्ग किसी पूर्णांक m के लिए 3 m या 3 m + 1 के रूप का होता है।
हल : माना a तथा b दो धन पूर्णांक ऐसे हैं कि
a > b और b = 3
तब यूक्लिड की विभाजन प्रमेयिका से,
a = 3 b + r जबकि 0 ≤ r < 3
तब r के सम्भव मान = 0, 1, 2
तब a = 3 b + 0                या a = 3 b + 1
या a = 3 b + 2
तब a2 = (3 b + 0)2        या a = (3 b + 1)2
या a = (3 b + 2)2
यदि a2 = (3 b + 0)2   तो a2 = 9 b2 = 3. (3 b2)
यदि a2 = (3 b + 1)2   तो a2 = 9 b2 = 6 b + 1
= 3 (3 b2 + 2 b) 1
यदि a2 = (3 b + 2)   तो a2 = 9 b2 + 12 b + 4
= (9 b2 + 12 b + 3) + 1
= 3 (3 b2 + 4 b + 1) + 1
a2 के सभी विस्तारों से स्पष्ट है कि a2 को 3 से विभाजित करने पर और शेषफल या तो शून्य बचता है या 1 बचता है।
∴ किसी धनपूर्णांक m के लिए
a2 = 3 m + 0 या 3 m +1
अतः किसी धन पूर्णांक का वर्ग किसी पूर्णांक m के लिए 3 m या 3 m + 1 के रूप का होता है।
प्रश्न 5. यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करके दर्शाइए कि किसी धनात्मक पूर्णांक का घन 9 m, 9 m + 1 या 9 m + 8 के रूप का होता है।
हल : माना a तथा b दो धन पूर्णांक ऐसे हैं कि a > b और b = 3
तब यूक्लिड की विभाजन प्रमेयिका से,
a = 3 b + r
तब समीकरण ( 1 ), (2) व (3) से स्पष्ट है कि a3. को 9 से विभाजित करने पर शेषफल 0, 1 या 8 बचता है ।
अतः किसी धनपूर्णांक m के लिए
a3 = 9m, या a3 = 9 m + 1, या a3 = 9 m + 8
अतः किसी धन पूर्णांक का घन 9 m, 9 m + 1 या 9 m + 8 के रूप का होता है।
प्रश्नावली 1.2
प्रश्न 1. निम्नलिखित संख्याओं को अभाज्य गुणनखण्डों के गुणनफल के रूप में व्यक्त कीजिए :
(i) 140
(ii) 156
(iii) 3825
(iv) 5005
(v) 7429
प्रश्न 2. पूर्णांकों के निम्नलिखित युग्मों के महत्तम समापवर्तक (H.C.F.) और लंघुत्तम समापवर्त्य (L.C.M.) ज्ञात कीजिए तथा इसकी जाँच कीजिए कि दो संख्याओं का गुणनफल = H. CF. X L.C.M. है।
(i) 26 और 91
(ii) 510 और 92
(iii) 336 और 54
और दोनों संख्याओं के सभी अभाज्य गुणनखण्डों का (अधिकतम घातों में) गुणनफल
प्रश्न 4. H. C. F. ( 306, 657 ) = 9 दिया है। L.C.M. (306,657) ज्ञात कीजिए।
प्रश्न 5. जाँच कीजिए कि क्या किसी प्राकृत संख्या n के लिए 6n अंक 0 पर समाप्त हो सकती है?
हल: यदि 6n (जहाँ, n एक प्राकृत संख्या है) का मान एक ऐसी संख्या है जिसमें इकाई का अंक शून्य है तो 6n, 5 से विभाज्य होगा।
∴ 6n = (2 × 3)n जिसका आशय है कि 6n के अभाज्य गुणनखण्डों में 2 या 3 के अतिरिक्त कोई अन्य अभाज्य गुणनखण्ड नहीं है।
∴ 6n का कोई गुणनखण्ड 5 नहीं हो सकता।
अतः 6n, अंक शून्य पर समाप्त नहीं हो सकती।
प्रश्न 6. व्याख्या कीजिए कि 7 × 11 × 13 + 13 और 7 × 6 × 5 × 4 × 3 × 2 × 1 + 5 भाज्य संख्याएँ क्यों हैं?
⋅.⋅ दी गई संख्या (7 × 6 × 5 × 4 × 3 × 2 × 1 + 5) को 5 × 1009 अभाज्य गुणनखण्डों के गुणनफल के रूप में लिखा जा सकता है।
अतः संख्या (7 × 6 × 5 × 4 × 3 × 2 × 1 + 5) अंकगणित की आधारभूत प्रमेय के अनुसार भाज्य है।
प्रश्न 7. किसी खेल के मैदान के चारों ओर एक वृत्ताकार पथ है। इस मैदान का एक चक्कर लगाने में सोनिया को 18 मिनट लगते हैं, जबकि इसी मैदान का एक चक्कर लगाने में रवि को 12 मिनट लगते हैं। मान लीजिए कि वे दोनों एक ही स्थान और एक ही समय पर चलना प्रारम्भ करके एक ही दिशा में चलते हैं। कितने समय बाद वे पुन: प्रारम्भिक स्थान पर मिलेंगे?
हल: सोनिया और रवि जिस स्थान से चले थे उसी स्थान पर पुनः मिलने के लिए उन्हें वह समय चाहिए जो 12 मिनट और 18 मिनट दोनों समयों का एक ही गुणज हो और न्यूनतम हो। इसके लिए हमें 12 और 18 का लघुत्तम समापवर्त्य (L. C. M.) ज्ञात करना होगा।
12 = 2 × 2 × 3        = (2)2 × 3
18 =        2 × 3 × 3 = 2 × (3)2
दोनों संख्याओं में अभाज्य गुणनखण्ड 2 की अधिकतम घात का अभाज्य गुणनखण्ड = (2)²
और दोनों संख्याओं में अभाज्य गुणनखण्ड 3 की अधिकतम घात का अभाज्य गुणनखण्ड = (3)2
∴ लघुत्तम समापवर्त्य (L.C.M.) = (2)2 × (3)2 = 4 × 9 = 36
अतः वे 36 मिनट बाद पुनः प्रारम्भिक स्थान पर मिलेंगे।
प्रश्नावली 1.3
प्रश्न 1. सिद्ध कीजिए कि √5 एक अपरिमेय संख्या है।
हल : कल्पना कीजिए कि √5 अपरिमेय न होकर एक परिमेय संख्या है।
⋅.⋅ p भी 5 से विभाज्य है और q भी 5 से विभाज्य है।
∴ 5, p और q का सार्वनिष्ठ अभाज्य गुणनखण्ड है (जो 1 के अतिरिक्त है)।
यह एक विरोधाभास है क्योंकि हमारी मान्यता के अनुसार p और q में (1 के अतिरिक्त) कोई अभाज्य गुणनखण्ड सार्वनिष्ठ नहीं है।
∴ यह संकेत करता है कि हमारी कल्पना “√5 परिमेय संख्या है” असंगत एवं त्रुटिपूर्ण है।
अतः √5 एक अपरिमेय संख्या है।
प्रश्न 2. सिद्ध कीजिए कि 3 + 2 √5 एक अपरिमेय संख्या है।
हल : माना 3 + 2 √5 अपरिमेय नहीं, परिमेय संख्या है।
√5 भी एक परिमेय संख्या है परन्तु यह सर्वमान्य तथ्य है कि √5 परिमेय नहीं, अपरिमेय संख्या है। तब यहाँ विरोधाभास है।
इस विरोधाभास का कारण हमारी कल्पना “3 + 2 √5 को परिमेय मानना” ही है। इसलिए 3 + 2 √5 परिमेय नहीं है।
अतः दी गई संख्या 3 + 2 √5 अपरिमेय संख्या है।
प्रश्न 3. सिद्ध कीजिए कि निम्नलिखित संख्याएँ अपरिमेय हैं- 
प्रश्नावली 1.4
प्रश्न 1. बिना लम्बी विभाजन प्रक्रिया किए बताइए कि निम्नलिखित परिमेय संख्याओं के दशमलव प्रसार सान्त हैं या असान्त आवर्ती हैं :
प्रश्न 2. प्रश्न (1) में दी गई उन परिमेय संख्याओं के दशमलव प्रसारों को लिखिए जो सान्त हैं।
प्रश्न 3. कुछ वास्तविक संख्याओं के दशमलव प्रसार नीचे दर्शाए गए हैं। प्रत्येक स्थिति के लिए निर्धारित कीजिए कि यह संख्या परिमेय संख्या है या नहीं। यदि यह परिमेय संख्या है और p/q के रूप की है तो q के अभाज्य गुणनखण्डों के बारे में आप क्या कह सकते हैं?
(i) 43.123456789
(ii) 0.120120012000120000 ……..
(iii) 43.123456789

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