UK Board 10th Class Science – Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
UK Board 10th Class Science – Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
UK Board Solutions for Class 10th Science – विज्ञान – Chapter 1 रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
अध्याय के अन्तर्गत दिए गए प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ क्यों किया जाता है ?
उत्तर : साधारण परिस्थितियों में भी मैग्नीशियम वायु में उपस्थित ऑक्सीजन से संयोग करके मैग्नीशियम ऑक्साइड बना लेता है। अतः मैग्नीशियम रिबन से इस मैग्नीशियम ऑक्साइड की पर्त तथा अन्य अशुद्धियों; जैसे – धूल-कण, नमी आदि को हटाकर शुद्ध मैग्नीशियम प्राप्त करने के लिए इसे वायु में जलाने से पहले साफ कर लेना आवश्यक होता है।
प्रश्न 2. निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाओं के लिए सन्तुलित समीकरण लिखिए-
प्रश्न 3. निम्नलिखित अभिक्रियाओं के लिए उनकी अवस्था के संकेतों के साथ सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए-
(i) जल में बेरियम क्लोराइड तथा सोडियम सल्फेट के विलयन अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा अघुलनशील बेरियम सल्फेट का अवक्षेप बनाते हैं।
(ii) सोडियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन ( जल में ) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के विलयन ( जल में) से अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड का विलयन तथा जल बनाते हैं।
प्रश्न 4. किसी पदार्थ X’ के विलयन का उपयोग सफेदी करने के लिए होता है।
(i) पदार्थ X का नाम तथा इसका सूत्र लिखिए ।
(ii) ऊपर (i) में लिखे पदार्थ ‘X’ की जल के साथ अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर : (i) पदार्थ ‘X’ का नाम कैल्सियम ऑक्साइड (शुष्क चूना या अनबुझा चूना) है। इसका सूत्र CaO है।
(ii) कैल्सियम ऑक्साइड (CaO) की जल के साथ अभिक्रिया निम्नलिखित है-
CaO(s)+H2O(l) → Ca(OH)2 (aq)
अनबुझा चूना जल बुझा हुआ चूना
प्रश्न 5. क्रियाकलाप 1.7 में एक परखनली में एकत्रित गैस की मात्रा दूसरी से दोगुनी क्यों है? उस गैस का नाम बताइए ।
उत्तर : क्रियाकलाप 1.7 में, जब जल अपघटित होता है तो हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन गैस बनती हैं—
द्रव्यमान संरक्षण नियम ‘अनुसार जब जल के दो अणु अपघटित होते हैं तब हाइड्रोजन गैस के दो अणु तथा ऑक्सीजन गैस का एक अणु उत्पन्न होता है। अतः उत्पन्न हुई हाइड्रोजन की मात्रा ऑक्सीजन की मात्रा से दोगुनी होती है। अतः एक परखनली हाइड्रोजन गैस की मात्रा दोगुनी है।
प्रश्न 6. जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट के विलयन में डुबोया जाता है तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है?
उत्तर : कॉपर सल्फेट विलयन में लोहे की एक कील डालने पर कॉपर सल्फेट विलयन का नीला रंग परिवर्तित हो जाता है क्योंकि आयरन का स्थान सक्रियता श्रेणी में कॉपर से ऊपर है। अतः यह कॉपर को उसके विलयन से विस्थापित कर देता है तथा आयरन सल्फेट बन जाता है जिसका रंग हरा होता है। फलस्वरूप विलयन का रंग परिवर्तित हो जाता है।
प्रश्न 7. क्रियाकलाप 1-10 से भिन्न द्वि-विस्थापन अभिक्रिया का एक उदाहरण दीजिए ।
उत्तर : जब सिल्वर नाइट्रेट विलयन सोडियम क्लोराइड विलयन में मिलाया जाता है तब सिल्वर क्लोराइड का सफेद अवक्षेप तथा सोडियम नाइट्रेट का विलयन प्राप्त होता है।
AgNO3 (aq) + NaCl(aq) → AgCl ↓ + NaNO3 (aq)
प्रश्न 8. निम्न अभिक्रियाओं में उपचयित तथा अपचयित पदार्थों की पहचान कीजिए-
(i) 4Na (s) + O2 (g) → 2Na2O(s)
(ii) CuO (s) + H2 (g) → Cu(s) + H2O (l)
उत्तर : (i) Na उपयचित होता है तथा O2 अपचयित होती है।
(ii) CuO अपचयित होता है तथा H2 उपचयित होती है।
अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. नीचे दी गई अभिक्रिया के सम्बन्ध में कौन-सा कथन असत्य है?
2PbO(s) + C (s) → 2Pb(s) + CO2(g)
(a) सीसा अपचयित हो रहा है।
(b) कार्बन डाइऑक्साइड उपचयित हो रहा है।
(c) कार्बन उपचयित हो रहा है।
(d) लेड ऑक्साइड अपचयित हो रहा है।
(i) (a) एवं (b)
(ii) (a) एवं (c)
(iii) (a), (b) एवं (c)
(iv) सभी
उत्तर : (i) (a) एवं (b)
प्रश्न 2. Fe2O3 + 2Al → Al2O3 + 2Fe
ऊपर दी गई अभिक्रिया किस प्रकार की है-
(a) संयोजन अभिक्रिया
(b) द्वि-विस्थापन अभिक्रिया
(c) वियोजन अभिक्रिया
(d) विस्थापन अभिक्रिया
उत्तर : (d) विस्थापन अभिक्रिया ।
प्रश्न 3. लौह-चूर्ण पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालने से क्या होता है? सही उत्तर पर निशान लगाइए-
(a) हाइड्रोजन गैस तथा आयरन क्लोराइड बनता है।
(b) क्लोरीन गैस एवं आयरन हाइड्रॉक्साइड बनता है।
(c) कोई अभिक्रिया नहीं होती है।
(d) आयरन लवण तथा जल बनता है।
उत्तर : (a) हाइड्रोजन गैस तथा आयरन क्लोराइड बनता है।
प्रश्न 4. सन्तुलित रासायनिक समीकरण क्या है? रासायनिक समीकरण को सन्तुलित करना क्यों आवश्यक है?
उत्तर : “वह रासायनिक समीकरण जिसके दोनों पक्षों में प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या बराबर होती है, सन्तुलित रासायनिक समीकरण (balanced chemical equation) कहलाती है।” जैसे—
जिक (Zn), तनु सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) के साथ अभिक्रिया करके जिंक सल्फेट (ZnSO4) और हाइड्रोजन (H2) बनाता है। इसे समीकरण के रूप में निम्न प्रकार लिखा जा सकता है-
Zn+ H2SO4 → ZnSO4 + H2 ↑
अभिकारकों तथा उत्पादों में अलग-अलग सभी तत्वों के परमाणुओं की गणना करने पर,
तत्वों के परमाणुओं की संख्या | अभिकारकों में | उत्पादों में |
Zn
H
S
O
|
1
2
1
4
|
1
2
1
4
|
इस प्रकार हम देखते हैं कि अधिकारकों तथा उत्पादों में तत्वों के परमाणुओं की संख्या समान है; अतः उपर्युक्त रासायनिक समीकरण एक सन्तुलित समीकरण है।
रासायनिक समीकरण को सन्तुलित करने की आवश्यकता
रासायनिक अभिक्रिया में पदार्थ न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। यह द्रव्यमान संरक्षण का नियम है। रासायनिक अभिक्रियाओं में द्रव्यमान संरक्षण के नियम को सन्तुष्ट करने के लिए रासायनिक समीकरणों को सन्तुलित किया जाता है; क्योंकि अभिकारकों में विभिन्न प्रकार के परमाणुओं की संख्या को, उत्पादों में उसी प्रकार के परमाणुओं की संख्या के बराबर अवश्य होना चाहिए।
प्रश्न 5. निम्न कथनों को रासायनिक समीकरण के रूप में परिवर्तित कर उन्हें सन्तुलित कीजिए-
(a) नाइट्रोजन हाइड्रोजन गैस से संयोग करके अमोनिया बनाता है।
(b) हाइड्रोजन सल्फाइड गैस का वायु में दहन होने पर जल एवं सल्फर डाइऑक्साइड बनता है।
(c) ऐलुमिनियम सल्फेट के साथ अभिक्रिया कर बेरियम क्लोराइड, ऐलुमिनियम क्लोराइड एवं बेरियम सल्फेट का अवक्षेप देता है।
(d) पोटैशियम धातु जल के साथ अभिक्रिया करके पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस देती है।
उत्तर : (a) कथन की रासायनिक समीकरण इस प्रकार है—
H2 (g) + N2 (g) → NH3 (g)
इस अभिक्रिया समीकरण को सन्तुलित करने के लिए निम्नलिखित पदों का अनुसरण करना होगा –
पद I : उपर्युक्त रासायनिक समीकरण को सन्तुलित करने के लिए, सर्वप्रथम हम प्रत्येक सूत्र के चारों ओर एक बॉक्स खींचते हैं-
पद II : इस असन्तुलित समीकरण में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या की सूची बनाते हैं-
तत्व | अभिकारकों (बाईं ओर) में परमाणुओं की संख्या | उत्पादों (दाईं ओर) में परमाणुओं की संख्या |
N
H
|
2
2
|
1
3
|
पद III: सन्तुलन प्रक्रिया का आरम्भ हम उस तत्व से करते हैं जिसके परमाणुओं की संख्या अधिकतम है। यह अभिकारक तथा उत्पाद कोई भी हो सकता है। यहाँ उपर्युक्त सूची देखने से ज्ञात होता है कि हाइड्रोजन के परमाणुओं की संख्या अधिक है। अत: पहले हम इनका सन्तुलन करते हैं—
हाइड्रोजन परमाणु | अभिकारकों में | उत्पादों में |
प्रारम्भ में
सन्तुलन के लिए
|
2 (H2 में)
2 × 3
|
3 (NH3 में)
3 × 2
|
अब उपर्युक्त गणना के आधार पर आंशिक सन्तुलित समीकरण इस प्रकार होगी—
पद IV : इस समीकरण को देखने पर पता चलता है कि नाइट्रोजन तथा हाइड्रोजन के परमाणुओं की संख्या सन्तुलित है। अर्थात् उपर्युक्त समीकरण में N तथा H परमाणुओं की संख्या दोनों ओर एकसमान है। इस प्रकार दी गई समीकरण का पूर्णतया सन्तुलित स्वरूप निम्नलिखित है—
3H2(g)+ N2 (g) → 2NH3(g)
(b) कथन की रासायनिक समीकरण इस प्रकार है—
H2S(g)+ O2 (g) → SO2(g)+ H2O(l)
इस अभिक्रिया समीकरण को सन्तुलित करने के लिए निम्नलिखित पदों का अनुसरण करना होगा-
पद I : उपर्युक्त समीकरण को सन्तुलित करने के लिए सर्वप्रथम हम प्रत्येक सूत्र के चारों ओर एक बॉक्स खींचते हैं-
पद II : इस असन्तुलित समीकरण में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या की सूची बनाते हैं—
तत्व | अभिकारकों (बाईं ओर) में परमाणुओं की संख्या | उत्पादों (दाईं ओर) में परमाणुओं की संख्या |
H
S
O
|
2
1
2
|
2
1
3
|
पद III : इस पद में हम ऑक्सीजन परमाणुओं का सन्तुलन करेंगे-
ऑक्सीजन के परमाणु | अभिकारकों में | उत्पादों में |
प्रारम्भ में
सन्तुलन के लिए
|
2 (O2 में)
3 × 2
|
3 (SO2 तथा H2O में)
3 × 2
|
अब उपर्युक्त गणना के आधार पर आंशिक सन्तुलन समीकरण इस प्रकार होगी-
पद IV : अब हम हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या सन्तुलित करेंगे; क्योंकि पद III में ऑक्सीजन परमाणुओं को सन्तुलित करने पर हाइड्रोजन परमाणु असन्तुलित हो जाते हैं जैसा कि उपर्युक्त समीकरण से विदित होता है।
हाइड्रोजन के परमाणु | अभिकारकों में | उत्पादों में |
प्रारम्भ में
सन्तुलन के लिए
|
2 (H2S में)
2 × 2
|
4 (2H2O में)
4
|
पुनः आंशिक सन्तुलित समीकरण का स्वरूप निम्नलिखित होगा-
पद V : अब हम सल्फर परमाणुओं की संख्या एकसमान करेंगे। उपर्युक्त समीकरण की जाँच करने पर ज्ञात होता है कि सल्फर के परमाणुओं की संख्या दोनों ओर एकसमान है।
पद VI : अन्तत: समीकरण के दोनों पक्षों में तत्वों के परमाणुओं की संख्या गिनकर हमें ज्ञात होता है कि उपर्युक्त समीकरण पूर्णतया सन्तुलित है। इसे इस प्रकार लिखा जा सकता है—
2H2S(g)+ 3O2 (g) → 2SO2 (g) + 2H2O(l)
(c) कथन की रासायनिक समीकरण इस प्रकार है-
BaCl2 (aq) + Al2 (SO4)3 (aq) → AlCl3 (aq) + BaSO4↓
इस समीकरण को सन्तुलित करने के लिए हमें निम्नलिखित पदों का अनुसरण करना होगा-
पद I : उपर्युक्त समीकरण को सन्तुलित करने के लिए, पहले हम प्रत्येक सूत्र को एक बॉक्स में लेते हैं-
पद II : इस असन्तुलित समीकरण में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या की सूची बनाते हैं—
तत्व | अभिकारकों (बाईं ओर) में परमाणुओं की संख्या | उत्पादों ( दाईं ओर) में परमाणुओं की संख्या |
Ba
Cl
Al
S
O
|
1
2
2
3
12
|
1
3
1
1
4
|
पद III : इस पद में हम ऑक्सीजन परमाणुओं को सन्तुलित करेंगे-
ऑक्सीजन के परमाणु | अभिकारकों में | उत्पादों में |
प्रारम्भ में
सन्तुलन के लिए
|
12 [Al2(SO4)3 में]
12
|
4 (BaSO4 में)
3 × 4
|
अब उपर्युक्त गणना के आधार पर आंशिक सन्तुलित समीकरण इस प्रकार होगी-
पद IV: अब हम बेरियम परमाणुओं की संख्या सन्तुलित करेंगे-
बेरियम के परमाणु | अभिकारकों में | उत्पादों में |
प्रारम्भ में
सन्तुलन के लिए
|
1 (BaCl2 में]
3 × 1
|
3 (BaSO4 में)
3
|
अब पुनः आंशिक सन्तुलन समीकरण का स्वरूप होगा—
पद V : इस पद में हम क्लोरीन परमाणुओं की संख्या को सन्तुलित करेंगे-
क्लोरीन के परमाणु | अभिकारकों में | उत्पादों में |
प्रारम्भ में
सन्तुलन के लिए
|
6 (3BaCl2 में]
6
|
3 (AlCl3 में)
2 × 3
|
अब आंशिक सन्तुलित समीकरण का स्वरूप होगा-
पद VI: इस पद में हम सल्फर तथा ऐलुमिनियम परमाणुओं की संख्या की जाँच करते हैं। उपर्युक्त समीकरण में S तथा Al परमाणुओं की संख्या दोनों पक्षों में एकसमान है।
पद VII : अन्ततः समीकरण के दोनों पक्षों में सभी तत्वों के परमाणुओं की संख्या गिनकर हमें ज्ञात होता है कि उपर्युक्त समीकरण पूर्णतया सन्तुलित है। इसे इस प्रकार लिखा जा सकता है-
3BaCl2 (aq) + Al2 (SO4)3 (aq) → 2AlCl3 (aq) + 3BaSO4 ↓
(d) कथन की रासायनिक समीकरण इस प्रकार है-
K(s) + H2O(l) → KOH (aq) + H2 ↑
इस समीकरण को सन्तुलित करने के लिए, हमें निम्नलिखित पदों का अनुसरण करना होगा-
पद I : उपर्युक्त समीकरण को सन्तुलित करने के लिए पहले हम समीकरण में उपस्थित प्रत्येक सूत्र को एक बॉक्स में लेते हैं-
पद II : इस असन्तुलित समीकरण में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या की सूची बनाते हैं—
उपर्युक्त गणना के आधार पर प्राप्त आंशिक सन्तुलित समीकरण इस प्रकार होगी-
पद IV: इस पद में K परमाणुओं को सन्तुलित करने के लिए हम उपर्युक्त आंशिक सन्तुलित समीकरण में बाईं ओर K परमाणुओं की संख्या दो लिखेंगे। इससे प्राप्त समीकरण का स्वरूप निम्नलिखित होगा—
पद V : इस पद में हम ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या एकसमान करेंगे। उपर्युक्त समीकरण को देखने पर ज्ञात होता है कि इसमें दोनों ओर ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या एकसमान है।
पद VI : अन्तत: सभी तत्वों के परमाणुओं की संख्या गिनकर जाँच करने पर ज्ञात होता है कि उपर्युक्त समीकरण पूर्णतया सन्तुलित है। इसे इस प्रकार लिखा जा सकता है—
2K(s)+ 2H2O(l) → 2KOH(aq) + H2 ↑
प्रश्न 6. निम्न रासायनिक समीकरणों को सन्तुलित कीजिए-
(a) HNO3 + Ca(OH)2 → Ca(NO3)2 + H2O
(b) NaOH + H2SO4 → Na2SO4 + H2O
(c) NaCl + AgNO3 → AgCl + NaNO3
(d) BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + HCl
उत्तर : (a) HNO3 + Ca(OH)2 → Ca(NO3)2 + H2O
पद I : उपर्युक्त रासायनिक समीकरण को सन्तुलित करने के लिए, सर्वप्रथम हम प्रत्येक सूत्र के चारों ओर एक बॉक्स खींचते हैं-
पद II : इस असन्तुलित समीकरण में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या की सूची बनाते हैं—
पद III: सन्तुलन प्रक्रिया का आरम्भ हम उस तत्व से करते हैं जिसके परमाणुओं की संख्या अधिकतम है। यह अभिकारक तथा उत्पाद कोई भी हो सकता है। यहाँ हम देखते हैं कि ऑक्सीजन तत्व के परमाणुओं की संख्या अधिकतम (अभिकारकों में पाँच तथा उत्पादों में सात ) है। अत: इनका सन्तुलन निम्नलिखित प्रकार से करते हैं-
अब उपर्युक्त गणना के आधार पर आंशिक सन्तुलित समीकरण इस प्रकार होगी-
पद IV : उपर्युक्त समीकरण की जाँच करके ज्ञात करते हैं कि किस तत्व के परमाणु सन्तुलित नहीं हैं। यहाँ जाँच से ज्ञात होता है कि H, N तथा Ca के परमाणु सन्तुलित हैं।
अतः अभिक्रिया की पूर्णतया सन्तुलित समीकरण उपर्युक्त के समान ही होगी-
2HNO3 + Ca(OH)2 → Ca(NO3)2 + 2H2O
(b) NaOH + H2SO4 → Na2SO4 + H2O
पद I : उपर्युक्त रासायनिक समीकरण को सन्तुलित करने के लिए, सर्वप्रथम हम प्रत्येक सूत्र के चारों ओर एक बॉक्स खींचते हैं-
पद II : इस असन्तुलित समीकरण में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या की सूची बनाते हैं—
पद III : इस पद में हम हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या सन्तुलित करेंगे-
अतः उपर्युक्त गणना के आधार पर आंशिक सन्तुलित समीकरण इस प्रकार होगी—
पद IV: Na, O तथा S की जाँच करने पर ज्ञात होता है कि उपर्युक्त समीकरण में दोनों ओर इन परमाणुओं की संख्या एकसमान है। अतः अभिक्रिया की पूर्णतया सन्तुलित समीकरण उपर्युक्त के समान ही होगी —
2NaOH + H2SO4 → Na2SO4 + 2H2O
(c) NaCl + AgNO3 → AgCl + NaNO3
पद I : उपर्युक्त समीकरण को सन्तुलित करने के लिए पहले हम प्रत्येक सूत्र को एक बॉक्स में लेते हैं-
पद II : इस असन्तुलित समीकरण में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या की सूची बनाते हैं—
पद III : उपर्युक्त सूची का अध्ययन करने पर ज्ञात होता है कि समीकरण में दोनों ओर सभी परमाणुओं की संख्या एकसमान है। अतः दी गई समीकरण पूर्णतया सन्तुलित है।
(d) BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + HCl
पद I : उपर्युक्त समीकरण को सन्तुलित करने के लिए पहले हम प्रत्येक सूत्र को एक बॉक्स में लेते हैं—
पद II : इस असन्तुलित समीकरण में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या की सूची बनाते हैं-
उपर्युक्त गणना के आधार पर आंशिक सन्तुलित समीकरण का स्वरूप निम्नलिखित हो जाएगा-
पद IV: इस आंशिक सन्तुलित समीकरण में शेष सभी परमाणुओं की संख्या की जाँच करने पर स्पष्ट होता है कि समीकरण में दोनों ओर सभी परमाणुओं की संख्या एकसमान है। अतः अभिक्रिया की पूर्णतया सन्तुलित समीकरण उपर्युक्त के समान ही होगी-
BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + 2HCl
प्रश्न 7. निम्न अभिक्रियाओं के लिए सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए-
(a) कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड + कार्बन डाइऑक्साइड → कैल्सियम कार्बोनेट + जल
(b) जिंक + सिल्वर नाइट्रेट → जिंक नाइट्रेट + सिल्वर
(c) ऐलुमिनियम + कॉपर क्लोराइड → ऐलुमिनियम क्लोराइड + कॉपर
(d) बेरियम क्लोराइड + पोटैशियम सल्फेट → बेरियम सल्फेट + पोटैशियम क्लोराइड
प्रश्न 8. निम्न अभिक्रियाओं के लिए सन्तुलित रासायनिक समीकरण लिखिए एवं प्रत्येक अभिक्रिया का प्रकार बताइए-
प्रश्न 9. ऊष्माक्षेपी तथा ऊष्माशोषी अभिक्रियाओं का क्या अर्थ है ? उदाहरण दीजिए ।
उत्तर : ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया (Exothermic Reaction)— वह रासायनिक अभिक्रिया जिसकी अभिक्रिया के फलस्वरूप ऊष्मा उत्पन्न होती है, ‘ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया’ कहलाती है। उदाहरणार्थ-
(i) जब हाइड्रोजन और नाइट्रोजन संयुक्त होकर अमोनिया (NH3) बनाती हैं तो ऊष्मीय ऊर्जा उत्पन्न होती है-
इस अभिक्रिया में 2 मोल अमोनिया बनती है तथा 24-3 किलो कैलोरी ऊष्मा उत्पन्न होती है; अतः अमोनिया के प्रति मल से 12.15 किलो- कैलोरी ऊष्मा उत्पन्न होती है-
(ii) कार्बन के वायु में जलने से कार्बन डाइऑक्साइड बनती है तथा ऊष्मा निकलती है—
C + O2 → CO2 + 98.31 किलो कैलोरी/मोल
जब 1 मोल कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) बनती है तो 98.3 किलो कैलोरी ऊष्मा उत्पन्न होती है।
इन अभिक्रियाओं में अभिकारकों की ऊर्जा अभिक्रियाफलों (उत्पादों) के सापेक्ष अधिक होती है।
ऊष्माशोषी अभिक्रिया (Endothermic Reaction ) – वह रासायनिक अभिक्रिया, जिसमें रासायनिक अभिक्रिया की प्रगति में कुछ ऊष्मा का शोषण होता है, ‘ऊष्माशोषी अभिक्रिया’ कहलाती है। | उदाहरणार्थ-
(i) जब नाइट्रोजन और ऑक्सीजन के मिश्रण को उच्च ताप पर गर्म किया जाता है तो नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) बनती है तथा ऊष्मा वातावरण से अवशोषित की जाती है-
(ii) हाइड्रोजन तथा आयोडीन के संयोग से हाइड्रोजन आयोडाइड का बनना भी ऊष्माशोषी अभिक्रिया का उदाहरण है—
H2 + I2 → 2HI – ऊष्मा
इन अभिकारकों की ऊर्जा अभिक्रियाफलों (उत्पादों) के सापेक्ष कम होती है।
प्रश्न 10. श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते हैं? वर्णन कीजिए ।
उत्तर : श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस प्रक्रिया में श्वसित की गई ऑक्सीजन, भोजन के पाचन से प्राप्त, ग्लूकोज से संयुक्त होकर ऊर्जा उत्पन्न करती है। यह ऊर्जा ए०टी०पी० में संचित हो जाती है।
प्रश्न 11. वियोजन अभिक्रिया को संयोजन अभिक्रिया के विपरीत क्यों कहा जाता है? इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए।
उत्तर : वियोजन अभिक्रियाएँ संयोजन अभिक्रियाओं के विपरीत इसलिए मानी जाती हैं क्योंकि संयोजन अभिक्रिया में, दो या अधिक पदार्थ परस्पर संयोग करके एक नया पदार्थ बनाते हैं; जैसे—मैग्नीशियम; ऑक्सीजन से संयोजित होकर मैग्नीशियम ऑक्साइड देती है।
2Mg + O2 → 2MgO
जबकि वियोजन अभिक्रिया में, एक ही यौगिक विखण्डित होकर दो या अधिक सरल पदार्थ बनाता है; जैसे— कैल्सियम कार्बोनेट गर्म करने पर वियोजित होकर कैल्सियम ऑक्साइड तथा कार्बन डाइऑक्साइड बनाता है।
प्रश्न 12. उन वियोजन अभिक्रियाओं के एक-एक समीकरण लिखिए जिनमें ऊष्मा, प्रकाश एवं विद्युत के रूप में ऊर्जा प्रदान की जाती है।
उत्तर : (i) ऊष्मा के रूप में— कैल्सियम कार्बोनेट के वियोजन में ऊर्जा; ऊष्मा के रूप में दी जाती है-
(ii) प्रकाश के रूप में – सिल्वर क्लोराइड के वियोजन में ऊर्जा; प्रकाश के रूप में दी जाती हैं-
(iii) विद्युत के रूप में-जल के वियोजन में ऊर्जा; विद्युत के रूप में दी जाती है।
प्रश्न 13. विस्थापन एवं द्वि-विस्थापन अभिक्रियाओं में क्या अन्तर है? इन अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए।
उत्तर : विस्थापन तथा द्वि-विस्थापन अभिक्रियाओं में अन्तर
प्रश्न 14. सिल्वर के शोधन में, सिल्वर नाइट्रेट के विलयन से सिल्वर प्राप्त करने के लिए कॉपर धातु द्वारा विस्थापन किया जाता है। इस प्रक्रिया के लिए अभिक्रिया लिखिए।
प्रश्न 15. अवक्षेपण अभिक्रिया से आप क्या समझते हैं? उदाहरण देकर समझाइए ।
उत्तर : अवक्षेपण अभिक्रिया (Precipitation Reaction ) — वह अभिक्रिया जिसमें दो यौगिकों के मिश्रित होने पर अवक्षेप उत्पन्न होता है, ‘अवक्षेपण अभिक्रिया’ कहलाती है।
प्रश्न 16. ऑक्सीजन के योग या ह्रास के आधार पर निम्न पदों की व्याख्या कीजिए । प्रत्येक के लिए दो उदाहरण दीजिए-
(a) उपचयन (b) अपचयन
उत्तर : (a) उपचयन (Oxidation) – इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन संयोजित होती है।
उदाहरण- (i) सल्फर का ऑक्सीजन से संयोग होने पर सल्फर डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है।
(ii) मैग्नीशियम का ऑक्सीजन से संयोग होने पर मैग्नीशियम ऑक्साइड प्राप्त होता है।
(b) अपचयन (Reduction ) – इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन लुप्त होती है।
उदाहरण- (i) अभिक्रिया
में कॉपर (II) ऑक्साइड ऑक्सीजन का ह्रास करके कॉपर में अपचयित हो जाता है।
(ii) अभिक्रिया
MnO2 + 4HCl → MnCl2 + 2H2O + Cl2 ↑ में MnO2, MnCl2 में अपचयित हो जाता है।
प्रश्न 17. एक भूरे रंग का चमकदार तत्व ‘X’ को वायु की उपस्थिति में गर्म करने पर वह काले रंग का हो जाता है। इस तत्व ‘X’ एवं उस काले रंग के यौगिक का नाम बताइए ।
उत्तर : तत्व ‘X’ कॉपर (Cu) है। काले रंग का, यौगिक कॉपर (II) ऑक्साइड (CuO) है।
प्रश्न 18. लोहे की वस्तुओं को हम पेण्ट क्यों करते हैं?
उत्तर : लोहे की वस्तुएँ वायु की ऑक्सीजन तथा नमी से संक्षारित हो जाती हैं अर्थात् इन पर जंग लग जाता है। इन्हें जंग से बचाने के लिए हम लोहे की वस्तुओं पर पेण्ट कर देते हैं।
प्रश्न 19. तेल एवं वसायुक्त खाद्य पदार्थ को नाइट्रोजन से प्रभावित क्यों किया जाता है?
उत्तर : तेल तथा वसायुक्त भोज्य पदार्थों के उपचयन से बचाव हेतु हम इन्हें नाइट्रोजन में प्रवाहित कर देते हैं। तेल तथा वसा का उपचयन होने पर ये विकृतगन्धी हो जाते हैं तथा इनकी गन्ध तथा स्वाद परिवर्तित हो जाता है।
प्रश्न 20. निम्न पदों का वर्णन कीजिए तथा प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिए—
(a) संक्षारण
(b) विकृतगन्धिता
उत्तर : (a) संक्षारण (Corrosion ) – जब किसी धातु की सतह वायु, जल अथवा अपने चारों ओर उपस्थित किसी अन्य पदार्थ द्वारा अभिक्रमित हो जाती है तब यह संक्षारित कही जाती है अथवा इस पर जंग लग जाता है। यह प्रभाव संक्षारण कहलाता है।
उदाहरण – लोहे पर जंग लग जाता है। जंग मुख्यतया जलीय आयरन (III) ऑक्साइड Fe2O3.xH2O होता है। संक्षारण लोहे की वस्तुओं की संरचना को दुर्बल कर देता है। लोहे का संक्षारण एक गम्भीर समस्या है क्योंकि प्रतिवर्ष बहुत सा धन संक्षारित लोहे को शुद्ध लोहे में बदलने में व्यय हो जाता है।
(b) विकृतगन्धिता (Rancidity) – जब वसा तथा तेल उपचयित हो जाते हैं, तब ये विकृतगन्धी हो जाते हैं तथा इनकी गन्ध तथा स्वाद परिवर्तित हो जाता है। वसाओं तथा तेलों का उपचयन, प्रतिऑक्सीकारक मिलाकर अथवा भोज्य पदार्थों को निर्वातित पात्रों में रखकर अथवा इन्हें नाइट्रोजन में प्रवाहित करके, रोका जा सकता है।
उदाहरण—आलू की चिप्स के थैलों में नाइट्रोजन प्रवाहित करके इन्हें उपचयित होने से बचाया जा सकता है।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
• विस्तृत उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. सन्तुलित रासायनिक समीकरण क्या है? इसे किस प्रकार सन्तुलित किया जाता है? उदाहरण देकर समझाइए ।
उत्तर : सन्तुलित रासायनिक समीकरण
” वह रासायनिक समीकरण जिसके दोनों पक्षों में प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या बराबर होती है, सन्तुलित रासायनिक समीकरण (balanced chemical equation) कहलाती है । “
रासायनिक समीकरण को सन्तुलित करने की विधि
रासायनिक समीकरण को सन्तुलित करने की प्रहार एवं प्रयास विधि (hit and trial method) एक सरल विधि है। इसे हम निम्नलिखित उदाहरण की सहायता से समझ सकते हैं-
माना हम निम्नलिखित रासायनिक समीकरण को सन्तुलित करना चाहते हैं-
Fe + H2O → Fe3O4 + H2
इसके लिए हमें निम्नलिखित पदों का अनुसरण करना होगा-
पद I : समीकरण को सन्तुलित करने के लिए सर्वप्रथम हम प्रत्येक सूत्र के चारों ओर एक बॉक्स खींचते हैं (बिना किसी परिवर्तन के ) ।
पद II : इस असन्तुलित समीकरण में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की एक सूची बनाते हैं-
तत्व | अभिकारकों (बाईं ओर ) में परमाणुओं की संख्या | उत्पादों (दाईं ओर) में परमाणुओं की संख्या |
Fe
H
O
|
1
2
1
|
3
2
4
|
पद III : अब हम उस यौगिक का चयन करते हैं जिसमें सर्वाधिक परमाणु उपस्थित होते हैं। यह यौगिक अभिकारक अथवा उत्पाद कोई भी हो सकता है। उस यौगिक में हुम उस तत्व का चयन करते हैं जिसके परमाणुओं की संख्या अधिक होती है।
उपर्युक्त समीकरण में हम Fe3O4 का चयन करते हैं तथा इसमें ऑक्सीजन तत्व का चयन करते हैं। यहाँ दाई ओर चार ऑक्सीजन परमाणु तथा बाईं ओर केवल एक ऑक्सीजन परमाणु उपस्थित है। ऑक्सीजन परमाणुओं को सन्तुलित करने के लिए-
ऑक्सीजन के परमाणु | अभिकारकों में | उत्पादों में |
प्रारम्भ में
सन्तुलन के लिए
|
1 (H2O में)
1 × 4
|
4 (Fe3O4 में)
4
|
अब उपर्युक्त के अनुसार आंशिक सन्तुलित समीकरण इस प्रकार होगी-
पद IV : इस पद में हम हाइड्रोजन परमाणुओं को सन्तुलित करेंगे-
हाइड्रोजन के परमाणु | अभिकारकों में | उत्पादों में |
प्रारम्भ में
सन्तुलन के लिए
|
8 (4H2O में)
8
|
2 (H2 में)
2 × 4
|
अब आंशिक सन्तुलित अभिक्रिया का स्वरूप इस प्रकार होगा-
पद V : अब हम आयरन परमाणुओं को सन्तुलित करेंगे-
आयरन के परमाणु | अभिकारकों में | उत्पादों में |
प्रारम्भ में
सन्तुलन के लिए
|
1 (Fe में)
1 × 3
|
3 (Fe3O4 में)
3
|
पुनः आंशिक सन्तुलित समीकरण का स्वरूप निम्नवत् हो जाएगा-
पद VI : अन्ततः हम समीकरण के दोनों पक्षों में परमाणुओं की संख्या गिनकर सन्तुलन की जाँच करते हैं। उपर्युक्त समीकरण में जाँच करने पर ज्ञात होता है कि यह सन्तुलित है। इसे इस प्रकार लिखा जा सकता है—
3Fe+ 4H2O → Fe3O4 + 4H2 ↑
यह रासायनिक समीकरण सन्तुलित करने की प्रहार एवं प्रयास विधि है चूँकि इसमें हम गुणांकों की लघुतम पूर्ण संख्या द्वारा समीकरण को सन्तुलित करने का प्रयास करते हैं।
प्रश्न 2. रासायनिक अभिक्रिया किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार की होती है? प्रत्येक को उदाहरण देकर समझाइए ।
उत्तर : रासायनिक अभिक्रिया
जब एक या एक से अधिक पदार्थ परस्पर अभिक्रिया करके नए पदार्थ बनाते हैं तो ऐसी अभिक्रिया को ‘रासायनिक अभिक्रिया’ कहते हैं।
उदाहरणार्थ – मैग्नीशियम जब हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया करता है तो मैग्नीशियम क्लोराइड व हाइड्रोजन गैस बनती है। इस अभिक्रिया को निम्नलिखित समीकरण से प्रदर्शित करते हैं—
इस अभिक्रिया में, मैग्नीशियम तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल को अभिकारक ( reactants) तथा मैग्नीशियम क्लोराइड व हाइड्रोजन को परिणामी या उत्पाद (resultants or product) कहते हैं। इस सम्पूर्ण क्रिया को रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं। रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों (अभिकारकों) तथा बनने वाले पदार्थों (उत्पादों) को रासायनिक सूत्रों द्वारा समीकरण के रूप में दर्शाने को अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण कहते हैं।
रासायनिक अभिक्रिया के प्रकार
मुख्य रूप से रासायनिक अभिक्रिया निम्नलिखित प्रकार की होती है-
1. संयोजन अभिक्रिया
‘संयोजन अभिक्रिया’ वह रासायनिक अभिक्रिया है, जिसमे दो या दो-से-अधिक प्रकार के पदार्थों के अणु परस्पर जुड़कर केवल एक ही प्रकार के पदार्थ के अणु बनाते हैं। उदाहरणार्थ-
(i) सोडियम (Na) धातु, क्लोरीन (Cl) में जलकर सोडियम क्लोराइड (NaCl) बनाती है-
(ii) कार्बन मोनोक्साइड (CO) तथा क्लोरीन (Cl2) की क्रिया से कार्बोनिल क्लोराइड (COCl2) बनता है—
2. वियोजन अभिक्रिया
“वियोजन अभिक्रिया वह रासायनिक अभिक्रिया है, जिसमें कोई यौगिक अपने अवयवी तत्वों अथवा छोटे-छोटे सरल यौगिकों में वियोजित हो जाता है।” यह अभिक्रिया ऊष्मा, प्रकाश अथवा विद्युत द्वारा सम्पन्न होती है। वियोजन अभिक्रिया निम्नलिखित दो प्रकार की होती है—
(अ) ऊष्मीय – वियोजन (Thermal Decomposition)— ” जब किसी पदार्थ के वियोजन की अभिक्रिया ऊष्मा देने पर होती है तो उसे ऊष्मीय वियोजन कहते हैं।” उदाहरणार्थ-
(i) पोटैशिमय क्लोरेट का वियोजन — पोटैशियम क्लोरेट (KClO3) को गर्म करने पर यह पोटैशियम क्लोराइड (KCl) तथा ऑक्सीजन में वियोजित हो जाता है।
(ii) कैल्सियम कार्बोनेट का वियोजन – कैल्सियम कार्बोनेट को गर्म करने पर यह कैल्सियम ऑक्साइड तथा कार्बन डाइऑक्साइड में वियोजित हो जाता है-
(ब) विद्युत वियोजन (Electrolysis or Electrolytic Decomposition)- “जिस रासायनिक अभिक्रिया में यौगिक (गलित अवस्था में या जलीय विलयन में) का विद्युत प्रवाहित करने पर वियोजन होता है, उसे विद्युत वियोजन कहते हैं।” उदाहरणार्थ-
(i) सोडियम क्लोराइड का विद्युत-वियोजन — गलित सोडियम क्लोराइड में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर यह सोडियम क्लोरीन में वियोजित हो जाता है-
(ii) ऐलुमिनियम ऑक्साइड का विद्युत-वियोजन – गलित ऐलुमिनियम ऑक्साइड में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर यह ऐलुमिनियम तथा ऑक्सीजन में वियोजित हो जाता है-
3. विस्थापन या प्रतिस्थापन अभिक्रिया
“विस्थापन वह रासायनिक अभिक्रिया है, जिसमें किसी यौगिक के अणु के किसी एक परमाणु अथवा समूह ( मूलक) के स्थान पर कोई दूसरा परमाणु अथवा समूह (मूलक) आ जाता है।” उदाहरणार्थ-
(i) लोहा (Fe), कॉपर सल्फेट (CuSO4) विलयन में से कॉपर को विस्थापित करके स्वयं आ जाता है। फलस्वरूप, फेरस सल्फेट तथा कॉपर (Cu) बनते हैं।
(ii) मैग्नीशियम (Mg), क्यूप्रिक क्लोराइड के विलयन से कॉपर को विस्थापित करके स्वयं उसका स्थान ले लेता है तथा कॉपर और मैग्नीशियम क्लोराइड बनते हैं।
4. उभय- प्रतिस्थापन या द्वि-विस्थापन अभिक्रिया
जिस रासायनिक अभिक्रिया में यौगिकों के आयनों अथवा घटकों की अदला-बदली (विनिमय) हो जाती है तथा नए यौगिक बनते हैं, वह ‘उभय-प्रतिस्थापन अभिक्रिया’ कहलाती है। यह अभिक्रिया यौगिकों के विलयनों के मध्य होती है। उदाहरणार्थ-
(i) जब बेरियम क्लोराइड के विलयन में सोडियम सल्फेट का विलयन मिलाते हैं तो बेरियम सल्फेट व सोडियम क्लोराइड बन जाते हैं-
(ii) जब कॉपर सल्फेट के विलयन में सोडियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन मिलाते हैं तो कॉपर हाइड्रॉक्साइड व सोडियम सल्फेट बन जाते हैं-
प्रश्न 3. निम्नलिखित अभिक्रियाओं में पहचान करें कि किस पदार्थ का उपचयन (ऑक्सीकरण) और किस पदार्थ का अपचयन होता है? पदार्थ के उपचयन और अपचयन की आयनिक अभिक्रियाएँ लिखिए-
(i) H2 (g) + Cl2 (g) → 2HCl(g)
(ii) H2 (g) + CuO (s) → Cu (s + H2O (l)
(iii) 2H2S (g) + SO2 (g) → 3S(s) + 2H2O (l)
(iv) Zn (s) + 2AgNO3 (aq) → Zn(NO3)2 (aq) + 2Ag(s)
(v) 2Al (s) + 6HCl(aq) → 2AlCl3 (aq) + 3H2 (g)
उत्तर : (i) H2 (g) + Cl2 (g) → 2HCl(g)
इस अभिक्रिया में हाइड्रोजन का उपचयन (ऑक्सीकरण) होता है और क्लोरीन का अपचयन होता है।
आयनिक अभिक्रिया-
(ii) H2 (g) + CuO (s) → Cu (s + H2O (l)
इस अभिक्रिया में H2 उपचयित होती है और CuO अपचयित होता है।
आयनिक अभिक्रिया-
(iii) 2H2S (g) + SO2 (g) → 3S(s) + 2H2O (l)
इस अभिक्रिया में H2S उपचयित होता है और SO2 अपचयित होती है।
आयनिक अभिक्रिया-
(iv) Zn (s) + 2AgNO3 (aq) → Zn(NO3)2 (aq) + 2Ag(s)
इस अभिक्रिया में AgNO3 का अपचयन हो रहा है तथा जिंक उपचयित होता है।
आयनिक अभिक्रिया-
(v) 2Al (s) + 6HCl(aq) → 2AlCl3 (aq) + 3H2 (g)
इस अभिक्रिया में ऐलुमिनियम उपचयित होता है तथा हाइड्रोजन अपचयित होती है।
आयनिक अभिक्रिया-
• लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. एक रासायनिक समीकरण के लिए क्या आवश्यक होता है?
उत्तर : एक रासायनिक समीकरण के लिए निम्नलिखित तथ्य आवश्यक होते हैं—
(i) इसे वास्तविक रासायनिक अभिक्रिया का निरूपण करना चाहिए।
(ii) यह आण्विक होनी चाहिए अर्थात् H, O, N आदि को H2, O2, N2 लिखना चाहिए ।
(iii) द्रव्यमान संरक्षण नियम के अनुसार यह आवश्यक है कि समीकरण सन्तुलित होनी चाहिए।
प्रश्न 2. सन्तुलित रासायनिक समीकरण के दोष बताइए।
उत्तर : सन्तुलित रासायनिक समीकरण के दोष यह हैं कि ये निम्नलिखित सूचनाएँ नहीं देतीं-
(i) अभिकारकों तथा उत्पादों की भौतिक अवस्थाओं की जानकारी ।
(ii) अभिकारकों तथा उत्पादों की सान्द्रता ।
(iii) अभिक्रिया की परिस्थितियाँ; जैसे—ताप, दब, उत्प्रेरक, प्रकाश आदि ।
(iv) अभिक्रिया की दर ( मन्द अथवा तीव्र ) ।
(v) अभिक्रिया को पूर्ण होने में लगने वाला समय ।
(vi) ऊष्मा – परिवर्तन ( उत्सर्जन अथवा अवशोषण ) ।
(vii) उत्क्रमणीय अथवा अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया की जानकारी ।
प्रश्न 3. रासायनिक समीकरणों को किस प्रकार अधिक सूचनीय बनाया जा सकता है?
उत्तर : निम्नलिखित तथ्यों का समावेश करके रासायनिक समीकरणों को अधिक सूचना प्रदान करने योग्य बनाया जा सकता है-
(i) अभिकारकों तथा उत्पादों की भौतिक अवस्थाएँ व्यक्त करके,
(ii) अभिक्रिया में बनने वाले अवक्षेप को नीचे इंगित करते हुए तीर (↓) द्वारा दर्शाकर,
(iii) अभिक्रिया में मुक्त होने वाली गैस को चिह्न (↑) द्वारा व्यक्त करके,
(iv) ऊष्मा – परिवर्तनों को अभिक्रिया में दर्शाकर,
(v) उन परिस्थितियों को व्यक्त करके जिनके अन्तर्गत अभिक्रिया पूर्ण होती है,
(vi) अभिक्रिया में भाग लेने वाले अभिकारकों अथवा उत्पादों के जलीय विलयन को (aq) चिह्न द्वारा व्यक्त करके।
प्रश्न 4. किसी रासायनिक समीकरण में प्रयुक्त होने वाले निम्नलिखित चिह्नों का अर्थ उदाहरण की सहायता से समझाइए ।
(i) नीचे की ओर इंगित करने वाले तीर का चिह्न (↓)
(ii) far (Δ)
उत्तर : (i) किसी अभिक्रिया की रासायनिक समीकरण में उत्पाद के सूत्र के साथ, चिह्न (↓) दर्शाता है कि वह उत्पाद एक अवक्षेप ( जल में अविलेय) है, उदाहरणार्थ-
(ii) चिह्न (Δ) उन अभिक्रियाओं में प्रयोग किया जाता है जिनमें उत्पाद गर्म करने पर प्राप्त होते हैं। अतः इन अभिक्रियाओं में हम ‘गर्म’ या ‘ऊष्मा’ न लिखकर चिह्न (Δ) का प्रयोग कर सकते हैं। उदाहरणार्थ-
(यहाँ MnO2 एक उत्प्रेरक है)
प्रश्न 5. एक रासायनिक अभिक्रिया में आप निम्नलिखित प्रभावों को किस प्रकार व्यक्त करेंगे-
(i) ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया
(ii) ऊष्माशोषी अभिक्रिया
उत्तर : (i) ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाओं में, अभिक्रिया के दौरान ऊष्मा निर्मुक्त होती है तथा इसे धन चिह्न (+) के साथ उत्पाद वाले पक्ष में व्यक्त किया जाता है; जैसे-
C + O2 → CO2 ↑ + ऊष्मा
(ii) ‘ऊष्माशोषी अभिक्रियाओं में अभिक्रिया के दौरान ऊष्मा अवशोषित होती है तथा इसे धन चिह्न (+) के साथ अभिकारक पक्ष में व्यक्त किया जाता है; जैसे-
N2 + O2 + ऊष्मा → 2NO ↑
प्रश्न 6. निम्नलिखित समीकरण द्वारा क्या सूचना दी जा रही है-
2Mg (s) + O2 (g) → 2MgO(s) (Mg= 24, O = 16 )
उत्तर : दी गई रासायनिक समीकरण अग्रलिखित सूचनाएँ देती है-
(i) मैग्नीशियम ऑक्सीजन में जलकर मैग्नीशियम ऑक्साइड देता है।
(ii) Mg के दो अणु. ऑक्सीजन के एक अणु से संयोग करके MgO के दो अणु देता है।
(iii) Mg के दो मोल ऑक्सीजन के एक मोल से संयोग करके MgO के दो मोल देता है।
(iv) 48 ग्राम Mg, 32 ग्राम ऑक्सीजन से संयोग करके 80 ग्राम MgO देता है।
(v) Mg ठोसावस्था में है, ऑक्सीजन गैसीय अवस्था में तथा उत्पाद MgO ठोसावस्था में है।
प्रश्न 7. निम्नलिखित समीकरणों को सन्तुलित कीजिए-
प्रश्न 8. सफेदी करने पर दीवारों को चमक कौन प्रदान करता है?
उत्तर : बुझा हुआ चूना अर्थात् कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड [Ca(OH)2] दीवारों पर सफेदी करने में प्रयोग किया जाता है। यह वायु में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड के साथ धीमी दर से अभिक्रिया करके दो या तीन दिनों में कैल्सियम कार्बोनेट की एक पतली पर्त बना देता है। कैल्सियम कार्बोनेट की यह पतली पर्त दीवारों को चमक प्रदान करती है।
प्रश्न 9. शरीर में भोजन का पाचन किस प्रकार की अभिक्रिया है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : शरीर में भोजन का पाचन एक वियोजन अभिक्रिया है। जब हम चावल, गेहूँ या आलू खाते हैं तब इन पदार्थों से प्राप्त स्टार्च का शर्करा में तथा प्रोटीन का ऐमीनो अम्लों में वियोजन हो जाता है।
प्रश्न 10. एक उचित उदाहरण की सहायता से अभिक्रियाशीलता को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर : एक अधिक अभिक्रियाशील धातु अपने से कम अभिक्रियाशील धातु को उसके लवण-विलयन से विस्थापित कर देती है। उदाहरणार्थ-
Fe2O3 + 2Al → Al2O3 + 2Fe ↓
इस अभिक्रिया में Al – परमाणु Fe-परमाणु को विस्थापित कर देता है चूँकि Fe की तुलना में Al अधिक अभिक्रियाशील होता है। सक्रियता श्रेणी में जिस धातु का स्थान उच्च होता है, वह अधिक अभिक्रियाशील होती है क्योंकि इसमें इलेक्ट्रॉन खोकर धनायन बनाने की प्रवृत्ति अधिकतम होती है।
प्रश्न 11. (a) क्या होता है जब सोडियम सल्फेट विलयन को बेरियम क्लोराइड विलयन में मिलाया जाता है?
(b) उपर्युक्त अभिक्रिया की समीकरण लिखिए ।
उत्तर : (a) जब सोडियम सल्फेट विलयन को बेरियम क्लोराइड विलयन में मिलाया जाता है तो BaSO4 का सफेद अवक्षेप बनता है। सोडियम क्लोराइड अन्य उत्पाद के रूप में प्राप्त होता है जो विलयन में शेष रह जाता है।
प्रश्न 12. संयोजन और वियोजन अभिक्रियाओं में क्या अन्तर है? प्रत्येक अभिक्रिया का एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर : संयोजन तथा वियोजन अभिक्रियाओं में अन्तर
प्रश्न 13. आयरन को नम वायु में डाल देने पर कुछ दिनों में जंग लग जाता है। कारण सहित स्पष्ट कीजिए कि यह किस प्रकार का परिवर्तन है?
उत्तर : आयरन को नम वायु में डाल देने से, वह नम वायु से क्रिया करके आयरन ऑक्साइड बनाता है। यह आयरन ऑक्साइड ही आयरन पर जंग के रूप में पर्त बना लेता है। इस आयरन ऑक्साइड के गुण, आयरन के गुणों से भिन्न होते हैं; अतः यह रासायनिक परिवर्तन का उदाहरण है |
प्रश्न 14. ऊष्मीय वियोजन तथा आयनिक वियोजन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : ऊष्मीय वियोजन तथा आयनिक वियोजन में अन्तर
प्रश्न 15. अपचयोपचय अभिक्रियाएँ क्या होती हैं? एक उदाहरण के साथ वर्णन कीजिए।
अथवा उपचयन तथा अपचयन को एक-एक उदाहरण देकर समझाइए ।
उत्तर : इलेक्ट्रॉनिक संकल्पना के अनुसार, रासायनिक अभिक्रियाएँ परमाणु या आयन के खोने या प्राप्त करने पर आधारित होती हैं। जब परमाणु या आयन इलेक्ट्रॉन त्याग देता है तो उसे उपचयन कहते हैं और जब वह इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर लेता है तो उसे अपचयन कहते हैं अर्थात् अभिक्रियाओं में उपचयन तथा अपचयन साथ-साथ चलते हैं। अतः ऐसी अभिक्रियाएँ जिनमें उपचयन तथा अपचयन साथ-साथ होते हैं, अपचयोपचय या रेडॉक्स अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
पद (i) में, कॉपर परमाणु दो इलेक्ट्रॉन खोकर Cu2+ आयन बनाता है। अतः यह उपचयन है।
पद (ii) में आयोडीन अणु दो इलेक्ट्रॉन प्राप्त कर आयोडाइड (2I–) आयन में बदल जाता है। यह अपचयन है।
अत: अपचयोपचय (redox) अभिक्रिया है।
प्रश्न 16. दैनिक जीवन की परिस्थितियों में होने वाली अपचयोपचय अभिक्रियाओं के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर : हमारे दैनिक जीवन में ऐसी अनेक घटनाएँ घटित होती हैं जो अपचयोपचय (रेडॉक्स) अभिक्रियाओं पर आधारित हैं-
(i) सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में पेड़-पौधों की पत्तियों का क्लोरोफिल CO2 व जल की क्रिया द्वारा कार्बोहाइड्रेट्स का निर्माण करता है। इसमें ऑक्सीजन का उद्गम जल के अणुओं के अपघटन द्वारा होता है। कार्बोहाइड्रेट जीवित कोशिकाओं को भोजन प्रदान करता है और ऊर्जा मुक्त करता है।
इस क्रिया में CO2 का अपचयन होता है और जल का उपचयन होता है।
(ii) जीवाश्म ईंधनों में कार्बन वायु की ऑक्सीजन में जलकर ऊर्जा उत्पन्न करता है। इस ऊर्जा का उपयोग खाना पकाने, वाहन चलाने तथा विद्युत उत्पादन के लिए किया जाता है।
ईंधन + O2 → CO2 ↑ + H2O + ऊर्जा
इसमें ईंधन के कार्बन का उपचयन होता है।
प्रश्न 17. निम्नलिखित का इलेक्ट्रॉन स्थानान्तरण के सन्दर्भ में वर्णन कीजिए—
(i) उपचयन,
(ii) अपचयन।
उत्तर : (i) उपचयन (Oxidation) – उपचयन वह प्रक्रिया है जिसमें इलेक्ट्रॉन का ह्रास होता है; जैसे—
(ii) अपचयन (Reduction ) अपचयन वह प्रक्रिया है जिसमें इलेक्ट्रॉन की प्राप्ति होती है; जैसे-
वास्तव में किसी रासायनिक अभिक्रिया में उपचायक का अपचयन होता है और अपचायक का उपचयन होता है। उदाहरण-
Zn + CuSO4 → ZnSO4 + Cu ↓
आयनिक समीकरण
Zn + Cu2+ + SO42- → Zn2+ + SO22- + Cu ↓
अतः जिंक परमाणु इलेक्ट्रॉन खोकर जिंक आयन बनाता है, इसलिए जिंक परमाणु का उपचयन हुआ।
कॉपर आयन Cu2+ इलेक्ट्रॉन ग्रहण करके Cu धातु बनाता है। अतः उसका अपचयन हुआ।
• अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. रासायनिक परिवर्तन क्या है?
उत्तर : जब किसी पदार्थ का परिवर्तन अन्य किसी पदार्थ में होने पर प्राप्त पदार्थ के गुण मूल पदार्थ के गुणों से सर्वथा भिन्न होते हैं तो यह रासायनिक परिवर्तन कहलाता है।
प्रश्न 2. आप कैसे कहेंगे कि निम्नलिखित रासायनिक समीकरण सन्तुलित है ?
NaCl + AgNO3 → AgCl + NaNO3
उत्तर : “वह रासायनिक समीकरण जिसके दोनों पक्षों में प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या बराबर होती है, ‘सन्तुलित रासायनिक समीकरण’ कहलाती है। “
दी गई अभिक्रिया का अध्ययन करने पर ज्ञात होता है कि इसके दोनों पक्षों में प्रत्येक तत्व (Na, Ag, Cl, N, O) के परमाणुओं की संख्या बराबर है। अत: यह एक सन्तुलित रासायनिक समीकरण है।
प्रश्न 3. अभिकारक तथा उत्पाद को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर : जो पदार्थ रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग लेते हैं, अभिकारक कहलाते हैं तथा इन अभिक्रियाओं में उत्पन्न होने वाले नए पदार्थ उत्पाद कहलाते हैं।
प्रश्न 4. कॉपर सल्फेट विलयन में लोहे की कील डालकर रखने से किस प्रकार का परिवर्तन होता है?
उत्तर : कॉपर सल्फेट विलयन में लोहे की कील डालकर रखने से रासायनिक परिवर्तन होता है।
प्रश्न 5. सन्तुलित रासायनिक समीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर : क़िसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले अभिकारक तथा प्राप्त उत्पादों में उपस्थित विभिन्न तत्वों के परमाणुओं की संख्या समान होने पर समीकरण सन्तुलित रासायनिक समीकरण कहलाती है।
प्रश्न 6. ढाँचा रासायनिक समीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर : किसी रासायनिक समीकरण का असन्तुलित स्वरूप ढाँचा रासायनिक समीकरण कहलाता है; जैसे—
H2 + O2 → H2O
प्रश्न 7. द्रव्यमान संरक्षण का नियम क्या है?
उत्तर : किसी रासायनिक समीकरण के दोनों पक्षों में तत्वों के परमाणुओं की संख्या समान होनी चाहिए अर्थात् उत्पादों का कुल द्रव्यमान अभिकारकों के कुल द्रव्यमान के बराबर होना चाहिए । यही द्रव्यमान संरक्षण का नियम है।
प्रश्न 8. क्या होता है जब फेरस सल्फेट के क्रिस्टलों को एक शुष्क परखनली में गर्म किया जाता है?
उत्तर : जब फेरस सल्फेट के क्रिस्टलों को एक शुष्क परखनली में गर्म किया जाता है तो इसका हरा रंग परिवर्तित हो जाता है तथा सल्फर की विशिष्ट गन्ध आती है।
प्रश्न 9. अम्ल और क्षार की अभिक्रिया से लवण तथा जल का बनना किस अभिक्रिया को प्रदर्शित करता है?
उत्तर : अम्ल और क्षार की अभिक्रिया से लवण तथा जल का बनना उदासीनीकरण अभिक्रिया को प्रदर्शित करता है।
प्रश्न 10. विद्युत वियोजन क्या होता है?
उत्तर : जब किसी पदार्थ का विद्युत धारा प्रवाहित करने पर अपघटन हो जाता है तो यह प्रक्रम विद्युत वियोजन कहलाता है।
प्रश्न 11. उपचयन किसे कहते हैं?
उत्तर : वह अभिक्रिया जिसमें एक रासायनिक स्पीशीज इलेक्ट्रॉनों का ह्रास करती है, उपचयन कहलाती है।
प्रश्न 12. अपचयन क्या है?
उत्तर : वह अभिक्रिया जिसमें एक रासायनिक स्पीशीज इलेक्ट्रॉन प्राप्त करती है, अपचयन कहलाती है।
प्रश्न 13. अपचयोपचय अभिक्रियाएँ क्या हैं?
उत्तर : वे अभिक्रियाएँ जिनमें उपचयन तथा अपचयन प्रक्रियाएँ एक साथ होती हैं, अपचयोपचय अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
प्रश्न 14. संक्षारित पदार्थ तथा संक्षारण को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर : जब किसी क्रियाशील धातु की सतह वायु, जल अथवा अन्य पदार्थों में उपस्थित ऑक्सीजन द्वारा उपचयित हो जाती है तब इस पर एक रंगीन परत जम जाती है तथा धातु नष्ट होने लगती हैं। यह प्रक्रिया संक्षारण कहलाती हैं। क्षय होने वाली धातु संक्षारित पदार्थ कही जाती है।
प्रश्न 15. विकृतगन्धिता किसे कहते हैं?
उत्तर : जब किसी खाद्य पदार्थ में उपस्थित तेल तथा वसा वायु की ऑक्सीजन द्वारा उपचयित हो जाते हैं, तब ये विकृतगन्धी हो जाते हैं तथा इनकी गन्ध तथा स्वाद परिवर्तित हो जाता है।
प्रश्न 16. वसायुक्त भोज्य पदार्थों को उपचयन से बचाव हेतु इनमें क्या मिलाया जाता है?
उत्तर : वसायुक्त भोज्य पदार्थों को उपचयन से बचाव हेतु इनमें प्रतिऑक्सीकारक मिलाए जाते हैं।
प्रश्न 17. जंग क्या है?
उत्तर : जंग आयरन (III) ऑक्साइड (Fe2O3 ) तथा आयरन (III) हाइड्रॉक्साइड [ Fe(OH)3 ] का मिश्रण होता है।
प्रश्न 18. क्या होता है जब बेरियम क्लोराइड विलयन कॉपर सल्फेट विलयन में मिलाया जाता है?
उत्तर : जब BaCl2 को CuSO4 विलयन में मिलाया जाता है तो BaSO4 का सफेद अवक्षेप बनता है।
BaCl2 (aq) + CuSO4 (aq) → BaSO4 ↓ + CuCl2 (aq)
यह द्वि-विस्थापन अभिक्रिया का एक उदाहरण है।
प्रश्न 19 धातुओं की सक्रियता श्रेणी क्या है?
उत्तर : एक ऊर्ध्वाधर स्तम्भ में धातुओं की अभिक्रियाशीलता के घटते क्रम में व्यवस्थापन, धातुओं की सक्रियता श्रेणी कहलाती है।
• एक शब्द या एक वाक्य वाले प्रश्न
प्रश्न 1. क्या मैग्नीशियम का वायु में जलना एक रासायनिक परिवर्तन है?
उत्तर : हाँ।
प्रश्न 2. क्या होता है जब लेड नाइट्रेट विलयन को पोटैशियम आयोडाइड विलयन में मिलाया जाता है?
उत्तर : पीला अवक्षेप प्राप्त होता है।
प्रश्न 3. क्या होता है जब तनु हाइड्रोक्लेरिक अम्ल अथवा सल्फ्यूरिक अम्ल को दानेदार जिंक में मिलाया जाता है?
उत्तर : रंगहीन गैस (हाइड्रोजन) के बुलबुले उत्पन्न होते हैं।
प्रश्न 4. निम्नलिखित समीकरण को सन्तुलित करके इसमें अवस्था-प्रतीक जोड़िए-
Zn + HCl → ZnCl2 + H2
उत्तर : Zn (s) + 2HCl(aq) → ZnCl2 (aq) + H2 ↑
प्रश्न 5. निम्नलिखित समीकरण को सही रूप में लिखिए-
Mg + O → MgO
उत्तर : 2Mg (s) + O2 (g) → 2MgO(s)
प्रश्न 6. क्या होता है जब कैल्सियम ऑक्साइड में जल मिलाया जाता है?
उत्तर : ऊष्मा की अत्यधिक मात्रा के साथ कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड बनता है।
प्रश्न 7. बुझा चूना क्या है?
उत्तर : कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड |
प्रश्न 8. बुझे चूने का एक उपयोग बताइए ।
उत्तर : सफेदी करने में इसका प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 9. मार्बल (कैल्सियम कार्बोनेट) का रासायनिक सूत्र लिखिए ।
उत्तर : CaCO3.
प्रश्न 10. कैल्सियम ऑक्साइड तथा जल के बीच होने वाली अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर : CaO + H2O → Ca(OH)2
प्रश्न 11. श्वसन की रासायनिक समीकरण लिखिए ।
उत्तर : C6H12O6 (aq) + 6O2 (aq) → 6CO2 (aq) + 6H2O(l) + ऊर्जा
प्रश्न 12. आयरन तथा कॉपर सल्फेट विलयन के मध्य रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर : Fe + CuSO4 → FeSO4 + Cu
प्रश्न 13. आलू-चिप्स को उपचयन से बचाने हेतु कौन-सी गैस प्रयोग की जाती है?
उत्तर : नाइट्रोजन गैस ।